hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
थोड़ी देर बाद आज़ाद बे कमला की नाइटी निकाल के उसके बूब्स निकाल दिए...
आज़ाद- आहह ...क्या बूब्स है तेरे...मज़ा आयगा चूसने मे...
कमला- तो चूस लो ना....ये आपके लिए ही है ..
आज़ाद- तो फिर आजा मेरी जान...
आज़ाद ने कमला के बूब्स को बारी- बारी चूसना सुरू कर दिया...
कमला- ओह्ह ...माँ....आराम से...अओउक्च्छ .....
आज़ाद- उउंण...सस्स्ररुउप्प्प्प...उउंम..उउंम्म...
कमला- ओह्ह..ओह्ह..चूस लो...आहह..आऐईयईई.....
थोड़ी देर तक जोरो से बूब्स चूसने के बाद आज़ाद ने कमला को नीचे बैठा दिया और अपना लंड उसके सामने निकाल लिया.....
कमला(लंड हाथ मे ले कर)- ओह्ह..ये तो...उम्म्म..मज़ा आयगा.....
आज़ाद- पसंद आया...अब इसे तैयार कर फिर तुझे मसलता हूँ....
कमला ने आज़ाद के लंड को चूसना सुरू कर दिया.. .
कमला- ह्म्म..सस्स्रररुउउप्प्प...सस्स्ररुउप्प्प...उउंम..उउंम...
आज़ाद- ओह्ह..आहह...चूस ले रंडी...आहह..अच्छा चूस्ति है...
कमला- उउंम..उउंम..सस्स्ररुउपप..सस्ररुउपप..सस्स्रररुउपप...उूुउउम्मह..
आज़ाद- ओह...क्या बात है...तू सच मे रंडी के जैसे चूस्ति है...तेज कर...और तेजज़्ज़्ज.....
कमला- उउंम..उउउंम..ख़्हूओंम्म..क्क्हुऊंम्म...
कमला लंड को गले तक भर कर चूसे जा रही थी....
थोड़ी देर के बाद आज़ाद का लंड तैयार हो गया तो आज़ाद ने कमला को रोका और उसे बेड पर लिटा दिया और कमला की टांगे खोल कर उसकी चूत देखने लगा....
आज़ाद- आहह...ये है मेरी मंज़िल....मुउहह...
आज़ाद ने चूत पर किस किया और फिर अपनी जीभ फिराते हुए...चूत चाटने लगा....
कमला- ओह्ह..ये क्या किया....आऐईइ...माआ.....
आज़ाद- सस्स्रररुउपप..सस्ररुउपप...सस्ररुउपप...आहह...मज़ा आया ना...
कमला- हाँ..पर आज तक मेरी चूत पर जीभ नही लगी....
आज़ाद- आज से हमेश लगेगी...आगे-आगे बहुत कुछ होगा....देखती जा...
और आज़ाद ने अपना काम फिर से सुरू कर दिया......
आज़ाद- उउंम्म..सस्ररुउपप..सस्ररुउपप...सस्ररुउपप..
कमला- आहह..माँ...मज़ा ..आहह..करी...ओह्ह्ह माआ....उउफफफ्फ़..
थोड़ी देर तक आज़ाद ने कमला की चूत चाट-चाट कर गीली कर दी और कमला लंड के लिए तड़पने लगी....
कमला- ओह्ह ...अब तड़पाना छोड़ो ...डाल भी दो...
आज़ाद- क्या डालु...
कमला- अपना बड़ा हथियार...
आआज़ाद- और डाल के क्या करूँ...
कमला- मुझे अपना बना लो ...फाड़ दो मेरी ...आहह...जल्दी...
आज़ाद- तो फिर ये ले...
आज़ाद ने चूत पर लंड सेट किया....और...
और तभी फ़ोन की घंटी बजने लगी....
फ़ोन की रिंग से आज़ाद होश मे आया और अपने आप को अपने कॅबिन मे देख कर शॉक्ड हो गया ....
आज़ाद(मन मे)- ये मैं...ये तो...हे भगवान...मैं तो अपने कॅबिन मे हूँ...पर मैं तो कमला की हवेली मे उसके बेडरूम मे....
ओह्ह...मैं ये क्या सोच रहा था...दिन मे ही सपने देखने लगा...ये क्या हो गया मुझे...इस कमला ने तो मुझे पागल कर दिया ....
तभी फ़ोन की रिंग दुबारा बजने लगी....
आज़ाद- कौन...मदन...हाँ बोल यार...
मदन- तेरे लिए एक गुड न्यूज़ है...
आज़ाद- क्या..??
मदन- अभी पूरा काम नही हुआ...काम हो जाने दे फिर बताउन्गा...
आज़ाद- ठीक है...कर ले पूरा...वैसे कब बतायगा.. ??
मदन- बस 1-2 दिन मे खुश खबरी के साथ आउगा..ओके ...
आज़ाद- ओके...
मदन- वैसे कहाँ बिज़ी था...किसे चोद रहा था...??
आज़ाद- किसी को नही रे....तू आजा फिर चोदेगे...ओके...
मदन - ओके...बाइ....
आज़ाद- चल बाइ...
फ़ोन रखने के बाद आज़ाद अपने आप से शर्मिंदा होने लगा कि कैसे वो दिन मे सपने देखने लगा...क्या हो गया उसे...
पर उसका लंड चुदाई के लिए तड़पने लगा....और आज़ाद ने राखी को आश्रम मे फ़ोन किया...
पर उसे पता चला कि राखी किसी काम से घर निकल गई...
फ़ोन रख कर आज़ाद ने कुछ सोचा और उसके चेहरे पर कमीनी मुस्कान आ गई....
आज़ाद(अपने आप से)- राखी आश्रम मे नही तो ना सही....मेरे लंड की आग तो बुझ कर ही रहेगी...
और आज़ाद फॅक्टरी से निकल गया....
आज़ाद फॅक्टरी से निकल कर सीधा राखी के घर पहुचा...उसे अपने लंड को शांत जो करना था....
पर जैसे ही वो राखी के घर पहुचा तो उसे ये सुन कर झटका लगा कि राखी अपने पति के साथ कहीं गई हुई है...
पर उसे खुशी भी हुई...क्योकि अब वो अपनी छोटी रखेल के साथ चुदाई कर सकता था...
उसकी छोटी रखेल थी रखी की बेटी रिचा...
रिचा तो आज़ाद को देख कर खुशी से उछल पड़ी और जल्दी से गेट लॉक कर के आज़ाद के गले लग गई...
रिचा- ओह अंकल...कितने दिनो बाद मेरी याद आई..हाँ..
आज़ाद- अरे मेरी जान...आज तो आ गया ना...
और आज़ाद ने रिचा को उठा लिया और रिचा ने भी अपनी टांगे आज़ाद की कमर मे और हाथ उसके गले मे डाल लिए और किस करने लगी...
रिचा- उउम्मह....क्यो नही आए इतने दिन..??
आज़ाद- क्या करूँ...तेरी माँ आने ही नही देती...हाहाहा..
रिचा- ह्म्म...माँ तो पूरी रंडी है ...खुद लंड खाती रहती है और बेटी के बारे मे नही सोचती...
आज़ाद- अरे गुस्सा छोड़...अब आ गया हूँ ना...
रिचा- ह्म्म...आहह
आज़ाद- आहह ...क्या बूब्स है तेरे...मज़ा आयगा चूसने मे...
कमला- तो चूस लो ना....ये आपके लिए ही है ..
आज़ाद- तो फिर आजा मेरी जान...
आज़ाद ने कमला के बूब्स को बारी- बारी चूसना सुरू कर दिया...
कमला- ओह्ह ...माँ....आराम से...अओउक्च्छ .....
आज़ाद- उउंण...सस्स्ररुउप्प्प्प...उउंम..उउंम्म...
कमला- ओह्ह..ओह्ह..चूस लो...आहह..आऐईयईई.....
थोड़ी देर तक जोरो से बूब्स चूसने के बाद आज़ाद ने कमला को नीचे बैठा दिया और अपना लंड उसके सामने निकाल लिया.....
कमला(लंड हाथ मे ले कर)- ओह्ह..ये तो...उम्म्म..मज़ा आयगा.....
आज़ाद- पसंद आया...अब इसे तैयार कर फिर तुझे मसलता हूँ....
कमला ने आज़ाद के लंड को चूसना सुरू कर दिया.. .
कमला- ह्म्म..सस्स्रररुउउप्प्प...सस्स्ररुउप्प्प...उउंम..उउंम...
आज़ाद- ओह्ह..आहह...चूस ले रंडी...आहह..अच्छा चूस्ति है...
कमला- उउंम..उउंम..सस्स्ररुउपप..सस्ररुउपप..सस्स्रररुउपप...उूुउउम्मह..
आज़ाद- ओह...क्या बात है...तू सच मे रंडी के जैसे चूस्ति है...तेज कर...और तेजज़्ज़्ज.....
कमला- उउंम..उउउंम..ख़्हूओंम्म..क्क्हुऊंम्म...
कमला लंड को गले तक भर कर चूसे जा रही थी....
थोड़ी देर के बाद आज़ाद का लंड तैयार हो गया तो आज़ाद ने कमला को रोका और उसे बेड पर लिटा दिया और कमला की टांगे खोल कर उसकी चूत देखने लगा....
आज़ाद- आहह...ये है मेरी मंज़िल....मुउहह...
आज़ाद ने चूत पर किस किया और फिर अपनी जीभ फिराते हुए...चूत चाटने लगा....
कमला- ओह्ह..ये क्या किया....आऐईइ...माआ.....
आज़ाद- सस्स्रररुउपप..सस्ररुउपप...सस्ररुउपप...आहह...मज़ा आया ना...
कमला- हाँ..पर आज तक मेरी चूत पर जीभ नही लगी....
आज़ाद- आज से हमेश लगेगी...आगे-आगे बहुत कुछ होगा....देखती जा...
और आज़ाद ने अपना काम फिर से सुरू कर दिया......
आज़ाद- उउंम्म..सस्ररुउपप..सस्ररुउपप...सस्ररुउपप..
कमला- आहह..माँ...मज़ा ..आहह..करी...ओह्ह्ह माआ....उउफफफ्फ़..
थोड़ी देर तक आज़ाद ने कमला की चूत चाट-चाट कर गीली कर दी और कमला लंड के लिए तड़पने लगी....
कमला- ओह्ह ...अब तड़पाना छोड़ो ...डाल भी दो...
आज़ाद- क्या डालु...
कमला- अपना बड़ा हथियार...
आआज़ाद- और डाल के क्या करूँ...
कमला- मुझे अपना बना लो ...फाड़ दो मेरी ...आहह...जल्दी...
आज़ाद- तो फिर ये ले...
आज़ाद ने चूत पर लंड सेट किया....और...
और तभी फ़ोन की घंटी बजने लगी....
फ़ोन की रिंग से आज़ाद होश मे आया और अपने आप को अपने कॅबिन मे देख कर शॉक्ड हो गया ....
आज़ाद(मन मे)- ये मैं...ये तो...हे भगवान...मैं तो अपने कॅबिन मे हूँ...पर मैं तो कमला की हवेली मे उसके बेडरूम मे....
ओह्ह...मैं ये क्या सोच रहा था...दिन मे ही सपने देखने लगा...ये क्या हो गया मुझे...इस कमला ने तो मुझे पागल कर दिया ....
तभी फ़ोन की रिंग दुबारा बजने लगी....
आज़ाद- कौन...मदन...हाँ बोल यार...
मदन- तेरे लिए एक गुड न्यूज़ है...
आज़ाद- क्या..??
मदन- अभी पूरा काम नही हुआ...काम हो जाने दे फिर बताउन्गा...
आज़ाद- ठीक है...कर ले पूरा...वैसे कब बतायगा.. ??
मदन- बस 1-2 दिन मे खुश खबरी के साथ आउगा..ओके ...
आज़ाद- ओके...
मदन- वैसे कहाँ बिज़ी था...किसे चोद रहा था...??
आज़ाद- किसी को नही रे....तू आजा फिर चोदेगे...ओके...
मदन - ओके...बाइ....
आज़ाद- चल बाइ...
फ़ोन रखने के बाद आज़ाद अपने आप से शर्मिंदा होने लगा कि कैसे वो दिन मे सपने देखने लगा...क्या हो गया उसे...
पर उसका लंड चुदाई के लिए तड़पने लगा....और आज़ाद ने राखी को आश्रम मे फ़ोन किया...
पर उसे पता चला कि राखी किसी काम से घर निकल गई...
फ़ोन रख कर आज़ाद ने कुछ सोचा और उसके चेहरे पर कमीनी मुस्कान आ गई....
आज़ाद(अपने आप से)- राखी आश्रम मे नही तो ना सही....मेरे लंड की आग तो बुझ कर ही रहेगी...
और आज़ाद फॅक्टरी से निकल गया....
आज़ाद फॅक्टरी से निकल कर सीधा राखी के घर पहुचा...उसे अपने लंड को शांत जो करना था....
पर जैसे ही वो राखी के घर पहुचा तो उसे ये सुन कर झटका लगा कि राखी अपने पति के साथ कहीं गई हुई है...
पर उसे खुशी भी हुई...क्योकि अब वो अपनी छोटी रखेल के साथ चुदाई कर सकता था...
उसकी छोटी रखेल थी रखी की बेटी रिचा...
रिचा तो आज़ाद को देख कर खुशी से उछल पड़ी और जल्दी से गेट लॉक कर के आज़ाद के गले लग गई...
रिचा- ओह अंकल...कितने दिनो बाद मेरी याद आई..हाँ..
आज़ाद- अरे मेरी जान...आज तो आ गया ना...
और आज़ाद ने रिचा को उठा लिया और रिचा ने भी अपनी टांगे आज़ाद की कमर मे और हाथ उसके गले मे डाल लिए और किस करने लगी...
रिचा- उउम्मह....क्यो नही आए इतने दिन..??
आज़ाद- क्या करूँ...तेरी माँ आने ही नही देती...हाहाहा..
रिचा- ह्म्म...माँ तो पूरी रंडी है ...खुद लंड खाती रहती है और बेटी के बारे मे नही सोचती...
आज़ाद- अरे गुस्सा छोड़...अब आ गया हूँ ना...
रिचा- ह्म्म...आहह