hotaks444
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लक्ष्मी घुटनो के बल हो के हाथ सामने टीका के घोड़ी बन गई में उसके
पीछे आ गया और उसकी चुचिओ को पकड़ लिया ऐसे झुकने से भी उसकी
चुचियाँ लटक नही रही थी उसके बदन से टाइट लगी हुई थी में
उसकी चुचिओ को पकड़ के मसलने लगा और पीछे से साबुन लगाए हुए
लंड को साबुन से लसी हुई गान्ड के छेद पे रख के थोड़ा सा दबाब डाला
तो लंड का सुपाडा स्लिप हो गया छेद में नही घुसा तो में लंड को
थोड़ा सा नीचे कर के उसकी चूत के सुराख से सटा दिया और एक ज़ोर का
धक्का मार तो लंड भी खुली हुई चिकनी चूत के अंदर सर्र्ररर करता
हुआ घुस गया थोड़ी देर तक चूत ही मारता रहा तो लक्ष्मी भी खुश हो
गई के चलो गान्ड तो बच गई और में उसकी गान्ड नही मरूगा पर मेरा
इरादा तो कुछ और ही था. थोड़ी देर चूत मे लंड पेलने के बाद लक्ष्मी
बोली के राज बाबू साबुन से चूत के अंदर जलन हो रही है तो में
लंड को बाहर निकाला और गान्ड के छेद पे रख के लंड के सुपाडे को
अपने अंगूठे से दबा दबा के लंड के टोपे को गान्ड के छेद में घुसा
ही दिया तो लक्ष्मी ने अपनी गान्ड के मसल्स टाइट कर लिए. में हल्के से
उसकी गान्ड को ठप थपाया और बोला के देखो लक्ष्मी अगर तुम ऐसे टाइट
रखोगी अपने गान्ड के मसल्स तो सच में दर्द होगा तो तुम मसल्स को
रिलॅक्स रखो तो कुछ नही होगा तो उसने अपना सर हिला दिया.
लक्ष्मी की गान्ड में लंड का टोपा
घुसते ही लक्ष्मी बाथटब में तकरीबन लेट गई में उसके ऊपेर लेट गया
उसकी गान्ड उपेर उठी हुई थी दोनो के पैर सीधे थे में थोड़ा सा लंड
को उसकी गान्ड में दबाया तो वो थोड़ा सा और अंदर घुस गया अब में
लंड का टोपा और थोड़ा सा लंड का डंडा ही अंदर बाहर करने लगा और
पूछा के तकलीफ़ हो रही है किया तो उसने बोला एक एक बात बोलू राज
बाबू तो में ने बोला के हा बोलो क्या बात है तो लक्ष्मी ने बोला के साबुन
से गान्ड में जल रहा है तो आप साबुन पौंछ के तेल लगा लो ना चिकना
हो जाएगा तो में ने कहा ठीक है. सच पूछा जाए तो साबुन जब
मेरे लंड के सुराख के अंदर गया तो मेरे लंड में भी जलन होने
लगी थी और में सोच रहा था के लोग साबुन लगा के कैसे मूठ मारते
होंगे और यह सोचते सोचते रॅक पे से तेल की बॉटल उठा के अपना
लंड उसकी गान्ड से बाहर खेच लिया और पानी से अपने लंड को और उसकी
गान्ड को साफ किया और फिर टवल से अपना लंड उसकी गान्ड और चूत को
ड्राइ किया और अपने लंड पे तेल लगा लिया और उसकी गान्ड के छेद को खोल
के गान्ड के अंदर तेल डाल दिया और कुछ और चिकना करने के लिए लंड
के सुपाडे तो उसकी गान्ड के छेद में रख के बॉटल से तेल डाइरेक्ट वहाँ
पे डाल दिया और लंड के सुपाडे को उसकी गान्ड के अंदर बाहर करने लगा
जिस से उसकी गान्ड के मसल्स थोड़े स्लिपरी और रिलॅक्स हो गये.
में ने तेल डालना बंद कर
दिया और ऐसे ही उसके बदन पे लेटे लेटे उसकी गान्ड को थोड़ा और ऊपेर
उठाया और उसकी बगल से हाथ डाल के शोल्डर को पकड़ लिया और बस
लंड के टोपे को ही अंदर बाहर अंदर बाहर करता रहा और लक्ष्मी
समझती रही के में सिर्फ़ सुपाडा ही अंदर डालुगा
पीछे आ गया और उसकी चुचिओ को पकड़ लिया ऐसे झुकने से भी उसकी
चुचियाँ लटक नही रही थी उसके बदन से टाइट लगी हुई थी में
उसकी चुचिओ को पकड़ के मसलने लगा और पीछे से साबुन लगाए हुए
लंड को साबुन से लसी हुई गान्ड के छेद पे रख के थोड़ा सा दबाब डाला
तो लंड का सुपाडा स्लिप हो गया छेद में नही घुसा तो में लंड को
थोड़ा सा नीचे कर के उसकी चूत के सुराख से सटा दिया और एक ज़ोर का
धक्का मार तो लंड भी खुली हुई चिकनी चूत के अंदर सर्र्ररर करता
हुआ घुस गया थोड़ी देर तक चूत ही मारता रहा तो लक्ष्मी भी खुश हो
गई के चलो गान्ड तो बच गई और में उसकी गान्ड नही मरूगा पर मेरा
इरादा तो कुछ और ही था. थोड़ी देर चूत मे लंड पेलने के बाद लक्ष्मी
बोली के राज बाबू साबुन से चूत के अंदर जलन हो रही है तो में
लंड को बाहर निकाला और गान्ड के छेद पे रख के लंड के सुपाडे को
अपने अंगूठे से दबा दबा के लंड के टोपे को गान्ड के छेद में घुसा
ही दिया तो लक्ष्मी ने अपनी गान्ड के मसल्स टाइट कर लिए. में हल्के से
उसकी गान्ड को ठप थपाया और बोला के देखो लक्ष्मी अगर तुम ऐसे टाइट
रखोगी अपने गान्ड के मसल्स तो सच में दर्द होगा तो तुम मसल्स को
रिलॅक्स रखो तो कुछ नही होगा तो उसने अपना सर हिला दिया.
लक्ष्मी की गान्ड में लंड का टोपा
घुसते ही लक्ष्मी बाथटब में तकरीबन लेट गई में उसके ऊपेर लेट गया
उसकी गान्ड उपेर उठी हुई थी दोनो के पैर सीधे थे में थोड़ा सा लंड
को उसकी गान्ड में दबाया तो वो थोड़ा सा और अंदर घुस गया अब में
लंड का टोपा और थोड़ा सा लंड का डंडा ही अंदर बाहर करने लगा और
पूछा के तकलीफ़ हो रही है किया तो उसने बोला एक एक बात बोलू राज
बाबू तो में ने बोला के हा बोलो क्या बात है तो लक्ष्मी ने बोला के साबुन
से गान्ड में जल रहा है तो आप साबुन पौंछ के तेल लगा लो ना चिकना
हो जाएगा तो में ने कहा ठीक है. सच पूछा जाए तो साबुन जब
मेरे लंड के सुराख के अंदर गया तो मेरे लंड में भी जलन होने
लगी थी और में सोच रहा था के लोग साबुन लगा के कैसे मूठ मारते
होंगे और यह सोचते सोचते रॅक पे से तेल की बॉटल उठा के अपना
लंड उसकी गान्ड से बाहर खेच लिया और पानी से अपने लंड को और उसकी
गान्ड को साफ किया और फिर टवल से अपना लंड उसकी गान्ड और चूत को
ड्राइ किया और अपने लंड पे तेल लगा लिया और उसकी गान्ड के छेद को खोल
के गान्ड के अंदर तेल डाल दिया और कुछ और चिकना करने के लिए लंड
के सुपाडे तो उसकी गान्ड के छेद में रख के बॉटल से तेल डाइरेक्ट वहाँ
पे डाल दिया और लंड के सुपाडे को उसकी गान्ड के अंदर बाहर करने लगा
जिस से उसकी गान्ड के मसल्स थोड़े स्लिपरी और रिलॅक्स हो गये.
में ने तेल डालना बंद कर
दिया और ऐसे ही उसके बदन पे लेटे लेटे उसकी गान्ड को थोड़ा और ऊपेर
उठाया और उसकी बगल से हाथ डाल के शोल्डर को पकड़ लिया और बस
लंड के टोपे को ही अंदर बाहर अंदर बाहर करता रहा और लक्ष्मी
समझती रही के में सिर्फ़ सुपाडा ही अंदर डालुगा