hotaks444
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औरत-(गुस्से से)-यहाँ कोई नही था…अब जाते हो या…यहाँ से निकलवा दूं अभी
मैं(गुस्से से)-मैं तो नही जाउन्गा...पर तुम अपनी सोचो..मैं क्या करूगा
औरत-(गुस्से से)-तुम मेरे घर मे मुझे धमकी दे रहे हो...देखो क्या हाल करवाती हूँ तुम्हारा
मैं(गुस्से से)-ठीक है अब यही देखते है कि किसका हाल बहाल होता है
ये कह कर मैने वहाँ से आने लगा....
मुझे जाते हुए देख कर उस औरत ने मुझे रुकने को बोला, (शायद डर गई कि पता नही मैं क्या करने वाला हूँ…) और मुझसे कहा....
औरत-रूको…पहले ये बताओ कि तुम हो कौन , जो मुझे धमका रहे हो वो भी मेरे ही घर मे..
मैं-ये घर तो कामिनी का है…ऑर मैं उनका गेस्ट हूँ…वो भी स्पेशल..
औरत-हाँ..कामिनी का है ऑर मेरा भी…
मैं-अच्छा तो आप इसी फॅमिली की है..??
औरत- हां ये मेरी भी फॅमिली है...
मैं- तब तो वो लड़की भी इसी फॅमिली की होगी...
मेरे मुँह से लड़की की बात सुन कर उसकी गंद फट के हाथ मे आ गई…मैं अभी अंजान बनने का नाटक कर रहा था कि मैं उन दोनो को जानता नही हूँ…
औरत-क्क्क..कौन लड़की???
मैं(डाइरेक्ट बात पर आते हुए)-वही जो कुछ देर पहले यहाँ चूत चुसाइ का गेम खेल रही थी…मासी जी
मेरे मुँह से मासी वर्ड सुन कर तो वो दंग रह गई…..वो समझ चुकी थी कि मैने सब देख ऑर सुन लिया है ….
औरत-तुमने सब देखा..??
मैं-हां…देखा भी ऑर सुना भी
औरत-(गिडगिडाते हुए)-प्लीज़..प्लीज़…ये किसी को मत बोलना…नही तो मैं बर्बाद हो जाउन्गी..प्लीज़
मैं-चुप रहा
औरत-प्लीज़…प्लीज़…मुझे बर्बाद मत करना प्लीज़...
मैं-ओके.. ओके….मैं किसी को नही बताउन्गा…पर उससे फ़ायदा क्या..???
औरत-फ़ायदा..???..अच्छा बोलो कितने पैसे चाहिए चुप रहने के...???
मैं ये बात सुनकर गुस्से से लाल हो गया…साली मुझे पैसे दिखाती है
मैं(गुस्से मे)-पैसे…अरे तू क्या पैसे देगी मुझे …मैं तेरे जैसे 100 को खरीद सकता हूँ..समझी…
औरत(सॉफ्ट आवाज़ मे)-सॉरी..सॉरी..तो बताओ तुम्हे क्या चाहिए..??
मैं-ह्म्म…मैं यहाँ कुछ लेने नही बल्कि कुछ देने आया हूँ…
औरत-(चौुक्ते हुए)-देने..???...क्या???
मैं(मुस्कुरा कर)-वही जिसकी तुम्हें ज़रूरत है
औरत-(आँखे बड़ी करके)-ज़रूरत..???...कैसी ज़रूरत...???
मैं-अरे मैने तुम दोनो की सारी बात सुन ली है …तुम दोनो की ज़रूरत एक ही है ऑर वो मैं पूरी कर सकता हूँ…अगर चाहो तो..
औरत-(आँखे दिखाते हुए)-सब सुन लिया….???
मैं-हां..
औरत-तो ये भी सुना होगा कि हमारी ज़रूरत कैसी है...
मैं-अच्छे तरीके से जानता हूँ
औरत-ऑर जान कर तुम ये सोचते हो कि तुम हमारी ज़रूरत पूरी करने लायक हो..
मैं(मुस्कुरा कर)-वो तुम खुद ही चेक कर लो.....
औरत-अच्छा…अगर लायक ना हुए तो
मैं-तो मैं यहाँ से चला जाउन्गा ओर ये बात राज़ ही रहेगी…पर…अगर लायक हुआ तो…??
औरत-ह्म्म्मय…तो तुम्हे इतना मज़ा मिलेगा जितना कभी ना मिला होगा ऑर वो भी लाइफ टाइम के लिए…
मैं-ओके..मंजूर है…
औरत-तो दिखाओ ज़रा…मेरी ज़रूरत का समान..
मैं - वो तुम चेक कर लो..खुद से..पर हाँ..पहले गेट बंद कर लो…वरना यहाँ लाइन भी लग सकती है..हाहहाहा
मैं(गुस्से से)-मैं तो नही जाउन्गा...पर तुम अपनी सोचो..मैं क्या करूगा
औरत-(गुस्से से)-तुम मेरे घर मे मुझे धमकी दे रहे हो...देखो क्या हाल करवाती हूँ तुम्हारा
मैं(गुस्से से)-ठीक है अब यही देखते है कि किसका हाल बहाल होता है
ये कह कर मैने वहाँ से आने लगा....
मुझे जाते हुए देख कर उस औरत ने मुझे रुकने को बोला, (शायद डर गई कि पता नही मैं क्या करने वाला हूँ…) और मुझसे कहा....
औरत-रूको…पहले ये बताओ कि तुम हो कौन , जो मुझे धमका रहे हो वो भी मेरे ही घर मे..
मैं-ये घर तो कामिनी का है…ऑर मैं उनका गेस्ट हूँ…वो भी स्पेशल..
औरत-हाँ..कामिनी का है ऑर मेरा भी…
मैं-अच्छा तो आप इसी फॅमिली की है..??
औरत- हां ये मेरी भी फॅमिली है...
मैं- तब तो वो लड़की भी इसी फॅमिली की होगी...
मेरे मुँह से लड़की की बात सुन कर उसकी गंद फट के हाथ मे आ गई…मैं अभी अंजान बनने का नाटक कर रहा था कि मैं उन दोनो को जानता नही हूँ…
औरत-क्क्क..कौन लड़की???
मैं(डाइरेक्ट बात पर आते हुए)-वही जो कुछ देर पहले यहाँ चूत चुसाइ का गेम खेल रही थी…मासी जी
मेरे मुँह से मासी वर्ड सुन कर तो वो दंग रह गई…..वो समझ चुकी थी कि मैने सब देख ऑर सुन लिया है ….
औरत-तुमने सब देखा..??
मैं-हां…देखा भी ऑर सुना भी
औरत-(गिडगिडाते हुए)-प्लीज़..प्लीज़…ये किसी को मत बोलना…नही तो मैं बर्बाद हो जाउन्गी..प्लीज़
मैं-चुप रहा
औरत-प्लीज़…प्लीज़…मुझे बर्बाद मत करना प्लीज़...
मैं-ओके.. ओके….मैं किसी को नही बताउन्गा…पर उससे फ़ायदा क्या..???
औरत-फ़ायदा..???..अच्छा बोलो कितने पैसे चाहिए चुप रहने के...???
मैं ये बात सुनकर गुस्से से लाल हो गया…साली मुझे पैसे दिखाती है
मैं(गुस्से मे)-पैसे…अरे तू क्या पैसे देगी मुझे …मैं तेरे जैसे 100 को खरीद सकता हूँ..समझी…
औरत(सॉफ्ट आवाज़ मे)-सॉरी..सॉरी..तो बताओ तुम्हे क्या चाहिए..??
मैं-ह्म्म…मैं यहाँ कुछ लेने नही बल्कि कुछ देने आया हूँ…
औरत-(चौुक्ते हुए)-देने..???...क्या???
मैं(मुस्कुरा कर)-वही जिसकी तुम्हें ज़रूरत है
औरत-(आँखे बड़ी करके)-ज़रूरत..???...कैसी ज़रूरत...???
मैं-अरे मैने तुम दोनो की सारी बात सुन ली है …तुम दोनो की ज़रूरत एक ही है ऑर वो मैं पूरी कर सकता हूँ…अगर चाहो तो..
औरत-(आँखे दिखाते हुए)-सब सुन लिया….???
मैं-हां..
औरत-तो ये भी सुना होगा कि हमारी ज़रूरत कैसी है...
मैं-अच्छे तरीके से जानता हूँ
औरत-ऑर जान कर तुम ये सोचते हो कि तुम हमारी ज़रूरत पूरी करने लायक हो..
मैं(मुस्कुरा कर)-वो तुम खुद ही चेक कर लो.....
औरत-अच्छा…अगर लायक ना हुए तो
मैं-तो मैं यहाँ से चला जाउन्गा ओर ये बात राज़ ही रहेगी…पर…अगर लायक हुआ तो…??
औरत-ह्म्म्मय…तो तुम्हे इतना मज़ा मिलेगा जितना कभी ना मिला होगा ऑर वो भी लाइफ टाइम के लिए…
मैं-ओके..मंजूर है…
औरत-तो दिखाओ ज़रा…मेरी ज़रूरत का समान..
मैं - वो तुम चेक कर लो..खुद से..पर हाँ..पहले गेट बंद कर लो…वरना यहाँ लाइन भी लग सकती है..हाहहाहा