Incest Sex Stories ससुर बने साजन - Page 2 - SexBaba
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Incest Sex Stories ससुर बने साजन

हम दोनो को आज नींद नही आ रही थी ओर हम लोग बाबूजी के उठने का

इंतज़ार कर रही थी और कोई 12.30 बजे के करीब बाबूजी उठे और हमने

देखा कि वो हमारे रूम की तरफ ही आ रहे हैं आज हमने रूम मे

नाइट बल्ब जलता हुआ छोड़ रखा था और हमे पता था कि बाबूजी परदा

हटा के शीशा टूटा हुआ होने की वजह से अंदर ज़रूर देखेंगे जब

बाबूजी हमारे रूम के नज़दीक आ गये तो मैने धीरे से कहा कि दीदी ये

आप क्या कर रही हैं ये मैने बिल्कुल धीरे से कहा लेकिन इतनी आवाज़

ज़रूर थी कि बाबूजी के कानो तक पहुँच जाए. बाबूजी रूम मे झाक

रहे थे पर्दे को थोड़ा सा सरका के हम दोनो ने डोर की तरफ देखना

ही बंद कर दिया था ताकि बाबूजी आराम से खड़े हमारा तमाशा देखते

रहें मैने कहा कि दीदी ये आप क्या कर रही हैं दीदी मेरी बूब्स को

सहला रही थी वो बोली कुछ नही भाभी बस नींद नही आ रही है तो

मैने कहा कि आप ने मेरी नींद को खराब कर दिया वो बोली मैने क्या

किया और वो फिर मेरी बूब्स को सहलाने लगी तो मैं उठ के बैठ गई और

बोली कि दीदी क्या बात है वो बोली भाभी एक बात पूछूँ सच सच

बताना मैने कहा कि पूछो तो वो बोली भाभी भैया भी यहाँ पे नही

हैं और तुम्हारे जीजा भी नही हैं क्या तुम्हारा मन नही करता कुछ

करने को मैं तो मरी जा रही हूँ सो सोच रही हूँ कि तुम से ही दिल

बहला लूँ तो मैने कहा कि दीदी ये आप कैसी बातें कर रही हैं तो

वो बोली कि भाभी अगर अभी कोई मरद सामने आ जाए तो मैं तो उसी के

आगे टाँगे फैला दूँ सच मैं मेरा तो इतना मन कर रहा है तो मैने

कहा कि दीदी धीरे बोलो कहीं बाबूजी उठ गये और उन्होने तुम्हारी बातें

सुन ली तो हमारी खैर नही.वो बोली की भाभी डरो मत पहली बात तो

बाबूजी रात को उठते ही नही हैं क्यो कि मैं उनकी आदत जानती हूँ कि

वो रात मे आपने रूम मे से बाहर नही निकलते और अगर निकल भी

आए तो हम कोन सी कोई दूसरी दुनिया की बात कर रहे हैं जो बाबूजी सुन

लेंगे. बाबूजी का कौन सा मन नही करता होगा पता नही मा के बिना वो

भी कितना तड़पते होंगे उनका भी तो मन करता ही होगा मैने कहा कि

दीदी ये आप कैसी बातें कर रही हैं आज तो वो बोली कि भाभी आज

मेरा मन बहुत मचल रहा है आज प्लीज़्ज़ आप ही मुझे मसल दो मेरे

बूब्स को सहलाओ ओर मेरे बूब्स को चूस्लो वरना मैं सारी रात तड़पती

रहूंगी. बाबूजी वहीं पे खड़े हमारी बातें सुन रहे थे मैने कहा कि

दीदी आप तो मेरा भी मूड खराब कर रही हैं मुझे भी आप उनकी याद

दिला रही हैं तो वो बोली कि भाभी आओ आज मैं आप के बूब्स को

मसलती हूँ आप मेरे बूब्स मस्लो और फिर उसने मेरी नाइटी उपर उठा दी

और नीचे से मेरे 36 साइज़ के बूब्स बाहर निकल आए तो वो बोली कि हाई

भाभी ये तो बहुत ही प्यारे लग रहे हैं तो मैने कहा कि इन्ही पे तो

मरते हैं दीदी आप के भाई साहिब और वो मेरे बूब्स को मसलने और

चूसने लगी तो मेरे मूह से सिसकियाँ सी निकलने लगी तो मैने भी उसकी

नाइटी उपर करदी तो उसके भी 38साइज़ के बूब्स बाहर आ गये और मैने

कहा कि दीदी आप के बूब्स देख के कई मनचले सीटी बजाते होंगे तो वो

बोली कि दीदी इन्ही की वजह से तो तुम्हारे जीजू मुझे हर रोज 2 बार तो

ज़रूर ही चोद्ते हैं तभी तो मुझे जल्दी भेजते नही हैं यहाँ पे.

तो दोस्तो सोचिए इन दोनो प्यासी चूतो की बात सुनकर बिचारे बाबूजी पर क्या

बीत रही होगी आगे क्या हुआ पढ़िए अगले पार्ट मे

क्रमशः............
 
हम दोनो को आज नींद नही आ रही थी ओर हम लोग बाबूजी के उठने का

इंतज़ार कर रही थी और कोई 12.30 बजे के करीब बाबूजी उठे और हमने

देखा कि वो हमारे रूम की तरफ ही आ रहे हैं आज हमने रूम मे

नाइट बल्ब जलता हुआ छोड़ रखा था और हमे पता था कि बाबूजी परदा

हटा के शीशा टूटा हुआ होने की वजह से अंदर ज़रूर देखेंगे जब

बाबूजी हमारे रूम के नज़दीक आ गये तो मैने धीरे से कहा कि दीदी ये

आप क्या कर रही हैं ये मैने बिल्कुल धीरे से कहा लेकिन इतनी आवाज़

ज़रूर थी कि बाबूजी के कानो तक पहुँच जाए. बाबूजी रूम मे झाक

रहे थे पर्दे को थोड़ा सा सरका के हम दोनो ने डोर की तरफ देखना

ही बंद कर दिया था ताकि बाबूजी आराम से खड़े हमारा तमाशा देखते

रहें मैने कहा कि दीदी ये आप क्या कर रही हैं दीदी मेरी बूब्स को

सहला रही थी वो बोली कुछ नही भाभी बस नींद नही आ रही है तो

मैने कहा कि आप ने मेरी नींद को खराब कर दिया वो बोली मैने क्या

किया और वो फिर मेरी बूब्स को सहलाने लगी तो मैं उठ के बैठ गई और

बोली कि दीदी क्या बात है वो बोली भाभी एक बात पूछूँ सच सच

बताना मैने कहा कि पूछो तो वो बोली भाभी भैया भी यहाँ पे नही

हैं और तुम्हारे जीजा भी नही हैं क्या तुम्हारा मन नही करता कुछ

करने को मैं तो मरी जा रही हूँ सो सोच रही हूँ कि तुम से ही दिल

बहला लूँ तो मैने कहा कि दीदी ये आप कैसी बातें कर रही हैं तो

वो बोली कि भाभी अगर अभी कोई मरद सामने आ जाए तो मैं तो उसी के

आगे टाँगे फैला दूँ सच मैं मेरा तो इतना मन कर रहा है तो मैने

कहा कि दीदी धीरे बोलो कहीं बाबूजी उठ गये और उन्होने तुम्हारी बातें

सुन ली तो हमारी खैर नही.वो बोली की भाभी डरो मत पहली बात तो

बाबूजी रात को उठते ही नही हैं क्यो कि मैं उनकी आदत जानती हूँ कि

वो रात मे आपने रूम मे से बाहर नही निकलते और अगर निकल भी

आए तो हम कोन सी कोई दूसरी दुनिया की बात कर रहे हैं जो बाबूजी सुन

लेंगे. बाबूजी का कौन सा मन नही करता होगा पता नही मा के बिना वो

भी कितना तड़पते होंगे उनका भी तो मन करता ही होगा मैने कहा कि

दीदी ये आप कैसी बातें कर रही हैं आज तो वो बोली कि भाभी आज

मेरा मन बहुत मचल रहा है आज प्लीज़्ज़ आप ही मुझे मसल दो मेरे

बूब्स को सहलाओ ओर मेरे बूब्स को चूस्लो वरना मैं सारी रात तड़पती

रहूंगी. बाबूजी वहीं पे खड़े हमारी बातें सुन रहे थे मैने कहा कि

दीदी आप तो मेरा भी मूड खराब कर रही हैं मुझे भी आप उनकी याद

दिला रही हैं तो वो बोली कि भाभी आओ आज मैं आप के बूब्स को

मसलती हूँ आप मेरे बूब्स मस्लो और फिर उसने मेरी नाइटी उपर उठा दी

और नीचे से मेरे 36 साइज़ के बूब्स बाहर निकल आए तो वो बोली कि हाई

भाभी ये तो बहुत ही प्यारे लग रहे हैं तो मैने कहा कि इन्ही पे तो

मरते हैं दीदी आप के भाई साहिब और वो मेरे बूब्स को मसलने और

चूसने लगी तो मेरे मूह से सिसकियाँ सी निकलने लगी तो मैने भी उसकी

नाइटी उपर करदी तो उसके भी 38साइज़ के बूब्स बाहर आ गये और मैने

कहा कि दीदी आप के बूब्स देख के कई मनचले सीटी बजाते होंगे तो वो

बोली कि दीदी इन्ही की वजह से तो तुम्हारे जीजू मुझे हर रोज 2 बार तो

ज़रूर ही चोद्ते हैं तभी तो मुझे जल्दी भेजते नही हैं यहाँ पे.

तो दोस्तो सोचिए इन दोनो प्यासी चूतो की बात सुनकर बिचारे बाबूजी पर क्या

बीत रही होगी आगे क्या हुआ पढ़िए अगले पार्ट मे

क्रमशः............
 
फिर दीदी ने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया अब मेरी हालत अजीब सी

हो रही थी मेरे मुँह से किलकरियाँ सी चूत रही थी और दीदी पूरे ज़ोर

से मेरी चूत को चाट रही थी और मेरी चूत मे अपनी जीब घुमा रही

थी. ओर मैं सिसक रही थी हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई दिदीईईइ

यी आपप्प्प्प क्याआआआआआआ कर रायियैयियी हययेयैयिन्न्न.

ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआईईईई म्‍म्म्ममाआआअ उउउउउईईईईईई म्‍म्माआआआआअ

और दीदी पूरे मज़े से मेरी चूत चाट रही थी फिर दीदी ने मुझे कहा कि

अब तुम मेरी चूत चॅटो और मैने उनकी चूत चाटनी शुरू कर दी और फिर

दीदी सिसकने लगी वो बॉलीभाभी आप तो कमाल की चूत चाटती हो इतनी

बढ़िया तो कभी तुम्हारे जीजू ने भी मेरी चूत नही चॅटी फिर तो तुम

भैया का लंड भी बड़े मज़े से चुस्ती होगी तो मैने कहा कि हाँ दीदी

वो तो मुझे कई बार कहते हैं कि कुसम मेरा दिल तो कई बार करता है

की तुम्हे चोदु ना बस सारी रात तुम मेरा लंड ही चुस्ती रहो और कई

बार तो मैं 3 3 घंटे भी उनका लंड चुस्ती हूँ ओर फिर दीदी ने

दुबारा से मेरी चूत चाटनी शुरू कर दी मेरे मुख से सिसकियाँ निकलने

लगी हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईई मैईईईईईईईईईईईईईई मार्र गािईईईईईईईईईईई

डीईईईईईईईययड्डिईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई आआआअप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प नीईएए

कैसी आग लगा दी है प्ल्ज़ अब इसे शांत भी कर दीजिए चाहे अपनी उंगली

से ही भुजा दीजिए वो बोली कि भाभी काश कि अभी भैया और तुम्हारे जीजू

यहाँ आ जाए और हमे जी भर के चोदे तो मैने कहा कि दीदी अभी तो

मैं मरी जा रही हूँ अभी तो यहाँ पे कोई भी मरद आ जाए और मुझे

चोद कर मेरी प्यास भुजा दे तो मैं सारी रात उससे चुदवाने को तैयार

हूँ अगर कोई आज या कल मैं भी मुझे चोद दे तो भी मैं सारी रात

उससे चुद जाउन्गि हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईई दडिईईयययद्ड्द्डिईइ

माइईईईईईईईईईईईई मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर राहहीी हूओन्न मैं क्या करूँ

और फिर हम दोनो 69 के पॉज़ मे आ गई ओर एक दूसरे के चूत चाटने लगी

ओर फिर हम दोनो ही खलास हो गई तो मैने कहा की दीदी आप ने तो बहुत

तंग किया है आज मुझे. है मेरी चूत तो अभी भी लंड को तरस रही

है. वो बोली कि हाँ भाभी दो चूत हैं जो लंड को तरस रही हैं

और इस घर मैं उनकी प्यास भुजाने वाला या उनकी फरियाद सुनने वाला कोई

लंड नही है कैसी विडंबना है.मैने कहा कि काश मुझे कोई खड़ा हुआ

लंड दिख जाए तो मैं तो चूम लूँ उसे और जी भर के चुदवाउ उससे.

यू ही बातें करती हुई हम दोनो लेट गई और सोने का नाटक करने लगी तो

मैने देखा कि बाबूजी अपने रूम की तरफ जा रहे हैं तो मैं और

दीदी भी उठ गई ओर जल्दी से नंगी ही उनके पीछे उनके रूम की तरफ

चल पड़ी.
 
हमने दिन मे ही बाबूजी के रूम की एक खिड़की खुली छोड़ कर उसका परदा

इस तारहे से कर दिया था ता कि हम अंदर का नज़ारा देख सके जब

हमने अंदर देखा तो बाबूजी बेड पे बैठे हुए थे और उन्होने अपना

11इंच का तना हुआ लंड आपने हाथ मे पकड़ रखा था और उसे हिला

रहे थे. दीदी ने मेरे कान मे कहा कि भाभी मैं अंदर जा रही

हूँ मैं अब नही रह सकती बाबूजी से चुदे बिना मेरे मूह मे पानी

आ रहा है उनका खड़ा हुआ लंड देख कर मैं नही रह सकती चुदे

बिना भाभी देखो ना बाबूजी का लंड भी चूत के लिए तड़फ़ रहा है ओर

उन्हे मूठ मारनी पड़ रही है लेकिन मैं उसे आपने रूम मे ले गई ओर

उसे समझाया की अगर तुम अब बाबूजी के सामने गई तो बाबूजी समझ

जाएँगे के ये हमारी चाल थी उन्हे फसाने की हमे खुद उनके पास नही

जाना है बल्कि ये करना है कि वो हमे चोदने को तड़प उठें और तुम ये

क्यू भूल रही हो कि वो मूठ भी तो हमारा नाम ले कर ही मार रहे

होंगे ओर फिर मैने दीदी को समझा भुजा कर सुला दिया. मैने दीदी को

करीब 4 बजे फिर उठा दिया कपड़े तो हम लोगों ने पहने हुए ही नही थे

दीदी ने पूछा कि अब क्या करना है तो मैने उसके कान मे सारी बात

समझा दी और खुद बाबूजी के रूम की तरफ गई और देखा कि वो सो रहे

हैं मैने जान बूझ कर किचन मे से एक गिलास ले कर नीचे गिरा

दिया और अपने रूम मे भाग कर आ गई मेरे अंदाज़े के मुताबिक बाबूजी

उठे ओर किचॅन मे गये और वहाँ देखा कि एक गिलास नीचे गिरा हुआ

है ओर सोचा कि कोई बिल्ली गिरा गई होगी ओर फिर वो हमारे रूम की तरफ

आने लगे उन्हे आता हुआ देख कर मैं ओर दीदी फिर शुरू हो गई और एक

दूसरे के बूब्स सहलाने लगी और चूत चाटने लगी एक दूसरी की.बाबूजी

पर्दे के पीछे खड़े हुए सब देख ओर सुन रहे थे. दीदी बोली कि भाभी

प्लीज़्ज़ज्ज्ज्ज्ज्ज या तो एक या दो दिन मे अपने जीजू को एक रात के लिए यहाँ बुला लो

नही तो मैं किसी और लंड से चुद जाउन्गि अब मुझसे रहा नही जा रहा

है मैं किसी को पकड़ के ही ले आउन्गि यहाँ दिन मे मुझे चोदने के

लिए तो मैने कहा कि और किस लंड से चुदवाने का इरादा है दीदी तो वो

बोली कि भाभी यही तो प्रॉबलूम है कि इस घर मे अभी कोई भी लंड

मोजूद नही है और फिर मैं बोली कि हे भगवान सुबह मुझे किसी खड़े

हुए लंड का दीदार करवा दे. और फिर हम दोनो एक दूसरे को चूमती ओर

चाटती हुई सोने का नाटक करने लगी. सुबह जब मैं उठी और बाबूजी के

लिए चाइ ले कर गई तो मैने देखा कि पहले के विपरीत आज बाबूजी नहा

कर तैयार हुए नही बैठे थे बल्कि लूँगी पहने हुए बैठे थे. मैने

टेबल पे चाइ रख दी ओर पूछा कि नाश्ते मे क्या लेंगे तो वो बोले कि

जो भी हो बना लो. बाबूजी बैठे हुए न्यूसपेपर पढ़ रहे थे. मैने

दीदी को नस्ता बनाने को कहा और खुद रोज की तारहे सफाई करने मे लग

गई. जब मैं बाबूजी के रूम मे झाड़ू लगाने गई तो भी वो सोफे पे

बैठे हुए न्यूसपेपर पढ़ रहे थे. जब मैं उनके सामने सफाई कर रही

थी तो मैने देखा कि अचानक उन्होने आपनी टाँगें थोड़ी सी खोल दी और

उनकी लूँगी थोड़ी सी सरक गई जिस की वजह से बाबूजी के तने हुए लंड

का सूपड़ा दिख रहा था. मैने उसे देखा तो देखती ही रह गई और जल्दी

से सफाई कर के किचॅन मे गई.
 
मैं समझ गई थी कि बाबूजी हमे

अपना लंड दिखना चाह रहे हैं. मैने दीदी को जा के चूम लिया ओर

कहा कि दीदी हम सफल हो रहे हैं आज बाबूजी ने मुझे आपने लंड के

दर्शन खुद करवा दिए हैं तो वो बोली कि मुझे भी दर्शन करने हैं

तो मैने कहा कि तुम नाश्ता ले कर जाओ मैं तुम्हे तरकीब बताती हूं

तुम वैसे ही करना.

दीदी नाश्ता ले कर बाबूजी के रूम मे गई ओर उन्हे कहा कि नाश्ता कर

लें तो वो बोले कि टेबल पे रख दो दीदी ने खाना टेबल पे रखा ओर

वापिस मुड़ते हुए पानी का गिलास नीचे गिरा दिया. और बोली कि बाबूजी मैं

अभी पोंच्छा ले कर आती हूँ और पोंच्छा ले कर फ़राश साफ करने के लिए

चली गई उन्होने देखा कि बाबूजी अभी भी पेपर पढ़ रहे हैं तो वो

बाबूजी की तरफ मूह कर के पोंच्छा लगाने लगी तो बाबूजी ने फिर आपनी

टाँगें थोड़ी सी खोल दी ता कि दीदी को भी उनके लंड के दर्शन हो

जाएँ ओर दीदी ने भी उनके लंड का दीदार कर लिया और वो भी बाबूजी ने

खुद करवाया था सो वो भी खुश होती हुई आई ओर बोली कि सच मे

भाभी आप का प्लान काम कर रहा है और मुझे लगता है कि आज की रात

हम दोनो की इच्छा पूरी हो जाएगी लेकिन उसे कैसे पूरी करना है ये रात

को ही पता चलेगा. मैने कहा कि वो तो है ही. और फिर बाबूजी शॉप पे

चले गये ओर हम दोनो रात का इंतज़ार करने लगी. करीब 8 बजे बाबूजी

आ गये ओर हम ने उन्हे खाना खिला दिया ओर फिर वहीं पे बैठ के टीवी

देखने लगी.दीदी बाबूजी के पास ही बैठी हुई थी बल्कि यू कहें कि

उनकी टाँगो से टाँगे ज़ोड कर बैठी हुई थी और मैं सोफे पे बैठी हुई

थी. दीदी की टाँगों के सपर्श की वजह से बाबूजी का लंड तना हुआ था

और उनकी लोवर ने टेंट बना रखा था और बाबूजी जान बूझ कर उधर देख

लेते थे ताकि दीदी का ध्यान भी उधर चला जाए और कभी कभी मेरी

तरफ भी देख लेते थे लेकिन मैं तो अंजान बनी बैठी थी. ओर अब

दीदी की धड़कने भी उनके खड़े हुए लंड को देख कर बढ़ने लगी थी

कितभि दीदी ने मेरे प्लान के मुताबिक एक दम से हाई मैं मर गई हाई

मैं क्या करूँ कर के चिल्लाना शुरू कर दिया. बाबूजी ने पूछा कि क्या

हुआ तो मैने कहा कि कुछ नही बस दीदी को थोडा सा दर्द शुरू हो जाता

है तो बाबूजी बोले कि कहाँ पे तो मैने कहा कि बाबूजी अब आप को मैं

क्या बताउ तो वो बोले कि प्ल्ज़ बताओ कि क्या हुआ है दीदी अभी भी

चिल्लाने का नाटक कर रही थी.
 
मैने कहा कि दीदी की छातियो मे दरद

होने लगता है आप मेरे रूम मे से क्रीम वाली शीशी उठा कर ले

आइए मैं तब तक दीदी की छातियों पे मालिश करती हूँ बाबूजी उठे ओर

भाग कर मेरे रूम की तरफ गये लेकिन उन्हे वहाँ पे कोई क्रीम मिलनी

ही नही थी क्यो कि ऐसा कुछ है ही नही था और दिन मे हम लोगों ने

एक फालतू क्रीम की शीशी ला कर छुपा कर रख दी थी. बाबूजी वापिस आ

गये ओर बोले कि मुझे वहाँ पे कोई शीशी नही मिली है मैं तब तक

बैठी हुई दीदी की बूब्स को मसल रही थी तो मैने कहा कि आप दीदी को

गोद मैं ले लीजिए और इनकी छातियों को मालिश कीजिए मैं तब तक क्रीम

ढूंड के लाती हूँ और मैं बाहर चली गई और क्रीम की शीशी ले कर

आ कर रूम के बाहर खड़ी हो गई और तमाशा देखने लगी. बाबूजी ने

दीदी को गोद मैने लिटा रखा था और उसकी बूब्स को मसल रहे थे इस

वजह से दीदी ने चिल्लाना थोड़ा कम कर दिया था लेकिन जैसे ही बाबूजी

रुकने लगते तो वो चिल्लाना तेज कर देती थी बाबूजी का लंड दीदी की

बूब्स को सहलाने की वजह से तन चुका था ओर वो दीदी की पीठ को टच

कर रह था. बाबूजी ने मुझे आवाज़ लगाई तो मैं रूम मे आ गई और

कहा कि बाबूजी ये रही क्रीम आप इसे लगा कर मालिश कीजिए एक छाती की

मालिश मैं करती हूँ और फिर बाबूजी के सामने बैठ कर मैं दूसरे

बूब्स को मसलने लगी बाबूजी का लंड दीदी की पीठ को टच कर रहा था

इसलिए दीदी उसपे दबाव डाल रही थी और फिर धीरे धीरे दीदी को मज़ा

आने लगा और वो बाबूजी से लिपटने लगी. और फिर बाबूजी ने आपना हाथ

दीदी की शर्ट के अंदर डाल कर उनके बूब्स को सहलाना शुरू कर दिया

मैं समझ गई कि अब बाबूजी का मूड भी बन रहा है और फिर बाबूजी ने

दीदी के बूब्स को ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया और दीदी सिसकने लगी. मैं

जान बुझ कर उठ कर बाहर आने लगी तो बाबूजी बोले कि तुम कहाँ जा

रही हो कुसम मैने कहा कि अपने रूम मे तो वो बोले कि आज तुम दोनो

यहीं पे सो जाओ मेरे पास.मैने कहा कि वो क्यो तो वो बोले कि अगर रात

को कोई ज़रूरत पड़ी तो मैं हेल्प कर दूँगा. हम तो चाहती यही थी सो

मैने कहा कि ठीक है मैं आप के लिए दूध ले कर आती हूँ तो बाबूजी

ने कहा कि रूको तो मैं रुक गई तो बाबूजी ने दीदी को एक तरफ लिटा दिया

और मुझे बाजू से पकड़ लिया और कहने लगे कि आज मुझे वो दूध नही पीना

है बहू आज तो मुझे तुम दोनो का दूध पीना है और इतना कह कर उन्होने

मुझे बाहों मे भर लिया और मेरे होंठ चूसने लगे तो मैने कहा कि

बाबूजी आप ये क्या कर रहे हैं तो वो बोले की मैं तुम दोनो से प्यार

करना चाहता हूँ. मैने कहा कि मैं तो आपकी बहू हूँ तो वो बोले कि

हाँ मैं आज अपनी बेटी और बहू दोनो से प्यार करना और दोनो को पाना

चाहता हूँ और दोनो को चोदना चाहता हूं
 
मैने कहा कि कहीं आप पागल

तो नही हो गये हैं तो वो बोले हाँ मैं पागल हो गया हूँ दीदी ने

कहा कि बाबूजी कुछ तो शरम कीजिए तो वो बोले कि शरम कैसी बेटी

मुझे तुम दोनो बहुत अच्छी लगती हो जब से तुम दोनो को नंगा देखा है

तब से मैं पागल हो गया हू. हम दोनो ने सकपकाने की ज़बरदस्त

आक्टिंग की के आप ने हमे कब नंगा देखा है तो उन्हो ने रात वाली सारी

बात बता दी ओर फिर मेरे बूब्स सहलाने लगे दीदी और मैने थोड़ी देर और

विरोध किया और फिर आख़िर हमे मानना ही था सो हम मान गई फिर

बाबूजी मेरे बूब्स को सहलाने और उनसे खेलने लगे फिर मैने और दीदी ने

बाबूजी को बिल्कुल नंगा कर लिया और जब उनका तना हुआ लंड देखा तो

हैरान होने का नाटक करने लगी ओर कहने लगी कि हे भगवान इतना बड़ा

है आप का तो तो बाबूजी बोले कि हाँ बहू मैं जानता हूँ कि अब तक

तुमने सिरफ़ मेरे बेटे का लंड ही देखा है इसी लिए तो मैने आज तुम्हे

आपने लॉड के दर्शन करवाए हैं ता कि मेरी बहू और बेटी भी ये

सोच कर गर्व महसूस करें कि उन्होने सिर्फ़ लंड ही नही लॉडा भी

खाया है.मैने कहा कि बाबूजी ये तो बहुत मोटा भी है और लंबा भी

ये ये तो मेरी चूत मे आएगा ही नही उसे फाड़ ही देगा तो वो बोले की

डरो मत कुछ नही होगा बॅस दम देखती रहो आज हम कैसे मज़ा करते

हैं. मैने कहा कि अगर मेरी चूत फट गई तो वो बोले कि वो तो मैं

आज फड़ुँगा ही. मैने कहा कि मैं सहन नही कर पाउन्गि तो बोले की

जब लॉडा मज़ा देगा तो सब कुछ सहन कर जाओगी और फिर उनके एक तरफ

दीदी लेट गई दूसरी तरफ मैं.अब बाबूजी ने भी हम दोनो के कपड़े

उतार दिए थे और वो भी एक एक हाथ से हम दोनो के बूब्स को मसल रहे

थे. ओर हम दोनो उनके लंड से खेल रही थी.

फिर बाबूजी ने मुझे बेड पे लिटा दिया और बोले कि रोज तुम मेरे बेटे का

लंड चूस्ति हो आज मुझे भी दिखाओ कि तुम लंड कितने मज़े से चुस्ती

हो मैने जान भुज कर कहा कि बाबूजी आप ने क्या हमारी सारी बातें सुनी

थी तो वो बोले कि हाँ और फिर मैं सारी रात सो नही पाया और तुम दोनो

को चोदने का प्लान बनाता रहा. फिर बाबूजी ने अपना लॉडा मेरे मूह

मे डाल दिया ओर मैं लोलीपोप की तरह उसे चूसने लगी तो बाबूजी बोले कि

कुसम सच मे ही तुम बहुत गजब का लॉडा चूस्ति हो. अब बाबूजी का

लौंडा मैं चूस रही थी और मेरी चूत को दीदी चाट रही थी दीदी

ने आपनी टाँगे बाबूजी के कंधो पे रखी हुई थी बाबूजी दीदी की

चूत चाट रहे थे हम दोनो की सिसकियाँ फुट रही थी. करीब 30 मिंट

हम दोनो यू ही एक दूसरे की चूत चाटते और बाबूजी के लंड को चूस्ते

रहे. तो दोस्तो आख़िर इन दोनो रांडो ने बिचारे बुड्ढे को फँसा ही लिया

अब अगले पार्ट मे पढ़े इनकी चुदाई की दास्तान आपका दोस्त राज शर्मा

क्रमशः...............................
 
ससुर बने साजन पार्ट --4

गतान्क से आगे.............

दीदी ने बाबूजी से कहा कि बाबूजी आप तो बहुत प्यार से चूत को

चाटते हैं तो बाबूजी बोले की सिर्फ़ चाटते ही नही चोद्ता भी बहुत

प्यार से हूँ और सुनो तुम्हारी भी 10 या 11 इंच का लॉडा खाने की

तमन्ना आज पूरी कर दूँगा.तो दीदी बोली कि बाबूजी आप को मेरी तमन्ना का

कैसे पता तो वो बोले कि मैने रात सब कुछ सुन लिया था.अब बाबूजी

बोले कि ये बताओ कि पहले मैं किसे चोदु तो मैने कहा कि जिसे आप

ठीक समझे तो बाबूजी बोले कि तुम बताओ शालु. तो दीदी बोली कि बाबूजी

वैसे तो मैं आप से चुदवाने को मरी जा रही हूँ अब मुझ से सहन नही

हो रहा है लेकिन फिर भी आप भाभी को पहले चोदिए तो बाबूजी बोले कि

तुमने बिल्कुल सही कहा है बेटी बेटी तो होती ही पराई है लेकिन बहू

यहाँ आ के बेटी ही बन जाती है इस लिए पहला हक़ उसी का बनता है सो

आज मैं पहले कुसम को ही चोदुन्गा और फिर तुम्हे चोदुन्गा आज मैं

तुम दोनो को चोद चोद कर तुम्हारी चूत की धज़ियाँ उड़ा दूँगा. मैं तो

चाहती यही थी लेकिन मैं कह नही सकती थी. अब बाबूजी और शालु दोनो

ही मुझे कचोट रहे थे शालु मेरी चुचिओ को मसल और चूस रही

थी बाबूजी मेरी चूत चाट रहे थे. मेरे मूह से सिसकियाँ निकल रही

थी मैं चिल्ला रही थी हाई बाबूजीइइईईईईईईईईईईईईईईईईई

हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई प्पल्ल्ल्ल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़

कककककककचूऊऊऊद्द्द्द्ददडिईईईईईईईईईईए मुझहीईईई

हहाइी म्माआईयईईन्न म्माररररर गािईईईईईईईईईईईईईईई प्ल्ज़ आब

आअप्प्प्प्पंे ल्ल्ल्लाओंडीई क्का ज्जलवा द्दिखा दीजिीए मीयर्र्रईयियी

कक्च्छूुूत्त्त ककूऊ प्प्प्ल्ल्लज़्ज़्ज़. हहााईयइ कचछूड्दडिईईईएन्‍न्नाअ

म्‍मम्मूउुझहही हहाइईइ प्पल्ल्लज़्ज़ ज्जाअल्ल्लद्ददडिईई सस्स्सीए आआप्प्पंन्न्नाआ

ल्ल्ल्लाआओउउद्दााअ द्ददडााल्ल्ल द्ददडियईीजज्ज़ििईइईए न्न्नाअ

म्‍म्मीईरररिइ कक्चहूुूत्त्त म्‍म्माईिईन्न हहाऐईइ प्प्प्ल्लज़्ज़्ज़

फफफफफ़ाआद्दद्ड द्ददडियईीजज्ज़ििीइ आआप्प्पंनननी ब्ब्ब्बाअहहुउऊ क्क्कीिई

कक्चहूुउट कूओ आअज्जजज ओर बाबूजी बोले कि तुम तो कह रही थी कि लॉडा

से नही पओगि और अब लॉडा खाने को मरी जा रही हो तो मैने कहा कि

हहाआंन्न ब्ब्बाअब्ब्बुउउज्ज्जीइ म्म्म्माऐईन्न्न्न म्म्माअर्र्रीइ ज्ज्जाअ

र्र्र्राअह्ह्हीई हहूओंन्न आआप्प्प ककक्कीए ल्ल्लओउउद्दीई सस्सीए

कक्चहुूद्दड़नन्नईए ककककूऊ उउउन्न्ंककूऊ ब्ब्ब्बाअहहाअरररर

ग्ग्गाआययईए आआज्जजज टत्त्तीईएन्णन्न् ददडिईईईन्न्न्न् हहूऊ गग्ग्गाआययईए

हहाऐईिईन्न्न्न् ऊऊररर म्‍म्मईएरररीि कक्चहूुूत्त्त प्प्पाआय्यासस्सिईई

हहाऐईयइ ऊओररर ज्ज्ज्जाअब्ब्ब्ब सस्सीई ईीइसस्सन्न्नईए आअप्प्प्प कक्क़ीए

ल्ल्लाओउउद्ददीए कककूऊ द्डडीएककखाअ हहाऐईइ ययईए म्‍म्माअरर्रीि

ज्ज्जाअ र्र्राअह्ह्हीइ ह्ह्ह्हाआईइ उउउस्स्सीए आआप्प्प्न्न्नीए

आअन्न्न्द्द्दाअर्र्र ल्ल्लीएन्‍न्नईए कककू और बाबूजी ने चाट चाट के मेरी चूत का

पानी निकाल दिया था.बाबूजी मेरी चूत को चाट भी रहे थे और कह रहे

थे तड़पो बहू और तड़पो जितना तड़पो गी उतने ही चुदवाने मे मज़ा आएगा

ओर बाबूजी अभी भी लगातार मेरी चूत को चाट रहे थे और आपनी जीब

अंदर घुमा रहे थे जिस की वजह से मेरी सीस्कियाँ बढ़ती जा रही थी

मेरे होंठ कांप रहे थे ह्ह्हाआईई ब्ब्बाअब्ब्बुउउज्जीइ प्प्प्ल्ल्लज़्ज़

दददाअल्ल्ल द्द्दीइज्ज्जीइईए न्न्नाअ आअप्प्पन्न्नाअ ल्ल्लाओउउद्ददाअ आआब्ब्बब

तत्तूओ म्‍म्मीर्ररीि कचहूुूत्त्त म्‍म्माईिईन्न्न ददडिययड्ड्डिईई प्प्प्ल्ल्लज़्ज़

आआप्प्प्प हहिईिइ कककाअहहिईिईए न्न्नाअ ब्बबाआबब्बुऊुज्ज्जिि ससीए किी

आअब्ब्ब ऊओररर न्नाआ त्टाअदफफफाआईएँन्न मंमुज़्ज़झहहीए प्प्प्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़

ब्ब्बब्ाौउुज्ज्जिि हहाऐईइ प्प्प्ल्ल्लज़्ज़्ज़ ओर मेरी आँखो से पानी निकल

रहा था क्यो कि मैं बहुत तड़फ़ रही थी लॉडा पाने के लिए और फिर

बाबूजी ने भी देर नही की बेड पे मेरे कंधे नीचे लगा दिए ओर

मुझे मेरे घुटनो पे खड़ा कर लिया और पीछे से मेरी चूत के मुख थोड़ा

से आयिल लगायआ फिर आपने लंड का सूपड़ा मेरी चूत के मुख पे रख

दिया मुझे एक लोहे की रोड अपनी चूत को टच करती हुई महसूस हुई.

दीदी मेरे सामने लेटी हुई थी मैं उसकी चूत को चाट रही थी अब दीदी

भी सिसकने लगी थी कीबबूजी बोले कि कुसम आज तक तुमने सिरफ़ लंड का

स्वाद चखा है आज तुम्हे लॉड का स्वाद चखा रहा हूँ बस तुम

आपना वादा याद रखना तो मैने कहा कि कोन सा वादा तो बोले कि वही जो

तुम रात कह रही थी कि अगर आज या कल मैं मुझे कोई लंड चोदे तो

उस से सारी रात चुदोगि लेकिन तुम्हारी किस्मत देखो कि तुम कितनी

सोभाग्य शाली हो कि तुम्हे लंड की जगह लॉडा चोदेगा सारी रात.
 
मैने कहा कि ठीक है बाबूजी मैं आपना वादा नही तोड़ूँगी पर आप भी

मुझे पूर जोश से चोदिए वो बोले कि ठीक है फिर तभी बाबूजी ने एक

धक्का मारा और 11 मे से 4इंच लॉडा मेरी चूत मे समा गया मेरे

मूह से एक चीख निकल गई मुझे यू लगा कि जैसे कोई लोहे की रोड मेरी

चूत मे घुस रही हो मैने चिल्ला कर कहा कि बाबूजी प्ल्ज़ इसे निकाल

लीजिए ना तो वो बोले की अभी तो कह रही थी कि मेरी चूत फाड़ दीजिए ओर

अभी निकालने को कह रही हो बेटी ये कोई लंड नही है जो बीच मे ही

निकल जाएगा ये तो लॉडा है ये तो अब आपना काम कर के वापिस निकलेगा

ये तो अब तुम्हारी चूत की प्यास भुजा कर ही निकलेगा फिर उन्होने मेरे

बूब्स को सहलाना शुरू कर दिया तो मुझे कुछ सकुन मिला लेकिन तभी

उन्होने एक और धक्का मारा लॉडा 8इंच तक अंदर घुस गया लॉडा

मोटा होने की वजह से मुझे दरद भी हो रहा था लेकिन अब दरद तो

सहना ही पड़ना था क्यो कि बाबूजी के लॉड का स्वाद भी तो चखना था.

फिर बाबूजी ने एक और धक्का मारा ओर लॉडा पूरे का पूरा मेरी चूत मे

समा गया और मेरे मूह से निकला हाई बाबूजी मैं मर गई तो वो बोले कि

नही मरोगी मेरी प्यारी बहू अभी तो तुम्हे इससे मज़ा लेना है मैने

कहा कि हाई बाबूजी आपने तो मेरी चूत का कचूमर ही निकाल दिया तो बोले

कि अभी तो जब ये अंदर बाहर होगा तब तुम्हे स्वाद देगा ये मेरी जान

और मुझे यू लग रहा था जैसे कि वो मेरे बूब्स को अंदर से टच कर

रहा है.
 
मुझे दरद भी बहुत हो रहा था इस लिए अब दीदी मेरे बूब्स को चूस

रही थी अब मुझे उसकी चूत चाटनी थी. कुछ देर यू ही रुकने के बाद

बाबूजी ने धीरे धीरे से लॉड को अंदर बाहर करना शुरू किया

शुरू मे तो बहुत दरद हुआ लेकिन फिर चूत ने लॉड को आक्सेप्ट कर

लिया ओर इतनी जगहे आराम से दे दी कि वो आंदार बाहर हो सके. अब बाबूजी

मुझे मेरी कमर से पकड़ के धीरे धीरे चोद रहे थे अब दरद गायब

होने लगा था ओर मुझे मज़ा आने लगा था. मुझे लॉड से चुदवाने

मे आनंद आने लगा था मेरे मूह से कंपकंपियन सी निकल रही

थी ऊओररर तीज़्ज़ज ब्ब्बाअब्ब्बुउउज्जीइ ऊओररर त्ट्तीएजज़्ज़्ज प्प्पुउर्र्रीए

ज्ज्ज्ूओर्रर सस्सीए कक्चछूड्दडिईईईए आआज्जज प्प्प्ल्ल्लज़्ज़्ज़

ब्ब्ब्बाआबब्बुऊुज्जििीइ प्प्प्ल्ल्लज़्ज़्ज़ प्प्प्ूउर्रीए ज्ज्ज्ूओर्रर्ससीई हहाऐईइ

म्‍म्माररर ददडीइयजज्जी मम्मूउुज्झहही हहाऐईयईईई फ़फफ़ाआड्द्ड़

दडीइयजज्ज़िि म्‍म्मीर्ररीि कक्चहूुूत्त्त कक्कूव हहाऐईइ प्प्प्ल्लज़्ज़्ज़ ऊररर

ज्ज्जूर्र सस्सीए हहााईइ म्‍म्मीरररी र्रााज्जा फ़फफादद्ड़

ददडीइयजज्ज़िईईए आआज्जजज आअप्प्पननन्ी ब्बबाहहुउऊ क्क्की कचहूुूथत्

प्प्प्ुउउर्री ज्ज्ज्ूओर्रर ससीई और बाबूजी ने भी अब थोड़ी तेज़ी से चोदना

शुरू कर दिया था ओर मेरे मूह से आवाज़ें निकल रही थी ह्ह्हाआईईइ

म्‍म्माआअ उूउउइइ म्‍म्म्माआअ हहाऐईयइ ऊओररर्र ट्टीएजज्ज़ हहाऐईयइ

म्‍म्माईिईन्न म्‍म्म्माअरररर ग्ग्गाऐइ हहाऐईइ प्प्प्ल्लज़्ज़ ऊओररर त्ट्तीएजज्ज़

हहाऐईयइ प्पल्लज़्ज़्ज़ और बाबूजी पूरे ज़ोश से मुझे चोदने लगे अब वो पूरे

ज़ोर से धक्के मार रहे थेमुझे लग रहा था जैसे कोई लोहे का डंडा

मेरी चूत मे घूम रहा हो मैं नीचे चिल्ला रही थी हाई और तेज

बाबूजी और तेज हाईईईई आअहह ह उउउइइ ऊओररर ट्टीज़्ज़ज्ज आअहह

प्पल्ल्लज़्ज़्ज़ पूरे ज़ोर से चोदिए मुझे हाईईईईईईई ऊओह

मीररीममाआआआआआआआ हॅयियी आहह अहह ऊऊऊऊऊओह

बाबूजी के धक्के तेज़ी पकड़ते जा रहे थे करीब 5 मिंट बाद मैं

झाड़ गई और शांत हो गई बाबूजी बोले की चलो अब शालु को चोद्ता हूँ

तो मैने कहा कि हाई बाबूजी इसे बाहर मत निकालिए जब तक ये झाड़ाता

नही है तब तक आप मुझे ही चोदिए प्ल्ज़ मैं नही निकालने दूँगी इसे

तब तक प्ल्ज़ तो वो बोले कि ठीक है और उन्होने फिर से मेरी कमर पकड़

के धीरी धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए मेरे बूस भी मसलने

लगे मैं दीदी की चूत चाट रही थी दीदी बाबूजी की गोलिओं को चाट

रही थी मैं फिर से गरम होने लगी थी मुझे फिर से मज़ा आने लगा

बाबूजी बोले कि ये बताओ कि मेरा कम तुम पिओगी या तुम्हारी चूत मे ही

निकालना है मुझे फिर से मज़ा आने लगा था सो मैने कहा कि नही

बाबूजी पिउन्गि बाद मे पहला कम आप मेरी चूत मे ही निकाल

दीजिए हाईईइ बहुत मज़ा आ रहा है
 
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