deeppreeti
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[size=xx-large]कीमत वसूल[/size]
UPDATE 137
ऋतु आँसू पोंछते हुए बोली- "हाँ, मैंने ही तो गलती की है। मुझे इसकी सजा तो मिलनी ही है..."
मुझे अब बात समझ में आ गई की उसको सिर्फ अ से प्राब्लम है। मैंने उसको कहा- "ऋतु तुम मुझे समझ पाई हो या नहीं? मैं नहीं जानता पर इतना जरूर कहूगा की जो मेरे मन में होता है वही मेरी जुबान पर। मैं दोहरा जीवन नहीं जीता। और अगर फिर भी तुमको यही लगता है तो, मैं तुम्हें और ज्यादा कबिन्स नहीं कर सकता.." कहकर मैं अपनी चेयर पर जाकर बैठ गया।
ऋतु बहुत देर मह को झकाए बैठी रही फिर कहने लगी- "अच्छा... मैं आपकी बात समझ गई पर अब आप अनु से नहीं मिलोगे..."
में उसके मुँह से दीदी की जगह अनु सुनकर थोड़ा सा चौका। पर मैंने कुछ कहा नहीं। मैंने कहा- "तुम ऐसा क्यों कह रही हो?"
ऋतु बोली- "मुझे नहीं पता। पर अब अगर आप अनु से मिले तो..... और उसने अपनी बात को अधूरा छोड़ दिया।
मैं समझ गया वो मुझे अब एमोशनल बलेकमेल कर रही है। पर मैं उसको कुछ नहीं कहने चाहता था। मैंने उसको कहा- "ऋतु देखो, तुम मेरे ऊपर अपनी मर्जी थोप नहीं सकती। लेकिन मैं तुमसे ये वादा करता हूँ की जब तक अनु यहां है, वो मुझे अगर खुद मिलने आई तो मैं उसको जरूर मिलूंगा । पर यहां से जाने के बाद मैं उसको कभी मिलने नहीं जाऊँगा, ना ही मैं उसको फोन करूँगा ..."
मेरी बात सुनकर ऋतु को कुछ राहत मिली, फिर बोली- "अच्छा आप उसको नहीं कहोगे की वो आपको मिले, और आपको मुझे ये प्रामिस करना होगा की यहां से जाने के बाद अनु आपकी लाइफ से बाहर हो जाएगी..."
मैंने कहा- "आई प्रामिस."
फिर ऋतु कहने लगी- "वैसे भी जीजा अब उसको यहां भेजेंगे नहीं "
मैंने कहा- ऐसा क्यों?
ऋतु बोली- "वो में आपको नहीं बताऊँगी.."
मैंने कहा- "मुझं तुमने जो कहा, मैंने माना और तुम मुझसे छुपा रही हो..."
ऋतु बोली- "आप समझ नहीं रहे हो? वो उनका पर्सनल मामला है..."
मैंने कहा- "फिर भी क्या बात है पता तो चले?"
ऋतु ने कहा- "आप मेरे जीजा से कभी नहीं मिले। अगर मिल लेतें तो आप खुद समझ जाते..."
मैंने कहा- "मुझे डीटेल में बताओ माजरा क्या है?"
ऋतु बोली- "अनु की शादी जब हई थी, तब जीजु की जाब टेम्परारी थी, और उनका अपना घर भी नहीं था। पर हम लोगों से उन्होंने ये बात छुपाई थी.."
मैंने ऋतु की बात काटते हुए कहा- "पहले अनु के पति का नाम बताओ?"
ऋतु ने कहा- "सुमित .."
मैंने कहा- "हाँ अब बताओं सुमित के बारे में?"
ऋतु बोली- "फिर जब हम लोगों ने रिश्ता पक्का कर दिया, तो वो जल्दी शादी की जिद करने लगे। हमने जैसे तैसे इंतजाम किया..."
मैंने कहा- "हाँ, वो बात तो मुझे पता ही है."
ऋतु बोली- "शादी के बाद जब हमें जाब वाली बात पता चली तो पापा को बड़ा गुस्सा आया..."
जारी रहेगी
UPDATE 137
ऋतु आँसू पोंछते हुए बोली- "हाँ, मैंने ही तो गलती की है। मुझे इसकी सजा तो मिलनी ही है..."
मुझे अब बात समझ में आ गई की उसको सिर्फ अ से प्राब्लम है। मैंने उसको कहा- "ऋतु तुम मुझे समझ पाई हो या नहीं? मैं नहीं जानता पर इतना जरूर कहूगा की जो मेरे मन में होता है वही मेरी जुबान पर। मैं दोहरा जीवन नहीं जीता। और अगर फिर भी तुमको यही लगता है तो, मैं तुम्हें और ज्यादा कबिन्स नहीं कर सकता.." कहकर मैं अपनी चेयर पर जाकर बैठ गया।
ऋतु बहुत देर मह को झकाए बैठी रही फिर कहने लगी- "अच्छा... मैं आपकी बात समझ गई पर अब आप अनु से नहीं मिलोगे..."
में उसके मुँह से दीदी की जगह अनु सुनकर थोड़ा सा चौका। पर मैंने कुछ कहा नहीं। मैंने कहा- "तुम ऐसा क्यों कह रही हो?"
ऋतु बोली- "मुझे नहीं पता। पर अब अगर आप अनु से मिले तो..... और उसने अपनी बात को अधूरा छोड़ दिया।
मैं समझ गया वो मुझे अब एमोशनल बलेकमेल कर रही है। पर मैं उसको कुछ नहीं कहने चाहता था। मैंने उसको कहा- "ऋतु देखो, तुम मेरे ऊपर अपनी मर्जी थोप नहीं सकती। लेकिन मैं तुमसे ये वादा करता हूँ की जब तक अनु यहां है, वो मुझे अगर खुद मिलने आई तो मैं उसको जरूर मिलूंगा । पर यहां से जाने के बाद मैं उसको कभी मिलने नहीं जाऊँगा, ना ही मैं उसको फोन करूँगा ..."
मेरी बात सुनकर ऋतु को कुछ राहत मिली, फिर बोली- "अच्छा आप उसको नहीं कहोगे की वो आपको मिले, और आपको मुझे ये प्रामिस करना होगा की यहां से जाने के बाद अनु आपकी लाइफ से बाहर हो जाएगी..."
मैंने कहा- "आई प्रामिस."
फिर ऋतु कहने लगी- "वैसे भी जीजा अब उसको यहां भेजेंगे नहीं "
मैंने कहा- ऐसा क्यों?
ऋतु बोली- "वो में आपको नहीं बताऊँगी.."
मैंने कहा- "मुझं तुमने जो कहा, मैंने माना और तुम मुझसे छुपा रही हो..."
ऋतु बोली- "आप समझ नहीं रहे हो? वो उनका पर्सनल मामला है..."
मैंने कहा- "फिर भी क्या बात है पता तो चले?"
ऋतु ने कहा- "आप मेरे जीजा से कभी नहीं मिले। अगर मिल लेतें तो आप खुद समझ जाते..."
मैंने कहा- "मुझे डीटेल में बताओ माजरा क्या है?"
ऋतु बोली- "अनु की शादी जब हई थी, तब जीजु की जाब टेम्परारी थी, और उनका अपना घर भी नहीं था। पर हम लोगों से उन्होंने ये बात छुपाई थी.."
मैंने ऋतु की बात काटते हुए कहा- "पहले अनु के पति का नाम बताओ?"
ऋतु ने कहा- "सुमित .."
मैंने कहा- "हाँ अब बताओं सुमित के बारे में?"
ऋतु बोली- "फिर जब हम लोगों ने रिश्ता पक्का कर दिया, तो वो जल्दी शादी की जिद करने लगे। हमने जैसे तैसे इंतजाम किया..."
मैंने कहा- "हाँ, वो बात तो मुझे पता ही है."
ऋतु बोली- "शादी के बाद जब हमें जाब वाली बात पता चली तो पापा को बड़ा गुस्सा आया..."
जारी रहेगी