दामिनी--17
गतान्क से आगे…………………..
पायल आंटी बहुत एक्सपर्ट थी ...उनकी मस्ती भी बढ़ रही थी उनकी आवाज़ और भी भर्राये जा रही थी , उन्होने अपनी टाँगें फैलाते हुए कहा
" इसलिए जिन देशों में सेक्स को अच्छा समझा जाता है और जहाँ प्रॉस्टिट्यूशन लिगलाइज़्ड है ना ..उन देशों में रेप या सेक्षुयली रिलेटेड क्राइम्स नहीं के बराबर होते हैं ...जैसे हॉलॅंड , ऑस्ट्रेलिया , स्वीडन आदि आदि .."
हम इतने एग्ज़ाइटेड थे अब उनकी आवाज़ ऐसे लग रही थी जैसे कहीं दूर से आ रही हो ...भैया तो उनकी सारी पैरों से उपर उठाते हुए उनकी जाँघ पर ले आए थे और जांघों के बीच हथेली फिरा रहे थे ...इस हरकत से पायल आंटी भी सिहर उठी ...
" ह्म्म्म लगता है तुम दोनों टेस्ट में अव्वल नंबर लाओगे ...
..चलो अंदर चलते हैं ..अपने टेस्ट रूम में वहाँ करेंगे बाकी का टेस्ट ,,अभी तक तो तुम लोग टेस्ट में सही ही जा रहे हो ...'' उन्होने मुस्कुराते हुए कहा ..
और हम तीनों एक दूसरे को चूमते , चाट ते चूस्ते टेस्ट रूम की ओर चल पड़े..
हम तीनों एक दूसरे में खोए थे और पायल आंटी ने हम दोनों को अपनी बाहों में लिए इस तरह आराम से जाकड़ रखा था ..हम उनके सीने से चिपके थे और दोनों उनकी एक एक चूची मुँह में लिए चूसे जा रहे थे ..और भैया उनकी जांघों के बीच आपे हाथ सहलाए जा रहे थे ...भैया ने बाद में मुझे बताया था ....उनकी चूत इतनी मुलायम और फूली फूली थी और कहीं भी बालों का नामोनिशान नहीं ...एक दम सपाट ..उनके हाथ फिसल रहे थे ...पायल आंटी भी भैया की हरकतों से बहाल हो रहीं थी ,,उनके घूटने सिहरन से झुके जा रहे थे ..
हम उनके टेस्ट रूम में दाखील हो गये ...वहाँ डिम और दूधिया लाइट थी ..और बड़ा सा गद्देदार पलंग था ...हल्की हल्की बहुत रोमॅंटिक म्यूज़िक कन्सील्ड स्पीकर्स से आ रहे थे ...
पलंग पर बीच में आंटी लेट गयीं और उनके दोनों ओर मैं और भैया ..
" देखो ..जो करना है तुम दोनों करोगे ...टेस्ट तुम्हारा है..में सिर्फ़ रेस्पॉंड करूँगी ...तुम्हें जो करना है बेझिझक करो .." और वे आँखें बंद किए ,टाँगें फैलाए लेटी थी , उनके होंठों पर हल्की हल्की मुस्कान थी ...उनकी बात करने का तरीका भी इतना सेक्सी था ...
भैया ने सब से पहले तो अपने कपड़े उतारे और उनके सीने से चिपकी सारी का आँचल हटाया ..और उनके ब्रा और ब्लाउस भी हटा दिए ..वो उपर से बिल्कुल नंगी थी ...उफफफफ्फ़ दूधिया लाइट में उनका बदन चमक रहा था ..गोल गोल सुडौल चुचियाँ ..अब तक की हमारी चुसाइ से एक दम कड़क हो गये थे और निपल्स इतने कड़े थे के हिल रहे थे..भैया इतने एग्ज़ाइटेड थे कि कांप रहे थे ...फिर वे उनके उपर आ गये ,,उनकी टाँगों को जकड़ते हुए उनके होंठों को चूसना शुरू कर दिया ..आंटी ने भी अपना मुँह खोल दिया था ...भैया ने अपनी जीभ अंदर डाल दी ... पायल आंटी ने उनका जीभ अपने होंठों के बीच जाकड़ते हुए चूसना चालू कर दिया ..जैसे वो उनका पूरा रस अंदर ले लेंगी ...अब मैं भी हरकत में आ गयी ..मैने पहले तो अपने कपड़े उतारे और भैया की टाँगों के बीच , पायल आंटी की जांघों पर अपना सर रख भैया के कड़क लंड अपने मुँह में ले लिया ..और चूसने लगी ...उनकी जाँघ का पिल्लो कितना सॉफ्ट था ..और उनसे एक अजीब मादक खूशबू आ रही थी ..भैया ने अपने चूतड़ घुटनो के बल लेट ते हुए उठा दिए थे जिस से मुझे उनका लंड चूसने में बड़ी आसानी हो रही थी ..
तीनों चूस रहे थे एक दूसरे को ... एक दूसरे का रस अपने अंदर ले रहे थे ... भैया ने अपनी हथेली से ऑंटी के बिल्कुल बाल रहित और मुलायम आर्म्पाइट सहलाने लगे ...आंटी कराह उठी और उनका भैया की जीभ चूसना तेज़ हो गया ..उन्होने अपने हाथ भैया के गले में डाल दिए थे और अपनी तरफ खींच रही थी ..भैया का लंड मेरे मुँह में ही कड़ा और कड़ा होता जा रहा था ...और लगातार पानी रीस रहा था ..मैं पूरे का पूरा गटक रही थी ...अब भैया ने आंटी की पतली जीभ को अपने होंठों मे लिया और बुरी तरह चूसने लगे ...उनका थूक और लार भैया के मुँह मे जा रहा था ...उसमें भी एक मादक सुगंध थी ...आंटी का बदन अब कांप रहा था ..मैं फील कर रही थी ..उनके मुँह से भी सिसकारियाँ निकल रही थी'
भैया आंटी की टाँगों के बीच आ गये ...मैं भी नीचे खिसक गयी उनका लंड मुँह में लिए लिए ...पलंग काफ़ी लंबा और चौड़ा था ..भैया ने पायल आंटी की साँवली चूत को अपने उंगलियों से फैलाया , साँवली चूत के अंदर गुलाबी फाँक और उनमें पानी रीस्ता हुआ ...चमकता हुआ ...और मादक सुगंध ...भैया टूट पड़े इस स्वादिष्ट चूत पर ..जैसे पूरे का पूरा निगल जाएँगे ....अपने होंठों के बीच उनकी चूत को जाकड़ लिया और इतनी जोरों से चूसा उनकी चूत की फांके उनके मुँह के अंदर चली गयी ..आंटी चिल्ला उठी ...
""आआआआआआः ...वाआह ..मेरे राजा ..चूसो ..खाओ ...उफ़फ्फ़ .." और उनके चुटड उछाल मारने लगे ..
और मैं हाथों और अपने होंठों से भैया के लंड का मज़ा ले रही थी ..इतना कड़ा और मोटा हो गया था भैया का लंड ... जितनी जोरों से मैं चूस्ति उतने ही जोरों से भैया भी आंटी की चूत चूस डालते ...चप .चॅप ..पच पूच की आवाज़ आ रही थी .... आंटी तो बस निहाल थी ..शायद ऐसी चूत की चुसाइ उनके किसी क्लाइंट ने नहीं की थी आज तक ..वो उछल रही थी ...कराह रही थी और लगातार पानी छोड़े जा रहीं थी ,,
उनसे रहा नहीं गया " अभी ..और नहीं ...अब मुझे चोद डालो ...हॅयाययी आज तक मैने ऐसा किसी से नहीं कहा जानू ..तुम पहले क्लाइंट हो मेरे जिसे मैं चोदने को कह रही हूँ ...चोदो बस अब जल्दी करो ...प्लज़्ज़्ज़ "
भैया के लंड का भी बुरा हाल था और मेरी चूत भी नदी बहा रही थी ...
आंटी उठ गयीं और अपने घुटनो के बल अपने चूतड़ उपर कर डॉगी स्टाइल में आ गयीं और मैं उनके मुँह के नीचे लेट गयी अपनी चूत के नीचे तकिया लगाए ...आंटी ने अपनी पीठ इतनी मस्त झुकाई के उनकी गान्ड उपर उठी थी चूत समेत ...भैया तो बस देखते ही रहे ..उनकी दोनों होल एक सीध में ...
उनकी चूत से पानी टपक रहा था ..आंटी ने कराहते हुए कहा
" अभी ....प्ल्ज़्ज़ अपने हाथ मेरी कमर और पेट पर रख लेना और जोरों से जकड़ते हुए धक्के लगाना ..."
"हाँ आंटी ..आप बेफिकर रहो ..." अब आंटी मेरी तकिया से उपर उठी चूत में अपनी जीभ लगाए सतसट चाट रहीं थी और भैया ने उनकी कमर के गिर्द हाथ रखा और हथेलियों से पेट जाकड़ते हुए उसे हल्के से उपर उठाया ...और अपने तननाए लौडे को फैली हुई चूत की फाँक में रखते हुए अंदर पेल दिया ...फत्चाक ....और लंड अंदर और आंटी का पूरा बदन सिहर उठा ...कांप गया ..
" उफफफ्फ़ ...उईईईईई अभी कितना लंबा और मोटा है तुम्हारा लंड ...मेरे पेट में पहुँच गया ...ऊ अब रूको मत मेरी जान ..."
भैया भी अब ताबड तोड़ धक्के लगाए जा रहे थे हर धक्के में आंटी की कमर झूक जाती और उनका पूरा बदन सिहर उठता और उनकी जीभ मेरी चूत को ज़ोर और जोरों से चाट ने लगती ..उनकी पतली पतली जीभ मेरी चूत की पूरी लंबाई फटाफट चाटि जा रही थी ..मेरी चूत से पानी लगातार निकलता जा रहा था ..मेरी चूत की फाँक फैलती जा रही थी ..अब आंटी ने अपनी पतली जीभ मेरी चूत में घुसेड दी और मुझे चोदने लगीं ....उफफफफ्फ़ ..मैं सिहर उठी ... उन्होने जीभ को गोल मोड़ लिया था जिस से जीभ मोटी हो गयी थी ....भैया उनकी चूत में धक्के लगाते पेट को जाकड़ते हुए और इधर आंटी उसी ताल में मुझे अपनी जीभ से चोद्ति जातीं...भाई चोद रहा था , बहेन चुद रही थी ..और आंटी चोद भी रही थी और चुद भी रही थी ......आह क्या मंज़र था ...
हम तीनों मस्ती की चरम शिखर पर थे ..हवा में उड़ रहे थे ..भैया ने बाद में बताया था आंटी का पेट कितना मुलायम था ...मखमली ..उनके नाभि में उंगली डाल दी थी उन्होने ...पेट उठा उठा कर ..नाभि में उंगली फिरा फिरा कर धक्के लगाए जा रहे थे ..आंटी चूतड़ उछाल रहीं थी .. मैं उनके मुँह में अपने चूतड़ उछाल रही थी ..
फिर भैया जोरों से कराह उठे ...''आआआआआआआआआआआह ..आंटी ..आंटी .." और अपने गरम वीर्य की पिचकारी उनकी चूत में चोद्ने लगे ..उनकी पेट अपनी ओर खींचते हुए ..उनकी चूतड़ अपने लंड से चिपकाते हुए ..और आंटी भी भैया के वीर्य की तेज़ धार अपनी चूत में संभाल नही सकीं और चूतड़ उछाल उछाल कर झडने लगीं और दोनों की मस्ती देख मैं भी आंटी के मुँह में अपने चूतड़ उछाल कर झडने लगी ..
तीनों एक साथ झाड़ रहे थे , भैया आंटी की चूत में अपना लंड धंसाए उनकी पीठ पर ढेर हो गये और आंटी मेरी चूत में मुँह लगाए पडी थी ..मैं हाथ पावं ढीले किए पडी थी ..हम सभी हाँफ रहे थे ...अंदर से खाली ..और हल्का महसूस कर रहे थे ....भैया का लंड , जैसे ही आंटी की पीठ सीधी हुई ,पॅक से चूत के बाहर आ गया और उनके चूतड़ की फकॉं में फँस गया.. उनके लंड से धीरे धीरे वीर्य रीस रहा था ..आंटी के चुटडो की फाँक से बहता हुआ नीचे चूत की ओर जा रहा था...
तीनों के चेहरे पर मस्ती और मदभरी मुस्कान थी ..जैसे हम ने स्वर्ग पा लिया हो...
भैया थोड़ी देर बाद उठे और आंटी की पीठ पर लेटे ही लेटे उनका चेहरा उपर किया और चूमने लगे .उनके चेहरे पर मेरी चूत का पानी लगा था ..उसे बड़े प्यार से चाटा और कहा
" ऊफ्फ दामिनी तेरी चूत का पानी भी कितना मस्त लगता है...सच बताऊं दामिनी ..."
" क्या भैया ..." मैं भी अब नॉर्मल हो गयी थी और टाँगें फैलाए लेटी थी ..
" बिना तुम्हारी चूत का पानी पिए आज कल मुझे चैन नहीं आता बहना ... अब मुझे अच्छा लग रहा है .."
" ऐसा है भैया ..मुझ से कहा क्यूँ नहीं ..अब से रोज सुबह मैं आपके कमरे में आ जाउन्गि .आप मेरी चूत का पानी पी कर ही उठना बीस्तर से ..ठीक है ना .."
" हाँ दामिनी और सोने के पहले भी ...अच्छा अभी देखते हैं आंटी की चूत का कैसा टेस्ट है ..मेरे वीर्य और उनके रस का मिला जुला टेस्ट ..."
और आंटी की टाँगों को फैलाते हुए उन्हें पीठ के बल लीटा दिया और उनकी गीली और चीपचीपी चूत लॅप लॅप चाटने लगे ..आंटी भी अब पूरे होशोहवास में थी और आँखें बंद किए मस्ती की आलम में गोते लगा रहे थे ..
"आअह ..उईईइ हॅयियी ..मान गये अभी और दामिनी ..तुम दोनों भाई बहेन की कितनी अच्छी अंडरस्टॅंडिंग है ... आज तुम दोनों टेस्ट में पूरी तरह कामयाब हो ...ऊह ..हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई क्या कर रहे हो अभी ..." भैया ने अचानक उनकी चूत को दाँतों से हल्के से काट लिया था ...
" क्या करें आंटी .आप की चूत है ही ऐसी .कितनी फूली फूली हैं ..जैसे ब्राउन ब्रेड होता है ना ..मन करता है उन्हें चबा जाऊं ...उफफफफफ्फ़ आंटी .... आप ने कितना अच्छा मेनटेन किया है अपने आप को ..."
" अच्छा अच्छा बस जल्दी से चाट जाओ पूरा ..और उठो ..मन तो नहीं करता अभी ....पर हम ने एक और क्लाइंट को टाइम दिया है , वो आती ही होगी ..फिर कभी हम लोग इतमीनान से मिलेंगे ...तुम दोनों हर तरह से सेक्स करने में माहिर हो ..मैं कामिनी को बता दूँगी ...चलो उठो और जल्दी तैयार हो जाओ .. सामने बाथ रूम है .."
क्रमशः……………………..