hotaks444
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शाज़िया ने मुस्कराते हुए अपनी अम्मी से कहा. और प्यार भरे अंदाज में अपनी अम्मी के जिस्म के साथ चिपक गई.
“अच्छा तबीयत खराब होना तो सिर्फ़ एक बहाना है,असल बात ये है” रज़िया बीबी भी अपनी बेटी की बात सुन कर मुस्कराई. और फिर शाज़िया को खुदा हाफ़िज़ कह कर ज़ाहिद के साथ कार में आन बैठी.
ज़ाहिद की कार के शीशे टिनटेड थे. इसीलिए ज्यों ही ज़ाहिद ने अपनी कार को पिंडी से बाहर निकाल कर मुर्री हाइवे पर डाला.
तो उस ने अपने काले शीशों का फ़ायदा उठाते हुए अपना एक हाथ फ्रंट सीट पर बैठी अपनी अम्मी की शलवार के उपर से रज़िया बीबी की चूत पर रख दिया.
“शरम करो ज़ाहिद बाहर से कोई देख ले गा बेटा”अपने बेटे की इस ना मतवका हरकत से रज़िया बीबी एक दम परेशान हो कर बोली.
“गाड़ी के शीशे काले होने की वजह से बाहर से अंदर नज़र नही आता मेरी जान” ज़ाहिद ने रज़िया बीबी को समझाया.
इस के साथ ही ज़ाहिद ने अपनी ज़िप खोली .और अपनी अम्मी का हाथ पकड़ कर अपने तने अपने लंड पर रख दिया.
रज़िया बीबी को अपने बेटे के प्यार का ये अंदाज़ बहुत अच्छा लगा. और वो गरम होते हुए चलती कार में ही अपने बेटे की मूठ लगाने लगी. जब कि इस दोरान ज़ाहिद भी अपने हाथ को अपनी अम्मी की फुद्दि के उपर इधर उधर फैरने लगा.
अपनी सारी शादी शुदा ज़िंदगी में ज़ाहिद के मरहूम अब्बू के साथ रज़िया बीबी ने अपने घर से बाहर इस तरह की किसी हरकत का तसव्वुर नही किया था.
मगर आज अपने ही सगे बेटे के साथ दोरान सफ़र मे मस्ती भरी ये हरकत रज़िया बीबी को बहुत अच्छी लग रही थी.
इसीलिए वो पूरे सफ़र के दोरान ज़ाहिद के लंड से हल्की हल्की छेड़ छाड़ करती रही. और ज़ाहिद भी अपनी अम्मी की चूत और मम्मो को अपने हाथ से मसलता और दबाता रहा.
मुरी पहुँचने तक ज़ाहिद ने रज़िया बीबी को और रज़िया बीबी ने ज़ाहिद को अपने अपने हाथों से खूब गरमा दिया था.
हिल पर जा कर ज़ाहिद को अपने काम से फारिग होते शाम के 3 बज गये.
इस दोरान ज़ाहिद और रज़िया बीबी को ज़ोर की भूक लग रही थी. इसीलिए ज़ाहिद के काम से फारिग होते ही दोनो माँ बेटा एक रेस्टोरेंट में खाना खाने बैठ गये.
अभी ज़ाहिद और रज़िया बीबी को खाना ख़ाते थोड़ी देर ही हुई थी. कि इस दोरान अचानक शदीद किसम की बारिश स्टार्ट हो गई.
बदिश स्टार्ट होने की देर थी. कि रेस्टोरेंट में लगे टीवी सेट पर ब्रेकिंग न्यूज़ चलने लगी.
ब्रेकिंग न्यूज़ के मुताबिक मुर्री में होने वाली तेज बदिश की वजह से मिट्टी का एक तोड़ा सड़क पर गिरने से पिंडी वाली रोड ब्लॉक हो गई है.
इस तेज बारिश की वजह से इम्दादी काम में मुश्किल पेश आ रही थी. जिस वजह से बंद रोड का कल दूसरे दिन तक ही खुलने का इम्कान है.
“चलो कर लो गल” न्यूज़ सुन कर ज़ाहिद ने अपने सामने बैठ कर खाना खाती हुई अपनी अम्मी रज़िया की तरफ देखा और बोला.
“अब क्या हो गा ज़ाहिद” रज़िया बीबी ये खबर सुन कर परेशान हो गई, क्यों कि शाज़िया घर में अकेली थी.
“अब हमें शाज़िया को फोन कर के ये बात बताना पड़े गी, और फिर रात इधर ही रुकना पड़े गा” ज़ाहिद ने जवाब दिया.
“ठीक है अब इस के अलावा हो भी क्या सकता है” रज़िया बीबी ने ज़ाहिद की हां में हां मिला दी.
दोनो माँ बेटा खाने से फारिग हो कर एक करीबी होटेल में आए. और एक रूम ले कर अपने कमरे में चले गये.
कमरे में पहुँच कर ज़ाहिद ने शाज़िया को इतला दी. और उसे शाज़िया को अपने पास बुलाने का कह दिया.
जिस वक्त ज़ाहिद शाज़िया से बात कर रहा था. उसी दोरान रज़िया बीबी के पेट में अचानक मरोड़ (दर्द) हुआ. और उसे ऐसा लगा जैसे वो एक दम से उल्टी (वॉमिटिंग) कर देगी .
रज़िया बीबी समझी कि शायद रेस्टोरेंट के खाने में कोई ऐसी चीज़ थी. जिस वजह से उस की तबीयत खराब होने लगी है.वो उठी और बाथरूम में जा कर उल्टी करने लगी.
“आप की तबीयत तो ठीक है अम्मी” फोन बंद करते ही ज्यों ही ज़ाहिद के कान में अपनी अम्मी की उल्टियो की आवाज़ पड़ी. तो वो दौड़ कर बाथरूम गया और अम्मी से पूछा.
“पता नही क्यों खाना खाते ही उल्टी होने लगी है,अभी ठीक हो जाउन्गी ,तुम फिकर ना करो” रज़िया बीबी ने जवाब दिया.
“अच्छा तबीयत खराब होना तो सिर्फ़ एक बहाना है,असल बात ये है” रज़िया बीबी भी अपनी बेटी की बात सुन कर मुस्कराई. और फिर शाज़िया को खुदा हाफ़िज़ कह कर ज़ाहिद के साथ कार में आन बैठी.
ज़ाहिद की कार के शीशे टिनटेड थे. इसीलिए ज्यों ही ज़ाहिद ने अपनी कार को पिंडी से बाहर निकाल कर मुर्री हाइवे पर डाला.
तो उस ने अपने काले शीशों का फ़ायदा उठाते हुए अपना एक हाथ फ्रंट सीट पर बैठी अपनी अम्मी की शलवार के उपर से रज़िया बीबी की चूत पर रख दिया.
“शरम करो ज़ाहिद बाहर से कोई देख ले गा बेटा”अपने बेटे की इस ना मतवका हरकत से रज़िया बीबी एक दम परेशान हो कर बोली.
“गाड़ी के शीशे काले होने की वजह से बाहर से अंदर नज़र नही आता मेरी जान” ज़ाहिद ने रज़िया बीबी को समझाया.
इस के साथ ही ज़ाहिद ने अपनी ज़िप खोली .और अपनी अम्मी का हाथ पकड़ कर अपने तने अपने लंड पर रख दिया.
रज़िया बीबी को अपने बेटे के प्यार का ये अंदाज़ बहुत अच्छा लगा. और वो गरम होते हुए चलती कार में ही अपने बेटे की मूठ लगाने लगी. जब कि इस दोरान ज़ाहिद भी अपने हाथ को अपनी अम्मी की फुद्दि के उपर इधर उधर फैरने लगा.
अपनी सारी शादी शुदा ज़िंदगी में ज़ाहिद के मरहूम अब्बू के साथ रज़िया बीबी ने अपने घर से बाहर इस तरह की किसी हरकत का तसव्वुर नही किया था.
मगर आज अपने ही सगे बेटे के साथ दोरान सफ़र मे मस्ती भरी ये हरकत रज़िया बीबी को बहुत अच्छी लग रही थी.
इसीलिए वो पूरे सफ़र के दोरान ज़ाहिद के लंड से हल्की हल्की छेड़ छाड़ करती रही. और ज़ाहिद भी अपनी अम्मी की चूत और मम्मो को अपने हाथ से मसलता और दबाता रहा.
मुरी पहुँचने तक ज़ाहिद ने रज़िया बीबी को और रज़िया बीबी ने ज़ाहिद को अपने अपने हाथों से खूब गरमा दिया था.
हिल पर जा कर ज़ाहिद को अपने काम से फारिग होते शाम के 3 बज गये.
इस दोरान ज़ाहिद और रज़िया बीबी को ज़ोर की भूक लग रही थी. इसीलिए ज़ाहिद के काम से फारिग होते ही दोनो माँ बेटा एक रेस्टोरेंट में खाना खाने बैठ गये.
अभी ज़ाहिद और रज़िया बीबी को खाना ख़ाते थोड़ी देर ही हुई थी. कि इस दोरान अचानक शदीद किसम की बारिश स्टार्ट हो गई.
बदिश स्टार्ट होने की देर थी. कि रेस्टोरेंट में लगे टीवी सेट पर ब्रेकिंग न्यूज़ चलने लगी.
ब्रेकिंग न्यूज़ के मुताबिक मुर्री में होने वाली तेज बदिश की वजह से मिट्टी का एक तोड़ा सड़क पर गिरने से पिंडी वाली रोड ब्लॉक हो गई है.
इस तेज बारिश की वजह से इम्दादी काम में मुश्किल पेश आ रही थी. जिस वजह से बंद रोड का कल दूसरे दिन तक ही खुलने का इम्कान है.
“चलो कर लो गल” न्यूज़ सुन कर ज़ाहिद ने अपने सामने बैठ कर खाना खाती हुई अपनी अम्मी रज़िया की तरफ देखा और बोला.
“अब क्या हो गा ज़ाहिद” रज़िया बीबी ये खबर सुन कर परेशान हो गई, क्यों कि शाज़िया घर में अकेली थी.
“अब हमें शाज़िया को फोन कर के ये बात बताना पड़े गी, और फिर रात इधर ही रुकना पड़े गा” ज़ाहिद ने जवाब दिया.
“ठीक है अब इस के अलावा हो भी क्या सकता है” रज़िया बीबी ने ज़ाहिद की हां में हां मिला दी.
दोनो माँ बेटा खाने से फारिग हो कर एक करीबी होटेल में आए. और एक रूम ले कर अपने कमरे में चले गये.
कमरे में पहुँच कर ज़ाहिद ने शाज़िया को इतला दी. और उसे शाज़िया को अपने पास बुलाने का कह दिया.
जिस वक्त ज़ाहिद शाज़िया से बात कर रहा था. उसी दोरान रज़िया बीबी के पेट में अचानक मरोड़ (दर्द) हुआ. और उसे ऐसा लगा जैसे वो एक दम से उल्टी (वॉमिटिंग) कर देगी .
रज़िया बीबी समझी कि शायद रेस्टोरेंट के खाने में कोई ऐसी चीज़ थी. जिस वजह से उस की तबीयत खराब होने लगी है.वो उठी और बाथरूम में जा कर उल्टी करने लगी.
“आप की तबीयत तो ठीक है अम्मी” फोन बंद करते ही ज्यों ही ज़ाहिद के कान में अपनी अम्मी की उल्टियो की आवाज़ पड़ी. तो वो दौड़ कर बाथरूम गया और अम्मी से पूछा.
“पता नही क्यों खाना खाते ही उल्टी होने लगी है,अभी ठीक हो जाउन्गी ,तुम फिकर ना करो” रज़िया बीबी ने जवाब दिया.