hotaks444
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जहाँ एक तरफ धर्मेश और सरिता अपने-अपने काम के लिए आकाश को यूज़ करने का सोच कर खुश थे...वही दूसरी तरफ आज़ाद भी बहुत खुश था...
आज़ाद की खुशी की वजह ये थी कि एक तरफ उसकी बड़ी बेटी को घर बैठे अच्छा रिस्ता मिल गया था और आज उसे अपने चहेते बेटे आकाश के लिए भी सामने से रिस्ता मिल गया.....
लेकिन आज़ाद ने अभी ये बात किसी को नही बताई...वो सोच रहा था कि जिस दिन उसकी बेटी की शादी पक्की होगी ...तभी वो सबको आकाश के रिस्ते की बात बातायगा...
कुछ दिन यूँ ही निकल गये और फिर वो दिन आ गया जब सुभाष अपनी मामी के साथ आकृति को देखने आने वाला था....
आज़ाद के घर मे बहुत चहल- पहल थी...सारे लोग महमानो के इंतज़ार मे थे और उनकी खातिरदारी की तैयारिया हो रही थी....
आज़ाद ने अपने नौकरों को भी खेतो और फॅक्टरी से बुला लिया था....वो सब घर को सजाने के काम मे लगे हुए थे...
मदन ने पहले ही आज़ाद को बोल दिया था कि आज लड़का-लड़की के हाँ बोलते ही सगाई की रसम पूरी कर लेगे...
आकाश भी घर आ चुका था..और पूरे परिवार के लिए गिफ्ट लाया था...
उसके गिफ्ट ने सबका दिल जीत लिया और सब बेहद खुश थे...
आरती भी अपने भैया के आने से बहुत खुश थी...
धर्मेश भी अपने दोस्त का हाथ बताने आ चुका था....साथ मे उसकी दीदी, और माँ भी आई हुई थी...
अली की फॅमिली भी आज़ाद के घर पर थी...
सब औरते मेहमानो के लिए पकवान बनाने मे बिज़ी थी...
आरती और रिचा , आकृति को सज़ा रही थी...आमिर भी आकाश और धर्मेश के साथ काम मे हाथ बता रहा था..
आज़ाद, अली के साथ बैठा हुआ मेहमानो का वेट कर रहा था और साथ मे सगाई की रसम की प्लॅनिंग भी हो रही थी...
दोपहर तक मदन , सरिता, सुभाष और सुभाष की फॅमिली आज़ाद के घर पहुच गई...
सुभाष के साथ उसकी मामी और उसकी बहेन थी....
मदन- लो आज़ाद ...ले आया तेरे मेहमानो को ....
आज़ाद- अरे..हाहाहा ....आइए- आइए...
आज़ाद ने सबका स्वागत किया...रुक्मणी भी बाहर आ गई और सुभाष की मामी का स्वागत किया...
आकाश भी सुभाष से गर्मजोशी से मिला...उसे भी सुभाष पसंद आ गया....
यहाँ एक तरफ सरिता , आकाश को देख कर उसे उकसा रही थी तो दूसरी तरफ रागिनी( धर्मेश की दीदी) भी आकाश को हसरत भरी निगाहों से देख रही थी..
पर आकाश , सरिता से दूरी बनाए हुए था...वो नही चाहता था कि उनके बीच का रिश्ता फिर से बन जाए....
फिर चाइ-नाश्ता होने के बाद आकृति को नीचे बुलाया गया....
आकृति सज-सबर कर नीचे आ रही थी और सब की निगाहे उसे देख कर खुश हो रही थी....
आकृति के साथ आरती भी थी...उसने अपने भैया की लाई हुई ड्रेस पहनी थी...एक लाइट ब्लू सूट...
आकाश की निगाहे अपनी छोटी बेहन को देख कर उस पर ठहर गई थी...
आकाश को आज अपनी छोटी बेहन अचानक से बड़ी लगने लगी थी ..
आरती के खुले हुए बाल...चमकते इयररिंग...गले मे डिज़ाइनर हार...होंठो पर लिपस्टिक...
आज पहली बार आरती इतनी सजी हुई थी...जिसे देख कर आकाश खो सा गया था ....
आकाश की आँखो के अलावा भी चार आँखे थी जो आरती की खूबसूरती मे खो गई थी....
जहाँ आकाश की आँखो मे अपनी बहेन के लिए भाई-बेहन वाला प्यार था वही बाकी दो लोग उसे प्रेमी की नज़र से देख रहे थे...
आकृति और आरती नीचे आकर सबके साथ बैठ गई...
फिर सब लड़का-लड़की की तारीफ़ कर रहे थे और सुभाष तो बस आकृति मे खोया हुआ था. ...
थोड़ी देर बाद मदन ने सुभाष से और सरिता ने आकृति से उनकी मर्ज़ी पूछ ली....
दोनो ने एक-दूसरे को पसंद कर लिया और सब इस बात से बेहद खुश थे...खास कर सरिता...
फिर आज़ाद ने पंडित जी से सगाई की बात की और तय हुआ कि कल का मुहूरत सगाई के लिए बढ़िया था...
फिर खाना-पीना हुआ और सुभाष अपनी मामी के साथ सरिता के घर चला गया....
जबकि सुभाष की बेहन धर्मेश की दीदी के साथ धर्मेश के घर चली गई ......
( धर्मेश की दीदी और सुभाष की बहेन की दोस्ती सरिता के ज़रिए हुई थी...क्योकि जिस शहर मे सुभाष रहता था वही पर रागिनी भी पढ़ाई करती थी...दोनो पड़ोसी थी और फिर सरिता की वजह से वो दोनो अच्छी फ्रेंड बन गई....और अब तो दोनो ज़्यादा ही क्लोज़ थी. .)
मेहमानों के जाने के बाद मदन,अली और आज़ाद बैठ के ड्रिंक करने लगे और दूसरी तरफ आकाश और धर्मेश भी बैठ कर गप्पे करने लगे....
आमिर भी आरती और आकृति के साथ बाते कर रहा था...
यहाँ कोई किसी के प्यार के ख्यालो मे डूबा था तो कोई जल कर खाक हुआ जा रहा था....
यहाँ आज़ाद ने अपने दोस्तो से आकाश के लिए आए रिस्ते के बारे मे बताया...जिसे सुनकर मदन और अली खुश हो गये...
पर दोनो ने आज़ाद को बोला कि आकृति की शादी तक चुप रहो फिर सबको बताना...ताकि अभी सब लोग सिर्फ़ आकृति की शादी की तैयारी मे लगे रहे...और आकाश भी पढ़ाई पर ध्यान दे पाए....
आज़ाद को भी अपने दोस्तो की बात ठीक लगी और तय हुआ की आकृति की शादी के बाद ही आकाश की शादी के बारे मे सोचेगे...
फिर सभी ने कल के फंक्षन की प्लॅनिंग की और अपने-2 घर चले गये ...
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आज़ाद की खुशी की वजह ये थी कि एक तरफ उसकी बड़ी बेटी को घर बैठे अच्छा रिस्ता मिल गया था और आज उसे अपने चहेते बेटे आकाश के लिए भी सामने से रिस्ता मिल गया.....
लेकिन आज़ाद ने अभी ये बात किसी को नही बताई...वो सोच रहा था कि जिस दिन उसकी बेटी की शादी पक्की होगी ...तभी वो सबको आकाश के रिस्ते की बात बातायगा...
कुछ दिन यूँ ही निकल गये और फिर वो दिन आ गया जब सुभाष अपनी मामी के साथ आकृति को देखने आने वाला था....
आज़ाद के घर मे बहुत चहल- पहल थी...सारे लोग महमानो के इंतज़ार मे थे और उनकी खातिरदारी की तैयारिया हो रही थी....
आज़ाद ने अपने नौकरों को भी खेतो और फॅक्टरी से बुला लिया था....वो सब घर को सजाने के काम मे लगे हुए थे...
मदन ने पहले ही आज़ाद को बोल दिया था कि आज लड़का-लड़की के हाँ बोलते ही सगाई की रसम पूरी कर लेगे...
आकाश भी घर आ चुका था..और पूरे परिवार के लिए गिफ्ट लाया था...
उसके गिफ्ट ने सबका दिल जीत लिया और सब बेहद खुश थे...
आरती भी अपने भैया के आने से बहुत खुश थी...
धर्मेश भी अपने दोस्त का हाथ बताने आ चुका था....साथ मे उसकी दीदी, और माँ भी आई हुई थी...
अली की फॅमिली भी आज़ाद के घर पर थी...
सब औरते मेहमानो के लिए पकवान बनाने मे बिज़ी थी...
आरती और रिचा , आकृति को सज़ा रही थी...आमिर भी आकाश और धर्मेश के साथ काम मे हाथ बता रहा था..
आज़ाद, अली के साथ बैठा हुआ मेहमानो का वेट कर रहा था और साथ मे सगाई की रसम की प्लॅनिंग भी हो रही थी...
दोपहर तक मदन , सरिता, सुभाष और सुभाष की फॅमिली आज़ाद के घर पहुच गई...
सुभाष के साथ उसकी मामी और उसकी बहेन थी....
मदन- लो आज़ाद ...ले आया तेरे मेहमानो को ....
आज़ाद- अरे..हाहाहा ....आइए- आइए...
आज़ाद ने सबका स्वागत किया...रुक्मणी भी बाहर आ गई और सुभाष की मामी का स्वागत किया...
आकाश भी सुभाष से गर्मजोशी से मिला...उसे भी सुभाष पसंद आ गया....
यहाँ एक तरफ सरिता , आकाश को देख कर उसे उकसा रही थी तो दूसरी तरफ रागिनी( धर्मेश की दीदी) भी आकाश को हसरत भरी निगाहों से देख रही थी..
पर आकाश , सरिता से दूरी बनाए हुए था...वो नही चाहता था कि उनके बीच का रिश्ता फिर से बन जाए....
फिर चाइ-नाश्ता होने के बाद आकृति को नीचे बुलाया गया....
आकृति सज-सबर कर नीचे आ रही थी और सब की निगाहे उसे देख कर खुश हो रही थी....
आकृति के साथ आरती भी थी...उसने अपने भैया की लाई हुई ड्रेस पहनी थी...एक लाइट ब्लू सूट...
आकाश की निगाहे अपनी छोटी बेहन को देख कर उस पर ठहर गई थी...
आकाश को आज अपनी छोटी बेहन अचानक से बड़ी लगने लगी थी ..
आरती के खुले हुए बाल...चमकते इयररिंग...गले मे डिज़ाइनर हार...होंठो पर लिपस्टिक...
आज पहली बार आरती इतनी सजी हुई थी...जिसे देख कर आकाश खो सा गया था ....
आकाश की आँखो के अलावा भी चार आँखे थी जो आरती की खूबसूरती मे खो गई थी....
जहाँ आकाश की आँखो मे अपनी बहेन के लिए भाई-बेहन वाला प्यार था वही बाकी दो लोग उसे प्रेमी की नज़र से देख रहे थे...
आकृति और आरती नीचे आकर सबके साथ बैठ गई...
फिर सब लड़का-लड़की की तारीफ़ कर रहे थे और सुभाष तो बस आकृति मे खोया हुआ था. ...
थोड़ी देर बाद मदन ने सुभाष से और सरिता ने आकृति से उनकी मर्ज़ी पूछ ली....
दोनो ने एक-दूसरे को पसंद कर लिया और सब इस बात से बेहद खुश थे...खास कर सरिता...
फिर आज़ाद ने पंडित जी से सगाई की बात की और तय हुआ कि कल का मुहूरत सगाई के लिए बढ़िया था...
फिर खाना-पीना हुआ और सुभाष अपनी मामी के साथ सरिता के घर चला गया....
जबकि सुभाष की बेहन धर्मेश की दीदी के साथ धर्मेश के घर चली गई ......
( धर्मेश की दीदी और सुभाष की बहेन की दोस्ती सरिता के ज़रिए हुई थी...क्योकि जिस शहर मे सुभाष रहता था वही पर रागिनी भी पढ़ाई करती थी...दोनो पड़ोसी थी और फिर सरिता की वजह से वो दोनो अच्छी फ्रेंड बन गई....और अब तो दोनो ज़्यादा ही क्लोज़ थी. .)
मेहमानों के जाने के बाद मदन,अली और आज़ाद बैठ के ड्रिंक करने लगे और दूसरी तरफ आकाश और धर्मेश भी बैठ कर गप्पे करने लगे....
आमिर भी आरती और आकृति के साथ बाते कर रहा था...
यहाँ कोई किसी के प्यार के ख्यालो मे डूबा था तो कोई जल कर खाक हुआ जा रहा था....
यहाँ आज़ाद ने अपने दोस्तो से आकाश के लिए आए रिस्ते के बारे मे बताया...जिसे सुनकर मदन और अली खुश हो गये...
पर दोनो ने आज़ाद को बोला कि आकृति की शादी तक चुप रहो फिर सबको बताना...ताकि अभी सब लोग सिर्फ़ आकृति की शादी की तैयारी मे लगे रहे...और आकाश भी पढ़ाई पर ध्यान दे पाए....
आज़ाद को भी अपने दोस्तो की बात ठीक लगी और तय हुआ की आकृति की शादी के बाद ही आकाश की शादी के बारे मे सोचेगे...
फिर सभी ने कल के फंक्षन की प्लॅनिंग की और अपने-2 घर चले गये ...
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