Bollywood Sex Kahani करीना कपूर की पहली ट्रेन (रेल) यात्रा - Page 5 - SexBaba
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Bollywood Sex Kahani करीना कपूर की पहली ट्रेन (रेल) यात्रा

[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=small][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]चूत से रिसता रस्स और रमेश के चाटने से करीना की गाण्ड का छेद रमेश के थूक और करीना के औरत के पानी से गीला था। इस कारण जब रमेश करीना की गाण्ड में लण्ड घुसाने की कोशिश कर ही रहा था, कि तभी एक ‘पूछ’ की आवाज से रमेश के लण्ड की टोपी करीना की गाण्ड में घुस गई।
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रमेश- “अह्ह… आंटी आपका छेद तो पूरा टाइट है, अह्ह… मजा आ रहा है आंटी, आप तो ग्रेट हो, मस्त हो आप, लगता है आपकी शादी नहीं हुई, इसलिये ये छेद इतना टाइट है…”



करीना डर से चीखते हुये गुस्से में बोलती है- “यू अरे फूल, आह्ह मेरी गाण्ड… अबे बेवकूफ़ तुमने अपना वो मेरी गाण्ड में घुसाया है, कमीने, अपना वो निकाल वहाँ से अह्ह…”



लेकिन रमेश को हवस का नशा चढ़ चुका था, अपने पहले सेक्स में उसके जैसे लड़के को एक हाइ-फ़ाई औरत का बदन खेलने को मिला था, इस कारण पहले ही रमेश चकित था। इसलिए करीना की आवाजें नज़रअंदाज करके रमेश करीना की जांघें कस के आगे की तरफ करके, अपने दोनों हाथों से पकड़ता है, और जरा अपना जोर बढ़ाता है, इससे एक-एक इंच करके करीना की गाण्ड में रमेश का काला 8 इंच का लण्ड घुसा जा रहा था।



करीना रमेश की पकड़ से छूटने की कोशिश करती है, लेकिन रमेश की करीना की जाँघ पर की पकड़ इतनी मजबूत थी कि करीना उस पकड़ से छूट नहीं पाई। उधर रमेश अपना आधा लण्ड करीना की पूरी तरह से स्ट्रेच हुई गाण्ड को आधे तक चोद रहा था। क्योंकि करीना की गाण्ड किसी ने भी नहीं मारी थी, इसलिए करीना की गाण्ड इतनी टाइट थी। और उस गाण्ड को एक लो-क्लास चाय वाला, अपने 8” इंच के लण्ड को 4 इंच तक धीरे-धीरे अंदर-बाहर कर रहा था।



रमेश- “अह्ह… ओह्ह… अलग सा सुकून मिल रहा है आंटी, वाह… अह्ह…”





और करीना जोर-जोर से दर्द के कारण चीख रही थी। लेकिन रमेश इस दर्द भरी चीख को अपने हवस की वजह से सुन नहीं पा रहा था। जिस औरत का दूध पीकर रमेश बोला था कि आपके दूध का टेस्ट मेरी माँ के दूध जैसा है, उसी औरत की गाण्ड को अब रमेश आधे तक चोद रहा था। रमेश अपने लण्ड के ठोंकने की तेजी बढ़ाता है, फच -फॅक फच -फॅक, फच -फॅक, फच -फॅक ।



करीना- “ओह्ह… मर गई, मेरे फट गई आह्ह… हे भगवान्… क्या पाप किया था, ओह्ह… अह्ह… आह्ह… आह्ह… आऽऽ ऊऊउउ…”



इन चीखों को सुनकर रमेश को उस औरत पर जरा भी रहम नहीं आया। रमेश करीना की टांगे अपने दोनों हाथों से पकड़ता है, और टांगे फैलाते हुये आगे की तरफ ले जाता है। करीना के घुटने अल्लमोस्ट करीना के कान के नज़दीक तक आ जाते हैं, और करीना की चूत और गाण्ड का छेद अच्छी तरह से खुल जाता है। और तभी रमेश करीना की गाण्ड में जोरदार झटका मारता है, और रमेश का लण्ड करीना की गाण्ड में 7” इंच तक घुस्स जाता है,।



पहली बार करीना अपनी गाण्ड मरवा रही थी, और अपनी बुरी किस्मत की वजह से वो गाण्ड एक लो-क्लास चाय वाला मार रहा था। दर्द से करीना की आँखों से आँसुओं की बूँदें टपक रही थीं। रमेश अब 7 इंच तक करीना को ठोंक रहा था।



रमेश- “अह्ह… ओह्ह… हाँऽ मज्जा आए गवा, वाह…, अह्ह… फच-फच, फच-फच, फच-फच, फच-फच …” 



तभी रमेश जब गाण्ड ठोंक रहे अपने लण्ड की तरफ देखता है, तो उसपर कुछ खून की बूंदे थीं, जो करीना की गाण्ड से रिस रही थीं। लेकिन ये देखकर भी रमेश रुकता नहीं, और वो एक और झटका मारता है। फिर तो पूरा 8 इंच का काला बदसूरत डंडा करीना जैसी कोमल गाण्ड वाली सुपरस्टार की गाण्ड के छेद में था।



रमेश अब अपने पूरे 8 इंच के लण्ड को करीना की फटी गाण्ड में अंदर-बाहर कर रहा था। अब रमेश की जांघें करीना की ऊपर उठी गाण्ड की गोरी-गोरी फांकों को छू रही थीं, और इसलिए करीना की गाण्ड की फांके रमेश के हर झटके से आगे पीछे जिगल- विगल हो रही थीं। रमेश की काली जांघें करीना की गाण्ड की गोरी फांकों से बार-बार टकरा रही थीं- “ठप-ठप, ठप-ठप, ठप-ठप-ठ, ठप-ठप-ठप…” तभी रमेश अपनी स्पीड और ज़्यादा बढ़ाता है। रमेश की चुदाई के जोर से करीना एक-एक इंच सरक के ऊपर की ओर रमेश के जबरदस्त झटकों से धकेले जा रहा था।



करीना सिसक उठी- “आह्ह… आऽ आऽ मर गई अह्ह… ओह्ह… दुख रहा है, अह्ह…”



रमेश की गाण्ड ठुकाई के झटके अब तेज होते जा रहे थे, इसलिए करीना का दर्द से बुरा हाल हो रहा था, करीना को ऐसा लग रहा था कि कोई उसके गाण्ड के छेद में गरम चाकू खचा-खच घुसा रहा है। 10 मिनट गुजर गये, लेकिन अभी तक रमेश झड़ नहीं रहा था।



तभी करीना की जोर से चीख निकलती है- “अह्ह, मेरीई गाण्ड ओओऽ माँऽ अह्ह…” और करीना की चूत से पानी की पिचकारी पूरे जोर से निकलती हुई रमेश के काले शरीर पर और मुँह पर लगती है।



लेकिन रमेश ठोंकना बंद नहीं करता, और बोलता है- “आह्ह आंटी आपका तो मूत निकल्ल गया, आह्ह… हाहाहाहा…” और वो हँसने लगता है।



करीना को भी अहसास होता है, कि उसने अभी-अभी पेशाब किया था। एक बड़ी बोलीवुड एक्ट्रेस ने अपना पेशाब एक लो-क्लास लड़के के काले शरीर पर छोड़ा था। लेकिन गाण्ड से निकलता हुआ खून करीना के दर्द की गवाही दे रहा था, और रमेश की बर्बरता का सबूत था वो खून।



20 मिनट हो गये थे, और रमेश को भी अब अहसास होता है कि वो अब झड़ ने वाला है। अब वो अपने झटकों की स्पीड दरिंदगी की हद तक बढ़ा देता है, ठक-ठक, ठक ठक-ठक, फच - फच, फच - फच फच - फच ।



करीना के 38” के चूचे रमेश के हर झटके से आगे पीछे उछल रहे थे। ये हार्डकोर चुदाई का नजारा, बेहद ही ज़्यादा उत्तेजक था। रूम में करीना की गाण्ड ठुकाई का आवाज गूँज रही थी। करीना को अहसास होता है कि रमेश के साथ वो अनप्रोटेक्टिड सेक्स कर रही है। इसलिए जैसे तैसे वो बोलती है- “आह्ह… कमीने… बाहर निकाल्ल्ल, अंदर मत छोड़ अह्ह… ओह्ह…”



लेकिन रमेश करीना की बात का जवाब नहीं देता है।



करीना अब तक 3 बार अपना पानी छोड़ चुकी थी, और रमेश पहली बार किसी औरत की चुदाई में अपना पानी छोड़ने वाला था, इसलिए वो पहले से ही उत्तेजित था। रमेश चिल्लाया- “आऽ आऽ आऽ निकल्ल रहा है… आंटी और निकलने वाला है… आह्ह…”



तभी रमेश एक जोरदार झटके से सारा वीर्य करीना की गाण्ड में झाड़ देता है। पहली बार रमेश किसी औरत के अंदर झड़ा था, इसलिए उसका वीर्य बहुत ज़्यादा था। करीना की गाण्ड वीर्य से ओवरफ्लो कर रही थी, खून और वीर्य करीना की गाण्ड से बहे रहे थे।


[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=small][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]करीना तब दर्द और अपनी फूटी किस्मत पर फूट-फूट कर रो रही थी, और बोलती है- “उम्म्म तुम्हें मैंने बोला था ना के बाहर निकालना, अंदर क्यों छोड़ा? अह्ह…”[/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size]
 
रमेश अपना लण्ड करीना की गाण्ड के अंदर ही रखे-रखे बोलता है- “आंटी मुझे सुनाई नहीं दिया, सारी…”

करीना रोते हुये बोलती है- “अब निकालो इसे, जल्दी, अह्ह…”

रमेश धीरे-धीरे अपना लण्ड बाहर निकालना है।

करीना- “ओह्ह…”

आख़िरकार रमेश अपने लण्ड की टोपी करीना की परखच्चे उड़ी गाण्ड से निकालता है। जब वो उस औरत की, यानी करीना की गाण्ड की ठोंक के उसने जो हालत की थी, वो जब देखता है, तब करीना का दर्द उसे महसूस होता है और बोलता है- “ओह्ह… सारी आंटी, लेकिन मुझे भी पता नहीं था कि मैं ऐसा भी कुछ कर सकता हूँ…”

करीना की गाण्ड का सुनहरा छेद लाल हो चुका था, और ऐसा लग रहा था कि करीना की गाण्ड का छेद रमेश की दरिंदगी से सूज् चुका है।

करीना अपना दर्द कंट्रोल करके तब मजबूरी में बोलती है- “अह्ह… तुम अब वो वीडियो रिकॉर्डस कहाँ हैं? वो बोलो जल्दी, अह्ह…”

रमेश करीना की जांघें छोड़ता है, और, खुद करीना के बाजू में जाकर लेट जाता है, और बोलता है- “मैडमजी अगर मैंने आपको ये बात बताई तो आप भड़क जाएँगी मेरे पे…”

करीना- “अबे बेवकूफ़, मैं तुम्हारे पे पहले से ही भड़की हुई हूँ, अह्ह… दुख भी रहा है, तुम सिर्फ़ बताओ…”

रमेश- “आंटी, वो वीडियो रिकॉर्डस मैं आपको नहीं बता सकता…” और वो करीना की आँखों में देखता है।

करीना झट से जैसे-तैसे बेड से उठकर बैठ जाती है, और गुस्से में रमेश को घूरते हुये बोलती है- “तुम्हें जो करना था, वो तुमने मेरे साथ किया, और अब तुम अपनी बात से पलट क्यों रहे हो कमीने…”

करीना का गुस्सा देखकर रमेश बोलता है- “नहीं आंटी, मैं पलट नहीं रहा, ऐसा है कि ऐसा कोई वीडियो रिकॉर्ड है ही नहीं, जो आप बोल रही हैं…”

करीना गुस्से में बोलती है- “झूठ मत बोल, समझे ना? मैं बेवकूफ़ नहीं हूँ, यहाँ कोने में सी॰सी॰टी॰वी॰ लगा है, उसकी रिकॉर्डिंग मुझे चाहिए, सीधे-सीधे बोलो…”

रमेश- “आंटी वो सी॰सी॰टी॰वी॰ बंद है, और शकील चाचा इस सी॰सी॰टी॰वी॰ को इस्तेमाल करके रिश्वत देने वालों को ब्लैकमेल करते हैं, अगर वो मर्द हो तो रिश्वत से ज़्यादा पैसे धमकी देकर वसूल करते हैं, और लड़की हो तो उसका आपकी तरह हाल करते हैं, समझी आप? मुझे ये सब पिछले महीने में ही पता चला है…”

करीना गुस्से में बोलती है- “क्या? मतलब शकील मुझे बेवकूफ़ बना रहा था? और कमीने तुमने भी मुझे बेवकूफ़ बना दिया, हरामजादे…” और करीना गुस्से में रमेश के लण्ड को पकड़कर दबा देती है।

रमेश दर्द से- “अह्ह… मेरी अह्ह… छोड़ो, आंटी प्लीज़्ज़ि… आंटी आपकी वजह से ही माँ के मरने के बाद किसी औरत ने मुझसे प्यार किया है, प्लीज़्ज़ि… बात को समझिये अह्ह…”

पता नहीं क्यों लेकिन करीना का गुस्सा रमेश की बात सुनकर जरा सा कम हो जाता है, और वो रमेश के लंड छोड़ते हुये बोलती है- “ह्म् म्म्म… हम दोनों में जो भी हुआ, अगर तुमने बाहर किसी को भी बताया तो, मैं तुम्हें इस चलती ट्रेन से नीचे फैंक दूँगी समझे?”

रमेश “हाँ… आंटी, आपका हुकुम सर आँखों पर…”

करीना जैसे तैसे बेड से नीचे उतरती है।

रमेश भी बेड से उतरता है, और अपने कपड़ों को पहनने लगता है, और करीना फर्श पर जैसे-तैसे खड़ी हो जाती है। उसकी चुदाई से सूजी हुई गाण्ड दर्द कर रही थी। ये देखकर रमेश अपनी हाफ़ पैंट और शर्ट पहनकर, करीना की साड़ी, पेटीकोट, ब्लाउज, को समेटकर करीना को देने के लिये बढ़ा।

करीना अपने कदम सभाल-सभाल कर रख रही थी, और सामने रमेश को अपनी साड़ी, ब्लाउज पेटीकोट लिये खड़ा देखकर करीना एक मजबूर औरत की तरह बोलती है- “वही रखो बेड पर, मुझे फ्रेश होने जाना है, ओह्ह… आह्ह… ऊओव्व…”

रमेश करीना को ऐसे दर्द से बिलखता देखकर बोलता है- “आंटी आपको कोई हेल्प चाहिए?” और तभी करीना लड़खड़ाकर गिरने ही वाली थी कि रमेश करीना को कमर से पकड़ लेता है, और बोलता है- “आंटी मैं आपको बाथरूम तक छोड़ देता हूँ…” और रमेश करीना को सहारा देते हुये बाथरूम में छोड़ देता है।
 
अभी भी करीना की गाण्ड से रमेश का वीर्य बहे जा रहा था- “जाओ अब तुम, मैं बाकी का करलूँ गी। जाओ… ये सब दर्द तुम्हारा दिया हुआ ही है। जाओ…”

करीना की बात सुनकर रमेश अपना मुँह लटकाकर बाथरूम से बाहर चला जाता है, करीना बाथरूम का दरवाजा बंद करके शावर चालू करके नहाने लग जाती है।


करीना की सूजी हुई गाण्ड में होता दर्द, अब शावर से बरस रहे ठंडे पानी से कम हो गया था। करीना मन ही मन- “आह्ह… ओह्ह… मेरी जिंदगी का ये सबसे गंदा काला दिन है। मैंने सोचा था कि गरीब लोग अच्छे होते हैं, लेकिन मैंने जितने भी गरीब अब तक देखे हैं, सबके सब हवस के पुजारी हैं, छीछी… उस कमीने टी॰टी॰ई॰ ने जो भी मेरे साथ गंदा खेल खेला है, उसका मैं बदला तो लूँगी ही। अह्ह… मेरी गाण्ड बहुत दुख रही है, उस साले नौसिखिये ने तो मुझ पर शकील से ज़्यादा ही जुल्म किया, लेकिन मैं रमेश पर गुस्सा क्यों नहीं हो रही हूँ। कुछ समझ में नहीं आ रहा? जिस लड़के ने मेरी कुँवारी गाण्ड को खोला, जिस छेद में मैंने सैफ को भी घुसाने नहीं दिया, उस छेद में वो लो-क्लास लड़के ने छीछी… मुझे बोलने में भी शरम आ रही है, लेकिन फिर भी मुझे गुस्सा नहीं आ रहा, क्यों? अम्म्म्मम… ह्म् म्म्मम… क्योंकि उस बेचारे को किसी औरत ने प्यार नहीं दिया, वो प्यार उसे मुझसे मिला। मेरे साथ रहकर उसे अपनी माँ की याद आई। तो जो भी मेरे और रमेश के बीच हुआ, उसका अपराधबोध मुझे नहीं मानना चाहिए। आख़िरकार रमेश भी एक इंसान है, और मैं भी…” ये सोचकर एक पल के लिये करीना ने अपने दुख को कम करने के लिये रास्ता बनाया।

फिर वो शावर के नीचे खड़ी होकर उन दानवों की बदन पर लगी हुई थूक शावर के पानी की धार से सॉफ करने में लग जाती है, बाथरूम में साबुन था, लेकिन वो शकील का प्राइवेट साबुन था, और करीना को ये अंदाज़ा हो गया था, इसलिये वो सिर्फ़ शावर के पानी में ही नहा रही थी। साबुन के बिना वो अपने चूसने और टॉर्चर होने से लाल हुये चूचों को मसल-मसलकर धो रही थी। और कुछ मिनट बाद जब उसका हाथ गाण्ड रगड़ने लगा तो करीना दर्द से चिल्ला उठी- “अह्ह, मेरीईऽ गाण्ड… उस कमीने ने मेरी गाण्ड सुजा दी है… आह्ह… सारे मर्द सिर्फ़ अपना ही सोचते हैं, ये नहीं सोचते कि औरत को दर्द हो रहा है या नहीं? सिर्फ़ चढ़ जाते हैं, कमीने कहीं के। थैंक गोड कि मैंने इमरजेंसी के लिये पेन किल्लर की टैबलेट पर्स में रख ली है… अह्ह…”

और दूसरी तरफ रमेश बेड पर की सारी चीजें, पहले जैसे थी वैसे रख देता है, क्योंकि अगर शकील यहाँ आया तो इस कोच में जो भी हुआ उसका शक़ ना हो।

15 मिनट बाद करीना रमेश को आवाज लगाती है और बाथरूम के अंदर से बोलती है- “रमेश, मेरा पेटीकोट, ब्लाउज और कोई सॉफ सुथरा तौलिया यहाँ देना जरा…”

ये सुनते ही रमेश करीना का रेड पेटीकोट, ब्लाउज और तौलिया समेटकर बाथरूम के पास जाकर बाथरूम के दरवाजे पर नाक करता है।

करीना को समझ में आ जाता है कि रमेश कपड़े लेकर आया होगा, तो करीना दरवाजा जरा सा खोलती है, और रमेश के हाथ से से झट से सब चीजें ले लेती है, और दरवाजा बंद करके पेटीकोट और ब्लाउज हैंगर पर लटका देती है।

रमेश- “क्या आंटी, अब इतना क्यों शरमा रही हैं, आप मुझसे? मैंने तो आपके नंगे बदन को पूरा नंगा तो देखा ही है, तो अब क्या शरमाना?”

करीना रमेश की बात को अनसुना करके, रमेश के दिए हुये तौलिए, पेटीकोट, ब्लाउज बाथरूम के अंदर लेकर, बाथरूम का दरवाजा बंद कर देती है, और फिर रेड पेटीकोट और रेड ब्लाउज हैंगर पर लटका कर, अपना गोरा बदन तौलिया से पोंछने लग जाती है, और अपनी फूटी किस्मत को कोसते हुये रोने लग जाती है।

तभी कोच के दरवाजे पर नाक नाक होता है। और दरवाजे से आती ये आवाज सुनकर रमेश मन ही मन- “लगता है, शकील चाचा ही आ गये होंगे, थैंक गोड कि मैंने सारी चीजें जगह पर रख दी हैं…” और रमेश दरवाजा खोलने बढ़ता है, और दरवाजे के नज़दीक जाकर दरवाजा खोलता है। और सामने पुलिस के कपड़े में 3 लोगों को देखते ही रमेश की फट जाती है। वो तीनों लोग ट्रेन में रखे गार्ड्स थे।

रमेश डर से हकलाते हुये बोलता है- “कऽक्या हुआ साहब, आप यहाँ कैसे?”

वो तीनों लोग ट्रेन पुलिस हैं, जो इस ट्रेन में ड्यूटी करते हैं। सफ़र करने वालों को कोई भी परेशानी हो तो, ये तीन गार्ड्स उन्हें हेल्प करते हैं। ज़्यादातर ये तीनों गार्ड्स औरतों के साथ होने वाली छेड़छाड़, चोरी, झगड़ा, सुलझाने में ही रहते हैं। वो तीनों ही दिखने में बहुत तगड़े और बदसूरत काले सांड हैं, और इसलिए ही उन तीनों साड़ों की यहाँ गार्ड के तौर पर नौकरी लगी। उन तीनों का नाम हरी, स्वामी, और तीसरा है नौशक। उन तीनों की उमर 55 साल के ऊपर है, उन तीनों में से नौशक जिसकी उमर हरी और स्वामी से दो साल ज़्यादा है, वो एक नम्बर का चुदक्कड है, जहाँ भी चूत को ठोंकने का मौका मिले वो मौका हाथ से जाने नहीं देता, उस मौके का नौशाक पूरी तरह से फ़ायदा उठता है, और औरतों को जलील कर-करके ठोंकता है,

लेकिन इसके उलट हरी और स्वामी हैं, जो सिर्फ़ अपने काम से काम रखते हैं, उन दोनों को नौशक के बारे में सब पता था, कि वो हर वक्त हवस का भूखा रहता है, इसलिये हरी और स्वामी ने नौशक को वार्निंग देकर रखी है कि ड्यूटी के वक़्त अगर उसने कोई भी जलील हरकत की तो उसकी शिकायत सीधा हाई कमांड को करके उसे इस नौकरी से सस्पेंड करवा देंगे,
 
[size=large]इस धमकी के कारण ही नौशक ने अभी तक ट्रेन में अपनी हवस मिटाने के लिये कोई कांड नहीं किया था, और आज किसी सफ़र करने वाले ने उन गार्ड्स को किसी बात की शिकायत की थी, जिसे देखने, हरी, नौशक, और स्वामी ये तीनों गार्ड्स आए थे।

रमेश की बात सुनकर उन तीनों गाडों में से स्वामी अंदर कोच में झाँकते हुये बोलता है- क्यों रे रामू, तुम शकील टी॰टी॰ई॰ के कोच में क्या कर रहे हो? और शकील कहाँ पर है?”

स्वामी की बात को सुनकर रमेश हड़बड़ाते हुये बोलता है- “साहब वो… शकील चाचा ने मुझे यहाँ की सॉफ सफाई करने को बोला है, और वो तो नम्बर 9 की बोगी में किसी का झगड़ा सुलझाने के लिये गये हैं”

तभी नौशक वहाँ आगे की कोच में बैठे हुये मुसाफिरों से पूछता है- क्या रे, इनमें से किसी ने, शिकायत की थी, हमको…”

तो एक औरत जो अपने बच्चे और पति के साथ वहाँ टी॰टी॰ई॰ कोच से लगे हुये कोच में बैठी हुई थी, जिसका नाम सरिता है, वो झट से बोलती है- “भैया, हमने ही आपको शिकायत की थी, मोबाइल से…”

हरी उस औरत की तरफ देखकर बोलता है- “हाँ तो अब बताइए कि क्या प्राब्लम है आपको, इस टी॰टी॰ई॰ कोच से?”

सरिता- “भैया, वो उस कोच से, किसी औरत के रोने और चीखने की आवाजें आ रही थीं…”

टी॰टी॰ई॰ कोच से लगकर ही सरिता और उसके पति का कोच है, इसलिए टी॰टी॰ई॰ कोच में जो भी हरकत होती उसकी हलचल, उसकी आवाज, सरिता और उसके पति के कोच में आ जाती, और उन पति और पत्नी को क्या पता कि जिसकी चीखें उन्होंने सुनी थी वो करीना कपूर खान की हैं। लेकिन इस सबसे सब मुसाफिर अंजान हैं।

सरिता की बातें सुनकर नौशक का लण्ड हलचल करने लगा, और वो रमेश को धक्का देकर बाजू हटा देता है, और कोच के अंदर घुसकर बोलता है- “क्या बे, कहाँ छिपा रखा है, उस अबला नारी का बलात्कार करके, बोल कमीने?” नौशक तो सिर्फ़ इस उत्तेजना में अंदर घुसा था कि कोई नंगी औरत के दर्शन कर लेगा, लेकिन अंदर कोई नहीं था।

रमेश- “कऽक्या, मजाक कर रहे हो, भाई, मैं और ये गंदी हरकत? कर ही नहीं सकता…”

हरी- “अबे साले, सीधे-सीधे बता कि माजरा क्या है, किस औरत की आवाजें आ रही थीं, यहाँ से? बोल हरामी…”

तभी बाथरूम से आवाज आती है, और वो करीना थी जो अपना पेटीकोट पहन रही थी और जरा सा धक्का बाल्टी पे लग गया, और बाल्टी गिर गई, और इसलिए बड़ी सी आवाज आई।

ये सुनकर नौशक झट से बोलता है- “तो अच्छा, यहाँ उस अबला नारी को छिपा कर रखा है, हरामी…”

रमेश- “नहीं साहब, वहाँ तो, वही, वो वो…”

स्वामी- “क्या, हकला क्यों रहा है, फट गई?”
तभी दरवाजा खोलकर करीना नकाब पहनकर अपने बाल पोंछते-पोंछते, पेटीकोट और ब्लाउज में बाहर आ जाती है। और जैसे ही उसकी नजर अंदर आए हुये गार्ड्स, हरी, स्वामी और नौशक पर जाती है, तब करीना अपने ब्लाउज में क़ैद 38” के चूचों को अपने दोनों हाथों से छिपाते हुये गुस्से में बोलती है- “तुम लोग कौन हो, और एसे यहाँ क्या कर रहे हो?”

तीनों गार्ड्स के सामने एक खूबसूरत्त नकाब पहनी औरत सिर्फ़ ब्लाउज और पेटीकोट में थी। एक मिनट के लिये तो वो तीनों करीना का बदन नीचे से उपर तक देखते रह जाते हैं, मोटी जांघें, 38” के चूचे जो इतने बड़े थे के करीना अपने चूचों को अपने हाथ से पूरी तरह छिपा भी नहीं पा रही थी।

तभी तीनों में से नौशक होश में आता है और बोलता है- “क्या बे रामू, तूने इस औरत को किडनैप करके बाथरूम में छिपाया था क्या? अब तो तुझे लंबी जेल होगी…”

फिर करीना की तरफ देखते हुये स्वामी बोलता है- “मेम, अब आप सेफ हो, अब आप इस राक्षस की चुंगल से आज़ाद हो, अब सिर्फ़ आपको थाने में चलना होगा हमारे साथ, इस रामू की शिकायत रजिस्टर करने के लिये…”

ये सुनते ही करीना जरा असमंजस में पड़ जाती है, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या चल रहा है?

तभी रमेश डरते हुये बोलता है- “मैंने कुछ नहीं किया, आप आंटी से ही पूछिए, शकील चाचा ने ही मुझे आंटी का खयाल रखने के लिये यहाँ रुकने के लिये कहा था, और वो भी आते ही होंगे, उनसे पूछिएगा…”

हरी रमेश की बातें बड़ी गौर से सुनकर बोलता है- “अच्छा, ठीक है…”

फिर करीना की तरफ देखते हुये बोलता है- “क्या रामू सच बोल रहा है मेडमजी?”
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[size=large][size=large]करीना को पता चल चुका था कि ये लोग पुलिस हैं, और उन्हें लग रहा है कि यहाँ रमेश उसे किडनैप करके रेप कर रहा था, और अगर करीना ने रेप होने की बात मानी तो, सफ़र के बीच से ही उसे थाने जाना होगा, और अपना नकाब उतारकर कबूलनामा भी देना होगा, इससे उसकी पहचान भी एक्सपोज हो जायेगी, और सारी न्यूज चैनेल पर ब्रेककींग न्यूज होगी- “बोलीवुड स्टार करीना कपूर का बलात्कार ट्रेन में एक चाय वाले ने किया…” और इसलिए करीना की बदनामी हो सकती है। इस सबका अंदाज़ा करीना लगा लेती है।

और उसी वक़्त पीछे से आवाज आती है- “अरे क्या चल रहा है, मेरे कोच में? चलो हटो…” और शकील अंदर आ जाता है और सामने वो औरत पेटीकोट और ब्लाउज में खड़ी थी, जिसकी निगरानी के लिये रमेश को इस कोच में रखा था।

रमेश शकील को सामने देखकर जरा सा डर जाता है, लेकिन जेल जाने से अच्छा उसे शकील की मार खाना ही सही लगता है। और रमेश बोलता है- “शकील चाचा, ये लोग मुझपर आंटी के साथ बलात्कार का झूठा आरोप लगा रहे हैं…”

शकील को सब माजरे का अंदाज़ा हो जाता है, और शकील गुस्से में रमेश की तरफ देखता हे, और नौशक जो शकील का अच्छा दोस्त था उससे धीरे से बोलता है- “अबे यार, ये जो खड़ी है ना, वो रंडी है एक नम्बर की, समझा? इसका कोई क्यों बलात्कार करेगा, अगर ये खुद ही अपनी गाण्ड चोदने दे…”

नौशक भी धीरे से बोलता है- “क्या ये बात है? तो पहले ही मुझे बताकर रखता तो इतना हंगामा नहीं होता?”

शकील- “अब तू ही सम्भाल इस सिचुयेशन को…”

फिर नौशक हरी और स्वामी को बाजू में लेजाकर सब बता देता है। नौशक की बात सुनकर स्वामी करीना की तरफ देखकर बोलता है- “क्या रे, तू क्या सच में सड़क छाप रंडी है?”

स्वामी की बात सुनकर करीना जरा सा सकते में आ जाती है, लेकिन अगर उसने अपनी सच्चाई बताई और शकील, और रमेश ने जो भी उसके साथ हैवानियत की, वो एक बलात्कार था; ये अगर बता दिया तो, बहुत बड़ा बवाल हो सकता है, और उसकी इज्जत मीडिया में तार-तार हो सकती है, इसलिए करीना अपने गुस्से और डर को काबू में करके मजबूरी में बोलती है- “हाँ…”

तभी नौशक बोलता है- “तू रंडी है, तो साली इतना चीख क्यों रही थी?”

करीना नौशक की बात का कोई जवाब नहीं देती, और अपने चेहरा जैसे तैसे छिपाते हुये, शरम और गुस्से से नीचे जमीन पर देखकर अपनी फूटी किस्मत को कोस रही होती है।

शकील नौशक को जाने का इशारा करता है।

नौशक हरी और स्वामी को बोलता है- “चलो भाई लोग, यहाँ अपना कोई काम नहीं, ये हरामजादी तो रंडी है, चलो…”

स्वामी नौशक की तरफ देखकर बोलता है- “अरे लेकिन… …”

नौशक स्वामी की बात बीच में काटते हुये बोलता है- “अरे स्वामी, क्यों इस रंडी की चिंता कर रहा है, जाने दे…"

फिर नौशक स्वामी और हरी को कोच से बाहर ले जाता है, और उन्हें बोलता है- “चलो यारो आज पेग लगाते हैं 3-4, आज की पार्टी मेरी तरफ से…”

स्वामी और हरी, औरतों से ज़्यादा, तो शराब की बूँदों के लिये तरसते हैं, स्वामी और हरी, एक नम्बर के बेवड़े हैं, और ये बात नौशक अच्छी तरह से जानता है। इसलिए उन दोनों को, नौशक शराब की रिश्वत देता है, और उन्हें कोच से दूर, नम्बर 7 बोगी में ले जाता है, जहाँ उनका कोच है, और नौशक वहाँ अपनी छिपाई हुई दारू की बोतल निकालता है। और वो तीनों बेंच पर बैठकर दारू पीने में लग जाते हैं, नौशक हरी और स्वामी को जानबूझकर स्ट्रॉंग पेग बनाकर पिलाता है।

और दूसरी तरफ शकील पूरा शाक में था, क्योंकि बाहर जो उसने उन कपल्स की बातें सुनी थी, उससे शकील आग बाबूला हो जाता है, और रमेश को मारने के लिये उसकी तरफ बढ़ता है।

ये देखकर रमेश की फट जाती है।

लेकिन तभी, करीना को में समझ आ जाता है कि शकील रमेश को मारने के लिये आगे बढ़ रहा है, इसलिये वो पेटीकोट और ब्लाउज में बीच में आ जाती है और बोलती है- “ओये बूढ़े, अपनी औकात में रह समझा, उस बेचारे को क्यों मारने जा रहे हो?”

उस औरत की ये हरकत देखकर शकील गुस्से में बोलता है- “ओये रंडी, एक बात समझ ले कि मैं तेरा वो वीडियो पुलिस को दिखाऊँगा, तो तू जेल में सड़ेगी समझी? अब मेरे रास्ते से हट जा, साली रन्डी, तुझे ठोंकने का हक सिर्फ़ मुझे है, समझी? लेकिन आज इस हरामजादे ने अपनी हद पार कर दी…”

और तभी करीना बीच में शकील की बात काटकर बोलती है- “हे यू, बास्टर्ड, झूठे मक्कार, तुझे जो वीडियो देना है ना, वो दे उस पुलिस को समझा? मैं नहीं डरती, जा…” और करीना जमीन पर गिरी हुई साड़ी लेकर पहनने लगती है।

शकील- “देख, मैं सच में दे दूँगा वीडियो, मजाक मत समझ?”

करीना साड़ी पहनते हुये बोलती है- “अरे जा ना… मुझे पता है जा, तुम्हें जो करना है वो कर…”

तभी शकील साड़ी पहन रही करीना का हाथ पकड़ता है और बोलता है- “क्या री, क्या पता चला है तेरे को, जरा बता मुझे भी?”

करीना शकील की इस हरकत से गुस्से में बोलती है- “ओ बूढ़े, हाथ छोड़ मेरा, मुझे पता है कि वो सी॰सी॰टी॰वी॰ बंद है, समझा ना?” और करीना दूसरे हाथ से शकील को जोरदार थप्पड़ मार देती है।

और इस झटके से शकील करीना का हाथ छोड़ देता है, और बोलता है- “साली रंडी, तू तो गई, तूने गलत आदमी को झापड़ मारा है…” और शकील करीना को मारने झपटता है।

लेकिन पीछे से रमेश शकील को पकड़ लेता है, और बोलता है- “आंटी आप जाइए, जल्दी साड़ी पहनकर, मैं इसे देखता हूँ…” कहकर रमेश शकील को गर्दन से कसके पकड़ लेता है।

शकील- “मादरचोद… छोड़ हरामजादे…”

रमेश- “आज नहीं चाचा, अब और नहीं…” कहकर रमेश शकील की गर्दन को पीछे से कसके पकड़कर दबाने लगता है।

करीना रमेश की बात सुनकर अपनी साड़ी पहनने में लग जाती है, और 5 मिनट में साड़ी पहनकर तैयार हो जाती है। रमेश ने शकील की गर्दन इतनी कसके दबाई जिससे शकील भी अब बेहोश हो चुका था।

ये देखकर करीना डरते हुये बोलती है- “क्यों, तुम अब मेरी हेल्प क्यों कर रहे हो?”
रमेश करीना की तरफ देखकर बोलता है- “आंटी, मेरी माँ तो मर गई है, लेकिन आज मैंने जो आपका दूध पिया, इससे मुझे मेरी माँ की याद आ गई, आप यहाँ से जाइए जल्दी, मैं तो सिर्फ़ आपके दूध का कर्ज़ उतार रहा हूँ, जल्दी जाइए, ये कमीना मरा नहीं है, सिर्फ़ बेहोश हुआ है…”

करीना रमेश की बात सुनकर पूरी इमोशनल हो जाती है और बोलती है- “तुम भी ना रमेश… लेकिन जब इसे होश आएगा तो ये आदमी तुम्हें मारेगा…”

रमेश- “आप मेरी चिंता मत कीजिए, मैं अपना देख लूँगा, लेकिन आप जाइए…”

और कमजोर दिल वाली करीना का दिल पिघल जाता है, और करीना बिना सोचे-समझे रमेश की तरफ बढ़ जाती है, और रमेश के पास जाकर, उसे कसके गले लगाती है, और बोलती है- “थैंक यू रमेश, मैं एक दिन तुम्हारी लाइफ जरूर चेंज करूँगी…”

करीना की बिना ब्रा की चुचियाँ, रमेश की छाती से कसके दबी थीं, एक मिनट की जादू की झप्पी देकर करीना कोच से निकलकर बाहर चली जाती है।

करीना अपना पर्स लेकर जैसे-तैसे अपने कोच की तरफ बढ़ रही थी। गाण्ड चुदाई के बाद करीना को चलने में जरा दि्कत आ रही थी, लेकिन करीना सभल-सभलकर कदम आगे बढ़ा रही थी। तभी आसपास के कोच में बैठे लोगों में चर्चा शुरू हो जाती है।

पब्लिक की आवाज- “अरे, यही है ना वो, जिसकी चीखें उन कपल्स ने सुनी थी, और गार्ड्स बोल रहे थे कि ये सड़क छाप रंडी है?”
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[size=large][size=large][size=large]इस तरह की अपने बारे में पब्लिक में होती बातचीत सुनकर वो शरम और गुस्से से लाल हो जाती है, लेकिन वो अपने आपको समझाती है कि ‘उसने अभी भी नकाब पहन रखा है, तो उसकी असली पहचान पर कोई दाग अब तक नहीं लगा’ इसलिए पब्लिक में उसके बारे में चल रही गंदी बातों को करीना नज़रअंदाज करते हुये किसी तरह आगे बढ़ती है।

उधर टी॰टी॰ई॰ कोच में रमेश मन ही मन- “पता नहीं मैंने ऐसा किस जोश में आकर किया, लेकिन जो भी मैंने किया वो अपनी माँ के लिये ही किया, पता नहीं मुझे क्यों उस आंटी में अपनी माँ की परछाई दिखती है?”

तभी शकील बेहोशी से जाग उठता है, और रमेश को खयालो में खोया देखकर धीरे-धीरे उठकर रमेश के पीछे जाता है, और रमेश के बाल एक हाथ से पकड़ लेता है।

और रमेश को कुछ समझ में नहीं आता, शकील ने उसके बाल इतने जोर से पकड़े थे कि रमेश की दर्द से चीख निकल जाती है- “आआयययीईई…”

शकील रमेश के बाल और गर्दन पकड़कर बोलता है- “अबे हरामजादे, तेरी इतनी हिम्मत कि तूने मुझे मारने की कोशिश की? नमकहराम, आज तो तुझे मैं मार-मार के नामर्द बना दूँगा…” ये बोलते हुये शकील रमेश के बाल खींचकर उसे नीचे गिरा देता है, और पागल गधे की तरह लात रमेश के पेट और मुँह पर मारने लगता है।

रमेश- “आईईई चाचा, आईईइ, बच्चे की जान लोगे क्या? अह्ह… आईईई… मर गया…”

रमेश की चीखों को नज़रअंदाज करके शकील रमेश पर अपना गुस्सा निकालने लगता है, उसे बेदर्दी से मारने लगता है। रमेश के कपड़े फट जाते हैं, सर पर लगी चोट से खून बहने लगता है, और रमेश बेहोश हो जाता है। और पूरी तरह बेहोश हो जाता है, 15 मिनट रमेश की पिटाई के बाद शकील भी अब थक चुका था।

शकील- “ओह्ह… साला, मैंने तो सोचा था कि ये हरामी रमेश लल्लू है। लेकिन ये तो हरामी भड़वा निकला, नमकहराम, साला ड्यूटी पर हूँ इसलिये मजबूरी में जिंदा छोड़ रहा हूँ, नहीं तो इस साले को आज मार ही डालता…” तभी शकील का वाइब्रेशन मोड पर रखा हुआ मोबाइल बजने लगता है। शकील फ़ोन अपने पाकेट से निकालता है तो वो फ़ोन करने वाला नौशक था, इसलिए शकील झट से फ़ोन उठाता है।

शकील- “क्या भाई, आपको मेरा सलाम, जो आपने मुझे बचा लिया उस सिचुयेशन से, नहीं तो हरी और स्वामी मेरा बैंड बजा देते…”

नौशक- “चल वो छोड़, मैंने तुझे दोस्त के नाते हेल्प की थी, लेकिन तुझे भी मेरा एक फेवर करना होगा…”

शकील- “आप जो बोलें, वो सर आँखों पर। मैं क्या हेल्प कर सकता हूँ आपकी?”

नौशक- “वो थी ना, वो रंडी, उसके साथ मुझे मजे करने हैं… और तुझे ही उस रंडी और मेरा टांका भिड़वाना है, समझा? नहीं तो?”

शकील नौशक की बात काटते हुये बोलता है- “अरे भाई, दरसल बात ये है कि वो रंडी नहीं है, वो तो कोई मेच्यूर औरत है, जिसको मैंने ब्लैकमेल करके फँसाया था…”

नौशक- “अबे कमीने, तू तो बोला था कि वो रंडी है…”

शकील- “अरे हा… हाँ … लेकिन अगर मैं सच्चाई बोलता तो मेरी जाब चली जाती, और ब्लैकमेल करने के आरोप में जेल भी हो जाती, समझा…”

नौशक- “मतलब तूने फिर से वो बंद सी॰सी॰टी॰वी॰ से शिकार किया? मतलब तू अब भी उस औरत को कंट्रोल कर सकता है ना?”

शकील- “पहले तो वो मस्त माल पूरे कंट्रोल में थी, लेकिन उस चाय वाले ने सारी गड़बड़ क दी, और अब उस रंडी को सच्चाई पता चल गई है कि वो सी॰सी॰टी॰वी॰ बंद है, समझा? इसलिए अब वो माल मेरे हाथ से निकल चुका है…”

नौशक- “शकील, एक बात समझ ले, मैंने तेरी हेल्प में अब तक बहुत पापड़ बेले हैं, तुझे बहुत सी मुषीबतों से बाहर निकाला है, तुझे कैसे भी करके उस माल के साथ मेरा टांका भिड़वाना ही होगा, समझा? नहीं तो मैं अपनी दोस्ती भूल जाऊँगा, और तेरा सब काला चिट्ठा खोल दूँगा…”

ये सुनकर शकील डर जाता है और झट से बोलता है- “भाई, तू उस औरत के लिये इतना क्यों, अपना दिमाग गरम कर रहा है, मैं तेरा टांका किसी और आइटम के साथ भिड़ा दूँगा, टेंशन मत ले…”

नौशक गुस्से में- “उस जैसा माल मैंने जिंदगी में नहीं देखा है, मस्त मोटी-मोटी जांघें, बड़े-बड़े दूध के टैंकर, गोरा बदन, जिसका मजा मुझे लेना ही है, समझा? तूने भी लिया होगा, अब तुझे मेरा इंतज़ाम भी करना होगा। मैं तुझे 3 घंटे की मोहलत देता हूँ…” ऐसा बोलते हुये नौशक फ़ोन रख देता है।

और उसके बाजू में दारू पीकर बेहोशी में लेटे हुये हरी और स्वामी की तरफ देखकर मन ही मन बोलता है- “इन दोनों को तो मैंने दारू पिलाकर रास्ते से हटा दिया है, अब देखते हैं कि ये शकील मेरा टांका उस रंडी के साथ भिड़ाता है या नहीं? अगर नहीं भीड़ाता तो, मेरा उस मस्त लचीली गाण्ड वाली को चोदने का सपना चूर-चूर हो जाएगा…” फिर वो एक ओर दारू का पेग बनाता है, और पीने में लग जाता है।

दोपहर के 3:04 बज चुके हैं, करीना को भी पता नहीं चला कि उस टी॰टी॰ई॰ कोच में करीना ने 3 घंटे बिता दिए थे, वो भी दर्दनाक 3 घंटे, हाहाहा।

और वहाँ करीना के कोच में, गोगा और उसके साथ बैठे, समीर, संदेश अब होश में आ गये थे, और अब्दुल अपने हाथ से गये चुदाई के मौके को सोचकर मन ही मन बोलता है- “साला, अपना नसीब ही खराब है, इतना मस्त माल मेरे हाथ लगा था, उस साले टी॰टी॰ई॰ ने सब प्लान पर पानी देर दिया, नहीं तो आज तो उस मस्त माल को तो ठोंक ही देता, क्या मस्त टेस्टी दूध था उसका, उम्म्म…”

तभी समीर और रमेश जो कि अब पूरे होश में आ गये थे, वो उपर की सीट से नीचे देखते हुये बोलते हैं- “अबे गोगा, वो तेरी रिश्तेदार कहाँ गई?”
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[size=large][size=large][size=large][size=small][size=large]गोगा- “यार पता नहीं… वो टी॰टी॰ई॰ आया था, लेकिन में तब नशे में था, वो मुझसे डब्ल्यू॰टी॰ की पूछताछ कर रहा था, और उसके बाद क्या हुआ मुझे पता नहीं? मेरा सिर भी दुख रहा है, मैं जरा बाहर देखने जाता हूँ, कि वो कहा गई है?” ऐसा बोलते हुये गोगा कोच से बाहर निकलता है, और करीना को ढूँढने में लग जाता है, क्योंकि आख़िरकार करीना उसके लिये एक सोने के अंडे देने वाली मुर्गी थी।

गोगा करीना को ढूँढने के लिये सभी कोचों में ताक-झाँक करके, बीच में से नम्बर 12 की बोगी की तरफ बढ़ रहा था, और आगे बढ़ते-बढ़ते दोनों बगल की कोचों को देख रहा था, तभी पीछे से आवाज आती है- “गोगा…” और वो आवाज करीना की थी जो, धीरे-धीरे अपने कोच की तरफ बढ़ रही थी।

गोगा उस आवाज की तरफ मुड़कर देखता है, तो उसे नकाब पहनी हुई करीना, दिखती है। करीना को सभल-सभलकर आगे बढ़ते देखकर गोगा जरा असमंजस में पड़ जाता है, और आगे करीना की तरफ बढ़ता है, और करीना के नज़दीक जाकर बोलता है- “क्या हुआ मेडमजी, इतना सभल-सभल कर क्यों चल रही है आप?” 

करीना अपने दुख और दर्द को छिपाते हुये बोलती है- “क्योंकि वो जरा मेरा पाँव, चलते वक़्त लचक गया था, इसलिये जरा दुख रहा है…”

गोगा- “क्या मेडमजी आप भी ना… आगे से सभाल कर चलियेगा…” ये बोलते हुये गोगा करीना के साथ कोच में जाने के लिये बढ़ता है जहाँ अब्दुल, समीर संदेश, बैठे हैं।

उधर दूसरी तरफ शकील टेंशन में था, कि कैसे वो नौशक का उस रंडी के साथ टांका भिड़ा दे? रमेश बेहोश नीचे फर्श पर गिरा था, और शकील, पूरा टेंशन में बेड पर बैठा था। अगर उसने नौशक का उस औरत के साथ टांका नहीं भिड़ाया तो नौशक उसका सारा काला चिट्ठा खोल देगा, और इसका शकील को डर था। उसे कैसे भी करके नौशक की सेटिंग लगवानी ही थी। लेकिन शकील को ये समझ में नहीं आ रहा था कि जो रंडी उसे धमकी देकर गई है, उसे वो मनाए कैसे? और पहले जैसे वो ब्लैकमेल कर भी नहीं सकता, क्योंकि उसकी पोल तो कब की रमेश ने खोल दी थी।

तभी शकील के दिमाग में एक ईडडया आता है, और शकील मन ही मन बोलता है- “साला, मेरी चुदाई के प्लान की इसी कमीने ने वाट लगाई है, अब साला यही कमीना मेरा प्लान कामयाब करेगा, क्योंकि, जब मैं इसे मारने के लिए आगे बढ़ा था तो वो साली रंडी बीच में आ गई थी, और मुझे इस रमेश को मारने से रोका था। मतलब उस रंडी के दिल में रमेश के लिये हमदर्दी है, वो भी उसकी ठुकाई के बाद… मतलब कुछ तो लोचा है? अब मैं इस रमेश को चारे की तरह इस्तेमाल करूँगा, देखता हूँ वो मछली फँसती है क्या?” ऐसा सोचते हुये शकील पिटाई से बेहोश पड़े रमेश के हाथ पैर बाँध देता है, और उसे कोच में कोने में लेटा देता है, फिर शकील नौशक को फ़ोन करता है- “ट्रिंग ट्रिंग ट्रिंग ट्रिंग…”

और वहाँ नौशक फ़ोन की रिंग सुनकर जाग जाता है, और खीसे में से मोबाइल निकालता है, और शकील का नम्बर देखकर फ़ोन उठाता है- “हाँ, शकील चाचा बोलो? मैंने जो तुझे बोला था, वो काम हुआ?”

शकील- “अभी तक तो नहीं, लेकिन हो जाएगा, उसी के बारे में बोलने के लिये फ़ोन किया है…”

नौशक- “तुम्हें पता है ना कि अगर मेरा काम तुमने नहीं किया तो तुम्हारा क्या अंजाम होगा?”

शकील डरते हुये बोलता है- “हाँ नौशक, क्यों बात-बात पे डराते हो, मैंने बोला है ना कि तुम्हारी सेटिंग उस रंडी के साथ लगवा दूँगा, तो क्यों इतना गुस्सा हो रहे हो?”

नौशक- “हाँ… ठीक है, लेकिन जो काम बताया है, वो जल्दी करो, क्योंकि स्वामी और हरी को मैंने दारू दे देकर बेहोश कर दिया है, उनके होश में आने से पहले मुझे सब कुछ उस रंडी के साथ करना है, समझे?”

शकील टेंशन में बोलता है- “हाँ समझ गया, अब क्या बूढ़े की जान लोगे? तुम यहाँ अभी के अभी मेरे कोच में आ जाओ, बाकी का प्लान मैं तुम्हें यहाँ मेरे कोच में बताऊँगा, आ जाओ…”

नौशक- “हाँ, ठीक है चाचा, मैं एक मिनट में आया…” ये बोलकर नौशक स्वामी और हरी को बेहोशी की हालत में छोड़कर अपने कोच से बाहर निकलता है, और शकील के कोच की तरफ उत्तेजना में बढ़ता है।

शकील भी फ़ोन रखकर, खुद बेड पर टेंशन में बैठ जाता है।

दूसरी तरफ करीना ने पेन-किल्लर की गोलियाँ खा ली, अब करीना को सूजी हुई गाण्ड के छेड़ का दर्द महसूस नहीं हो रहा था, अब करीना अपने आपको कंफर्टेबल महसूस कर रही थी।

आगे की सीट पर बैठा हुआ अब्दुल करीना के बिना ब्रा के ब्लाउज में क़ैद चूचे देख-देखकर, बीच-बीच में अपना लण्ड मसल रहा था। समीर और संदेश की भी दारू अब उतर चुकी थी, अब वो दोनों अब्दुल के साथ नीचे सीट पर बैठे थे और मोबाइल पर चेटिंग में बिजी थे।

उधर वहाँ गोगा, अपने सफ़र के बाद की प्लानिंग मन ही मन सोचकर तैयार कर रहा था।

करीना खिड़की के बाहर देखते हुये मन ही मन- “बेचारा रमेश, मुझे बचाने के खातिर उसने अपनी जान मुशीबत में डाल दी, पता नहीं उस बूढ़े ने रमेश के साथ अब क्या किया होगा?”

और वहाँ टी॰टी॰ई॰ कोच में रमेश को होश आ चुका था, अपने आपको बुँधा हुआ पाकर वो जरा डर जाता है, और छूटने की कोशिश करता है। बेड पर बैठे शकील की नजर रमेश की तरफ जाती है, रमेश को छटपटाता देखकर शकील बोलता है- “क्या बे साले, इतना क्यों छटपटा रहा है। अब अच्छे बच्चे की तरह, शांत लेटा रह, समझा? नहीं तो तेरा यहीं ट्रेन में मर्डर कर दूँगा…”


रमेश छूटने की कोशिश करते हुये बोलता है- “चाचा, माफ़ कर दो प्लीज़्ज़ि, छोड़ दो मुझे…” ये कहकर रमेश रोने लगता है।

शकील- “अबे कमीने, जिस प्लान पर तुमने पानी देरा था ना… अब उसी प्लान को मैं तेरा इस्तेमाल करके पूरा करूँगा समझा, गान्डू…”
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[size=large][size=large][size=large][size=small][size=large][size=small][size=large]तभी दरवाजे पर कोई नाक-नाक करता है।[/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size]
 
शकील मन ही मन बोलता है- “हाँ, नौशक ही आया होगा…” और शकील दरवाजा खोलने के लिये बढ़ जाता है, फिर दरवाजा खोलकर, नौशक को कोच के अंदर लाता है।

नौशक जब रमेश को घायल अवस्था में बुँधा हुआ देखता है तो बोलता है- “अबे चाचा, ये चाय वाले को क्यों बाँधकर रखा है? तू क्या अब मर्दों पर भी अपनी हवस निकालने लगा?”

शकील “इसी चाय वाले की वजह से वो रंडी हाथ से गई, समझा? इसलिये इसकी ये हालत की है मैंने…”

नौशक- “क्या किया इसने, जो वो रंडी तेरे हाथ से गई?”

शकील- “बाद में बताऊँगा, बहुत लंबी कहानी है। अब काम की बात करते हैं…”

उधर रमेश बेसुध होश में फर्श पर लेटा हुआ और बाँधा हुआ था, और कुछ भी सोचने की हालत में नहीं था।

शकील नौशक को बेड पर बैठाता है, और खुद भी उसके बाजू में बैठ जाता है, और बोलता है- “अब सुन मेरा प्लान क्या है, वो?”

नौशक- “हाँ, सुनाओ?”

शकील- “वो देख रहा है ना, चाय वाला रमेश, जिसे मैंने बाँध के रखा है, हम उसी का इस्तेमाल करेंगे, उस रंडी को मनाने के लिये, समझा?”

नौशक- “क्या चाचा… अच्छा मजाक कर लेते हो। उस चुतिये के लिये वो रंडी मेरे से चुदने के लिये क्यों मानेगी?”

शकील- “उस चुतिये ने ही उस रंडी की गाण्ड बजाई है, और ये तुझे पता ही होगा। इसी बात से मैं जब गुस्सा होकर उस रंडी के सामने इस चायवाले को मारने उसकी तरफ बढ़ा तो वो रंडी मेरे बीच में आ गई, और मुझे रमेश को मारने से रोका, तो इससे ये बात तो साबित होती है कि रमेश के लिये उस रंडी के अंदर दया है। और उसी दया का हम पूरा फ़ायदा उठाएँगे…”

नौशक- “हाँ, बात में दम तो है, लेकिन कयोर नहीं हूँ कि ये प्लान काम करेगा भी या नहीं?”

शकील- “तू सिर्फ़ आम खा समझा, गुठलियाँ मैं गिन लूँगा। जब मैं उस रंडी को यहाँ कोच में लाऊँगा, तो उसके सामने सिर्फ़ तुझे रमेश को टॉर्चर करना है। देखते हैं कि उसका दिल रमेश के लिये पिघलता है क्या?”

नौशक “ओके, डन…”

शकील- “तू यहाँ कोच में रहना, और जब मैं उस रंडी को मनाकर डराकर, यहाँ लाऊँगा, तब रमेश को उसके सामने ही टॉर्चर करना, ओके?”

नौशक- “हाँ चाचा, अब सबर नहीं हो रहा, मुझे उस रंडी को अपनी बाहों में लेना है, अब तुम जल्दी जाओ, और उस मस्त माल को यहाँ ले आओ…”

ये सुनते ही शकील टी॰टी॰ई॰ युनिफ़ॉर्म में कोच से बाहर निकलता है। नौशक पूरा उत्तेजित था, और उस औरत को टॉर्चर करने के तरीके मन ही मन सोच रहा था। और उधर शकील पूरा टेंशन में था, और अपने टारगेट की ओर बढ़ रहा था।
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वही करीना भी अपने कोच में सीट पर डिप्रेशन में बैठी खिड़की से बाहर का नजारा देख रही थी। तभी अब्दुल जो करीना के बदन को भूखे कुत्ते की तरह देख रहा था, वो करीना को बोलता है- “ओ मेडमजी क्या हुआ, इतनी परेशान क्यों लग रही हैं आप?”

अब्दुल की बात सुनकर करीना अब्दुल की तरफ देखकर बोलती है- “नहीं तो, मैं ठीक हूँ, भैया…”

खूबसूरत्त औरत के मुँह से अपने लिये भैया शब्द सुनकर अब्दुल का मूड ऑफ हो जाता है, और वो बोलता है- “हाँ, ओके, कोई परेशानी हो तो मुझे बताइएगा…”

करीना- “हाँ भैया…”

तभी वहाँ शकील पहुँच जाता है, और शकील को देखकर करीना डर जाती है, और शरम से लाल हो जाती है। गोगा भी शकील को देख डर जाता है, क्योंकि गोगा डब्ल्यू॰टी॰ से सफ़र कर रहा था।

अब्दुल शकील को देख बोलता है- “क्या हुआ… साहब?”

शकील- “मुझे मेडमजी से काम था, इसलिये आया हू…”

शकील को अपने लिये आया देखकर करीना गुस्से में बोलती है- “क्यों, क्या काम हे?”

शकील करीना की तरफ देखकर बोलता है- “मुझे आपसे रमेश के बारे में बात करनी है…”

करीना समझ जाती है कि शकील उस चायवाले की बात कर रहा है, इसलिये करीना अपने गुस्से को काबू में करके बोलती है- “वो ठीक तो है ना? तुमने उसको…”

तभी शकील करीना की बात बीच में काटकर बोलता है- “आप जरा कोच से बाहर आइए, मैं यहाँ ऐसे सबके सामने नहीं बता सकता…”

करीना मन ही मन- “बेचारा रमेश, लगता है, किसी मुशीबत में फँस गया है। जब मैं मुश्किल में थी, तब अपनी जान की परवाह ना करते हुये रमेश ने मुझे इस कमीने के चुंगल से बचाया, और इस कुत्ते की मेरे सामने पोल खोल दी थी। और अब मुझे भी रमेश की हेल्प करनी चाहिए, मन तो कर रहा है इस कमीने को यहीं से फूटने के लिये कह दूँ…”

करीना- “ठीक, है, मैं बाहर आती हूँ, तुम बाहर रूको…”

करीना के बाहर आते ही, शकील करीना का हाथ पकड़ता है और उसे उसके कोच से दो कोच दूर ले जाता है।

शकील की इस हरकत से करीना भड़क जाती है और बोलती है- “बदतमीज़ बूढ़े, तुमने तब मेरे मजबूरी का फ़ायदा उठाया था ब्लैकमेल करके, लेकिन अब नहीं…” ऐसे बोलते हुये करीना शकील को थप्पड़ मारने के लिये अपना हाथ उठाती है।

लेकिन शकील करीना का हाथ पकड़ लेता है। उस समय सब सफ़र करने वाले लोग अपने-अपने कोच को पर्दे से ढक कर अंदर बैठे थे, इसलिए बाहर क्या चल रहा है, वो उन लोगों को पता नहीं था, इस चीज का फ़ायदा उठाते हुये शकील करीना का हाथ पकड़कर मरोड़ देता है।

करीना दर्द से- “अह्ह, छोड़ कमीने…”

शकील- “अब जो मैं कहने वाला हूँ वो ठीक से सुन…”

करीना- “पहले मेरा हाथ छोड़ो, आह्ह…”

शकील करीना का हाथ मरोड़ना बंद करता है और बोलता है- “साला, जब मुझे होश आया ना, तब उस कमीने चायवाले को मैंने कुत्ते की तरह मारा…”

ये सुनकर करीना गुस्से से शकील के तरफ देखने लगती है।

शकील करीना की आँखों में अपने लिये गुस्सा देखता है, और उसको समझ में आ जाता है कि उसका खेल कामयाब होगा। शकील कहता है- “ऐसे क्या गुस्से में देख रही है मुझे, बेचारे चायवाले की मैंने इतनी पिटाई की है, कि वो ठीक से चल भी नहीं पा रहा, हाहाहाहा…”

करीना अपने गुस्से को काबू नहीं कर पाती, और शकील को बोलती है- “अगर, रमेश को कुछ भी हुआ तो मैं तुम्हें जिंदा नहीं छोड़ूींगी समझे? उस बेचारे की माँ मर गई है, लेकिन ये मत समझना कि वो अकेला है, क्योंकि मैं उसके साथ हूँ, समझे…”

शकील हँसते हुये बोलता है- “अगर तुम रमेश को जिंदा देखना चाहती हो तो, अभी के अभी मेरे साथ टी॰टी॰ई॰ कोच में चलो, अगर नहीं आओगी तो रमेश कल का सूरज नहीं देख पाएगा…”

करीना मन ही मन- “हे भगवान्… मुझे उस कोच में फिर से नहीं जाना। क्या करूँ अब? मुझे रमेश की भी जान बचानी है, और अपनी भी…”

करीना- “क्यों, मैं क्यों आऊँ वहाँ?”

शकील बोलता है- “कितने सवाल करती हो तुम? अब से तू जितने सवाल पूछेगी उतनी रमेश की उंगलियाँ कटेंगी समझी…”

शकील की बात सुनकर करीना फ्लैशबैक में जाती है, जब रमेश ने बोला था- “आपका दूध पीकर मुझे मेरी माँ याद आ गई…” रमेश की बातें करीना के ऊपर हावी हो जाती हैं, और करीना की ममता जाग जाती है। एक बोलीवुड एक्ट्रेस एक लो-क्लास लड़के को अपने बेटे के समान महसूस कर रही थी।

करीना मन ही मन- “नहीं, मैं कुछ नहीं होने दूँगी रमेश तुम्हें, मैं तुम्हें मुशीबत से निकालूंगी। थैंक गोड… मैंने अपने साथ मिर्च का स्प्रे ले लिया है, अगर शकील ने मेरे साथ कुछ भी गलत हरकत करने की कोशिश की तो मैं उसपर मिर्च का स्प्रे छिड़क कर, वहाँ से रमेश को लेकर अपने कोच में आ जाउन्गी, हाँ ये ठीक है…”

करीना अपने आपको सभालती है, अपने डर और गुस्से को काबू में करके बोलती है- “हाँ ठीक है, लेकिन आप आगे जाओ, मैं पीछे-पीछे आ जाउन्गी…”

ये सुनकर शकील के मन में लड्डू फूटता है और वो बोलता है- “अभी चल मेरे साथ…”

करीना मौके की नजाकत को समझ लेती है और शकील से प्यार से बात करने लगती है- “अंकल, मैं आ जाउन्गी, आप आगे बढ़िए…”

शकील- “ठीक है, लेकिन अगर कोई भी चालबाजी की तो रमेश की जान खतरे में आ जाएगी समझी?”

करीना- “हाँ…” और करीना अपने कोच की तरफ बढ़ती है, और कोच में जाकर अपने पर्स को चेक करती है।

गोगा करीना की तरफ देखकर बोलता है- “क्या हुआ, वो शकील क्या बोला?”

गोगा को कोई ऐसा वैसा शक ना हो इसलिये करीना बोलती है- “तुम्हारे डब्ल्यू॰टी॰ के बारे में बोल रहा था वो…”

गोगा- “लेकिन टी॰टी॰ई॰ तो कोई रमेश के बारे में बोल रहा था ना?”

करीना- “वो तो एक बहाना था, किसी को पता ना चले इसलिये…”

गोगा- “ओह्ह मेडमजी, प्लीज़्ज़ि मामले को रफ़ा - दफ़ा कर दीजिएगा, प्लीज़्ज़ि…”

करीना पर्स लेकर कोच से बाहर जाते वक़्त बोलती है- “हाँ गोगा, तुम टेंशन मत लो…” और करीना कोच से बाहर निकलकर टी॰टी॰ई॰ कोच की तरफ बढ़ जाती है।
 
शकील अपने कोच में पहुँच चुका था, बेड पर बैठा नौशक जब शकील को अकेला ही देखता है तब गुस्से में बोलता है- “चाचा, राड़ कहाँ है?”

शकील कोच का दरवाजा लाक करते हुये बोलता है- “धीरज रख बेटा, आ जाएगी, उसने मुझसे कहा है कि वो थोड़ी देर में आएगी…”

नौशक- “शकील, तुझको पता है ना कि अगर तुमने मेरी ख्वाइश पूरी नहीं की तो मैं क्या कर सकता हूँ?”

शकील डरते हुये बोलता है- “वो छोड़, अब मैं जो बोलता हूँ वो कर…”

नौशक- “हाँ बोलो…”

शकील- “इस चायवाले को मार-मार के इसका मेकप कर दे, जिससे वो रंडी जब रमेश की पतली हालत देखेगी, तो वो रंडी का दिल पिघल जाएगा…”

ये सुनते ही रमेश जो कि हाथ पाँव बुँधा हुआ पहले से ही शकील की मार खाकर फर्श पर लेटा हुआ था, वो डर जाता है। उससे समझ में आ जाता है कि अब एक और बार उसकी पिटाई होने वाली है। ये देख रमेश दया की भीख माँगते हुये बोलता है- “चाचा प्लीज़्ज़ि… ऐसा मत करो, मेरी हड्डियाँ पहले से ही दुख रही हैं, तुम्हारी की हुई पिटाई से, प्लीज़्ज़ि, अब मुझे छोड़ दो…”

नौशक जब शकील की बात सुनता है, तब वो बेड से उठकर रमेश की ओर बढ़ता है, रमेश का भीख माँगना और गिड़गिड़ाना नज़रअंदाज करके नौशक फर्श पर लेटे हुये और बँधे हुये रमेश की ओर बढ़ता है। नज़दीक जाकर खड़े होते ही नौशक अपना एक पाँव रमेश के मुँह पर रख देता है, जिससे रमेश कुछ बोल नहीं पाता। तब नौशक ने काले बूट पहने थे, बूट की गंदी सतह रमेश के मुँह पर नौशक अपने पाँव से दबा रहा था, और बुँधा हुआ रमेश छटपटा रहा था।

नौशक रमेश के मुँह पर अपना एक पाँव रखकर बोलता है- “आज तो मेरे हाथ भी खुजला रहे हैं, किसी को मारने के लिये। मेरे जीवन की सारी भड़ास अब मैं तेरे ऊपर निकालूँगा, चूहे…” और नौशक रमेश के मुँह को अपने पाँव से ऐसे मसल रहा था, जैसे कोई सिगरेट बुझाने के लिये मसलता है। रमेश दर्द से तड़प रहा था। तभी नौशक रमेश के मुँह पर से अपना पाँव उठाता है, और अपने पैंट से काला चमड़े का बेल्ट निकालता है।

रमेश के होठों से खून बह रहा था, और सामने नौशक को बेल्ट हाथ में लेकर खड़ा देखकर घबरा जाता है और बोलता है- “भाई प्लीज़्ज़ि, प्लीज़्ज़ि भाई… रहम दिखाओ भाई, प्लीज़्ज़ि…”

लेकिन रमेश की बात को नज़रअंदाज करके नौशक रमेश को बेल्ट से पीटना शुरू करता है।

बेल्ट की मार रमेश के पैर पर लगती है, इससे रमेश दर्द से चिल्लाने लगता है- “आईईई… मर गया ऐययाईई…”

शकील बेड पर बैठकर दर्दनाक पिटाई का सारा नजारा लाइव देखकर हँसते हुये बोलता है- “सही है, सही है नौशक, ऐसे ही मार हरामजादे को, मार साला नमकहराम है, एक नम्बर का…”

नौशक शकील की बात सुनकर और ज़्यादा जोश में आ जाता है और किसी जानवर की तरह रमेश की पिटाई करने लगता है।

रमेश किसी कुत्ते की तरह दर्द से चिल्ला रहा था। नौशक की बेल्ट की एक मार रमेश के चश्मे पर लगती है, और चश्मा जो की पहले से ही शकील की पिटाई के वक़्त जरा सा टूट गया था, वो अभी नौशक की पिटाई के वक़्त पूरा टूटकर अलग हो जाता है, इससे रमेश को सारी चीजें अब धुंधली नजर आने लगती हैं।

लेकिन नौशक को रमेश के ऊपर जरा भी रहम नहीं आ रहा था। अब नौशक हद ही कर देता है, बेल्ट को उल्टा पकड़कर, लोहे के हीस्से से रमेश को मारने लगता है, 10-12 फटके मारने के बाद, लोहे का हिस्सा रमेश के सर को लगता है, इससे रमेश बेहोश हो जाता है। लेकिन फिर भी नौशक किसी पागल कुत्ते की तरह रमेश को बेल्ट से मारे जा रहा था। तभी कोच के दरवाजे से नाक नाक की आवाज आती है।

नौशक रमेश को मारना बंद करता है, और शकील की तरफ देखकर शैतानी स्माइल करते हुये बोलता है- “लगता है, रांड़ आ गई। जा, जाकर दरवाजा खोल जल्दी, सबर नहीं हो रहा मुझे अब…”

शकील बेड से उठकर दरवाजे की ओर जाता है, और दरवाजा खोलता है। सामने नकाब पहनी वही औरत देखकर उससे हाथ से खींचकर अंदर लाता है, और दरवाजा फिर से लाक कर देता है।

करीना जब कोच के अंदर आती है, तो सामने एक आदमी को बेल्ट लिये हुये खड़ा देखकर, और नीचे रमेश को बेशुध और जख्मी हालत में बेहोश लेटा देखकर, शकील की तरफ देखकर बोलती है- “तुम लोग नर्क में सड़ोगे, उस बेगुनाह ने तुम लोगों का क्या बिगड़ा था, जो उसकी ये हालत कर दी आप लोगों ने?”

फिर करीना बेल्ट लिये खड़े उस आदमी की तरफ देखकर बोलती है- “मैं गलत नहीं हूँ तो तुम वही गार्ड हो ना, जिसे मैंने…”

तभी नौशक करीना की बात बीच में काटते हुये बोलता है- “तब का तब लेकिन, अभी मैं तेरा भड़वा हूँ समझी?”

नौशक की बात सुनकर शकील हँसने लगता है और वो बोलता है- “सही बोला तूने नौशक, हा ाहाहाहा…”

किसी लो-क्लास गार्ड के मुँह से इतना बड़ा शब्द सुनकर करीना डर और गुस्से से गार्ड की ओर देखकर बोलती है- “मुँह बंद रखो अपना, और अभी के अभी उस रमेश के बधे हुये हाथ पाँव छोड़ो, और सीधा सीधा हम दोनों को यहाँ से जाने दो…” करीना शकील और नौशक के इरादे भाँप चुकी थी, लेकिन करीना हार मानने वालों में से नहीं थी।

शकील हँसते हुये बोलता है- “हाहाहा… ऐसे कैसे जाने देंगे तुझे जानेमन, पहले टेक्स तो भर दो…”

करीना- “देखो, जितना पैसा चाहिए, मैं उतना दूँगी, लेकिन मुझे और रमेश को अभी जाने दो प्लीज़्ज़ि…”

नौशक करीना की बात सुनकर बोलता है- “तू ठहरी मिडिल क्लास औरत, तू कितना पैसा दे सकती है? ज़्यादा से ज़्यादा एक लाख, दो लाख ना? तो इतने पैसे में तू हमको खरीद नहीं सकती समझी? क्योंकि इन पैसों से ज़्यादा तेरा जिस्म महँगा है। तेरे जैसा गोरा बदन मैंने पहली बार अपनी लाइफ में देखा है, तू ऊपर से नीचे तक मस्त है मस्त…” ऐसा बोलते हुये नौशक हाथ में पकड़ा हुआ बेल्ट बेड पर फैंक देता है, और करीना की तरफ बढ़ने लगता है।

नौशक को अपनी ओर आता देखकर करीना डर जाती है और वो बोलती है- “मैं तुम्हें एक करोड़ रुपये दूँगी। प्लीज़्ज़ि, जाने दो हमें…”

करीना की बात सुनकर शकील जो की करीना की साइड में ही खड़ा था, वो हक्का बक्का होकर बोलता है- “क्या तू सच बोल रही है कि तू हमें इतना पैसा देगी?”

तभी नौशक जो करीना की तरफ बढ़ रहा रहा था, वो हँसते हुये बोलता है- “हाहाहा… साली रंडी झूठ बोल रही है बचने के लिये…” ये बोलते हुये नौशक करीना के पास जाता है, और करीना की गोरी कमर को एक हाथ से पकड़ता है, और अपनी ओर खींचता है। इससे करीना नौशक की बाहों में आ जाती है।

करीना नौशक की बाहों से छूटने की कोशिश करती है।

लेकिन नौशक ने करीना को बहुत कसके पकड़ा था, जिससे करीना छूट नहीं पा रही थी, नौशक के मुँह से आती गुटखे, तम्बाखू की बदबू करीना को बर्दाश्त नहीं हो रही थी।

नौशक करीना को बाहों में पकड़कर बोलता है- “क्या माल है तू, वाह मजा आ गया तुझे बाहों में लेकर, तेरा गोरा बदन तो माशाअल्लाह बहुत खूबसूरत है, अब तेरा ये नकाब हटाकर मुझे तेरे पूरे हुश्न का दीदार करना है…” ऐसा बोलते हुये नौशक करीना का नकाब हटाने के लिये अपना हाथ करीना के पहने हुये नकाब की ओर बढ़ाता है।

ये देखते ही करीना डरते हुये और अपनी पहचान छिपाने के लिये बोलती है- “नहीं प्लीज़्ज़ि, नहीं… मेरे धर्म में औरतें अपना मुँह किसी पराए मर्द को नहीं दिखाती, इसलिए प्लीज़्ज़ि… ऐसा मत करो। मुझे छोड़ो प्लीज़्ज़ि, जाने दो…”

नौशक एक मुस्लिम है, और उसके धर्म में भी उनकी औरतें नकाब पहनती हैं, और अपना मुँह किसी पराए मर्द को नहीं दिखाती, इसलिये वो बोलता है- “चल ठीक है, नकाब नहीं उतार सकते तो क्या हुआ, बाकी का तो उतार सकते हैं ना? हाहाहाहा…” ऐसा बोलते हुये नौशक अपने दोनों हाथ करीना की मोटी 36: साइज की गाण्ड पर रखकर गाण्ड को सहलाने और दबाने लगता है।

करीना- “छोड़ कमीने…”


नौशक करीना की मस्त गाण्ड की मोटी फांकों को हाथ से दबा और मसलते हुये बोलता है- “वाह, ऐसी मोटी मस्त हाई-फ़ाई नरम गाण्ड को मैंने मेरी पूरी लाइफ में छुआ नहीं था, लेकिन आज तूने मेरी मुराद पूरी कर दी। मजा आ गया मुझे तो आज रंडी, लेकिन खेल तो अब शुरू हुआ है…”

नौशक की अश्लील हरकतों से करीना गुस्सा हो जाती है, और नौशक के लण्ड पर अपना घुटना मारती है, इससे नौशक की पकड़ करीना के ऊपर से छूट जाती है, और वो अपनी पैंट के ऊपर से अपने लण्ड पर हाथ रखे चीखता है- “अह्ह… साली रंडी…”

और नज़दीक खड़ा शकील जब करीना को पकड़ने के लिये करीना के ऊपर झपटता है, तब करीना अपने पर्स से जल्दी से मिर्च का स्प्रे निकालती है, और शकील के मुँह पर छिड़क देती है। शकील को अपनी आँखों में जलन महसूस होती है, और इससे होता दर्द शकील सह नहीं पाता और कुत्ते की तरह चिल्लाने लगता है- “अरे, मर गया, अबे रंडी क्या डाल दिया मेरी आँखों में, आऐईइ, अल्ल्लाह…” शकील कोच में अपनी आँखें अपने हाथों से सहलाते हुये और मसलते हुये, किसी अंधे की तरह यहाँ वहाँ टकरा रहा था, जैसे तैसे वो बाथरूम में जाता है, और नल खोलकर आँखों को धोने लगता है।
 
दूसरी तरफ, नौशक भी अपनी दर्द होती गोटियाँ पकड़कर पानी बिन मछली की तरह नीचे फर्श पर बैठकर फडफडा रहा था। करीना ने नौशक के लण्ड पर बहुत जोर की किक मारी थी, इसीलिए नौशक अभी तक रिकवर नहीं हुआ था। इस बीच करीना मौके का फ़ायदा उठाकर बेहोश गिरे रमेश के हाथ पाँव खोलती है, और उसे होश में लाने की कोशिश करती है।

तभी करीना की किक से रिकवर हो चुका नौशक पीछे से करीना के बाल पकड़ता है, और उसे खड़ा करने ही वाला था, और करीना मिर्च स्प्रे करने वाली ही थी तभी शकील बाथरूम से बाहर आता है, और करीना का हाथ पकड़ लेता है, और मिर्च स्प्रे की बोतल, नीचे फर्श पर फैंक देता है, और बोलता है- “साली रंडी, मुझे तो लगा था कि में अँधा हो चुका हूँ, शुकर है कि मैंने पानी से आँखें पानी से सॉफ कर दी नहीं तो जलन से तो मैं अँधा ही हो जाता…”

करीना नौशक की पकड़ से छूटने के लिये छटपटा रही थी, करीना- “छोड़ कमीने अह्ह उम्म्म…”

नौशक करीना के बाल पकड़कर बोलता है- “थैंक्स शकील, बचाने के लिये, नहीं तो मुझपर भी स्प्रे करने वाली थी ये रंडी। साली की किक से मेरी गोटियाँ अभी तक दर्द कर रही हैं। कुतिया ने बहुत जोर की किक मारी थी, साली कमीनी…” ऐसा बोलते हुये करीना के बाल पकड़कर, अपना मुँह छूटने के लिये छटपटा रही करीना के कान के पास ले जाता है और गुस्से में बोलता है- “देख रंडी, अगर तू हमारा साथ नहीं देगी तो, उस हरामजादे चायवाले की जान तो जाएगी ही, लेकिन उसके साथ तेरी जान भी जाएगी, वो भी बहुत टॉर्चर करने के बाद समझी? तो ज़्यादा नखरे मत कर। मेरा काम होने के बाद तू चायवाले को लेकर यहाँ से जा सकती है…”

करीना की आँखों से आँसू बहे जा रह थे, मिर्च स्प्रे के नाकाम वार से करीना की आख़िरी उम्मीद भी अब टूट चुकी थी, लेकिन करीना हार मानने वालों में से नहीं थी। भोली करीना अपने से ज़्यादा जख्मी हालत में बेहोश लेटे रमेश की चिंता ज़्यादा कर रही थी।

करीना मन ही मन- “मैं हार नहीं सकती, मैं नहीं हार मान सकती, और इन कमीनों से तो हरगिज नहीं, मैं किसी भी तरह इस मुशीबत से रमेश को निकालूंगी और खुद को भी…”

जब करीना का विरोध बंद हो जाता है, तब नौशक करीना के बाल चोड़ देता है, और करीना के पीछे जाकर खड़ा हो जाता है। करीना तब अपनी आँखें मजबूरी में बंद किए हुये खड़ी थी, तभी करीना को महसूस होता है कि कोई उसकी पीठ को चूमते हुये उसकी नाभि को हाथ से सहला रहा है। वो नौशक था, जो करीना की गोरी आधे से ज़्यादा नंगी गोरी पीठ को किसी कुत्ते की तरह चाट रहा था, और साथ में करीना की नाभि को भी अपने हाथ से सहला रहा था। तभी जोश में नौशक करीना की गर्दन को पीछे से काटता है।

और दर्द से करीना की चीख निकलती है और वो आँखें खोलती है- “आह्ह… कुत्ते…” तभी आँखें खोलते ही करीना की नजर रमेश पर जाती है, जिसके बँधे हुये हाथ पैरे करीना ने खोले थे, और अब रमेश खुला हुआ था लेकिन बेहोश था।

रमेश को देखकर करीना नौशक के चूमने, चाटने और काटने को सहते हुये मन ही मन बोलती है- “मैं तो भूल ही गई थी कि मैंने रमेश की रस्सियाँ खोलकर उसको आज़ाद कर दिया है, वो अब सिर्फ़ बेहोश है। अभी तक तो इन कमीनों की नजर खुले हुये रमेश पर नहीं पड़ी, मेरी मिर्च स्प्रे के बोतल भी उसके नज़दीक ही पड़ी है। अगर वो होश में आ जाए तो मैं उसको इशारा करके उस बोतल से इन कमीनों की आँखों में स्प्रे करने के लिये कहकर, हम दोनों यहाँ से सही सलामत भाग सकते हैं। थैंक गोड… अब सिर्फ़ इन कमीनों कि नजर उस रमेश पर नहीं जानी चाहिए, जो अब बुँधा हुआ नहीं है। क्योंकि ये कमीने उसे फिर से रस्सी से बाँध देंगे। अब मैं क्या करूँ, जिससे इन कमीनों की नजर रमेश पर ना जाए? क्या करूँ? अम्म्म्म…”

तभी नौशक करीना की कमर पकड़कर अपनी ओर खींचता है और पूरी तरह से करीना को अपनी बाहों में ले लेता है, इससे करीना की साड़ी और पेटीकोट से ढकी गाण्ड नौशक के पैंट के अंदर तने हुये लण्ड से दब जाती है। शकील सिचुयेशन को कंट्रोल में देखकर खुद बेड पर जाकर, आगे चल रहा नजारा देखकर अपना लण्ड पैंट के ऊपर से मसल रहा था। नौशक के दोनों हाथ करीना के पेट को सहलाते हुये करीना के 38” साइज के चूचों पर गये, एक लो-क्लास सड़क छाप आदमी अंजाने में एक हाई प्रोफ़ाईल औरत की, याने करीना की चुचियाँ, सहला रहा था,

जैसे ही नौशक करीना के 38” के चूचे सहलाने लगता है, तब करीना के मुँह से तड़पती आवाजें निकलने लगती हैं- “अम्म्म्म, आह्ह छोड़ मुझे, अम्म्म…”
तभी सामने चल रहे सेक्सी दृश्य का मजा लेते बेड पर बैठे लण्ड को मसलते वक़्त शकील की नजर, रमेश पर जाती है जिसके हाथ-पाँव पहले जैसे बँधे हुये नहीं होते, इसलिये वो रमेश की तरफ बढ़ता है, उसे फिर से बाँधने के लिये।

नौशक करीना के 38” के चूचे किसी भोंपू की तरह दबा रहा था। करीना की साड़ी का पल्लू भी अब जमीन पर गिरा था, जिसके कारण ब्लाउज में बिना ब्रा के क़ैद करीना के चूचे ऐसे लग रह थे, कि अभी ब्लाउज फाड़कर बाहर आ जाएँगे। इसलिए टी॰टी॰ई॰ कोच के रूम का वातावरण बेहद ही उत्तेजक बन चुका था। कोच की खिड़की से आती ठंडी हवा करीना के गरम हो चुके गोरे बदन को ठंडा कर रही थी।
 
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