desiaks
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ऋतु ने कहा- हाँ मैं घर पहुँच हूँ।
मैंने कहा- तुम्हारे बिना मन नहीं लग रहा है।
ऋतु हँसकर बोली- "घर मत भेजा करा, अपने साथ ही रखा करो। अपने घर ले जाया करो.."
मैं उसकी बात सुनकर कुछ बोला नहीं। क्योंकी उसने जो बात कहीं उसका क्या मतलब था? मैं समझ सकता था। मैंने उस बात को घुमा दिया और बात करने लगा।
इतने में अंजू मरे केबिन में आई। मैंने उसको बैठने को कहा। मेरे दिमाग में ऋतु का जिपम घूम रहा था। मैंने
आज पहली बार अंजू को कामुकता भरी नजर से देखा।
मैंने कहा- क्या काम है?
अंजू बोली- "सर, आज मुझे कुछ पैसों की जरूरत है..."
मैंने कहा- "कितने लेने है?"
उसने कहा- "15000.."
मैंने उसको कहा. "तुम अपनी सेलरी ता ले चुकी हो। अब इतना अमाउंट क्यों माँग रही हो?"
उसने कहा- "मेरी माम की तबीयत ठीक नहीं है..."
मैंने कहा- "ओके ले जाओ... और मैंने उसको 1000 के 5 नोट निकालकर दिए और कहा- "कोई और जरूरत हो
तो माँग लेना...
उसने मुझे बैंक्स कहां और कहा- "सर आप कितने अच्छे हो, आपका एहसान कैसे चुकाऊँगी?"
मैंने हँसकर कहा- "टाइम आने पर बता दूँगा..."
अंज उठकर जाने लगी। उसकी चूचियां देखकर मेरा फिर से मह उत्तेजित होने लगा। पर मैंने खुद को संभाल लिया। अंजू ने स्माइल दी और चली गईं। अगले दिन में आफिस में जल्दी आ गया सब मुझे इतनी जल्दी देखकर दंग रह गये।
क्रमशः..............................
मैंने कहा- तुम्हारे बिना मन नहीं लग रहा है।
ऋतु हँसकर बोली- "घर मत भेजा करा, अपने साथ ही रखा करो। अपने घर ले जाया करो.."
मैं उसकी बात सुनकर कुछ बोला नहीं। क्योंकी उसने जो बात कहीं उसका क्या मतलब था? मैं समझ सकता था। मैंने उस बात को घुमा दिया और बात करने लगा।
इतने में अंजू मरे केबिन में आई। मैंने उसको बैठने को कहा। मेरे दिमाग में ऋतु का जिपम घूम रहा था। मैंने
आज पहली बार अंजू को कामुकता भरी नजर से देखा।
मैंने कहा- क्या काम है?
अंजू बोली- "सर, आज मुझे कुछ पैसों की जरूरत है..."
मैंने कहा- "कितने लेने है?"
उसने कहा- "15000.."
मैंने उसको कहा. "तुम अपनी सेलरी ता ले चुकी हो। अब इतना अमाउंट क्यों माँग रही हो?"
उसने कहा- "मेरी माम की तबीयत ठीक नहीं है..."
मैंने कहा- "ओके ले जाओ... और मैंने उसको 1000 के 5 नोट निकालकर दिए और कहा- "कोई और जरूरत हो
तो माँग लेना...
उसने मुझे बैंक्स कहां और कहा- "सर आप कितने अच्छे हो, आपका एहसान कैसे चुकाऊँगी?"
मैंने हँसकर कहा- "टाइम आने पर बता दूँगा..."
अंज उठकर जाने लगी। उसकी चूचियां देखकर मेरा फिर से मह उत्तेजित होने लगा। पर मैंने खुद को संभाल लिया। अंजू ने स्माइल दी और चली गईं। अगले दिन में आफिस में जल्दी आ गया सब मुझे इतनी जल्दी देखकर दंग रह गये।
क्रमशः..............................