desiaks
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तीस मिनट बाद।
विमल के लौटते ही नसीम बानो ने पूछा—"सब कुछ ठीक हो गया?"
"हां।"
"गाड़ी का क्या किया?"
"टाउन हॉल के पार्किंग में खड़ी कर आया हूं, विनीता की लाश को ठिकाने लगाने में शायद काम आए।"
"यह तुमने समझदारी का काम किया, विनीता की लाश को गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर बैठकर हम किसी सूनी सड़क पर, खाई में लुढ़का देंगे ताकि गाड़ी और लाश मिलने पर पुलिस को लगे कि किसी के द्वारा जहरीली सुई चुभोने के बाद विनीता ने ड्राइविंग की और जहर का असर होते-होते गाड़ी उसके काबू से बाहर होकर खाई में गिर पड़ी।"
"शायद यही उचित होगा।" कहने के बाद थका-सा विमल बेड पर बैठ गया, कुछ देर चुप रहने के बाद बोला— "समझ में नहीं आता कि पलक झपकते ही आखिर ये क्या हो गया—विनीता की हत्या मिक्की या रहटू ने नहीं की तो फिर कितने की है?"
"इस बारे में बाद में सोचेंगे, फिलहाल अपने और मिक्की के बीच चल रही जंग के बारे में सोचना ज्यादा महत्वपूर्ण है, सारे पासे उलट गए हैं—जहां हम यह सोच रहे थे कि सुरेश हमारी उंगलियों पर नाच रहा है, वहीं पता लगा कि सुरेश दरअसल सुरेश है नहीं, मिक्की है और अगर विनीता उसकी बातें न सुनती तो हम मिक्की और रहटू के जाल में बुरी तरह फंस चुके थे।"
"अब उसकी हैरतअंगेज स्वीकारोक्ति की वजह भी समझ में आ रही है।" विमल ने कहा— "दरअसल जब तुमने फोन पर ढंग से बात की जैसे जानकीनाथ के मर्डर में वह तुम्हारे साथ रहा था, तो सुरेश बने मिक्की ने सोचा होगा कि निश्चय ही सुरेश ने तुम्हारे साथ मिलकर मर्डर किया होगा—उसने सोचा होगा कि यदि अनजान बना या कोई सवाल किया तो मिक्की होने का भेद खुल जाएगा, अतः सब कुछ स्वीकार करते चले जाओ।"
"मजे की बात यह है कि वह अभी तक सुरेश को सचमुच जानकीनाथ का हत्यारा समझ रहा है, रहटू से भी उसने यही कहा—तभी तो उन दोनों ने मिलकर अपनी नजर में उस मर्डर के एकमात्र गवाह यानी मेरे मर्डर की स्कीम तैयार की?"
"पुलिस इंस्पेक्टर को धड़ल्ले से फिंगर प्रिन्ट्स देने वाली बात भी अब समझ में आ रही है, उसे मालूम था कि वह मिक्की है, सो उसके फिंगर प्रिन्ट्स भला सुरेश की उंगलियों के निशान से कैसे मेल खा सकते थे?"
"यह राज पता लगने के साथ ही सारी गुत्थियां स्वतः सुलझ चुकी हैं कि वह सुरेश नहीं, मिक्की है।"
"करेक्ट।"
"एक घण्टा पहले और अब के हालतों में जमीन-आसमान का अन्तर आ गया है, अतः पिछली सारी रणनीति को भूलकर नए सिरे से, नई स्थिति पर गौर करके हमें भविष्य के लिए नई रणनीति तैयार करनी होगी।"
"इस बात की जरूरत मैं भी महसूस कर रहा हूं।"
"जानकीनाथ की हत्या के जुर्म में 'सुरेश' को सजा के बाद कानून सारी दौलत विनीता को मिलनी थी, इसी वजह से उसके एक हिस्सेदार तुम भी थे और मुझे तो उसमें से सारी जिन्दगी कुछ-न-कुछ मिलता रहने वाला था ही—किन्तु विनीता की मौत के बाद यह सारी स्कीम स्वतः धराशायी हो चुकी है—अब भले ही कथित सुरेश फांसी के फंदे पर झूल जाए, उसकी दौलत में से हमें फूटी कौड़ी मिलने वाली नहीं है।''
"इसका मतलब ये हुआ कि अब सुरेश बने मिक्की को जानकीनाथ की हत्या के जुर्म में फंसाने से हमें कोई लाभ ही नहीं है।"
"लाभ नहीं है, मगर ऐसा करना मजबूरी जरूर बन चुकी है।"
"क्यों भला?"
"अगर देखा जाए तो सारी दौलत पर मिक्की और रहटू का कब्जा हो चुका है, मैं उनकी नजर में रास्ते का कांटा हूं ही, अतः यदि कल की उनकी आइसक्रीम वाली साजिश से बची तो वे फिर किसी दूसरे तरीके से मेरे मर्डर की कोशिश करेंगे—शायद हमेशा उनके प्रयास से बची न रह सकूं—यही स्थिति तुम्हारी भी है, देर-सवेर वे विनीता और तुम्हारे सम्बन्धों का पता लगा लेंगे और फिर उन पेशेवर गुण्डों को तुम्हारा मर्डर करने में देर नहीं लगेगी।"
विमल का चेहरा फक्क।
अपने एक-एक शब्द पर जोर देते हुए नसीम ने कहा— "अब हमें अपनी आगे की रणनीति दौलत के लिए नहीं, बल्कि उससे भी कहीं ज्यादा कीमती अपने प्राणों की हिफाजत के लिए तैयार करनी है, अगर उसका इलाज न किया गया और वे इसी तरह आजाद घूमते रहे तो हमारी जिन्दगी के लिए हमेशा खतरा बना रहेगा।"
"फिर क्या करें?"
"विनीता की लाश को मैं काफी देर पहले सेफ में बन्द कर चुकी थी—तब से यहां बैठी इसी बारे में सोच रही हूं—उन दोनों के खतरे से खुद को मुक्त करने की तरकीब मैंने सोची भी है, अब सिर्फ उस पर तुम्हारी स्वीकृति की मोहर लगना बाकी है।"
"क्या सोचा है तुमने?" विमल ने उत्सुकतापूर्वक पूछा।
पहले नसीम ने रहटू नाम की मुसीबत से छुटकारा पाने की तरकीब बताई—विमल ध्यानपूर्वक सुनता रहा और अन्त में बोला— "वैरी गुड, रहटू का इससे बेहतरीन इलाज कोई अन्य नहीं हो सकता, मगर.....।"
"मगर—?"
"पकड़े जाने पर कहीं वह हकीकत न खोल दे?"
"ऐसा वह नहीं कर सकेगा, दरअसल, हकीकत खोलने का मतलब होगा पुलिस को यह बता देना कि सुरेश, सुरेश नहीं मिक्की है और यह राज उनमें से कोई भी मरते दम तक पुलिस पर नहीं खोल सकता।"
"ओ.के.।"
"अब रहा मिक्की.....उसके बारे में मुझे अपनी पूर्व योजना ही उचित लग रही है, ऐसी कोई खास बात नहीं हुई है जिसकी वजह से उस योजना में चेंज करना पड़े।"
"यानी?"
"मैं वादामाफ गवाह बनकर उसे जानकीनाथ की हत्या के जुर्म में फंसा देती हूं।"
"क्या हत्या के जुर्म में फंसने के बाद भी पुलिस को नहीं बताएगा कि वह सुरेश नहीं मिक्की है?"
“नहीं बताएगा।”
"यहां मैं तुम्हारी राय से इत्तफाक नहीं करता।"
"क्या मतलब?"
"पहले वह अपना राज छुपाए रखने की कोशिश करेगा, मगर जब देखेगा कि किसी भी रास्ते से बच नहीं पा रहा है तो स्पष्ट कर देगा कि मैं मिक्की हूं और जब वह सुरेश है ही नहीं तो जानकीनाथ का हत्यारा वह स्वतः नहीं है।"
"इससे क्या होगा?"
"हमारी योजना फेल, वह जानकीनाथ के हत्यारे के रूप में न पकड़ा जा सकेगा।"
"मगर सुरेश की हत्या के जुर्म में तो पकड़ा जाएगा।"
"पकड़ा जाता रहे, हमारी योजना तो फेल हो ही गई न और उसके फेल होने का सीधा मतलब होगा तुमसे वादामाफ गवाही वाली फैसेलिटी छिन जाना, क्योंकि उस स्थिति में जानकीनाथ की हत्या की एकमात्र मुजरिम तुम ही बचीं।"
"तुम्हारी बात दुरुस्त है, मगर ऐसा होगा नहीं।"
"क्यों नहीं होगा?"
"सुरेश बने रहकर जानकीनाथ की हत्या के जुर्म में पकड़े जाना, फिर भी मिक्की बनकर सुरेश की हत्या के जुर्म में पकड़े जाने के मुकाबले मिक्की के लिए फायदे का सौदा होगा—और इसलिए वह मिक्की बनकर पकड़े जाने से बेहतर सुरेश के रूप में पकड़ा जाना पसन्द करेगा।"
"मैं समझा नहीं।"
"जरा ध्यान दो, मिक्की यह सोचेगा कि यदि मैं सुरेश के रूप में पकड़ा जाता हूं तो मुमकिन है कि जानकीनाथ के मर्डर की सजा, जो अच्छे वकीलों के कारण फांसी नहीं होगी, भोगने के बाद सुरेश की दौलत पर ऐश कर सकता हूं, मगर यदि मैंने अपने मिक्की होने का राज खोल दिया तो समझ लो सारी उम्मीदें ही खत्म कर लीं—पहले तो अच्छे वकील के अभाव में फांसी हो सकती है, दूसरे, यदि फांसी से कम सजा हुई भी तो उसे भोगकर जेल से बाहर आने पर सामने पुनः वही फक्कड़ जिन्दगी होगी।"
"ओह।"
"हर हालत में उसे सुरेश बने रहने में ही फायदा है—सो, हरगिज अपना राज नहीं खोलेगा और उसकी यह मानसिकता हमारे हक में होगी।"
"बात तो तुम्हारी तर्कसंगत है, लेकिन.....।"
"लेकिन—?"
"हम उसे एक दूसरे तरीके से भी फंसा सकते हैं।"
"किस तरीके से?"
"पुलिस को उसके बारे में हकीकत बताकर, यानी अगर हम पुलिस पर यह राज खोल दें कि सुरेश की हत्या करने के बाद मिक्की अब उसकी दौलत पर कब्जा करने वाला है तो वह फंस जाएगा और दुनिया की कोई ताकत उसे बचा नहीं सकती।"
"तुम ठीक कह रहे हो—मगर ऐसा करने से पुनः वही संकट उठ खड़ा होगा, मेरे हाथ से वादामाफ गवाह बनने की फैसेलिटी चले जाने का संकट—अगर हम उसे इस रूप में फंसाते हैं तो म्हात्रे की इन्वेस्टिगेशन चलती रहेगी और उस अपराध की एकमात्र जीवित मुजरिम होने के कारण सारी सजा मुझे मिलेगी।"
"ओह।"
"वैसे भी अपने मुंह से उसे मिक्की कहने की जरूरत नहीं है।" नसीम बानो ने दूरदर्शिता से काम लेते हुए कहा— "जब हम कहेंगे कि वह जानकीनाथ का हत्यारा सुरेश है तो हंड्रेड परसेंट उम्मीद है कि अपना राज छुपाए रखने के लिए वह इस जुर्म में फंस जाना कबूल करेगा, फिर भी मान लेते हैं, कि नहीं करता, तब मजबूरी में उसे अपने मिक्की होने का राज खोलना पड़ेगा—अगर वह ऐसा करता है तो वह बात आ ही गई जो तुम कह रहे हो?"
"तुम्हारी योजना ही ठीक है।" अच्छी तरह सोचने के बाद विमल ने कहा—"मगर उसका क्या करेंगे, जिसने विनीता की हत्या की है?"
"इस बारे में अभी तो हमें यही पता नहीं है कि वह कौन है और विनीता की हत्या उसने क्यों की है?" नसीम ने कहा— "इन दोनों सवालों का जवाब पाने के बाद ही हम उसका कुछ बिगाड़ सकते हैं—मगर ऐसा भी हम तभी कर सकेंगे जब मिक्की और रहटू के खतरे से मुक्त हों।"
"उनसे तो कल मुक्त हो जाएंगे।"
"एक सवाल यह बाकी रह जाता है कि सुरेश बने मिक्की पर सफेद एम्बेसेडर से कातिलाना हमला किसने किया था?"
"मेरा ख्याल तो यह है कि किसी ने हमला-वमला नहीं किया, वह सुरेश और रहटू की संयुक्त साजिश थी।" विमल ने कहा— "उन्होंने सोचा होगा कि जब रहटू नसीम बानो को यह कहकर फंसाएगा कि वह सुरेश का दुश्मन है और उसका मर्डर करना चाहता है तो अपनी कोशिश का एकाध उदाहरण भी देना होगा, सो उदाहरण के लिए ही उन्होंने ब्रेक फेल करने और सफेद एम्बेसेडर का ड्रामा किया।"
"तुम ठीक कहते हो।" कुछ सोचती हुई नसीम बानो चुटकी बजा उठी—"रहटू ने कहा भी था कि सुरेश पर एम्बेसेडर वाला हमला उसी ने किया—करेक्ट, वह मुझ पर यह विश्वास जमाना चाहता था कि वह वास्तव में सुरेश का दुश्मन है।"
"फिलहाल मैं चलता हूं।" कहता हुआ विमल उठकर खड़ा हो गया—"रात ठीक ढाई बजे गाड़ी के साथ यहां आऊंगा, क्योंकि यदि विनीता की लाश रात में ही ठिकाने नहीं लगाई गई तो यह हमारे लिए एक ऐसी मुसीबत बन जाएगी जिससे छुटकारा पाना मुश्किल हो जाएगा।"
"ओ.के.। वैसे भी साजिन्दे के आने से पहले तुम्हारा यहां से निकल जाना जरूरी है, अकेली विनीता को गायब पाकर वह सन्देह में पड़ सकता है।"
¶¶
विमल के लौटते ही नसीम बानो ने पूछा—"सब कुछ ठीक हो गया?"
"हां।"
"गाड़ी का क्या किया?"
"टाउन हॉल के पार्किंग में खड़ी कर आया हूं, विनीता की लाश को ठिकाने लगाने में शायद काम आए।"
"यह तुमने समझदारी का काम किया, विनीता की लाश को गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर बैठकर हम किसी सूनी सड़क पर, खाई में लुढ़का देंगे ताकि गाड़ी और लाश मिलने पर पुलिस को लगे कि किसी के द्वारा जहरीली सुई चुभोने के बाद विनीता ने ड्राइविंग की और जहर का असर होते-होते गाड़ी उसके काबू से बाहर होकर खाई में गिर पड़ी।"
"शायद यही उचित होगा।" कहने के बाद थका-सा विमल बेड पर बैठ गया, कुछ देर चुप रहने के बाद बोला— "समझ में नहीं आता कि पलक झपकते ही आखिर ये क्या हो गया—विनीता की हत्या मिक्की या रहटू ने नहीं की तो फिर कितने की है?"
"इस बारे में बाद में सोचेंगे, फिलहाल अपने और मिक्की के बीच चल रही जंग के बारे में सोचना ज्यादा महत्वपूर्ण है, सारे पासे उलट गए हैं—जहां हम यह सोच रहे थे कि सुरेश हमारी उंगलियों पर नाच रहा है, वहीं पता लगा कि सुरेश दरअसल सुरेश है नहीं, मिक्की है और अगर विनीता उसकी बातें न सुनती तो हम मिक्की और रहटू के जाल में बुरी तरह फंस चुके थे।"
"अब उसकी हैरतअंगेज स्वीकारोक्ति की वजह भी समझ में आ रही है।" विमल ने कहा— "दरअसल जब तुमने फोन पर ढंग से बात की जैसे जानकीनाथ के मर्डर में वह तुम्हारे साथ रहा था, तो सुरेश बने मिक्की ने सोचा होगा कि निश्चय ही सुरेश ने तुम्हारे साथ मिलकर मर्डर किया होगा—उसने सोचा होगा कि यदि अनजान बना या कोई सवाल किया तो मिक्की होने का भेद खुल जाएगा, अतः सब कुछ स्वीकार करते चले जाओ।"
"मजे की बात यह है कि वह अभी तक सुरेश को सचमुच जानकीनाथ का हत्यारा समझ रहा है, रहटू से भी उसने यही कहा—तभी तो उन दोनों ने मिलकर अपनी नजर में उस मर्डर के एकमात्र गवाह यानी मेरे मर्डर की स्कीम तैयार की?"
"पुलिस इंस्पेक्टर को धड़ल्ले से फिंगर प्रिन्ट्स देने वाली बात भी अब समझ में आ रही है, उसे मालूम था कि वह मिक्की है, सो उसके फिंगर प्रिन्ट्स भला सुरेश की उंगलियों के निशान से कैसे मेल खा सकते थे?"
"यह राज पता लगने के साथ ही सारी गुत्थियां स्वतः सुलझ चुकी हैं कि वह सुरेश नहीं, मिक्की है।"
"करेक्ट।"
"एक घण्टा पहले और अब के हालतों में जमीन-आसमान का अन्तर आ गया है, अतः पिछली सारी रणनीति को भूलकर नए सिरे से, नई स्थिति पर गौर करके हमें भविष्य के लिए नई रणनीति तैयार करनी होगी।"
"इस बात की जरूरत मैं भी महसूस कर रहा हूं।"
"जानकीनाथ की हत्या के जुर्म में 'सुरेश' को सजा के बाद कानून सारी दौलत विनीता को मिलनी थी, इसी वजह से उसके एक हिस्सेदार तुम भी थे और मुझे तो उसमें से सारी जिन्दगी कुछ-न-कुछ मिलता रहने वाला था ही—किन्तु विनीता की मौत के बाद यह सारी स्कीम स्वतः धराशायी हो चुकी है—अब भले ही कथित सुरेश फांसी के फंदे पर झूल जाए, उसकी दौलत में से हमें फूटी कौड़ी मिलने वाली नहीं है।''
"इसका मतलब ये हुआ कि अब सुरेश बने मिक्की को जानकीनाथ की हत्या के जुर्म में फंसाने से हमें कोई लाभ ही नहीं है।"
"लाभ नहीं है, मगर ऐसा करना मजबूरी जरूर बन चुकी है।"
"क्यों भला?"
"अगर देखा जाए तो सारी दौलत पर मिक्की और रहटू का कब्जा हो चुका है, मैं उनकी नजर में रास्ते का कांटा हूं ही, अतः यदि कल की उनकी आइसक्रीम वाली साजिश से बची तो वे फिर किसी दूसरे तरीके से मेरे मर्डर की कोशिश करेंगे—शायद हमेशा उनके प्रयास से बची न रह सकूं—यही स्थिति तुम्हारी भी है, देर-सवेर वे विनीता और तुम्हारे सम्बन्धों का पता लगा लेंगे और फिर उन पेशेवर गुण्डों को तुम्हारा मर्डर करने में देर नहीं लगेगी।"
विमल का चेहरा फक्क।
अपने एक-एक शब्द पर जोर देते हुए नसीम ने कहा— "अब हमें अपनी आगे की रणनीति दौलत के लिए नहीं, बल्कि उससे भी कहीं ज्यादा कीमती अपने प्राणों की हिफाजत के लिए तैयार करनी है, अगर उसका इलाज न किया गया और वे इसी तरह आजाद घूमते रहे तो हमारी जिन्दगी के लिए हमेशा खतरा बना रहेगा।"
"फिर क्या करें?"
"विनीता की लाश को मैं काफी देर पहले सेफ में बन्द कर चुकी थी—तब से यहां बैठी इसी बारे में सोच रही हूं—उन दोनों के खतरे से खुद को मुक्त करने की तरकीब मैंने सोची भी है, अब सिर्फ उस पर तुम्हारी स्वीकृति की मोहर लगना बाकी है।"
"क्या सोचा है तुमने?" विमल ने उत्सुकतापूर्वक पूछा।
पहले नसीम ने रहटू नाम की मुसीबत से छुटकारा पाने की तरकीब बताई—विमल ध्यानपूर्वक सुनता रहा और अन्त में बोला— "वैरी गुड, रहटू का इससे बेहतरीन इलाज कोई अन्य नहीं हो सकता, मगर.....।"
"मगर—?"
"पकड़े जाने पर कहीं वह हकीकत न खोल दे?"
"ऐसा वह नहीं कर सकेगा, दरअसल, हकीकत खोलने का मतलब होगा पुलिस को यह बता देना कि सुरेश, सुरेश नहीं मिक्की है और यह राज उनमें से कोई भी मरते दम तक पुलिस पर नहीं खोल सकता।"
"ओ.के.।"
"अब रहा मिक्की.....उसके बारे में मुझे अपनी पूर्व योजना ही उचित लग रही है, ऐसी कोई खास बात नहीं हुई है जिसकी वजह से उस योजना में चेंज करना पड़े।"
"यानी?"
"मैं वादामाफ गवाह बनकर उसे जानकीनाथ की हत्या के जुर्म में फंसा देती हूं।"
"क्या हत्या के जुर्म में फंसने के बाद भी पुलिस को नहीं बताएगा कि वह सुरेश नहीं मिक्की है?"
“नहीं बताएगा।”
"यहां मैं तुम्हारी राय से इत्तफाक नहीं करता।"
"क्या मतलब?"
"पहले वह अपना राज छुपाए रखने की कोशिश करेगा, मगर जब देखेगा कि किसी भी रास्ते से बच नहीं पा रहा है तो स्पष्ट कर देगा कि मैं मिक्की हूं और जब वह सुरेश है ही नहीं तो जानकीनाथ का हत्यारा वह स्वतः नहीं है।"
"इससे क्या होगा?"
"हमारी योजना फेल, वह जानकीनाथ के हत्यारे के रूप में न पकड़ा जा सकेगा।"
"मगर सुरेश की हत्या के जुर्म में तो पकड़ा जाएगा।"
"पकड़ा जाता रहे, हमारी योजना तो फेल हो ही गई न और उसके फेल होने का सीधा मतलब होगा तुमसे वादामाफ गवाही वाली फैसेलिटी छिन जाना, क्योंकि उस स्थिति में जानकीनाथ की हत्या की एकमात्र मुजरिम तुम ही बचीं।"
"तुम्हारी बात दुरुस्त है, मगर ऐसा होगा नहीं।"
"क्यों नहीं होगा?"
"सुरेश बने रहकर जानकीनाथ की हत्या के जुर्म में पकड़े जाना, फिर भी मिक्की बनकर सुरेश की हत्या के जुर्म में पकड़े जाने के मुकाबले मिक्की के लिए फायदे का सौदा होगा—और इसलिए वह मिक्की बनकर पकड़े जाने से बेहतर सुरेश के रूप में पकड़ा जाना पसन्द करेगा।"
"मैं समझा नहीं।"
"जरा ध्यान दो, मिक्की यह सोचेगा कि यदि मैं सुरेश के रूप में पकड़ा जाता हूं तो मुमकिन है कि जानकीनाथ के मर्डर की सजा, जो अच्छे वकीलों के कारण फांसी नहीं होगी, भोगने के बाद सुरेश की दौलत पर ऐश कर सकता हूं, मगर यदि मैंने अपने मिक्की होने का राज खोल दिया तो समझ लो सारी उम्मीदें ही खत्म कर लीं—पहले तो अच्छे वकील के अभाव में फांसी हो सकती है, दूसरे, यदि फांसी से कम सजा हुई भी तो उसे भोगकर जेल से बाहर आने पर सामने पुनः वही फक्कड़ जिन्दगी होगी।"
"ओह।"
"हर हालत में उसे सुरेश बने रहने में ही फायदा है—सो, हरगिज अपना राज नहीं खोलेगा और उसकी यह मानसिकता हमारे हक में होगी।"
"बात तो तुम्हारी तर्कसंगत है, लेकिन.....।"
"लेकिन—?"
"हम उसे एक दूसरे तरीके से भी फंसा सकते हैं।"
"किस तरीके से?"
"पुलिस को उसके बारे में हकीकत बताकर, यानी अगर हम पुलिस पर यह राज खोल दें कि सुरेश की हत्या करने के बाद मिक्की अब उसकी दौलत पर कब्जा करने वाला है तो वह फंस जाएगा और दुनिया की कोई ताकत उसे बचा नहीं सकती।"
"तुम ठीक कह रहे हो—मगर ऐसा करने से पुनः वही संकट उठ खड़ा होगा, मेरे हाथ से वादामाफ गवाह बनने की फैसेलिटी चले जाने का संकट—अगर हम उसे इस रूप में फंसाते हैं तो म्हात्रे की इन्वेस्टिगेशन चलती रहेगी और उस अपराध की एकमात्र जीवित मुजरिम होने के कारण सारी सजा मुझे मिलेगी।"
"ओह।"
"वैसे भी अपने मुंह से उसे मिक्की कहने की जरूरत नहीं है।" नसीम बानो ने दूरदर्शिता से काम लेते हुए कहा— "जब हम कहेंगे कि वह जानकीनाथ का हत्यारा सुरेश है तो हंड्रेड परसेंट उम्मीद है कि अपना राज छुपाए रखने के लिए वह इस जुर्म में फंस जाना कबूल करेगा, फिर भी मान लेते हैं, कि नहीं करता, तब मजबूरी में उसे अपने मिक्की होने का राज खोलना पड़ेगा—अगर वह ऐसा करता है तो वह बात आ ही गई जो तुम कह रहे हो?"
"तुम्हारी योजना ही ठीक है।" अच्छी तरह सोचने के बाद विमल ने कहा—"मगर उसका क्या करेंगे, जिसने विनीता की हत्या की है?"
"इस बारे में अभी तो हमें यही पता नहीं है कि वह कौन है और विनीता की हत्या उसने क्यों की है?" नसीम ने कहा— "इन दोनों सवालों का जवाब पाने के बाद ही हम उसका कुछ बिगाड़ सकते हैं—मगर ऐसा भी हम तभी कर सकेंगे जब मिक्की और रहटू के खतरे से मुक्त हों।"
"उनसे तो कल मुक्त हो जाएंगे।"
"एक सवाल यह बाकी रह जाता है कि सुरेश बने मिक्की पर सफेद एम्बेसेडर से कातिलाना हमला किसने किया था?"
"मेरा ख्याल तो यह है कि किसी ने हमला-वमला नहीं किया, वह सुरेश और रहटू की संयुक्त साजिश थी।" विमल ने कहा— "उन्होंने सोचा होगा कि जब रहटू नसीम बानो को यह कहकर फंसाएगा कि वह सुरेश का दुश्मन है और उसका मर्डर करना चाहता है तो अपनी कोशिश का एकाध उदाहरण भी देना होगा, सो उदाहरण के लिए ही उन्होंने ब्रेक फेल करने और सफेद एम्बेसेडर का ड्रामा किया।"
"तुम ठीक कहते हो।" कुछ सोचती हुई नसीम बानो चुटकी बजा उठी—"रहटू ने कहा भी था कि सुरेश पर एम्बेसेडर वाला हमला उसी ने किया—करेक्ट, वह मुझ पर यह विश्वास जमाना चाहता था कि वह वास्तव में सुरेश का दुश्मन है।"
"फिलहाल मैं चलता हूं।" कहता हुआ विमल उठकर खड़ा हो गया—"रात ठीक ढाई बजे गाड़ी के साथ यहां आऊंगा, क्योंकि यदि विनीता की लाश रात में ही ठिकाने नहीं लगाई गई तो यह हमारे लिए एक ऐसी मुसीबत बन जाएगी जिससे छुटकारा पाना मुश्किल हो जाएगा।"
"ओ.के.। वैसे भी साजिन्दे के आने से पहले तुम्हारा यहां से निकल जाना जरूरी है, अकेली विनीता को गायब पाकर वह सन्देह में पड़ सकता है।"
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