Indian Sex Story खूबसूरत चाची का दीवाना राज - Page 4 - SexBaba
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Indian Sex Story खूबसूरत चाची का दीवाना राज

मस्ती में रजनी के मुंह से ज़ोर से सिसकारी निकलने लगी…

म्म्म्मममम… ऊऊऊओह… आआाअगघ…

रजनी की आहह सुन के अनिल घबरा गया…

अनिल : क्या हुआ रजनी तुम ठीक तो हो ना…?

रजनी : वो क्या….आ है… खार….अब रोड और… कार में लग रहे…. झटके की वज…..आह से…. मेरा घुटना कार के दरवाजे से टकराआ… गया और मुझे चोट लग गइईई…

अनिल : क्या कहा…? तुम्हें चोट लग गयी… रुको मैं अभी कार रोकता हूँ…

अपने पति की बात सुन के रजनी घबरा गयी…

रजनी : नहीं….. कार रोकने कोई जरूरत नहीं है… मुझे बस हल्की सी चोट आई है… और वैसे भी राज है ना… वो मेरे घुटनों का मसाज कर देगा… जिस से मेरा दर्द जल्द ही खत्म हो जाएगा… इस लिए तुम मेरी फिक्र छोड़ो और कार की स्पीड थोड़ा बड़ाओ… कहीं ऐसा ना हो की हम को फार्महाउस पहुँच ने में देर हो जाए… और हाँ रेडियो का वॉल्यूम थोड़ा बढ़ा दो… ताकि मेरी दर्द से भरी आवाज़ सुन के कहीं तुम फिर से कार रोकने ना लग जाओ…

अनिल : तुम कहती हो तो ठीक है… बेटा राज अपनी आंटी का अच्छे से मसाज करना… और ये ध्यान रखना की उसे पूरा आराम मिले…

फिर अनिल ने कार की स्पीड बढ़ा दी और रेडियो का वॉल्यूम तेज कर दिया…

राज : अंकल आप फिक्र मत करो मैं आंटी का अच्छे से मसाज करूँगा…

ये कह के राज अपनी आंटी की चूची को अपने हाथों से कस कस के मसलने लगा…

रजनी ने अपना सीना आगे कर दिया ताकि राज और कस के उसकी चूची दबा सके…

फिर रजनी थोड़ी ऊपर हुई और उसने अपनी गांड के नीचे से अपनी ड्रेस हटा दी… राज फौरन अपनी आंटी का इशारा समझ गया…

उसने फौरन अपना हाथ नीचे किया और अपनी शॉर्ट्स की ज़िप खोल दी… लेकिन ज़िप खुलने के बाद भी उसका लंड आंटी की गांड में फँसा हुआ था…

रजनी ने अपनी गांड और ऊपर उठाई…

अनिल : क्या बात है जान…? तुम ठीक तो हो ना…? तुम्हें अपने भतीजे की गोद में बैठने में कोई परेशानी तो नहीं हो रही है ना… अगर तुम कहो तो मैं कार रोकता हूँ…

राज ने अपना आंडरवेयर नीचे कर दिया… जिस वजह से उसका लंड आराम से बाहर आ गया और रजनी अपने भतीजे के खड़े लंड पे अपनी गांड रख के बैठ गयी… उसकी नंगी गांड में उसके भतीजे का लंड दबने लगा…

रजनी : नहीं जान तुम्हें कार रोकने की कोई जरूरत नहीं है… मुझे लगता है की अगर मैं थोड़ा राइट को मूव करूँगी तो मैं कंफर्टबल हो जाऊंगी… तुम क्या कहते हो राज…? क्या तुम ठीक हो…? क्या तुम चाहते हो की मैं कुछ करूँ…?

राज ने अपने हाथ अपनी आंटी की नंगी गांड पे रख के कहा…

राज : आंटी अगर तुम थोड़ा ऊपर उठो तो मैं अपनी पोज़िशन ठीक कर लूँगा…

रजनी फौरन अपने भतीजे की बात समझ गयी… की वो क्या कहना चाह रहा है…

उसने फौरन अपनी गांड ऊपर उठाई जहाँ तक वो उठा सकती थी… फिर उसे ये महसूस हुआ की उसके भतीजे का एक हाथ उसकी गांड पे से हटा…

वो ये फौरन समझ गयी की उसका भतीजा अपने हाथ से क्या कर रहा है…

ये सोच के वो नीचे अपने भतीजे की गोद पे बैठने लगी… फिर तभी……

फिर तभी उसे अपने भतीजे लंड का सुपाडा अपनी चूत के छेद पे महसूस हुआ…
मस्ती में उसके मुंह से सिसकारी निकल गयी… आआआहह… और वो अपने भतीजे लंड पे बैठने लगी… उसके भतीजे का लंड उसकी गीली चूत में आराम से घुसने लगा…
 
जैसे जैसे वो अपने भतीजे लंड पे बैठ रही थी… उसके भतीजे का लंड उसकी चूत को फैलाता हुआ अंदर घुसने लगा…

रजनी खुद को रोक नहीं पाई और मस्ती में ज़ोर से सिसक उठी…
आाागघ…

उसकी सिसकारी सुन के उसके पति ने पीछे मूंड़ के उस से पूछा…

अनिल : रजनी तुम वाकई में चाहती हो की मैं कार ना रोंकू…

रजनी तब तक खुद को नीचे करती रही जब तक उसे अपने भतीजे लंड का उसकी चूत में पूरा अंदर तक घुसने का एहसास ना हो गया…

रजनी : नो, नो, डॉन’ट स्टॉप… मैं चाहती हूँ की तुम बिना रुके आगे बढ़ते रहो… मैं अगले आधे घंटे तक खुद को संभाल सकती हूँ… क्यों राज तुम्हारे लिए आधा घंटा ठीक है ना…?

राज : हाँ आंटी… जब तुम मेरे ऊपर दोबारा बैठी थी तब मैंने अपनी पोज़िशन ठीक कर ली थी… अब आधा घंटा तो क्या…? मैं तुम्हें एक घंटे तक संभाल सकता हूँ…

लेकिन मुझे थोड़ा ऊपर उठना पड़ेगा ताकि मैं खुद को ठीक से सेट कर सकूँ…

रजनी : क्या तुम चाहते हो की मैं तुम्हारे साथ उठु…?

राज : नहीं आंटी तुम मेरी गोद में ही बैठी रहो… मैं अपने साथ तुम को भी उठा लूँगा…

ये कह के राज अपनी आंटी का कंधा पकड़ के उसे अपने लंड की तरफ दबा के ऊपर उठने लगा… जिस से उसका लंड आंटी की चूत में जड़ तक घुस गया…


रजनी उसी वक्त मस्ती में झड़ गयी… और अपनी गांड आगे पीछे हिलाने लगी… ताकि उसके भतीजे का लंड उसकी चूत में अंदर बाहर हो सके…

अपने भतीजे के लंड को अपनी चूत में अंदर बाहर करते हुए रजनी अपने पति की तरफ देख रही थी…

राज भी मस्ती में अपनी आंटी की चूत में तेजी से अपना लंड अंदर बाहर करते हुए उसे चोद रहा है…

रजनी कार में नंगी हो के अपने पति की मौजूदगी में अपने भतीजे से चुदा रही है…

रजनी : अनिल… तुम्हें क्या लगता है…? कितना टाइम लगेगा हम को मीटिंग में…? क्योंकि मीटिंग के बाद हम को शॉपिंग पे भी जाना है…?

अनिल : मीटिंग एक घंटे में खत्म हो जाएगी… उसके बाद तुम दोनों शॉपिंग पे जा सकते हो… काम में बिज़ी होने की वजह से मैं नहीं जा सकूँगा… लेकिन तुम दोनों जा सकते हो… तुम जब चाहे अपने भतीजे के साथ जा सकती हो…


अपने भतीजे का लंड अपनी चूत में लिए चुदाई करते रजनी अपनी पति से बात कर रही है… इस एहसास से और भी ज्यादा हर्नी हो गयी और वो झड़ने लगी…

झड़ने के बाद अपने भतीजे लंड पे उछलते हुए रजनी ने कहा…
रजनी : अनिल मैं तुम्हारी मजबूरी समझ सकती हूँ… तुम फिक्र मत करो… मैं अपने भतीजे साथ कहीं भी… कभी भी… कितनी बार भी… आ सकती हूँ…
क्यों राज ठीक है ना…?

राज : आंटी तुम जब चाहो… जितनी बार चाहो… आ सकती हो… मुझे कोई प्राब्लम नहीं है… बल्कि तुम्हारे बार बार आने से मुझे बेहद खुशी होगी… जितनी बार तुम आओगी मुझे उतना ही अच्छा लगेगा…

ये कहने के बाद राज अपनी आंटी की गांड को अपने हाथ में पकड़ के आंटी की चूत में कस कस के अपना लंड पेलने लगा…

दोनों आंटी राज की इस डबल मीनिंग की बात से अंजान अनिल अपनी धुन में कार चला रहा है…
 
राज : आंटी तुम जब चाहो… जितनी बार चाहो… आ सकती हो… मुझे कोई प्राब्लम नहीं है… बल्कि तुम्हारे बार बार आने से मुझे बेहद खुशी होगी… जितनी बार तुम आओगी मुझे उतना ही अच्छा लगेगा…

ये कहने के बाद राज अपनी आंटी की गांड को अपने हाथ में पकड़ के आंटी की चूत में कस कस के अपना लंड पेलने लगा…

दोनों आंटी राज की इस डबल मीनिंग की बात से अंजान अनिल अपनी धुन में कार चला रहा है…

राज : आंटी तुम्हें क्या लगता है…? तुम कितनी जल्दी आने वाली हो…?

रजनी : बहुत जल्द राज… बहुत जल्द…

ये के रजनी अपनी गांड तेजी से अपने भतीजे लंड पे आगे पीछे करने लगी…

अपने भतीजे साथ चुदाई में उसके जिस्म का सिर्फ़ एक ही हिस्सा हिल रहा था और वो है उसकी गांड…

उसने अपने सर को बिलकुल सीधा रखा था ताकि उसके पति को कोई शक ना हो…

तभी उसे ये महसूस हुआ की वो झड़ने वाली है… उसने फौरन अपने भतीजे का हाथ अपनी गांड पे से हटा के चूची पे रख दिया…

अपने भतीजे का लंड चूत में और हाथ अपनी चूची पे महसूस कर के रजनी मस्ती में झड़ने के करीब पहुँच गयी… उसका जिस्म मस्ती में काँपने लगा और वो झड़ने लगी… उसकी चूत से रस का सैलाब बहने लगा और वो करीब 30 सेकेंड्स तक झड़ती रही… ये अब तक का उसका सबसे लंबा ऑर्गॅज़म था… झड़ने के बाद वो अपने भतीजे ऊपर ढेर हो गयी…

लेकिन उसका भतीजा अभी तक झड़ा नहीं था… वो धनधन दनादन अपनी आंटी की चूत में अपना लंड पेल रहा था…

लेकिन अचानक राज झड़ने लगा… वो अपने लंड की पिचकारी आंटी की चूत में मारने लगा… और देखते ही देखते राज ने अपनी आंटी की चूत को अपने वीर्य से भर दिया…

दोनों आंटी बेटा इस जबरदस्त चुदाई के बाद थक के आराम करने लगे…

अनिल : आगे का साइन बोर्ड बता रहा है की आगे 10 मिनट की दूरी पे एक ढाबा है… क्या तुम लोग कुछ खाना चाहोगे…?

राज : हाँ अंकल मुझे बहुत भूख लगी है… मैं पूरा खाली हूँ…

अपने भतीजे की बात सुन के रजनी ने पीछे मूंड़ के अपने भतीजे की तरफ देखा और उसके होठों को चूम के वो मुस्कराने लगी…

राज : आंटी तुम क्या खाओगी…

रजनी ने अपने भतीजे को आँख मार के कहा…

रजनी : मैं तो वैसे पूरी फुल हूँ… लेकिन तू कहता है तो मैं कुछ खा लूँगी…

रजनी कार की फ़्लोर मेट से अपनी पैंटी उठाने के लिए झुकी…
उसके झुकते ही उसके भतीजे का लंड उसकी चूत से बाहर आ गया…
रजनी ने अपनी पैंटी में अपने पैर डाले और जैसे ही वो अपनी पैंटी ऊपर करने लगी उसके भतीजे ने झट से अपनी उंगली आंटी की चूत में डाल दी…

रजनी ने अपने भतीजे के हाथ पे एक चपत लगाई… तो उसने फौरन अपनी उंगली आंटी की चूत से बाहर निकाल ली… और रजनी ने अपनी पैंटी पहन ली और अपनी ड्रेस के बटन बंद करने लगी…

राज ने भी अपना लंड अपनी पेंट में डाला और ज़िप बंद कर दिया…

फिर तीनों ने मजे से अपनी पसंद का खाना ढाबे पे खाया…
और…
रजनी : अनिल यहाँ से हम को और कितना वक्त लगेगा फार्म हाउस पहुँचने में…

अनिल : और 2 घंटे… तुम्हें कोई प्राब्लम तो नहीं है ना अपने भतीजे की गोद में बैठने में…

रजनी : नहीं मुझे तो कोई प्राब्लम नहीं है… बल्कि मैंने तो बारे बड़े आराम से एडजस्ट कर लिया था… और आगे भी बड़े आराम से कर लूँगी… क्यों राज तुम्हें तो कोई प्राब्लम नहीं है ना अपनी आंटी को गोद में लेने में…

राज : नहीं आंटी… मुझे कोई प्राब्लम नहीं है… अपनी आंटी को गोद में लेने में… मैं तो बड़े आराम से अगले 2 घंटे तक गोद में ले सकता हूँ तुम्हें…

अनिल : अगर ऐसी बात है तो फिर चलो…

रजनी : अनिल तुम चलो मैं वॉशरूम हो के आती हूँ…

राज : अंकल मैं भी सोच रहा हूँ की वॉशरूम हो आऊँ … 2 घंटे का सफ़र है… कहीं रास्ते में प्रेसर लग गया तो प्राब्लम होगी…

अनिल : ठीक है… मैं कार में इंतजार करता हूँ… तुम दोनों जल्द ही आ जाना…
ये कह के अनिल कार की तरफ चला जाता है…

रजनी : राज आज तेरे लंड ने तो मुझे जन्नत दिखा दिया… कसम से अपने पति की मौजूदगी में अपने भतीजे से चुदवाने में एक अलग ही मजा है… आज तू ने मेरी चूत को अपने दमदार लंड से चोद के मस्त कर दिया…
 
राज : आंटी मुझे भी तुम्हें चोदने में बेहद मजा आया… आंटी क्यों ना एक राउंड और हो जाए…?

रजनी : अभी थोड़ी देर पहले तो तू ने मुझे चोदा था… मुझे चोद के क्या तेरा जी नहीं भरा… जो दोबारा चोदने की बात कर रहा है…

राज : आंटी तुम हो ही इतनी सेक्सी की चाहे मैं तुम्हें कितना भी चोद लूँ … लेकिन हर चुदाई के बाद मेरे अंदर तुम्हें और चोदने की इच्छा होने लगती है… मेरा दिल करता है की मैं हर वक्त तुम्हारी रसीली चूत में अपना लंड डाले रहूं…

रजनी : तू भी ना… हमेशा अपने लंड से ही सोचता है… कभी तो अपने लंड की जगह अपने दिमाग से सोच लिया कर… मैं तेरी आंटी हूँ बीवी नहीं… जो तू हर वक्त मुझ से चुदाई की बात करता है…

राज : आंटी… आपको रो का किसने है… बन जाओ ना मेरी बीवी…

राज : मैं तो अपने लंड पे तुम्हारा नाम लिख के तुम्हें अपने दिल और लंड दोनों से कब की अपनी बीवी मान चुका हूँ… जाने तुम कब अपनी चूत पे मेरा नाम लिख के मुझे अपना पति बनाओ गी…

रजनी : बेटा तू जो कह रहा है… वो करना मेरे लिए आसान नहीं है… मैं भले ही तुझसे बेहद प्यार करूँ… तेरे मूसल जैसे 8 इंच के लंड से चाहे जितना चुदा लूँ … लेकिन फिर भी इस सब से ये सच झूठ में तो नहीं बदल जाएगा की मैं अभी भी तेरे अंकल की पत्नी हूँ… लेकिन मैं तुझसे ये वादा करती हूँ की जिस दिन मुझे दिल ये लगेगा की मुझे अब अपने पति के साथ नहीं रहना… मुझे तेरी बीवी बन ना है… मैं खुद ही अपनी चूत पे तेरा नाम लिखवा लूँगी…
और अपने पति को छोड़ के तुझ से शादी कर लूँगी… ये मेरा वादा है तुझसे…

अपनी आंटी की बात सुन के राज बेहद खुश हो जाता है… और आगे बढ़ के अपनी आंटी के होठों को चूम लेता है…

रजनी अपने भतीजे की इस अचानक हरकत पे चौंक जाती है और फौरन अपने भतीजे से अलग होती है…

रजनी : राज तू कहीं पागल तो नहीं हो गया… ये क्या कर रहा है… मैं तेरी आंटी हूँ… और तू यहाँ पब्लिक प्लेस में अपनी आंटी को किस कर रहा है… किसी ने हम को देख लिया तो क्या सोचेगा वो हमारे बारे में…

राज : आंटी तुम बेकार में डर रही हो… हम को यहाँ जानता ही कौन है… और रही बात किसी के कुछ कहने की तो जो भी हम को देखेगा एक ही बात कहेगा… वाउ यार क्या मस्त जोड़ी है… दोनों एक दम “मेड फॉर ईच अदर” लगते हैं

राज की बात सुन के रजनी शरमाते लगी…

रजनी : चल झूठे… हम किस एंगल से मेड फॉर ईच अदर लगते हैं… चल अब ज्यादा बातें ना बना और जल्दी से वॉश रूम हो के आ तुम्हारे अंकल हमारा कब से इंतजार कर रहे हैं… कहीं वो यहाँ आ गये और उन्होंने हम को चुदाई की बात करते देख लिया तो…?

राज : आंटी…. तुम बेकार में अंकल से इतना डरती हो…

रजनी : डरना पड़ता है बेटा…चाची भतीजे के बीच में ऐसे रिश्ते नहीं होते… दुनिया में चाची भतीजे के बीच के प्यार और चुदाई को नाजायज कहते हैं…
चल अब ये सब छोड़ …

राज : क्या कहा चोद…

रजनी : जी नहीं… मैंने चोद नहीं छोड़ कहा… तू ना कुछ भी सुनता है…
ये कह के रजनी उठ के वहाँ से जाने लगती है…

राज : आंटी… कहाँ चली…?

रजनी : “सू सू” करने…

राज : रुको आंटी… मैं भी चलता हूँ तुम्हारे साथ… दोनों साथ में कर लेंगे…सू सू …

रजनी : छीई गंदे… ऐसे काम भी कोई आंटी बेटा साथ में करते हैं क्या…? तू ना… कभी नहीं सुधरेगा…

ये कह के रजनी लॅडीस टॉयलेट में चली जाती है… और सू सू करने लगती है…
तभी अचानक ………………………………………………………
 
तभी अचानक राज वहाँ आ जाता है और अपनी आंटी को सू सू करते हुए देखने लगता है…

रजनी अपने भतीजे को देख के चौंक जाती है…

रजनी : राज तू यहाँ क्या कर रहा है…? जा यहाँ से… देख नहीं मैं सो सो कर रही हूँ…

राज : आंटी मैं वो ही देखने आया हूँ… है आंटी तुम सू सू करते वक्त कितनी सेक्सी लगती हो…

रजनी : राज… पागल मत बन… जा यहाँ से… अगर यहाँ कोई आ गया तो…

राज : डरो मत आंटी यहाँ कोई नहीं आएगा…

रजनी सू सू करने के बाद जैसे ही उठने लगती है… राज उसे रोक देता है…
रजनी : क्या हुआ…? तू ने मुझे क्यों रोक दिया… मेरा हो गया… अब चल…

राज : नहीं आंटी अभी नहीं… अभी एक बेहद जरूरी काम बाकी है…

रजनी : क्या है वो बेहद जरूरी काम…?

राज अपना लंड पेंट में से बाहर निकाल के कहता है…

आंटी मैं ये चाहता हूँ की तुम कार में मेरा लंड अपनी चूत में ले के बैठो… लेकिन चूत में लंड लेने के लिए लंड का खड़ा होना जरूरी है… इसलिए तुम बिना कोई सवाल किए मेरे लंड को चूस के खड़ा करो…

रजनी अपने भतीजे की बात सुन के शर्मा जाती है और आँख मार के अपने भतीजे का लंड चूसने लगती है…

रजनी मजे से अपने भतीजे का लंड चूस रही है…

वो मजे से अपने भतीजे लंड को मुंह में ले कर अंदर बाहर कर रही है…

लंड काफी बड़ा है और वो पहली बार किसी का लंड अपने मुंह में ले रही थी.

आधा लंड ही वो अपने मुंह में ले पा रही थी जिसे वो बारे ही चाव से चूसे जा रही थी और राज की गोटियों को अपने हाथ में लेकर हौले हौले मसल रही थी… राज को बेहद मजा आ रहा था… मस्ती में आकर उस ने अपनी आंटी का सर अपने दोनों हाथों में लेकर उसके मुंह को चोदना शुरू कर दिया… उस का लंड अब उसकी आंटी के गले तक पहुँच रहा था जिस से आंटी के मुंह से गू गू की आवाज़ निकलने लगी…

आंटी की ऐसी हालत देख के राज ने उसके सर पे अपनी पकड़ लूस कर दी और अपने लंड को उसके गले में उतरना बंद कर दिया.

राज को रुकते देख आंटी ने खुद कमान संभाल ली और राज के लंड को खुद अपने मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दिया.

अब राज से बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था… उसके मुंह से मस्ती में आवाज़ निकल रही थी. वो झड़ने के करीब पहुंच चुका था..
तभी आंटी का मोबाइल बजने लगा…

कॉल अंकल का था… वो दोनों जल्दी से आने को कह रहे हैं…

राज जल्दी चलो कहीं ऐसा ना हो की अंकल यहाँ आ जाए… हम को जल्दी से चलना चाहिए… अब जो भी करना कार में करना… अब चलो…

ये कह के रजनी ने राज को आँख मारी और एक नॉटी स्माइल के साथ उठ कर अपने होठों पे लिपस्टिक लगानी शुरू कर दी.

राज ने रजनी को अपनी बांहों में भरना चाहा पर रजनी ने उसे रोकते हुए कहा अभी हम लेट हो रहे हैं और फिर उसने अपनी लिपस्टिक राज को पकड़ा दी और अपनी गान्ड मटकाते हुए कार की तरफ चल दी.

राज ने रजनी के गोल गोल मटकते चूतड़ को देख कर एक आह भरी और अपने पेंट में लंड को डाल कर वो भी रजनी के पीछे पीछे चल दिया.

बाहर आकर राज ने कार में बैठ के अपना खड़ा लंड पेंट में से बाहर निकाला और आंटी को उस पे बैठने का इशारा किया…

रजनी एक सेक्सी स्माइल के साथ अपनी स्कर्ट पीछे से उठा के अपने भतीजे लंड को अपनी गांड के बीच में दबा के उसकी गोद में बैठ गयी…

अनिल : चलें…

रजनी : हाँ चलो…

अनिल : आगे का रास्ता बहुत पथरीला और खराब है… रास्ते में खड्डे भी बहुत हैं… थोड़ा संभाल के बैठना… कहीं ऐसा ना हो की तुम दोनों में से किसी को चोट लग जाए…

रजनी : अनिल आप हमारी फिक्र मत करो… हम संभाल लेंगे… वैसे खराब रास्ते कभी कभी सजा के बजाए मजा देते हैं… इसी बहाने मैं एक मोस्टर राइड का मजा ले सकूँगी… क्यों राज…? मैं ठीक कह रही हूँ ना…?

राज : हाँ आंटी क्यों नहीं… अंकल आप हमारी फिक्र मत करो… जल्दी चलो कहीं ऐसा ना हो की हम को वहाँ पहुँचने में देर हो जाए…
अनिल : ठीक है…
फिर अनिल कार की बढ़ता बढ़ा देता है… कार उस पथरीले रास्ते पे दौड़ ने लगती है…
 
खराब रास्ते की वजह से कार में दोनों को झटके लगने लगते हैं…

रजनी अपनी नंगी गांड लिए अपने भतीजे के खड़े लंड पे उछलने लगती है…

राज का खड़ा लंड आंटी की गांड के छेद से टकराने लगता है… रजनी अपने भतीजे के लंड की रगड़ अपनी गांड के छेद पे महसूस करके मस्त हो जाती है… 
राज आगे हाथ बढ़ा के अपनी आंटी की चूची को दबाने लगता है…

रजनी मस्ती में खोई हुई है तभी अचानक एक खड्डे की वजह से कार को एक ज़ोर का झटका लगता है… और रजनी राज की गोद पे उछल जाती है… और उस झटके में राज के लंड का सुपाडा उसकी आंटी की वर्जिन गांड में घुस जाता है…

रजनी अपनी वर्जिन गांड में अपने भतीजे मूसल जैसे लंड के सुपाडे को झेल नहीं पाती और दर्द से कराह उठती है…
आआाअगघ…

अनिल : क्या हुआ रजनी…?

रजनी : कुछ नहीं जी… वो क्या है की कार में झटके की वजह से मुझे थोड़ी चोट लग गयी…

अनिल : चोट ज्यादा तो नहीं लगी… तुम कहो तो मैं कार रोक दूं…

रजनी : नहीं उसकी कोई जरूरत नहीं… मुझे चोट ज्यादा नहीं लगी…

अनिल : ठीक है.

अनिल : थोड़ा संभाल के बैठो…

रजनी : अनिल अच्छे गाने लगाओ और आवाज़ थोड़ा तेज रखना…

अनिल : ठीक है रजनी…
ये कह के अनिल गाने लगा देता है और वॉल्यूम तेज कर देता है…

रजनी : राज अपने प्लेन को सम्भालो… गलत जगह लॅंड कर रहा है…


राज : नहीं आंटी… मेरा प्लेन गलत जगह नहीं बल्कि अपनी फेव जगह लॅंड कर रहा है… प्लीज़ आंटी आज मेरे प्लेन को अपनी फेव जगह लॅंड कर लेने दो…

रजनी : नहीं मेरे लाल… बात को समझो… मैं ऐसा नहीं कर सकती… मेरी गांड वर्जिन है… वो तुम्हारे मूसल जैसे लंड को नहीं झेल पाएगी… अभी तुम मेरी चूत मार लो… गांड फिर कभी मार लेना…

ये कह के रजनी थोड़ा ऊपर उठ के अपने भतीजे का लंड अपनी रस भरी चूत के छेद पे लगा के उसपर बैठ जाती है… और अपनी कमर आगे पीछे करते हुए अपने भतीजे लंड पे मजे उछलने लगती है…

राज का लंड तेजी से अपनी आंटी की चूत में आगे पीछे होने लगता है…

और एक बार से आंटी और राज की चुदाई शुरू हो जाती है…

दोनों मस्ती में एक दूसरे तृप्त करने में लग जाते हैं…
रजनी : म्म्म्ममम… ऊऊओह… राज बड़ा मजा आ रहा है… है…. ऐसे ही धक्के लगाते जाओ … आआआआहह…

रजनी मस्ती में सिसकारी ले रही थी… राज रजनी के होठों को चूसने लगा… और नीचे से कस कस के धक्के लगाने लगा… रजनी की मस्ती भरी सिसकारी राज के मुंह में दब के रह गयी… राज अपनी आंटी की चूत में जड तक अपना घुसा के धक्के मारने लगा… रजनी मस्ती में कराह उठी आआआहह…. राज… उइईई… माआआआ… मैं ….गीईईई….
ईईईईई… आआआअहह… मेरी चूत्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त….
ये कह के रजनी झड़ने लगी…

राज पूरे जोश में आ के अपनी आंटी के दोनों बूब्स को अपने हाथ से दबाते हुए जम के आंटी की चूत में अपना मूसल जैसा लंड पेलने लगा..रजनी की गीली चूत में राज का मोटा लंड मजे अंदर बाहर होने लगा… झड़ने के बाद भी रजनी मस्ती में सिसक रही थी… वो अपने पति की मौजूदगी में पूरी तरहा से चुदाई में अपने भतीजे का साथ दे रही थी…

आंटी और राज की इस चुदाई में कार में लग रहे झटके पूरी तरह से उनका साथ दे रहे थे… हर धक्के पे रजनी की चूची उछल रही थी…
राज अपनी आंटी की सेक्सी गांड पकड़ के राजधानी की रफ़्तार में चुदाई कर रहा था…

फिर कुछ ही देर में दोनों आंटी बेटा मस्ती में एक साथ झड़ने लगे…

राज ने अपनी आंटी की चूत को अपने वीर्य से लबा लब भर दिया…

रजनी की चूत से उसके भतीजे का वीर्य बह के बाहर आने लगा…

झड़ने के बाद रजनी ने अपने भतीजे को कस के किस किया और फिर अपनी पैंटी पहनी…

अनिल : लो हम पहुँच गये अपनी मंजिल पे…

रजनी और राज ने एक साथ जवाब दिया हम भी… ये कह के दोनों हँसने लगे…
फिर अपने कपड़े ठीक कर के दोनों कार से बाहर निकले और अनिल के साथ मीटिंग के लिए फार्महाउस के अंदर चले गये….

दोस्तो इस तरह राज रजनी की चुदाई के मज़े लेता रहा और कुछ दिन बाद खुशख़बरी मिली कि रजनी माँ बनने वाली है . दोस्तो इस खबर से अनिल और रजनी की खुशी की कोई सीमा नही रही . राज भी बहुत खुश था क्योंकि उसने जो सोचा था वो पूरा होने जा रहा था 

समाप्त
 
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