hotaks444
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सौतेला बाप--19
अब आगे
*********
अचानक केतन ने काव्या की टी शर्ट को उपर करना शुरू कर दिया ...काव्या ने भी उसका साथ दिया और अपनी टी-शर्ट के साथ-2 ब्रा को भी उपर खिसका कर अपनी नन्ही सी ब्रेस्ट नंगी करके केतन की भूखी आँखों के सामने परोस दी ...केतन का मन तो कर रहा था की अपना मुँह आगे करे और उसके नुकीले निप्पल को मुँह मे लेकर चूस ले ...पर श्वेता के बीच मे होने की वजह से वो पासिबल नही था ...पर फिर भी उन नंगी ब्रेस्ट पर अपने हाथ फिराते हुए वो उन्हे ज़ोर-2 से दबाने लगा ...जिसकी वजह से काव्या अपनी सीट पर झुकती चली गयी और उसका और केतन का चेहरा एक दूसरे के करीब आता चला गया ...और अगले ही पल दोनो एक दूसरे को स्मूच कर रहे थे ...बड़ा ही एरॉटिक सीन था...बीच मे श्वेता थी जो केतन के लंड पर झुकी हुई उसको ब्लो जॉब दे रही थी और उपर केतन और काव्या एक दूसरे को फ्रेंच किस कर रहे थे ..
इतना बहुत था केतन के ऑर्गॅज़म के लिए...उसके लंड से धका धक माल बाहर निकलने लगा ..
जिसे श्वेता ने बड़ी ही कुशलता के साथ अपने मुँह के अंदर लेकर निगल लिया ...एक भी बूँद बाहर नही जाने दी ...
केतन ने भी अपनी हुंकार भरी काव्या के होंठों के अंदर ...जिसे महसूस करके वो भी समझ गयी की केतन झड़ चुका है ...
दोनो ने किस्स तोड़ दी, क्योंकि श्वेता उठने लगी थी ..वो काव्या की तरफ पलटी ..उसके होंठों पर अभी भी सफेद रंग का गाड़ा रस लगा हुआ था केतन का ..और मुस्कुरा दी ..
तब तक काव्या पहले से ही अपने कपड़े नीचे कर चुकी थी ..
काव्या : "साली ..तू तो बड़ी डेयरिंग निकली ...मेरे सामने ही शुरू हो गयी ...''
श्वेता भी हंसते हुए बोली : "तुझसे क्या शरमाना मेरी जान ...''
और दोनो खिलखिलाकर हंस दी ..
श्वेता का चेहरा और बॉल खराब हो चुके थे ..वो उठी और रेस्ट रूम जाने के लिए बाहर निकल गयी ..
उसके जाते ही केतन एकदम से उठा और श्वेता की सीट पर आ बैठा और उसने एक झटके मे काव्या का चेहरा अपनी तरफ घुमाया और बड़े ही रफ़ तरीके से उसको स्मूच करने लगा...उसके फूल की पंखुड़ी जैसे होंठों को बुरी तरह से मसलने लगा...उनका रस पीने लगा...उसके हाथ खिसककर उसकी त शर्ट के अंदर घुस गये और उसके नन्हे नींबुओं को निचोड़ने लगे ...और फिर केतन ने कुछ ऐसा किया जिसकी काव्या को भी उम्मीद नही थी...केतन ने एक ही झटके मे उसके सिर को पकड़कर अपने लॅंड पर झुकाया और अपना गीला लंड उसके मुँह के अंदर धकेल दिया...
उसके अंदर का रस अभी तक रिस रहा था ...और श्वेता ने जिस तरहा से उसका लंड चूसा था उसकी थूक भी पूरी तरह से लिबड़ी पड़ी थी उसके हथियार से ....और झड़ने की वजा से जो ढीलापन उसके लंड मे आया था, काव्या के होंठ उसपर लगते ही वो फिर से अकड़ने लगा और कुछ पल के अंदर ही वो फिर से खड़ा होकर उसके मुँह के अंदर लहलहाने लगा...काव्या को भी मजा आने लगा केतन का काला लंड चूसते हुए
और तभी केतन को श्वेता आती हुई दिखाई दी...और लगभग उसी पल श्वेता की नज़रें भी उनकी तरफ उठ गयी...पर उसे काव्या अपनी सीट पर नही दिखाई दी ... इसी बीच केतन ने जल्दबाज़ी मे उसे उपर उठाया और बड़ी ही मुश्किल से अपने लॅंड को उसके मुँह से छुड़वाया ....काव्या को तो बड़ा मज़ा आ रहा था उसका लंड चूसने मे ...पर एकदम से ऐसी हड़बड़ी मे जब केतन ने उसे धक्का देकर पीछे किया तो वो समझ गयी की श्वेता आ रही होगी वापिस ...
और अचानक श्वेता को काव्या दिखाई दी....जो अपना सिर केतन की गोद से उपर उठा रही थी ...वो एक ही पल मे सब समझ गयी की वहाँ क्या चल रहा था ...उसने तो इस बारे मे सोचा भी नही था की उसकी सहेली उसके बाय्फ्रेंड के साथ वो सब कर सकती है जो वो कुछ देर पहले खुद कर रही थी ..
पर इस बात से उसे कोई प्राब्लम नही थी ...केतन के साथ वो अपनी रिलेशनशीप को सीरियस नही ले रही थी ...वो तो बस अपना टाइम पास कर रही थी ...और ऐसे मे अगर उसकी सहेली भी वो मज़े लेना चाहती है तो इसमे हर्ज ही क्या है ...बल्कि ऐसा करने मे तो उसका भी फायदा है ...और अपने फायदे के बारे में सोचते ही उसकी चूत मे सुरसुरी सी होने लगी ...उसने निश्चय कर लिया की इसके बारे मे वो जल्द ही काव्या से बात करेगी ..
वो मुस्कुराती हुई दोनो के पास पहुँची ...
उसकी सीट पर केतन अभी तक बैठा हुआ था ...उसने अपना लॅंड अंदर कर लिया था ..पर हड़बड़ी मे अपनी सीट पर वापिस जाना भूल गया ..
श्वेता हँसती हुई उसके आगे से निकलती हुई दूसरी तरफ जाकर बैठ गयी ...अब बीच मे केतन था और उसके अगल बगल 2 हसीनाएँ ...
श्वेता ने अपना हाथ फिर से केतन के लंड के उपर रख दिया , जो काव्या के चूसने की वजह से अभी तक खड़ा हुआ था
श्वेता : "वाह मेरे शेर .....इतनी जल्दी दोबारा तैयार हो गया आज तो ...क्या बात है ...''
इतना कहकर वो अपनी जगह से उठी और केतन के पैरों के बीच मे जाकर बैठ गयी ...
सिनेमा हॉल मे घुप्प अंधेरा था ...और उन्हे कोई देखने वाला भी नही था आस पास , सिवाए काव्या के ..जो श्वेता को नीचे बैठे देखकर हैरानी से सोचने लगी की इसको क्या हो गया है एकदम से ..नीचे क्यो बैठ गयी ये ..
पर उसके सवालो का जवाब जल्द ही मिल गया उसको...श्वेता ने केतन की पेंट की जीप खोलनी शुरू कर दी ..और उसका बटन खोलकर पूरी तरह से अंडरवीयर समेत उसको नीचे खिसका दिया ...
केतन की जींस उसके पैरों मे पड़ी थी ..और गोद मे उसका लंड किसी नाग की तरह फन फेला कर लहरा रहा था ...
काव्या की नज़रें उसी तरफ थी ..
केतन चाह कर भी अपनी हॉट गर्लफ्रेंड को मना नही कर रहा था ... ऐसे मौके रोज-2 थोड़े ही मिलते हैं .. उसे सिर्फ़ चिंता थी काव्या की जो अपनी सहेली को ऐसा करते देखकर टकटकी लगाए उन्हे ही देखे जा रही थी ..पर जब श्वेता को कोई प्राब्लम नही थी तो वो क्यो मना करता, वो चुपचाप बैठकर श्वेता का तमाशा देखने लगा ..
अब श्वेता ने एक और डेयरिंग दिखाते हुए अपनी टी शर्ट उतार दी और अपनी ब्रा के स्ट्रेप कंधों से नीचे गिरा कर अपने खरबूजे उसके सामने परोस दिए ..
केतन को तो अपनी आँखों पर विश्वास ही नही हुआ ...श्वेता ने कितनी बेशर्मी से अपने उपर के कपड़े उतार दिए थे ... ऐसी बेशरम गर्लफ्रेंड अगर किसी को मिल जाए तो उससे खुशकिस्मत इंसान कोई और हो ही नही सकता ...
फिर श्वेता ने अपने मुम्मों को अपने हाथों मे पकड़ा और केतन के लंड को पकड़ कर उसके बीच फँसाया और उसे टिट मसाज देने लगी ..
केतन की गांड अपनी सीट से उपर उठ गयी ...हवा मे ...और वो खुद भी हवा मे महसूस कर रहा था अपने आप को, श्वेता बड़े ही सेक्सी तरीके से उसके लंड को अपने मुम्मों के बीच फँसा कर मज़ा दे रही थी ..पर जगह छोटी होने की वजह से उसका लंड बार-2 फिसल कर बाहर निकल रहा था ..
जिसे देखकर श्वेता ने काव्या से कहा : "काव्या, तू जब इतने गौर से ये सब देख ही रही है तो मेरी मदद भी कर दे ...ज़रा केतन के पेनिस को उपर से पकड़ कर रख ...बार -2 फिसल कर निकल रहा है ये ...''
काव्या और केतन को अपने कानो पर विश्वास ही नही हुआ ...श्वेता खुद काव्या को अपने बाय्फ्रेंड का लंड पकड़ने के लिए कह रही थी, और कोई मौका होता तो शायद काव्या मना कर भी देती या उसके साथ बहस तो ज़रूर करती ..पर पिछले दस मिनट मे जो उसने और केतन ने किया था , उसके बाद तो ऐसे मौके को हाथ से जाने देना बेवकूफी कहलाता, उसने झट से अपना हाथ आगे किया और उसके लंड के सुपाडे को अपनी पतली उंगलियों मे जकड़ लिया ...
उसके ठंडे हाथ का स्पर्श पाते ही केतन एकदम से सिहर उठा ..
ये उसकी जिंदगी का पहला मौका था जब एक साथ दो-दो लड़किया उसके लंड को पकड़ कर खेल रही थी ...
वो मन ही मन भगवान को ऐसी गर्लफ्रेंड देने के लिए धन्यवाद देने लगा ..
काव्या की उंगलियाँ भी धीरे-2 नीचे खिसक आई और उसने अपनी मुट्ठी मे उसके लंड को पकड़ कर उसकी मुट्ठ मारनी शुरू कर दी ...
उसके हाथ श्वेता के नर्म -मुलायम मुम्मों से भी छू रहे थे ...
अचानक श्वेता ने अपना मुँह नीचे किया और केतन के सुपाडे को अपने मुँह मे लेकर चूसने लगी ...
केतन की तो हालत बुरी होने लगी ..
उसका लंड श्वेता के मुम्मों के बीच फँसा हुआ था और साथ ही काव्या ने भी अपनी उंगलियों की पकड़ बनाकर उसे जकड़ा हुआ था और उपर से श्वेता उसके लंड को चूस भी रही थी ...एक साथ 3-3 ट्रीटमेंट मिल रहे थे उसके खुशनसीब लंड को ..
श्वेता ने उसके लंड को चूसते -2 अचानक अपना मुँह थोड़ा और खोला और काव्या के हाथ के अंगूठे को भी अपने मुँह के अंदर ले लिया और उसे भी केतन के लंड की तरह चूसने लगी ...
श्वेता की गर्म जीभ और तेज दांतो के प्रहार से काव्या की चूत भी सुलग उठी ....उसके मुँह से एक हल्की और लंबी सी सिसकारी निकल गयी ...
''अहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स....... ओह श्वएतााआआअ म्*म्म्ममममम''
श्वेता और काव्या की नज़रें एक पल के लिए मिली और अचानक दोनो के चेहरे एक दूसरे की तरफ बड़ गये और दोनो एक दूसरे को बुरी तरह से स्मूच करने लगे ...
केतन अपनी आँखे फाड़े उन्हे अपने पैरों के बीच बैठे हुए एक दूसरे को स्मूच करते हुए देख रहा था ..
उसने आज तक ऐसी लेस्बियनशीप सिर्फ़ मूवीस मे ही देखी थी ...पर अपनी आँखो के सामने आज पहली बार ऐसा होता हुआ देखकर उसके लंड की नसों मे और कड़कपन आ गया ...वो अपने हाथों से खुद ही अपने लंड को मसलने लगा ..
अब सीन ये था की केतन के सामने दोनो सहेलियाँ बुरी तरह से एक दूसरे को चूस रही थी ...और केतन अपने लंड को अपने हाथ से मसल रहा था ..
अचानक उसने अपने खड़े हुए लंड को उन दोनो के होंठों के बीच पहुँचा दिया ..बस यही ग़लती की उसने ..
दोनो जंगली बिल्लिया बुरी तरहा से उत्तेजित थी ...उनके होंठों के बीच जैसे ही केतन ने अपना लंड घुसाया, दोनो उसपर भूखे जानवर की तरह टूट पड़ी ...केतन के मुँह से दबी-2 सी चीखे निकलने लगी ..वो दोनो उसके लंड को बुरी तरह से चूस रही थी ...नोच रही थी ...अपनी-२ तरफ खींच रही थी ...
और उन्हे इस खेल मे मज़ा भी आ रहा था ...
अब तक तीनो समझ चुके थे की आपस मे ऐसे करने से श्वेता को कोई फ़र्क नही पड़ रहा है ...इसलिए अब केतन भी खुलकर काव्या के शरीर पर अपने हाथ चला रहा था ...
उसने श्वेता का चेहरा अपने लंड पर झुकाया और उसे अपना लॉलीपॉप चूसने के लिए दे दिया ...और काव्या को उपर की तरफ खींच कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए ...
काव्या की साँसे पूरी तरह से उखड़ी हुई थी ...उसके मुँह से ढेर सारी लार निकल रही थी ..केतन ने उसके गीले होंठों को चूस्कर उसकी मिठास पूरी तरहा से निगल ली ...और अपने हाथों को नीचे करते हुए उसके नींबू फिर से पकड़ कर उन्हे निचोड़ने लगा ...
अब श्वेता की चूत बुरी तरह से भभक रही थी ...उसने उठकर आगे पीछे देखा और एक और डेयरिंग दिखाते हुए अपनी जींस के बटन खोलने शुरू कर दिए ...और एक ही झटके मे अपनी पेंटी और जींस को नीचे खिसका कर पैरों पर गिरा दिया ..
केतन और काव्या ने किस्स करना छोड़ दिया और श्वेता की तरफ हैरत से देखने लगे...जैसे उन्हे विश्वास ही नही था की वो सच मे वो करने जा रही है जो वो सोच रहे हैं ..
चुदाई .
और श्वेता ने निश्चय कर भी लिया था ...उसकी हालत ऐसी हो रही थी की बस किसी भी तरह से लंड उसकी चूत मे घुस जाए ...वो जगह उस काम के लिए उचित और प्रयाप्त नही थी ..पर फिर भी उससे रहा नही जा रहा था ...वो सामने की तरफ मुँह करके घूम गयी और अपनी मोटी गद्देदार गांड को केतन की नज़रों के सामने लहरा दिया ..
उसकी चूत से निकल रही भीनी-2 खुश्बू सूँघकर केतन पागल सा हो गया ..और इससे पहले की श्वेता नीचे बैठकर अपनी चूत मे उसका लंड लेती, केतन ने पागलों की तरह उसकी चौड़ी गांद को अपने हाथों मे पकड़ा और अपना मुँह आगे करते हुए उसकी चूत पर लगा दिया ....
श्वेता का पूरा शरीर अगली सीट के उपर जा गिरा ..और केतन जंगलियों की तरहा सड़प-2 करते हुए उसकी चूत का पानी पीने लगा ...
और अपनी लम्बी जीभ से उसकी चूत के साथ -२ उसकी गांड के छेद को भी कुरेदने लगा
अपने दांतों से वो उसकी गांड में भरी चर्बी को भी चबा रहा था
कोई भी पीछे मुड़कर अगर देखता तो उसे श्वेता उपर से नंगी होकर सीट की बेक पर झुकी हुई दिखाई दे जाती...पर इन बातों से उन्हे अब कोई डर नही लग रहा था ...वो तो ये सब ऐसे बेकोफ़ होकर कर रहे थे जैसे उनके अलावा सिनेमा हॉल मे कोई और है ही नही ..
श्वेता के चेहरे की मांसपेशियाँ सख़्त हो रही थी ..
इसी बीच काव्या फिर से खिसक कर केतन और श्वेता की टाँगो के बीच आ गयी और उसके लंड को मुँह मे लेकर चूसने लगी ...
वो केतन का लंड चूस रही थी ...और केतन श्वेता की रसीली चूत ...और अपनी चूत चुसवाती हुई श्वेता के मुँह से बड़ी ही सेक्सी सिसकारियाँ निकल रही थी ...
''अहह सस्स्स्स्सस्स केतन ......एसस्स्स्सस्स .......उम्म्म्ममममममममम ......चाटो मेरी चूत को .......अहह ....सस्सस्स ........ऐसे ही ........''
पर इंसान की जीभ एक हद तक ही अंदर जा सकती है ....और अब श्वेता को उसकी जीभ से ज़्यादा कुछ चाहिए था अपने अंदर ....उसका लंड ..
पर जैसे ही वो वापिस बैठने लगी उसके लंड के उपर...केतन के लंड ने जवाब दे दिया और वो भरभरा कर दूसरी बार झड़ने लगा .....और इस बार काव्या के मुँह के अंदर ...
और काव्या भी बड़ी कुशलता के साथ उसके लंड की एक-2 बूँद निगल गई ...
श्वेता की चूत प्यासी ही रह गयी ...
उसने अपने नीचे वाले कपड़े उपर किए और अपनी ब्रा और टी शर्ट सही ढंग से पहन कर अपनी सीट पर बैठ गयी ..
काव्या ने भी अपने कपड़े सही कर लिए..
केतन तो सांतवे आसमान पर था ...उसमे इतनी हिम्मत भी नही थी की अपनी पेंट को उपर करके पहन सके ..
अचानक लाइट जल गयी ...मूवी ख़त्म हो चुकी थी ...और केतन नीचे से नंगा होकर बैठा हुआ था ..
उसके लटके हुए लंड को देखकर दोनो सहेलियों की हँसी निकल गयी ...केतन ने हड़बड़ते हुए अपनी पेंट को उपर खींचा और पहन लिया ..
और उसके बाद सभी वापिस चल दिए ..केतन के जाने के बाद दोनो सहेलियों ने एक दूसरे की तरफ देखा और अचानक ज़ोर-2 से ठहाका लगाते हुए हँसने लगी ...
आखिर आज जो काम उन दोनो सहेलियों ने किया था, वो हर कोई तो कर ही नही सकता ना .
श्वेता : "यार...सच मे...इतना एडवेंचर तो मैने आज तक कभी महसूस नही किया ....''
काव्या : "तू इसे एडवेंचर कहती है ...साली बेशरम ...तू तो तैयार थी वहीं हॉल मे चुदने के लिए ...कैसे बेशर्मों की तरह नंगी होकर तू उसका लेने ही वाली थी ...वो तो भला हो केतन का जो अपने आप को तेरी चूत चूसने से रोक नही पाया ...वरना तू तो चुद चुकी होती आज वहीं ....''
श्वेता : "सच मे ....पर वो सब हुआ नही ना ....कुछ अधूरा सा लग रहा है ....''
काव्या ने शरारत से पूछा : "कहाँ ..... "
श्वेता ने अपनी चूत की तरफ इशारा करते हुए कहा : "यहाँ ....''
और दोनो सहेलियाँ फिर से ठहाका मारकर हँसने लगी ..
अचानक श्वेता थोड़ा गंभीर होते हुए बोली : "यार ...वो तुझे मैने बताया था ना अपने सीन के बारे मे ...नितिन के साथ ...''
काव्या की आँखे अचानक चमक उठी ...वो बोली : "हाँ ...याद है ....और कुछ भी हुआ क्या तेरा नितिन के साथ ....बोल ना ...''
श्वेता रहस्यमयी हँसी हँसने लगी ....और बोली : "बहुत कुछ हुआ ....आज सुबह ....''
और उसने अपने और नितिन की सुबह वाली बात नमक मिर्च लगा कर सुना डाली ....जिसे सुनते-2 दोनो बुरी तरह से उत्तेजित हो गयी ...
काव्या : "यार. ...तू पता नही किस बात का वेट कर रही है ....जब तू भी वही चाहती है और नितिन भी तो ये ड्रामे करने से क्या मिल रहा है तुम दोनो को ....कर लो ना सब कुछ ...डलवा ले उसका लंड अपने अंदर ...''
श्वेता : "यार ...ये सब इतना आसान नही है ....सब कुछ ठीक हो रहा होता है ...पर आख़िरी वक़्त आते-2 हिम्मत जवाब दे जाती है ...कुछ ज़्यादा करने की हिम्मत ही नही होती ...पर इस समय लग रहा है की अभी के अभी अगर नितिन मेरे सामने आ जाए तो उसके लंड को तो क्या उसको भी अपनी चूत के अंदर घुसेड डालु ...केतन ने तो आग सी लगाकर छोड़ दी है मेरी पिंकी के अंदर ...''
काव्या : "मैं समझ सकती हू यार ....मेरा भी यही हाल है ....हालाँकि मेरी सील अभी तक टूटी नही है ...पर अंदर सिनेमा हाल मे जब केतन और तू वो सब करने ही वाले थे तो मेरा भी मन कर रहा था की काश मेरी भी ....''
इतना कहकर वो शरमा सी गयी ...उसका चेहरा गुलाब की तरह सुर्ख हो उठा ..
श्वेता : "बस ...यही जज़्बा तो होना चाहिए अपने अंदर ....अब देख ....तूने जिस तरह मेरे साथ मिलकर मेरे बी एफ से मज़े लिए हैं ...तेरा भी ये फ़र्ज़ बनता है की मुझे अपने साथ मज़े दिलवा ...''
काव्या समझ गयी की क्यो उसने सिनेमा हाल मे अपने साथ उसे भी शामिल करवा लिया था केतन के साथ मज़े लेने के लिए ...वो उसकी चतुराई की दाद देने लगी ..
पर उससे पहले उसके दिमाग़ मे कुछ और ही चल रहा था ...
वो श्वेता से बोली : "एक शर्त पर ...तू मुझे अपने और नितिन का लाइव शो दिखाएगी कल ....बोल मंजूर है तो मैं भी कल ही तुझे अपने घर बुला कर उतने ही मज़े दिलवा सकती हू ...''
दोनो ही सूरत मे फायदा श्वेता का ही था ...नितिन के साथ तो वो भी सब करना चाहती थी ...अगर काव्या वो सब देखना चाहती है तो उसे क्या प्राब्लम हो सकती है ....वो झट से मान गयी.
और अगले दिन सुबह का प्लान बनाकर दोनो अपने-2 घर की तरफ चल दिए .
अब आगे
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अचानक केतन ने काव्या की टी शर्ट को उपर करना शुरू कर दिया ...काव्या ने भी उसका साथ दिया और अपनी टी-शर्ट के साथ-2 ब्रा को भी उपर खिसका कर अपनी नन्ही सी ब्रेस्ट नंगी करके केतन की भूखी आँखों के सामने परोस दी ...केतन का मन तो कर रहा था की अपना मुँह आगे करे और उसके नुकीले निप्पल को मुँह मे लेकर चूस ले ...पर श्वेता के बीच मे होने की वजह से वो पासिबल नही था ...पर फिर भी उन नंगी ब्रेस्ट पर अपने हाथ फिराते हुए वो उन्हे ज़ोर-2 से दबाने लगा ...जिसकी वजह से काव्या अपनी सीट पर झुकती चली गयी और उसका और केतन का चेहरा एक दूसरे के करीब आता चला गया ...और अगले ही पल दोनो एक दूसरे को स्मूच कर रहे थे ...बड़ा ही एरॉटिक सीन था...बीच मे श्वेता थी जो केतन के लंड पर झुकी हुई उसको ब्लो जॉब दे रही थी और उपर केतन और काव्या एक दूसरे को फ्रेंच किस कर रहे थे ..
इतना बहुत था केतन के ऑर्गॅज़म के लिए...उसके लंड से धका धक माल बाहर निकलने लगा ..
जिसे श्वेता ने बड़ी ही कुशलता के साथ अपने मुँह के अंदर लेकर निगल लिया ...एक भी बूँद बाहर नही जाने दी ...
केतन ने भी अपनी हुंकार भरी काव्या के होंठों के अंदर ...जिसे महसूस करके वो भी समझ गयी की केतन झड़ चुका है ...
दोनो ने किस्स तोड़ दी, क्योंकि श्वेता उठने लगी थी ..वो काव्या की तरफ पलटी ..उसके होंठों पर अभी भी सफेद रंग का गाड़ा रस लगा हुआ था केतन का ..और मुस्कुरा दी ..
तब तक काव्या पहले से ही अपने कपड़े नीचे कर चुकी थी ..
काव्या : "साली ..तू तो बड़ी डेयरिंग निकली ...मेरे सामने ही शुरू हो गयी ...''
श्वेता भी हंसते हुए बोली : "तुझसे क्या शरमाना मेरी जान ...''
और दोनो खिलखिलाकर हंस दी ..
श्वेता का चेहरा और बॉल खराब हो चुके थे ..वो उठी और रेस्ट रूम जाने के लिए बाहर निकल गयी ..
उसके जाते ही केतन एकदम से उठा और श्वेता की सीट पर आ बैठा और उसने एक झटके मे काव्या का चेहरा अपनी तरफ घुमाया और बड़े ही रफ़ तरीके से उसको स्मूच करने लगा...उसके फूल की पंखुड़ी जैसे होंठों को बुरी तरह से मसलने लगा...उनका रस पीने लगा...उसके हाथ खिसककर उसकी त शर्ट के अंदर घुस गये और उसके नन्हे नींबुओं को निचोड़ने लगे ...और फिर केतन ने कुछ ऐसा किया जिसकी काव्या को भी उम्मीद नही थी...केतन ने एक ही झटके मे उसके सिर को पकड़कर अपने लॅंड पर झुकाया और अपना गीला लंड उसके मुँह के अंदर धकेल दिया...
उसके अंदर का रस अभी तक रिस रहा था ...और श्वेता ने जिस तरहा से उसका लंड चूसा था उसकी थूक भी पूरी तरह से लिबड़ी पड़ी थी उसके हथियार से ....और झड़ने की वजा से जो ढीलापन उसके लंड मे आया था, काव्या के होंठ उसपर लगते ही वो फिर से अकड़ने लगा और कुछ पल के अंदर ही वो फिर से खड़ा होकर उसके मुँह के अंदर लहलहाने लगा...काव्या को भी मजा आने लगा केतन का काला लंड चूसते हुए
और तभी केतन को श्वेता आती हुई दिखाई दी...और लगभग उसी पल श्वेता की नज़रें भी उनकी तरफ उठ गयी...पर उसे काव्या अपनी सीट पर नही दिखाई दी ... इसी बीच केतन ने जल्दबाज़ी मे उसे उपर उठाया और बड़ी ही मुश्किल से अपने लॅंड को उसके मुँह से छुड़वाया ....काव्या को तो बड़ा मज़ा आ रहा था उसका लंड चूसने मे ...पर एकदम से ऐसी हड़बड़ी मे जब केतन ने उसे धक्का देकर पीछे किया तो वो समझ गयी की श्वेता आ रही होगी वापिस ...
और अचानक श्वेता को काव्या दिखाई दी....जो अपना सिर केतन की गोद से उपर उठा रही थी ...वो एक ही पल मे सब समझ गयी की वहाँ क्या चल रहा था ...उसने तो इस बारे मे सोचा भी नही था की उसकी सहेली उसके बाय्फ्रेंड के साथ वो सब कर सकती है जो वो कुछ देर पहले खुद कर रही थी ..
पर इस बात से उसे कोई प्राब्लम नही थी ...केतन के साथ वो अपनी रिलेशनशीप को सीरियस नही ले रही थी ...वो तो बस अपना टाइम पास कर रही थी ...और ऐसे मे अगर उसकी सहेली भी वो मज़े लेना चाहती है तो इसमे हर्ज ही क्या है ...बल्कि ऐसा करने मे तो उसका भी फायदा है ...और अपने फायदे के बारे में सोचते ही उसकी चूत मे सुरसुरी सी होने लगी ...उसने निश्चय कर लिया की इसके बारे मे वो जल्द ही काव्या से बात करेगी ..
वो मुस्कुराती हुई दोनो के पास पहुँची ...
उसकी सीट पर केतन अभी तक बैठा हुआ था ...उसने अपना लॅंड अंदर कर लिया था ..पर हड़बड़ी मे अपनी सीट पर वापिस जाना भूल गया ..
श्वेता हँसती हुई उसके आगे से निकलती हुई दूसरी तरफ जाकर बैठ गयी ...अब बीच मे केतन था और उसके अगल बगल 2 हसीनाएँ ...
श्वेता ने अपना हाथ फिर से केतन के लंड के उपर रख दिया , जो काव्या के चूसने की वजह से अभी तक खड़ा हुआ था
श्वेता : "वाह मेरे शेर .....इतनी जल्दी दोबारा तैयार हो गया आज तो ...क्या बात है ...''
इतना कहकर वो अपनी जगह से उठी और केतन के पैरों के बीच मे जाकर बैठ गयी ...
सिनेमा हॉल मे घुप्प अंधेरा था ...और उन्हे कोई देखने वाला भी नही था आस पास , सिवाए काव्या के ..जो श्वेता को नीचे बैठे देखकर हैरानी से सोचने लगी की इसको क्या हो गया है एकदम से ..नीचे क्यो बैठ गयी ये ..
पर उसके सवालो का जवाब जल्द ही मिल गया उसको...श्वेता ने केतन की पेंट की जीप खोलनी शुरू कर दी ..और उसका बटन खोलकर पूरी तरह से अंडरवीयर समेत उसको नीचे खिसका दिया ...
केतन की जींस उसके पैरों मे पड़ी थी ..और गोद मे उसका लंड किसी नाग की तरह फन फेला कर लहरा रहा था ...
काव्या की नज़रें उसी तरफ थी ..
केतन चाह कर भी अपनी हॉट गर्लफ्रेंड को मना नही कर रहा था ... ऐसे मौके रोज-2 थोड़े ही मिलते हैं .. उसे सिर्फ़ चिंता थी काव्या की जो अपनी सहेली को ऐसा करते देखकर टकटकी लगाए उन्हे ही देखे जा रही थी ..पर जब श्वेता को कोई प्राब्लम नही थी तो वो क्यो मना करता, वो चुपचाप बैठकर श्वेता का तमाशा देखने लगा ..
अब श्वेता ने एक और डेयरिंग दिखाते हुए अपनी टी शर्ट उतार दी और अपनी ब्रा के स्ट्रेप कंधों से नीचे गिरा कर अपने खरबूजे उसके सामने परोस दिए ..
केतन को तो अपनी आँखों पर विश्वास ही नही हुआ ...श्वेता ने कितनी बेशर्मी से अपने उपर के कपड़े उतार दिए थे ... ऐसी बेशरम गर्लफ्रेंड अगर किसी को मिल जाए तो उससे खुशकिस्मत इंसान कोई और हो ही नही सकता ...
फिर श्वेता ने अपने मुम्मों को अपने हाथों मे पकड़ा और केतन के लंड को पकड़ कर उसके बीच फँसाया और उसे टिट मसाज देने लगी ..
केतन की गांड अपनी सीट से उपर उठ गयी ...हवा मे ...और वो खुद भी हवा मे महसूस कर रहा था अपने आप को, श्वेता बड़े ही सेक्सी तरीके से उसके लंड को अपने मुम्मों के बीच फँसा कर मज़ा दे रही थी ..पर जगह छोटी होने की वजह से उसका लंड बार-2 फिसल कर बाहर निकल रहा था ..
जिसे देखकर श्वेता ने काव्या से कहा : "काव्या, तू जब इतने गौर से ये सब देख ही रही है तो मेरी मदद भी कर दे ...ज़रा केतन के पेनिस को उपर से पकड़ कर रख ...बार -2 फिसल कर निकल रहा है ये ...''
काव्या और केतन को अपने कानो पर विश्वास ही नही हुआ ...श्वेता खुद काव्या को अपने बाय्फ्रेंड का लंड पकड़ने के लिए कह रही थी, और कोई मौका होता तो शायद काव्या मना कर भी देती या उसके साथ बहस तो ज़रूर करती ..पर पिछले दस मिनट मे जो उसने और केतन ने किया था , उसके बाद तो ऐसे मौके को हाथ से जाने देना बेवकूफी कहलाता, उसने झट से अपना हाथ आगे किया और उसके लंड के सुपाडे को अपनी पतली उंगलियों मे जकड़ लिया ...
उसके ठंडे हाथ का स्पर्श पाते ही केतन एकदम से सिहर उठा ..
ये उसकी जिंदगी का पहला मौका था जब एक साथ दो-दो लड़किया उसके लंड को पकड़ कर खेल रही थी ...
वो मन ही मन भगवान को ऐसी गर्लफ्रेंड देने के लिए धन्यवाद देने लगा ..
काव्या की उंगलियाँ भी धीरे-2 नीचे खिसक आई और उसने अपनी मुट्ठी मे उसके लंड को पकड़ कर उसकी मुट्ठ मारनी शुरू कर दी ...
उसके हाथ श्वेता के नर्म -मुलायम मुम्मों से भी छू रहे थे ...
अचानक श्वेता ने अपना मुँह नीचे किया और केतन के सुपाडे को अपने मुँह मे लेकर चूसने लगी ...
केतन की तो हालत बुरी होने लगी ..
उसका लंड श्वेता के मुम्मों के बीच फँसा हुआ था और साथ ही काव्या ने भी अपनी उंगलियों की पकड़ बनाकर उसे जकड़ा हुआ था और उपर से श्वेता उसके लंड को चूस भी रही थी ...एक साथ 3-3 ट्रीटमेंट मिल रहे थे उसके खुशनसीब लंड को ..
श्वेता ने उसके लंड को चूसते -2 अचानक अपना मुँह थोड़ा और खोला और काव्या के हाथ के अंगूठे को भी अपने मुँह के अंदर ले लिया और उसे भी केतन के लंड की तरह चूसने लगी ...
श्वेता की गर्म जीभ और तेज दांतो के प्रहार से काव्या की चूत भी सुलग उठी ....उसके मुँह से एक हल्की और लंबी सी सिसकारी निकल गयी ...
''अहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स....... ओह श्वएतााआआअ म्*म्म्ममममम''
श्वेता और काव्या की नज़रें एक पल के लिए मिली और अचानक दोनो के चेहरे एक दूसरे की तरफ बड़ गये और दोनो एक दूसरे को बुरी तरह से स्मूच करने लगे ...
केतन अपनी आँखे फाड़े उन्हे अपने पैरों के बीच बैठे हुए एक दूसरे को स्मूच करते हुए देख रहा था ..
उसने आज तक ऐसी लेस्बियनशीप सिर्फ़ मूवीस मे ही देखी थी ...पर अपनी आँखो के सामने आज पहली बार ऐसा होता हुआ देखकर उसके लंड की नसों मे और कड़कपन आ गया ...वो अपने हाथों से खुद ही अपने लंड को मसलने लगा ..
अब सीन ये था की केतन के सामने दोनो सहेलियाँ बुरी तरह से एक दूसरे को चूस रही थी ...और केतन अपने लंड को अपने हाथ से मसल रहा था ..
अचानक उसने अपने खड़े हुए लंड को उन दोनो के होंठों के बीच पहुँचा दिया ..बस यही ग़लती की उसने ..
दोनो जंगली बिल्लिया बुरी तरहा से उत्तेजित थी ...उनके होंठों के बीच जैसे ही केतन ने अपना लंड घुसाया, दोनो उसपर भूखे जानवर की तरह टूट पड़ी ...केतन के मुँह से दबी-2 सी चीखे निकलने लगी ..वो दोनो उसके लंड को बुरी तरह से चूस रही थी ...नोच रही थी ...अपनी-२ तरफ खींच रही थी ...
और उन्हे इस खेल मे मज़ा भी आ रहा था ...
अब तक तीनो समझ चुके थे की आपस मे ऐसे करने से श्वेता को कोई फ़र्क नही पड़ रहा है ...इसलिए अब केतन भी खुलकर काव्या के शरीर पर अपने हाथ चला रहा था ...
उसने श्वेता का चेहरा अपने लंड पर झुकाया और उसे अपना लॉलीपॉप चूसने के लिए दे दिया ...और काव्या को उपर की तरफ खींच कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए ...
काव्या की साँसे पूरी तरह से उखड़ी हुई थी ...उसके मुँह से ढेर सारी लार निकल रही थी ..केतन ने उसके गीले होंठों को चूस्कर उसकी मिठास पूरी तरहा से निगल ली ...और अपने हाथों को नीचे करते हुए उसके नींबू फिर से पकड़ कर उन्हे निचोड़ने लगा ...
अब श्वेता की चूत बुरी तरह से भभक रही थी ...उसने उठकर आगे पीछे देखा और एक और डेयरिंग दिखाते हुए अपनी जींस के बटन खोलने शुरू कर दिए ...और एक ही झटके मे अपनी पेंटी और जींस को नीचे खिसका कर पैरों पर गिरा दिया ..
केतन और काव्या ने किस्स करना छोड़ दिया और श्वेता की तरफ हैरत से देखने लगे...जैसे उन्हे विश्वास ही नही था की वो सच मे वो करने जा रही है जो वो सोच रहे हैं ..
चुदाई .
और श्वेता ने निश्चय कर भी लिया था ...उसकी हालत ऐसी हो रही थी की बस किसी भी तरह से लंड उसकी चूत मे घुस जाए ...वो जगह उस काम के लिए उचित और प्रयाप्त नही थी ..पर फिर भी उससे रहा नही जा रहा था ...वो सामने की तरफ मुँह करके घूम गयी और अपनी मोटी गद्देदार गांड को केतन की नज़रों के सामने लहरा दिया ..
उसकी चूत से निकल रही भीनी-2 खुश्बू सूँघकर केतन पागल सा हो गया ..और इससे पहले की श्वेता नीचे बैठकर अपनी चूत मे उसका लंड लेती, केतन ने पागलों की तरह उसकी चौड़ी गांद को अपने हाथों मे पकड़ा और अपना मुँह आगे करते हुए उसकी चूत पर लगा दिया ....
श्वेता का पूरा शरीर अगली सीट के उपर जा गिरा ..और केतन जंगलियों की तरहा सड़प-2 करते हुए उसकी चूत का पानी पीने लगा ...
और अपनी लम्बी जीभ से उसकी चूत के साथ -२ उसकी गांड के छेद को भी कुरेदने लगा
अपने दांतों से वो उसकी गांड में भरी चर्बी को भी चबा रहा था
कोई भी पीछे मुड़कर अगर देखता तो उसे श्वेता उपर से नंगी होकर सीट की बेक पर झुकी हुई दिखाई दे जाती...पर इन बातों से उन्हे अब कोई डर नही लग रहा था ...वो तो ये सब ऐसे बेकोफ़ होकर कर रहे थे जैसे उनके अलावा सिनेमा हॉल मे कोई और है ही नही ..
श्वेता के चेहरे की मांसपेशियाँ सख़्त हो रही थी ..
इसी बीच काव्या फिर से खिसक कर केतन और श्वेता की टाँगो के बीच आ गयी और उसके लंड को मुँह मे लेकर चूसने लगी ...
वो केतन का लंड चूस रही थी ...और केतन श्वेता की रसीली चूत ...और अपनी चूत चुसवाती हुई श्वेता के मुँह से बड़ी ही सेक्सी सिसकारियाँ निकल रही थी ...
''अहह सस्स्स्स्सस्स केतन ......एसस्स्स्सस्स .......उम्म्म्ममममममममम ......चाटो मेरी चूत को .......अहह ....सस्सस्स ........ऐसे ही ........''
पर इंसान की जीभ एक हद तक ही अंदर जा सकती है ....और अब श्वेता को उसकी जीभ से ज़्यादा कुछ चाहिए था अपने अंदर ....उसका लंड ..
पर जैसे ही वो वापिस बैठने लगी उसके लंड के उपर...केतन के लंड ने जवाब दे दिया और वो भरभरा कर दूसरी बार झड़ने लगा .....और इस बार काव्या के मुँह के अंदर ...
और काव्या भी बड़ी कुशलता के साथ उसके लंड की एक-2 बूँद निगल गई ...
श्वेता की चूत प्यासी ही रह गयी ...
उसने अपने नीचे वाले कपड़े उपर किए और अपनी ब्रा और टी शर्ट सही ढंग से पहन कर अपनी सीट पर बैठ गयी ..
काव्या ने भी अपने कपड़े सही कर लिए..
केतन तो सांतवे आसमान पर था ...उसमे इतनी हिम्मत भी नही थी की अपनी पेंट को उपर करके पहन सके ..
अचानक लाइट जल गयी ...मूवी ख़त्म हो चुकी थी ...और केतन नीचे से नंगा होकर बैठा हुआ था ..
उसके लटके हुए लंड को देखकर दोनो सहेलियों की हँसी निकल गयी ...केतन ने हड़बड़ते हुए अपनी पेंट को उपर खींचा और पहन लिया ..
और उसके बाद सभी वापिस चल दिए ..केतन के जाने के बाद दोनो सहेलियों ने एक दूसरे की तरफ देखा और अचानक ज़ोर-2 से ठहाका लगाते हुए हँसने लगी ...
आखिर आज जो काम उन दोनो सहेलियों ने किया था, वो हर कोई तो कर ही नही सकता ना .
श्वेता : "यार...सच मे...इतना एडवेंचर तो मैने आज तक कभी महसूस नही किया ....''
काव्या : "तू इसे एडवेंचर कहती है ...साली बेशरम ...तू तो तैयार थी वहीं हॉल मे चुदने के लिए ...कैसे बेशर्मों की तरह नंगी होकर तू उसका लेने ही वाली थी ...वो तो भला हो केतन का जो अपने आप को तेरी चूत चूसने से रोक नही पाया ...वरना तू तो चुद चुकी होती आज वहीं ....''
श्वेता : "सच मे ....पर वो सब हुआ नही ना ....कुछ अधूरा सा लग रहा है ....''
काव्या ने शरारत से पूछा : "कहाँ ..... "
श्वेता ने अपनी चूत की तरफ इशारा करते हुए कहा : "यहाँ ....''
और दोनो सहेलियाँ फिर से ठहाका मारकर हँसने लगी ..
अचानक श्वेता थोड़ा गंभीर होते हुए बोली : "यार ...वो तुझे मैने बताया था ना अपने सीन के बारे मे ...नितिन के साथ ...''
काव्या की आँखे अचानक चमक उठी ...वो बोली : "हाँ ...याद है ....और कुछ भी हुआ क्या तेरा नितिन के साथ ....बोल ना ...''
श्वेता रहस्यमयी हँसी हँसने लगी ....और बोली : "बहुत कुछ हुआ ....आज सुबह ....''
और उसने अपने और नितिन की सुबह वाली बात नमक मिर्च लगा कर सुना डाली ....जिसे सुनते-2 दोनो बुरी तरह से उत्तेजित हो गयी ...
काव्या : "यार. ...तू पता नही किस बात का वेट कर रही है ....जब तू भी वही चाहती है और नितिन भी तो ये ड्रामे करने से क्या मिल रहा है तुम दोनो को ....कर लो ना सब कुछ ...डलवा ले उसका लंड अपने अंदर ...''
श्वेता : "यार ...ये सब इतना आसान नही है ....सब कुछ ठीक हो रहा होता है ...पर आख़िरी वक़्त आते-2 हिम्मत जवाब दे जाती है ...कुछ ज़्यादा करने की हिम्मत ही नही होती ...पर इस समय लग रहा है की अभी के अभी अगर नितिन मेरे सामने आ जाए तो उसके लंड को तो क्या उसको भी अपनी चूत के अंदर घुसेड डालु ...केतन ने तो आग सी लगाकर छोड़ दी है मेरी पिंकी के अंदर ...''
काव्या : "मैं समझ सकती हू यार ....मेरा भी यही हाल है ....हालाँकि मेरी सील अभी तक टूटी नही है ...पर अंदर सिनेमा हाल मे जब केतन और तू वो सब करने ही वाले थे तो मेरा भी मन कर रहा था की काश मेरी भी ....''
इतना कहकर वो शरमा सी गयी ...उसका चेहरा गुलाब की तरह सुर्ख हो उठा ..
श्वेता : "बस ...यही जज़्बा तो होना चाहिए अपने अंदर ....अब देख ....तूने जिस तरह मेरे साथ मिलकर मेरे बी एफ से मज़े लिए हैं ...तेरा भी ये फ़र्ज़ बनता है की मुझे अपने साथ मज़े दिलवा ...''
काव्या समझ गयी की क्यो उसने सिनेमा हाल मे अपने साथ उसे भी शामिल करवा लिया था केतन के साथ मज़े लेने के लिए ...वो उसकी चतुराई की दाद देने लगी ..
पर उससे पहले उसके दिमाग़ मे कुछ और ही चल रहा था ...
वो श्वेता से बोली : "एक शर्त पर ...तू मुझे अपने और नितिन का लाइव शो दिखाएगी कल ....बोल मंजूर है तो मैं भी कल ही तुझे अपने घर बुला कर उतने ही मज़े दिलवा सकती हू ...''
दोनो ही सूरत मे फायदा श्वेता का ही था ...नितिन के साथ तो वो भी सब करना चाहती थी ...अगर काव्या वो सब देखना चाहती है तो उसे क्या प्राब्लम हो सकती है ....वो झट से मान गयी.
और अगले दिन सुबह का प्लान बनाकर दोनो अपने-2 घर की तरफ चल दिए .