Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर - Page 38 - SexBaba
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Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर

मोना-आअहह…आह.आ.आह…अमम्मायन्न…आऐईइ…..आ..आह...आऐईयईईईईई.....

मैं-आअहह….ये ले …

मोना झड़ने लगी ऑर चुदाई की आवाज़ बदलने लगी

आअहह…..स्शहहह..आहह…त्ततहुूप्प्प…कचहुप्प्प…..ईएहहाअ…आहह…त्ततहुूप्प्प…त्ततहुूप्प्प….फ़फफूूककचह…फ़फफूूककच…
.ऊओ…ईीस्स…यईीसस…आअहह….ऊओ……फफफफकक्चाआप्प्प….टतततुउउप्प…आहह...

मैं- ओह्ह...मैं भी आया ....कहाँ लेगी...

मोना- मुँह मे...एस्स...मुँह मे डालो....

मैं चूत से लंड निकाल के खड़ा हो गया और मोना भी उठ कर मेरे नीचे बैठ कर मेरा लंड हिलाने लगी....

थोड़ी देर बाद ही मैने पिचकारी मारनी शुरू कर दी और मोना ने मुँह खोल कर मेरा लंड रस पी लिया...बाकी का उसकी बॉडी पर गिर गया...
झड़ने के बाद हम रेस्ट करने लगे और थोड़ी देर बाद मोना फ्रेश होने निकल गई...

मैं लेटे हुए सोचने लगा कि क्या मोना पूनम के बारे मे सच कह रही है.../????

पता करने का एक ही तरीका है...मुझे पूनम से बात करनी होगी ...पर प्रूफ के साथ....

और मैने कुछ प्लान किया और लेट कर मोना के आने का वेट करने लगा...

मोना के आते ही मैने मोना से बात की...और करीब 30 मिनिट बात कर के हम फार्म हाउस से निकल आए...

बाहर आते ही मोना जूही के पास जाने लगी और मैं मन मे सोचने लगा...

मैं(मन मे)- ह्म्म..अब आएगा मज़ा...देखते है कौन सही है और कौन ग़लत....मोना या पूनम......?????


मैं अपनी सोच मे डूबा हुआ था कि तभी पीछे से आवाज़ आई....

"" कर लिए मज़े...अकेले-अकेले...हाँ""
 
ये आवाज़ चंदा की थी...जिसे मैने कुछ देर पहले चुदाई करने को कहा था.....

मैं(पलट कर)- चंदा...तुम...क्या कहा तुमने ....??

चंदा- आपने सुन लिया...नाटक मत कीजिए....

मैं(मुस्कुराते हुए)- ह्म्म्मि...सुन भी लिया और देख भी रहा हूँ...

चंदा- क्या देख रहे है...???

मैं- यही...जो इस समय तुम्हारे चेहरे पर छाया हुआ है....

चंदा(अपने चेहरे पर हाथ घुमाकर)- क्या....कुछ भी नही है...

मैं- अरे मैं तो तुम्हारे गुस्से की बात कर रहा हूँ....

चंदा- अच्छा...तो क्या...मैं गुस्सा भी नही हो सकती....

मैं- क्यो नही..बिल्कुल हो सकती हो....पर सवाल है कि क्यो...और किस पर...???

चंदा- आप पर..और क्यो का जवाब आप जानते हो....

मैं- ओह हो ...मैं जानता हूँ बेबी...पर क्या करूँ...वो मोना...

चंदा(बीच मे)- हाँ..मैने देखा है...बड़ी गरम माल है....

मैं- अच्छा...तूने देख लिया....

चंदा- हाँ...मेरी जगह उसने प्यास बुझा ली...

मैं- कोई बात नही...तुम्हारी प्यास भी बुझा देगे....

चंदा(खुश हो कर)- अच्छा..तो चलो फिर...

मैं- नही...अभी नही...मैं थक चुका हूँ...

चंदा- तो फिर..

मैं- रात को...आज रात तुम्हारी...कल की तरह..ओके..

चंदा- ह्म्म..ठीक है...मैं रात का वेट करूँगी...

मैं- ओके..अब तुम अपना काम करो...मैं आता हूँ...

और चंदा को वही छोड़ कर मैं पूनम को देखने निकल गया....

जब से मोना ने मुझे पूनम के बारे मे बताया ...तब से मेरे सीने मे आग लगी हुई थी....

मुझे पूनम पर बहुत गुस्सा था ...आख़िर जिसे मैने हमेशा प्यार दिया...उसने मेरे खिलाफ सोचा भी कैसे...

मैं जब पूनम को ढूँढते हुए खेतो के आगे...पहाड़ी के पास पहुचा तो देखा की संजू पूनम को जोरों से चोद रहा था....

मैं पहले ही समझ चुका था कि ये दोनो भाई-बेहन अब एक दूसरे से शारीरिक रूप से जुड़ चुके है...

पर इस तरह खुले मे चुदाई करेंगे...ये नही सोचा था...

वेल मैं भी वही छिप कर उनकी चुदाई देखने लगा.....

पूनम- येस्स ..भाई...ज़ोर से...बस..थोड़ा और...आअहह...

संजू- यस दीदी...मेरा भी होने वाला...ईएहह....ये लो....एस्स..एस्स..एस्स....

पूनम- मैं आई भाई...आअहह...आअहह...

संजू- उउंम्म...यीहह....ये लो...मैं भी गया....आआहह....

संजू और पूनम झाड़ कर रेस्ट करने लगे और थोड़ी देर बाद कपड़े पहन कर आने लगे...तभी मैं उनके सामने आ गया...

मुझे सामने देख कर दोनो की हालत खराब हो गई...खास कर संजू की...



पूनम- ब्ब..भाई...तुम..यहाँ...

मैं- ओह..यहाँ हो तुम लोग...मैं कब्से ढूँढ रहा था...

पूनम- वो हम...हम बस घूम रहे थे...

मैं- हाँ...तो मैने कब कहा कि तुम लोग कुछ और कर रहे थे...क्यो संजू...हाहाहा...

संजू भी मजबूरी मे हँसने लगा...

संजू- हाँ...वो...घूमने आए थे...

पूनम(बात को संभालते हुए)- वैसे भाई...क्यो ढूँढ रहे थे....कुछ काम था क्या...

मैं- हाँ...मुझे तुमसे काम है...फ्री हो ना...

पूनम- हाँ भाई..बोलो..

मैं- मेरे साथ चलो...बताता हूँ...

संजू- हाँ..तुम लोग बात करो...मैं पानी पीने जाता हूँ...

संजू की तो मेरे सामने गान्ड फटी पड़ी थी..इसलिए वो जल्दी से निकल गया....

संजू के दूर जाते ही...मैं पूनम को जंगल की तरफ खीच के ले गया...

मेरी हरक़त देख कर पूनम की भी गान्ड फट गई...पर वो चुप-चाप मेरे साथ आ गई...
 
थोड़ा अंदर आते ही मैं रुक गया और रुकते ही पूनम के गाल पर जोरदार थप्पड़ खीच दिया.....

पूनम थप्पड़ खा कर सन्न रह गई...और मेरी तरफ देखने लगी...

मेरी आँखो मे इस वक़्त आग जल रही थी...जिससे पूनम और ज़्यादा डर गई...

मैं- तुम्हारी इतनी हिम्मत के मेरे खिलाफ साज़िश करोगी...हाँ...

पूनम- भाई..बात क्या...

साआताआक....पूनम के मुँह खोलते ही एक दूसरा थप्पड़ उसके गाल पर पड़ गया...और पूनम ज़मीन पर गिर गई...

मैं- चुप...एक शब्द नही...समझी...

पूनम अपना गाल पकड़ कर रोने लगी और फिर से मुझे देखने लगी...

मेरा गुस्सा अभी भी कम नही हुआ था...मैने उसके बाल पकड़ कर उसे उठा लिया और उसकी आँखो मे देखते हुए बोला...

मैं- बता...क्यो किया ये सब...क्यो...???

पूनम- प्प्पाअररर ..मैने..सीसी..क्या...किया..ब्ब..भाई....

पूनम इतना डर गई कि ठीक से बोल भी नही पा रही थी...

मैं- क्या किया...तुझे तो कुछ पता नही...रुक बताता हूँ...

और मैने मोना के साथ हुई बात की रेकॉर्डिंग पूनम को देखने को बोल दिया ...



थोड़ी देर पहले का फ़्लेशब्ाक्क.....

( मोना की चुदाई के बाद जब मोना फ्रेश होने गई थी तो मैने अपने मोबाइल का कॅमरा ऑन करके हाथ मे पकड़ लिया था....

और मोना के आते ही उससे पूरी कहानी फिर से सुनी...वही रेकॉर्डिंग पूनम को दिखाई...)

मैं- मोना...अब बताओ की ये सब शुरू कैसे हुआ ...आइ मीन पूनम ने ये कब सोचा...

मोना- देखो अंकित...मुझे पूरा तो पता नही...पर जब पूनम ने कहा कि वो तुम्हारे साथ सेक्स करती है तो मैने उससे वजह पूछी...

पूनम ने बताया कि उसे किसी ने कहा है कि तुमसे सेक्स संबंध बनाए...और तुम्हारे अंदर सेक्स की भूख बढ़ाए....

जब मैने पूनम से उस सक्श के बारे मे पूछा तो उसने मुझे नही बताया...

पूनम ने सिर्फ़ ये कहा कि अंकित को सेक्स की इतनी तलब लगानी है कि वो हर तरफ सेक्स के लिए ही भटकता रहे...

फिर उसने ये भी बताया कि वो सिर्फ़ पैसों के लिए तुम्हारे पास आई थी...पर जब उसे पता चला कि तुम उसकी मोम(रजनी आंटी) को भी चोदते हो...

तब पूनम ने तुम्हे मारने का सोच लिया था...वो ये बर्दास्त नही कर पाई कि तुम्हारे उसकी मोम के साथ सेक्स संबंध है...

-------------



फिर मैने रेकॉर्डिंग बंद कर दी...

मैं- अब बोल...क्या है ये सब...

पूनम(चिल्लाते हुए)- ये सब झूठ है...मैने कभी ऐसी कोई बात नही की...

मैं- झूठ मत बोल...

पूनम- भाई..बिलिव मी..मैने तुम्हे नुकसान पहुचने का कभी नही सोचा...ये झूठ बोल रही है...

मैं- अच्छा. .और तू सही बोल तही है...मैं कैसे मानु...

पूनम- भाई...ये तो सोचो...कि मेरी मोम तुम्हे बेटे से बढ़ कर मानती है...तो क्या मैं सोच सकती हूँ कि तुम मेरी माँ के साथ सेक्स..छ्चीए...

मैं(मन मे)- ये तो मैने सोचा ही नही...पूनम को पता ही नही चल सकता ..मेरे और रजनी आंटी के सेक्स संबंध के बारे मे....

पूनम- बोलो भाई...क्या मैं इतनी घटिया सोच ला सकती हूँ अपने दिमाग़ मे...

मैं- वही तो...ऐसा कुछ है ही नही तो...

पूनम(बीच मे)- मैं भी ऐसा नही सोच सकती...फिर भी तुम उस मोना की बात सच मान रहे हो...

मैं- तुम सच बोल रही हो...

पूनम- हाँ भाई...मैने ऐसा कुछ कभी नही कहा...और ना सोचा है...वो मोना झूठ बोल रही है...

मैं- पर मोना क्यो झूठ बोलेगी...उसको क्या फ़ायदा...

पूनम- वो मैं पूछ कर बताती हूँ...साली कमीनी....

और पूनम गुस्से मे उठी और जाने लगी...तभी मैने उसका हाथ पकड़ा और रोक लिया....

मैं- नही..ऐसे नही...उससे एक तरीके से सच उगलवाएँगे...

पूनम- नही भाई...आज उसने मुझे तुम्हारी नज़रों मे गिराया है...सच तो मैं जान कर रहूगी...

मैं- हाँ..हम दोनो जानेगे...पर ऐसे नही...

पूनम- तो कैसे...

मैं- कुछ सोचता हूँ...प्रूफ के साथ उसका झूठ सामने लाएँगे...

पूनम- तुम्हे जो करना है करो...मुझे छोड़ो...मैं खुद सब पता करूँगी...

मैं- नही...तुम कही नही जाओगी और ना ही मोना से इस बारे मे बात करोगी...मेरी बात मानो..

पूनम(गुस्से मे)- क्यो मानु...तुमने मानी मेरी बात...किसी ने कुछ भी बोला और मुझे ग़लत समझ लिया बस...

मैं- सॉरी यार....मुझे लगा की...

पूनम(बीच मे)- क्या लगा...इतना ही प्यार था मुझसे...बस...

मैं- नही...इससे भी ज़्यादा...तभी तो तुम पर गुस्सा ज़्यादा आया...जिससे जितना प्यार होता है, उस पर गुस्सा भी उतना ही आता है ना...

पूनम- भाई..मुझ पर इतना सा भी भरोसा नही किया....

मैं- सॉरी यार...गुस्से मे मैं..

पूनम- जानती हूँ...गुस्से मे पागल हो जाते हो...

मैं- तुम सब जानती हो तो भूल जाओ ना..

और मैने पूनम को खीच कर गले लगा लिया ...
 
मेरी बाहों मे आते ही पूनम फुट-फुट कर रोने लगी...

मैं- सॉरी जान...वेरी सॉरी...

पूनम(रोते हुए)- अब जान याद आई...मारते वक़्त नही सोचा...उस कमीनी की बात मान ली बस...

मैं- सॉरी यार...मान भी जाओ...

पूनम- नही...मुझे छोड़ो..जाने दो..

मैं- नही...नही जाने दूँगा..और वादा करता हूँ...इन थप्पड़ का पूरा हिसाब देना होगा मोना को..

पूनम- मैं उस कुतिया को छोड़ुगी नही...

मैं- मैं भी नही छोड़ुगा...बस सबर रखो...उसको अच्छा सबक सिखाएँगे ह्म्म...

पूनम- ह्म्म्मन...



थोड़ी देर तक पूनम मेरी बाहों मे रोती रही....

उस समय मुझे अपने आप पर गुस्सा आ रहा था...कि क्यो मैने मोना की बात सुन कर सच मान लिया और पूनम पर ज़रा भी भरोसा नही किया ...

पर अब अपनी ग़लती सुधारँगा...मोना को ये झूठ बहुत भारी पड़ेगा...

मैने अपने आप से मोना को सज़ा देने का प्रोमिस किया और पूनम को प्यार से सहलाने लगा...

पूनम- छोड़ो भाई...मुझे जाना है...

मैं- फिर से...सॉरी बोला ना...अब गुस्सा छोड़ो..चाहे तो मुझे मार लो...ओके...

पूनम- नही भाई...छोड़ो तो...मुझे जाना है...

मैं- नही जाना...मान जाओ ना...

पूनम- मान गई ..अब छोड़ो तो...

मैं- ओके...पर जाओगी तो नही..

पूनम- जाना तो है...और बाथरूम जाना है पागल...हहहे...

मैं(मुस्कुरा कर)- ओह्ह्ह..तो जाओ..और जल्दी आना...

फिर मैने पूनम को छोड़ा और वो मेरी नज़रों से दूर निकल गई...और मैं अपने आप को कोसने लगा..

मैं(मन मे)- क्या हो गया था मुझे...कल मिली लड़की की बात मान कर पूनम पर शक किया...जिसे मैं इतने टाइम से जानता हूँ...हाटत्त...बुरा किया अंकित...बहुत बुरा...

अब इस ग़लती को सुधारना होगा...और वो तभी सुधरेगी...जब मोना को इससे कही ज़्यादा सज़ा मिलेगी....ह्म

पर एक बात अभी भी समझ नही आ रही थी...

वो ये थी कि पूनम को तो मेरे और रजनी आंटी के बारे मे कुछ पता नही तो फिर मोना ने ये बात क्यो बोली...

क्या मोना को ये बात पता है...पर कैसे...???

जहाँ तक मुझे पता है तो सरद की फॅमिली का कामिनी, रिचा या दीपा की फॅमिली से कुछ लेना-देना नही...

तो फिर ये बात कैसे बोल दी मोना ने...और अगर मोना सच बोल रही है तो साला पूनम को किसने बताया मेरे और रजनी आंटी के बारे मे...

साला किसकी बात का भरोसा करू...मोना की या पूनम...

कुछ भी हो...मुझे सच जानना ही है..और वो मैं अपने तरीके से पता लगा कर रहुगा......
कुछ सोच कर मैने अपने आदमी को कॉल किया......

( कॉल पर)

स- हाँ भाई...क्या हाल है....

मैं- बढ़िया....तुम बताओ...वहाँ सब ठीक है ना....वो दोनो कहाँ है ...???

स- यहाँ सब ठीक है...और वो दोनो यही है...कहाँ जायगे ...तुम बताओ...

मैं- अच्छा सुनो...ये पता करो कि मेरे और रजनी के रीलेशन के बारे मे कौन-कौन जानता है....ओके...

स- ह्म्म..समझो हो गया....पूछता हूँ...

तभी मुझे पूनम आती हुई दिखाई दी...

मैं- अभी फ़ोन रखता हूँ...तुम पता करो...बाद मे बात करता हूँ...

स- ओके..

फिर मैने कॉल कट कर दी और पूनम को देख कर मुस्कुराने लगा....

पूनम(पास आ कर)- ये मत सोचना कि मेरा गुस्सा ख़त्म हो गया...

मैं- ह्म्म..पर ये जानता हूँ कि गुस्सा कैसे कम होगा....

पूनम- कैसे.....उूुउउम्म्म्म...

मैने पूनम को पकड़ के किस करना शुरू कर दिया...

पहले तो पूनम ने अपने आप को छुड़ाने की कोसिस की पर थोड़ी देर मे ही मेरी बाहों मे समा गई...और जोश के साथ किस करने लगी....

थोड़ी देर तक किस करने के बाद हम अलग हुए...

पूनम- उउंम..भाई तुम बहुत बुरे हो...हमेशा अपनी बात मनवा लेते हो...

मैं- ह्म्म..वो तो है...अब चलो वरना लोग शक करेंगे...

पूनम- ह्म्म...वैसे मेरी तरफ तो अब ध्यान ही नही देते...कहाँ बिज़ी हो...

मैं- कही नही...बस मौका मिलते ही तुम्हे रगड़ कर रख दूँगा...ओके

पूनम(मुस्कुराते हुए)- ओकक..

फिर हम दोनो फार्महाउस के पास आ गये ...

यहा सब लोग हमारा ही वेट कर रहे थे...

वसीम ने सबको वापिस चलने को कहा तो सब के मुँह बन गये....

पर वसीम ने समझाया कि कल फिर से आएँगे...तो सब मान गये...

जूही ने मुझे पूनम के साथ देखा तो उसकी भोे चिड गई...पर बोली कुछ नही...

फिर हम सब हवेली मे वापिस आ गये और फिर रात को खाने के बाद अपने-2 रूम मे निकल गये....
 
मैं जैसे ही रूम मे आया तो थोड़ी देर बाद ही मेरे रूम पर नॉक हुई....

गेट खोला तो सामने चंदा खड़ी हुई मुस्कुरा रही थी....

चंदा के हाथ मे ट्रे थी...उसमे स्कॉच की बॉटल,कबाब, चिकेन फ्राइ, एग भूर्जी और कुछ स्नॅक्स था....

चंदा को देख कर और उस ट्रे का सामान देख कर मैं खुश हो गया....

मैं- वाउ...कबाब और सबाब दोनो साथ मे...लगता है रात रंगीन होगी...

चंदा- आपकी रात रंगीन करने ही तो आई हूँ...

माओं- ह्म्म..आओ फिर...

फिर मैं ड्रिंक करने लगा और चंदा बेड पर लेट कर अपने बूब्स दिखाने लगी...




चंदा अपने बूब्स दिखा कर मुझे पास बुला रही थी...

चंदा- ऊहह...वो क्या पी रहे हो...इसे पी लो ना...उउउंम्म...

चंदा की चूत मे आग लगी हुई थी और वो जल्दी से जल्दी मेरा लंड लेना चाहती थी...

पर मैं भी पेग पीते हुए चंदा को तड़पाता रहा....

थोड़ी देर तक चंदा की हरक़ते देखते हुए मैं गरम होने लगा और पेग ख़त्म कर के चंदा के पास बेड पर बैठ गया....

मैं- साली...बहुत गरमा रही है...

चंदा घुटनो पर आई और अपने बूब्स दिखाते हुए बोली....

चंदा- हाँ सर ये बहुत परेसान कर रहे है...देखो ना...

मैने बिना कुछ बोले चंदा के बूब्स पर मुँह लगाया और उसके निप्पल चाटने लगा.....




मैं- सस्स्रररुउउउप्प्प्प.....सस्स्स्र्र्ररुउउउप्प्प्प.....सस्स्स्रर्र्ररुउउउप्प्प्प.. .


चंदा- ओह सर....ज़ोर से ...मुँह मे भर कर खा जाओ...उउउंम्म

मैने चंदा के एक बूब्स को मुँह मे भरा और दूसरे को हाथ से मसल्ने लगा....

थोड़ी देर तक मैं चंदा के बूब्स को बारी-बारी चूस्ता रहा और चंदा गरम हो कर सिसकती रही...

फिर चंदा मेरा पेंट खोलने लगी और उसकी सहूलियत के लिए मैं बेड पर खड़ा हो गया और अपना पेंट और अंडरवेअर निकलवा दिया.. .

चंदा- आहह...इसके दीदार को कब्से तरस रही थी...उउउम्म्म्मम....

अब मेरा लंड आधा खड़ा हुआ था...चंदा ने जल्दी से मेरे लंड को मुँह मे भर कर चूसना शुरू कर दिया....




चंदा- सस्स्रररुउउउगगगगग....सस्स्रररूउउग़गग...सस्स्रररूउउगग़गग....सस्स्रररूउउगग़गग...

मैं- आअहह....मज़ा आ गया ...

चंदा पूरे जोश मे मेरा लंड चूस कर कड़क करने लगी और साथ मे मेरी बॉल्स को सहला कर मेरी गर्मी भड़का रही थी....

चंदा- सस्स्रररुउउप्प्प.....सस्रररुउउप्प्प्प....सस्स्ररुउउप्प्प...उउउम्म्म्ममममम....

मैं- आअहह...ज़ोर से चूस...आअहह...

चंदा ने चूस-चूस कर मेरे लंड को रेडी कर दिया.....

चंदा- उउउम्म्म्म...उउउंम..सस्स्रररूउगग़गग....सस्स्रररूउगगगगगग....उउउम्म्म्म....

मैं- आहह....बस कर साली....झडा ही देगी क्या...आआहह.....

चंदा-उउउम्म्म्म...आअहह....अब डाल भी दो...

फिर मैने चंदा का शॉर्ट निकाल दिया और चंदा ने अपनी टी-शर्ट निकाल दी...

फिर मैने चंदा को लिटाया और उसकी पैंटी को हटा कर उसकी चूत को मुँह मे भर लिया....




मैं- उउंम..उउउंम्म...उउउंम्म...उउउंम्म....

चंदा- आअहह.....म्मररर गाइइ....ऊहब....खा जाओ....आआअहह....

मैं चूत चूस्ते हुए दाँत भी गढ़ा देता था......

मैं- उउउंम्म....उउंम..आहह...उउउंम...उउउंम.....

चंदा- ओह्ह...आहह..कतो...आअहह...मत....उउंम्म...

मैं- चुप साली...तू मेरी कुतिया है ना...उउउंम्म...उूउउंम्म...

चंदा- आअहह ...पता है....उउउंम्म....आअहह...आअहह...

थोड़ी देर की चूत चुसाइ ने चंदा को पागल कर दिया...वो अब पूरी तरह तड़पने लगी. .

चंदा- आअहह...बस करो...आअहह...अब डाल दो ..प्ल्ज़्ज़ सर...

मेरा भी रेडी हो गया था और स्कॉच के सुरूर से मन भी बन गया था....

मैने जल्दी से कपड़े निकाले और चंदा के पीछे लेट कर उसकी चूत मे लंड डाल दिया....


चंदा- आआईयइ...आराआंम्म...सस्सीए.....उउउइई मा...

मैं- अब निकल गई गर्मी..हन्म......ये लो...

मैने फिर से लंड को बाहर तक निकाला और फिर से एक जोरदार धक्के के साथ पूरा लंड चूत मे चला गया...
 
चंदा- आऐईयईई.....माअरररर..गाऐइ....ऊओह...

मैं- बस ...अब हो गया......

और फिर मैने स्पीड से चंदा की चुदाई शुरू कर दी और चंदा भी चुदाई की मस्ती मे सिसकने लगी....

चंदा-आअहह…आहह…हहा…आईसीए..आहह…..आहहह…अहहह..
यईएसस..ईसस्स..आहह....

मैं- आहह…ईीस्स...ईीस्स...…एस…

चंदा- आहह...आह…आहह..ज़ोर से....उउउम्म्म्म.....

मैं-एस बेबी एस....

चंदा- अया..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…..एसस्सस्स…आअहह…


फफफफफात्तत्त…..प्प्पाट्त्ट…आहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…..आहह…आईइईसीए..हहीी..आहह…ज्जोर्र…सीए..
ययएएसस्सस्स…आअहह…ययईईसस्स….ऊऊहह......

और ऐसी ही आवाज़ो के साथ चंदा झड़ने लगी.....

चंदा- आअहह...माईंन्न..गाऐ..आअहह....आआहह .....

चंदा के झड़ने के साथ ही मैने लंड निकाल लिया और लेते हुए उसकी गान्ड मे उंगली डाल दी...

चंदा- आऐईयईई....माआ....न्न्नहिि....

मैं- अब तैयार हो जा...आज तेरी गान्ड फटने वाली है..

और मैने फिर से गान्ड के अंदर तक उंगली डाल दी....

चंदा- आअहह...मर गाइइ....आअहह ....आअहह....

मैं- चिल्लाना छोड़ और गान्ड फडवाने को तैयार हो जा....

चंदा- आअहह...हहा...फाड़ लेना...पर पहले उंगली निकालो...

मैने उंगली निकाल दी और चंदा ने सिसकते हुए मेरे लंड को मुँह मे भर के चूसना शुरू कर दिया....

थोड़ी देर तक चंदा ने लंड को गले मे भर कर चूसा और पूरा गीला कर दिया...

चंदा- अब ये तैयार है...और मैं भी ...पर प्यार से मारना सर..

मैं- हाँ क्यो नही...

फिर मैने चंदा को कुतिया बना दिया और उंगली से उसकी चूत का रस लेकर उसकी गान्ड को चिकना कर दिया और फिर लंड को गान्ड के छेद पर सेट किया...

मैने एक जोरदार शॉट मारा और सुपाडा गान्ड मे घुस गया...




चंदा- आाआऐययईईईईईईईई.....फ़फफ़ाआद्द्ड़...ददडिईई.....म्म्म्मा आआअ......उूुुउउफफफफ्फ़.. ..उउउफ़फ्फ़....आअहह...आअहह. .

मैं- बस ..थोड़ा दर्द सह ले ....और मैने सुपाडा अंदर डाले हुए हाथ आगे बढ़ा कर उसके बूब्स मसल्ने लगा और दूसरे हाथ से उसकी चूत मसल्ने लगा ..

जैसे ही चंदा थोड़ी सी नॉर्मल हुई तो मैने फिर से एक शॉट मारा और आधे से ज़्यादा लंड गान्ड मे चला गया....

चंदा- माररर...गाइइ...म्माआ...इतना दर्द...आअहह...

मैं- साली...चूत फटी थी..जब भी दर्द हुआ होगा....थोड़ा और सह ले...

फिर मैने चूत और बूब्स को मसल कर चंदा को नॉर्मल किया और तीसरा शॉट मारा....

इस शॉट के साथ ही पूरा लंड चंदा की गान्ड मे चला गया....

चंदा- ओह्ह..ऊहह...मार...डाला...माआ....आअहह...आहह...

मैं- अब हो गया...अब ..मज़ा कर...

और मैने शॉट मारना शुरू कर दिया...

चंदा भी थोड़ी देर मे कुछ नॉर्मल हो गई..और उसकी चीखे अब सिसकियों मे बदल गई...

चंदा- आअहह...अब ठीक..है...आअहह...

मैं- अब मज़े कर....

थोड़ी देर बाद मैं चंदा की फुल स्पीड मे गान्ड चुदाई करने लगा....




चंदा- आअहह...ज्जूओर्र....सससी...आअहह...उउउंम्म...

मैं- अब मज़ा आया ना...ये ले...यीहह...यईएह....

चंदा- हमम्म...ज्जोर्र से...आअहह...आआहह...

मैं चंदा की गान्ड इतने जोश से मार रहा था कि उसकी गान्ड पर मेरी जाघे थाप मारने लगी और उसकी गान्ड लाल पड़ने लगी थी....

चंदा- आअहह....ज़ोर से मारो...आहह..अब फाड़ दो...ऊओह..म्म्मालआ...एस्स...ईससस्स

मैं- अब तेरी रोज फाडुन्गा साली...भुर्ता बना दूगा...ये ले....

चंदा ने झुके हुए अपने हाथ से अपनी चूत मसलना चालू कर दिया...

अब चंदा चूत और गान्ड दोनो की गर्मी से मस्त हो गई...

मैं-यस ...येस्स..ये ले...ये ले....य्ाआहह....

चंदा-आअहह…आहह…हहा…आईसीए..आहह…..आहहह…अहहह..फादद ..द्डू.....आहह....

मैं- आहह…फटी...हाँ...ये ले...यस.…यस…

चंदा- आहह...आह…आहह..ज़ोर से....उउउम्म्म्म.....

मैं- हाँ मेरी कुतिया...ये ले...पूरा ले..

चंदा- अया..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…..एसस्सस्स…आअहह…

पूरे रूम मे चंदा की सिसकियों और गान्ड की थाप से चुदाई की आवाज़ गूज़्ने लगी थी....

प्प्पाट्त्ट…आहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…..आहह…आईइईसीए..हहीी..आहह…ज्जोर्र…सीए..
ययएएसस्सस्स…आअहह…ययईईसस्स….ऊऊहह......

और ऐसी ही आवाज़ो के साथ चंदा झड़ने लगी.....

चंदा- आअहह...माईंन्न..गाऐ..आअहह....आआहह .....
 
मैने अभी भी गान्ड मारना चालू रखा ...पर चंदा की कसी हुई गान्ड ने मुझे भी झड़ने पर मजबूर कर दिया...

मैं- मैं भी गया...आअहह...ये ले..ईएह...यीहह....

और धक्के मारते हुए मैं चंदा की गान्ड मे लंड रस छोड़ने लगा...

मैं झड कर चंदा के उपेर ही लेट गया और उसे चूमने लगा...

मैं- क्यो...गान्ड मरवाने मे मज़ा आया...

चंदा- आहह...आया..पर दर्द हुआ...

मैं- कोई बात नही...आज रात भर तेरी गान्ड मार कर पूरा खोल दूँगा...

चंदा- क्या...फिर से मारेंगे...तो और दर्द होगा...

मैं- अरे नही होगा...उल्टा तेरा दर्द ख़त्म हो जायगा....

चंदा- सच मे...तब तो मज़ा आएगा...

मैं- ह्म्म...अब फ्रेश हो कर फिर से मारता हूँ...

चंदा- थोड़ा रूको ना सर...और फिर आपको दूसरे कमरे मे नही देखना...

मैं- ओह्ह..ये तो भूल ही गया था ....सही कहा..रुक कर मारता हूँ...तुम फ्रेश हो आओ...


चंदा बेड से उठी और लंगड़ाते हुए बाथरूम मे चली गई...और मैने लॅप टॉप ऑन कर लिया...

फिर मैने अपना फ़ोन देखा तो उसमे मेरे आदमी के मिस कॉल पड़े थे...

तो मैने अपने आदमी को कॉल किया...


मैं- हाँ बोलो...कुछ पता चला...

स- हाँ...जितनी जानकारी मुझे मिली है...उस हिसाब से ये बात सिर्फ़ 5 लोग ही ये बात जानते है...

मैं- अच्छा...ये बात उसने बताई...

स- हाँ...उसी ने बताई...

मैं- तो कौन है वो 5 लोग...

स- दीपा, कामिनी, दामिनी, रिचा और रजनी...और हाँ यार तुम भी तो हो...हाहाहा...

मैं- ह्म्म..और इनमे से सरद की फॅमिली का कनेक्शन है किसी का...

स- नही...उसने बताया कि सरद को इनमे से कोई नही जानता और ना उसकी फॅमिली को...

मैं- ह्म्म...फिर कौन हो सकता है....जिसने ये बात मोना को कही...वेल तुम रखो...बाद मे बात करता हूँ...ओके

स- ओके..और हाँ...शायद ये बात तुम्हारी तरफ से लीक हुई हो...सोचो थोड़ा..बाइ....

कॉल कट होने के बाद मैं फिर से सोचने लगा कि क्या पूनम सही है या मोना...

और सबसे बड़ी बात की मेरे और रजनी के बारे मे ये बात इनको कैसे पता चल सकती है...

मेरी तरफ से ये बात सिर्फ़ संजू को पता है...पर संजू किसी को नही बातायगा...

फिर कौन हो सकता है...अरे हाँ...ये उनको भी तो पता है ना...

क्या उसने ही मुँह खोला...पर क्यो...और उसका मोना से क्या रीलेशन हो सकता है...??????
 
मैं आगे कुछ सोचता उससे पहले चंदा फ्रेश हो कर आ गई...

चंदा- आअहह..सिर..बहुत दर्द हो रहा है....ओह्ह माँ...

मैं- कोई बात नही....जल्दी ही दर्द ख़त्म हो जायगा ....अभी और मारूगा ना...

चंदा- मारने से ठीक होगा कि और बढ़ेगा.....

मैं- ठीक होगा..बिल्कुल...देख लेना....

चंदा- देख लूगी...पर अभी रूम मे देखे कि कौन क्या कर रहा है....

मैं- ह्म्म...मुझसे जल्दी तो तुझे पड़ी है ...

फिर हम दोनो एक-एक रूम को चेक करने लगे....

आज तो सारे रूम्स मे शान्ती छाई हुई थी...शायद सब घूम कर थक गये थे...

सिर्फ़ ज़िया और गुल ही जाग रही थी पर शांति से लेटी हुई थी....

उसके बाद मैने रूम चेक करते हुए चंदा की एक बार गान्ड मारी और फिर थक कर सो गया....

अगले दिन सुबह से मुझे संजू ने जगाया...और मैं रेडी हो कर नीचे आ गया...

नाश्ता करने के बाद डिसाइड हुआ कि आज रेस्ट करेंगे....क्योकि सरद और वसीम किसी काम से पास मे कहीं जा रहे थे....

सब लोग वही गप्पे मार रहे थे कि तभी अकरम ने मुझे बाहर आने का इशारा किया....

और जैसे ही हम बाहर आए तो अकरम मुझ पर भड़क उठा....

अकरम- साले...क्या कर रहा है...कुछ तो सही कर...

मैं- क्या..क्या सही...मैने क्या ग़लत कर दिया....

अकरम- अगर सही नही किया तो ग़लत ही हुआ ना....

मैं- क्या मतलब...??

आलराम- भूल गया...तूने कुछ वादा किया था मुझसे...

मैं- ओह्ह...तो तू अपनी मोम की बात कर रहा है...

अकरम- हाँ...और तूने कहा था ना कि 2 दिन मे मेरी माँ से बात कर के सब ठीक करेगा...कुछ किया तूने...??

मैं- यार ये इतना सिंपल काम नही...अचानक से तेरी मोम से क्या कह दूं...

अकरम- जानता हूँ...सिंपल होता तो मैं खुद नही कर लेता...तुझसे क्यो कहता...

मैं- ओके..कर दूँगा...अब शांत हो जा...

अकरम- आज तेरा दूसरा दिन है...आज ही कर समझा...

मैं- ओये..धमकी दे रहा है...

अकरम- नही भाई...मिन्नत कर रहा हूँ...तू बस पता लगा दे कि मोम ये सब क्यो कर रही है...उसके बाद कोई सल्यूशन ढूँढ लेगे...

मैं- ओके...तू आराम कर...मैं मौका मिलते ही बात करता हूँ...वो भी आज ही...ओके...

अकरम- ओके..

तभी रूही ने अकरम को आवाज़ दी...

अकरम- एक ये है...साली को चुदने की पड़ी रहती है...प्यार तो समझती नही..

मैं- तो जा और चोद दे...वरना कही...

अकरम- ओये..वो ऐसी नही है...सच्चा प्यार है...तू मेरा काम कर..मैं इसे देखता हूँ...

अकरम रूही के पास निकल गया और मैं अपने आप से बात करने लगा....

मैं(मन मे)- अकरम तेरा सच्चा प्यार बहुत भूखा है...उसकी चूत की आग बहुत है...तूने नही मिटाई तो मुझसे मिटवाने आ गई है...

आइ विश वो तुम्हे कभी प्यार करना ना छोड़े....


थोड़ी देर वही खड़े रहकर मैं सोचता रहा कि अकरम की माँ से क्या बात करूँ...उन्हे कैसे सही रास्ते पर लाओ...

फिर कुछ सोचकर मैं अपने रूम मे आया और लॅपटॉप से कुछ डेटा अपने मोबाइल मे ट्रान्स्फर कर लिया ...

जब मैं नीचे पहुचा तो जूही ने मुझे बुला लिया...

जूही- थोड़ा वक़्त हमारे लिए भी निकाल लिया करो...

मैं - ऐसा क्यो बोल रही हो...तुम जब चाहो तब मैं आ जाउन्गा...बोलो..

मैं जूही के साथ बैठ कर बाते करने लगा...

मैने बाकी लोगो का पूछा तो जवाब मिला कि संजू और पूनम पीछे पूल पर गये है ...

अकरम और रूही थोड़ा बाहर निकल गये...

मोहिनी, मोना और गुल किचन मे है चंदा के साथ और शादिया मौसी अपने रूम मे है...

मैं- और तुम्हारी मों...??

जूही- वो यही थी...कोई कॉल आ गया तो बात करते हुए निकल गई...शायद रूम मे होगी...

मैं- ओके...तो तुम क्या कर रही हो...घूम आओ...

जूही- तभी तो तुम्हे रोका...चलो घूम कर आते है...

वैसे मन तो मेरा भी था कि जूही के साथ अकेले मे टाइम बिता सकूँ...पर इस समय मुझे अकरम की मोम से बात करनी थी...

मैं- ह्म्म..ज़रूर घूमेगे पर आज नही..कल...आज थोड़ा काम है..

जूही- पर..

मैं(बीच मे)- सॉरी यार ...कल पूरा दिन तुम्हारे नाम...आज के लिए सॉरी...

मेरी बात सुनकर जूही मुँह बना कर गुस्से मे अपने रूम मे निकल गई....

अब मेरे लिए मौका अच्छा था कि शबनम से जा कर बात कर सकूँ...यही सोच कर मैं शबनम के रूम की तरफ निकल गया....
 
शबनम अपने रूम मे किसी से फ़ोन पर बात कर रही थी...मैने गेट नॉक किया तो वो चौंक गई....

शबनम(फ़ोन काट कर)- तुम..यहाँ...आओ बेटा...कुछ काम था क्या..??

मैं- जी आंटी ..कुछ बात करनी थी आपसे ...

शबनम- हाँ बोलो ना...

मैं- एक मिनिट...

और मैने रूम को अंदर से लॉक कर दिया...जिससे शबनम फिर से चौंक गई...

शबनम- ये...ये गेट क्यो लॉक किया...

मैं- बात ही कुछ ऐसी है आंटी...कुछ प्राइवेट...

शबनम- प्राइवेट....???...ऐसी क्या बात करना है तुम्हे....वो भी मुझसे...

मैं- आंटी..बात ही कुछ ऐसी है कि मैं नही चाहता कि कोई भी ये बात सुने...और आप भी नही चाहेगी...

शबनम- अच्छा....बताओ तो...ऐसी क्या बात है...जो मैं भी सबसे छुपाना चाहुगी...

मैं शबनम के साथ बेड पर बैठ गया.....

शबनम- अब बताओ..

मैं- आंटी...ये बात आपकी अय्यशि के बारे मे है...

शबनम- क्या...क्या कहा तुमने....???

मैं- वही जो आपने सुना...आपकी अय्याशी...

शबनम(गुस्से मे)- क्या बकवास कर रहा है...होश मे तो है..

मैं- हाँ...पूरे होश मे हूँ...होश तो आपने खो दिया..जो इतने नीचे गिर गई...

शबनम(पूरे गुस्से मे)- क्या बक रहा है....मैं नीचे गिर गई....तू बोल भी कैसे सकता है ऐसा...

मैं- जो सच है वही बोल रहा हूँ...

शबनम- सॉफ-सॉफ बोल...क्या कहना चाहता है...

मैं- वही आंटी..जो आप कर रही है...किसी बाहरी इंसान के साथ सेक्स कर के...

सत्ताअक्ककक....इतना बोलते ही सबमम ने मेरे गाल पर थप्पड़ जड़ दिया....

मैं चाहता तो अभी उसकी माँ चोद देता...पर अकरम की मोम है...यही सोच कर अपने गुस्से को काबू कर लिया...

शबनम(चिल्लाते हुए)- क्या कहा तूने....तुझे ये बोलते हुए शर्म भी नही आई...तुझे

मैं- शर्म तो आप को आनी चाहिए....ग़लत आपने किया...और आप मुझे...

मेरी बात सुनते ही शबनम ने फिर से मुझे मारने हाथ उठाया...पर इस बार मैं थप्पड़ खाने के मूड मे नही था...और मैने शबनम का हाथ पकड़ लिया...

शबनम- मेरा हाथ छोड़...मैं बताती हूँ तुझे...अभी सबको बोलती हूँ कि तू क्या बक रहा है...

मैं- सुनो आंटी...अकरम की मोम हो इसलिए चुप हूँ...वरना...

शबनम(बीच मे)- वरना...वरना क्या करेगा...

मैं- मैं कुछ नही करूगा...आपके बच्चे ही आपकी बॅंड बजा देगे....

शबनम(हँसती हुई)- मेरे बच्चे...और वो मेरे खिलाफ जायगे...कैसे...

मैं(शबनम का हाथ छोड़ कर)- वो ऐसे कि जब उन्हे पता चलेगा कि उनकी माँ किसी दूसरे का बिस्तर गरम करती है..तो सोचो...वो क्या करेंगे...हाँ..

शबनम- बस...बहुत बोल लिया तूने...और मैं सुन भी लिया...अब मैं बताती हूँ सबको कि तू कितनी घटिया बाते कर रहा है मुझसे...

शबनम उठ कर गेट की तरफ जाने लगी...तभी मैने तालियाँ बजाना शुरू कर दिया ...



मैं(तालियाँ बजाते हुए)- वाह...हरक़ते रंडियों जैसी और बाते ऐसी...वाह..

शबनम(गुस्से से लाल हो कर)- क्या बोला...मुझे रंडी बोला....तेरी हिम्मत कैसे हुई ..रुक अब तो तू गया ...समझा...

शबनम गेट खोलने गई पर उसके पहले ही मैने लास्ट तीर मार दिया...

मैं- हाँ..बताओ सबको कि सरद की रंडी कैसे बनी...हाहाहा....

सरद का नाम सुनते ही शबनम के हाथ रुक गये और चेहरे का रंग उड़ गया...

मैं- क्या हुआ....अपने मालिक का नाम सुनते ही झटका लगा क्या...ओह हो...

शबनम ने गेट छोड़ा और पलट के मुझे देखने लगी...उनकी आँखो मे गुस्सा भी था और डर भी...

शबनम- सरद ...ये सरद कहाँ से आ गया...

मैं- ओह..मेरी प्यारी आंटी...भूल गई क्या...

शबनम- क्क्क..क्या मतलब...???

मैं- वाह...बिस्तेर पर तो उसका लंड खाती हो और नाम सुन कर बोल रही हो कि सरद का क्या...ह्म्म्मट

शबनम- तुम बकवास बंद करो और जाओ यहाँ से...और आइन्दा मुझसे बात भी मत करना ..

मैं- चुप...तेरे जैसी औरत से मैं क्यो बात करूँ...वो तो तू मेरे दोस्त की माँ है इसलिए इतने अच्छे से बात कर रहा था...समझी...वरना...

शबनम- वरना...वरना क्या...कहना क्या चाहता है...

मैं- वरना तेरे जैसी रंडियों को अपन अपने लंड पर नचाते है..समझी..

शबनम(पूरे गुस्से मे चिल्ला कर)- बस..बस कर...एक बार और मुझे ग़लत कहा तो जान से मार दूँगी...

मैं(बेड से उठ कर)- हाँ..मार देना...पर एक बार ये देख ले...फिर सब समझ जायगी...

मैने मोबाइल मे वीडियो प्ले करके शबनम को पकड़ा दिया...

मैं- ले देख इसे...और बुला सबको....फिर सबको पता चलेगा कि तू क्या चीज़ है....

( ये वही वीडियो था जिसमे शबनम, मोहिनी और सरद के साथ सेक्स कर रही थी..)


जैसे ही शबनम ने वीडियो देखना शुरू किया तो उसका गुस्सा आँसू बन कर निकलने लगा और आँखो मे सिर्फ़ डर दिखाई देने लगा......

शबनम पूरी तरह मूरत बन कर आंशु बहा रही थी और उसका चेहरा पीला पड़ने लगा था...

थोड़ी देर मे ही शबनम ने मोबाइल बेड पर फेक दिया और वही ज़मीन पर बैठ कर रोने लगी...

मैं- अब आपको रोना आ रहा है...करते वक़्त कुछ नही सोचा...
 
शबनम(बस सुबक्ती रही)

मैं- अब कहाँ गई ज़बान...बोलो...बुलाओ सबको...और बता दो कि मैं कितना घटिया हूँ...

शबनम- मैं...मैं....(और रोने लगी)

मैं- अब रोने से क्या फ़ायदा....अब तो सब कर ही लिया है...है ना...

शबनम(थोड़ा हिम्मत कर के)- बेटा..मैं..वो...माफ़ कर दे...

मैं- माफ़...मैं क्यो माफ़ करूँ..और मैं होता कौन हूँ माफ़ करने वाला...

शबनम(रोते हुए)- सोररय्यी...ब्ब्बेटा...

मैं- सॉरी ...वाह...कभी सोचा है कि यदि ये बात अकरम या आपकी बेटियों को पता चली तो क्या होगा...हाँ...

शबनम- मैं बहक गई थी.....सूओरररयी....

मैं- मुझे सॉरी मत बोलो...यहाँ बैठ कर सोचो कि क्या सही किया और क्या ग़लत...मैं चलता हूँ...

और मैं अपना फ़ोन उठा कर शबनम को रोता हुआ छोड़कर निकल आया....

मुझे शबनम से बहुत सी बात करनी थी...बट इस टाइम सोचा कि उन्हे रो कर पछ्ता लेने दो...फिर बात करूगा....

और मैं अपने रूम की तरफ निकल गया...

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यहाँ सहर मे सोनू(सुषमा का बेटा) अपनी कार को रजनी आंटी के घर के बाहर रोकता है...

गेट खोलते ही उसे रजनी सामने दिखती है....

सोनू- आंटी...मुझे आपसे से बहुत ज़रूरी काम है...

रजनी देखती है कि सोनू काफ़ी घबराया हुआ है...इसलिए वो सोनू का हाथ पकड़ कर उसे सोफे तक ले जा कर बैठा देती है...

रजनी- पहले तू बैठ और साँस ले ले...कितना घबराया हुआ है...बैठ...

सोनू- आंटी...मुझे बहुत ज़रूरी काम है आपसे....

रजनी- हाँ ...पहले पानी पी ले...फिर आराम से बोल...

सोनू ने पानी पिया और थोड़ा सा नॉर्मल हुआ....

रजनी- हाँ..अब आराम से बता ...तू इतना परेसान क्यो है...??

सोनू- वो...आक्च्युयली आंटी..मैं अंकित को ढूँढ रहा हूँ...उसका कुछ पता नही चल रहा...

रजनी- अरे...तू कॉल कर ले उसे...

सोनू- वो आंटी...मैने किया था बट लग नही रहा है...

( यहाँ आपको बता दूं कि सोनू खुद अंकित को कॉल कर सकता था...पर उसे वहाँ पहुचना था जहाँ अंकित है और वो नही चाहता था कि उसके आने की बात अंकित को पता चले )

रजनी- ओह्ह..शायद नेटवर्क प्राब्लम होगी...तू टेन्षन मत ले...

सोनू- हाँ शायद...इसी लिए आपके पास आया....

रजनी- मेरे पास ..मतलब..???

सोनू- वो..मुझे पता चला कि संजू और पूनम दी भी अंकित के साथ गये है ..है ना...

रजनी- हाँ..गये है...वो सब अकरम की फॅमिली के साथ गये है...

सोनू- इसलिए...आप संजू या पूनम को कॉल कर के पूछो ना कि वो कहाँ है...

रजनी- ठीक है बेटा...पूछ लेती हूँ...तू बैठ मैं चाइ ले आती हूँ...और कॉल भी कर लेती हूँ....

रजनी किचन मे निकल गई...

सोनू(मन मे)- जितनी जल्दी पता चल जाए उतना ही अच्छा...और मैं भी वही पहुच जाउ...पर पता नही वहाँ मुझे क्यो पहुचा रही है वो...


थोड़ी देर मे रजनी चाइ- नाश्ता ले कर आ गई...

सोनू- पता लगा आंटी...??

रजनी- हाँ...वो इस समय **** गाओं के पास है....अकरम का कोई फार्म हाउस है वहाँ...

सोनू- ओके..थॅंक्स आंटी..मैं चलता हूँ...

रजनी- पर बेटा ये चाइईईईई...

रजनी कुछ कह पाती उसके पहले ही सोनू घर से निकला और कार से निकल गया.....

रजनी(मान मे)- ये सोनू को क्या हुआ...किस बात की जल्दी है इसे...और हाँ...

तभी रजनी को कुछ याद आया और उसे झटका लगा......

रजनी(मन मे)- हे भगवान....ये अकरम के डॅड अंकित को उस गाओं क्यो ले गये....अगर अंकित को कुछ पता चल गया कि उस गाओं मे क्या है तब तो उसे सब कुछ पता चलने मे कोई देर नही लगेगी....
 
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