hotaks444
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ज़ाहिद अपनी बहन शाज़िया की चूत को इतने जोश और तेज़ी के साथ छोड़ने में मसरूफ़ था के उस का जिस्म और चेहरा पसीने से भीग चुका था.
ज़ाहिद के मोटे और लंबे लंड की जबर्जस्त चुदाई के बावजूद शाज़िया की चूत अभी तक ढीली नही हुई थी.
ज़ाहिद का लंड अपनी बहन की मोटी और प्यासी चूत की गहराई तक जा कर शाज़िया की बच्चे दानी पर ठोकरे मार रहा था.
“ओह में अब डालने वाला हूँ अपने लंड का पानी तुम्हारी बच्चे दानी में मेरी बहन्ंनननणणन्” ज़ाहिद ने अपने झटकों की रफतार और बढ़ा दी और फिर वो अपनी बहन की चूत की गहराई में ही अपना पानी छोड़ने लगा.
ज़ाहिद के भरपूर और तेज धक्कों ने शाज़िया को भी इतना गरम कर दिया कि वो अपनी चूत का पानी छोडने के नज़दीक पहुँच गई.
“हाईईईई मेरी फुद्दि आप के लंड के पानी का इस्तक्बाल करने के लिए तैयार है भाईईईईईईईईईई” कहते हुए शाज़िया ने अपनी गान्ड को बिस्तर से उठा कर ऊपर किया. जिस से शाज़िया की बच्चे दानी का मुँह पूरी तरह खुल गया और वो अपने भाई ज़ाहिद के गरम और गहरे लैस दार पानी को अपने आगोश के अंदर जज़ब करने लगी.
अपनी बहन की चूत को अपने थिक वीर्य से अच्छी तरह भरने के बाद ज़ाहिद ने अपनी बहन की चूत से अपना लंड बाहर निकाला. तो ज़ाहिद के लंड के साथ ही शाज़िया की चूत में छोड़ा हुआ ज़ाहिद के लंड का पानी भी बाहर निकलने लगा.
“अब तो मेने तुम्हारी बच्चे दानी भर दी है,अब तो तुम्हें कोई गिला नही ना मुझ से” ज़ाहिद ने अपनी बहन की चूत से बहते हुए अपने लंड के पानी को देखते हुए अपनी बहन से पूछा.
“नहियीईईईईईईई भाईईईईईईईईईईई आप के इतने लैस दार पानी को अपनी चूत की तह में जज़्ब कर के अब मुझे पक्का यकीन है कि में जल्द ही आप के बच्चे की माँ बन जाउन्गी” शाज़िया ने अपनी फूली हुई चूत के मोटे होंठो को अपने हाथ की उंगलियों से खोला. तो ज़ाहिद को अपने लंड के पानी से भरी हुई अपनी बहन की चूत का दीदार हो गया.
अपनी बहन की चूत को अपने ही लंड के पानी से यूँ भरा हुआ देख ज़ाहिद को बहुत जोश आया.
ज़ाहिद ने अपनी पोलीस मलाज़मात के दौरान ना जाने कितनी ही औरतों की चूत का मज़ा लिया था.
मगर नीलोफर के अलावा ज़ाहिद को आज तक कोई भी औरत ऐसी नही मिली थी. जिसे दूसरी बार चोदने में ज़ाहिद ने चुदाई का लुफ्त लिया हो.
लेकिन अपनी ही सग़ी बहन की फुद्दि ने ज़ाहिद को ना जाने क्या स्वाद दिया था. कि कल से आज तक कितनी ही दफ़ा अपनी बहन की फुद्दि मारने के बावजूद भी ज़ाहिद के मोटे लंड को अपनी बहन की चूत में बार बार उतारने का दिल करता था. और ज़ाहिद के लंड को हर बार अपनी बहन की चूत में जा कर एक नया मज़ा हासिल होता था.
उस की वजह शायद ये थी. कि सग़ी बहन होने के नाते शाज़िया की चूत कल तक ज़ाहिद के लिए एक शजरे मँनुहा रही थी.
चूँकि अपनी सग़ी बहन की चूत के इस मँनुहा फल को खाने में ज़ाहिद को एक अजीब सा स्वाद मिला था.
जिस स्वाद को चखने का ज़ाहिद ने कभी तस्व्वुर भी नही किया था.
इसी लिए अब वो बार बार अपनी बहन की फुद्दि का मज़ा चखने पर तुला हुआ था.
इधर शाज़िया की हालत भी बिल्कुल अपने भाई ही की जैसी थी.
शाज़िया ने भी अपनी सभी शादी शुदा जिंदगी में अपने सबका शोहर से चुदाई की ये लज़्ज़त कभी नही हासिल की थी. लज़्ज़त की जिन मंज़िलों पर उसे उस का अपना ही सगा भाई पहुँचा रहा था.
इसीलिए शाज़िया भी अब अपने भाई के बड़े लंड से निकलने वाले गरम और लैस दार पानी को अपनी चूत की आगोश में ले कर अपने आप को दुनिया की सब से खुस नसीब बहन तसव्वुर करने लगी थी.
इधर मुर्री में ज़ाहिद अपनी ही सग़ी बहन की बच्चे दानी में अपने लंड का बीज डाल कर अपनी बहन के साथ अपनी मोहबत को एक नया रंग देने में मसरूफ़ था.
जब कि दूसरी तरफ झेलम में माजूद उन की अम्मी रज़िया बीबी जब से अपने बच्चो के कमरे से निकल कर बाहर आई थी.
तो उस वक्त से ले कर रात तक रज़िया बीबी के जिस्म में एक अजीब सी काफियत तरी रही.
शाज़िया की गरम सिसकियाँ सुनने और फिर अपनी बेटी के बिस्तर और उस के जिस्म पर अपने ही बेटे के प्यार के निशान देखने के बाद रज़िया बीबी के जिस्म में उठने वाली निगोडी आग सारा दिन ही उस की चूत में हल्की हल्की सुलगती रही.
जिस की वजह से रज़िया बीबी को सारा दिन अपनी चूत में हल्का हल्का सा गीला पन महसूस होता रहा.
रज़िया बीबी ने कई दफ़ा बाथ रूम में जा कर अपनी फुद्दि को टॉवल से सॉफ भी किया.
मगर उस की चूत का गीला पन ना जाने क्यों आज ख़तम होने का नाम ही नही ले रहा था.
रज़िया बीबी को उस की चूत का यूँ बार बार गीला होना बहुत परेशान कर रहा था.
जब रज़िया बीबी बार बार बाथरूम जा कर थक गई. तो उस ने तंग आ कर एक पूरा कपड़ा ले कर उसे पानी छोड़ती हुई अपनी मोटी फुद्दि के मुँह पर रखा. और फिर उस के ऊपर अपना अंडरवेार पहन लिया.
इस तरीके से रज़िया बीबी को एक वक्ति सकून मिल गया. तो फिर वो वालिमे का खाना खाने अपने घर आए हुए मेहमानों की देख भाल में मसरूफ़ हो गई.
शाम के वक्त जब ज़ाहिद वगिरा अपनी अम्मी से इजाज़त ले कर मुर्री चले गये.तो उन के जाने के बाद रज़िया बीबी ने जल्दी जल्दी घर में भिखरी हुई चीज़ों को थोड़ा बहुत संभाला और फिर रात गये अपनी मेडीकन खा कर अपने बिस्तर पर चली आई.
बिस्तर पर लेटने से पहले रज़िया बीबी ने अपनी शलवार उतारी. और अपनी फुद्दि के ऊपर रखा हुआ कपड़े का पीस निकाल लिया.
रज़िया बीबी ने देखा कि कपड़े का पीस उस की चूत से दिन भर आहिस्ता आहिस्ता बहने वाले पानी से पूरा भीग चुका था.
रज़िया बीबी ने अपनी चूत को फिर पुराने तोलिये से सॉफ किया.और अपना अंडरवर और शलवार वापिस पहन कर बिस्तर पर आ गई.
दिन भर की थकि हारी रज़िया बीबी को बिस्तर पर लेटते ही नींद ने अपनी घेरे में ले लिया.
रात के तकरीबन 2 बजे थे कि रज़िया बीबी को सोते में बहुत घबराहट महसूस होने लगी.
ये इसी घबराहट का असर था. कि रज़िया बीबी की नींद से अचानक ही आँख खुल गई.
रज़िया बीबी ने नींद से बेदार होते ही महसूस किया कि उस का एक हाथ,उस की शलवार और अंडरवेअर के ऊपर से उस की गीली फुद्दि के फूले हुए होंठो पर पड़ा हुआ है.
ऐसे लग रहा था कि जैसे नींद के दौरान रज़िया बीबी का हाथ खुद ब खुद ही उस की फुद्दि पर फिसलता रहा हो.
जब कि पसीने से उस का पूरा जिस्म भीगा हुआ था.
ज़ाहिद के मोटे और लंबे लंड की जबर्जस्त चुदाई के बावजूद शाज़िया की चूत अभी तक ढीली नही हुई थी.
ज़ाहिद का लंड अपनी बहन की मोटी और प्यासी चूत की गहराई तक जा कर शाज़िया की बच्चे दानी पर ठोकरे मार रहा था.
“ओह में अब डालने वाला हूँ अपने लंड का पानी तुम्हारी बच्चे दानी में मेरी बहन्ंनननणणन्” ज़ाहिद ने अपने झटकों की रफतार और बढ़ा दी और फिर वो अपनी बहन की चूत की गहराई में ही अपना पानी छोड़ने लगा.
ज़ाहिद के भरपूर और तेज धक्कों ने शाज़िया को भी इतना गरम कर दिया कि वो अपनी चूत का पानी छोडने के नज़दीक पहुँच गई.
“हाईईईई मेरी फुद्दि आप के लंड के पानी का इस्तक्बाल करने के लिए तैयार है भाईईईईईईईईईई” कहते हुए शाज़िया ने अपनी गान्ड को बिस्तर से उठा कर ऊपर किया. जिस से शाज़िया की बच्चे दानी का मुँह पूरी तरह खुल गया और वो अपने भाई ज़ाहिद के गरम और गहरे लैस दार पानी को अपने आगोश के अंदर जज़ब करने लगी.
अपनी बहन की चूत को अपने थिक वीर्य से अच्छी तरह भरने के बाद ज़ाहिद ने अपनी बहन की चूत से अपना लंड बाहर निकाला. तो ज़ाहिद के लंड के साथ ही शाज़िया की चूत में छोड़ा हुआ ज़ाहिद के लंड का पानी भी बाहर निकलने लगा.
“अब तो मेने तुम्हारी बच्चे दानी भर दी है,अब तो तुम्हें कोई गिला नही ना मुझ से” ज़ाहिद ने अपनी बहन की चूत से बहते हुए अपने लंड के पानी को देखते हुए अपनी बहन से पूछा.
“नहियीईईईईईईई भाईईईईईईईईईईई आप के इतने लैस दार पानी को अपनी चूत की तह में जज़्ब कर के अब मुझे पक्का यकीन है कि में जल्द ही आप के बच्चे की माँ बन जाउन्गी” शाज़िया ने अपनी फूली हुई चूत के मोटे होंठो को अपने हाथ की उंगलियों से खोला. तो ज़ाहिद को अपने लंड के पानी से भरी हुई अपनी बहन की चूत का दीदार हो गया.
अपनी बहन की चूत को अपने ही लंड के पानी से यूँ भरा हुआ देख ज़ाहिद को बहुत जोश आया.
ज़ाहिद ने अपनी पोलीस मलाज़मात के दौरान ना जाने कितनी ही औरतों की चूत का मज़ा लिया था.
मगर नीलोफर के अलावा ज़ाहिद को आज तक कोई भी औरत ऐसी नही मिली थी. जिसे दूसरी बार चोदने में ज़ाहिद ने चुदाई का लुफ्त लिया हो.
लेकिन अपनी ही सग़ी बहन की फुद्दि ने ज़ाहिद को ना जाने क्या स्वाद दिया था. कि कल से आज तक कितनी ही दफ़ा अपनी बहन की फुद्दि मारने के बावजूद भी ज़ाहिद के मोटे लंड को अपनी बहन की चूत में बार बार उतारने का दिल करता था. और ज़ाहिद के लंड को हर बार अपनी बहन की चूत में जा कर एक नया मज़ा हासिल होता था.
उस की वजह शायद ये थी. कि सग़ी बहन होने के नाते शाज़िया की चूत कल तक ज़ाहिद के लिए एक शजरे मँनुहा रही थी.
चूँकि अपनी सग़ी बहन की चूत के इस मँनुहा फल को खाने में ज़ाहिद को एक अजीब सा स्वाद मिला था.
जिस स्वाद को चखने का ज़ाहिद ने कभी तस्व्वुर भी नही किया था.
इसी लिए अब वो बार बार अपनी बहन की फुद्दि का मज़ा चखने पर तुला हुआ था.
इधर शाज़िया की हालत भी बिल्कुल अपने भाई ही की जैसी थी.
शाज़िया ने भी अपनी सभी शादी शुदा जिंदगी में अपने सबका शोहर से चुदाई की ये लज़्ज़त कभी नही हासिल की थी. लज़्ज़त की जिन मंज़िलों पर उसे उस का अपना ही सगा भाई पहुँचा रहा था.
इसीलिए शाज़िया भी अब अपने भाई के बड़े लंड से निकलने वाले गरम और लैस दार पानी को अपनी चूत की आगोश में ले कर अपने आप को दुनिया की सब से खुस नसीब बहन तसव्वुर करने लगी थी.
इधर मुर्री में ज़ाहिद अपनी ही सग़ी बहन की बच्चे दानी में अपने लंड का बीज डाल कर अपनी बहन के साथ अपनी मोहबत को एक नया रंग देने में मसरूफ़ था.
जब कि दूसरी तरफ झेलम में माजूद उन की अम्मी रज़िया बीबी जब से अपने बच्चो के कमरे से निकल कर बाहर आई थी.
तो उस वक्त से ले कर रात तक रज़िया बीबी के जिस्म में एक अजीब सी काफियत तरी रही.
शाज़िया की गरम सिसकियाँ सुनने और फिर अपनी बेटी के बिस्तर और उस के जिस्म पर अपने ही बेटे के प्यार के निशान देखने के बाद रज़िया बीबी के जिस्म में उठने वाली निगोडी आग सारा दिन ही उस की चूत में हल्की हल्की सुलगती रही.
जिस की वजह से रज़िया बीबी को सारा दिन अपनी चूत में हल्का हल्का सा गीला पन महसूस होता रहा.
रज़िया बीबी ने कई दफ़ा बाथ रूम में जा कर अपनी फुद्दि को टॉवल से सॉफ भी किया.
मगर उस की चूत का गीला पन ना जाने क्यों आज ख़तम होने का नाम ही नही ले रहा था.
रज़िया बीबी को उस की चूत का यूँ बार बार गीला होना बहुत परेशान कर रहा था.
जब रज़िया बीबी बार बार बाथरूम जा कर थक गई. तो उस ने तंग आ कर एक पूरा कपड़ा ले कर उसे पानी छोड़ती हुई अपनी मोटी फुद्दि के मुँह पर रखा. और फिर उस के ऊपर अपना अंडरवेार पहन लिया.
इस तरीके से रज़िया बीबी को एक वक्ति सकून मिल गया. तो फिर वो वालिमे का खाना खाने अपने घर आए हुए मेहमानों की देख भाल में मसरूफ़ हो गई.
शाम के वक्त जब ज़ाहिद वगिरा अपनी अम्मी से इजाज़त ले कर मुर्री चले गये.तो उन के जाने के बाद रज़िया बीबी ने जल्दी जल्दी घर में भिखरी हुई चीज़ों को थोड़ा बहुत संभाला और फिर रात गये अपनी मेडीकन खा कर अपने बिस्तर पर चली आई.
बिस्तर पर लेटने से पहले रज़िया बीबी ने अपनी शलवार उतारी. और अपनी फुद्दि के ऊपर रखा हुआ कपड़े का पीस निकाल लिया.
रज़िया बीबी ने देखा कि कपड़े का पीस उस की चूत से दिन भर आहिस्ता आहिस्ता बहने वाले पानी से पूरा भीग चुका था.
रज़िया बीबी ने अपनी चूत को फिर पुराने तोलिये से सॉफ किया.और अपना अंडरवर और शलवार वापिस पहन कर बिस्तर पर आ गई.
दिन भर की थकि हारी रज़िया बीबी को बिस्तर पर लेटते ही नींद ने अपनी घेरे में ले लिया.
रात के तकरीबन 2 बजे थे कि रज़िया बीबी को सोते में बहुत घबराहट महसूस होने लगी.
ये इसी घबराहट का असर था. कि रज़िया बीबी की नींद से अचानक ही आँख खुल गई.
रज़िया बीबी ने नींद से बेदार होते ही महसूस किया कि उस का एक हाथ,उस की शलवार और अंडरवेअर के ऊपर से उस की गीली फुद्दि के फूले हुए होंठो पर पड़ा हुआ है.
ऐसे लग रहा था कि जैसे नींद के दौरान रज़िया बीबी का हाथ खुद ब खुद ही उस की फुद्दि पर फिसलता रहा हो.
जब कि पसीने से उस का पूरा जिस्म भीगा हुआ था.