hotaks444
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थोड़ी देर बाद जब रागिनी नॉर्मल हुई तो उसने अपनी गान्ड हिलाना शुरू कर दिया....
रागिनी- आहह..अब ठीक है भाई...शुरू हो जाओ...
आकाश ने रागिनी का पैर उठाया और धक्के मारना शुरू कर दिया....
रागिनी- आअहह...आहह..आहह...उउंम..करते रहो भाई..आहह..
आकाश- कैसा लग रहा दीदी ...असली लंड खा कर..हाअ..
रागिनी-उूउउम्म्म्ममम…..पहली बार…..इतना..आहह…मज़ा……आअहह……
आकाश- हाँ दीदी...मज़े लो...यस...यस...यस...
रागिनी- आहह…मज़ा…एयेए…गग्गेययय्या…आहह…..आहह..आह...
आकाश अब फुल स्पीड से रागिनी को चोदने लगा और रागिनी गांद उठा -उठा कर आकाश का लंड खा कर मज़े लेने लगी....
आकाश- यस...एस्स...येस्स..वह दीदी...मस्त चूत है...एकदम टाइट ...आहह...
रागिनी-तो मज़े लो...आहह...ज़ोर से भाई...और तेजज ..आअहह..
आकाश 10 मिनट रागिनी को पूरी तेज़ी से चोदता रह….और चुदाई की मस्ती मे रागिनी झड़ने लगी…
रागिनी-आहह...म्मायन्न्न...आइी...ऊहह...भाई...ईसस्स...एस्स..आहह...आऐईयईई...
ओर रागिनी झड़ने लगी ओर चुदाई की आवाज़े बदलने लगी
आअहह…आह..यईीसस…..उउंम…फ़फफुऊूउक्च..फ्फक्च…फ्फूककच्छ……ईएहह..ईएहह..आअहह..ऊहह…आहह..आह
….फ्फक्च्छ..फ़्फुूककच्छ..आहह..अहहह….आअहह
ऐसी आवाज़ो के साथ रागिनी झड गई...उसके झाड़ते ही आकाश ने लंड निकाल लिया और खड़ा हो कर रागिनी की चूत देखने लगा ....
रागिनी- आहह..भाई...क्या हुआ...??
आकाश- आज तुम्हारी चूत का उद्घाटन हो गया...
रागिनी- ह्म्म..पर रात अभी बाकी है भाई...
आकाश- जानता हूँ...चलो अब पलट जाओ...तुम्हे कुतिया बना कर चोदता हूँ....
रागिनी तुरंत पलट कर सोफे पर कुतिया बन गई...और आकाश ने पीछे से लंड को अंदर डाला और कमर पकड़ कर चुदाई शुरू कर दी...
रागिनी- आहह..भाई...बहुत एक्सपर्ट हो चोदने मे...आअहह
आकाश- हाँ दीदी..अब बस देखते जाओ...तुम्हे कैसे- कैसे चोदता हूँ...ये लो....यीहह
रागिनी- आअहह...आराम से भाई...ओह्ह...ऊहह..आहह
आकाश-एसस्स…ये.लो…ईएह..ईएह....
रागिनी-आहह..अहहह..अहहह….ईीस...और टटेज….आअहह..और तेजज....
आकाश-ईीस्स..बेबी….यीह….यस..बेबी...यस...
रागिनी-ज़ूओरर…सससी…आहहह…आऐईइईसीए…हहिी…आहहह….ज़्ज़ूऊररर…ससी..
रागिनी पूरी मस्ती मे आवाज़ करती हुई अपनी गान्ड पीछे कर- कर के आकाश का लंड ले रही थी.....और आकाश भी फुल मस्ती मे रागिनी की चूत के परखच्चे उड़ा रहा था....
आकाश- दीदी...लंड की सवारी करोगी...
रागिनी- आअहह...यस भाई...यस...कराओ ना...
आकाश जल्दी से सोफे पर लेट गया और रागिनी को उपेर आने का बोला...
रागिनी अपनी चूत मे लंड भरते हुए आकाश के उपेर बैठ गई और आकाश ने रागिनी की गान्ड पकड़ के उसे उछालना शुरू कर दिया...
आकाश- मज़ा आया ना दीदी...हाँ
रागिनी- उउंम..हाँ भाई...बहुत...आहह..आहह..आहह..आअहह..
आकाश- जंप दीदी जंप...यह..
रागिनी- ओह यस..ओह येस्स..येस्स..एस्स..एस्स...
आकाश- आहह...गान्ड तो बड़ी मस्त है...मारनी पड़ेगी..
रागिनी- आअहह...मार लेना...ओह्ह..एस्स..एस्स..एस्स..आअहह...आहह...
आकाश- यीहह..दीदी...जंप...तेजज..तेजज..और तेजज..यहह...
रागिनी- यस भाई...यस...ओह...एस..एस्स. आहह......
करीब 5 मिनट बाद रागिनी फिर से झड़ने लगी और चुदाई की आवाज़े रूम मे गूंजने लगी....
आह..आ..त्ततप्प्प..त्ततप्प..त्तप्प..आहह..ईएसस..ऊहह..ज्जूओर्र…ससी..…आअहह…त्तप्प…त्तप्प…ऊहह…यईीसस…अहहह..मैं गािईई...आआहह...
रागिनी के झड़ने के साथ ही आकाश भी झड़ने के करीब आ गया...
आकाश ने रागिनी को सोफे पर लिटाया और उसके उपेर लंड रस की पिचकारी मार दी...
पूरा झड़ने के बाद आकाश रागिनी के सिर की तरफ बैठ गया....
तभी रूम का गेट खुलने की आवाज़ आई ...और साथ मे एक आवाज़ और आई...
"साली... कमीनी...क्या हो रहा है ये सब....तुझसे ऐसी उम्मीद नही थी...."
रागिनी- आहह..अब ठीक है भाई...शुरू हो जाओ...
आकाश ने रागिनी का पैर उठाया और धक्के मारना शुरू कर दिया....
रागिनी- आअहह...आहह..आहह...उउंम..करते रहो भाई..आहह..
आकाश- कैसा लग रहा दीदी ...असली लंड खा कर..हाअ..
रागिनी-उूउउम्म्म्ममम…..पहली बार…..इतना..आहह…मज़ा……आअहह……
आकाश- हाँ दीदी...मज़े लो...यस...यस...यस...
रागिनी- आहह…मज़ा…एयेए…गग्गेययय्या…आहह…..आहह..आह...
आकाश अब फुल स्पीड से रागिनी को चोदने लगा और रागिनी गांद उठा -उठा कर आकाश का लंड खा कर मज़े लेने लगी....
आकाश- यस...एस्स...येस्स..वह दीदी...मस्त चूत है...एकदम टाइट ...आहह...
रागिनी-तो मज़े लो...आहह...ज़ोर से भाई...और तेजज ..आअहह..
आकाश 10 मिनट रागिनी को पूरी तेज़ी से चोदता रह….और चुदाई की मस्ती मे रागिनी झड़ने लगी…
रागिनी-आहह...म्मायन्न्न...आइी...ऊहह...भाई...ईसस्स...एस्स..आहह...आऐईयईई...
ओर रागिनी झड़ने लगी ओर चुदाई की आवाज़े बदलने लगी
आअहह…आह..यईीसस…..उउंम…फ़फफुऊूउक्च..फ्फक्च…फ्फूककच्छ……ईएहह..ईएहह..आअहह..ऊहह…आहह..आह
….फ्फक्च्छ..फ़्फुूककच्छ..आहह..अहहह….आअहह
ऐसी आवाज़ो के साथ रागिनी झड गई...उसके झाड़ते ही आकाश ने लंड निकाल लिया और खड़ा हो कर रागिनी की चूत देखने लगा ....
रागिनी- आहह..भाई...क्या हुआ...??
आकाश- आज तुम्हारी चूत का उद्घाटन हो गया...
रागिनी- ह्म्म..पर रात अभी बाकी है भाई...
आकाश- जानता हूँ...चलो अब पलट जाओ...तुम्हे कुतिया बना कर चोदता हूँ....
रागिनी तुरंत पलट कर सोफे पर कुतिया बन गई...और आकाश ने पीछे से लंड को अंदर डाला और कमर पकड़ कर चुदाई शुरू कर दी...
रागिनी- आहह..भाई...बहुत एक्सपर्ट हो चोदने मे...आअहह
आकाश- हाँ दीदी..अब बस देखते जाओ...तुम्हे कैसे- कैसे चोदता हूँ...ये लो....यीहह
रागिनी- आअहह...आराम से भाई...ओह्ह...ऊहह..आहह
आकाश-एसस्स…ये.लो…ईएह..ईएह....
रागिनी-आहह..अहहह..अहहह….ईीस...और टटेज….आअहह..और तेजज....
आकाश-ईीस्स..बेबी….यीह….यस..बेबी...यस...
रागिनी-ज़ूओरर…सससी…आहहह…आऐईइईसीए…हहिी…आहहह….ज़्ज़ूऊररर…ससी..
रागिनी पूरी मस्ती मे आवाज़ करती हुई अपनी गान्ड पीछे कर- कर के आकाश का लंड ले रही थी.....और आकाश भी फुल मस्ती मे रागिनी की चूत के परखच्चे उड़ा रहा था....
आकाश- दीदी...लंड की सवारी करोगी...
रागिनी- आअहह...यस भाई...यस...कराओ ना...
आकाश जल्दी से सोफे पर लेट गया और रागिनी को उपेर आने का बोला...
रागिनी अपनी चूत मे लंड भरते हुए आकाश के उपेर बैठ गई और आकाश ने रागिनी की गान्ड पकड़ के उसे उछालना शुरू कर दिया...
आकाश- मज़ा आया ना दीदी...हाँ
रागिनी- उउंम..हाँ भाई...बहुत...आहह..आहह..आहह..आअहह..
आकाश- जंप दीदी जंप...यह..
रागिनी- ओह यस..ओह येस्स..येस्स..एस्स..एस्स...
आकाश- आहह...गान्ड तो बड़ी मस्त है...मारनी पड़ेगी..
रागिनी- आअहह...मार लेना...ओह्ह..एस्स..एस्स..एस्स..आअहह...आहह...
आकाश- यीहह..दीदी...जंप...तेजज..तेजज..और तेजज..यहह...
रागिनी- यस भाई...यस...ओह...एस..एस्स. आहह......
करीब 5 मिनट बाद रागिनी फिर से झड़ने लगी और चुदाई की आवाज़े रूम मे गूंजने लगी....
आह..आ..त्ततप्प्प..त्ततप्प..त्तप्प..आहह..ईएसस..ऊहह..ज्जूओर्र…ससी..…आअहह…त्तप्प…त्तप्प…ऊहह…यईीसस…अहहह..मैं गािईई...आआहह...
रागिनी के झड़ने के साथ ही आकाश भी झड़ने के करीब आ गया...
आकाश ने रागिनी को सोफे पर लिटाया और उसके उपेर लंड रस की पिचकारी मार दी...
पूरा झड़ने के बाद आकाश रागिनी के सिर की तरफ बैठ गया....
तभी रूम का गेट खुलने की आवाज़ आई ...और साथ मे एक आवाज़ और आई...
"साली... कमीनी...क्या हो रहा है ये सब....तुझसे ऐसी उम्मीद नही थी...."