Incest Kahani पापा की दुलारी जवान बेटियाँ - Page 6 - SexBaba
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Incest Kahani पापा की दुलारी जवान बेटियाँ

(पुलिस वाला एक और पुलिस वाले को बुलाता है, दोनों के मुह से शराब की बू आ रही थी। पुलिस वाला फिर पूछता है, सीधे सीधे बताता है की नहीं या घुसेडू ये डंडा।।कौन है ये लौंडिया?)

बंसल - (घबराते हुए) देखिये हम इस शहर में नए हैं मेरी गाडी खराब हो गई थी। और ये मेरी बेटी है शालू।

पोलिस वाला शालु को ऊपर से नीचे तक घूरता है, फिर दुसरे पुलिस वाले से धीरे से कहता है। साली बड़ी गरम माल है ये तो, पेंटी उतार के बैठी है। पुलिस वाला हाथ बढा कर शालु की पेंटी को गियर से उठाता है और सूँघते हुए बंसल से कहता है।

पोलिस मैन बंसल से - क्यों रे।।? तू तो बोल रहा था ये रंडी तेरी बेटी है? साले तो ये अपनी कच्छी उतार के क्यों बैठी है गाडी में? हमे बेवकूफ समझता है? इतनी रात गए रंडी घुमा रहा है और हमे बोलता है की ये बेटी है तुम्हारी?

बानसाल - नहीं साहब, मैं सच कहता हूँ ये मेरी बेटी है। हम जंगल में फंस गए थे आप हमे जाने दे। ये रहा मेरा ड्राइविंग लाइसेंस और ये मेरी बेटी का भी। देखिये फादर'स नाम में मेरा नाम है। ये मेरी बेटी ही है इंस्पेक्टर साहब छोड़ दिजिये हमे। चाहे तो कुछ रुपये ले लिजीये लेकिन हमे छोड़ दिजिये।

शालु - देखिये इंस्पेक्टर साहब, हम अच्छे घर से है। मेरे पापा एक बहुत ही बड़ी कंपनी में काम करते है। आप प्लीज हमे जाने दे।

पोलिसेवाला लड़की की बात सुनता है, और उसे कार से बाहर निकलने को कहता है। देखो भाई, यहाँ रोज ऐसे मुजरिम आते हैं और सभी कुछ न कुछ बहाने भी बनाते है। हम सबको ऐसे तो नहीं छोड़ सकते, आखिर हम एक जिम्मेदार पुलिस अफसर है।

पोलिस मैन - सुन रे लड़की हमे तेरी तलाशी लेनी होगी। आज़कल जमाना ख़राब है साला लौंडिया लोग ज्यादा चलाक होती है और क्रिमिनल भी।

बंसल - जी, देखिये आप ऐसे तलाशी नहीं ले सकते मेरी बेटी की। आप किसी फीमेल अफसर को बुलाइये।

पोलिस मैन - क्यों रे, तू फिर हमे कानून सिखायेंगा। साले तलाशी लेने दे चुप चाप नहीं तो अगर मेरा दिमाग घूमा न तो तुम दोनों को डण्डे मारते पुलिस स्टेशन ले जाऊँगा। वहां सिर्फ हम नहीं हमारे बड़े साहब लोग भी तलाशी लेंगे तेरी बेटी की समझा?

शालु - पापा, आप प्लीज इनके मुह न लगीये। इन्हे तलाशी लेने दिजिये।
 
पोलिस मैन - बेटी तेरी ज्यादा समझदार लगती है। चल हाथ ऊपर कर।

शालु अपने हाथ ऊपर कर लेती है, पुलिस वाला पीछे से पहले तो उसके बाजू को छुता है फिर पीठ फिर उसकी कमर। फिर उसकी चौड़ी गांड को छुता ही नहीं सहलाता भी है। पुलिस वाला धीरे से दूसरे पुलिस वाले को कहता है। साली की गांड कितनी बड़ी है ऐसा लगता है रोज चुद्वाती है। शालु और बंसल ये सब सुन कर भी चुप रहते है। उसके बाद दुसरा पुलिस वाला शालु के ब्लाउज के ऊपर से उसकी चूचि पकड़ लेता है। 

पोलिस मैन - ओह वाह।। तूने तो अंदर ब्रा भी नहीं पहनी।

पोलिस वाला उसकी चूचि को ब्लाउज से आज़ाद कर देता है,और लगातार मसलते रहता है।


पोलिस मैन - चल अब झुक जा नीचे तलाशी लेनी है।

शालु कार के बोनट पे आगे की ओर झुक जाती है, जैसे ही वो झुकती है पुलिस वाला पीछे से उसकी साड़ी उठा देता है और उसकी नंगी गांड तीनो मरदों के सामने नंगी हो जाती है। पुलिस वाला उसकी नंगी गांड को सहलाने लगता है और अपनी ऊँगली गांड से नीचे ले जाते हुए सीधा शालु की चूत में डाल देता है। शालु कराह उठती है, बंसल ये सब अपने आँखों के सामने होता देखता है लेकिन एक मजबूर बाप की तरह वहीँ खड़ा रहता है। दुसरा पुलिस वाला उसकी ब्लाउज ऊपर कर शालु की चूचियां नंगी कर देता है और एक हाथ से अपना लंड बाहर निकाल लेता है। पुलिस वाले का काला मोटा सा लंड देख कर शालु घबरा जाती है।

शालु - इंस्पेक्टर साहब ये आप क्या कर रहे हैं?

पोलिस मैन - सुन लडकी, तलाशी ले रहा हूँ ज्यादा नखरे मत कर चुप चाप झुकी रह। ज्यादा दिमाग ख़राब करेगी तो अच्छा नहीं होगा।

शालू डर के चुप हो जाती है।

(उधर दुसरा पुलिस वाला घुटनो पे बैठ शालु की चूत पे अपनी जीभ रख देता है। शालु मचल जाती है, अपने हाथ से लंड बाहर निकाल कर मुट्ठ मारते हुए वो शालु की चूत जोर जोर से चाटने लगता है)

दूसरे पुलिस वाला जो उसकी चूचिया दबा रहा था अब वो अपने लंड को हाथ में पकडे शालु के मुँह के पास आता है।

पोलिस मैन - ले चूस साली, चूस इसे। मुझे पता है तेरी बुर गिली हो चुकी है। अपने पापा से शरमा मत चूस मेरे लंड को। शहर में ये सब आम बात है। यहाँ तो अपने पापा के सामने बस नंगी है, कई रंडियां तो अपने पापा से चुदती भी हैं।


शालु मन ही मन अपने आप से कहती है, उनमें से एक रंडी तो मैं भी हूँ जो अभी अभी अपने पापा से चूदी हूँ ।
 
उधर बंसल अपनी बेटी को दो पुलिस वालों से एक साथ चुदाई देखकर उत्तेजित हो जाता है।एक पुलिस वाला शालू को बोनट पे लिटा के उसकी बुर में अपना मोटा काला लन्ड एक झटके से घुसा देता है।शुक्र था की शालू की चूत गीली रहती है।इसलिए पुलिस वाले का लंड शालू की चूत को फाड़ता हुआ आधा घुस जाता है।
शालू के मुँह से चीख निकल जाती है जिसे सुनकर दूसरा पोलिसवाला अपना काला मोटा लण्ड शालू के मुँह में पेल देता है।अब दोनों पोलिसवाले शालू को किसी सड़क के किनारे किसी कुतिया की तरह चोदने लगते है।बंसल इस चुदाई को देखकर बहुत उतेजित हो जाता है।एक पुलिस वाला कुतिया बनी शालू की चूत चोदता है तो दूसरा उसके मुँह में पेलने लगता है फिर दोनों जगह बदल लेते है।
बंसल को बिश्वास नहीं होता की उसकी बेटी कैसे किसी रंडी की तरह पोलिसवालों का काला मोटा लंड अपने मुँह में लेकर चूस रही है।
फिर पोलिसवाले शालू को बीच सड़क पर कुतिया बनाके चोदने लगते है।एक पुलिस वाला तो शालू को गन्दी गन्दी गालियां देते हुए चोदता है।

पुलिस मैन-साली रंडी कितनी गरम चूत है तेरी।आज तक मैंने बहूत सारी रंडियों को चोदा है।लेकिन तेरे जैसी गरम चूत किसी की नहीं।तेरा बाप बहुत लक्की है।

फिर पुलिस वाले उसे बोनट पे सीधा लिटा कर उसकी बुर को बारी बारी से चोदते है। शालु ने अपने सपने में भी कभी ऐसा नहीं सोचा था की कभी वो दिन आएगा जब वो अपने पापा के सामने दो मरदों से चुदेगी। वो उत्तेजना से भर उठती है और पुलिस वालों का मोटा काला लंड बार बार मुह में ले कर चुस्ती रहती है।आधे घंटे की चुदाई में पुलिस वालों की हालत अब ख़राब हो चुकी थी।

पोलिस मैन - रंडी साली और चूस मेरे लंड को।। कहते हुए वो अपना माल शालु के मुह के अंदर ही छोड़ देता है।


दूसरे पुलिस वाला अपने लंड को मसलते हुए शालु के नज़दीक आता है और उसके गाल और होठ पे अपना गाढा सफ़ेद पानी गिरा देता है। शालु दोनों पुलिस वालों का वीर्य पी जाती है और उनका लंड भी अपने जीभ से साफ़ कर देती है।


पोलिस मैन - आज कितने दिनों बाद इतनी जबरदस्त चुदाई मिली है मजा आ गया। साली रंडी ने तो कमाल ही कर दिया। मैंने आज़तक किसी रंडी को इस तरह से लंड का चाटते नहीं देखा था। वाह बंसल तेरी बेटी तो कमाल है और समझदार भी। इसने तेरी तरह बेवकूफ़ी नहीं कि, बल्कि हमसे चुद कर अपनी और तुम्हारी जान बचाई है, वरना पुलिस स्टेशन में इतने डण्डे पडते की तू सोच भी नहीं सकता। चल जा तेरी बेटी ने हमे खुश किया है इसलिए तुम दोनों को छोड रहा हूं। 

पोलिस वाले अपनी पेंट का ज़िप बंद कर अपनी जीप की तरफ बढ़ जाते है। बंसल शालु की तरफ आता है, शालु अपने चेहरे से दोनों पुलिस वालों का मुट्ठ साफ़ कर रही होती है। 

बंसल - बेटी, मुझे माफ़ कर देना मैं कुछ नहीं कर पाया।

शालु - नहीं पापा, आप की इसमे कोई गलती नहीं है। नशे में धुत्त उन पुलिस वालों से उलझना कहाँ की समझदारी है। अच्छा हुआ उन्होंने हमें छोड़ दिया। अगर ये हमे पुलिस स्टेशन ले जाते तो हमारी कितनी बदनामी होती पापा।
(शालू अपने पेटिकोट का नाडा बाँधती है)
 
बंसल - हाँ बेटी, तुम ठीक कहती हो। अच्छा हुआ हम इनके चँगुल से जल्दी छूट गये।

शालु - मैंने तो पहले ही सोच लिया था, जितना जल्दी मैं उनके लंड का पानी निकलूँगी उतना जल्दी वो हमे जाने देंगे। तभी तो मैंने उन दोनों का लंड चूस कर सारा माल अपने मुह में ही निकाल लिया।

बंसल - हाँ बेटी।

शालु - ओह ये पुलिस वालों का भी कितना गाढ़ा और चिपचिपा होता है न पापा। मैं तो उनके मुट्ठ से नहा ली हूं। 


बंसल - हाँ ये पुलिस वाले रफ़ होते है, कभी कभी महीनो तक ये अपनी बीवीयों से दूर होते है। शायद इसलिए ये जवान लड़कियां को चोदे बगैर नहीं छोड़ते और इनके मुट्ठ भी ज्यादा गाढा होता है। 

शालु - हाँ बॉडी तो रफ़ होती ही है, उस पुलिस वाले ने तो मेरी बुर को इतनी जोर से चाटा की मैं अपने आप को सँभाल नहीं पायी और उसके मुह में ही झड गई थी। उस पुलिस वाले ने तो मेरी बुर का सारा पानी टेस्ट किया होगा। 

बंसल - क्या? क्या तुम्हे उनसे अपना बुर चटवाना अच्छा लगा?

शालु - हाँ पापा वो मुझपे ऐसे टूटे थे जैसे सालों से उन्हें कोई मिला न हो। उनकी भूख मुझे उत्तेजित कर रही थी। आज पहली बार मैं अपने पापा के सामने ही दो मर्दो से चुद रही थी। 

बंसल - बेटी, अगर ऐसा था तो तूने मुझे पहले क्यों नहीं कहा। उनके साथ-साथ मैं भी तेरी चुत का रस पी लिया होता।

शालु - छी पापा वो लोग क्या सोचते की आप बाप होकर अपनी बेटी का चुत पी रहे है।

बंसल - वैसे तुझे उनका लंड झाडते हुए देख मुझे बहुत मजा आया।

शालु - सच पापा?

बंसल - हाँ बेटी।।

शालु - अगर ऐसा है तो दिजिये मैं आपके लंड का भी पानी निकाल देती हूँ।
 
बंसल - नहीं बेटी बहुत रात हो चुकी है चलो होटल चलते है।

शालु - पापा होटल यहाँ से बहुत दूर है, न जाने मेरी किस्मत में आज और कितनी चुदाई लिखी है। (शालू साड़ी का पल्लू ठीक करते हुए जोर से हँसती है )

बंसल - बेटी इससे पहले की तुझे कोई और चोदे मैं तुझे होटल ले जाकर चोदना चाहता हूँ। 

शालू-फिक्र मत करो पापा।आज मैं आपको वो मज़ा दूंगी जो आपको इस ज़िन्दगी में नहीं मिली होगी।

बंसल-ठीक है बेटी।थोडा मुझसे सट के बैठो ताकि तुम्हारी जवानी के मज़े लेते हुए जल्दी होटल चलते है।

कहते हुए बंसल गाडी में आकर बैठता है और दोनों बाप बेटी अपनी बात पे हँसते हुए एक बार फिर होटल की ओर रुख करते है। 

बंसल और शालु दोनों गाडी में बातें कर रहे थे, कार का हेडलाइट टूट जाने से बंसल को ड्राइव करने में काफी दिक्कत हो रही थी वो जल्द से जल्द होटल पहुचना चाहता था। कभी कभी बंसल किसी बहाने से शालु की जाँघो पे हाथ फेरता तो शालु उसका हाथ हटा देती। दोनों बाप बेटी शायद ही आज की रात कभी भूल पाएंग़े। पुरे सफ़र में बंसल अपनी बेटी की २ पुलिस वालों से चुदने का दृश्य को याद करता रहा। शालु भी ये सोच कर एक्साईटेड थी, कैसे वो अपने पापा की आँखों के सामने चुद रही थी। तभी ख्यालों से बाहर निकल शालु ने बंसल से सवाल किया।

शालु - पापा क्या आज से पहले आपने कभी मम्मी को धोखा दिया है?
 
बंसल - हाँ बेटी दिया है, तुम तो जानती हो मैं दिल्ली में और वो इतनी दूर हम ठीक से मिल भी नहीं पाते। आखिर कबतक मैं अपने आप पे कण्ट्रोल करता। कभी न कभी सब्र खोना ही था और मैंने दूसरी औरतों से भी शारीरिक सम्बन्ध बनाए।

शालु - मैं समझ सकती हूँ पापा आपके लिए ये सब कितना मुश्किल रहा होगा।

बंसल - हाँ बेटी।

शालु - अच्छा पापा अब आपने बता ही दिया है तो ये भी बताइये के वो कौन थी।। ? क्या कोई कॉल गर्ल? या ऑफिस की कोई स्त्री?

बंसल - बेटी मैं कभी कॉल गर्ल के पास नहीं गया जब भी सेक्स किया अपने ऑफिस के शादी शुदा औरतों के साथ।

बंसल - बेटी एक बात मैं भी पूछूँ सच-सच बताओगी?

शालु - हाँ पापा पूछिये ना

बंसल - बेटी, जिस तरह से तुम उन पुलिस वालों का गन्दा लंड मुह में लेकर चूस रही थी मुझे ऐसा लगता है जैसे की तुम्हे उसकी आदत हो।

शालु - आप क्या कहना चाहते हैं पापा?

बंसल - बेटी मुझे ऐसा लगता है जैसे किसी पराए मरद का लंड चूसना तुम्हारे लिए कोई नयी बात नहीं है।

शालु - पापा आप क्या मुझे कोई गन्दी लड़की समझते हैं?

बंसल - नहीं बेटी, इसमे गन्दी होने वाली बात क्या है। मैं तो कहता हूँ ज़िंदगी बहुत छोटी है इसका पूरा पूरा मजा लेना चहिये।

शालु - मैं आपसे सहमत हूँ पापा।

बंसल - तो बताओ बेटी, क्या मेरा शक़ सही है?

शालु - (शर्माते हुए) हाँ पापा।। 

बंसल - (इतना सुनते ही बंसल उत्तेजित हो जाता है) तो क्या तुम दामाद जी के अलावा किसी और मर्द से भी चूदी हो?

शालु - हाँ पापा, मैंने कभी ऐसा सोचा नहीं था लेकिन शायद मेरी किस्मत में यही था। मेरे हस्बैंड के एक दोस्त हैं जो बहुत ही हैंडसम है, अक्सर हमारे घर आते है। एक बार जब वो घर आये थे तो मैं नहा रही थी, उन्होंने मुझे पेटिकोट में देख लिया था।

घर में हस्बैंड नहीं थे तो इस बात का फ़ायदा उठाते हुए वो मुझे पीछे से आकर पकड़ लिये। इससे पहले की मैं उनका विरोध कर पाती उनका बाहर निकला खड़ा लंड मेरी गांड पे रब होने लगा। फिर मुझे न जाने क्या हुआ और मैं उनकी इस हरकत को माफ़ करते हुए उन्हें अपना सबकुछ दे बैठी। उसके बाद ये सिलसिला यूँ ही चलता रहा, जब भी हस्बैंड बहार जाते वो मेरे घर आ जाते और मुझे कई बार चोदते। फिर मुझे सेक्स की इच्छा और बढ़ गई और मैं अपने धोबी के साथ भी सेक्स कर बैठी। मेरी प्यास बढ़ती जाती थी और मैं बेचैन हो जाती थी। 

बंसल - बेटी इस तरह तो तुमने भी अपने पति को चीट किया है।

शालु - पति को चीट तो मैं शादी से पहले ही कर बैठी थी। 
 
बंसल - (पूरी तरह से शॉक में।।) क्या? शादी से पहले? कौन था वो?

शालु - हाँ पापा शादी से पहले। आपको याद है मेरी वो घर पे मैथ्स के प्राइवेट टयुशन?

बंसल - हाँ वो मैथ्स के टीचर तो बहुत अच्छे थे।

शालु - हाँ वो मैथ्स में भी अच्छे थे और सेक्स में भी। मुझे सबसे पहले सेक्स के लिए उन्होंने ही राज़ी किया था।

बंसल-बेटी थोडा बिस्तार से बताओ की तुम्हारे ट्यूशन सर ने कैसे तुम्हे कली से फूल बनाया।

शालू बताने लगती है।

मुझे कच्ची कली से फूल उन्होंने ही बनाया।शुरू शुरू में जब वो मेरी छोटी छोटी चूचियों को सहलाते तो मेरा बदन काँपने लगता।फिर धीरे धीरे उन्होंने मुझे अपने सेक्स के जाल में फँसाना शुरू किया।

पहले तो उन्होंने मेरे कोमल हाथों से अपने लंड को सहलाने को कहा।जब मैं उनका मोटा लंड अपने हाथों से सहलाने लगती तो वो मेरी स्कर्ट में हाथ डालकर मेरी कच्ची चूत को सहलाने लगते।जो मुझे बहुत अच्छा लगने लगता।
फिर धीरे धीरे वो मेरी कुँवारी चूत भी चूसने लगे।जब पहली बार मैं स्खलित हुई तो मुझे इतना मज़ा आया की अब वो टीचर जो भी बोलते मैं करने को तैयार हो जाती।

इसी बात का फायदा उठाकर उन्होंने अपना मोटा लंड मुझे चुसवाना शुरू कर दिया।शुरू शुरू में मुझे थोडा अजीब लगा।लेकिन धीरे धीरे मैं लंड चूसने में एक्सपर्ट हो गई।अब तो वो ट्यूशन टाइम में रोज मेरे मुँह में लंड पेल देते और मैं चूस चूसकर उनका सारा माल पि जाती।

फिर एक दिन घर पर कोई नहीं था।रीना की तबियत ख़राब थी।आप और मम्मी उसे लेकर हॉस्पिटल गए थे।जब मैं स्कूल से घर आई तो मुझे पता चला की अब सब ठीक है।मम्मी पापा शाम तक आएंगे।उसी टाइम सर आ गए और जब उन्हें पता चला की घर पर कोई नहीं है तब उन्होनें मुझे किस करते करते और मेरे चूचियों को मसलकर पूरी तरह से गरम कर दिया और फिर मुझे पूरी नंगी कर दिया।फिर सर ने अपने भी सभी कपडे उतार दिए।

अब मैं और सर बैड पर बिल्कुल नंगे थे। सर मेरे ऊपर झुक गए मेरे बूब्ज़ के निप्पलों को बारी बारी से चाटने लगे। अब सर मेरे बूब्ज़ को मुंह में भर कर चूसने लगे और मैं मस्त होकर आहह आहह करते हुए उनका सिर अपने बूब्ज़ पर दबाने लगी। 

सर मेरे बूब्ज़ को अपने मुंह में भर कर जोर से चूसने लगे और फिर ऊपर खींच कर छोड़ देते। जैसे ही मेरे बूब्ज़ सर के मुंह से बाहर आते तो बहुत जोर से गप्प गप्प की आवाज आती। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. तभी सर मेरे निप्पलों को चूसने लगे और बीच बीच में दांत से काट लेते। जब सर मेरे निप्पल पर काटते तो मेरे मुंह से चीख निकल जाती और मैं सर के बाल नोच लेती। थोडा़ दर्द तो होता लेकिन मजा कहीं ज्यादा आता।

अब सर मेरे चिकने पेट को चूमने लगे और जीभ से चाटने लगे। मैं मस्ती में मचलने लगी और जब सर मेरी नाभि में जीभ घुसा कर घुमाते तो मैं एकदम मस्त हो जाती और मेरी गांड अपने आप उछलने लगती। अब सर मेरी मस्त जांघों को सहलाने और चूमने लगे। सर के होंठों में जादू था, मैं पागल हुए जा रही थी और चूत गीली हो गई थी। तभी सर बैड पर लेट गए और मुझे 69 अवस्था में अपने ऊपर कर लिया।
 
अब मेरी चूत बिल्कुल सर के होंठों के ऊपर थी और सर का लंड मेरे होंठों के पास। मैं सर का लंड पकड़ कर धीरे धीरे हिलाने लगी और सर अपने हाथ से मेरी चूत मसलने लगे। सर ने अपना मुंह मेरी चूत पर रख दिया और मैंने उनका लंड मुंह में ले लिया। सर मेरी चूत में जीभ डालकर चाटने लगे और मैं भी सर का लंड अपने गले के अंदर तक ले कर चूसने लगी। कुछ तो सर के थूक से और कुछ मेरी चूत के रस से मेरी चूत पूरी तरह गीली हो चुकी ती और सर का लंड भी मेरे चूक से चिकना हो गया था। सर ने जल्दी से मुझे अपने नीचे लेटा लिया और मेरी टांगें खोलकर मेरी टांगों के बीच आ गए। सर के लंड से अभी भी मेरा थूक टपक रहा था; सर ने कहा- अभी लंड और चूत बिल्कुल चिकने हैं, क्या तुम तैयार हो? मैंने हां में सिर हिला दिया और सर ने मेरे होंठों को एक बार चूमा।

सर ने मेरी चूत के छेद पर लंड रखकर थोडा़ सा दबा दिया और सर के लंड का टोपा मेरी चूत में घुस गया। मुझे बहुत मजा आया लेकिन तभी सर ने के जोरदार झटका मारा और मेरा सारा मजा हवा हो गया। सर का लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ आधा मेरी चूत में घुस गया और मेरे मुंह से जोर से चीख निकली; मैं दर्द से छटपटाने लगी और सर ने दूसरा झटका मार कर अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया। मैं दर्द के मारे रोने लगी और सर को लंड बाहर निकालने को कहने लगी।

सर ने मेरे आंसू पौंछ कर कहा- अभी सब कुछ ठीक हो जाएगा! और सर कुछ देर मेरे ऊपर ऐसे ही लेटे रहे। कुछ देर बाद मेरा दर्द कम दोने लगा और कम होते होते सिर्फ जलन रह गई। थोडी़ ही देर में मैं नॉर्मल हो गई और गांड उछाल कर चूत में लंड लेने लगी। सर को पता चल गया अब मुझे मजा आ रहा है। सर अपनी कमर चला कर धीरे धीरे लंड को चूत के अंदर-बाहर करने लगे। अब लंड आसानी से चलने लगा और मुझे बहुत मजा आने लगा; मैं नीचे से गांड उछालने लगी।

लेकिन तभी सर ने अपना लंड बाहर निकाल लिया। मैंने पूछा- अभी मजा आने लगा था तो लंड निकाल क्यों लिया? सर ने कहा- चूत और लंड से खून साफ करके चुदाई करेंगे। सर ने मुझे अपना लंड दिखाया उस पर खून लगा हुआ था। फिर सर ने कपड़े से अपना लंड और मेरी चूत साफ किए। सर ने मुझे उस जगह से उठा कर दूसरी जगह लेटा दिया और मैंने चादर देखी तो वहां मेरी चूत से निकला हुआ खून लगा हुआ था।

अब सर ने एक बार फिर मेरी टांगें खोलकर लंड मेरी चूत में घुसा दिया और इस बार फिर मेरे मुंह से चीख निकली लेकिन इस बार यह चीख मस्ती से भरी हुई थी। सर ऊपर से अपनी कमर चला कर मेरी चूत में लंड अंदर-बाहर करने लगे और मैं नीचे से गांड उछाल उछाल कर चूत की गहराई में लंड लेने लगी। चूत में लंड अंदर-बाहर होने से चुदाई की थप्प थप्प की आवाज आने लगी जो मुझे बहुत प्यारी लग रही थी। सर का लंड हर झटके के साथ मेरी बच्चेदानी से जाकर टकराता और हर बार मेरे मुंह से मस्ती भरी चीख निकलती।
 
सर नीचे लेट गए और मुझे ऊपर कर लिया। मैं सर के लंड पर चूत टिका कर गांड को धीरे धीरे नीचे धकेलने लगी। कुछ ही पल में सर का लंड मेरी चूत में समा गया। मैं सर की छाती पर हाथ रखकर लंड पर उछलने लगी और सर नीचे से कमर चला कर मेरी चूत चोदने लगे, मेरे बूब्ज़ मी मेरे साथ साथ हवा में उछलने लगे। सर ने मेरे बूब्ज़ को अपने हाथों में पकड़ लिया और नीचे से तेजी से मेरी चूत चोदने लगे। मुझे बहुत मजा आने लगा और मैं बहुत तेजी और जोर से सर के लंड पर उछलने लगी। उसके बाद सर ने मुह कई आसनों में आधे घंटे तक चोदा और हमदोनों एक साथ झड़ गए।

उसके बाद तो मुझे अपने लंड पर बिठाकर कर ही पढ़ाते थे।रोज मेरी चूचियों को मसल मसल कर इतना बड़ा कर दिए।मुझसे रोज रोज लंड चुसवाते और अपना सारा मुठ मुझे पिला देते।इसलिए मैं इतनी चुद्दकड़ बन गई।बाद मे आपने मेरी शादी कर दी लेकिन पति मुझे पूरी तरह संतुष्ट नहीं कर पाता था।इसलिए मैं उसे छोड़कर यहाँ आ गई।

थोड़ी देर बाद दोनों होटल के सामने उतरते है, गाडी लॉक कर अपने रूम की तरफ जाने लगते है। रूम में पहुच कर दोनों रिलैक्स होते है, शालु अपनी पल्लू हटा कर पापा के सामने ही बेशरमी से खड़ी हो जाती है। 

सामने की तरफ बंसल गाडी में हुई अधुरी बात को कंटिन्यू करता है।। 

बंसल - वाओ बेटी हमारे घर में ये सब होता रहा और मुझे पता भी नहीं चला।

शालु - कैसे पता चलता पापा, मैं टयूशन अपने कमरे में लेती थी और कमरे की खिड़की हमेशा बंद रहती थी।

बंसल - हमेशा तो बंद नहीं थी, क्योंकि घर पे मैंने खिड़की में से ही तुम्हे देखा था और तुम्हारी जवानी को याद कर मुट्ठ भी मारी थी।

शालु - ओह क्या सच में पापा?

बंसल - हाँ बेटी तुम्हे याद नहीं एक सुबह तुम मुझे उठाने आयी थी तुम्हे खिड़की पे कुछ दाग देख कर कहा था की मैंने कमरे के अंदर ही स्पिट कर दिया है।

शालु - हाँ याद है।
 
बंसल - वो दाग स्पिट के नहीं था, मेरी मुट्ठ का था जो मैंने तुम्हे खिड़की से तुम्हारी अधनंगी बदन को देख कर मारा था।

शालु - ओह पापा आपको मैं इतना एक्साइट करती थी? 

बंसल - हाँ बेटी।

शालु - पापा अगर मुझे पता होता की आप मुझे देख कर मुट्ठ मारते हैं तो मैं कभी भी मुट्ठ को वेस्ट नहीं जाने देती। उसे मुह से चूस चूस कर पी जाती या उसे अपने बुर में ले लेती। 
( शालु अपनी ब्लाउज उतार रही थी) 


बंसल - (बंसल शालु की नंगी पीठ देख सामने बैठा अपना लंड बाहर निकाल लेता है और सहलाने लगता है) ओह बेटी, तुम कितनी सेक्सी हो।

शालु - ये क्या पापा आपका लंड तो फिर से खड़ा हो गया ।

बंसल - तुम जैसी बेटी हो तो हर किसी का लंड खड़ा हो जाए।

शालु - अच्छा पापा आपके लंड ने कितनी बुर का मजा लिया है आजतक।

बंसल - बेटी ज्यादा नहीं बस ४-५ वो भी सभी तुम्हारी तरह शादी शुदा। कोई कुँवारी नही।

शालु - आपने किसी भी कुँवारी लड़की को नहीं किया?

बंसल - नहीं बेटी, लेकिन मेरा बहुत मन करता है किसी जवान फ्रेश लड़की को चोदने का। जिसकी गांड तुम्हारी तरह बड़ी हो और चूचिया भी। (कहते हुए बंसल शालु के पास आता है और उसकी गांड और चूचियों को कस के मसल देता है) 

शालु - आआह्ह पापा, आपको मेरी गांड अच्छी लगती है? (शालू अपनी ब्रा निकाल चुकी थी और बिस्तर पे चढ़ कर अपनी गांड को उनके सामने दिखा के पूछती है) 


बंसल - बहुत।

शालु - आपको पता है पापा रीना की गांड मुझसे भी बड़ी है। मेरी कोई जीन्स उसे फिट नहीं आती।

बंसल - (अपना लंड सहलाते हुए) मैंने कभी ध्यान नहीं दिया बेटी।

शालु - ऐसा कैसे हो सकता है आप बड़ी बेटी को देख कर मुट्ठ मारते थे और छोटी बेटी को देखते भी नहीं थे।

बंसल - ये सच है बेटी।

शालु - पापा आप रीना को क्यों नहीं चोदते? आपको ज्यादा मजा आएगा और आपकी कुँवारी लड़की की चोदने की इच्छा भी पुरी हो जाएगी।वो अभी तक बिलकुल फ्रेश और कुँवारी है।

बंसल - चुप करो शालू।

शालु - अरे इसमे चुप करने की कौन सी बात है? बड़ी बेटी को चोद दिया तो छोटी को क्यों नहीं? सच कहती हूँ आप एक बार उसकी गांड देख लोगे तो उसे चोदे बगैर नहीं मानोगे।
 
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