hotaks444
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शाज़िया उस वक्त अपने कमरे में माजूद अपनी किसी सहेली से फोन पर बात चीत में मसरूफ़ थी. इसीलिए उसे पता नही चला कि इस वक्त उस का भाई अम्मी के पास बैठ कर उन से क्या बात कर रहा है.
“अम्मी ये खाला गुलशन किधर आई थी आज” ज़ाहिद ने अपनी अम्मी के पास सोफे पर बैठते हुए पूछा.
“बेटा वो तुम्हारी बहन शाज़िया के लिए एक रिश्ता ले कर आई है” रज़िया बीबी ने अपने बेटे ज़ाहिद को एक फोटो पकड़ाते हुए बताया.
“खाला गुलशन का दिमाग़ तो नही खराब हो गया,ये रिश्ता लाई है वो शाज़िया के लिए” ज़ाहिद ने अम्मी की दी हुई फोटो को देख कर गुस्से में कहा.
“हां बेटा ये ही रिश्ता लाई है गुलशन और तुम्हारी बहन ने फोटो देखे बिना ही शादी की रज़ा मंदी भी दे दी है” रज़िया बीबी ने अपने बेटे को जवाब दिया.
अम्मी की बात सुन कर ज़ाहिद के जज़्बात पर तो जैसे बिजली सी टूट पड़ी.
“क्याआआआ, इस आदमी को इस उम्र में रिश्ते की नही,बल्कि मौत के फरिश्ते की ज़रूरत है अम्मी” ज़ाहिद ने अम्मी की दिखाई हुई फोटो को गुस्से में आ कर फाड़ते हुए कहा.
जिस आदमी का रिश्ता गुलशन खाला शाज़िया के लिए लाई थी. वो आदमी असल में शाज़िया के मरहूम अब्बू की उम्र का था.
“अम्मी ये शाज़िया के साथ ज़ुल्म है,आप उस को समझाएँ प्लीज़” ज़ाहिद ने अपनी अम्मी से कहा.
“बेटा मुझे तो खुद समझ नही आ रही,इस से पहले तो शाज़िया हर आने वाले रिश्ते में कोई ना कोई नुक्स निकाल रही थी. और आज इस आदमी की तस्वीर को देखे बिना ही शादी की हामी भी भर चुकी है,मेरी तो ये लड़की सुनती नही तुम ही इस को समझाओ ज़ाहिद” रज़िया बीबी ने अपने बेटे से कहा.
अम्मी की बात सुन कर ज़ाहिद फॉरन समझ गया. कि उस की कल वाली हरकत की वजह से ही शाज़िया अब शादी कर के जल्द अज जल्द इस घर और उस से दूर हो जाना चाहती है.
“अच्छा अम्मी में खुद बात करूँगा शाज़िया से” ज़ाहिद ने अम्मी को जवाब दिया.
“लो तुम बैठो में ज़रा नहा लूँ” रज़िया बीबी अपने बेटे को सोफे पर ही बैठा छोड़ कर अपने कमरे में चली गई.
ज़ाहिद अम्मी के जाने के बाद बैठा कुछ देर टीवी देखता रहा. थोड़ी देर बाद उसे प्यास महसूस हुई तो वो उठ कर किचन की तरफ चला आया.
ज़ाहिद ज्यों ही किचन में दाखिल हुआ उसे सामने अपनी बहन शाज़िया किचन में काम करती नज़र आई.
अपनी बहन को किचन में अकेला देख कर ज़ाहिद की बाछे ही खिल गईं. उस ने फॉरन मूड कर अपनी अम्मी के कमरे के दरवाज़े का जायज़ा लिया. तो उस को अम्मी के कमरे का दरवाज़ा बंद नज़र आया.
ज़ाहिद समझ गया कि उस की अम्मी अपने कमरे के अटेच बाथरूम में नहाने के लिए जा चुकी हैं.
इसीलिए हस्बे आदत उन्होने अपने कमरे के बाहर वाला दरवाज़ा भी बंद कर दिया है.
ज़ाहिद अब निश्चित हो गया. कि कल की तरह आज भी अब उस के पास अपनी बहन से मस्ती करने का कुछ टाइम है.
ज़ाहिद का लंड अपनी बहन को किचन में अकेले देख कर फुल अपने जोबन पर आ गया.
ज़ाहिद ने आज भी शलवार कमीज़ पहनी हुई थी.मगर आज अपनी शलवार के नीचे उस ने अंडरवेार भी पहना हुआ था.
इस की वजह ये थी कि कल के वाकये के बाद ज़ाहिद को पता था .कि अब मोका मिलते ही उस के हाथ उस की बहन के जिस्म से दुबारा ज़रूर छेड़ छाड़ करेगा.और इस सुरते हाल में उस का लंड खड़ा होना एक क़ुदरती अमल होता.
जिस बिना पर ज़ाहिद को डर था. कि कहीं आते जाते हुए उस की अम्मी की निगाह उस की शलवार में खड़े हुए लंड पर पड़ गई तो क़यामत हो जाए गी.
किचन में दाखिल होने से पहले ज़ाहिद ने अपने अंडरवेार में हाथ डाला और अंडरवेार में से अपने लंड को निकाल कर उसे अपनी शलवार में ही आज़ाद कर दिया. ता कि वो जी भर कर अपनी बहन के बदन से खेल कर उसे अपनी मौजूदगी और प्यास का अहसास दिला सके.
फिर वो आहिस्ता आहिस्ता दबे पाँव चलता हुआ किचन में दाखिल हो गया.
“अम्मी ये खाला गुलशन किधर आई थी आज” ज़ाहिद ने अपनी अम्मी के पास सोफे पर बैठते हुए पूछा.
“बेटा वो तुम्हारी बहन शाज़िया के लिए एक रिश्ता ले कर आई है” रज़िया बीबी ने अपने बेटे ज़ाहिद को एक फोटो पकड़ाते हुए बताया.
“खाला गुलशन का दिमाग़ तो नही खराब हो गया,ये रिश्ता लाई है वो शाज़िया के लिए” ज़ाहिद ने अम्मी की दी हुई फोटो को देख कर गुस्से में कहा.
“हां बेटा ये ही रिश्ता लाई है गुलशन और तुम्हारी बहन ने फोटो देखे बिना ही शादी की रज़ा मंदी भी दे दी है” रज़िया बीबी ने अपने बेटे को जवाब दिया.
अम्मी की बात सुन कर ज़ाहिद के जज़्बात पर तो जैसे बिजली सी टूट पड़ी.
“क्याआआआ, इस आदमी को इस उम्र में रिश्ते की नही,बल्कि मौत के फरिश्ते की ज़रूरत है अम्मी” ज़ाहिद ने अम्मी की दिखाई हुई फोटो को गुस्से में आ कर फाड़ते हुए कहा.
जिस आदमी का रिश्ता गुलशन खाला शाज़िया के लिए लाई थी. वो आदमी असल में शाज़िया के मरहूम अब्बू की उम्र का था.
“अम्मी ये शाज़िया के साथ ज़ुल्म है,आप उस को समझाएँ प्लीज़” ज़ाहिद ने अपनी अम्मी से कहा.
“बेटा मुझे तो खुद समझ नही आ रही,इस से पहले तो शाज़िया हर आने वाले रिश्ते में कोई ना कोई नुक्स निकाल रही थी. और आज इस आदमी की तस्वीर को देखे बिना ही शादी की हामी भी भर चुकी है,मेरी तो ये लड़की सुनती नही तुम ही इस को समझाओ ज़ाहिद” रज़िया बीबी ने अपने बेटे से कहा.
अम्मी की बात सुन कर ज़ाहिद फॉरन समझ गया. कि उस की कल वाली हरकत की वजह से ही शाज़िया अब शादी कर के जल्द अज जल्द इस घर और उस से दूर हो जाना चाहती है.
“अच्छा अम्मी में खुद बात करूँगा शाज़िया से” ज़ाहिद ने अम्मी को जवाब दिया.
“लो तुम बैठो में ज़रा नहा लूँ” रज़िया बीबी अपने बेटे को सोफे पर ही बैठा छोड़ कर अपने कमरे में चली गई.
ज़ाहिद अम्मी के जाने के बाद बैठा कुछ देर टीवी देखता रहा. थोड़ी देर बाद उसे प्यास महसूस हुई तो वो उठ कर किचन की तरफ चला आया.
ज़ाहिद ज्यों ही किचन में दाखिल हुआ उसे सामने अपनी बहन शाज़िया किचन में काम करती नज़र आई.
अपनी बहन को किचन में अकेला देख कर ज़ाहिद की बाछे ही खिल गईं. उस ने फॉरन मूड कर अपनी अम्मी के कमरे के दरवाज़े का जायज़ा लिया. तो उस को अम्मी के कमरे का दरवाज़ा बंद नज़र आया.
ज़ाहिद समझ गया कि उस की अम्मी अपने कमरे के अटेच बाथरूम में नहाने के लिए जा चुकी हैं.
इसीलिए हस्बे आदत उन्होने अपने कमरे के बाहर वाला दरवाज़ा भी बंद कर दिया है.
ज़ाहिद अब निश्चित हो गया. कि कल की तरह आज भी अब उस के पास अपनी बहन से मस्ती करने का कुछ टाइम है.
ज़ाहिद का लंड अपनी बहन को किचन में अकेले देख कर फुल अपने जोबन पर आ गया.
ज़ाहिद ने आज भी शलवार कमीज़ पहनी हुई थी.मगर आज अपनी शलवार के नीचे उस ने अंडरवेार भी पहना हुआ था.
इस की वजह ये थी कि कल के वाकये के बाद ज़ाहिद को पता था .कि अब मोका मिलते ही उस के हाथ उस की बहन के जिस्म से दुबारा ज़रूर छेड़ छाड़ करेगा.और इस सुरते हाल में उस का लंड खड़ा होना एक क़ुदरती अमल होता.
जिस बिना पर ज़ाहिद को डर था. कि कहीं आते जाते हुए उस की अम्मी की निगाह उस की शलवार में खड़े हुए लंड पर पड़ गई तो क़यामत हो जाए गी.
किचन में दाखिल होने से पहले ज़ाहिद ने अपने अंडरवेार में हाथ डाला और अंडरवेार में से अपने लंड को निकाल कर उसे अपनी शलवार में ही आज़ाद कर दिया. ता कि वो जी भर कर अपनी बहन के बदन से खेल कर उसे अपनी मौजूदगी और प्यास का अहसास दिला सके.
फिर वो आहिस्ता आहिस्ता दबे पाँव चलता हुआ किचन में दाखिल हो गया.