Jawan Ladki Chudai कच्ची कली - Page 6 - SexBaba
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Jawan Ladki Chudai कच्ची कली

में ने गंगा को उसके बगल से पकड़ के उठाया और अपनी दोनो बाँहों में 
दोनो को ले के बेडरूम में आ गया गंगा ने लक्ष्मी से बोला के देख 
लक्ष्मी तुझे तो राज बाबू सुबह से चोद रहे है और में राजा बहू की 
चुदाई की भूकी हू और अभी भी मेरी चूत प्यासी है तो अब थोड़ी देर 
तू मुझे ही चुदवाने दे और तू आराम कर और देख हमारी चुदाई यह 
सुनते ही लक्ष्मी का मूह लटक गया वो समझी के अब सिर्फ़ गंगा ही 
चुदवाएगी तो में ने कहा क्यों फिकर करती हो हम तीनो मज़े 
करेंगे में तुम दोनो को चोद के खुश करदूँगा हम तीनो मिल कर 
चुदाई करते है और इसे इंग्लीश में थ्रीसम कहते है इतना सुनते 
ही लक्ष्मी का चेहरा चौदहवीं के चाँद की तरह से चमकने लगा लगता 
है लक्ष्मी की चूत गंगा की चूत से ज़ियादा गरम और प्यासी है और 
सच तो यह है दोस्तो के लक्ष्मी की उमर भी गंगा से कम है और उसकी 
चुचियाँ भी छोटी और चूत तो आअहह इतनी टाइट चूत बॅस गीता की 
ही चोदि थी उसके बाद लक्ष्मी की चूत सब से छोटी मिली है चोदने को 


मेरा लंड तो रॉकेट की तरह से तय्यार खड़ा था मुझे गंगा ने बेड 
पे चित्त लिटा दिया और उसके कुछ करने से पहले ही लक्ष्मी जल्दी से मेरी 
टाँगो के बीच आ के बैठ गई और मेरे लंड को अपने मूह में ले के 
चूसने लगी तो गंगा हंस के बोली लक्ष्मी तो बहुत बेसब्री है रे ऐसा 
लगता है जानम जनम की प्यासी है तो लक्ष्मी ने मूह से बिना लंड 
निकाले उसकी तरफ आँख घुमा कर देखा उसकी आँखो में चमक से 
सॉफ पता चल रहा था के वो लंड चूसने से कितनी खुश है में ने 
गंगा से कहा के इधर आ जाओ और मुझे तुम्हारी प्यारी चूत का अमृत 
तो पिलाओ तो वो बेड के ऊपेर चढ़ के आ गई और मेरे सर के दोनो तरफ 
अपने घुटने मोड़ के मेरे मूह पे बैठ गई तो में हाथ बढ़ा के उसके 
मम्मे मसलने लगा निपल्स को निचोड़ने लगा और उसकी गरम रसीली 
चूत को चूसने लगा 
गंगा मेरे मूह पे बैठी अपनी चूत रगड़ रही थी और फिर अपने हाथ 
सामने की ओर कर के ऐसे पोज़िशन में थी के उसकी गान्ड लक्ष्मी के मूह के 
सामने आ गई थी गंगा मस्ती में चूर थी और बहुत ज़ोर ज़ोर से 
अपने चूतड़ उठा उठा के मेरे मूह को चोद रही थी मेरे दाँतों से 
उसकी क्लाइटॉरिस रगड़ खा रही थी तो वो मस्ती में दीवानी हुई जा रही 
थी और गंगा के मूह से आआआआआहह 
सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ऊओह और आआआअ हह 
जैसी आवाज़ें निकल रही थी और घुटनो के ऐसे ही बेड पे रखे दोनो 
हाथ आगे की तरफ टीका के घोड़ी जैसी पोज़िशन बना के आगे पीछे 
मस्ती में हिल रही थी और मेरे मूह से चुदवाइ का मज़ा ले रही थी 
लक्ष्मी गंगा की गान्ड को 
गौर से देख रही थी और देखते देखते लक्ष्मी की राइट हॅंड की बीच 
वाली उंगली गंगा की गीली चूत में घुस गई और लक्ष्मी गंगा की चूत 
में उंगली डाल के चोद रही थी चूत में गोल गोल घुमा रही थी 
गंगा की चूत से तो रस्स की बरसात हो रही थी उसकी आँखें मस्ती 
में बंद हो गई थी और मूह से सिसकारियाँ निकल रही थी इतने में 
लक्ष्मी ने उंगली में से चूत का रस्स निकाल के गंगा की गान्ड के छेद में 
लगाना शुरू किया और उसी उंगली से थोड़ी देर गान्ड मारती रही
 
इतने में 
ही लक्ष्मी जो अपनी उंगली से गंगा की गान्ड मार रही थी और चूत के 
रस्स से गान्ड को चिकना बना दिया था, गान्ड से उंगली निकाल के अपनी 
उंगलिओ को ऐसे मूव्मेंट दी के उसका अंगूठा गंगा की टाइट पिंक गान्ड 
में घुसेड दिया और वो बीच वाली उंगली उसकी गीली चूत में घुसेड 
दिया और ऐसे ही उंगली और अंगूठा अंदर बाहर कर के उसकी गान्ड और 
चूत एक साथ मारती रही तो गंगा के मूह से सिसकारिया निकलने लगी 
और बोली हहाआआआआआआआआआईईईईईईईईईई 
ल्लाअक्षकशक्षमम्मिईीईईईईईई आऐईईसस्स्स्सीईई हीईईई 
चूऊऊऊओद्द्द्दद्ड म्मेररीई गाआांनद्दद्ड अओउउउर्र्रर चूऊवटतत्त 
म्म्मादअरर्रररा आआआआहह बोहूऊऊवटतत्त माज़ाआआअ हाईए 
र्रईईईईई आईसीईई हहिईीईईईईईईई आआआआआहह 
ऊऊहह और यह कहते हुए गंगा का बदन झटके खाने लगा और वो 
एक बार फिर से झड़ने लगी ***************************************** 

मेरा लंड तो बहुत ज़ोर से तना हुआ था जोश में हिल रहा था और मेरी 
क्रीम तो अभी निकलने वाली नही थी गंगा झाड़ के मेरे मूह पे ऐसे ही गिर गई थी उसकी 
आँखें बंद थी और टाँगें खुली हुई थी और मेरे बदन के दोनो 
तरफ सीधी रखी हुई थी में अब अपनी पोज़िशन चेंज कर के उठ 
गया और गंगा के ऊपेर उल्टा लेट गया मेरा लंड गंगा की चुतडो की 
ख़ाइयों में रखा था और गंगा गहरी गहरी साँसें ले रही थी 
मेरी और गंगा की टाँगें पीछे की तरफ सीधी पोज़ीशन में थी में 
ने गंगा की गान्ड को थोड़ा सा ऊपेर उठाया और उसके पेट के नीचे एक 
पतला सा पिल्लो रख दिया जिस से उसकी गान्ड और चूत थोड़ा सा ऊपेर की 
ओर उठ गये थे गंगा की सीधी पड़ी हुई टाँगो को अपने सीधी टाँगो 
से थोड़ा खोला और अपना हाथ बढ़ा के गंगा की चुचियों को पकड़ के 
मसलने लगा आअहह क्या मस्त चुचियाँ थी उसकी एक दम से कड़क 
दोस्तो में ने देखा है के काम करने वाली लड़कियों और औरतों का बदन 
बहुत घाटीला और चुचियाँ बहुत कड़क होती है और निपल्स भी 
बहुत टाइट होते हैं गंगा और लक्ष्मी की चुचियाँ भी बहुत ही कड़क 
थी गंगा पेट के बल लेटी थी और में उसके ऊपेर पेट के बल लेटा था 
उसकी टाँगो को अपनी टाँगो से खोल दिया था और इस पोज़ीशन में उसकी गान्ड 
थोड़ी सी उठी हुई थी गंगा की चुचियों को मसल रहा था तो गंगा 
ने अपना हाथ अपनी दोनो टाँगो के बीचे से निकाल के मेरे लंड को पकड़ 
लिया और आगे पीछे करने लगी और अपनी चूत के सुराख में ऊपेर 
नीचे करने लगी जिस से लंड का सुपाडा जब उसकी चूत के दाने से 
टकराता तो उसके मूह से आअहह और ऊओह जैसे सिसकारियाँ निकल 
जाती लंड के प्री कम 
से और गीली चूत से सुपाडा एक दम से चिकना हो गया था गंगा 
थोड़ी देर ऐसे ही अपनी चूत की पंखुड़ियो के अंदर लंड को ऊपेर 
नीचे कर ते करते करते अपनी चूत के सुराख से सटा दिया लंड का 
सुपाडा गंगा की गीली चूत के पंखाड़िया खोले उसके सुराख से सटा 
हुआ था और उसकी टाइट चूत में घुसाने का बेसब्री से इंतेज़ार कर 
रहा थी जोश में हिल रहा था में गंगा को वो मज़ा देना चाहता था 
जिसकी वो कल्पना कर रही थी और उसके दोनो चुचियों को दोनो हाथो से 
ज़ोर से पकड़ लिया और उंगलिओ से उसके किशमिश जैसे एरेक्ट निपल्स को 
निचोड़ दिया और उसी समय एक इतना ज़ोर का धक्का मारा के उसकी आँखो से 
आँसू बहने लगे और उसके मूह से खोफ़नाक चीख निकल गई 
ऊऊऊऊऊऊऊओिईईईईईईईईईईईईई म्म्म्मीमममममाआआआआआआआ 
म्म्म्मओममाआअरर्र्र्रररीईईईईईई और एक ही झटके में पूरे का 
पूरा लोहे जैसा सख़्त मूसल लंड उसकी चूत को चीरता हुआ चूत की 
गहराइयों को नापने लगा मेरा झटका लगने से और गंगा की चीख निकलते ही लक्ष्मी का 
चेहरा लाल हो गया और लक्ष्मी गंगा से बोली ऐसे क्या पुकार रही है 
तू कितने दिनो से तो चुदवा रही है ऐसे कर रही है जैसे तेरी 
कुँवारी चूत आज ही फटी हो तो गंगा थूक निगलते हुए अटक ते अटक 
ते बोली के तेरी चूत में ऐसे लोहे जैसे सख़्त मूसल लंड का ऐसा 
तगड़ा धक्का लगे गा ना तो हरामज़ादी तो तू बेहोश ही हो जाएगी क्या 
समझती है तू राज बाबू के मूसल लंड को 
 
गंगा की चूत किसी भट्टी की तरह गरम थी अब में गंगा को उसके 
ऊपेर लेटे लेटे ही चोदने लगा इस पोज़िशन में लंड चूत के पूरा 
अंदर घुस चुका था और में अपनी गान्ड उठा के लंड को बाहर निकाल 
निकाल के चोदने लगा पास बैठी लक्ष्मी से बोला के तुम सामने आ के 
गंगा के सामने अपनी टाँगें खोल के चित्त लेटे जा तो वो फॉरन ही 
पोज़िशन समझ गई और अपनी टाँगें खोल के गंगा के सामने ऐसे लेटे 
गई के उसकी चूत गंगा के मूह के सामने थी और उसके दोनो पैर गंगा 
के नीचे हो गये थे 
अब में गंगा को चोद रहा था और उसके चुचियों को मसल रहा था और 
गंगा लक्ष्मी की पतले पंखुड़ियो वाली चूत को पूरा अपने मूह के अंदर 
ले के ऐसे चबा रही थी जैसे पान चबा रही हो और हाथ बढ़ा के 
लक्ष्मी के चुचियों को मसलने लगी और जैसे में उसके निपल्स को 
निचोड़ रहा था वैसे ही गंगा भी लक्ष्मी के निपल्स को निचोड़ने लगी 
और उसकी चूत के दाने को दाँतों से काट ने लगी मेरे धक्को से जैसे 
गंगा आगे पीछे हो रही थी वैसे ही उसका मूह भी लक्ष्मी की चूत 
में आगे पीछे हो रहा थी और उसके दाँत लक्ष्मी के चूत के दाने से 
लगने से उसे भी बहुत ही मज़ा आ रहा था लक्ष्मी की आँखें बंद हो 
गई थी और वो ऐसे ही लेटे लेटे चूत की चुस्वाई का मज़ा ले रही थी 
और आआहह गांननज्ग्गाआआआआआअ आाईईएसस्स्स्स्स्स्सीईई 
हहिईीईईईईई काआररर्र्र्र्ररर आआहह क्क्कीईईईईय्ाआअ 
माअज़्ज़ाआआअ आआआअ राआहाा हाअईई र्ररिईईई गांगाआ 
ऊऊऊीीईईईईई आअहह और उसका बदन ऐसे हिलने लगा जैसे बिजली के 
नंगे तारों को छू कर झटके खा रहा हो और अपने हाथो से गंगा के 
सर को पकड़ के अपने चूतड़ उछल उछल के गंगा के मूह को दीवानो 
की तरह चोदने लगी और उसके सर को अपनी चूत में घिसने लगी उसका 
बदन एक दम से अकड़ गया और अपनी गान्ड उठा के गंगा के मूह में अपनी 
चूत को ज़ोर से रडगा और काँपते हुए आआआआअहह और 
गगगगगघह की आवाज़ें निकालते हुए झड़ने लगी यह 
उसका ऑर्गॅज़म तकरीबन एक 
मिनिट तक चलता रहा उसकी आँखें बंद थी और बदन अकड़ गया था 
और अब धीरे धीरे नॉर्मल होने लगी थी तो गंगा ने कहा लक्ष्मी में 
ने तो तेरी चूत ही को काटा है तो तेरा यह हाल हो गया और जब यह 
राज बाबू के मूसल लंड से चुदवाएगी तो शाएद रोने लगे गी लक्ष्मी ने 
कुछ कहा नही क्यों के अभी भी उसका झड़ना बंद नही हुआ था उसकी 
आँखे ऊपेर को चढ़ गई थी और चूत में से समंदर जैसा जूस 
निकाल रहा था 

मेरे धक्के अब तेज़ होने लगे थे ज़ोर ज़ोर से तकरीबन डॉगी स्टाइल में 
चोद रहा था अब ग्रिप टाइट करने के लिए उसके नीचे से हाथ डाल के 
शोल्डर्स को बहुत टाइट पकड़ के घचा घच चोद रहा था ठप 
ठप की और प्प्पाक्च्छ प्प्पाक्च की आवाज़ें आ रही थी अब में भी बिल्कुल ही आउट ऑफ 
कंट्रोल हो रहा था दीवानो की तरह से अपना लंड अंदर बाहर कर के 
चोद रहा था लंड गंगा की चूत में किसी रेलवे एंजिन के शॅफ्ट की 
तरह से अंदर बाहर हो रहा था मेरे धक्को से उसका पूरा बदन 
आगे पीछे हो के हिल रहा था वो अब तक 2 टाइम झाड़ चुकी थी जिसकी 
वजा से उसकी चूत बहुत गीली हो गई थी और लंड आसानी से अंदर 
बाहर हो रहा था 
 
में गंगा को शोल्डर बहुत टाइट कस्स के पकड़ लिया और पूरा लंड 
सुपाडे तक बाहर निकाल निकाल के ज़ोर ज़ोर से शॉट्स मारने लगा और मुझे 
महसूस हो रहा था के मेरे लंड का सुपाडा उसके बच्चे दानी को ठोक 
रहा है गंगा के मूह से बस हप्प्प्प्प्प हप्प्प्प्प्प हप्प्प्प्प 
ऊओह आअहह सस्स्स्स्स्सस्स और ईईहह जैसे आवाज़ निकाल रही 
थी उसकी आँखें ऊपेर को चढ़ गई थी उसका बदन फिर से काँपने 
लगा और वो झड़ने लगी और मुझे लगा जैसे उसका बदन अब बे जान हो 
गया है और अब वो मेरे ग्रिप से निकल के नीचे गिरने वाली है में अपने लंड को पूरा 
सुपाडे तक बाहर निकाल निकाल के घपा घाप चोद रहा था और मुझे 
लगने लगा के अब में और सहन नही कर सकता और मेरी मलाई भी मेरे 
बॉल्स में उबल ने लगी थी मेरा सारा बदन पसीने में भीग चुका 
था दिमाग़ बिल्कुल ही सुन्न्ं (नमब) हो चुका था लगता था जैसे मुझे 
कुछ दिखाई ही नही आ रहा है और लंड को पूरा बाहर निकाल के एक 
इतनी ज़ोर का धक्का मारा के गंगा मेरे हाथो से स्लिप हो गई और अपने 
बॅलेन्स नही बना पाई और लक्ष्मी के बदन पे गिरने लगे और उसी समय 
मेरे लंड में से गरम मलाई की मोटी पिचकारी निकाल के बंदूक से 
निकली गोली की तरह उड़ती हुई दोनो के बदानो के बीचे में से उड़ती हुई 
लक्ष्मी के मूह तक चली गई और मलाई की एक लंबी मोटी धार उसके मूह 
से चूत तक लकीर बना के गिर गई और उसी समय गंगा भी लक्ष्मी के 
बदन पे गिरने लगी थी पर में ने उसको एक ही सेकेंड में गिरने से 
पहले ही अपने हाथ से राइट साइड में धकेल दिया और खुद एक ही झटके 
में आगे बढ़ के लक्ष्मी की खुली टाँगो के बीचे छलाँग लगा के 
फॉरन ही अपना लंड लक्ष्मी की चूत के अंदर पेल दिया जो लक्ष्मी की गीली 
चूत के अंदर ग्ग्गप्प्प्प की आवाज़ के साथ अंदर घुस गया और लक्ष्मी 
की आँखें बाहर निकल गई उसका मूह खुला रह गया लंड लक्ष्मी की 
समंदर जैसे गीली चूत में एक ही धक्के में अंदर तक 
ग्ग्गकककचह्क्ककककक की आवाज़ के साथ ही घुस गया और अब में लक्ष्मी की 
टाइट गीली चूत में अपना लंड घुसेड के उसको चोदने लगा मेरी मलाई 
निकलती रही और बाकी की मलाई से लक्ष्मी की चूत भरने लगी मेरा 
लंड तेज़ी से लक्ष्मी की चूत में घुसा था तो उसको बहुत ही मज़ा आया 
और मेरी गरम मलाई उसकी भट्टी जैसी गरम चूत के अंदर गिरते ही 
उसका बदन भी काँपने लगा और वो मेरे साथ ही झड़ने लगी मुझे 
लगा जैसे मेरे लंड में से 5 मिनिट तक कंटिन्यू मलाई की मोटी मोटी 
धारियाँ उछल उछल के निकलती ही रही और शाएद उसके बच्चे दानी पे 
गिरती रही और जब पूरी मलाई निकल गई तो में दूसरी तरफ लुढ़क 
गया मेरा लंड लक्ष्मी की जूस से भरी चूत में से प्पल्लप्प्प की आवाज़ 
के साथ निकल गया 
गंगा तो ऐसे चुदाई से बे हाल हो के गहरी गहरी साँसे लेती पड़ी 
थी पर अभी लक्ष्मी में जान बाकी थी तो लक्ष्मी गंगा के ऊपेर आ गई 
और मेरी मलाई जो दोनो के बदन पे गिरी थी उसको दोनो मिल के चाटने 
लगे 
चुदाई का यह सिलसिला रात भर चलता रहा रात के 3 बजे तक तो 
दोनो को अलग अलग स्टाइल में चोदा फिर तीनो तक के कब सो गये पता 
ही नही चला सुबह 7 बजे गंगा उठी और नहा धो के तय्यार हो गई 
क्यॉंके उसको सीता आंटी के घर जाना था काम के लिए जाते जाते 
लक्ष्मी को उठा दिया और बोला के वो जा रही है अंदर से दरवाज़ा बंद 
कर ले और राजा बाबू के लिए नाश्ता बना दे में शाम को यही आउन्गि फिर साथ में चलते 
है 
 
लक्ष्मी ने नाश्ता बनाया और मुझे उठाया के ऑफीस का टाइम हो 
गया है तो में अपनी आँखें मलते हुए उठा तो पहले तो मेरी समझ 
में नही आया के यह सब कया है फिर जब लक्ष्मी को नंगा देखा तो 
याद आया के कल से चुदाई का खेल चल रहा है तो में लक्ष्मी को उसका 
हाथ पकड़ के अपने ऊपेर खेच लिया मेरा लंड तो सुबह में मुझ से 
पहले ही उठ जाता है इसी लिए वो फुल अकड़ चुका था दोस्तो मॉर्निंग 
एरेक्षन बहुत ही पावरफुल होता है और उस समय चोदने का मज़ा कुछ 
और ही आता है तो ऐसे ही मेरा लंड भी सुबह सुबह बहुत ही ज़ोर से 
आकड़ा हुआ था और चुदाई का याद कर के और नंगी लड़की के नंगी बिना 
बालो वाली चिकनी चूत को देख के तो लंड के मूह में पानी आने लगा 
और में ने लक्ष्मी को अपने ऊपेर खेच लिया तो वो मेरे टाँगो के दोनो 
तरफ अपने घुटने मोड़ के ज्की की तरह मेरे ऊपेर आ गई में ने 
लक्ष्मी को झुकाया और अपनी गान्ड उठाया तो लंड ऑटोमॅटिकली लक्ष्मी की 
चूत से सत गया अब लंड को चूत का रास्ता दिखाने की ज़रूरत बाकी 
नही रही थी गान्ड उठा के एक ही झटका मारा और उसी समय लक्ष्मी 
भी मेर आकड़े हुए लंड पे बैठ गई तो लंड का सुपाडा उसकी चूत के 
सुराख में पूरा अंदर तक घुस गया में लक्ष्मी की मस्त चुचियों को 
चुसते चुसते लंड उसकी चूत में पूरा जड़ तक घुसेड दिया और 
लक्ष्मी भी उछल उछल के मस्ती में चुदवा रही थी लक्ष्मी कल से चुद 
रही थी इसी लिए उसकी चूत सूज गई थी पर मस्ती में चुदवाए जा 
रही थी मॉर्निंग एरेक्षन जो होता है वो बहुत ही पावरफुल होता है 
और यही हाल मेरे लंड का भी था लक्ष्मी मेरे ऊपेर बैठी थी और लंड उसकी चूत के 
अंदर पेट तक घुस चुका था पर मेरा मन कर रहा था के चुदाई 
भी लंड के पावरफुल एरेक्षन के जैसे ही पावरफुल होनी चाहिए इसी 
लिए उसको पलटा के नीचे लिटा दिया और लक्ष्मी ने अपने पैर मेरी कमर 
से लपेट लए मेरा पैर सीधे थे में बेड के किनारे का सहारा ले के 
लंड चूत से पूरा बाहर निकाल निकाल के पूरी ताक़त से चोद रहा 
था लक्ष्मी कल से चुद रही थी पर फिर भी ऐसे पावरफुल चुदाई से 
उसकी आँखों से फिर से पानी निकल ने लगा और वो 
आआआआआआहह ऊऊऊऊओह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स 
आअहह ब्बाआबबुउउुज्ज्जििइईई ब्ब्बूहूऊततत माज़ाआआअ आआताआ 
हाअईई ऊऊऊीीईईईई म्माआआ आईईसाआ मज़ाआ आअहह जैसी 
आवाज़ निकाल रही थी में लंड को पूरा बाहर तक खेच खेच के 
चोद रहा था चुदाई की स्पीड 100 धक्के पर मिनिट के हिसाब से चल 
रही थी, मेरी मलाई अब रेडी थी निकलने के लिए और एक फाइनल झटके 
मार के लक्ष्मी की सूजी हुई चूत में लंड पूरा जड़ तक पेल दिया और 
लंड उसकी बच्चे दानी से टकराया और मलाई की धार उछल उछल के 
निकलने लगी लक्ष्मी ने 
मुझे बहुत ज़ोर से पकड़ा हुआ था और अब उसकी आँखें भी बंद हो गई 
थी और साँस तेज़ी से चल रही थी और 
आआआआाागगगगगगगगगगघह की आवाज़ करते हुए उसका बदन 
काँपने लगा और वो भी मेरे साथ ही झड़ने लगी हम दोनो साथ साथ 
झडे इसी लिए बहुत ही मज़ा आया दोनो गहरी गहरी साँसें लेते 
रहे और एक दूसरे के ऊपेर ही पड़े रहे 
थोड़ी देर के बाद हम दोनो उठे और साथ ही स्नान करने बाथरूम में 
चले गये और एक दूसरे को साबुन लगा के साफ किया बाहर आ के 
नाश्ता किया और में लक्ष्मी से बोला के लक्ष्मी अब तुम थोड़ी देर रेस्ट ले लो 
में ऑफीस को जा रहा हू शाम में आउन्गा तब तक गंगा भी आ 
जाएगी
 
दोनो मेरे साथ बहुत ही खुश हैं अब तो यह मामूल बन गया 
है के एक रात मेरे पास गंगा रहती है तो दूसरी रात लक्ष्मी रहती 
है और में दोनो को जी भर के चोदता हू दोनो का खाना मेरे पास फ्री 
है दोनो पकाते है और हम सब मिल के खाते है 
सीता आंटी को भी बराबर टाइम देता हू और गीता को भी स्कूल आते 
जाते बाइक पे ही चोदता हू कभी कभी रोडसाइड पे लगे पेड़ों के 
नीचे बाइक रुका के वही चोद लेते है इसी तरह से ज़िंदगी गुज़र 
रही है सीता आंटी को पता नही में गीता को चोद चुका हू पर 
गीता को शक्क है के में उसकी मम्मी को चोद ता हू गंगा और लक्ष्मी 
को पता है के में सीता आंटी और गीता दोनो को चोद चुका हू और अलग 
अलग टाइम पे दोनो को चोदता ही रहता हू 
समाप्त
 
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