Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी - Page 7 - SexBaba
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Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी

अब आगे के स्टोरी रचना की ज़ुबानी फिर से शुरू होती है.

मे रात भर अपनी बेटी नेहा की चुदाई का खेल देख-2 कर गरम होती रही. और अपनी चूत की आग को अपनी उंगली करके ठंडा करने की कोशिस करती रही. पर कहाँ बाबू जी का 8 इंच का लौदा और कहाँ मेरी पतली सी छोटी सी उंगली. मे सारी रात तड़पति रही. सुबह के 3 बजे मे सो गयी.

अगली सुबह मे 10 बजे तक सोती रही . जब मेरी नींद खुली. तो मेने अपने आस पास देखा. मे अभी के साथ वाले रूम मे थी. मेरी सलवार बेड के नीचे फर्श पर गिरी हुई थी. और पॅंटी बेड के एक कोने मे. सुबह मुझे यकीन नही हो रहा था. कि नेहा की बाबू जी ने इतनी जबरदस्त चुदाई की है. मे वैसे ही बेड पर खड़ी हो गयी. और उसे छेद मे से झाँकने लगी.

नेहा बाबू जी के साथ चिपकी हुई सो रही थी. मे सुबह-2 गरम हो कर अपना मूड खराब नही करना चाहती थी. मेने अपनी पॅंटी उठाई और पहन कर बेड से नीचे उतर कर अपनी फर्श पर पड़ी सलवार को उठा कर पहनने लगी.

सलवार पहन कर मे बाहर आ कर बाथरूम चली गयी. फ्रेश होने के बाद मे नहाने लगी. और नहा कर किचन मे आ गयी. टाइम काफ़ी हो गया था. इसलिए सोचा पहले नाश्ता बना लूँ. फिर चाइ बना कर बाबू जी और नेहा को उठाती हूँ.

मे नाश्ता बनाने लगी. नाश्ता बनाते समय भी मेरे दिमाग़ मे रात को हुई नेहा की चुदाई के सीन ही नज़र आ रहे थे. ना चाहते हुए भी मेरी चूत मे खुजली होने लगी. पर फिर मेने अपने सर को झटका और नाश्ता बनाने लगी. नाश्ता बनाने के बाद मेने चाइ बना कर कप्स मे डाली और अभी के रूम के तरफ गयी. रूम के डोर के पास पहुच कर मेने डोर क्नॉक किया. मुझे पता था. कि नेहा और अभी दोनो अंदर नंगें है. और उन्हें डोर खोलने मे टाइम लगेगा. कुछ मिनिट बाद मेने फिर से डोर नॉक किया

और थोड़ी देर बाद नेहा ने डोर खोला. नेहा के बॉल बिखरे हुए थे. और उसके होंटो पर दाँतों से काटने के निशान भी थे. मुझे नेहा की हालत पर थोड़ा सा तरस आ गया. मेने नेहा के गाल पर प्यार से हाथ फेरते हुए बोला.

मे: उठ गयी बेटा.

नेहा: जी माँ.

मे: जा बातरूम हो आ. और फ्रेश हो जा. मेने चाइ बना दी है. और नाश्ता भी पहले नहा ले. फिर मे तुझे चाइ नाश्ता देती हूँ.

नेहा: (मुझसे नज़रें मिलाए बिना) ठीक है मा.

और नेहा बाथरूम मे चली गयी. और मे रूम मे अंदर चली गयी. अभी रज़ाई ओढ़ बेड के रेस्ट सीट से पीठ टिका कर बैठा हुआ था. मुझे देखते ही उसके होंटो पर मुस्कान आ गयी. और मे भी शर्मा कर मसूकुराने लगी.

मेने चाइ की ट्रे को टेबल पर रखा. और अभी के पास जाकर बेड पर बैठ गयी.

अभी: क्यों देखा कैसे नेहा मेरे लंड पर अपनी चूत पटक रही थी. क्यों मज्जा आया.

मे: (उदास सा मुँह बनाते हुए) किया बाबू जी कहाँ मज़ा आया. इधर आप और नेहा चुदने का मज्जा ले रही थी. उधर मे अपनी चूत मे उंगली ले कर चूत की आग बुझाने की कॉसिश कर रही थी.

अभी: अर्रे मेरी रानी नाराज़ क्यों हो रही हूँ. मे तुम दोनो की चूत के खुजली मिताउन्गा ना. अब आगे देखना नेहा और तुम दोनो दिन भर मेरा लंड अपनी चूत मे लेकर रहना. ठीक है

ये कहते हुए बाबू जी मेरे खुले हुए बालों को पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया. मे बेड पर आ गये.
 
अभी: (मेरे चुतड़ों को मेरी सलवार के ऊपेर से मसलते हुए) कहे तो अभी तेरी चूत की खुजली मिटा दूं.

मे: (मुँह बनाते हुए) रहने दो बाबू जी. अब उसकी चूत के खुजली मिटाते रहना.

अभी: ( मेरे होंटो को अपने दाँतों से काटते हुए) साली क्यों जल रही है. नखरे तो ऐसे कर रही है. जैसे बिना लंड के जिंदगी गुजर लेगी.

मे: आह बाबू जी कात्त्त्त क्यों रही हो उस बेचारी के फूल जैसे होंटो को कितनी बेदर्दी से चबाया है आप ने. निशान पर गया है उसके होंटो पर.

अभी: तू किया हुआ. ऐसे ही एक निशान तेरे होंटो पर भी बना देता हूँ. (मेरे चुतड़ों को ज़ोर से मसलते हुए)

मे: उईमा क्या कर्र रहूऊ बाबू जीए. नेहा आ गयी तो.

अभी: अच्छा आ गये तो क्या हो जाए गा.

मे: छोड़ो ना बाबू जी अभी नहा कर आई हूँ . फिर से इतनी सर्दी मे नहाना पड़ेगा.

और अभी ने मुझे छोड़ दिया. और उठ कर अपना अंडरवेर और शॉर्ट्स पहन कर बाथरूम मे चला गया.

अभी: (बाथरूम से आवाज़ लगाते हुए) रचना चाइ वापिस ले जाओ. मे नहा लेता हूँ. बाद मे नाश्ते के साथ ही पीएँगे.

मेने चाइ की ट्रे उठा ली. और किचन मे आ गयी. और नाश्ते को डिन्निंग टेबल पर लगाने लगी15- 20 मिंट मे नेहा और अभी भी नहा कर बाहर आ गये. अभी डिन्निंग टेबल पर बैठ कर नाश्ता करने लगा. और मे और नेहा अपने रूम मे बैठ कर नाश्ता करने लगी. नेहा मुझसे नज़रें नही मिला रही थी. नाश्ता करने के बाद अभी घर से बाहर चला गया. शायद उसे कोई काम था.

अभी दोपहर को आने के लिए बोल गया था. इस लिए मे और नेहा 12 बजे तक काम निपटा कर सो गये.इस दौरान नेहा ने मुझेसे कोई बात नही की. शायद वो झीजक रही थी. 2 घंटे सोने के बाद मे और नेहा उठ कर दोपहर के खाने की तैयारी करने लगी. करीब 2:30 पर डोर बेल बजी. मेने गेट खोला तो सामने अभी खड़ा था. उसके हाथ मे आज भी बहुत से कॅरी बॅग्स थे. शायद वो आज फिर से शॉपिंग करके आया था.

अभी अंदर आ गया. मेने गेट बंद कर दिया. और किचन मे चली गयी. थोड़ी देर बाद अभी किचन मे आया.

अभी: खाना बन गया क्या. बहुत जोरों से भूक लगी है.

मे: हां बाबू जी बस 10 मिनट मे तैयार हो जाएगा.

किचन मे दोनो तरफ सेलफ्स थी. नेहा मेरे पीछे वाली सेल्फ़ पर सलाद काट रही थी. अभी नेहा के पीछे जाकर उससे सॅट कर खड़ा हो गया. मे अपने फेस को पीछे करके चोर नज़रों से अभी और नेहा को देख रही थी.

अभी ने नेहा के चुतड़ों को पकड़ कर मसल दिया. नेहा एक दम से कसमसा गयी. और इधर उधर होने लगी. फिर नेहा ने इशारे से अभी को मेरे माजूदगी होने का बताया. पर अभी ने सर झटक दिया. जैसे कह रहा हो मुझे कोई परवाह नही. और अभी नेहा के चुतड़ों को अपने दोनो हाथों मे थमने मसलने लगा. नेहा अभी के आगे खड़ी कसमसा रही थी.

पर अभी बिना किसी बात के परवाह किए बिना नेहा के चुतड़ों को उसकी सलवार के ऊपेर से मसले जा रहा था. मेने अपने फेस को घुमा लिया. और कुक्कर मे सब्जी को देखने लगी. तभी अचनाक नेहा के मुँह से आह निकल गयी. मेरा दिल जोरों से धड़कने लगा. जैसे ही मेने दोबारा पीछे मूड कर देखा तो.अभी ने अपना एक हाथ आगे लेजा कर उसकी सलवार के अंदर घुसाया हुआ था. और सलवार के अंदर से उसकी चूत को मसल रहा था.

ये सब देख कर मेरी चूत मे भी कुलबुलाहट होने लगी. अब खाना तैयार हो चुका था. मेने गॅस स्टोव बंद किया. और बाहर आ गयी. और अपने रूम मे जाकर पर्दे के पीछे से अंदर झाँकने लगी.

नेहा: (कसमसाते हुए) बाबू जी मा देख लेगी.

अभी: देखने दो साली को. तू कहे तो उसे तेरे सामने लाकर यहीं चोद दूं.

नेहा: नही बाबू जी. रहने दो. छोड़ो ना.

अभी: अच्छा ठीक चल मेरे रूम मे चल. देख मे बाजार से तेरे ले किया क्या लाया हूँ. और तेरे मा के लिए भी. जा उसे भी बुला ला.

और ये कह कर अभी अपने रूम मे चला गया. अभी के जाने के बाद नेहा ने अपने सलवार के ढीले हो चुके नाडे को कमीज़ को ऊपेर करके खोला और उसे ठीक से बंद करने लगी. फिर थोड़ी देर बाद नेहा बाहर आ गयी. मे जल्दी से पलंग पर बैठ गयी.

नेहा: (रूम के अंदर आते हुए) मा बाबू जी बुला रहे हैं.

मे : (उठाते हुए) चलो.

मे और नेहा अभी के रूम मे आ गये. हम को देख कर अभी मुस्कुराते हुए बोला.

अभी: देखो मे तुम दोनो के लिए क्या लाया हूँ.
 
अभी ने एक पॅकेट मे से एक रेड कलर के शॉर्ट नाइटी निकाली और नेहा को देते हुए बोला. ये तुम्हारे लिए है. और फिर दूसरे पॅकेट से दो सारी निकाल कर एक मुझे दी और दूसरी नेहा को देते हुए बोला ये तुम दोनो के लिए है. अभी मेरे लिए ब्लू कलर की सारी और मॅचिंग ब्लाउस लिया था. और नेहा के लिए रेड कलर के सारी लिया था. दोनो सारी पर बहुत हेवी वर्क किया हुआ था.

नेहा सारी को देख कर बहुत खुस हो गयी. उसने अभी तक सारी नही पहनी थी. और उसके पास कोई सारी थी भी नही. और १४ साल की लड़की को सारी संभालने मे भी दिक्कत होती है.

अभी: तुम दोनो को पसंद हैं.

मे: पर बाबू जी ये बहुत ही कीमती होंगी.

अभी: तो क्या हुआ. वो तुम सब छोड़ो.नेहा तुम्हें पसंद आई के नही.

नेहा ने शरमाते हुए हां मे सर हिला दिया.

अभी: देखो मे तुम्हारे लिए कितनी खूबसूरत सारी लाया हूँ. अब एक बार पहले ये नाइटी पहन कर दिखा दो ना.

नेहा एक दम से शर्मा गयी. उसके चहरे का रंग उड़ गया. और ना मे सर हिलाने लगी.

अभी: अच्छा रचना तुम ही इससे कह दो. नही तो ये मेरे बात नही मानेगी.

मे: बाबू जी इतने प्यार से लाए हैं. एक बार पहन कर दिखा दे ना.

नेहा कुछ नही बोली और वैसे ही खड़ी रही.

अभी: अच्छा रचना तुम खाना टेबल पर लगाओ. आज तुम दोनो भी मेरे साथ टेबल पर बैठ कर खाना खाना. और तब तक नेहा नाइटी पहन कर आती हैं.

मे: ठीक है बाबू जी.

और मे खाना लगाने के लिए किचन मे चली गयी. नेहा फेस को नीचे क्ये रूम मे चली गयी. मेने खाना डिननिग टेबल पर लगा दिया. हम दोनो टेबल पर बैठ गये. और नेहा के आने का इंतजार करने लगी. अभी भी अपने कपड़े चेंज कर चुका था. और पयज़ामा और बनियान पहन कर डिन्निंग टेबल पर बैठा था.

अभी: नेहा जल्दी आऊ.

और थोड़ी देर बाद नेहा रूम से बाहर आ गई. वो अपने सर को झुकाए हुए धीरे-2 डिन्निंग टेबल की तरफ आ रही थी. रेड कलर के शॉर्ट नाइटी नेहा के गोरे रंग पर बहुत खिल रही थी. नेहा बहुत ही सेक्सी लेग रही थी. नाइटी नेहा की आधी जाँघो को भी ठीक से धक नही पा रही थी. और नेहा के मखमली चिकनी जांघे देख अभी का बुरा हाल हो चुका था. ट्रॅन्स्परेंट नाइटी मे नेहा की चुचियो से नीचे से लेकर कमर तक का हिस्सा सॉफ दिख रहा था. बस नेहा ने नीचे रेड कलर की ब्रा पहनी हुई थी.

क्रमशः.................
 
गतान्क से आगे.....................

जो नेहा की चुचियो को छुपाए हुए थी. और नेहा की कमर के नीचे रेड कलर की वशेप पॅंटी भी सॉफ नज़र आ रही थी. जैसे ही नेहा टेबल के पास आई. अभी ने नेहा का हाथ पकड़ कर खींच कर उसे अपनी गोद मे बैठा लिया. नेहा एक दम से कसमसा गयी. मेरे तो दिल की धड़ेक़ने बढ़ गयी. नेहा ने अपने हाथों से अपने फेस को छुपा लिया

अभी नेहा को मुस्करा कर देखने लगा. और नेहा के हाथों को उसके फेस से हटाते हुए बोला.

अभी: क्या हुआ शर्मा क्यों रही हो. यहाँ कोई बाहर वाला तो नही है. क्यों रचना मे सही कह रहा हूँ ना.

मे: (एक दम से चोन्क्ते हुए) जी बाबू जी.

और नेहा के हाथों को उसके फेस से हटा कर अभी ने उसकी कमर मे अपना हाथ डाल कर उसे अपने से सटा लिया.

अभी: नेहा तुम सच मे आज बहुत सेक्सी लग रही हो. चलो खाना खाते हैं.

नेहा: (मेरी तरफ तिरछी नज़रों से देखते हुए) मुझे छोड़ो बाबू जी.

अभी: नही आज तुम मेरी गोद मे बैठ कर मुझे खाना खिलाओगी.

नेहा ने मेरी तरफ देखते हुए इशारा किया. मे सर को झुकये प्लेट मे देख रही थी. पर बीच-2 मे तिरछी नज़रों से देख रही थी.

अभी: क्यों रचना. देखो ना में इसके लिए कितने महँगे गिफ्ट्स लेकर आया हूँ. इसे मुझे अपने हाथों से खाना खिलाना चाहिए ना.

मे: (मे अब अभी को क्या कह सकती थी.) जी बाबू जी.

और नेहा चुप चाप अभी की गोद मे बैठी हुई अभी को अपने हाथों से खाना खिलाने लगी. अभी नेहा की जाँघो को धीरे-2 सहला रहा था. नेहा के गाल एक दम लाल हो चुके थे. वो अपनी नज़रों को उठा नही पा रही थी. जैसे तैसे मेने खाना ख़तम किया. और अपनी प्लेट को उठा कर किचन मे आ गयी. नेहा और अभी ने भी खाना खा लिया था. अब मुझे कपड़ो को धोना था. सो मे कपड़े को लेकर बाहर वाले बाथरूम मे आ गयी. बाहर का बाथरूम काफ़ी बड़ा था.

मे कपड़े धोने लगी. नेहा अपने रूम मे थी. और अभी अपने पापा से नेट पर बात कर रहा था. मेने करीब-2 सारे कपड़े धो लाए थे. बस जो कपड़े मेने पहने थे. वो गीले हो चुके थे. मेने सोचा पहले कपड़ो को छत पर सुखाने के लिए डाल कर आती हूँ. फिर पहनी हुई सलवार कमीज़ को धो कर दूसरे कपड़े पहन लूँगी. और साथ मे नहा भी लूँगी. मे ऊपेर कपड़े सूखने के लिए डाल आई. और खाली बाल्टी (बकेट) को रखने के लिए बाथरूम मे आ गयी.

मे: (अपने आप से ) आज तो बहुत थक गयी हूँ. चलो दूसरे कपड़े ला कर नहा लेती हूँ.

जैसे ही मे बाथरूम से रूम मे कपड़े लेने के लिए निकली. तो अभी बाथरूम के बाहर खड़ा था. अभी ने मुझे वापिस बाथरूम मे धेकल दिया. उसके हाथ मे कल वाली रात वाली बेड शीट थी.

अभी: इसे नही धोया. देख ना इसमे नेहा की चूत का खून और काम रस लगा हुआ है. नेहा की चूत भी तेरी जैसे बहुत पानी उग्ल्ति है साली.

मे अभी की बात को सुन कर एक दम से शर्मा गयी. और अभी के हाथ से बेड शीट लेकर नीचे फरश पर रख दी.

मे: बाबू जी अभी धो देती हूँ.

और ये कह कर मे बाथरूम से बाहर जाने लगी. जैसे ही मे आगे बढ़ी. अभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया. और मुझे अपने से चिपका लिया. अभी का तना हुआ लंड मेरी सलवार के ऊपेर से मेरे चुतड़ों पर रगड़ खाने लगा. अभी ने मेरी चुचियो को अपने हाथों मे लेकर ज़ोर से मसल दिया.

मे: आह बाबू जीयी क्या कर रहे हो ह नहाआ इधार्ररर आ जाई जी.

पर अभी ने मेरी बात पर ध्यान नही दिया. और मेरी चुचियो को मसलने लगा. मे मस्ती मे आ कर अह्ह्ह्ह ओह कर रही थी. पर ये भी डर था के नेहा इधर ना आ जाए. फिर्र तभी अभी ने मुझे अपनी तरफ घुमाया. और बेड शीट की तरफ इशारा करते हुए.

अभी: चल इस पर घुटनो के बल बैठ.

ये कहते हुए अभी ने अपना पयज़ामा उतार दिया. और टाँग दिया.. फिर अभी ने अपने अंडरवेर को अपने घुटनो तक नीचे कर दिया. अभी के तना हुआ मुन्सल सा मोटा लंड देख मेरी चूत मे खुजली होनी शुरू हो गयी. मे कल रात से नेहा की चुदाई देख रही थी. और मेरी चूत अपने आँसू बहा कर मुझे कोस रही थी.

मैं बेड शीट को फरश पर ठीक से बिछा कर अभी के सामने घुटनो के बल बैठ गयी. और अभी के लंड को हाथ मे लेकर उसकी चॅम्डी पीछे करके गुलाबी सुपाडे को बाहर निकाल लिया. अभी के लंड के गुलाबी सुपाडे को देखते ही मेरी चूत ने पानी छोड़ना चालू कर दिया.

और मेने अभी के लंड के सुपाडे को मुँह खोल कर मुँह मे ले लिया. और अपने होंटो को लंड के सुपाडे पर कस के चूसने लगी. अभी ने मेरे खुले हुए बालों को कस के पकड़ लिया. और अपनी कमर को हिला-2 कर मेरे मुँह मे अपने मोटे लंड को अंदर बाहर करने लगा. मेरे मुँह से पट्च-2 की आवाज़ आने लगी.

अभी: अहह राअंड और जोर्र्र सीए चुस्स्स्स्स अहह बहुत मज्जा आ रहा है.

मे अभी की बातों को सुन कर गरम होने लगी. और अभी के लंड को मुँह मे और तेज़ी से चूसने लगी. अभी का लंड एक दम लोहे की रोड की तरहा सख़्त हो चुका था. अभी ने अपनी कमर को पीछे करके अपने लंड को मेरे मुँह से बाहर निकाल लिया. और झुक कर मेरी कमीज़ को दोनो तरफ से पकड़ कर ऊपेर उठाना चालू कर दिया.
 
मे: नही बाबू जीए इसे ना उतारो. वैसे ही कर लो. नेहा आ जाएगी.

अभी: चुप साली बेहन की लोदी. मुझसे ज़ुबान ना लड़ा. चल अपने हाथ ऊपेर कर.

मेने ना चाहते हुए भी अपने हाथों को ऊपेर कर दिया. और अभी ने मेरी कमीज़ को निकाल कर नीचे फेंक दिया. और मुझे मेरे बालों से पकड़ कर मुझे खड़ा कर दिया.

मे: अहह बाबू जीए क्या कर रहे हो. दर्द हो रहा है.

अभी ने मुझे खड़ा करके मुझे घुमा दिया. अब मेरी पीठ अभी की तरफ थी. अभी ने मेरी ब्रा के हुक्स खोल दिए. और ब्रा को निकाल कर कमीज़ के ऊपेर फेंक दिया. और फिर से मुझे घुमा कर सीधा करके दीवार से सटा दिया.

अभी मेरी तरफ देख कर मुस्करा रहा था. मेरी साँसें बहुत तेज़ी से चल रही थी. उतेज्ना के मारे मेरे निपल तन कर कड़े हो चुके थे. और मेरी चुचिया मेरी तेज़ी से साँस लेने के कारण फूल कर ऊपेर नीचे हो रही थी.

अभी किसी भूखे जानवर की तरहा मुझ पर टूट पढ़ा. और मेरी चुचियो को अपने दोनो हाथों से मसलते हुए. एक चुचि को मुँह मे लेकर चूसने लगा. और मेरे निपल को अपने दाँतों से धीरे-2 काटने लगा.

मे: अहह बाबू जीए दर्द्द्द कर रहा हाीइ. ह माआ ओह सीईईईईईईईई ससिईईईईईई अहह बाबू जीईई

मेरी चूत मे आग बढ़ती जा रही थी. और चूत पानी छोड़-2 कर सलवार को गीला कर रही थी. मेरा दिल कर रहा था. कि बाबू जी मुझे अभी पटक कर चोद दे. पर बाबू जी के दिमाग़ मे शायद कुछ और ही चल रहा था. बाबू जी ने मेरी चुचियो को छोड़ कर मेरे नाडे को पकड़ लिया. और एक दम से खींच दिया. जिससे मेरी सलवार का नाडा जबरन से बाहर आ गया. और मेरी सलवार खिसक कर मेरे जाँघो पर आ गयी.

बाबू जी ने हाथ मे नाडे को लिए हुए. अपने अंडर वेर को ऊपेर कर लिया. और झुक कर मेरी सलवार ब्रा और बेड शीट को उठा लया. और बाहर के तरफ जाने लगे. मे तेज़ी से हन्फते हुए बाबू जी को देख रही थी. बाबू जी मेरी चूत की आग को बढ़का कर मुझे बिना चोदे ही जा रहे थे.

मे: क्या हुआ बाबू जी कहाँ जा रहे हो. मुझे कपड़े तो दे दो.

अभी: (पीछे मूड कर) रुक ज़रा अभी आता हूँ नेहा को लेकर.

मे बाबू जी की बात को सुन कर एक दम से घबरा गयी. मे ऊपेर से बिल्कुल नंगी थी. और मेरी सलवार मे नाडा नही था. मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा था. कि मे क्या करूँ. मे ऐसी हालत मे बाहर भी नही जा सकती थी. मेने जल्दी से बाथरूम का डोर बंद कर दिया. पर शायद अभी को पता था. डोर को मे बंद तो कर सकती थी पर. डोर को मे कोई लॉक या चितकिनी नही थी.

अब मे पूरी तरहा से मजबूर हो चुकी थी. मेरा दिल बहुत तेज़ी से धड़क रहा था. और ये सोच रही थी. कि अब आगे क्या करूँ. फिर थोड़ी देर बाद मुझे कदमों के आहट सुनाई दी. मे एक दम से घबरा गयी. और दीवार की तरफ मूह कर एक हाथ से अपनी बिना नाडे की सलवार को पकड़ लिया और दूसरे हाथ से अपनी 38 साइज़ की चुचियो को छुपाने की कॉसिश करने लगी. फिर डोर खुला और मेरे दिल की धड़कन थम गयी.

मेने कनखियो से पीछे देखा. अभी नेहा को अपनी बाहों मे उठाए हुआ था. नेहा उसकी चेस्ट मे अपने फेस को छुपाए हुए कसमसा रही थी. अभी ने नेहा को नीचे उतारा और एक पल के लिए मेरी तरफ देखा. नेहा भी मेरे तरहा घबराई हुई थी. अभी ने एक पल के लिए मेरी तरफ देखा. मेरी पीठ अभी और नेहा की तरफ थी.फिर अभी ने नेहा को हाथ से पकड़ कर मेरे साथ खड़ा कर दिया. नेहा का बदन एक साइड से मुझसे टच हो रहा था. नेहा भी मेरी तरहा तेज़ी से साँसें ले रही थी. और उसकी पीठ भी मेरी तरहा अभी की तरफ थी.

मे अपने दिल की धड़कनो को रोके हुए आने वाले पलों का इंतजार कर रही थी. कि अब अभी क्या करने वाला है. फिर अभी बिल्कुल हम दोनो के पीछे आ कर खड़ा हो गया. और मेरे और नेहा के चुतड़ों पर अपना एक-2 हाथ रख कर मसलने लगा. मेरी सलवार के ऊपेर से और नेहा की नाइटी के ऊपेर से. मेने नेहा की तरफ देखा. नेहा मेरी तरफ देख रही थी. जैसे ही मेरी नज़रें नेहा से मिली. नेहा ने अपनी आँखों को बंद कर लिया. नेहा के होन्ट कांप रहे थे.

अभी ने हम दोनो के चुतड़ों को मसलते हुए. नेहा की नाइटी को ऊपेर उठा दिया. और उसकी वशेप पॅंटी के अंदर से हाथ डाल कर उसके चुतड़ों को मसल दिया. नेहा एक दम से कसमसा गयी. और उसके मुँह से घुटि हुई ह सीईइ की आवाज़ निकल गयी. नेहा ने अपने होंटो को दाँतों मे भीच लिया. फिर अभी ने मेरी सलवार को अपनी मुथि मे पकड़ कर नीचे की तरफ ज़ोर से खींच दिया.

सलवार मेरे हाथ से छूट गयी. और मेरे पैरो मे आकर फर्श पर धूल चाटने लगी. अब मे अपनी गांद को बाहर निकाले अभी के सामने खड़ी थी. अभी ने अपना हाथ मेरे से हटा लिया. और नेहा की पॅंटी को दोनो तरफ से पकड़ कर नीचे करना चालू कर दिया. नेहा कुछ नही बोल रही थी. उसका पूरा बदन कांप रहा था. नेहा की पॅंटी को अभी ने निकाल कर फेंक दिया. और मेरी तरफ देखने लगा.

मेरी हालत भी नेहा के जैसी थी. मेरे हाथ पैर भी कांप रहे थे. अभी बिल्कुल मेरे पीछे आ गया. और नीचे चादर को रख कर उस पर घुटनो के बल बैठ गया. मे अपनी साँसों को रोके हुए. अभी की अगली हरकत का इंतजार कर रही थी. ना चाहते हुए भी मे गरम होती जा रही थी.
 
फिर अभी ने अपने दोनो हाथों से मेरे चुतड़ों को पकड़ कर फैला दिया. मेने अपनी आँखों को बंद कर लिया. तभी अचानक मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी. क्योंकि अभी ने मेरे चुतड़ों को फैला कर अपनी जीभ मेरी चूत के छेद पर लगा दी थी. और जीभ से मेरी चूत के छेद को चाट रहा था.

मे: अहह ओह बाबू जीईए नहिी रुक्क जाऊ मुझे बहुत शरम एयाया रही है आह ओह माआअर डाला बाबू जीईईई ओह रुक जाओ मे अपपकीए अग्गे हाथ श अहह उंघह उंघह हाथ जोड़ती हुन्न्ञन् अहह बाबू जीई.

मेरे पूरी बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी. मेरे हाथ पैर उतेज्ना के मारे काँपने लगे. चूत ने पानी छोड़ना चालू कर दिया. और बाबू जी का लंड लेने के लिए मचलने लगी.

अभी: बोल चूत मे लंड चाहिए.

मे: (कांपति हुई धीमी आवाज़ मे) नही बाबू जी छोड़ दूओ आह

अभी ने मेरे चुतड़ों को छोड़ दिया. और फिर नेहा के पीछे आ गया. जैसे ही अभी ने नेहा के चुतड़ों को पकड़ा नेहा एक दम से कांप उठी. और दीवार पर अपने नाख़ून को गढ़ाने लगी. अभी ने नेहा के चुतड़ों को पकड़ दोनो तरफ से फैला दिया. और अपनी जीभ को बाहर निकाल कर उसके फेले हुए चुतड़ों के बीच मे अपना मुँह लगा दिया.

जैसे ही अभी की जीभ नेहा की चूत से लगी. नेहा एक दम से तिलमिला उठी. उसका पूरा बदन तेज़ी काँपते हुए हिलने लगा. नेहा ने अपने दाँतों को होंटो मे भींच लिया. और अपनी सिसकारियो को रोकने की कॉसिश करने लगी. नेहा के गोरे गाल ऐसे लाल हो चुके थे. जैसे उसके गाल्लों मे खून उतर आया हो. नीचे अभी नेहा की चूत को अपनी जीभ से बिना रुके चाते जा रहा था. आख़िर नेहा कब तक अभी की जीभ को अपनी चूत के छेद पर बर्दास्त करती. नेहा लगभग चिल्लाते हुए सिसकारिया भरने लगी.

नेहा: नही बाबू जीईई बुसस्स कारूव ह ऑश ओह बाबू जीईए कुचह हो रहा है. आह आह उंह सीईईईईई बाबू जीईई हट जाओ नाअ ह बाबू जीई बहुतटत्त गुड गुदगुदी हो रही हाईईइ अहह

अभी: (नेहा की चूत से मुँह हटाते हुए) बोल फिर मेरा लंड चूत मे लेगी.

पर नेहा ने अभी की बात जवाब नही दिया. और तेज़ी से साँसे लेते हुए. दीवार से सटी रही.

नेहा को कुछ ना बोलता देख अभी खड़ा हो गया. और मेरे पैरो से सलवार निकाल कर एक तरफ फेंक दी. मे और नेहा दोनो साथ-2 खड़े थे. नेहा का हाथ मेरी बाजू पर टच हो रहा था. मेरे पैरो से सलवार निकालने के बाद अभी ने मेरी जाँघो को अपने हाथों से फैला दिया. और अपने घुटनो को थोड़ा सा मोड़ कर झुक गया. और अपने लंड के मोटे सुपाडे को मेरी चूत के छेद पर पीछे से लगा दिया. जैसे ही मेरी चूत के छेद पर अभी के लंड का गरम सुपाड़ा लगा. मेरी चूत मे सरसरहट होने लगी.

और चूत की फाँकें अभी के लंड के सुपाडे पर कस्के लंड को अंदर की तरफ तरफ धकेलने की कॉसिश कर रही थी. अभी ने मुझे कंधों से पकड़ कर आगे से झुका दिया. जिससे मेरी गांद पीछे से बाहर आ गयी. और चूत खुल कर बाहर आ गयी. अभी ने मेरी चुचियो को पकड़ कर ज़ोर दार धक्का मारा. लंड का सुपाड़ा मेरी चूत की दीवारों को फेलाता हुआ अंदर घुस्स गया. जैसे ही अभी के लंड के सुपाडे को मेरी चूत की दीवारों ने कसा. मेरी चूत को थोड़ी ठंडक मिल गयी. और जैसे कोई प्यासा पानी मिलने के बाद ठंडी आह भरता है. वैसे ही अहह मेरे मुँह से निकल गयी.

मेने अपने हाथों को दीवार पर सटा दिया. अभी ने फिर से एक और जोरदार धक्का मारा अभी का लंड पूरा का पूरा मेरी चूत मे समा गया. और मेरी बच्चे दानी से जा टकराया.

अभी: बोल चोदु कि नही जल्दी बोल नही तो अभी लंड बाहर निकाल लूँगा.

मे: (बहुत ही धीमी आवाज़ मे) हां बाबू जीईए ह

अभी: क्या बोला ज़ोर से बोल.

मुझे पता था कि अभी ये सब जान बुझ कर रहा है. और वो मेरे मुँह से हां निकलवा कर नेहा को सुनाना चाहता है.

मे: (इस बार उँची आवाज़ मे) ह बाबू जीई चोदो मुझे

बाबू जी ने मेरी चुचियो से हाथों को हटा लिया. और नेहा को खींच कर मुझसे एक दम सटा दिया.. नेहा की नाइटी उसकी कमर तक चढ़ि हुई थी. अभी ने अपना एक हाथ नेहा के चुतड़ों के नीचे से लेजा कर नेहा की चूत पर रख दिया. और धीरे-2 नेहा की चूत को सहलाने लगा..

नेहा भी तेज़ी से साँसे लेते हुए धीरे-2 सिसकारिया भरने लगी. और अभी ने अपने लंड को सुपाडे तक मेरी चूत से बाहर निकाल लिया. और वहीं रुक गया.

अभी: चल अब अपनी चूत को मेरे लंड पर पटक.

मे किसी बेशरम रंडी की तरहा नेहा के सामने अपनी चूत को कमर आगे पीछे करके बाबू जी के लंड पर पटकने लगी. दूसरी तरफ अभी नेहा की चूत मे अपनी उंगली आगे पीछे करके अंदर बाहर कर रहा था. नेहा की सिसकारिया उँची होती जा रही थी.

क्रमशः.................
 
गतान्क से आगे.....................

फिर अचनाख अभी ने नेहा को अपनी तरफ घुमा लिया. और उसके होंटो पर अप्णे होंटो को रख कर चूसने लगा. मे अपने फेस को पीछे घुमा कर अपनी चूत को अभी के लंड पर पटकते हुए देख रही थी. चूत गीली होने कारण अभी का लंड फिसलता हुआ अंदर बाहर हो रहा था.और नेहा काँपते हुए बदन के साथ अभी से चिपकी हुई अपने आँखों को बंद कर के अपने होंटो को चुस्वा रही थी. फिर अभी ने नेहा के होंटो से अपने होंटो को हटा लिया. और नेहा ने अपनी आँखों को खोल लिया. और एक बार मेरी तरफ देख कर नज़रे झुका ली.

अभी ने नेहा के कंधे मे हाथ डाल कर उसे अपने से चिपका लिया. और नेहा की नज़रें अभी के लंड पर जा रुकी. जो मेरी चूत के पानी से एक दम सना हुआ मेरी चूत के अंदर बाहर हो रहा था.

अभी: देख तेरी मा की चूत कैसे मेरे लंड ले कर पानी छोड़ रही है देख कैसे मस्त होकर तेरी मा मेरे लौदे को अपनी भोसड़ी मे ले कर अपनी गांद को पीछे की तरफ पटक रही है.

मे अभी की बातों को सुन कर शर्मा गयी. और अपने फेस को आगे की तरफ कर लिया. फिर मुझे अभी की कुछ फुसफुसाने की आवाज़ सुनाई दी. वो शायद नेहा से कुछ कह रहा था. अभी ने मुझे मेरे चुतड़ों से दोनो हाथों से पकड़ लिया. और मेरे चुतड़ों को मसल कर फैला दिया. मेरी कमर ने हिलना बंद कर दिया. और फिर अभी ने तबाद तोड़ धक्के लगाने चालू कर दिए.

अभी का लंड किसी एंजिन के पिस्टन की तरहा मेरी चूत मे अंदर बाहर होने लगा. और अभी की जांघे मेरी जाँघो से टकरा कर ठप-2 की आवाज़ करने लगी. अभी के लंड का सुपाड़ा अब पूरी तेज़ी से मेरी चूत की दीवारों को रगड़-2 कर छील रहा था. और मे अभी के लंड के सुपाडे की रगड़ को महसूस करके गरम हुई जा रही थी.

मे: ह बाबू जीईई धीरीए धीरी ऑश धीरीए धीरीई कारूव नाअ आह अहह ह ह ओह ऑश ओह बाबू जीईए ध्ीए रीईई ऑश माआ उंह उमन्ह

और अचानक अभी ने धक्के लगाने बंद कर दिए. और मेरी चूत से लंड को निकाल लिया. मे अपनी आँखों को बंद किए तेज़ी से साँसे ले रही थी. और दोबारा अभी का लंड चूत मे लेने के लिए तड़प रही थी. पर जब थोड़ी देर तक अभी ने दोबारा मेरी चूत मे लंड नही डाला. तो मेने अपनी वासना से भरी हुई आँखों को खोल कर पीछे देखा. मेरा मुँह खुला का खुला रह गया.

नेहा अभी के सामने और मेरी साइड मे नीचे बैठी हुई थी. और अभी के लंड को अपनी हथेली मे कसे हुए तेज़ी से हिला हिला कर चूस रही थी. अभी के लंड का मोटा गुलाबी सुपाड़ा तेज़ी से नेहा के मुँह के अंदर बाहर हो रहा था. और अभी अपने दोनो हाथों को अपनी कमर पर रखें नेहा को अपना लंड चूस्ते हुए देख रहा था. नेहा ने अभी के लंड के सुपाडे को मुँह से बाहर निकाल लिया. और अभी के गुलाबी सुपाडे को अपनी वासना से भरी नज़रों से एक बार देखने के बाद अभी की आँखों मे देखते हुए अपनी जीभ को बाहर निकाल कर अभी के लंड के सुपाडे के चारों तरफ घुमा-2 कर चाटने लगी. वो बिकुल इंग्लीश पॉर्न स्टार की तरहा अभी के लंड के सुपाडे को जीभ निकाल कर चाट रही थी.

और बीच-2 मे अभी के लंड को अपने हाथ से हिला रही थी. कुछ देर तक अभी के लंड को सुपाडे को चाटने के बाद नेहा ने अपने दोनो हाथों से अभी के लंड का सूपड़ा और लंड को झांतो से पकड़ लिया. और अपने होंटो को अभी के लंड के सुपाडे से रगड़ते हुए अभी के तटों तक लंड चाटने लगी. वो बार अभी के लंड के सुपाडे से नीचे तक अपने होंटो को रगड़ रही थी.

थोड़ी देर बाद अभी ने अपने हाथ से लंड को पकड़ लिया. और लंड की चॅम्डी को पकड़ कर पीछे करके गुलाबी सुपाडे को पूरा बाहर निकाल लिया. और नेहा की आँखों मे देखते हुए कुछ इशारा किया. नेहा ने अपने मुँह से ढेर सारा थूक अभी के लंड के सुपाडे पर उगल दिया . और फिर हाथ से अपने थूक को लंड पर फैला दिया.

जब अभी का लंड पूरा नेहा के थूक से सन गया. तो अभी ने नेहा को कंधें से पकड़ कर खड़ा कर लिया. और उसके कंधों पर अपनी बाहो को रख कर अपने से चिपका लिया. मुझे अपनी आँखों पर विश्वास नही हो रहा था. कल की लौंडिया एक दिन मे इतनी चुड़क्कड़ बन जाएगी.
 
फिर नेहा ने अभी के लंड को नीचे से पकड़ लिया .और अपने हाथ से दिशा दिखाते हुए मेरी चूत के छेद पर अभी के लंड के थूक से सने हुए सुपाडे को मेरी चूत के छेद पर लगा दिया. मेरी चूत की आग ये देख और बढ़ गयी. कि मेरी ही बेटी नेहा अभी के लंड को पकड़ कर मेरी चूत के द्वार पर टिका रही है. और अभी ने बिना कोई देर किए अपनी कमर को हिला कर अपने लंड को मेरी चूत मे पेल दिया.

एक ही धक्के मे अभी का आधा लंड मेरी चूत मे समा गया था. और फिर अभी ने मेरी चूत मे अपने मुन्सल से लंड को तेज़ी से अंदर बाहर करना चालू कर दिया. अभी का पूरा का पूरा लंड मेरी चूत की दीवारों पर रगड़ ख़ाता हुआ बाहर हो कर फिर से अंदर जाकर मेरी बच्चेदानी से टकरा रहा था.

जाँघो के आपस मे टकराने से फिर से ठप-2 की आवाज़ गूंजने लगी. और अभी मेरे चुतड़ों को थामें तेज़ी से शॉट लगा रहा था. और नेहा के होंटो को उसकी चुचियो को दबाते हुए चूस रहा था.

मे अहह बाबू जीई ओह अहह ह कर रही थी. मेरा बदन अकड़ने लगा. और चूत मे सर्शारहत बढ़ गयी. मे अब झड़ने के बिल्कुल करीब थी , और मे अपने होंटो को दाँतों मे भींच कर तेज़ी से अपनी चूत को पीछे की तरफ अभी के लंड पर मार-2 कर लंड को चूत मे लेने लगी. और फिर मेरी चूत ने अपना लावा उगलना चालू कर दिया. और मे झाड़ कर हाँफने लगी. मेरी चूत का पानी अभी के लंड के अंदर बाहर होने के कारण झाग सा बन कर चूत मे फतच -2 की आवाज़ करने लगा.

मे: बुसस्स्स बाबू जीए मेरा हो गया. आह बाबू जीए.

और अभी ने अपना लंड मेरी चूत से निकाल लिया. मे वहीं नीचे बैठ गयी. और तेज़ी से हाँफने लगी. और अपनी आँखों को बंद करके अपनी साँसों को दुरस्त करने लगी. पर तभी मुझे पास से कुछ आहट सी हुई.

जब मेने अपनी आँखों को खोल कर देखा. तो नेहा दीवार पर अपनी हथेलियो को रखे हुए झुकी हुई थी, उसकी नाइटी के स्ट्रॅप्स उसके कंधों से खिसका कर बाहर निकाल दिए गये थे. और उसकी चुचिया बाहर लटक कर झूल रही थी. अभी ने थोड़ा सा झुक कर नेहा की चूत के छेद पर अपने मोटे लंड के सुपाडे को टीका दिया.

अभी: बोल घुसाऊ.

नेहा: अहह हां बाबूजीई.

और अभी ने नेहा के चुतड़ों को दोनो तरफ से पकड़ कर अपने लंड को धीरे-2 अंदर करना चालू कर दिया. जैसे ही अभी के लंड का सुपाड़ा नेहा की चूत मे घुस्सा नेहा एक दम से मचल उठी. और एक दम सीधी हो गयी. जिसके कारण अभी के लंड का सुपाड़ा नेहा की चूत की दीवारों मे फँस कर वहीं अटक गया.

अभी: क्या हुआ साली जल्दी झुक. सीधी क्यों हो गयी.

नेहा: ओह बाबू जीए बहुतटत्त दर्द्द्दद्ड उतह रहा हैं अहह धीरी कारू नाआ अहह उईमाआआ.

अभी ने थोड़ा सा नीचे झुक कर ऊपेर की ओर को अपनी कमर को उछाला. जिसके कारण नेहा और तिलमिला उठी. और दर्द के मारे चिल्लाने लगी.

नेहा: हइई माआ मआराअ डल्लाआ बाबू जीई नईए ऑश धीरीईए कार्ररूव बाबू जीई ओह बहुट्त्त दुखताआ हाीइ.

पर अभी किसी वहशी की तरहा अपनी कमर को ऊपेर की ओर धक्के देकर अपना गधे जैसा लंड नेहा की चूत मे सरकाता रहा . जब अभी का लंड पूरा का पूरा अंदर घुस्स गया. तब जाकर अभी ने अपनी कमर हिलाना बंद किया. नेहा अपने सर को अभी के चेस्ट पर टिकाए हुए तेज़ी से साँस ले रही थी. उसके फेस पर दर्द से भरे भाव थे. और उसके गाल और कान दोनो लाल सुर्ख हो कर दहक रहे थे.

अभी ने बड़े प्यार से नेहा के फेस को पकड़ कर पीछे की तरफ घुमाया. और नेहा के गालो और कानो अपने होंटो मे भर-2 कर किस करने लगा. अभी के हाथ नेहा के चुचियो को अग्गे आकर चुचियो के निपल्स को मसल रहे थी. और नेहा भी थोड़ी देर मे ठीक होने लगी. और नेहा ने अपें होंटो को खोल कर अभी के होंटो के तरफ बढ़ा डेए. अभी ने भी नेहा के होंटो को अपें होंटो मे लेकर चूसना चालू कर दिया.
 
धीरे-2 नेहा एक बार फिर से गरम होने लगी. और अपने चुतड़ों को थोड़ा सा ऊपेर अपनी कमर के हिस्से को अंदर की तरफ कर लिया. जिससे नेहा की गांद पीछे की तरफ बाहर हो गयी. और नेहा धीरे-2 अपने चुतड़ों को अभी के लंड पर कमर हिला-2 कर दबाने लगी. नेहा अभी भी सीधी खड़ी थी. पर कमर अंदर की तरफ हो जाने के कारण उसकी गांद बाहर की तरफ आ गयी थी. जिसके कारण उसकी चूत पीछे बाहर की तरफ हो कर थोड़ा सा ऊपेर हो गयी.

जब अभी ने नेहा को गरम होता देखा. तो अभी ने नेहा की बाहों को कंधों से पकड़ लिया. और अपने लंड को बाहर खींच कर तेज़ी से अंदर पेल दिया.

नेहा: आह बाबू जीईई चोदूओ ना मुझे बहुट्त्त मज्जा आआ रहा हैं.

मे वहीं नीचे बैठे-2 अपनी 15 साल की लड़की को अभी के मोटे लंड से अपनी कमसिन चूत को चुदवाते हुए देख रही थी. अभी नेहा की बात को सुन कर जोश मे आ गया. और मेरी तरफ देख कर मुस्कराते हुए बोला.

अभी: देख साली मेरे लंड अपनी चूत मे लेने के लिए मचल रही है. और तूँ वहाँ क्यों बैठी है चल इधर आ.

मे काँपते बदन के साथ खड़ी हो कर अभी के पास जाकर खड़ी हो गयी. और अभी ने मेरे कंधें पर अपना एक हाथ रख कर मुझे अपने से सटा लिया. और नेहा को आगे की ओर झुका दिया. जैसे ही नेहा आगे की ओर झुकी. तो मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी. अभी का मोटा लंड नेहा की चूत के टाइट छेद को फैलाता हुआ अंदर बाहर हो रहा था.

नेहा की चूत का छेद अभी के लंड पे एक दम कसा हुआ था. और लंड अंदर जाकर नेहा की चूत के काम रस से भीग- 2 कर बाहर आ रहा था. अभी के मोटे मुन्सल से लंड ने नेहा की चूत को बुरी तरहा फैला रखा था.

अभी: चल साली अब सारा ज़ोर मे ही लगता रहा हूँ. चल जैसे तेरी मा अपनी चूत को पीछे की तरफ पटक-2 कर मेरे लौदे पर मार रही थी. वैसे ही तूँ भी अपनी गांद हिला.

नेहा: आह बबुई जीईए तीएक हाईईईईईई उ माआआआ.

और अभी ने धक्के लगाने बंद कर दिए. और नेहा धीरे-2 पीछे की तरफ अपनी गांद को अभी के लंड पर पटक कर चूत मरवाने लगी. अभी भी पूरी मस्ती मे था. और अभी ने मुझे अपनी तरफ खींच कर मेरी चुचियो को मसलते हुए मेरे होंटो पर अपने होंटो को रख दिया. और चूसने लगा.

उधर नेहा आह ओह उंह करती हुई अपनी चूत को अभी के लंड पर पटक रही थी. कुछ देर मेरे होंटो को चूसने के बाद अभी ने नेहा की चूत मे से अपना लंड बाहर निकाल लिया. और मेरी तरफ घूमते हुए मुझे लंड चूसने को बोला. पहले तो मेरे ना मे सर हीलिया. पर जब देखा अभी के फेस पर गुस्सा आ गया. तो मे अभी के पैरो के पास घुटनो के बल बैठ गयी.

अभी ने अपने लंड को जड़ से पकड़ कर लंड के सुपाडे को मेरे होंटो पर रगड़ना चालू कर दिया. और मेने अपना मुँह खोल कर अभी के लंड को मुँह मे लेकर अभी के लंड के सुपाडे को ज़ोर -2 से चूसना चालू कर दिया. मेरे मुँह मे अभी और नेहा दोनो के पानी का स्वाद घुल गया. मेने अपनी आँखों को बंद कर लिया. और तेज़ी से अभी के लंड के सुपाडे को चूस्ते हुए मुँह के अंदर बाहर करने लगी. फिर अचानक अभी ने अपने लंड को मेरे मुँह से निकाल लिया.

और नेहा के चुतड़ों को पकड़ कर फैला दिया. जिससे नेहा की कमसिन चूत खुल गयी. और अभी ने अपने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर नेहा की चूत के छेद पर टिका दिया. और बिना रुके बहुत तेज़ी से अपनी कमर को आगे की तरफ धकेल दिया. अभी का मोटा लंड आधे से भी ज़्यादा एक ही बार मे नेहा की टाइट चूत मे समा गया.
 
नेहा: अहह बाबू जीईए जल्दीीइ करूऊऊओ अब औरर्र बर्दास्त नही होता अहह

और अभी ने नेहा के चुतड़ों को पकड़ कर कस-2 के नेहा की चूत मे अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए चोदना चालू कर दिया. अभी की जांघे नेहा की जाँघो से टकरा कर ठप-2 की आवाज़ करने लगी. और कुछ ही धक्को के बाद नेहा का बदन अकड़ने लगा

नेहा: अहह बाबू जीईए बुसस्स्स मेरा हॉएँ वाला हाईईइ अहह आह ओहह मेरीए ह निकलने वलाआअ है उंह ओह बस बाबू जीई हो गय्ाआआ

अभी ने अपने धक्को की रफ़्तार को और बढ़ा दिया. और आख़िरी शॉट उसने अपनी पुर ज़ोर से लगा कर अपने लंड को नेहा की चूत मे जड़ तक पेल दिया. और अपने वीर्य से नेहा की चूत को भरने लगा. नेहा और अभी दोनो हाँफने लगे. कुछ देर बाद नेहा की चूत मे से अभी ने लंड निकाला. और पानी से अपने लंड को सॉफ किया. और अंडरवेर पहन कर बिना कुछ बोले बाहर चला गया.

नेहा अभी भी वैसे झुकी खड़ी थी. उसकी चूत से अभी और उसका काम रस बह कर बाहर निकल रहा था. थोड़ी देर बाद जब नेहा नॉर्मल हुई. तो नेहा ने मेरी ओर देखे बिना अपनी पॅंटी को उठा कर पहन लिया. और अपनी नाइटी ठीक कर बाहर चली गयी.

उस दिन के बाद मे और नेहा अब एक दूसरे से खुल गये थे. और अभी दिन भर कभी मुझे और कभी नेहा को चोदता रहता था. दिन यूँ ही कट रहे थे. अब मे और नेहा दोनो अभी के साथ उसके बेड पर ही सोते थे. मेने और नेहा ने अभी को ही अपना सब कुछ मान लिया था. और अभी हम दोनो का बहुत ख्याल रखता था. पर धीरे-2 अभी का झुकाव नेहा की तरफ ज़्यादा होने लगा. वो मुझे हफते मे सिर्फ़ एक दो बार ही चोदता था. और वो भी मेरा मन रखने के लिए.

और ये बात मुझे चुभने लगी. एक दिन मे दोपहर को खाना बना रही थी. और नेहा सो रही थी. मे वैसे ही अभी के रूम मे चली गयी. अभी अपने कंप्यूटर पर मूवी देख रहा था. मे वापिस मुड़ने लगी. तो अभी ने मुझे आवाज़ दे कर रोक लिया. और कंप्यूटर ऑफ करके उठ कर मुझे हाथ से पकड़ कर बाहर ले आया. और साथ वाले रूम मे ले गया. मेने नाइटी पहनी हुई थी. दूसरे रूम मे आते ही अभी ने मुझे बाहों मे भर लिया. और मेरी चुचियो को मसलते हुए मेरे होंटो को चूसने लगा.

आज कई दिनो बाद अभी मुझे ऐसे अपनी बाहों मे लेकर प्यार कर रहा था. इसलिए मे उसे कोई बात कर रोकना नही चाहती थी. अभी ने मेरी चुचियो को मसलते हुए. होंटो को चूसना जारी रखा. और फिर मुझे बेड की तरफ घुमा कर मेरी नाइटी को पकड़ कर ऊपेर कर के निकाल दिया. मेने नीचे कुछ नही पहना था.

जैसे ही मेरे जिस्म से नाइटी अलग हुई. मे अभी के सामने बिकुल नंगी हो गयी. और फिर मुझे अभी ने अपनी तरफ घुमा कर बेड पर लेटा दिया. मेरे पैर बेड से नीचे लटक रहे थे. अभी ने पैरों को पकड़ कर ऊपेर करके मोड़ कर फैला दिया. जिससे मेरी चूत का छेद अभी की आँखों के सामने आ गया. अभी बेड के नीचे अपने पैरों के बल बैठ गया. और मेरी चूत को हसरत भरी नज़रों से देखते हुए. मेरी चूत के छेद पर अपने होंटो को रख दिया. मे एक दम से तड़प उठी. मुझे अभी से चुदे हुए 15 दिन हो चुके थे. जैसे ही मेने अभी के होंटो को अपनी चूत के छेद पर महसूस किया. मेरे बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी.

और मेरी चूत मे आग भड़क उठी. मेने अपने दोनो हाथों से अभी के सर को पकड़ लिया. मेरी कमर झटके खाने लगी.

मे: अहह बाबू जीईई आज्ज्जज्ज मुझे गरीईब पर्रर कैसीई तर्स्सस्स आ गय्ाआअ. देखूओ नाअ मेरीईए चूत कैसी आपके लौडईए के य्ाआआद मे आनसून बहाआ रही हाीइ. ओह बाबू जीई और जोर्र्र्रर सीईए.

अभी मेरी चूत के भग्नासे जो तन कर फूल गया था. उसे मुँह मे लेकर ज़ोर -2 से चूसने लगा . मेरा सारा बदन मस्ती मे कांप रहा था. मे आँखें बंद करके वासना के सागर मे गोते खाने लगी. मे अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह ब्बाबू जीई किए जा रही थी.

पर फिर अचानक अभी ने मेरी चूत के भग्नासे को मुँह से निकाल दिया. और मेरी चूत के ऊपेर थूक दिया. अभी का थूक मेरी चूत से होते हुए मेरी गांद के छेद पर आ गया. मेने अपनी आँखें खोल कर देखा. तो अभी मेरी चूत और गांद के छेद को देख रहा था. फिर अभी ने एक बार मेरी आँखों मे देखा, और फिर अपनी नज़रें मेरी चूत पर से बह कर गांद के छेद पर जा रहे थूक पर जमा ली. अभी के होंटो पर मुस्कान आ गई.

मे: अहह बाबू जी आईसीईए क्या देख रहीए हो. अब जल्दी से अपना लौदा मेरे भोसड़ी मे घुसा दो ना. बाबू जीए.

अभी तो जैसे मेरी बात को सुन ही नही रहा था. उसने अपने एक हाथ की उंगली से मेरी चूत से बहते हुए थूक और मेरी चूत के काम रस को मेरी गांद के छेद पर फैलाना चालू कर दिया. जैसे ही अभी की उंगली ने मेरी गांद के छेद को कुरदेना शुरू किया. मे एक दम से चिहुनक उठी.

मे: ओह बाबू जीए क्या कर रहीए हू. अहह वहाँ कहाँ उंगली घुस्साआ रहा ओह माआअ मारीईए.

और अभी ने अपनी आधी से ज़्यादा उंगली मेरी गांद के छेद मे पेल दी. मे दर्द से चिल्ला उठी. मेरे पूरे बदन मे मस्ती और दर्द से मिलज़ुली लहर दौड़ गयी. फिर अभी ने मेरी गांद के छेद मे उंगली डाले हुए. मेरी चूत के छेद पर अपनी जीभ को बाहर निकाल कर लगा दिया. जैसे ही अभी की जीभ मेरी चूत के छेद पर लगी. मे सारा दर्द भूल गयी. और मस्ती से सिसिया उठी.

मे: अह्ह्ह्ह बाबू जीईए ओह ओह वहाँ सीए उंगलीिीई निकलल्ल्ल ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह उंह उंह बाबू जीई.

अभी मेरी चूत के छेद पर अपनी जीभ को तेज़ी से रगड़ने लगा. मे एक दम गरम हो चुकी थी. अभी की गरम-2 जीभ जब मेरी चूत के छेद और फांकों पर रगड़ खाती. मेरे बदन मे करेंट से दौड़ जाता. जब अभी ने देखा मे अब पूरी मस्त हो चुकी हूँ. तब अभी ने अपनी उंगली को धीरे-2 मेरी गांद के छेद के अंदर बाहर करना चालू कर दिया. थोड़ा-2 दर्द तो हो रहा था. पर अभी साथ-2 मे मेरी चूत को चाट -2 कर मेरा बुरा हाल कर रहा था.

क्रमशः.................
 
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