hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
मस्ती में रजनी के मुंह से ज़ोर से सिसकारी निकलने लगी…
म्म्म्मममम… ऊऊऊओह… आआाअगघ…
रजनी की आहह सुन के अनिल घबरा गया…
अनिल : क्या हुआ रजनी तुम ठीक तो हो ना…?
रजनी : वो क्या….आ है… खार….अब रोड और… कार में लग रहे…. झटके की वज…..आह से…. मेरा घुटना कार के दरवाजे से टकराआ… गया और मुझे चोट लग गइईई…
अनिल : क्या कहा…? तुम्हें चोट लग गयी… रुको मैं अभी कार रोकता हूँ…
अपने पति की बात सुन के रजनी घबरा गयी…
रजनी : नहीं….. कार रोकने कोई जरूरत नहीं है… मुझे बस हल्की सी चोट आई है… और वैसे भी राज है ना… वो मेरे घुटनों का मसाज कर देगा… जिस से मेरा दर्द जल्द ही खत्म हो जाएगा… इस लिए तुम मेरी फिक्र छोड़ो और कार की स्पीड थोड़ा बड़ाओ… कहीं ऐसा ना हो की हम को फार्महाउस पहुँच ने में देर हो जाए… और हाँ रेडियो का वॉल्यूम थोड़ा बढ़ा दो… ताकि मेरी दर्द से भरी आवाज़ सुन के कहीं तुम फिर से कार रोकने ना लग जाओ…
अनिल : तुम कहती हो तो ठीक है… बेटा राज अपनी आंटी का अच्छे से मसाज करना… और ये ध्यान रखना की उसे पूरा आराम मिले…
फिर अनिल ने कार की स्पीड बढ़ा दी और रेडियो का वॉल्यूम तेज कर दिया…
राज : अंकल आप फिक्र मत करो मैं आंटी का अच्छे से मसाज करूँगा…
ये कह के राज अपनी आंटी की चूची को अपने हाथों से कस कस के मसलने लगा…
रजनी ने अपना सीना आगे कर दिया ताकि राज और कस के उसकी चूची दबा सके…
फिर रजनी थोड़ी ऊपर हुई और उसने अपनी गांड के नीचे से अपनी ड्रेस हटा दी… राज फौरन अपनी आंटी का इशारा समझ गया…
उसने फौरन अपना हाथ नीचे किया और अपनी शॉर्ट्स की ज़िप खोल दी… लेकिन ज़िप खुलने के बाद भी उसका लंड आंटी की गांड में फँसा हुआ था…
रजनी ने अपनी गांड और ऊपर उठाई…
अनिल : क्या बात है जान…? तुम ठीक तो हो ना…? तुम्हें अपने भतीजे की गोद में बैठने में कोई परेशानी तो नहीं हो रही है ना… अगर तुम कहो तो मैं कार रोकता हूँ…
राज ने अपना आंडरवेयर नीचे कर दिया… जिस वजह से उसका लंड आराम से बाहर आ गया और रजनी अपने भतीजे के खड़े लंड पे अपनी गांड रख के बैठ गयी… उसकी नंगी गांड में उसके भतीजे का लंड दबने लगा…
रजनी : नहीं जान तुम्हें कार रोकने की कोई जरूरत नहीं है… मुझे लगता है की अगर मैं थोड़ा राइट को मूव करूँगी तो मैं कंफर्टबल हो जाऊंगी… तुम क्या कहते हो राज…? क्या तुम ठीक हो…? क्या तुम चाहते हो की मैं कुछ करूँ…?
राज ने अपने हाथ अपनी आंटी की नंगी गांड पे रख के कहा…
राज : आंटी अगर तुम थोड़ा ऊपर उठो तो मैं अपनी पोज़िशन ठीक कर लूँगा…
रजनी फौरन अपने भतीजे की बात समझ गयी… की वो क्या कहना चाह रहा है…
उसने फौरन अपनी गांड ऊपर उठाई जहाँ तक वो उठा सकती थी… फिर उसे ये महसूस हुआ की उसके भतीजे का एक हाथ उसकी गांड पे से हटा…
वो ये फौरन समझ गयी की उसका भतीजा अपने हाथ से क्या कर रहा है…
ये सोच के वो नीचे अपने भतीजे की गोद पे बैठने लगी… फिर तभी……
फिर तभी उसे अपने भतीजे लंड का सुपाडा अपनी चूत के छेद पे महसूस हुआ…
मस्ती में उसके मुंह से सिसकारी निकल गयी… आआआहह… और वो अपने भतीजे लंड पे बैठने लगी… उसके भतीजे का लंड उसकी गीली चूत में आराम से घुसने लगा…
म्म्म्मममम… ऊऊऊओह… आआाअगघ…
रजनी की आहह सुन के अनिल घबरा गया…
अनिल : क्या हुआ रजनी तुम ठीक तो हो ना…?
रजनी : वो क्या….आ है… खार….अब रोड और… कार में लग रहे…. झटके की वज…..आह से…. मेरा घुटना कार के दरवाजे से टकराआ… गया और मुझे चोट लग गइईई…
अनिल : क्या कहा…? तुम्हें चोट लग गयी… रुको मैं अभी कार रोकता हूँ…
अपने पति की बात सुन के रजनी घबरा गयी…
रजनी : नहीं….. कार रोकने कोई जरूरत नहीं है… मुझे बस हल्की सी चोट आई है… और वैसे भी राज है ना… वो मेरे घुटनों का मसाज कर देगा… जिस से मेरा दर्द जल्द ही खत्म हो जाएगा… इस लिए तुम मेरी फिक्र छोड़ो और कार की स्पीड थोड़ा बड़ाओ… कहीं ऐसा ना हो की हम को फार्महाउस पहुँच ने में देर हो जाए… और हाँ रेडियो का वॉल्यूम थोड़ा बढ़ा दो… ताकि मेरी दर्द से भरी आवाज़ सुन के कहीं तुम फिर से कार रोकने ना लग जाओ…
अनिल : तुम कहती हो तो ठीक है… बेटा राज अपनी आंटी का अच्छे से मसाज करना… और ये ध्यान रखना की उसे पूरा आराम मिले…
फिर अनिल ने कार की स्पीड बढ़ा दी और रेडियो का वॉल्यूम तेज कर दिया…
राज : अंकल आप फिक्र मत करो मैं आंटी का अच्छे से मसाज करूँगा…
ये कह के राज अपनी आंटी की चूची को अपने हाथों से कस कस के मसलने लगा…
रजनी ने अपना सीना आगे कर दिया ताकि राज और कस के उसकी चूची दबा सके…
फिर रजनी थोड़ी ऊपर हुई और उसने अपनी गांड के नीचे से अपनी ड्रेस हटा दी… राज फौरन अपनी आंटी का इशारा समझ गया…
उसने फौरन अपना हाथ नीचे किया और अपनी शॉर्ट्स की ज़िप खोल दी… लेकिन ज़िप खुलने के बाद भी उसका लंड आंटी की गांड में फँसा हुआ था…
रजनी ने अपनी गांड और ऊपर उठाई…
अनिल : क्या बात है जान…? तुम ठीक तो हो ना…? तुम्हें अपने भतीजे की गोद में बैठने में कोई परेशानी तो नहीं हो रही है ना… अगर तुम कहो तो मैं कार रोकता हूँ…
राज ने अपना आंडरवेयर नीचे कर दिया… जिस वजह से उसका लंड आराम से बाहर आ गया और रजनी अपने भतीजे के खड़े लंड पे अपनी गांड रख के बैठ गयी… उसकी नंगी गांड में उसके भतीजे का लंड दबने लगा…
रजनी : नहीं जान तुम्हें कार रोकने की कोई जरूरत नहीं है… मुझे लगता है की अगर मैं थोड़ा राइट को मूव करूँगी तो मैं कंफर्टबल हो जाऊंगी… तुम क्या कहते हो राज…? क्या तुम ठीक हो…? क्या तुम चाहते हो की मैं कुछ करूँ…?
राज ने अपने हाथ अपनी आंटी की नंगी गांड पे रख के कहा…
राज : आंटी अगर तुम थोड़ा ऊपर उठो तो मैं अपनी पोज़िशन ठीक कर लूँगा…
रजनी फौरन अपने भतीजे की बात समझ गयी… की वो क्या कहना चाह रहा है…
उसने फौरन अपनी गांड ऊपर उठाई जहाँ तक वो उठा सकती थी… फिर उसे ये महसूस हुआ की उसके भतीजे का एक हाथ उसकी गांड पे से हटा…
वो ये फौरन समझ गयी की उसका भतीजा अपने हाथ से क्या कर रहा है…
ये सोच के वो नीचे अपने भतीजे की गोद पे बैठने लगी… फिर तभी……
फिर तभी उसे अपने भतीजे लंड का सुपाडा अपनी चूत के छेद पे महसूस हुआ…
मस्ती में उसके मुंह से सिसकारी निकल गयी… आआआहह… और वो अपने भतीजे लंड पे बैठने लगी… उसके भतीजे का लंड उसकी गीली चूत में आराम से घुसने लगा…