Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर - Page 36 - SexBaba
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Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर

मैं कमर उछाल –उछाल कर चंदा को चोद रहा था ऑर उसके मस्त बूब्स का रस्पान भी कर रहा था ऑर चंदा पूरा दिल लगा कर अपने जिस्म को मुझसे चुदवा रही थी…

चंदा-आहह…ज़ोर सी,,,,,आअहह…यस…..सिर…..ज़ोर.स्सी…फाड़…दूं..आहह

मैं- उउंम्म…आह…ये ले…कुतिया…..लंड खाना है.....ये ले….उउम्म्म्मम

चंदा- हाँ…ऐसे ही...गालियाँ पसंद है मुझे.....ओह्ह्ह...म्मा…..फादद्ड़…..आहहाहह…..उउफ़फ्फ़…

मैं थोड़ी देर तक चंदा को चोदता रहा ओर फिर मैने उसके बूब्स को छोड़ा तो उसने मेरा इशारा समझ कर खुद ही उछल-उछल कर लंड को लेना शुरू कर दिया…


चंदा-आअहह…आहह…हहा…ऐसे ही करो..आहह…उउउफ़फ्फ़….हहाअ…..

मैं-यस बेबी…जंप….य्ाआ..एस

चंदा-आअहह…आहह…हहा…हाअ…आहह

मैं- यस…जंप…ज़ोर से..कुतिया……तेज ..और तेजज्ज़....

चंदा-हाअ..आहह…..आहहह…अहहह..यईएसस..सहहाः…आऐईइसस्ससी..आहहह....

मैं- हां..ऐसे ही….ज़ोर से…ज़ोर से....

मैने फिर से चंदा के बूब्स को हाथो से पकड़ लिया ओर सहलाते हुए उसको चोदने लगा…

चंदा भी पूरी स्पीड से उछल रही थी, उसकी मस्त गान्ड मेरी जाघो पर पट-पट कर रही थी…ऑर चंदा चुदाई का आनद ले रही थी….

मैं-येस …जंप….य्ाआहह....

चंदा-आअहह…आहह…हहा…आईसीए..आहह…..आहहह…अहहह..
यईएसस..ईसस्स..आहह....

मैं- आहह…ज़ोर से…यस…

चंदा- आहह...आह…आहह..ज़ोर से....उउउम्म्म्म.....

मैं-यस बेबी एस....

चंदा- अया..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…..एसस्सस्स…आअहह…


फफफफफात्तत्त…..प्प्पाट्त्ट…आहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…..आहह…आईइईसीए..हहीी..आहह…ज्जोर्र…सीए..
ययएएसस्सस्स…आअहह…ययईईसस्स….ऊऊहह......

और ऐसी ही आवाज़ो के साथ चंदा झड़ने लगी.....

चंदा- ओह्ह..सर...मेरा हो गया....आआहह .....

मैं- मैं भी आ रहा हूँ.....

चंदा- भर दो सर...आअहह...आअहह...आअहह...उउउंम्म...

हमारे झाड़ते ही चुदाई का संग्राम थम गया और चंदा मेरे उपेर लेट गई और हम किस करने लगे........

चंदा- ह्म्म....आप तो जल्दी ही शांत पड़ गये..क्या हुआ....हथियार तो बड़ा है फिर भी....

मैं- वो तो काफ़ी देर से गरम था इसलिए...अभी देखती जाओ...हम कितनी देर तक सवारी करते है....

चंदा- ह्म्म..मैं ज़रूर देखना चाहुगी...

मैं- सब दिखाउन्गा....सबर रखो....और जब तक मैं बाकी के कमरे मे देख लूँ...

चंदा- ह्म्म..मुझे भी देखना है कि हमारे बॉस की फॅमिली के कितने रंग है....

मैं- ह्म्म...उठो फिर...

फिर हम फ्रेश हुए और वापिस लॅपटॉप देखने लगे.....सामने पूनम के रूम का व्यू था...पूनम और मोना सो रही थी...

फिर मेरे दिल मे ख्याल आया कि अब अकरम की मोम का हाल देखु...आज तो उनका पति साथ मे है ..देखे क्या कर रहे है...सो रहे है या फिर चुदाई....

और मैने वसीम के रूम सेलेक्ट किया...पर वहाँ बेड खाली था...और रूम मे भी कोई नही था...फिर मैने साइड कॅमरा देखा...उसमे भी कुछ नही था...बाथरूम मे भी कुछ नही दिखा....

चंदा- सर...वसीम सर का रूम तो खाली है...ये इस टाइम कहाँ गये होंगे...

मैं(मन मे)-ये क्या...कही वसीम भी तो अपनी बीवी की तरह नही...मतलब वसीम और उसका फरन्ड आपस मे ग्रूप सेक्स करते हो...अगर ऐसा है तब तो बहुत बुरा है...वसीम के फरन्ड का रूम देखता हूँ...

फिर मैने सरद का रूम सेलेक्ट किया...

सामने का नज़ारा बहुत मस्त था...सरद बेड पर लेटा हुआ था और एक औरत उसके लंड पर गान्ड उछाल रही थी ...

वो औरत सरद के उपेर झुकी हुई थी...इसलिए समझ नही आ रहा था कि कौन है....

सरद नीचे से धक्के मार रहा था और उस औरत को अपनी बाहों मे कसे हुए था....

जब मुझे उस औरत का चेहरा नही दिखा तो मैने साइड कॅमरा देखा....पर उसमे भी उस औरत का चेहरा नज़र नही आया....

सरद उसका चेहरा अपनी बाहों मे कसे हुए उसे चोद रहा था ...

और आवाज़ भी सिर्फ़ सिसकने की आ रही थी..कुछ बोल ही नही रहे थे वो दोनो...इसलिए आवाज़ से भी कुछ पता नही चला...

मैं- हटत्त साला...इसका चेहरा तो छुपा हुआ है...

चंदा- अरे सर..ये इसकी बीवी ही होगी...और कौन हो सकता है इस टाइम...

मैं- ह्म्म ..पर चेहरा दिख जाता तो ठीक था ना....

चंदा- सर दूसरा रूम देखो...शायद कुछ पता चल जाए..वसीम सर या सबनम मेडम दिख जाए...


मैं(मन मे)- अब तो सिर्फ़ शादिया का रूम बचा है और हाँ..वो खाली रूम भी तो है..शायद वहाँ कोई हो...

चंदा- क्या सोच रहे है सर...

मैं- कुछ नही...चलो दूसरा रूम देखते है...

और मैने शादिया का रूम सेलेक्ट किया....

यहाँ का नज़ारा भी शॉकिंग था....शादिया बेड पर लेटी थी और किसी का लंड खा रही थी....

साइड कमेरे से देखने पर पता चला कि वो वसीम का लंड खा रही थी....

ये नज़ारा देख कर चंदा गरम होने लगी और मेरा लंड पकड़ कर मसल्ने लगी.....

वहाँ रूम मे वसीम और शादिया की चुदाई चालू थी....

शादिया- आहह...वसीम...ज़ोर से...आहह...ज़ोर से कर...आअहह.....

वसीम- हाँ शादिया बेगम...ये लो...यीहह...एस्स...एस्स...एस्स ....

शादिया- आहह..वसीम..अब तुम्हारा लंड मज़ा नही देता...ज़ोर से मारो ना...उउंम्म..

वसीम- हाँ...अब क्यो देगा...तुझे तो नये-नये लंड का शौक लग गया ना...

शादिया- आहह...तुमने ही तो लगाया...उउउंम्म...

वसीम- ह्म....और मेरा ही बुरा लगने लगा...

शादिया- आअहह...नही मेरी जान...तुम्हारे लिए तो मैं हमेशा तैयार हूँ...तुम ज़ोर से मारो बस...

वसीम- वैसे शादिया....वो पार्लर वाला मिला कि नही...

( ये बात सुनकर मुझे पता चल गया कि ये दोनो मेरी ही बात कर रहे है...)

शादिया- उम्म...हाँ...पर अभी बात नही हुई...आहह...

वेसिम- ह्म..कौन है...

शादिया- कोई भी हो...हथियार दमदार है...आहह...वसीम...मैं गई...आअहह....आहह...

और शादिया झाड़ गई और वसीम ने लंड बाहर निकाल लिया....
 
वसीम- अब कुतिया बन जा...तेरी गान्ड मारनी है...

शादिया- नही..गान्ड तो किसी के लिए संभाल के रखी है...

वसीम- साली कुटिया...मुझे मना करेगी...

शादिया- प्ल्ज़ वसीम...एक बार उससे गान्ड फाट्वा लूँ...फिर तुम्हारे लिए ही तो है....

वसीम- पर किसके लिए संभाल रखी ये तो बता...

शादिया(मुस्कुरा कर)- वही...दमदार हथियार का मालिक...पार्लर वाला...

(मैं शादिया की बात सुनकर खुश हो गया कि शादिया मुझसे गान्ड फतवाने के लिए बैचैन बैठी है...)

वसीम- ठीक है...तो फिर कुतिया बन जा...चूत ही मारता हूँ...

फिर शादिया कुतिया बन गई और वसीम ने उसके उपेर झुक कर उसकी चूत मे लंड डाल दिया...

शादिया- आहह...पूरा डाल दिया साले...आराम से डालता ना...आअहह...

वसीम- तेरे जैसी रांड़ को रगड़ कर ही चोदना चाहिए...समझी...

और वसीम ने फिर से लंड बाहर निकाला औट एक ही बार मे अंदर डाल दिया...

शादिया- आअहह...साले...आराम से...आअहह...

वसीम- चुप कर कुतिया...मज़े ले...यीहह...

वहाँ वसीम शादिया को कुतिया बना कर तेज़ी से उसकी चूत मारने लगा और यहाँ चंदा मेरे लंड की मूठ मारने लगी...


मैं- चंदा...मूठ मत मार...चूस के तैयार कर...

चंदा- पर मैं चुदाई कैसे देखुगी...देखो कितनी मस्त चुदाई चल रही है...

मैं- तू लंड चूस और मैं लॅपटॉप तेरे सामने रख देता हूँ...दोनो काम साथ हो जायगे...

चंदा- ह्म..

और चंदा ने झुक कर मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया और मैने लॅपटॉप उसकी आँखो के सामने रखा और दोनो उस रूम की चुदाई देखने लगे...


वहाँ रूम मे....

शादिया- आहह..ज़ोर से मार साले...आअहह...

वसीम- हाँ मेरी रांड़...ये ले...ये ले....

शादिया- आअहह...आहह..आहह...ज़ोर से....और तेजज..आहह...आअहह..आहह...

वसीम- हाँ ..यहह...यीहह...यीहह...

फिर वसीम ने शादिया के निप्पल को खीच दिया और शादिया तड़प उठी...

शादिया- आहह...साले अपनी बीवी को चोद के मेरी चूत मे घुसा है और मुझे दर्द देता है....

वसीम- हाँ...मेरी बीवी मे वो बात कहाँ जो तुझमे है....यह.....यीहह...

शादिया- तो अपनी बेटी को चोद ले...वो भी मस्त माल हो गई है...

वसीम(फिर से निप्पल खीच कर)- चुप कर साली...ज़्यादा मुँह मत चला....

( ये देख कर मैं खुश था कि चलो वसीम अपनी बेटियों पर बुरी नज़र नही रखता...)

चंदा- आहह...सर ..वसीम सर तो...

मैं- उन्हे छोड़..अब तू आजा जल्दी....

फिर मैने चंदा को अपने उपेर आने को कहा...चंदा मेरी तरफ गान्ड करके लंड को चूत मे ले गई और धीरे-2 गान्ड घुमाने लगी....

चंदा लॅपटॉप पर वसीम और शादिया की चुदाई देखते हुए मेरे लंड पर उपेर-नीचे होने लगी.....

मैं- आहह..चंदा..तेरी चूत ज़्यादा नही फैली...टाइट ही है..ह्म्म्म...

चंदा- आओउम्म्म्म..अब आप फाड़ के ही जाना सर...उउउंम

मैं- चल अब शुरू हो जा...

चंदा- हाँ सर...आअहह...

चंदा ने अपने आपको अड्जस्ट किया और तेज़ी से लंड पर तेज़ी से उछलने लगी...


मैं-यस …जंप….य्ाआहह....

चंदा-आअहह…आहह…हहा…आईसीए..आहह…..आहहह…अहहह..
यईएसस..ईसस्स..आहह....

मैं- आहह…ज़ोर से…यस…

चंदा- आहह...आह…आहह..ज़ोर से....उउउम्म्म्म.....

मैं-यस बेबी यस....

चंदा- अया..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…..एसस्सस्स…आअहह…


फफफफफात्तत्त…..प्प्पाट्त्ट…आहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…..आहह…आईइईसीए..हहीी..आहह…ज्जोर्र…सीए..
ययएएसस्सस्स…आअहह…ययईईसस्स….ऊऊहह......

और ऐसी ही आवाज़ो के साथ चंदा झड़ने लगी.....

चंदा- आअहह...माइन्न्न..गाऐ..आअहह....आआहह .....

चंदा के झड़ने के साथ हो लॅपटॉप मे शादिया और वसीम भी झड चुके थे....
 
चंदा- आअहह...सर...अब दूसरा रूम देखे क्या...

मैं- रूम बाद मे...पहले तेरी मार लूँ...

और मैने चंदा को साइड किया और फिर से लंड चुसवाने लगा...

चंदा- सस्स्स्रररुउउउप्प्प्प....सस्स्रररुउउप्प्प्प....सस्द्रररुउउप्प्प...उउउंम्म..

मैं- आअहह...चिकना कर दे...फिर तुझे कुतिया बना के चोद्ता हूँ...आअहह....

चंदा- उउउंम्म...उूउउंम्म...उूउउंम्म...उउउंम...

मैं- बस कर...अब कुतिया बन जा...

चंदा जल्दी से कुतिया के पोज़ मे आ गई और मैं बेड के नीचे खड़ा हुआ और उसकी चूत मे लंड डाल दिया....

सामने लॅपटॉप पर देख तो पता चला कि शादिया और वसीम फ्रेश होने चले गये और फिर मैने चंदा की कमर पर हाथ रखा औट तेज़ी से चुदाई शुरू कर दी.....
चंदा- आहह….माँ…उूउउइइ…..आहह....

मैं- अब तेरी फाड़ता हूँ मेरी कुतिया…

चंदा-आअहह..फाड़ दो…आअहह…ज्ज़ोर..सी…माररू..

मैं तो ये ले …फटी तेरी..यीहह


मैने फिर चंदा को बालो से पकड़ कर फुल स्पीड मे चोदना शुरू किया ऑर चंदा ज़ोर-ज़ोर से आवाज़े निकालने लगी ओर चुदाई का रंग चरम पर पहुच गया… 

चंदा-आअहह…आअहह…ऊररर…तीएजज,,,,आहह,,,,,,आअन्न्ंदडाा ….ताअक्कक….म्म्मा आ….उूउउफ़फ्फ़…म्म्माद….फ़फफादद्ड़..दद्दूव…आअहह...उूउउफ़फ्फ़..म्म्मा .....आाऐययईई.....म्म्माहआ...आअहह

मैं- आहह..ईएहह….एस्स..एस्स….ये..ले…

चंदा- आअहह…आअहह…ऊररर…तीएजज,,,,आहह,,,,,,आअन्न्ंदडाा ….ताअक्कक….म्म्माहआ….उूउउफ़फ्फ़…माआ…म्माईिईन्न्न…..म्म्माक…आआईइ……आअहह…ऊओह

मैं- ओर तेजज्ज़ डालु..

चंदा-आअहह….दददााालल्ल्ल्ल्ल्ल…द्ददी…..आआअहह…फासस्थटत्त…आअहह
..एस…एस..एस…आअहह....तीएजज्ज़....ऊओरर..त्त्टीज्जज....आहह...उउफफफ्फ़...आआहह

मैं-यस बेबी..ये ले..…ये ले...

मैं तेज़ी से चंदा की चुदाई कर रहा था ऑर चंदा की गान्ड पर मेरी जाघे इतनी तेज़ी से टकराने लगी कि उसकी गान्ड लाल पड़ने लगी …..15-20 मिनिट की दूसरी चुदाई मे चंदा फिर से झड़ने लगी ओर उसकी सिसकारिया तेज होने लगी…

चंदा-आअहह…आहह…हहा…ऐसे ही करो..आहह…..आहहह…अहहह..यईएसस..सहहाः…ज्जॉर्र्र..ससी..आहहह....
फफफफात्तत्त…..प्प्पाट्त्ट…आहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…..तीज़्ज़ज्ज…हहाअ…उउउफफफ्फ़
एसस्सस्स…आअहह…आअहह…ययईईसस्स….ऊऊहह…आअहह

मैं-यस बेबी एस...ये ले...यीहह....ईएहह.....

चंदा- अहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…..एसस्सस्स…आअहह…फफफफफफुऊफ़ुऊूक्कककककक…म्माईिईन्न्न,….आआईयइयाय …आअहहहह…ऊओ…म्मा….ऊहह…ऊहह..ऊहह


ऐसे चिल्लाते हुए चंदा झड़ने लगी ओर उसका चूत रस मेरे लंड के साथ अंदर बाहर ही कर फुकछ-फुकछ की आवाज़े करने लगा…

मैं भी झड़ने ही वाला था तो मैने कहा…

मैं- मैं भी आ रहा हूँ…कहाँ निकालु

चंदा- आहह…आह..मेरे…मुँह मे…आहह..पिलाओ…..आअहह

मैने चंदा को छोड़ा ऑर चूत से लंड निकाल के बेड पर खड़ा हो गया …चंदा भी पलट कर घटनो पर आ गई ऑर मेरे लंड के सामने मुँह खोल के घुटनो पर बैठ गई....

मैने पिचकारी मार के लंड रस चंदा के मुँह मे भर दिया…जिसे चंदा पीने लगी ओर कुछ उसके मुँह पर लग गये…

इसके बाद चंदा ने मेरा लंड चूस चाट कर सॉफ किया ऑर फिर हम दोनो वही नंगे लेट गये…


थोड़ी देर बाद…..

मैं- मज़ा आया…

चंदा- बहुत बहुत मज़ा आया…

मैं- अच्छा है….तुम खुश हो तो बॅस..

चंदा-आप खुश नही क्या...???

मैं- अरे क्यो नही..मैं भी खुश हू….पर तुम्हारी गान्ड रह गई…

चंदा- काफ़ी टाइम है सर ...फ़ुर्सत से मारना…पॅक है…

मैं- सच मे...खुली नही

चंदा- नही..आप खोल देना...

मैं- ह्म्म..तो कभी फ़ुर्सत से खॉलुगा....

चंदा- ह्म्म्मा..अब देखे कि सरद सर के रूम मे कौन सी औरत है....

मैं- ह्म्म..पर पहले फ्रेश हो आते है...
 
फिर हम दोनो फ्रेश हुए और लॅपटॉप देखने लगे.......
अभी भी शादिया का रूम सेलेक्ट था....अब शादिया और वसीम नंगे चिपके हुए बाते कर रहे थे...

शादिया- वसीम...ये बताओ कि तुम्हारा अपनी बेटियों के बारे मे क्या ख्याल है...

वसीम- चुप...इस बारे मे कोई बात नही..मैं उनके बारे मे कुछ नही सुन सकता...

शादिया- अच्छा...और अगर तुम्हारी बेटी तुम्हारे बारे मे सोचे तो...????

वसीम- क्या बकबास कर रही हो...ऐसा कुछ नही...और तुम भी अब चुप रहो...

शादिया- अच्छा ठीक है...तो फिर सरद की बेटी की बात करे...मोना...हाअ...

मोना का नाम आते ही वसीम के चेहरे पर कमीनी मुस्कान आ गई....

शादिया- ओह्ह..तो ये बात है...दोस्त की बेटी को चोदने का मन है...हाँ...

वसीम- ह्म्म..वो माल ही ऐसी है...साली जब अपनी गान्ड दिखाती है तो लंड फुदक जाता है...

शादिया- ओह्ह...

वसीम- हाँ यार और उसकी माँ भी कम नही....

शादिया- तो माँ-बेटी दोनो पर नज़र है तुम्हारी...

वसीम- है तो..पर फ़ायदा क्या...कोई हाथ नही आती...

शादिया- मैं दिलवा दूं तो..??

वसीम- तो जो तू कहे वो करूँगा...

शादिया- सोच लो..मैं कुछ भी कह सकती हूँ...

वसीम- सोच लिया...कुछ भी करूगा..बस दिलवा दे उनकी...

शादिया- ह्म्म..तो कल से ही काम शुरू करती हूँ...ओके..

वसीम- ह्म...

शादिया- उउंम...वसीम...अब रात भर रुकना है क्या ...??

वसीम- क्यो...तुझे किसी और का इंतज़ार है क्या...??

शादिया- नही यार...मैं सोच रही थी कि तुम्हारी बीवी मतलब मेरी प्यारी सबनम बेहन ...क्या सोचेगी...

वसीम- कुछ नही...उसे बोल के आया हूँ कि मैं अपना काम कर रहा हूँ..नीचे वाले रूम मे....

शादिया- ह्म्म...तो कोई बात नही...अब क्या करना है....

वसीम- अभी तेरी फाड़नी है और क्या....हाहाहा....

फिर शादिया भी हँसने लगी और दोनो ने किस करना शुरू कर दिया.....

थोड़ी देर बाद ही शादिया वसीम का लंड चूसने लगी....
 
मैं समझ गया कि इनका नेक्स्ट राउंड शुरू होने वाला है...अब इन्हे चुदाई करने दो...

और मैं जब तक सरद के रूम का हाल देखता हूँ...पता तो चले कि वो औरत उसकी बीवी है या अकरम की मोम.....

और अगर वो अकरम की मोम नही तो वो कहाँ है...ये भी देखना होगा...

फिर मैने सरद का रूम सेलेक्ट किया...

सामने का माजरा बहुत कामुक था...

सामने बेड पर सरद लेटा हुआ था और उसके उपेर एक औरत थी और उसके उपेर भी एक और औरत थी...

ऐसा सीन था कि एक औरत सरद और दूसरी औरत के बीच फसि हुई है..
फिर मैने साइड कॅमरा मे देखा तो पता चला कि सरद के उपेर अकरम की मोम सबनम झुकी हुई है...

और सबनम के उपेर मोहिनी झुकी हुई थी...और तीनो ज़ोर से सिसक रहे थे...

सरद- आहह...आहह...तुम दोनो तो आज मार ही दोगि...आअहह..

सबनम- आअहह...ऐसे ही...ज़ोर से...आअहह...आअहह....

मोहिनी- हाँ साली...तुझे तो ज़ोर से ही चाहिए...फाड़ दे सरद...ज़ोर से मार....

ये सीन देख कर तो मैं शॉक्ड हो गया...

कहाँ मैं अकरम की मोम को सीधी- साधी औरत समझ रहा था...पर ये तो...

और मोहिनी भी देखने मे ठीक ही दिखती थी...पर ये अपने ही पति से दूसरी औरत को चुदवा रही है...क्या हो रहा है ये..और क्यो...

मैं अपने दिल मे सवाल लिए सामने का नज़ारा देखने लगा....

सरद- आहह...मैं गया...ओह्ह...ऊहह...आअहह....

सबनम- अरे नही...अभी नही...अरे यार...आअहह...

मोहिनी- अरे ये क्या किया....तुम फिर से...हॅट ..पूरा मज़ा खराब कर दिया....

और मोहिनी सबनम के उपेर से उठ गई...तब जो मेरे सामने आया उसे देख कर मैं और चंदा दोनो एक-दूसरे को देखने लगे...

चंदा- सर ...ये तो...सच मे..ये तो बहुत बड़ी रंडी है...

मैं- चुप ...तमीज़ से बोलो...

चंदा- सॉरी सर...पर इसे देख कर तो यही लगता है...इसे एक लंड कम पड़ रहा है..

जी हां मोहिनी ने अपनी कमर पर नकली लंड बाँधा हुआ था और वो सबनम की गान्ड मार रही थी.....

और दूसरी तरफ से सरद सबनम की चूत मार रहा था ...जो अब झड कर लेटा हुआ था....

अब सबनम बेड पर बैठ गई थी और सरद को गालियाँ बक रही थी....

सबनम- तुमने आज फिर मुझे आधे मे छोड़ दिया...अब तुम किसी काम के नही रहे .....


सरद- चुप कर रंडी...पहले तो बड़े मज़े से मुझसे चुदवाती थी..और अब..

सबनम- बहुत बड़ी ग़लती कर दी थी मैने...मुझे पता होता कि तुम औरत की गर्मी झेल ही नही सकते तो मैं कभी अपने पति को धोखा नही देती..इससे अच्छा तो मैं प्यासी ही रह रही थी...

सरद- चुप कर वरना...

मोहिनी(बीच मे)- तू चुप का गान्डु....होता तो कुछ है नही ..बस मुँह चलाता है...साले मेरा पति नही होता तो कब का लात मार कर निकाल देती...

( मैं ये सब सुनकर पूरी तरह हैरान रह गया....अगर सरद किसी को सेटिस्फाइ नही कर पाता तो सबनम उसके साथ क्यो फस गई...)

सरद- देखी मोहिनी...तुम तमीज़ से बात करो...

मोहिनी- चुप कर...बड़ा आया तमीज़ वाला....लंड मे दम नही तो चोदने को मरता ही क्यो है...

सबनम- हाँ...सही कहा...आज के बाद तू बस देखता ही रह...हम अपनी प्यास किसी और से बुझा लेगे...अरे तुझसे अच्छा तो वसीम ही है...

सरद- अब तुम दोनो चुप रहोगी कि नही...

मोहिनी- नही रहेगी...अब तू देख...हम अपना काम खुद कर लेगे....

सबनम- हाँ...अब जल्दी कर मोहिनी...इसने तो आग लगा कर बीच मे छोड़ दिया...

मोहिनी- ह्म्म..मैं ठंडा करती हूँ तुझे..और तू गान्डु..आ कर मेरी गान्ड चाट...

फिर मोहिनी ने सबनम को कुतिया बनाया और अपने नकली लंड को झुक कर सबनम की चूत मे डाल दिया....
सबनम- आआअहह....सरद से अच्छा तो ये नकली लंड मज़ा देता है...उउउंम्म...

मोहिनी- हाँ मेरी जान...अब मज़े कर...और सरद तू...मेरी गान्ड चाट...

फिर मोहिनी ने नकली लंड से सबनम को चोदना शुरू कर दिया...और सरद ना चाहते हुए भी मजबूरी मे मोहिनी की गान्ड चाटने लगा....

सबनम- उम्म्म...आअहह ...मोहिनी...तेज धक्के मार ना...

मोहिनी- हाँ मेरी जान....आअहह....आअहह....ये ले...अब ठीक...आआहज...

सबनम- आहह....आआहह...आआहह...ऐसे ही....आआहह.....

मोहिनी- येस्स...एसस्स....ये ले....आआहह....आआआहह....ये गान्डु ज़रा जीभ डाल के चाट ना....
 
सरद ने तेज़ी से मोहिनी की गान्ड चाटना शुरू कर दिया और साथ मे अपना लंड हिलाने लगा.....

सरद- हमम्म..सस्स्रररुउउउप्प्प्प्प्प......सस्स्स्रर्र्ररुउुउउप्प्प्प्प.....सस्स्स्रर्र्ररुउउउप्प्प्प्प.....उूुउउम्म्म्म....

मोहिनी- आअहह...ऐसे ही साले....आआहह.....आआहह.....आआअहह.....

सबनम- उम्म्म...ज़ोर से .....ज़ोर से....आआआहह......आआअहह .....

सरद- उउउंम्म...उूउउंम्म...सस्स्स्रररुउउप्प्प्प.....सस्स्स्र्र्ररुउउउप्प्प्प......

मोहिनी- आआहह...ज़ोर से....बस....थोड़ा और....आआअहह...आआहह ..

सबनम- ओह्ह्ह...ज़ोर...से....बस....थोड़ा और....ज़ोर से .....आआहह.....आआहह.....

मोहिनी- बस गान्डु...थोड़ा तेजज...आअहह...आअहह...आअहह....

सबनम- ऊहह...मोहिनी...मैं...आऐईयइ...आआहह....आआअहह....आआहह...

मोहिनी- आअहह...मेरी जान....मैं भी आऐईयइ...आआहह...आअहह....


सरद- उउउंम...उूउउंम...उूउउंम...आअहह...आअहह....आअहह...

सरद भी अपना लंड हिला कर झड गया.....मोहिनी और सबनम भी झड चुकी थी और तीनो शांत हो कर लेट गये थे...


यहाँ ये सीन देख कर चंदा की चूत मे फिर से आग लग गई थी और मेरा भी लंड अकड़ गया था....

मैने देर ना करते हुए चंदा को पकड़ कर अपने लंड पर झुका दिया...और चंदा भी किसी रखेल की तरह मेरा इशारा समझ कर मेरा लंड चूसने लगी.....

थोड़ी देर बाद मेरा लंड तैयार हो गया और एक बार फिर से मैने चंदा की दमदार चुदाई की...

चुदाई के बाद चंदा कल मिलने का बोल कर अपने कपड़े लेकर निकल गई....

फिर मैने एक बार सारे रूम्स का हाल देखा....

वसीम के रूम मे सबनम आ चुकी थी और सरीफ़ बीवी की तरह सो रही थी...

सरद के रूम मे...सरद और मोहिनी भी सो चुके थे...

शादिया के रूम मे शादिया अकेली सो रही थी....वसीम शायद चुदाई कर के नीचे रूम मे चला गया था....

बाकी के रूम मे भी सब सोए हुए पड़े थे...

फिर मैने लॅपटॉप बंद किया और फ्रेश होकर लेट गया...

मैं लेटे हुए सबनम के बारे मे सोचने लगा....

आख़िर क्यो सबनम ने सरद से संबंध बनाए...जबकि सरद उसकी प्यास बुझा नही पाता...

और सरद की बीवी ये सब जान कर भी चुप क्यो है...और वो भी प्यासी रहती है..तो क्या वो भी किसी और के साथ...हो सकता है..पता करना होगा...

वही वसीम और शादिया...शायद शादिया ने अपना अकेलापन दूर करने के लिए ये सब किया...और अब तो वो बाहर भी चुदवाने लगी...

लेकिन एक बात अच्छी थी कि अब मेरे लिए शादिया और रूही...दोनो तड़प रही थी....

रूही अपनी चूत मरवाने को और शादिया अपनी गान्ड मरवाने के लिए....


मैं अपने दिल मे खुश हो गया और नीद की आगोश मे चला गया....

सुबह मेरी नीद जूही ने बिगाडी...मतलब जूही मुझे जगाने आई....

जब मैने देखा कि जूही मेरे बेड के पास खड़ी है...तब मुझे याद आया कि कल चंदा के जाने के बाद गेट खुला ही रह गया था ....

जूही- क्या यार..कितना सोते हो...

मैं- अरे..वो कल सफ़र मे थक गया था ना...

जूही- ह्म्म..इतना थक गये थे कि गेट लगाने का ध्यान नही रहा...

मैं- ओह्ह..सॉरी यार याद नही रहा...

तभी मैने देखा कि जूही बार-2 मेरे सीने की तरफ देख रही थी...

मैने अपने आपको देखा तो पता चला कि मेरा सीना तो नंगा है...

तब मुझे याद आया कि मैं तो पूरा नंगा ही लेटा हूँ....अच्छा हुआ जूही ने कंबल नही हटाया...

मैं- तो...क्या कह रही थी...

जूही(घबडा कर)- वो..वो तुम रेडी हो जाओ...फिर घूमेगे और क्या..हाँ..

मैं- ओके..तुम चलो..मैं आता हूँ...

फिर जूही मुस्कुरा कर रूम से निकल गई और मैं टवल ले कर बाथरूम मे घुस गया.....
 
[font=Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]थोड़ी देर बाद ही सब नाश्ता कर रहे थे...चंदा भी वही पर थी...

यहाँ सब बहुत ही शांत दिख रहे थे...रूही बहुत खुश दिख रही थी...वही ज़िया थोड़ा परेशान थी...

पूनम और संजू तो एक-दूसरे मे खोए हुए थे.....और जूही मुझे देखते हुए मंद-मंद मुस्कुरा रही थी....

वसीम- हाँ तो बच्चो...आज क्या प्लान है...

अकरम- डॅड..आप बताओ ना...यहाँ घूमने के लिए क्या है..

वसीम - ह्म्म..वही सोच रहा था कि कहाँ चले...

अकरम- तो क्या सोचा आपने डॅड...

वसीम- सोच रहा हूँ कि क्यो ना अपने खेतो की सैर कर आए..वही पर पूल भी है..और एक फार्महाउस भी...वही खाना-पीना होगा....आइ मीन ए पिकनिक ..

अकरम- वाउ डॅड...थ्ट्स ग्रेट...क्यो...

अकरम ने मुझे देख कर कहा....

मैं- हाँ...बहुत बढ़िया....पर बाकी सबसे भी पूछ लो...

वसीम- तो बोलो...सब तैयार है..पिकनिक के लिए...

सभी ने वसीम को खुशी-खुशी हां बोल दी...

फिर हम सब नाश्ता करके रेडी हुए और वसीम ने कार्स मग़वा ली...जििसे हम सब उनके खेतों मे पहुच गये ...

खेत बहुत दूर तक फैले हुए थे...और खेत के एक तरफ पहाड़ भी दिख रहा था...

वहाँ सब घूमने लगे और धीरे-धीर अलग-अलग ग्रूप बना कर घूमने निकल गये......
अकरम रूही को अपने साथ ले गया....रूही मुझे देख रही थी पर अकरम को ना नही कर सकती थी...इसलिए ना चाहते हुए भी निकल गई...
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[font=Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=x-small]Tophttp://rajsharmastories.com/viewtopic.php?f=12&t=7015&start=565#top[/font][/size]
 
पूनम ने संजू को इशारा किया पर उनके साथ मोहिनी भी चल दी...

सरद, वसीम, शबनम और मोहिनी एक तरफ निकल गये....उनके साथ चंदा भी थी...

चंदा और 2 नौकर भी हमारे साथ आए थे....खाने-पीने का इंतज़ाम देखने....

ज़िया मेरे साथ आने लगी पर तभी शादिया उसे अपने साथ ले गई...

अब मैं जूही और गुल के साथ था....और हम तीनो साथ मे घूमने लगे....

एक तरफ मैं जूही के साथ टाइम काटना चाहता था बट गुल को मना भी नही कर सकता था....

इसलिए मैं चुप रहा और घूमने लगा....

मैं(मन मे)- कहाँ साला ये सोच कर आया था कि यहाँ खुले मे किसी को रगड़ के चोदुगा....और अब दो-दो माल साथ होते हुए भी मैं कुछ नही कर सकता....

इस समय जूही और गुल के मन मे क्या था ..ये तो नही पता पर मेरा मूड खराब था....

थोड़ी देर तक हम यू ही बाते करते हुए घूमते रहे और तभी मुझे रूही आती हुई दिखी....

जूही- अरे रूही...यहाँ...अकरम कहाँ है...

रूही- वो आक्च्युयली...चिकेन कबाब बनाने है...तो अकरम ने तुम्हे और गुल को बुलाया है....सुना है आप अच्छे बनाती हो...और गुल भी...

जूही- अरे मैं कहाँ....

तभी रूही ने मुझे इशारा किया और मैं समझ गया....

मैं- अरे जूही..उस दिन तो खिलाए थे...आज भी बना दो ना....प्ल्ज़्ज़..

जूही(खुश हो कर)- ह्म्म्म..सिर्फ़ तुम्हारे लिए जा रही हूँ...ओके...

मैं- ओके...

जूही- चल रूही..और गुल...तू भी चल..

रूही- मैं...वो..मैं क्या करूँगी...मुझे तो बनाना नही आता और अंकित भी अकेला है...मैं इसको कंपनी दे देती हूँ..क्यो अंकित...

रूही ने मुझे फिर से इशारा किया....

मैं- हाँ जूही...तुम गुल को ले जाओ..तैयारी करो...तब तक मैं रूही के साथ थोड़ा घूम कर आता हूँ ..ओके..

जूही चाहती तो नही थी मुझे छोड़ना...पर सबके सामने कुछ कह नही पाई और बिना मन के रूही को मेरे साथ छोड़ कर चली गई...

जूही और गुल के जाते ही रूही ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुस्कुराने लगी.....

मैं- ह्म्म्म...बढ़िया प्लान बनाया...अब क्या इरादा है...???

रूही- इरादा भी बताउन्गा...पहले अकेले मे तो चलो...जहाँ हमे कोई ना देखे...वहाँ सिर्फ़ हम हो...तुम और मैं...

और रूही मेरे करीब आ गई...

मैं- ह्म्म..चलो....तुम्हारी मुराद भी पूरी कर दे...

और मैं रूही को लेकर आगे निकल गया......

थोड़ा आगे चलने के बाद खेतो से लगे जंगल थे.....

वहाँ पर दूर-दूर से हमे कोई नही देख सकता था.......

तभी रूही ने मुझे हाथ पकड़ कर खीचा और मेरे होंठो पर हमला कर दिया....

रूही- सस्रररुउउप्प्प...सस्स्रररुउउप्प्प्प....उूुउउंम्म......आआहह...उउउंम्म...

मैं- ओह्ह..आआराम..उउउंम्म...से...आअहज....उउउंम्म....

रूही पूरे जोश मे मेरे होंठो को चूमने लगी और अपनी बाहें मेरे सिर पर कस ली.....


रूही के नरम-गरम होंठो का स्वाद लगते ही मैं भी गरम होने लगा एर मैने रूही की कमर को कस लिया और हम दोनो जोश के साथ एक-दूसरे के होंठ चूसने लगे....

रूही- सस्स्रररुउउप्प्प.....उउउंम...आअहह....कम ओं.....उउंम्म...उउंम...

मैं- उउंम्म...आअहह....एस.....उउउम्म्म्म....उूउउम्म्म्मम....

नेहा ने अपने हाथो की पकड़ और टाइट कर दी और अब मेरा पूरा चेहरा अपने हाथो मे लेकर मेरे होंठ चूसने लगी....

मेरे हाथ भी रूही की कमर से नीचे जाते हुए उसकी गान्ड पर पहुच गये....

और मैने तेज़ी से रूही की गान्ड दबाना चालू कर दिया.....
 
हम दोनो खुले आसमान के नीचे एक दूसरे के होंठ चूस्ते हुए गरम होने लगे थे......

करीब 10 मिनिट तक हम किस करते रहे...बीच-2 मे थोड़ा साँस लेते और फिर से किस करने मे जुट जाते....

फिर 10 मिनिट बाद हमने अपने होंठ अलग किए और ज़ोर-ज़ोर से साँसे लेने लगे.....

रूही- आआहह...आअहह....मज़ा आ गया....

मैं- आहह...उउंम...तुम तो बहुत गर्म हो और जोश मे भी...ह्म...

रूही(मुस्कुरा कर)- ह्म...तुम मिल गये ना...तो जोश बढ़ गया था...

मैं- अच्छा...तो आओ फिर ..थोड़ा अच्छे से मिल जाते है.... 

रूही(मुस्कुरा कर)- मैं तो कब्से रेडी हूँ...उउउंम्म..उउंम्म

और रूही ने फिर से मेरे होंठो को अपने होंठो से कस लिया....

मैने भी रूही की गान्ड पकड़ कर उसे हवा मे उठा लिया और रूही ने अपनी टांगे मेरी कमर मे लपेट दी....

थोड़ी देर किस करने के बाद मैने रूही के होंठ छोड़े और उसके बूब्स के उपेर अपना मुँह लगा लिया....

रूही- आओउउंम्म...इन्हे बाहर तो निकालने दो...आअहह...

मैने कपड़ों के उपेर से ही रूही के एक बूब को मुँह मे भर लिया...

मैं- उउउंम्म...उूउउंम्म...उूउउंम्म....

रूही- आओउउउंम्म...कपड़े खराब हो जायगे ....उउउंम्म....आअहह....बाहर आअहह...आअहह...आअहह...

मैने अपने दाँतों को रूही के बूब पर गढ़ा दिया और वो सिसक उठी...

रूही- प्ल्ज़...बाहर निकाल लो..फिर खा जाना...आआहह....

मैने फिर से रूही का बूब काट लिया.....

मैं- आअहह...सही कहा ...जल्दी निकालो...आज तो इन्हे चूस कर खाली कर दूँगा....

रूही- हन...खा जाओ...तुम्हारे लिए ही है ..बस थोड़ा रूको...


और रूही ने अपनी जॅकेट की ज़िप खोली और अंदर की स्पोर्ट ब्रा से अपने बूब्स बाहर निकाल लिए.......

रूही के कड़क बूब्स मेरी आँखो के सामने थे...उसके गोरे-गोरे बूब्स और गुलाबी निप्पल....जो कि तने हुए मुझे सलामी दे रहे थे.....

ये देख कर तो मेरे मुँह मे पानी आने लगा...और पहली बार मुझे अकरम पर गुस्सा आ रहा था कि वो साला इसे चोद क्यो नही पाया....

मैं(होंठो पर जीभ फिरा कर)- उउउंम्म...बहुत लज़ीज़ दिख रहे है...स्वादिष्ट होंगे...

रूही ने अपने हाथो से मेरे मुँह को अपने बूब्स पर दबा दिया....

रूही- खुद ही चख के बताओ...उउउम्म्म्म....

और मैने रूही का एक बूब मेरे मुँह मे भर लिया....

फिर मैने रूही को ज़मीन पर खड़ा किया और एक हाथ से उसके दूसरे बूब्स को मसल्ने लगा......


ओर फिर जीभ फिराते हुए रूही के बूब्स को चाटने लगा…..मैने बूब चाट ते हुए निप्पल को मुँह मे दबा के चूस लिया.....

रूही-आहहह…..उउउंम्म...

मैं-उउम्म्म्म...आअहह...उूउउम्म्म्म...उूउउंम्म....उउंम्म

रूही-ऊहह…..क्क्हाअ ज्ज्जाआओ…आअहह...आअहह...उूउउंम्म...
 
मैने बारी-2 रूही के निप्पल को चूसना जारी रखा ऑर रूही मस्त होकर सिसकती रही......

रूही-आअहह..अकरम ने कभी ऐसा नही किया था....वो तो बस दबाता है...उूउउम्म्म्म...

मैं-अगर तुम मेरी गर्लफ्रेंड होती तो मैं रोज ऐसे ही करता.....उूउउंम्म....उूउउम्म्म्मम.....

रूही-आओउउम्म्म्म....सच मे...

मैं-ओर क्या….पर मैं तुम्हे गर्लफ्रेंड नही बनाउन्गा....वो हक़ अकरम का है ....सस्स्रररुउउप्प्प्प....सस्स्रररुउउउप्प्प्प....

रूही-ह्म...तुम कहाँ थे अब तक….पहले मिल जाते तो मैं तड़पति नही रहती..आअहह....ज्ज्जॉर्र्र..सीए...उउउंम्म....

मैं-अब मिल गया हूँ ना….अब मज़े करो….उूउउम्म्म्मम

फिर मैने अपने होंठ रूही के होंठो पर रख दिए और हम फिर से किस करने लगे......

किस ख़त्म कर के......

मैं-अब तुम्हारी बारी…इसे प्यार करने की( लंड की तरफ इशारा करके कहा)

रूही-ह्म्म….इसे तो मैं बहुत प्यार करूगि….बहुत इंतज़ार किया है इसका...

मैं-तो आ जाओ फिर...

रूही-अब तुम मेरा कमाल देखो….

ये कह कर रूही नीचे बैठ गई...और मेरे पेंट को खोल कर लंड बाहर निकाल लिया....

मेरा लंड अब तक खड़ा हो चुका था....रूही के हाथ लगते ही वो फिर से फडक उठा...


रूही ने हाथ से लंड को सहलाया और फिर सुपाडे को निकाल कर एक किस कर दिया...

मैं- आहह...तुम्हारे सॉफ्ट होंठो ने तो लंड को बेताब कर दिया....

रूही- ह्म्म..ये है ही ऐसा कि देखते ही होंठ इसके पास खिचे चले जाते है...उउउंम्म....

मैं- आअहह....अब इसे तड़पाना छोड़ो...

रूही- क्यो चोदु...इसने भी तो मुझे तडपाया है...मैं तो पूरा बदला लूगी.....

मैं(मुस्कुरा कर)- ह्म्म्म ..तो ले लो बदला....

रूही- ह्म..

और रूही ने सुपाडे को होंठो मे डॉवा कर चूसना शुरू कर दिया....
रूही सुपाडे को मुँह मे दबाए अपनी जीभ को सुपाडे के चारों तरफ फिराने लगी....

मैं- ओह्ह्ह..रूही...क्या कर रही हो...आआहह...चूस भी लो...उूउउंम्म...

रूही थोड़ी देर तक सुपाडे को चूस्टी रही और फिर उसके सुपाडे को मुँह से निकाला और अपनी जीभ को लंड के छेद पर फिराने लगी और मैं मस्ती मे तड़प उठा....

रूही ने मेरा लंड पकड़ा ओर अपनी जीभ को मेरी बाल्स से लेकर लंड तक फिराने लगी...

मैं-आअहह…….ओर करो…उउउंम्म....

रूही ऐसे ही जीभ फिराते हुए….मेरी बाल्स मे मुँह मे भर कर चूसने लगी ओर मेरी सिसकी निकल गई…

मैं-आहह…रूही….खुश कर दिया,…आअहह.....

रूही-सस्ररुउपप….सस्स्ररुउउप्प…सस्स्र्र्ररुउुुउउप्प्प्प.....सस्स्स्रर्र्ररुउुउउप्प्प्प्प.....

मैं-ओह्ह…रूही…कहाँ से सीख लिया…ओह्ह्ह.....

रूही-सस्स्रररुउउप्प्प्प......सस्स्ररुउपप….सस्रररुउपप.....आआअहह...

थोड़ी देर बाद रूही ने बाल्स को मुँह से निकाला ऑर कहा..

रूही-आहह…ये पॉर्न फिल्म मे देखा था…सोचा मैं भी तुम्हे खुश करूँ,…अच्छा लगा ना

मैं-ओह…रूही…कमाल कर दिया…मस्त….अब रूको ...

रूही- क्या हुआ....

मैं- बताता हूँ....

और मैने रूही को खड़ा किया और उसकी जीन्स और पैंटी को घुटनो तक खिसका दिया....और बैठ कर उसकी चूत देखने लगा....
 
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