hotaks444
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सुधा बोली- बेटा, मेरे बालो मे ज़रा तेल मालिश करदेना बहुत दिन हुए मालिश नही करवाई है ,
प्रेम- जी माँ अभी कर देता हूँ उसमे क्या है
सुधा वही पर बैठ गयी और प्रेम उसके पीछे आकर खड़ा हो गया सुधा ने चाल खेलते हुए अपने आँचल को पूरा सरका दिया जिस से प्रेम को उसके बोबो का पूरा नज़ारा दिख सके सुधा की सुडोल भारी भरकम छातियाँ जो कि उस टाइट ब्लाउज मे से आधे से ज़्यादा बाहर को निकल ही रही थी, माँ की छातियो की गहराई को देख कर प्रेम का लंड फिर से हरकत करने लगा
प्रेम ललचाई नज़रो से माँ के बोबो को निहारते हुए बालो मे तेल मालिश करने लगा सुधा ने अपनी आँखे मूंद ली पर उसके दिल मे भी हलचल मची हुई थी अपने बेटे से चुदने ख्याल से उसका रोम रोम मचल रहा था , काफ़ी देर तक प्रेम बालों मे मालिश करता रहा तभी उस के हाथो से तेल की शीशी छूट गयी और सुधा के ब्लाउज पर गिर गयी पूरा ब्लाउज तेल से सन गया दोनो बोबे तेल से भीग गये सुधा बोली- नलायक ये तूने क्या कर दिया
प्रेम माफी माँगते हुए बोला- माँ वो शीशी हाथ से छूट गयी ,
सुधा- हाँ पर अभी इधर दूसरा ब्लाउज है भी नही तो मैं क्या पहनुँगी
प्रेम- माँ इसको जल्दी से मुझे दे दो अभी धोकर सूखा देता हूँ थोड़ी देर मे सूख जाएगा फिर पहन लेना
सुधा- पर, तबतक मैं कैसे रहूंगी , आधी नंगी तेरे सामने
प्रेम मन ही मन सुधा को गाली बकते हुए, साली रंडी थोड़ी देर पहले तो गान्ड मटका कर अपनी जवानी मुझे दिखा रही थी अब चूतिया बना रही है
प्रेम- माँ, देखो तेल के दाग पड़ जाएँगे फिर ना कहना और फिर कोई चारा भी तो नही है
सुधा ने सोचा मुझे पागल बना रहा है साले को चूचिया देखन की कुछ ज़्यादा ही जल्दी है लो, आज इसको दिखा ही देती हूँ कि इसकी माँ चीज़ क्या है और सुधा ने अपना ब्लाउज बेटे के सामने ही उतार दिया ब्रा उसने पहनी नही थी ऐसा गजब नज़ारा देख कर प्रेम हक्का बक्का रह गया , दो दो किलो की चूचिया बिल्कुल नंगी उसकी आँखो के सामने पड़ी थी , उसने काँपते हुए हाथो से माँ का ब्लाउज लिया और उसको धोकर जल्दी से सूखा दिया और वापिस कमरे मे आ गया सुधा ने अपनी नंगी छातियो को छुपाने की कोई ज़रूरत नही समझी
सुधा प्रेम की तरफ देखते हुए- क्या देख रहा है बेटे इतनी गोर से
प्रेम- वो माँ , वो माँ
सुधा-बताना बेटे कहा सुधा ने
प्रेम- कुछ नही माँ
सुधा- मुझे मालूम है तू मेरे बोबे देख रहा हैं, बचपन मे इनका ही दूध पीकर आज तू इतना मुस्टंडा हुआ हैं
प्रेम- पर अब मैं बड़ा हो गया हूँ माँ
सुधा- उसके पयज़ामे मे बने तंबू की ओर देखते हुए, हाँ बेटा वाकई तू अब बड़ा हो गया है
बचपन मे तो बहुत ज़िद करता था दूध पीने की , काट काट कर मेरे बोबो का बुरा हाल कर दिया था तूने
प्रेम- माँ वो बचपन की बाते थी
सुधा- हाँ पर दूध आज भी है बेटे
ये सुधा का प्रेम की तरफ खुला निमंत्रण था सुधा प्रेम के पास आई और अपने बोबो को सहलाते हुए बोली- बेटा मेरी पीठ मे आजकल बहुत खुजली खारिश सी रहती है अब जब थोड़ा टाइम हैं तो लगे हाथ थोड़ा तेल उधर भी लगा दे प्रेम की तो जैस निकल पड़ी उसने हाथो पर थोड़ा सा तेल लगाया और सुधा की पीठ को मसल्ने लगा अपने बदन पर बेटे के हाथो का स्पर्श पाकर सुधा बहकने लगी
प्रेम उसके कंधो की मालिश करते करते उसकी बगल तक हाथ ले जा रहा था उसका मन चूचियो पर था, धीरे धीरे बगलो को सहलाते सहलाते वो चूचियो तक पहुच ही गया और अपने मजबूत हाथो मे सुधा के बोबो को थाम लिया और कस कर दबा दिया
सुधा अयाया बेटे ये क्या कर रहा है
प्रेम- माँ मालिश कर रहा हूँ
सुदाह – पर बेटे ,
प्रेम- माँ इनको भी मालिश की ज़रूरत है देख कैसे मुरझा सी गयी है अब मालिश करने लगा हूँ तो पूरी ही करूँगा रोक ना मुझे और अपनी माँ के बोबो को मसल्ने लगा
प्रेम- जी माँ अभी कर देता हूँ उसमे क्या है
सुधा वही पर बैठ गयी और प्रेम उसके पीछे आकर खड़ा हो गया सुधा ने चाल खेलते हुए अपने आँचल को पूरा सरका दिया जिस से प्रेम को उसके बोबो का पूरा नज़ारा दिख सके सुधा की सुडोल भारी भरकम छातियाँ जो कि उस टाइट ब्लाउज मे से आधे से ज़्यादा बाहर को निकल ही रही थी, माँ की छातियो की गहराई को देख कर प्रेम का लंड फिर से हरकत करने लगा
प्रेम ललचाई नज़रो से माँ के बोबो को निहारते हुए बालो मे तेल मालिश करने लगा सुधा ने अपनी आँखे मूंद ली पर उसके दिल मे भी हलचल मची हुई थी अपने बेटे से चुदने ख्याल से उसका रोम रोम मचल रहा था , काफ़ी देर तक प्रेम बालों मे मालिश करता रहा तभी उस के हाथो से तेल की शीशी छूट गयी और सुधा के ब्लाउज पर गिर गयी पूरा ब्लाउज तेल से सन गया दोनो बोबे तेल से भीग गये सुधा बोली- नलायक ये तूने क्या कर दिया
प्रेम माफी माँगते हुए बोला- माँ वो शीशी हाथ से छूट गयी ,
सुधा- हाँ पर अभी इधर दूसरा ब्लाउज है भी नही तो मैं क्या पहनुँगी
प्रेम- माँ इसको जल्दी से मुझे दे दो अभी धोकर सूखा देता हूँ थोड़ी देर मे सूख जाएगा फिर पहन लेना
सुधा- पर, तबतक मैं कैसे रहूंगी , आधी नंगी तेरे सामने
प्रेम मन ही मन सुधा को गाली बकते हुए, साली रंडी थोड़ी देर पहले तो गान्ड मटका कर अपनी जवानी मुझे दिखा रही थी अब चूतिया बना रही है
प्रेम- माँ, देखो तेल के दाग पड़ जाएँगे फिर ना कहना और फिर कोई चारा भी तो नही है
सुधा ने सोचा मुझे पागल बना रहा है साले को चूचिया देखन की कुछ ज़्यादा ही जल्दी है लो, आज इसको दिखा ही देती हूँ कि इसकी माँ चीज़ क्या है और सुधा ने अपना ब्लाउज बेटे के सामने ही उतार दिया ब्रा उसने पहनी नही थी ऐसा गजब नज़ारा देख कर प्रेम हक्का बक्का रह गया , दो दो किलो की चूचिया बिल्कुल नंगी उसकी आँखो के सामने पड़ी थी , उसने काँपते हुए हाथो से माँ का ब्लाउज लिया और उसको धोकर जल्दी से सूखा दिया और वापिस कमरे मे आ गया सुधा ने अपनी नंगी छातियो को छुपाने की कोई ज़रूरत नही समझी
सुधा प्रेम की तरफ देखते हुए- क्या देख रहा है बेटे इतनी गोर से
प्रेम- वो माँ , वो माँ
सुधा-बताना बेटे कहा सुधा ने
प्रेम- कुछ नही माँ
सुधा- मुझे मालूम है तू मेरे बोबे देख रहा हैं, बचपन मे इनका ही दूध पीकर आज तू इतना मुस्टंडा हुआ हैं
प्रेम- पर अब मैं बड़ा हो गया हूँ माँ
सुधा- उसके पयज़ामे मे बने तंबू की ओर देखते हुए, हाँ बेटा वाकई तू अब बड़ा हो गया है
बचपन मे तो बहुत ज़िद करता था दूध पीने की , काट काट कर मेरे बोबो का बुरा हाल कर दिया था तूने
प्रेम- माँ वो बचपन की बाते थी
सुधा- हाँ पर दूध आज भी है बेटे
ये सुधा का प्रेम की तरफ खुला निमंत्रण था सुधा प्रेम के पास आई और अपने बोबो को सहलाते हुए बोली- बेटा मेरी पीठ मे आजकल बहुत खुजली खारिश सी रहती है अब जब थोड़ा टाइम हैं तो लगे हाथ थोड़ा तेल उधर भी लगा दे प्रेम की तो जैस निकल पड़ी उसने हाथो पर थोड़ा सा तेल लगाया और सुधा की पीठ को मसल्ने लगा अपने बदन पर बेटे के हाथो का स्पर्श पाकर सुधा बहकने लगी
प्रेम उसके कंधो की मालिश करते करते उसकी बगल तक हाथ ले जा रहा था उसका मन चूचियो पर था, धीरे धीरे बगलो को सहलाते सहलाते वो चूचियो तक पहुच ही गया और अपने मजबूत हाथो मे सुधा के बोबो को थाम लिया और कस कर दबा दिया
सुधा अयाया बेटे ये क्या कर रहा है
प्रेम- माँ मालिश कर रहा हूँ
सुदाह – पर बेटे ,
प्रेम- माँ इनको भी मालिश की ज़रूरत है देख कैसे मुरझा सी गयी है अब मालिश करने लगा हूँ तो पूरी ही करूँगा रोक ना मुझे और अपनी माँ के बोबो को मसल्ने लगा