hotaks444
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आज रज़िया बीबी की चूत ने इतना पानी छोड़ा कि उस की अपने हाथ की उंगलियाँ भी अपनी ही चूत के पानी से भीग गईं.
ज्यों ही कमरे में ज़ाहिद और शाज़िया की चुदाई का खेल अपनी मंज़िल पर पहुँचा. तो कमरे के बाहर खड़ी रज़िया बीबी को भी एक दम जैसे होश आ गया.
रज़िया बीबी को फॉरन अहसास हुआ कि अपनी चूत में उंगलियाँ डाले आधी नंगी अपने बच्चो के कमरे के बाहर खड़ी है.और अगर ज़ाहिद या शाज़िया एक दम से अपने कमरे से बाहर निकल आए. तो रज़िया बीबी की चोरी पकड़ी जाएगी.
ये बात ज़हन में आते ही रज़िया बीबी एक दम घबरा गई. रज़िया बीबी ने एक दम से फर्श पर पड़ी अपनी शलवार उठाई और तेज कदमों के साथ चलती अपने कमरे में चली आई.
अपने कमरे में आते ही उस ने अपने दरवाज़े की कुण्डी लगाई और फिर अपनी कमीज़ भी उतार कर अपने बिस्तर पर लेट गई.
रज़िया बीबी ने अपनी आँखे बंद कीं और कुछ देर पहली होने वाले वाकये को सोचने लगी.कि कैसे आज उस ने अपने ही बेटे को अपनी सग़ी बहन की गरम और जवान चूत को चोदते पहली बार देखा था.
रज़िया बीबी की चूत एक दफ़ा फारिग होने के बावजूद अभी भी पूरी तरह से गरम और बे चैन थी.
इसीलिए अपनी आँखे बंद कर के बिस्तर की बॅक से टेक लगा कर अपने बच्चो की चुदाई के मस्त शो के बारे में सोचते हुए रज़िया बीबी का हाथ फिर से खुद ब खुद ही अपनी नंगी चूत की तरफ बढ़ गया.और उस ने अपनी चूत पर हाथ लेजा कर अपनी फुद्दि को फिर से आहिस्ता आहिस्ता सहलाना शुरू कर दिया.
“उफ़्फुऊऊुुुउउ कितना मोटा लंड है ना मेरे बेटे का,हाईईईईई ज़ाहिद का लंड किस तरह से फँस फँस कर जा रहा था मेरी बेटी शाज़िया की प्यासी चूत के अंदर, आआआआआआआहह” अपनी चूत की दाने को सहलाती और आहिस्ता आहिस्ता अपनी फुद्दि में अपने हाथ की उंगलियाँ घुमाते हुए रज़िया बीबी की बंद आँखों में इस वक्त वो ही मंज़र दौड़ रहा था.
जब शाज़िया अपने भाई के तने हुए मोटे लंड पर बैठ कर मज़े से उपेर नीचे हो रही थी.
“वैसे ये सब ज़ाहिद की वजह से ही हुआ है, उसी ने मुझे हिम्मत और मोका दिया ,कि में अपनी खुली आँखों से देख सकूँ कि कैसे एक इंसान अपनी जिन्सी भूक के हाथों मजबूर हो कर अपने ही खून के सगे रिश्ते के साथ अपने ताल्लुक़ात कायम करने पर तूल जाता है,मुझे ही अपने बेटे का शुक्र गुज़ार होना चाहिए जिस ने मुझे ज़िंदगी के इस रुख़ का नज़ारा करवाया है”रज़िया बीबी इस सोच में डुबी हुई थी.जब कि उस की उंगली उस की अपनी चूत को आहिस्ता आहिस्ता सहला रही थी.
“हाईईईईईईईईईईईईई ज़ाहिद तुम को अपनी दो साल से तलाक़ याफ़्ता बहन की प्यासी चूत का तो इतना अहसास है, मगर मेरी फुद्दि का कुछ ख्याल नही जो शाज़िया से ज़्यादा गरम और प्यासी है, अपनी बहन की फुद्दि में तो हर रोज़ लंड डाल कर उसे अपने लंड के पानी से भरते हो,मेरी सदियों से खुश्क फुद्दि को, कब अपने लंड के पानी से सरोबार करो गे,मेरी फुद्दि तुम्हारे लंड की ज़्यादा हॅक दार है मेरे बच्चेययययययी” रज़िया अपनी लज़्ज़त की दुनिया में डूब कर अपनी फुद्दि से खेल रही थी. और अपनी फुद्दि से खेलते खेलते पहले की तरह रज़िया बीबी की फुद्दि ने अपने बेटे ज़ाहिद के नाम का पानी अपनी चूत से फिर रिलीज़ कर दिया.
दूसरे दिन रज़िया भी जब सो कर उठी. तो एक ही रात में दो दफ़ा अपनी चूत का पानी निकालने के बाद आज उस की तबीयत बहुत ही अच्छी थी.
इसीलिए रज़िया बीबी जल्दी से उठी और अपने कपड़े पहन कर आज फिर सुबह सुबह अपने बच्चो ज़ाहिद और शाज़िया के कमरे का दरवाज़ा खट खटाने लगी.
अंदर कमरे में दोनो बहन भाई पूरे नंगे एक दूसरे की बाहों अभी तक सो रहे थे.
दरवाज़े पर दुस्तक सुन कर ज़ाहिद ने और शाज़िया समझ गये कि आज भी उन की अम्मी उस को सुबह सुबह उठाने चली आई हैं. इसीलिए जल्दी से अपने कपड़े पहन कर शाज़िया ने दरवाज़ा खोल दिया.
ज़ाहिद और शाज़िया के अंदाज़े के ऐन मुताबिक उन की अम्मी उन के सामने खड़ी थी.
“शाज़िया आज से तुम आ कर अपना घर और किचन संभाल लो,क्यों कि अब इस घर की बहू होने के नाते तुम इस घर की मालकिन हो अब मेरी बच्ची” ज्यों ही शाज़िया ने दरवाज़ा खोला तो रज़िया बीबी ने अपनी बेटी से कहा.
अपनी अम्मी के मुँह से बहू और घर की मालकिन के अल्फ़ाज़ सुन कर शाज़िया शरमा गई.
“शाज़िया जब में तुम्हें अपने ही सगे भाई की बीवी बन कर उस के साथ सोने की इजाज़त दे चुकी हूँ तो अब तो तुम ये शरम वरम छोड़ दो मेरी बच्ची” रज़िया बीबी ने जब अपनी बेटी के चेहरे को शरम से लाल होते देखा. तो उस ने शफकत से अपनी बेटी के सर पर अपना हाथ फेरते हुए कहा.
“अच्छा अम्मी में अभी किचन में जा कर सब काम संभालती हूँ” शाज़िया अपनी अम्मी के प्यार भरे अंदाज़ को देख कर खुस हुई.और फिर वो अपनी अम्मी को कमरे में ही छोड़ कर खुद किचन की तरफ चली गई.
शाज़िया के जाने के बाद रज़िया बीबी ने अपने बेटे की तरफ देखा. जो कि इस वक्त अपना तोलिया उठाए बाथरूम में नहाने जा रहा था.
रज़िया बीबी ने गौर किया कि शाज़िया के विपरीत ज़ाहिद को रवईया अपनी अम्मी के सामने बिल्कुल ऐसे ही था.कि जैसे वाकई ही ज़ाहिद अपनी सग़ी बहन को नही, बल्कि किसी आम लड़की को अपनी बीवी और अपनी अम्मी की बहू बना कर इस घर में लाया हो.
अपने बेटे पर नज़रें जमाते ही रज़िया बीबी की आँखों के सामने ज़ाहिद का खड़ा हुआ लंड फिर से घूम गया. और उस की चूत नीचे से फिर गीली होने लगी.
ज्यों ही कमरे में ज़ाहिद और शाज़िया की चुदाई का खेल अपनी मंज़िल पर पहुँचा. तो कमरे के बाहर खड़ी रज़िया बीबी को भी एक दम जैसे होश आ गया.
रज़िया बीबी को फॉरन अहसास हुआ कि अपनी चूत में उंगलियाँ डाले आधी नंगी अपने बच्चो के कमरे के बाहर खड़ी है.और अगर ज़ाहिद या शाज़िया एक दम से अपने कमरे से बाहर निकल आए. तो रज़िया बीबी की चोरी पकड़ी जाएगी.
ये बात ज़हन में आते ही रज़िया बीबी एक दम घबरा गई. रज़िया बीबी ने एक दम से फर्श पर पड़ी अपनी शलवार उठाई और तेज कदमों के साथ चलती अपने कमरे में चली आई.
अपने कमरे में आते ही उस ने अपने दरवाज़े की कुण्डी लगाई और फिर अपनी कमीज़ भी उतार कर अपने बिस्तर पर लेट गई.
रज़िया बीबी ने अपनी आँखे बंद कीं और कुछ देर पहली होने वाले वाकये को सोचने लगी.कि कैसे आज उस ने अपने ही बेटे को अपनी सग़ी बहन की गरम और जवान चूत को चोदते पहली बार देखा था.
रज़िया बीबी की चूत एक दफ़ा फारिग होने के बावजूद अभी भी पूरी तरह से गरम और बे चैन थी.
इसीलिए अपनी आँखे बंद कर के बिस्तर की बॅक से टेक लगा कर अपने बच्चो की चुदाई के मस्त शो के बारे में सोचते हुए रज़िया बीबी का हाथ फिर से खुद ब खुद ही अपनी नंगी चूत की तरफ बढ़ गया.और उस ने अपनी चूत पर हाथ लेजा कर अपनी फुद्दि को फिर से आहिस्ता आहिस्ता सहलाना शुरू कर दिया.
“उफ़्फुऊऊुुुउउ कितना मोटा लंड है ना मेरे बेटे का,हाईईईईई ज़ाहिद का लंड किस तरह से फँस फँस कर जा रहा था मेरी बेटी शाज़िया की प्यासी चूत के अंदर, आआआआआआआहह” अपनी चूत की दाने को सहलाती और आहिस्ता आहिस्ता अपनी फुद्दि में अपने हाथ की उंगलियाँ घुमाते हुए रज़िया बीबी की बंद आँखों में इस वक्त वो ही मंज़र दौड़ रहा था.
जब शाज़िया अपने भाई के तने हुए मोटे लंड पर बैठ कर मज़े से उपेर नीचे हो रही थी.
“वैसे ये सब ज़ाहिद की वजह से ही हुआ है, उसी ने मुझे हिम्मत और मोका दिया ,कि में अपनी खुली आँखों से देख सकूँ कि कैसे एक इंसान अपनी जिन्सी भूक के हाथों मजबूर हो कर अपने ही खून के सगे रिश्ते के साथ अपने ताल्लुक़ात कायम करने पर तूल जाता है,मुझे ही अपने बेटे का शुक्र गुज़ार होना चाहिए जिस ने मुझे ज़िंदगी के इस रुख़ का नज़ारा करवाया है”रज़िया बीबी इस सोच में डुबी हुई थी.जब कि उस की उंगली उस की अपनी चूत को आहिस्ता आहिस्ता सहला रही थी.
“हाईईईईईईईईईईईईई ज़ाहिद तुम को अपनी दो साल से तलाक़ याफ़्ता बहन की प्यासी चूत का तो इतना अहसास है, मगर मेरी फुद्दि का कुछ ख्याल नही जो शाज़िया से ज़्यादा गरम और प्यासी है, अपनी बहन की फुद्दि में तो हर रोज़ लंड डाल कर उसे अपने लंड के पानी से भरते हो,मेरी सदियों से खुश्क फुद्दि को, कब अपने लंड के पानी से सरोबार करो गे,मेरी फुद्दि तुम्हारे लंड की ज़्यादा हॅक दार है मेरे बच्चेययययययी” रज़िया अपनी लज़्ज़त की दुनिया में डूब कर अपनी फुद्दि से खेल रही थी. और अपनी फुद्दि से खेलते खेलते पहले की तरह रज़िया बीबी की फुद्दि ने अपने बेटे ज़ाहिद के नाम का पानी अपनी चूत से फिर रिलीज़ कर दिया.
दूसरे दिन रज़िया भी जब सो कर उठी. तो एक ही रात में दो दफ़ा अपनी चूत का पानी निकालने के बाद आज उस की तबीयत बहुत ही अच्छी थी.
इसीलिए रज़िया बीबी जल्दी से उठी और अपने कपड़े पहन कर आज फिर सुबह सुबह अपने बच्चो ज़ाहिद और शाज़िया के कमरे का दरवाज़ा खट खटाने लगी.
अंदर कमरे में दोनो बहन भाई पूरे नंगे एक दूसरे की बाहों अभी तक सो रहे थे.
दरवाज़े पर दुस्तक सुन कर ज़ाहिद ने और शाज़िया समझ गये कि आज भी उन की अम्मी उस को सुबह सुबह उठाने चली आई हैं. इसीलिए जल्दी से अपने कपड़े पहन कर शाज़िया ने दरवाज़ा खोल दिया.
ज़ाहिद और शाज़िया के अंदाज़े के ऐन मुताबिक उन की अम्मी उन के सामने खड़ी थी.
“शाज़िया आज से तुम आ कर अपना घर और किचन संभाल लो,क्यों कि अब इस घर की बहू होने के नाते तुम इस घर की मालकिन हो अब मेरी बच्ची” ज्यों ही शाज़िया ने दरवाज़ा खोला तो रज़िया बीबी ने अपनी बेटी से कहा.
अपनी अम्मी के मुँह से बहू और घर की मालकिन के अल्फ़ाज़ सुन कर शाज़िया शरमा गई.
“शाज़िया जब में तुम्हें अपने ही सगे भाई की बीवी बन कर उस के साथ सोने की इजाज़त दे चुकी हूँ तो अब तो तुम ये शरम वरम छोड़ दो मेरी बच्ची” रज़िया बीबी ने जब अपनी बेटी के चेहरे को शरम से लाल होते देखा. तो उस ने शफकत से अपनी बेटी के सर पर अपना हाथ फेरते हुए कहा.
“अच्छा अम्मी में अभी किचन में जा कर सब काम संभालती हूँ” शाज़िया अपनी अम्मी के प्यार भरे अंदाज़ को देख कर खुस हुई.और फिर वो अपनी अम्मी को कमरे में ही छोड़ कर खुद किचन की तरफ चली गई.
शाज़िया के जाने के बाद रज़िया बीबी ने अपने बेटे की तरफ देखा. जो कि इस वक्त अपना तोलिया उठाए बाथरूम में नहाने जा रहा था.
रज़िया बीबी ने गौर किया कि शाज़िया के विपरीत ज़ाहिद को रवईया अपनी अम्मी के सामने बिल्कुल ऐसे ही था.कि जैसे वाकई ही ज़ाहिद अपनी सग़ी बहन को नही, बल्कि किसी आम लड़की को अपनी बीवी और अपनी अम्मी की बहू बना कर इस घर में लाया हो.
अपने बेटे पर नज़रें जमाते ही रज़िया बीबी की आँखों के सामने ज़ाहिद का खड़ा हुआ लंड फिर से घूम गया. और उस की चूत नीचे से फिर गीली होने लगी.