Incest Kahani पापा की दुलारी जवान बेटियाँ - Page 14 - SexBaba
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Incest Kahani पापा की दुलारी जवान बेटियाँ

रीना बहुत ज्यादा शरमा रही है उसको शरमाते हुए देख का बंसल धीरे से उसे अपनी बाहों में कस लेता है और उसके होठों को चूसने लगता है कुछ देर तक रीना शर्माती रहती है लेकिन जब बंसल और शालू उसके जिस्म को मसलने और सहलाने लगते हैं वह पूरी तरह से गर्म हो जाती है।

फिर बंसल धीरे-धीरे शालू और रीना की पैंटी और ब्रा को बारी-बारी से निकाल देता है जिससे उसकी दोनों बेटियां पूरी नंगी हो जाती है ।शालू भी अपने पापा को पूरा नंगा कर देती है।

उनकी गदराई जवानी देखकर बंसल का लंड पूरा रॉड बन जाता है।जिसे शालू धीरे-धीरे सहलाने लगती है।वनसल रीना की चूचीयों को मसल रहा होता है और उस की छूट को हाथ से सहलाने लगता है और धीरे से बोलता है।

बंसल- देखो बेटी मैं जानता हूं पहली बार हर लड़की को सेक्स करते हुए बहुत शर्म आती है लेकिन एक बार सेक्स करने के बाद इसमें इतना मजा आता है कि लड़कियां हमेशा सेक्स के लिए तड़पने लगती है घबराने की जरूरत नहीं है मैं बहुत प्यार से तुम्हारी सील तोड़ूंगा।


शालू तुम जा कर तेल की बोतल ले आओ मैं नहीं चाहता की रीना बेटी को ज्यादा दर्द हो” कह कर बंसल रीना के पास आ गया और घुटनों के बल बैठते हुए उसने अपनी एक उंगली रीना की कुँवारी चुत में घुसा दी रीना की चुत काफी गीली थी ये देख कर उसने अब अपनी एक उंगली और चुत में घुसा दी और अंदर बाहर करने लगा ”आहह…….पापा ये क्या कर रहे हो” रीना मजे में आहें भरते बोली।
 
”बस तेरी टाइट चुत में अपने लंड के लिए जगह बना रहा हूँ बेटी” कह कर बंसल ने अपना काम जारी रखा तभी शालू तेल ले आई उसके हाथ से तेल लेकर बंसल ने अपने लंड पर बहुत सारा तेल लगाया और थोड़ा तेल रीना की चुत में भी डाल दिया फिर उसने रीना की टाँगे अच्छे से फैला कर उसकी छाती से चिपका दी और शालू से बोला ”शालू बेटी तू रीना के होंठ चूम ताकि अगर ये दर्द से चीखें भी तो आवाज़ दूर तक ना जा पाए” बंसल की बात सुनकर शालू रीना के होंठ अपने मुंह में भरकर चूसने लगी और उसके 36 साइज के बूब्स दबाने लगी।

बंसल ने अपना लंड रीना की रसीली चुत के मुंह पर सेट किया और दबाव बनाने लगा तेल की वजह से बगैर किसी दिक्कत के उसका लंड अपनी जगह बनाते हुए रीना की चुत में घुस गया पर थोड़ा ही अंदर जाकर किसी दीवार से टकराकर रुक गया इधर चुत के फैलते ही दर्द के मारे रीना की आंखें फैल गई थी वो चीखी तो नहीं लेकिन उसकी आंखों में आँसू आ गये थे ये देख कर शालू ने उसके होठों को चूसना छोड़ कर अपने मुंह का ढक्कन रीना के मुंह पर लगा दिया था और ज़ोर ज़ोर से रीना की बड़ी बड़ी चुचियां मसलने लगी । 

बंसल लगातार दबाव डाल रहा था पर लंड आगे नहीं जा रहा था वो समझ गया की थोड़ी सख्ती करनी ही पड़ेगी उसने लंड थोड़ा पीछे खींचा और एक ज़ोर का धक्का लगा दिया ”खचह…” की आवाज़ के साथ उसका लंड रीना की कुँवारी चूत की सील को तोड़कर चुत चीरते हुए आधे से ज्यादा अंदर घुस गया था । रीना की आंखें उबल पड़ी वो ज़ोर ज़ोर से हाथ पैर पटकने लगी और अपने पैरों से बंसल को अपने से दूर करने की कोशिश करने लगी पर बंसल जानता था की ऐसा होगा ही इसलिए वो मजबूती से अपनी जगह डटा रहा। 

शालु का मुंह ढक्कन बना हुआ रीना के मुंह पर लगा हुआ था फिर भी सारा कमरा ”गुउन्न्ं….गुउन्न्ं….” की आवाज़ से गूँज रहा था थोड़ी देर बाद रीना की छटपटाहट कम हुई तो शालू ने अपना मुंह हटा लिया उसके मुंह हटते ही रीना ज़ोर ज़ोर से सांसें लेने लगी ”बाप रे बाप मेरी तो जान ही निकल गई थी, कितनी बेरहमी से आपने मेरी चुत फाड़ी पापा क्या ऐसे भी कोई करता है” थोड़ी देर बाद रीना बोली।
 
बंसल का लंड अभी भी जहां का तहा रुका हुआ था वो बोला ”तेरे साथ तो इतने अच्छे से किया है की पूछ ही मत वरना शालू के गांड मारने के टाइम तो हमारे पास कुछ भी नहीं था । अब मैं पक्का कह सकता हूँ की अगर शालू की जगह तू होती तो पक्का बेहोश हो जाती”
”जो नहीं हुआ उसकी बात जाने दो अब मुझे कम दर्द हो रहा है अब चोदना शुरू करो पापा” रीना बोली।

शालू-पापा मैं बाथरूम से आती हूँ।तब तक आराम से छोटी का ख्याल रखिये।अभी आराम आराम से कीजिये।
शालू बाथरूम में चली जाती है।

बंसल-रीना की चूत में लंड पेलते हुए।

बंसल-सुन बेटी! अपने पापा को अपना दूध नही पिलाएगी ? .........बंसल का कहना था की रीना की आँखें अपने पिता के हँसते चेहरे पर पहुच गयी .... और फॉरन उसकी पीड़ा पर उसकी लज्जा हावी होने लगी .... शर्मा कर उसने अपने दोनो हाथो से अपना लाल चेहरा ढँक लिया.

बंसल- अरे बेटी जवाब तो दे !!! तू बहुत खूबसूरत है बेटी .. मैने कभी सपने में भी नही सोचा था कि इतनी सुंदर लड़की से मुझे यूँ प्यार हो जाएगा और वह भी मेरी अपनी बेटी .. मेरा अपना खून " ........ बंसल के मूँह से निकलते शब्द अब वह खुद नही बोल रहा था उसका दिल उससे बुलवा रहा था और जो अब अपनी बेटी पर पूरी तरह से मोहित हो चुका था.
 
काफ़ी देर तक जब रीना ने अपना चेहरा नही दिखाया तो बंसल ने उसकी जांघे और ज़्यादा चौड़ी कर दी ताकि उसका लंड अपनी बेटी की चूत में गहरे धक्के लगाने के लिए सबसे बढ़िया स्थिति में आ जाएँ और फिर वह अपने विशाल लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करते हुए पेलने लगा .... हर धक्के के साथ वह अपना लंड रीना की टाइट गरम चूत में बच्चेदानी तक पहुँचाने में जुट गया.हर धक्के पर रीना सिसकारियाँ भरने लगी।

" इश्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ....... आह्म्‍म्म्ममम " ...... खुद - ब - खुद रीना के हाथ अपने चेहरे से हट कर अपनी चूचियों को मसल्ने लगे और वह अपने खड़े निपल गूँथने लगी.

जल्द ही उसकी नज़रें नीचे की ओर देखने लगी कि कैसे उसके पिता का विशाल लंड अत्यधिक तनाव के कारण बेहद फूल चुका है .... उस पर नसें भी उभर आई हैं और जो उसकी टाइट चूत में तेज़ी से अंदर बाहर हो रहा था .... चूत और लंड के मिलन का यह नज़ारा देखने में बड़ा ही ख़तरनाक था मगर साथ ही साथ बेहद रोमांचित कर देने वाला भी था .... इसके पश्चात ही रीना अपनी गान्ड हवा में उछालती हुई अपनी तड़पति चूत अपने अपने पिता के मोटे लौडे पर धकेलने लगी.

" आअहह ..... आहह ....... आहहह ..... फकक्क्क्क मी ...... आइ लाइक यू पापा........... लव मी " ...... अत्यधिक आनंद से सराबोर रीना चीखने चिल्लाने लगी और बंसल ने उसकी टाइट चूत में और भी तेज धक्के लगाने चालू कर दिए .... वह वाकाई में अपना लंड बेटी की टाइट, गीली और गरम चूत में जबरदस्ती पेलने लगा कि रीना के जिस्म के सारे अस्थि पंजर फॉरन त्राहि त्राहि मचाने लगे.

आख़िरकार बंसल अपना पूरा लंड अपनी बेटी की छोटी सी चूत की गहराई तक पेलने में सफल हो गया .... वहीं रीना ने भी जाना कि वह अपने भविष्य की पूरी जिंदगी में .... खुद को कभी इतने लंबे व मोटे लंड द्वारा .... इतना भरा हुआ कभी महसूस नही कर पाएगी और उत्तेजनावश वह अपने पापा के होंठ चूसने लगी .... उसकी चूत बुरी तरह ऐंठने लगी .... अब उसके पिता का विकराल लंड उसकी बच्चेदानी के अंदर तक निर्मम चोट मार रहा था.

बेटी की चूत में अपना पूरा लंड जड़ तक पेल कर बंसल कुछ पलों के लिए स्थिर हो गया और अपनी कोहनियों को मोडते हुए वह रीना के जिस्म को चूसने चाटने लगा .... जिससे रीना की मोटी चूचियाँ अपने पिता की चौड़ी छाती के नीचे दबने लगी.
 
यस पापा .. चोद डालो मुझे .. आहह फाड़ डालो मेरी चूत को " ........ वह चीखी और पापा के साथ सेक्स की उसकी कामना और भी प्रबलता से बंसल के सामने स्पष्ट हो गयी.

रीना ने अपनी टांगे ऊपर की और जितना उठा सकती थी उठा ली और फिर अपनी जांघे अपने पिता की नंगी पीठ पर बाँधने लगी .... इसमें सफल होने के बाद वह पागलो की तरह अपने चूतड़ हिलाती हुई .... अपनी गीली और कसी चूत से बंसल के लंड को किसी बाज़ारू रंडी की तरह अपनी चूत में लेने लगी.

ज्यों - ज्यों बंसल अपनी बेटी की कामुतेजित हरक़तों पर गौर फरमाता गया उसके बदन में खुद ब खुद ऐंठन आने लगी ........ " क्या रीना भी मेरी और शालू की तरह गरम और सेक्सी है ? " ......... उसका यह सोचना हुआ और इसके फॉरन बाद रीना के मूँह से उसके लिए एक सवाल फूटा.

रीना- पापा अभी आप क्या कर रहे हो ? ........ उसने अपने पिता की पीठ पर अपने तीखे व नुकीले नाख़ून गढ़ाते हुए पूछा.

बंसल" ओह .......... प्यार कर रहा हूँ अपनी बेटी से ....... बंसल ने शांत भाव से जवाब दिया.

रीना-ज़्यादा झूठ मत बोलो पापा .. आप अपनी बेटी को चोद रहे हो .. अभी उसकी चूत में आप का मोटा लंड है " ........बासना से भरी रीना क्या - क्या बड़बड़ा रही थी उसे कोई होश नही रहा बस वह " चोदो - चोदो " की रट लगाती हुई सिसके जा रही थी.

बंसल-आह बेटी।तेरी बूर कितनी टाइट और गरम है।आज तूने मुझे खुश कर दिया बेटी।आज मेरा लंड मेरी अपनी कुँवारी बेटी की चूत को फाड़कर कितना मज़ा दे रहा है।मैं तुझे रोज चोदना चाहता हूँ बेटी।तेरी कुँवारी गांड भी मारना चाहता हूँ मेरी बच्ची।अपनी कुँवारी गाण्ड मारने देगी ना मुझे।इतना कहकर बंसल जोर जोर से रीना को पेलने लगता है।
 
रीना-हाँ पापा।अब तो मैं पूरी आपकी हो गई हूँ।अब आपका जब मन करे मुझे चोदना।मैं अपनी कुँवारी गाँड भी आपको दूँगी आप जी भर के पेलना।आपके लिए मैं कितना भी दर्द बर्दास्त कर लूँगी।

बंसल-आह बेटी।अब तो मत शरमा मुझसे।अब तू मेरा लौड़ा चूसेगी ना।अपना दूध मुझे पिलायेगीं ना।

रीना-अपनी एक चूची को अपने पापा के मुँह में घुसा देती है और बोलती है।चूसो पापा।जी भर के चूसो मेरी चूचियों को।काट डालों मेरे निप्पलों को।अब ये आपके लिए ही है।अब मैं आपका लंड भी चुसूँगी और आपका लंड का जूस भी पि जाउंगी।

बंसल पर तो जैसे अपनी बेटी की बात का उल्टा असर हुआ .... वह सकते में आने की बजाए और तेजी से उसकी चूत में पेलने लगा था.

कुछ देर बाद वह अपना लंड चूत से बाहर निकालने लगा वह भी तब तक .... जब तक उसके लंड का गीला और फूला सुपाड़ा उसकी बेटी की चूत के होंठो के बीचो बीच ना आ जाए .... फिर पूरे ज़ोर से उसने अपने चूतड़ नीचे की ओर लाते हुए एक ज़ोरदार झटका मारा और उसका विकराल लंड रीना की चूत में जड़ तक समा गया .... अपनी सग़ी बेटी की चूत में लगाए गये इस पहले भयानक धक्के ने उसे ऐसा मनभावन आनंद दिया कि रीना के साथ खुद उसका पूरा जिस्म काँप गया.

" आईईईईईईईईईईईईईई पापा और ज़ोर से " ......रीना किसी बरसों की प्यासी, अतिकामुक लड़की की तरह अपने चूतड़ उच्छालती हुई चुदवाने लगी .... जब वह अपनी चूत अपने पिता के लंड पर मारती तो उसकी गोल मटोल चूचियाँ वाइब्रट करती हुई बुरी तरह से हिलने लगती और बंसल अपनी बेटी की ताल से ताल मिलाते हुए अपना लंड उसकी मखमली चिकनी चूत में पूरी गहराई तक पेलने लगता है।
 
ऐसे ही ज़ोर से पापा ..... आअहह .......... म्‍म्म्ममममममम " ....... रीना ने अपनी बाहें बंसल के कंधों के इर्द गिर्द लपेटते हुए उसे अपने ऊपर लिटा लिया .... गहरी साँसों के साथ उसका कराहना घनघोर चीखों में बदल बदल जाता .... जब वह अपनी चूत से अपने पिता के लंड को ज़ोर से भींचने लगती .... बंसल ने भी उसके कंधे पर अपना सर रखकर एक गहरी साँस ली और फिर अपने जिस्म की पूरी ताक़त लगाते हुए उसकी चुदाई करने लगा .... वह हुंकार भरते हुए अपने घोड़े जैसे लंड को बेटी की मलाईदार चूत में पेलता रहा और अति शीघ्र ही रीना को अपने अंदर से रस उमड़ता महसूस होने लगा .... मोटे लंड से पूरी भरी पड़ी उसकी प्यारी चूत बुरी तरह संकुचित होते हुए पिता के लंड को और भी ज़्यादा कसने लगी थी.

अब रीना बहुत ज्यादा उतेज़ित हो चुकी थी।वह पागलों की तरह अपने पापा के चेहरे को चूसने लगती है और अपने गालो को अपने पापा के होंठो से रगड़ने लगती है।बंसल भी रीना को जोर जोर से पेलते हुए उसके फुले हुए गालों को चूसने और काटने लगता है।

इसी तेज धक्के के साथ रीना झड़ जाती है।और कुछ शांत हो जाती है लेकिन बंसल अपनी बेटी को चोदते रहता है तभी शालू वापस आ जाती है।

अब बंसल धीरे धीरे धक्के लगाने लगा रीना भी मजे में आहे भरने लगी शालू भी गरम हो कर अपनी चुत में उंगली करने लगी थी। अब रीना अपनी कमर उछाल कर अपने पापा के लंड को जवाब देने लगी बंसल ने भी अपने धक्को की रफ़्तार बढ़ा दी थी पूरे कमरे में सिर्फ़ ‘पच्छ…पच्छ’ और ‘आहह…..उम्मह’ की ही आवाज़ आ रही थी । थोड़ी देर बाद रीना का बदन अकड़ने लगा था वो चरम पर पहुंच चुकी थी उसकी चुत भल भल पानी छोड़ते हुए झड़ने लगी रीना आंखें बंद कर के अपनी पहली चुदाई का मजा लेने लगी।
 
बंसल अभी तक नहीं झड़ा था पर रीना के झड़ने के बाद उसने धक्के लगाने कम कर दिए थे तभी शालू उसके पास अपनी चुत में उंगली करते आई और अपनी चुत उसके मुंह से लगा दी बंसल उसके दिल की बात समझ गया उसने शालू की चुत को अपने दोनों हाथों से खोला और उसमें अपनी जीभ घुसा दी गरम गरम जीभ अंदर घुसते ही शालू अपने आप को रोक नहीं पाई और झड़ने लगी बंसल ने तुरंत अपनी जीभ बाहर निकल ली फिर भी शालू का थोड़ा सा पानी उसे पीना ही पड़ा उसे उसका स्वाद अजीब सा लगा अब शालू रीना के साइड में बैठ गई थी ।

रीना-पापा।अब मेरी चूत में जलन हो रही है।आप अपना लंड निकाल लो।बाद में मेरी चुदाई कर लेना।
अब आप दीदी की चुदाई कर लो।मैं देखना चाहती हूँ की आप का घोड़े जैसा लंड दीदी अपने गांड में कैसे ले लेती है।
 

आखीरकार आपने मेरी कुँवारी छोटी बहन को चोद ही लिया, क्यों पापा? मजा आया कुँवारी चूत का?”


शालू और बंसल रीना को देखते हैं। रीना शरम के मारे अपना चेहरा अपने पापा की छाती में छुपा लेती है।

बंसल- “शालू बेटी मेरी छोटी बेटी की चूत बिल्कुल मख्खन जैसी है। मेरी जान ऐसे लग रहा था जैसे स्वर्ग में हूँ…” और पच्च की आवाज के साथ अपना लण्ड रीना की चूत से बाहर निकाल लेता है। उसके लण्ड पे रीना की चूत का खून लगा हुआ था।

शालू एक कपड़ा लेकर उसे साफ करती है, और रीना की आँखों में देखते हुए अपने पापा के लण्ड को अपने मुँह में ले लेती है और चूसने लगती है- “गलप्प-गलप्प-गलप्प…” 

रीना और शालू की नजरें मिली हुई थीं।बंसल बेड पे लेटकर सांसें ले रहा था और शालू उसके लण्ड को आइसक्रीम की तरह चूसे जा रही थी।

रीना की आँखें अपनी बहन पे से हट नहीं रही थीं। वो दिल में सोचने लगती है- “कितनी चुदक्कड़ है मेरी दीदी…” फिर रीना उठकर बैठ जाती है, और अपनी चूत देखने लगती है। उसकी चूत पे भी खून लगा हुआ था। जब वो अपने हाथ से अपनी चूत को छूती है तो एक अजीब सा मीठा-मीठा दर्द उसके जिस्म में होने लगता है।

बंसल की आँखें बंद थीं, पर शालू के लण्ड को लगातार चूसने से वह और भी फ़ुफ़कारने लगता है।

रीना उठकर बाथरूम में चली जाती है, और अपनी चूत पानी से साफ करके वापस रूम में आती है। सामने शालू अपने पापा के ऊपर लेटी हुई थी और दोनों एक दूसरे को किस कर रहे थे।

बंसल शालू की गाण्ड मसल रहा था। शालू ‘आह्ह’ की सिसकारियां भर रही थी। शायद वो बहुत गरम हो चुकी थी, रीना और पापा की चुदाई देखकर। 

बंसल शालू को साइड में लेटा देता है- “एक मिनट रुक, मुझे पेशाब करके आने दे शालू बेटी…”

शालू साइड में होकर अपनी चूत रगड़ने लगती है। बंसल के बाथरूम में जाते ही रीना जो वहीं खड़ी थी शालू के पास आ जाती है। दोनों बहनें एक दूसरे को देखने लगती हैं। जहाँ रीना के जवान बड़े-बड़े चूचे और उसपे गुलाबी निपल एकदम खड़े थे, वहीं शालू की हल्की भूरे रंग की बड़ी-बड़ी चूचियां भी रीना को आवाज दे रही थीं कि आ जा मेरी बहन और चूस ले अपनी दीदी की चूचियां। 

रीना के कदम अपनी दीदी की तरफ बढ़ जाते हैं। 

शालू रीना को अपनी बाहों में ले लेती है।
 
रीना- “दीदी आज मैं बहुत खुश हूँ…” और रीना अपनी चूचियां अपनी बड़ी बहन की चूचियां पे रगड़ने लगती है।

शालू- “हाँ छोटी,पापा का मोटा लंड है ही ऐसा… वो जानता है किसे कैसे खुश किया जाए?” शालू दिल ही दिल में- “तेरी चूत ने पापा का लण्ड जो निगल लिया है। अब तो तू खुश होगी ही छोटी…”

रीना शालू की आँखों में देखते हुए अपने नाजुक होंठ शालू के होंठों पे रख देती है, और दोनों बहनें मज़े के गहरे समुंदर में डूब जाती हैं। दोनों जल्द से जल्द बंसल का लण्ड लेना चाहती थीं। पर अभी तो एक दूसरे की चूत पे चूत रगड़कर अपने जिस्म की गरमी कम कर रही थीं।

शालू अपनी टाँगें खोलकर रीना की कमर पे लपेट लेती है, और उसे किस किए जाती है।

रीना- “मुआह्ह… उंन्ह… गलप्प श्स्स्सस्स उंह्ह…दीदी… आह दीदी मेरी चूत दुख रही है उंह्ह…”

शालू- “एक बार और पापा तुझे चोद लेंगे, फिर दर्द नहीं होगा छोटी गलप्प…”

दोनों जमकर एक दूसरे की चूत के क्लिट से मजा लेने लगती हैं।

तभी बंसल बाथरूम से वापस आता है। वो सामने ऐसा नजारा देखकर पहले थोड़ा ठिठक जाता है। उसे ऐसी उम्मीद नहीं थे इन दोनों से। फिर दिल ही दिल में खुश होता हुआ- “चलो अच्छा है, मेरे लण्ड का दर्द थोड़ा कम होगा इससे…” और बंसल आगे आकर शालू की गाण्ड पे धीरे से थप्पड़ मारता है।

शालू-आह पापा।रीना ने कह दिया मेरी गांड मारने को तो आप गांड पे थप्पड़ मारने लगे।

बंसल शालू की कमर पकड़कर थपाथप लगातार 5 से 6 जोरदार थप्पड़ मार देता है। जिससे शालू की गाण्ड लाल हो जाती है, और उसकी आँखों में आँसू आ जाते हैं।

रीना- “आराम से पापा ,दीदी को दर्द हो रहा है…”

बंसल- “अच्छा दीदी की बड़ी चिंता है… अभी जब मैं तुम्हारी कुँवारी चूत में पेल रहा था तो तुम्हारी दीदी ने तुम्हारा मुँह कैसे बंद किया था तब तुम्हे दर्द नहीं हो रहा था। 

रीना-फिर भी पापा।

बंसल-अरे बेटी तुम्हारी दीदी लण्ड तो किसी रंडी की तरह लेती है…” चूत में भी और गाण्ड में भी।


बंसल शालू को डोगी स्टाइल में कर देता है, और पीछे अपना लण्ड उसकी गाण्ड में पेलने लगता है।
 
शालू- “उंह्ह… वहाँ नहीं आह्ह… पहले चूत में उंन्ह… अह्ह…” 

बंसल का आधा लण्ड शालू की गाण्ड में जा चुका था।
बंसल एक जोर का धक्का मारता है और पूरा लंड अपनी बेटी की गांड में जड़ तक पेल देता है फिर वो अपनी स्पीड बढाने लगा था,रीना के सामने शालू अपनी गाण्ड आगे पीछे करते हुए अपने पापा का मूसल लण्ड अपनी गाण्ड के छोटे से सुराख में ले रही थी और सिसकारियां भर रही थी। ये सब देखकर रीना की चूत में भी चींटियां रेंगने लगती हैं, और वो शालू के पास आकर बैठ जाती है।


रीना को लंड अंदर बाहर होते देखकर बड़ा मज़ा आ रहा था.. वो बंसल के पास खड़ी हो गई। अब बंसल रीना की चूचियों को चूस रहा था और साथ में.. शालू की टाइट गदराई गाण्ड भी मार रहा था।

रीना- आह्ह.. मज़ा आ रहा है.. पापा.. उई काटो मत ना.. आह्ह.. दीदी की गाण्ड में कैसे लौड़ा अन्दर-बाहर हो रहा है.. इनको कितना मज़ा आ रहा होगा ना।
शालू- आई.. अई आह्ह.. हाँ बहना आह्ह.. अई उफ्फ.. मज़ा तो बहुत आ रहा है.. आह्ह.. जब तेरी गाण्ड में लौड़ा जाएगा.. तब तू देखना कितना.. अई आह्ह.. मज़ा आता है।

बंसल अब रफ्तार से गाण्ड मारने लगा था । इस बार विकास ने कुछ सोचा और झट से लौड़ा गाण्ड से बाहर निकाल लिया और रीना से बोला ।

बंसल-रीना बेटी थोडा मेरे लंड़ को पकड़कर अपनी दीदी के गांड पर सेट करो।
 
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