hotaks444
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आ- एम्म्म..... नाइस तुम्हारी चूत तो भाई के लंड के लिए तरस रही है... बिचारी को तुम्हारे भाई का लंड खिलाओ....
ऑर फिर मनीषा की चूत मे खुजली उठती है.... वो जानती थी कि अशोक ही राज है ऑर उसने अभी अभी अपनी चूत की पिक्स सोफा पे बैठ के निकाल के उसको सेंड की थी... वो लंड लेने की तमन्ना जाहिर करने लगी अशोक से ऑर कहती है......
मनीषा- भैया अभी मेने दिव्या को अपनी पिक्स दिखाई वो बोल रही है कि तुम सुख गयी हो तुम्हारे भाई अशोक को बोलो केला खिलाने को.....
अशोक का भी मन मचल गया क्यू कि वो जानता था कि उसने दिव्या को नही उसको अपनी चूत की पिक्स भेजी है... ऑर अशोक ने जब उसकी चूत के उपेर कॉमेंट्स किए तो उसको मस्ती सूझी इसलिए वो मुझसे इनडाइरेक्ट्ली लंड माँग रही है......
अशोक भी उसका इशारा समझ कर अपने लंड को मसल्ते हुए कहता है....
अशोक- अरे दीदी जब बोलो तब तुम्हारी फुद्दि ( चूत इन पंजाबी ) मे डाल दूँगा लन ( लंड इन पंजाबी )
अशोक को पता था कि वो इन वर्ड्स का मतलब समझ गयी होगी कि फुद्दि ऑर लन क्या है....
जिस तरह उसकी बेहन उससे उसका लंड माँग रही थी अपनी प्यासी चूत के लिए उसी तरह अशोक भी उससे जता रहा था कि उसके भाई का लंड तैयार है तू बस चूत को फैला के लंड माँग......
मनीषा बोली बनती हुई अपने भाई से पूछती है....
म- भैया ये फुद्दि ऑर लन क्या है....?
आ- फुद्दि मतलब मुँह आइ मीन माउत.... ऑर लन मतलब केला.....
म- ऊहह..... तो फिर भैया कब दे रहे हो मेरी फुद्दि मे लन....? ( अपने पैरो को फैला के उसकी फटी हुई सलवार मे से उसकी चूत दिखाते हुए ) देखो ना भैया कितनी भूखी है मेरी फुद्दि....
जब अशोक उसकी तरफ देखता है तो वो अपना मुँह दिखाने लगती है पर अशोक का ध्यान तो उसकी चूत पे था.....
मनीषा भी अपने मन मे कहती है
म- हाँ भैया एकदम सही जगा देख रहे हो यही भूखी है....
अशोक अपनी बेहन की चूत को देखते हुए.....
आ- तेरी फुद्दि तो लार टपका रही है लन का नाम सुनके....
म- अरे भैया अब क्या बताऊ मेरी फुद्दि मे तो पानी आ गया लन खाने के नाम से पूरी गीली हो चुकी है......
दोनो भाई बेहन सेक्सी सेक्सी बाते कर के एकदुसरे की चोदने की इच्छा बढ़ा रहे थे... वो लोग इतने खो गये थे अपनी अपनी इच्छा जाहिर करने मे कि शरमाना भी छोड़ छाड़ के बस वहाँ का महॉल को हॉट बनाने लग गये थे..... उन लोगो को तो बस एकदुसरे की लंड ऑर चूत को हॉट बाते कर के गरम करना था....
जिस तरह मनीषा अपने पैरो को फेला कर अपने भैया से लंड माँग रही थी ऑर अपने भाई से उसकी चूत की तड़प उसे बता रही थी तो अशोक से भी रहा नही गया.... ऑर उसने कहा...
आ- पता है मलयालम मे क्या बोलते है मुँह ऑर केले को....?
म- नही....
आ- मुँह को चूत ऑर केले को लंड बोलते है....
मनीषा भोली बनते हुए...
म- ये लंड ऑर चूत नाम सुना सुना सा लग रहा है..... ये तो हिन्दी वर्ड है शायद....
आ- पता नही शायद होगा... पर मलयालम मे केले को लंड बोलते है.....
मनीषा भी मोहोल को गरम बनाने के लिए वो ऑर सेक्सी बाते करने लगी ऑर अपने भाई को उकसाने लगी......
म- ओहफ़ो भैया बस भी करो..... कब्से लंड लंड कर रहे हो साला मेरी........ वो क्या कहते है मलयालम मे....?
अरे हाँ याद आया (चूत).... कब्से लंड लंड कर रहे हो मेरी चूत लंड का नाम सुन सुन कर पानी छोड़ने लगी है.... एक बार लंड डाल दो ना मेरी चूत मे....
दोनो भाई बेहन के लंड ऑर चूत इतने तड़प उठे थे कि वो खुल कर लंड ऑर चूत की बाते करने लगे.....
ऐसा नही था कि वो लोग को इन लंड ऑर चूत का मतलब नही पता था.... वो दोनो अच्छे से जानते थे....
भूख के मारे जेसे मुँह मे पानी आता है वो उसको हटा कर अपनी चूत की प्यास को खुल के बता रही थी.... उसका भाई भी समझ रहा था कि आंजान बन के उसकी बेहन उसकी चूत की ही भूख की बात कर रही है.....
अशोक भी आंजान बन कर उस मोहोल का फ़ायदा उठाते हुए कहता है.....
आ- अरे दीदी तुम्हे मे मेरा लंड खिलाउन्गा ना तब जा के तुम्हारी चूत की भूख मिटेगी....
म- तेरा लंड...? तूने लंड उगाया है क्या...?
आ- ऐसा ही कुछ समझ लो.... [img=15x17]http://rajsharmastories.com/images/smilies/icon_e_smile.gif[/img] मेरा लंड मोटा ऑर तगड़ा भी है....
म- फिर तो भैया तुम्हारा लंड एक ही बार मे पूरा चूत मे ले लुगी.... जबतक मेरी चूत तुम्हारे लंड का पूरा स्वाद नही ले लेती तबतक मे तुम्हारे लंड को अपनी चूत मे से नही निकालुगी.........
आ- उसके बाद क्या उगल दोगि....?
म- अरे भैया... मेरा बस चले तो मे तुम्हारा लंड अपनी चूत से ही ना निकालु......तुमने इतने प्यार से लंड को उगाया है भला उसे मे केसे उगल दुगी....? मे तो तुम्हारे लंड को अपनी चूत मे डाल कर लंड को अपनी चूत मे रगड़ रगड़ के पूरा स्वाद लुगी... ऑर फिर उसे फ्रीज़ मे रख दुगी ताकि तुम्हारे लंड को अपनी चूत मे लेके रोज थोड़ा थोड़ा स्वाद ले सकूँ.....
आ- ओह तो तुम मेरा लंड अपनी चूत मे लोगि ऑर उसको खाओगी नही रगड़ के उसका रस निकाल कर पी जाओगी.....
म- एकदम सही कहा.........
अब अशोक ऑर मनीषा के पास कुछ बचा नही था बात करने के लिए....... वो दोनो चुप हो गये ऑर फिर कुछ सेकेंड्स बाद मनीषा ने राज आइ मीन अशोक को मेसेज किया.....
म- सॉरी यार भाई से बात कर रही थी इसलिए तुझे रिप्लाइ नही कर पाई.....
आ- इट्स ओके... क्या बोल रहा था तेरा भाई...?
म- यू वन'ट बिलीव इट... अभी अभी मेने अपने भाई को अपने दिल की बात कही......
आ- क्या कहा...?
म- मेने भैया से कहा... भैया अपना लंड डालो ना मेरी चूत मे....
( अशोक को याद आता है कि उसकी बेहन ने पहले मेसेज मे कहा था कि वो अपने भाई का लंड देखना चाहती है... तो अशोक अपना लंड बाहर निकाल के अपने हाथ मे पकड़ के सहलाता है... ज़ीरो बल्ब की रोशनी मे भी उसका लंड चमक रहा था )
आ- साची....? कंग्रॅजुलेशन्स यार फाइनली तुझे तेरे भाई का लंड मिल गया..... लेकिन यार बोहोत जल्दी चुद गयी तू अपने भाई से.... घर मे कोई है क्या...?
म- नही घर मे कोई भी नही है ऑर मे चुदि भी नही हूँ.... अभी भी मेरी चूत वेट कर रही है भैया के लंड के लिए.....
आ- कुछ समझ नही आ रहा यार..?? तूने अपने भैया को बोला अपनी चूत मे लंड डालने के लिए ऑर तेरे घर मे कोई है भी नही फिर भी वो तुझे नही चोद रहा..... किसका वेट कर रहा है तेरा भाई...?
म- आक्च्युयली उसने मुझे कुछ देर पहले कहा था कि मलयालम मे मुँह को चूत बोलते है ऑर केले को लंड.... तो मेने भी कह दिया कि भैया तो फिर डाल दो ना लंड मेरी चूत मे..... [img=15x17]http://rajsharmastories.com/images/smilies/icon_e_smile.gif[/img]
आ- हाहाहा.... ट्रिक तो अच्छी है पर प्रॅक्टिकली तो ये मुमकिन नही है ना... वो सच मे तेरी चूत मे अपना लंड तो नही डालेगा ना....?
म- लेकिन अपने भैया से मेरी चूत के लिए उसका लंड माँगते हुए जो मज़ा आ रहा था वो उंगली करने मे भी नही आता.... उसको भी मूठ मारने से ज़्यादा मज़ा आया होगा जब उसने अपनी बेहन के मुँह से सुना था कि भैया अपना लंड मेरी चूत मे डालो ना....
आ- ऊहह ऐसा क्या...? फिर तो तेरी चूत को एक लंड की ज़रूरत होगी....? चाहो तो मेरा लंड ले सकती हो.... [img=15x17]http://rajsharmastories.com/images/smilies/icon_e_smile.gif[/img]
म- अबे तेरी चुदाई की वजह से ही तो हम दोनो भाई बेहन एकदुसरे से चुदाई करना चाहते है वरना ये कभी मुमकिन नही होता था......
आ- वो केसे....?
म- कुछ दिन पहले मेने अपनी फेक प्रोफाइल निशा हॉर्नी से तुझसे सेक्स चॅट किया था... नेक्स्ट डे सुबह को मे कपड़े सूखा रही थी बाल्कनी मे तब मेरे भाई ने मुझे पीछे से पकड़ लिया ऑर अपना मोटा लंड मेरी गान्ड मे धँसा दिया था.... अगर उस रात तूने मुझे चोदा नही होता तो दूसरे दिन मे हमारी चुदाई की बाते याद नही करती ऑर नही मेरा मन लंड के लिए तरसता ऑर ना मे अपने भाई का लंड इतनी देर तक अपनी गान्ड मे धसे रहने देती....
ऑर फिर मनीषा की चूत मे खुजली उठती है.... वो जानती थी कि अशोक ही राज है ऑर उसने अभी अभी अपनी चूत की पिक्स सोफा पे बैठ के निकाल के उसको सेंड की थी... वो लंड लेने की तमन्ना जाहिर करने लगी अशोक से ऑर कहती है......
मनीषा- भैया अभी मेने दिव्या को अपनी पिक्स दिखाई वो बोल रही है कि तुम सुख गयी हो तुम्हारे भाई अशोक को बोलो केला खिलाने को.....
अशोक का भी मन मचल गया क्यू कि वो जानता था कि उसने दिव्या को नही उसको अपनी चूत की पिक्स भेजी है... ऑर अशोक ने जब उसकी चूत के उपेर कॉमेंट्स किए तो उसको मस्ती सूझी इसलिए वो मुझसे इनडाइरेक्ट्ली लंड माँग रही है......
अशोक भी उसका इशारा समझ कर अपने लंड को मसल्ते हुए कहता है....
अशोक- अरे दीदी जब बोलो तब तुम्हारी फुद्दि ( चूत इन पंजाबी ) मे डाल दूँगा लन ( लंड इन पंजाबी )
अशोक को पता था कि वो इन वर्ड्स का मतलब समझ गयी होगी कि फुद्दि ऑर लन क्या है....
जिस तरह उसकी बेहन उससे उसका लंड माँग रही थी अपनी प्यासी चूत के लिए उसी तरह अशोक भी उससे जता रहा था कि उसके भाई का लंड तैयार है तू बस चूत को फैला के लंड माँग......
मनीषा बोली बनती हुई अपने भाई से पूछती है....
म- भैया ये फुद्दि ऑर लन क्या है....?
आ- फुद्दि मतलब मुँह आइ मीन माउत.... ऑर लन मतलब केला.....
म- ऊहह..... तो फिर भैया कब दे रहे हो मेरी फुद्दि मे लन....? ( अपने पैरो को फैला के उसकी फटी हुई सलवार मे से उसकी चूत दिखाते हुए ) देखो ना भैया कितनी भूखी है मेरी फुद्दि....
जब अशोक उसकी तरफ देखता है तो वो अपना मुँह दिखाने लगती है पर अशोक का ध्यान तो उसकी चूत पे था.....
मनीषा भी अपने मन मे कहती है
म- हाँ भैया एकदम सही जगा देख रहे हो यही भूखी है....
अशोक अपनी बेहन की चूत को देखते हुए.....
आ- तेरी फुद्दि तो लार टपका रही है लन का नाम सुनके....
म- अरे भैया अब क्या बताऊ मेरी फुद्दि मे तो पानी आ गया लन खाने के नाम से पूरी गीली हो चुकी है......
दोनो भाई बेहन सेक्सी सेक्सी बाते कर के एकदुसरे की चोदने की इच्छा बढ़ा रहे थे... वो लोग इतने खो गये थे अपनी अपनी इच्छा जाहिर करने मे कि शरमाना भी छोड़ छाड़ के बस वहाँ का महॉल को हॉट बनाने लग गये थे..... उन लोगो को तो बस एकदुसरे की लंड ऑर चूत को हॉट बाते कर के गरम करना था....
जिस तरह मनीषा अपने पैरो को फेला कर अपने भैया से लंड माँग रही थी ऑर अपने भाई से उसकी चूत की तड़प उसे बता रही थी तो अशोक से भी रहा नही गया.... ऑर उसने कहा...
आ- पता है मलयालम मे क्या बोलते है मुँह ऑर केले को....?
म- नही....
आ- मुँह को चूत ऑर केले को लंड बोलते है....
मनीषा भोली बनते हुए...
म- ये लंड ऑर चूत नाम सुना सुना सा लग रहा है..... ये तो हिन्दी वर्ड है शायद....
आ- पता नही शायद होगा... पर मलयालम मे केले को लंड बोलते है.....
मनीषा भी मोहोल को गरम बनाने के लिए वो ऑर सेक्सी बाते करने लगी ऑर अपने भाई को उकसाने लगी......
म- ओहफ़ो भैया बस भी करो..... कब्से लंड लंड कर रहे हो साला मेरी........ वो क्या कहते है मलयालम मे....?
अरे हाँ याद आया (चूत).... कब्से लंड लंड कर रहे हो मेरी चूत लंड का नाम सुन सुन कर पानी छोड़ने लगी है.... एक बार लंड डाल दो ना मेरी चूत मे....
दोनो भाई बेहन के लंड ऑर चूत इतने तड़प उठे थे कि वो खुल कर लंड ऑर चूत की बाते करने लगे.....
ऐसा नही था कि वो लोग को इन लंड ऑर चूत का मतलब नही पता था.... वो दोनो अच्छे से जानते थे....
भूख के मारे जेसे मुँह मे पानी आता है वो उसको हटा कर अपनी चूत की प्यास को खुल के बता रही थी.... उसका भाई भी समझ रहा था कि आंजान बन के उसकी बेहन उसकी चूत की ही भूख की बात कर रही है.....
अशोक भी आंजान बन कर उस मोहोल का फ़ायदा उठाते हुए कहता है.....
आ- अरे दीदी तुम्हे मे मेरा लंड खिलाउन्गा ना तब जा के तुम्हारी चूत की भूख मिटेगी....
म- तेरा लंड...? तूने लंड उगाया है क्या...?
आ- ऐसा ही कुछ समझ लो.... [img=15x17]http://rajsharmastories.com/images/smilies/icon_e_smile.gif[/img] मेरा लंड मोटा ऑर तगड़ा भी है....
म- फिर तो भैया तुम्हारा लंड एक ही बार मे पूरा चूत मे ले लुगी.... जबतक मेरी चूत तुम्हारे लंड का पूरा स्वाद नही ले लेती तबतक मे तुम्हारे लंड को अपनी चूत मे से नही निकालुगी.........
आ- उसके बाद क्या उगल दोगि....?
म- अरे भैया... मेरा बस चले तो मे तुम्हारा लंड अपनी चूत से ही ना निकालु......तुमने इतने प्यार से लंड को उगाया है भला उसे मे केसे उगल दुगी....? मे तो तुम्हारे लंड को अपनी चूत मे डाल कर लंड को अपनी चूत मे रगड़ रगड़ के पूरा स्वाद लुगी... ऑर फिर उसे फ्रीज़ मे रख दुगी ताकि तुम्हारे लंड को अपनी चूत मे लेके रोज थोड़ा थोड़ा स्वाद ले सकूँ.....
आ- ओह तो तुम मेरा लंड अपनी चूत मे लोगि ऑर उसको खाओगी नही रगड़ के उसका रस निकाल कर पी जाओगी.....
म- एकदम सही कहा.........
अब अशोक ऑर मनीषा के पास कुछ बचा नही था बात करने के लिए....... वो दोनो चुप हो गये ऑर फिर कुछ सेकेंड्स बाद मनीषा ने राज आइ मीन अशोक को मेसेज किया.....
म- सॉरी यार भाई से बात कर रही थी इसलिए तुझे रिप्लाइ नही कर पाई.....
आ- इट्स ओके... क्या बोल रहा था तेरा भाई...?
म- यू वन'ट बिलीव इट... अभी अभी मेने अपने भाई को अपने दिल की बात कही......
आ- क्या कहा...?
म- मेने भैया से कहा... भैया अपना लंड डालो ना मेरी चूत मे....
( अशोक को याद आता है कि उसकी बेहन ने पहले मेसेज मे कहा था कि वो अपने भाई का लंड देखना चाहती है... तो अशोक अपना लंड बाहर निकाल के अपने हाथ मे पकड़ के सहलाता है... ज़ीरो बल्ब की रोशनी मे भी उसका लंड चमक रहा था )
आ- साची....? कंग्रॅजुलेशन्स यार फाइनली तुझे तेरे भाई का लंड मिल गया..... लेकिन यार बोहोत जल्दी चुद गयी तू अपने भाई से.... घर मे कोई है क्या...?
म- नही घर मे कोई भी नही है ऑर मे चुदि भी नही हूँ.... अभी भी मेरी चूत वेट कर रही है भैया के लंड के लिए.....
आ- कुछ समझ नही आ रहा यार..?? तूने अपने भैया को बोला अपनी चूत मे लंड डालने के लिए ऑर तेरे घर मे कोई है भी नही फिर भी वो तुझे नही चोद रहा..... किसका वेट कर रहा है तेरा भाई...?
म- आक्च्युयली उसने मुझे कुछ देर पहले कहा था कि मलयालम मे मुँह को चूत बोलते है ऑर केले को लंड.... तो मेने भी कह दिया कि भैया तो फिर डाल दो ना लंड मेरी चूत मे..... [img=15x17]http://rajsharmastories.com/images/smilies/icon_e_smile.gif[/img]
आ- हाहाहा.... ट्रिक तो अच्छी है पर प्रॅक्टिकली तो ये मुमकिन नही है ना... वो सच मे तेरी चूत मे अपना लंड तो नही डालेगा ना....?
म- लेकिन अपने भैया से मेरी चूत के लिए उसका लंड माँगते हुए जो मज़ा आ रहा था वो उंगली करने मे भी नही आता.... उसको भी मूठ मारने से ज़्यादा मज़ा आया होगा जब उसने अपनी बेहन के मुँह से सुना था कि भैया अपना लंड मेरी चूत मे डालो ना....
आ- ऊहह ऐसा क्या...? फिर तो तेरी चूत को एक लंड की ज़रूरत होगी....? चाहो तो मेरा लंड ले सकती हो.... [img=15x17]http://rajsharmastories.com/images/smilies/icon_e_smile.gif[/img]
म- अबे तेरी चुदाई की वजह से ही तो हम दोनो भाई बेहन एकदुसरे से चुदाई करना चाहते है वरना ये कभी मुमकिन नही होता था......
आ- वो केसे....?
म- कुछ दिन पहले मेने अपनी फेक प्रोफाइल निशा हॉर्नी से तुझसे सेक्स चॅट किया था... नेक्स्ट डे सुबह को मे कपड़े सूखा रही थी बाल्कनी मे तब मेरे भाई ने मुझे पीछे से पकड़ लिया ऑर अपना मोटा लंड मेरी गान्ड मे धँसा दिया था.... अगर उस रात तूने मुझे चोदा नही होता तो दूसरे दिन मे हमारी चुदाई की बाते याद नही करती ऑर नही मेरा मन लंड के लिए तरसता ऑर ना मे अपने भाई का लंड इतनी देर तक अपनी गान्ड मे धसे रहने देती....