Incest Kahani पापा की दुलारी जवान बेटियाँ - Page 15 - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

Incest Kahani पापा की दुलारी जवान बेटियाँ

रीना अपने पापा का मोटा लंड पकड़कर अपनी बड़ी बहन के गांड के भूरे छेद पर रखती है तभी बंसल एक जोर का धक्का मारता है और उसका लंड शालू की गांड को फैलाते हुए पूरा जड़ तक घुस जाता है।फिर बंसल जोर जोर से शालू की गांड मारने लगता है।

बंसल- “देख क्या रही है? बेटी, अपनी चूत शालू के मुँह के पास ले जा। वो चाटेगी तेरी चूत को आह्ह… इसकी गाण्ड बहुत टाइट है…”

शालू- तो जैसे दूसरी दुनियां में थी। अपने पापा की जबरदस्त गाण्ड चुदाई से उसकी हल्की-हल्की सांस निकल रही थी। वो अपना मुँह रीना की चूत के पास ले जाती है, और उसकी अभी-अभी चुदी चूत को चाटने लगती है- गलप्प-गलप्प अह्ह… आराम से आह्ह… गलप्प…”

रीना अपने दोनों पैर खोलकर अपने पापा की आँखों में देखते हुए अपनी चूत शालू से चुसवा रही थी। वो फिर से इतनी उत्तेजित हो चुकी थी कि अभी अपनी दीदी की गाण्ड से लण्ड निकालकर खुद की चूत में लेना चाहती थी।

बंसल अपने लौड़े को अपनी बेटी की गाँड से बाहर निकालकर शालू के संभालने से पहले ही उसकी चूत में पेल देता है- “अह्ह… बहुत अच्छा लग रहा है। शालू बेटी तेरी चूत में मेरा लण्ड आह्ह…” वो भी रीना की आँखों में देखते हुए शालू को चोद रहा था। ये एहसास उसके लिए एकदम नया और सुखद था कि अपनी बड़ी बेटी को छोटी बेटी के सामने चोदे। 

बंसल-अरे शालू बेटी तेरी गांड में मेरा लंड कैसे और कितना घुस रहा है रीना बेटी को दिखाई नहीं पड़ रहा।तू ऐसा कर बेटी की मैं नीचे लेटता हूँ।तू अपनी गांड मेरे लंड पे रखकर बैठ।

शालू-ओके पापा।आप लेटो।अब मैं आपको चोदूंगी।
 
बंसल बेड पर लेट जाता है।उसका 9 इंच का मोटा लंड छत की तरफ खड़ा है।शालू अपनी गांड का छेद अपने पापा के मोटे लंड पर एडजस्ट करती है और धीरे धीरे नीचे बैठने लगती है।बंसल का मोटा लंड शालू की गाण्ड फाड़ते हुए अंदर घुसने लगता है।रीना हैरत भरी नजरों से देखती है की इतना बड़ा लंड दीदी की छोटी सी गांड में पूरा घुस चूका है पर दीदी मुस्कुरा रही है।

कुछ ही देर बाद शालू अपने पापा के लंड पर कूदने लगती है इधर बंसल भी निचे से अपने लंड को शालू की गांड में जड तक पेलने लगता है।बहुत ही सेक्सी सीन है एक बाप अपनी सगी बेटी की गांड मार रहा है और दूसरी बेटी के होंठो को चूस रहा है।
शालू-आह पापा।कितना मज़ा आ रहा है।चोदो अपनी बेटी की गांड को।फाड़ डालो मेरी गांड को अपने मोटे लंड से।मेरी गांड में बहुत खुजली हो रही है।जब से आपका लंड मेरी गांड में गया है जी चाहता है हमेशा आपका लंड मेरी गांड में ही रहे।

बंसल-हाय बेटी कितनी टाइट और गरम गांड है तेरी।लगता है मेरा लंड किसी गरम भट्टी में चला गया है।

शालू और जोर जोर से अपने पापा के लंड पर कूदने लगती है।वह मुँह से बहुत सेक्सी आवाजे निकालती रहती है जिससे बंसल का लंड अपने चरम पर पहुँच जाता है।तभी शालू अपनी गांड अपने पापा के लंड पर चांप देती है और झड़ने लगती है।
 
बंसल की सांसें बढ़ चुकी थीं, क्योंकी शालू झड़ चुकी थी और वो भी अपना पानी निकालने के करीब था।बंसल फिर से अपना मोटा लंड शालू की चूत से निकालकर उसकी गांड में पेल देता है और वो जोर-जोर से शालू को चोदे जा रहा था और एक चीख के साथ वो अपना पानी शालू की गाण्ड में निकाल देता है। वो जानता था कि अभी उसे सारी रात इन दोनों को चोदना है। वो निढाल सा बेड पे लेट जाता है।

जहाँ तीनों अपना पानी निकलने से थोड़े ठंडे पड़ चुके थे। वो दोनों अपने पापा के पास आकर उसे चिपक के लेट जाती हैं। रीना बंसल के एक साइड लेट जाती है। और शालू बंसल दूसरी साइड में। बंसल के लंड को शालू सहलाने लगती है।दोनों बेटियाँ बारी बारी अपने पापा को किस करती रहती है।

कुछ देर बाद बंसल का लंड फिर से खड़ा होने लगता है।वह शालू को अपना लंड चूसने का इशारा करता है ताकि रीना भी लंड चूसना सिख सके।

शालू बंसल के लंड को मुँह में भरकर चूसने लगती है शालू लंड चूसने में काफी एक्सपर्ट है।वह रीना को भी पापा का लंड चूसने को बोलती है।
शालू-ले छोटी तू भी लंड चूस।देख इसमें भी कितना मज़ा और टेस्ट आता है।
बंसल-हाँ बेटी तू भी टेस्ट कर ले।

रीना अपना मुँह खोलती है और ज़िन्दगी में पहली बार अपने मुँह में अपने पापा का मोटा लंड लेती है।बंसल बहुत खुश होता है क्योंकि आज उसका लंड अपनी छोटी बेटी के कुँवारे मुँह में गया था।रीना सिर्फ सुपाड़े को भी चूस पा रही थी।शालू रीना को और अंदर लेने को बोलती है।रीना और थोडा कोशिश करके अपने पापा के लंड को आधा अपने मुँह में लेकर चूसने लगती है।फिर वह लंड को मुँह से निकलती है और दोनों बहनें अपने पापा के लंड को अपनी जीभ से एकसाथ चाटने लगती हैं।

दोनों बेटियों के लंड चाटने पर बंसल का लंड ज्वालामुखी की तरह फटने को तैयार हो जाता है।कुछ देर बाद वह अपना लंड दोनों के मुँह से निकाल लेता है।
 
अब बंसल का लंड फिर से रॉड की तरह चूका है और बंसल रीना को घोड़ी बनाके पीछे से अपना लण्ड रीना की चूत में पेल देता है।

रीना- “अह्ह… पापा क्या कर रहे हो…” एक तेज गरम मूसल लंड अचानक से उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस चुका था उसे ऐसा ही महसूस होता है। क्योंकी उसकी चूत अभी इतनी खुली नहीं थी इसलिये ये दर्द उसे बर्दाश्त करना था। वो सिसक उठती है। पर बंसल अपना लण्ड उसकी चूत में जड़ तक पेलने लगता है। 

बंसल उसकी गाण्ड पकड़कर दनादन अपना लण्ड चूत में पेलते जा रहा था, वो तेज-तेज अपने लंड को रीना की चूत में पेलने लगता है। शालू समझ जाती है कि रीना झड़ने के नजदीक है, और वो दूसरी तरफ आकर रीना के होंठों को अपने मुँह में लेकर उसकी जीभ चूसने लगती है।

रीना- “उम्म… उंघह… उंन्ह…” और उसकी चूत से ढेर सारा पानी चूत से होता हुआ बेडशीट भिगोने लगता है।

बंसल अपना लण्ड निकालकर रीना को साइड में कर देता है। क्योंकी वो अभी झड़ा नहीं था और उसे चूत चाहिये थी, जो लंबे समय तक उसका साथ दे। वो शालू के पैर हवा में उठाकर अपना लण्ड जल्दी से उसकी चूत में डाल देता है- “अह्ह… शालू तेरी ही चूत है जो मेरा साथ देती है… मेरी जान…”

शालू- “अह्ह… जानू आपकी ही चूत तो है… चोदो अपनी बेटी को आह्ह… मेरी चूत में बीज डाल दो जानू उंन्ह… आह्ह… मेरी जान ऊओह्ह…”
 
कुछ देर चुदाई के बाद तीनों बेड से निचे उतर जाते है।
बंसल रीना को दीवार से खड़ा कर देता है, और उसकी चूचियों से चिपका के शालू को। वो दोनों आमने सामने खड़ी थीं और एक दूसरे की चूचियों से चूचियां रगड़ रही थीं। बंसल शालू की कमर को थोड़ा सा पीछे की तरफ करता है, जिससे उसकी गाण्ड और चूत उसे आसानी से दिखाई देने लगती है। वो बिना देर किए अपने लण्ड को शालू की चूत में पेलने लगता है।

उसका झटका इतना जोर का था कि शालू सीधा रीना की चूचियों से चिपक जाती है। और उसके होंठ रीना के होंठ से चिपक जाते हैं। शालू रीना के होंठ चूसने पे मजबूर हो जाती है, क्योंकी बंसल पूरी ताकत से पीछे से चोद रहा था, जिससे उसका मुँह खुला का खुला रह रहा था। उसकी जीभ बाहर निकल रही थी और चूत के अंदर तक लण्ड जाने से वो पूरी तरह तड़प रही थी।

अपने दीदी को ऐसे चुदते देखकर रीना की चूत भी पानी छोड़ने लगी थी। वो शालू के मुँह में मुँह डालकर उसकी जीभ को अपने मुँह में खींच रही थी। जब बंसल शालू की चूत में धक्का मारता तो, शालू सीधा रीना की चूत से जाकर टकराती। दोनों बहनें एक वक़्त में एक साथ पानी छोड़ने लगती हैं। शालू की चूत से पानी निकल चुका था । वह आगे हो जाती है तभी पुक से बंसल का लंड बाहर आ जाता है और शालू नीचे बैठ जाती है। 

वो अपने पापा के लण्ड और रीना की चूत के बीच बैठी हुई थी। वो अपना बड़ा सा मुँह खोलकर पापा का लण्ड अपने मुँह में ले लेती है, जो अभी तक झड़ा नहीं था और जल्द से जल्द चूत चिल्ला रहा था। शालू अपनी चूत का स्वाद अपने पापा के लण्ड से चखाने के बाद लण्ड को थोड़ा खींचकर रीना की चूत के पास लाती है। और बंसल बिना देर किए लण्ड रीना की चूत में पेलने लगता है।

बंसल रीना को शालू की तरह चोद रहा था। वो ये भूल गया था कि शालू की चूत थोड़ी खुली हुई है, और रीना तो बेचारी आज रात ही औरत बनी है। एक कच्ची कली को भँवरा जब बेरहमी से चूसे, उसका सारा रस एक साथ पीकर उड़ना चाहे तो उस कली की जो हालत होती है, वही इस वक़्त रीना की थी।
 
रीना हिल नहीं सकती थी क्योंकी शालू उसके पैर के पास बैठेकर नीचे से अपने पापा के आंडे और रीना की गाण्ड को चाट रही थी। और बेरहम बंसल सटासट अपने लोहे के रॉड जैसे लण्ड को अपनी छोटी बेटी की चूत में लगातार अंदर-बाहर कर रहा था। वो बस चिल्ला सकती थी, पर उसे भी बंसल बीच-बीच में रोक देता, अपने होंठ उसके मुँह में घुसाकर चूसने से, उसकी आवाज भी निकलने से रुक जा रही थी।

रीना- गूँन्… उंन्ह… गूँन्न…” एक घुटी-घुटी सी आवाज के साथ चुदे जा रही थी- “उंन्ह… अह्ह… मुझे सांस तो लेने दो पापा उंन्ह… अह्ह… दीदी प्लीज़ मेरी चूत को… मेरे चूत… पापा रहम करो मैं अह्ह… आह्ह… और वो तेज धार के साथ झड़ने लगती है। उसका पानी सीधा शालू के मुँह में गिरने लगता है, जिसे रज़िया बड़े चाव से किसी अमृत के तरह पी जाती है। 

शालू- “गलप्प-गलप्प अह्ह… मेरे पापा और बहन का पानी…” उसके पानी में लंड के पानी की भी खुश्बू आ रही थी क्योंकी रीना का पानी बंसल के लण्ड से होता हुआ गुजर रहा था, जो रीना की चूत में सटासट अंदर-बाहर हो रहा था।

रीना अब थोड़ी खुल चुकी थी। इतना गंदा उसने कभी नहीं सोचा था कि उसकी चूत का पानी उसकी बड़ी बहन पिएंगी और वो खड़े-खड़े अपने पापा के लण्ड के दबाव से चुदते हुए पानी छोडने लगेगी। वह पापा से बुरी तरह चिपक जाती है।

बंसल भी उसकी चूत में झड़ने लगा था। दोनों का पानी नीचे बहने लगता है। जिससे शालू चाटती जा रही थी- “गलप्प-गलप्प अह्ह…” शालू का चेहरा पूरी तरह रीना के पानी और बंसल के पानी से भीग चुका था।


करीब 15 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद दोनों एक साथ झड़ जाते हैं। और बंसल एक तरफ लेट जाता है। वो बस अब सोना चाहता था। रीना और शालू भी काफी थक चुके थे, इसलिये वो भी ऐसे ही नंगी बंसल से चिपक के सो जाती हैं।
 
2-3 घंटे बाद लगभग 3 बजे शालू जब उठती है तो देखती है की उसके पापा और उसकी छोटी बहन दोनों नंगे ही सो रहे है और पापा का हाथ रीना की चूचियों पर है और सुबह का टाइम होने के कारण उनका लंड पूरा खड़ा है।

शालू धीरे से बेड पर बैठ जाती है और अपने पापा के लंड को मुँह में भरकर चूसने लगती है।नींद में ही बंसल को जब अपने लंड पर जब गरम और गुदगुदी चीज का अहसास होता है तो मज़े से उसकी नींद खुल जाती है।

बंसल-क्या कर रही हो मेरी रंडी बेटी।रात भर गांड चुदाके मन नहीं भरा क्या।

शालू-पापा मैं आपके लंड से ब्रश कर रही हूँ।
कहकर शालू फिर से बंसल का लंड चूसने लगती है।

बंसल- शालू बेटी कसम से तुम्हारी इन हरकतों से कितना सुकून मिलता है ना दिल को.. देखो लौड़ा कैसे तन गया.. शायद इस हरकत से ये उत्तेजित हो गया होगा।

शालू- शायद हो सकता है या फिर ऐसा भी हो सकता है रीना की रसीली जवानी का असर हो।

बंसल- हाँ बेटी कुछ भी हो सकता है.. चलो कारण कोई भी हो.. अब लौड़े को भूख लगी है तो खाना भी दो इसको.. यहीं चुदवाओगी या सोफे पे जाकर…

शालू- कहीं नहीं.. पता नहीं क्यों मेरे पेट में हल्का दर्द हो रहा है.. अगर चुदवाया तो शायद ज़्यादा हो जाए.. आप जाओ रीना को चोद लो.. मैं आती हूँ थोड़ी देर में.. मुझे बाथरूम करना है।

बंसल कुछ बोलना चाह रहा था.. मगर शालू उसका हाथ पकड़ कर उसे रीना की तरफ करने लगी।
बंसल- अरे रुक तो..एक किस तो करने दे।

शालू- ओके.. जल्दी कर लो पापा।
 
बंसल ने जल्दी से किस किया और घूम गया।

रीना एकदम गहरी नींद में थी और पेट के बल लेटी हुई थी.. उसकी गाण्ड देख कर विकास उसके पास गया और बड़े प्यार से उसको सहलाने लगा।

बंसल- रीना बेटी तुझे बनाने वाले ने बड़ी फ़ुर्सत से बनाया होगा.. तेरी गाण्ड कितनी नरम है.. मैंने कोई अच्छा काम किया होगा जो तुझ जैसी कमसिन लड़की.. आज मेरे बिस्तर पर नंगी पड़ी है.. जान लौड़े में तनाव तो बहुत है.. मगर मैं तेरी नींद खराब नहीं करना चाहता..
तूने आज मुझे बहुत बड़ी ख़ुशी दी है.. जब तक तेरी नींद पूरी नहीं हो जाती.. मैं बस ऐसे ही तेरे जिस्म को निहारता रहूँगा और चूमता रहुँगा।

बंसल उसकी गाण्ड को धीरे-धीरे दबा रहा था.. उसका लौड़ा तन कर झटके मारने लगा था।वह रीना की चूचियों को चूस रहा था।निप्पलो को चूस चूस कर दूध निकालने की कोशिश कर रहा था साथ में अपनी बेटी की फूली हुई चूत को सहला रहा था। कुछ देर ऐसा चलता रहा।

शालू- अरे क्या बात है आप ऐसे ही बैठे हो… उठाया नहीं क्या रीना को।

बंसल- नहीं यार.. ये बहुत गहरी नींद में है.. इसकी नींद खराब करने को दिल नहीं मान रहा।

शालू- अरे इसने खुद कहा था कि बस दो घंटे सोने दो.. उसके बाद जितना मर्ज़ी चोद लेना.. अभी तो इसको सोए तीन घंटे होने को आए हैं।

बंसल- अरे नहीं बेटी.. ये अभी छोटी है.. थोड़ा और सोने दो, अपने आप उठ जाएगी।
 
बंसल- नहीं मेरे राजा.. इस वहम में मत रहो.. अरे आज इसने पहली बार चुदाई का मज़ा लिया है और खूब चुदी भी है.. ये ऐसी सुकून की नींद ले रही है.. अगर इसे उठाओ नहीं ना.. तो सुबह भी नहीं उठेगी.. चुदने के बाद कैसी अच्छी नींद आती है.. ये मुझसे ज़्यादा कौन जान पाएगा। जब रात भर आपने मुझे चोदा था.. याद है दूसरे दिन देर तक मैं सोती रही थी।

बंसल- हाँ.. ये बात तो है.. चुदाई के बाद नींद बड़ी प्यारी आती है। अब तुम भी चुदने से मना कर रही हो.. लगता है इसे उठाना ही पड़ेगा।

शालू- सॉरी पापा.. सच्ची मेरे पेट में दर्द हो रहा है.. चुदाई का बिल्कुल भी मन नहीं है.. आप ऐसा करो इसको उठा ही लो और आराम से दोनों मज़े करो.. मुझे तो पेट दर्द की दवा लेनी होगी। ऐसा करो मैं दवा लेकर सोफे पे सो जाती हूँ.. आप दोनों यहीं मज़ा करो।

बंसल- अरे बेटी ये क्या बात हुई.. यहीं सो जाओ ना।

शालू- नहीं पापा.. मैं सुकून से सोना चाहती हूँ और यहाँ आप दोनों को चुदाई करते देखूँगी तो कहाँ नींद आएगी। आप इसे उठाओ और जी भर के चोदो.. मैं चली सोने…

शालू वहाँ से चली जाती है.. बंसल रीना के पास लेट जाता है और उसकी पीठ पर हाथ फिराने लगता है।

तभी रीना करवट लेती है और उसकी गाण्ड अपने पापा के लौड़े के सामने हो जाती है।
 
बंसल उससे चिपक जाता है और लौड़ा उसकी जाँघों के बीच फँस जाता है।

बंसल अब रीना से चिपका हुआ उसके मम्मों को दबाने लगता है।

थोड़ी देर में रीना वापस करवट लेती है और अबकी बार एकदम सीधी सो जाती है।

बंसल का लौड़ा बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था।

बंसल- मेरी जान.. तू कब उठेगी, देख मेरा लौड़ा बेकाबू हो रहा है.. अब तो बर्दाश्त के बाहर है.. तू सोती रह बेटी। मैं अब तेरी चूत में लौड़ा घुसा ही देता हूँ.. साली सोई हुई लड़की को चोदने का मज़ा ही कुछ और है।जब लंड पूरा घुसेगा तो अपने आप उठ जायेगी।

बंसल उकडूँ बैठ गया.. उसने रीना के पाँव मोड़ कर उनको फैलाया और लौड़े पर थूक लगा कर चूत पर टिका दिया और धीरे से धक्का मारा.. लौड़ा ‘घप’ से अन्दर घुस गया।

बंसल रीना के ऊपर लेट गया और उसके निप्पल चूसने लगा.. इधर धीरे-धीरे झटके मारने लगा।
 
Back
Top