Kamukta Kahani दामिनी - Page 6 - SexBaba
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Kamukta Kahani दामिनी

उनका लौडा मेरे मुँह के अंदर ही कड़ा और कड़ा होता जा रहा था ..मुँह के अंदर लौडे का कड़ा होना .उफफफ्फ़ ये भी एक अजीब ही तज़ुर्बा है....वो भी ऐसा वैसा लंड नहीं .....मेरे भैया का लंड ..मोटा और लंबा ...मुझे लगा जैसे मेरे गले के अंदर उतर जाएगा ...मैने अपने थ्रोट को आगे कर लिया और अपने हथेली से जकड़ते हुए अपने कंठ से धीरे धीरे चोद्ना शुरू कर दिया ..मेरे कंठ से थूक और लार निकल कर उनके लंड को सराबोर कर रहे थे ...

भैया तड़प उठे ...उन्होने अपना लंड बाहर खींच लिया और सीधे होते हुए मुझे अपनी बाँहो में जाकड़ लिया ...और अपने लंड से मेरी चूत को उपर ही से घिसने लगे .बड़ी जोरों से मैं उछल पड़ी ...बुरी तरह मैं सिहर उठी ...मेरी चूत फडक रही थी उनके लौडे की घिसाई से

"अयाया भैया ..क्या कर रहे हो.......मैं मर जाउन्गि ....उईईइ .."

"दामिनी ..मेरी रानी बहना ..इतने दिनों बाद मेरी सब से प्यारी चूत मिली है मुझे ..मेरा लौडा कितना तडपा है ..आज इसे पूरी तरह तुम्हारी चूत को महसूस करने दो .अभी बाहर फिर अंदर ..उफफफ्फ़ ..दामिनी ...आख़िर मुझे तुम्हारी चूत इतनी पसंद क्यूँ है ....उफफफ्फ़ "

और उनका लौडा और जोरों से मेरी चूत के गुलाबी फाँक के अंदर मुझे घिस रहा था और मैं बार बार उछल रही थी ..मेरे चूतड़ हवा में लहरा जाते उनकी हर घिसाई से ...

" बस ...बस ..मेरे राजा भैया .....अब और नहीं मेरे राजा भैया ...उफ्फ और नहीं ...में और से नहीं सकती .....उईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई " मैं कांप रही थी उनके लौडे की घिसाई से ...मैने उनके लौडे को हाथ जाकड़ लिया और अपनी चूत के अंदर डालने की कोशिश की...

शायद भैया भी मेरी चूत की फांकों के स्पर्श से बहुत ज़्यादा एग्ज़ाइटेड थे ,उन्होने उतने ही जोरों से मेरे चूतड़ को जकड़ते हुए अपना लंड मेरी चूत में एक झट्के में ही पूरा डाल दिया ..

मेरा पूरा बदन सिहर उठा ...मैं चिल्ला उठी ....सिसकियाँ लेने लगी ....इतनी मस्ती से भर गयी थी मैं ....इतने दिनों तक ऐसे लंड से मैं दूर थी.

भैया धक्के पे धक्का लगाए जा रहे थे और मैं हर धक्के में कांप उठती ..सिहर उठती मेरा रोम रोम उनकी चुदाई का भूखा था ..आज जैसे सूखी ज़मीन पर वर्षा की झड़ी लगी थी ..

" हाँ मेरी रानी बहना ..लो ..लो और लो ..मेरा लौडा भी कितना भूखा था ...उफफफ्फ़ ..तेरी टाइट चूत .....अयाया ..."

और वो मुझे चोदे जा रहे थे , मैं उनके नीचे चुद रही थी ...

मुझे ऐसा लग रहा था मेरी चूत उनके लौडे के लिए ही है ..पूरी तरह ....उनका लौडा मेरी चूत के एक एक कोने को नाप रहा था ..मथ रहा था ...घिस रहा था ....और मैं अपनी चूतड़ उछाल उछाल कर हर धक्के में और , और अंदर लेने की कोशिश में जी जान से लगी थी ...

दोनों एक दूसरे की भूख मिटाने की पुरज़ोर कोशिश में थे ..लंड और चूत एक दूसरे की प्यास बूझा रहे थे ....इतना ज़्यादा चुदाई का ताल मेल था हम दोनों में ...

और फिर धक्का देते देते भैया मेरे से बुरी तरह चिपक गये ..मैने भी उन्हें अपनी बाहों से जाकड़ लिया . अपने पैरों से जाकड़ लिया ....उनका लौडा मेरे अंदर झट्के खा रहा था और मेरी चूत के अंदर दूर दूर अंदर तक पानी छोड़े जा रहा था ..इस गर्म धार से मैं उन्हें जकड़े जकड़े ही अपनी चूतड़ उछाल उछाल कर अंदर और अंदर लिए जा रही थी ....

दोनों पसीने से लत्पथ थे ...पसीना बह बह के एक हो रहा था ...मेरे सीने पर सर था उनका ...में उनका सर सहला रही थी .उन्हें अपने सीने से लगाई थी मैं मेरे भैया को ..मेरी जान को ...

इतनी चुसाइ और फिर तबड तोड़ चुदाई के बाद दोनों के अंदर तीन दिनों से सुलगती आग ठंडी हो गयी थी ..पर उसकी गर्मी अभी भी बरकरार थी ... प्यार इस आग की लपट से और भी पीघल पीघल कर अंदर समाए जा रहा था ..जितना ज़्यादा पीघलता उतना ही और अंदर घर कर लेता ..हम दोनों एक दूसरे की बाहों में खोए थे ...प्यार के रस से सराबोर ..

:" दामिनी .....??"उन्होने मेरे सीने में अपना सर रखे रखे ही मेरे बालों पर हाथ फेरते हुए कहा

"हाँ भैया ...??" मैं उनके चेहरे को अपने हथेली से थामते हुए कहा .

"हम दोनों क्या एक दूसरे को इतना प्यार करते हैं ..देखो ना सिर्फ़ तीन दिनों में ही ये हालत हो गयी हमारी .."

" हाँ भैया .लगता तो कुछ ऐसा ही है ..पर क्या ये ठीक है ..? "

" मैं भी यही सोच रहा हूँ बहना .....तुम्हारी शादी होगी .. ..फिर कैसे होगा ये सब >>?"

" शायद इसलिए तो मम्मी ने सलिल के बारे कहा था ... उसे भी हम अपने में मिला लें ..वो मुझ से बहुत प्यार करता है ..कुछ भी करेगा मेरे लिए .....और मम्मी भी तो कम नहीं ना ....सलिल को भी एक साथ ऐसे दो हसीनों का मज़ा कहाँ मिलेगा .....बस फिर हम दोनों का रास्ता साफ हमेशा के लिए .."

" मान ना पड़ेगा दामिनी ..तेरा दिमाग़ भी तेरी चूत के समान ही गहरा और हसीन है..."

और फिर हम दोनों आनेवाले हसीन पलों की याद में खोए , मुस्कुरा रहे थे और एक दूसरे की बाहों में एक दूसरे को महसूस कर रहे थे , चूपचाप एक दूसरे को निहारे जा रहे थे ..सिर्फ़ साँसों की आवाज़ आ रही थी ...

क्रमशः……………………..
 
दामिनी--33

गतान्क से आगे…………………..

हम दोनों ऐसे ही पड़े थे , एक दूसरे को निहार रहे थे ..एक दूसरे के बदन से खेल रहे थे ...एक ऐसी दुनिया में खोए थे ..जहाँ सिर्फ़ हमारे सिवा और कोई नहीं था ..अगर कोई और था तो हमारा असीम प्यार...

तभी दरवाज़े पर दस्तक हुई ...मैने कपड़े पहने और दरवाज़ा खोला ..देखा तो मम्मी बाहर खड़ी मुस्कुरा रही थी ...

" हाँ हाँ ..अब तो चेहरे पे मुस्कुराहट और होंठों पे गाना तो आएगा ही मम्मी ....पापा से चुदाई जो हो गयी ना ..." मैने उन्हें अपनी बाहों से लगते हुए कहा ..

उन्होने भी मुझे अपनी तरफ भींच लिया और कहा

" हाँ अब तुझे समझ आया ना दामिनी..? अपने प्यारे प्यारे लौडे से अलग रहने का मज़ा..?? तभी तो देख रही हूँ जब से तू आई अभी का लंड यह तो तेरी हथेली में होता है यह तेरी चूत में.....हे हे हे हे !!"

" हाँ मम्मी ...उफफफफफ्फ़ ... मैं तो भैया के लंड के लिए तड़प उठी थी .."

"हाँ मैं समझ सकती हूँ बेटा ..उसका लंड और चोदने का अंदाज़ लाजवाब है ..मैं तो बस निहाल थी इतने दिनों .क्या चुदाई करता है..पर फिर भी मेरे लिए तो बस तेरे पापा के सामने और कोई नहीं ....अच्छा छोड़ो इन बातों को और चलो लंच तैयार है ... सब मिल कर लंच करते हैं ..फिर आराम से बातें करेंगे ...पापा तो गये ऑफीस ...शाम को भी देर से आएँगे ..."

और हम सब ने साथ लंच किया और मम्मी के कमरे में आराम से लेट गये ...

मम्मी बीच में थी और हम दोनों भाई बहेन उनके दोनों ओर ..

मैने मम्मी के सीने में अपना सर रखते हुए कहा " मम्मी ..मैने बहुत मिस किया आप को...अब हम आप को कभी छोड़ के नहीं जाएँगे... "

" हाँ मम्मी .." भैया ने भी मेरी हाँ में हाँ मिलाते हुए मम्मी की टाँगों पर अपनी टाँगें रखते हुए कहा : और कभी जाएँगे भी तो अपनी प्यारी प्यारी मम्मी को भी साथ ले जाएँगे .."

मम्मी ने अपने एक हाथ से मुझे और दूसरे हाथ से भैया को अपने चूचियों से लगाते हुए कहा

" वाह ...मेरे बच्चे कितने प्यारे हैं ..मुझ से इतना प्यार करते हैं .." और बारी बारी से दोनों को चूमने लगीं ..

" क्यूँ प्यार ना करें ..ऐसी मम्मी जो है मेरी ....कितनी मस्त , कितनी सुंदर और फिट ...अभी भी ..." भैया ने उनकी चूचियों को हल्के हल्के दबाते हुए कहा...

"हाँ भैया तुम ने बिल्कुल ठीक कहा ..देखो ना मम्मी की चुचियाँ अभी भी कितनी मस्त ..और शेप्ली हैं .." और मैने उनकी दूसरी चूची अपने मुँह में ले कर उसे आम की तरह चूसने लगी ..

मम्मी अपने बच्चों के दो तरफ़ा वॉर से मस्ती में आ रहीं थी..उन्होने मेरे जीन्स के बटन खोलते हुए एक हाथ मेरी चूत में लगाते हुए उसे सहलाने लगी और दूसरे हाथ से भैया के पॅंट की ज़िप खोल उनके लौडे को सहलाने लगीं ...

तीनों एक दूसरे में मस्त थे ..

कि भैया ने कहा " मम्मी ..चलो ना सब कपड़े उतार देते हैं .... फिर और मस्ती रहेगी ..."

"मैं तो भाई थक गयी हूँ ..पापा की चुदाई से ..जो करना है तुम करो ..मैं बस पड़ी रहूंगी ...अगर कपड़े उतारने हैं तो उतार दो ..पर मैं उठने वाली नहीं "

भैया ने फटाफट पहले तो अपने टॉप और शॉर्ट्स उतारे ..फिर मम्मी की गाउन को बड़े प्यार से उन्हें उठाते हुए उनके बदन से बाहर कर दिया ..मम्मी उनकी गर्दन पर बाहें जकड़े उठ गयीं जिस से उन्हें कपड़े उतारने में आसानी हुई ..और मैं भी नंगी हो कर लेट गयी ...

हम दोनों भाई बहेन मम्मी पर टूट पड़े .....मैं उनकी चुचियाँ चूस रही थी मसल रही थी और भैया उनकी अभी भी पापा की चुदाई से गीली चूत का रस पी रहे थे ..और मम्मी आँखें बंद किए सिहर रही थी और कहते जातीं.

."हाँ मेरे बच्चे मुझे ऐसे ही चूसो ..तुम्हारे चूसने से मुझे कितना अच्छा लगता है //लगता है मैं फिर से जवान हो गयी ..."

ऐसा कहते हुए उन्होने अपनी चूत थोड़ी उपर उठा दी ..जिस से उनकी चूत भैया के मुँह में अच्छे से लग गयी और अपने हाथों से चुचियाँ थाम मेरे मुँह में और अंदर डाल दी

"लो ..लो अच्छे से चूसो ..पूरा रस निकाल दो ..हाँ चूसो .."

भैया मेरी तरफ टाँगें कर लेटे थे ..उनका लौडा मेरी तरफ था और मुँह मम्मी की चूत की ओर ..मैने अपने हाथ से उनके लौडे को थाम लिया ...और जोरों से जकड़ते हुए सहलाने लगी ..उसकी चॅम्डी उपर नीचे करने लगी ....

क्या मस्ती का आलाम था ...भैया का तननाया लौडा मेरे हाथ में और मम्मी की तननई निपल्स मेरे मुँह में ...और मम्मी की चूत भैया के मुँह में ...उफ़फ्फ़ ..पूरा रूम चूसने की चॅयप ..पुcच ..की आवाज़ से भर उठा ,,मम्मी तरथरा रही थी मज़े में ...

और अपने अलग अंदाज़ में मुँह खोले मस्ती में सिसकारियाँ ले रही थी ..उनकी कमर और चूतड़ उछल उछल जाते थे ..इतनी जोरों से भैया उन्हें चूस रहे थे ...मम्मी ने अपनी टाँगें पूरी फैला दी थी उनके लिए ....उनकी गुलाबी चूत की फाँक ..भैया जीभ चलाते ..कभी होंठों से जाकड़ लेते और पूरा पानी उनकी चूत का पीते जा रहे थे..और मेरे हाथ भी उनके लौडे से रीस्ते हुए पानी से गीले हो रहे थे ..मैं उन्हें चाट जाती ...
 
फिर मैने अपनी पोज़िशन बदल दी ...मैने अपना मुँह भैया के लंड की तरफ कर लिया ,,और अपनी चूत मम्मी की मुँह की तरेफ ..मम्मी ने मेरी चूत अपने हाथों से फैलाते हुए अपने होंठों से जाकड़ लिया और चूसने लगी ..मेरी चूत में तो रस भरा था ..एक धार सा मेरी चूत से निकलता हुआ उनके मुँह में गया .उन्होने पूरे का पूरा अंदर ले लिए और चूसना जारी रखा ..

मैने भैया का कड़क लौडा अपने होंठों से जाकड़ लिया और सुपाडे को चाट ते हुए पूरा लंड मुँह में ले मैं जोरों से चूस्ति और छोड़ती ..चूस्ति और छोड़ती

और भैया मम्मी की चूत चूसे जा रहे थे तीनों एक दूसरे पर टूट पड़े थे ...चूस्ते ..चाट ते छोड़ते ..मुँह से ... उफफफफ्फ़ तीनों कांप रहे थे..सिहर रहे थे...

भैया बीच बीच में मम्मी की गदराई जांघों को हाथों से जाकड़ लेते और चूत अपनी मुँह मे लगा लेते ...कभी अपनी जीभ अंदर डाल चोद्ते ..सभी पागल थे ..एक दूसरे की मस्ती ले रहे थे..एक दूसरे का रस पी रहे थे .... उफफफफ्फ़ ..इतना प्यार आ रहा था एक दूसरे पर ...जितनी मस्ती बढ़ती उतने हो जोरों से हमारा एक दूसरे को चूसना भी ज़ोर पकड़ता जाता....

हम सभी चिल्ला रहे थे ..कराह रहे थे ...

और फिर सब से पहले मम्मी ने अपनी चूतड़ उछालनी चालू कर दी ..भैया का मुँह उनके पानी से भर गया ....वो पूरा पानी पी गये ..मम्मी बार बार झाड़ रहीं थी उनके मुँह पर ..और उनका मेरा चूत चूसना और तेज हो गया और मैं भी उनके मुँह में झडने लगी ....

तभी मेरे मुँह में भी भैया की पिचकारी छूटी .....मैने अपने हाथों से उनका लंड थामे रही ...उनका झटका मैं मेरी हथेली पर महसूस कर रही थी ..उफफफ्फ़ ...और मेरा मुँह गर्म लावे से भर गया ..मैं पूरे का पूरा अंदर गटक गयी .......तीनों एक दूसरे से चिपक कर निढाल पड़े थे ..जोरों से साँसें लेते हुए ....

माँ और बच्चों का प्यार था .. प्यार की चरम सीमा .... प्यार पीघल पीघल कर एक दूसरे में समा रहा था .....

हम तीनों इस तरह झाड़ रहे थे ..मानो अंदर का पूरा रस बाहर निकल गया हो...पूरी तरह खाली और बहुत हल्का और रिलॅक्स्ड महसूस हो रहा था ...मैं भी भैया की सुबह की चुदाई और फिर मम्मी की चुसाइ से थोड़ी थकि सी थी ...हम तीनों एक दूसरे से चिपक कर सो गये ...कितना अच्छा लग रहा था ..माँ के सीने से लग कर सोना ....एक ओर भैया और एक ओर मैं उनके सीने से लगे लगे सो रहे थे ...मम्मी भी अपने बच्चों को अपने सीने से लगा कर कितना अच्छा फील कर रही थी ..उनके चेहरे पर एक संतुष्टि थी ..

काफ़ी देर तक हम सोते रहे .के .फोन की घंटी बजी .मैने फोन उठाया

उधर से पायल आंटी की आवाज़ आई ..

" अर्रे दामिनी ..तू कब आई ..कैसी रहा तेरा और पापा का हनी मून ..?''

मैं समझ गयी ज़रूर मम्मी ने बताया होगा ..मम्मी और पायल आंटी में बहुत दोस्ती थी ...जैसे दो बहेनें ही हों ..

" अरे क्या आंटी ....आप भी ना ....." मैने शरमाते हुए कहा

" हे हहे ....ठीक ठीक है बाबा ..अच्छा मम्मी कहाँ हैं ..."

"वो तो सो रही हैं आंटी ...जगाऊं क्या ..??"

" नही रहने दे ..बेचारी एक साथ दो दो लंड की चुदाई से थक गयीं होंगी ..उन्हें आराम करने दे ..उन्हें बता देना मैं आज शाम को आ रही हूँ ... ठीक है ना....वो समझ जाएँगी ...ओके मैं फोन रखती हूँ .."

और फोन कट हो गया.

तब तक मम्मी और भैया भी जाग गये थे ..मम्मी ने पूछा "किसका फोन था दामिनी..बड़ी हंस हंस के बातें हो रहीं थी ..?? "

"पायल आंटी थी ..बोल रहीं थी आज शाम को आनेवाली हैं ..."

" अच्छा ?? ...वो भी ना ..पापा और अभी के लंड की दीवानी हो गयी है... चलो आज एक साथ दोनों लौडे से चुद्वा देती हूँ ....फिर सारी दीवानगी ख़त्म हो जाएगी ..क्यों बेटा ठीक है ना ..?"

भैया ने चहकते हुए कहा " क्यूँ नहीं मम्मी ....आप की सहेली जो ठहरी ...कितनी मस्त चुद्वाती हैं ..पर पापा मेरे सामने उसे चोदेन्गे ..??"

''हाँ क्यूँ नहीं ..अब तू भी तो चुदाई एक्सपर्ट और समझदार हो गया है ....अब पापा को तुम्हारे साथ किसी को भी चोदने में कोई प्राब्लम नहीं .."

"ओओओओओओओओओह मम्मी " मैं इस बात से उछल पड़ी "अब तो और भी मज़ा रहेगा ..हम चारों कभी भी , जब चाहें एक साथ सो सकते हैं ...चुदाई कर सकते हैं ....उफफफफफ्फ़ ....तुम ने बड़ी मस्त बात की "

फिर हम लोग उठ गये और अपने अपने बाथ रूम जा कर फ्रेश हुए .

मम्मी और मैं मिनी स्कर्ट और लो नेक वाली ब्लाउस पहने थी बिना पैंटी के और भैया शॉर्ट्स और टॉप में थे .ये मिनी स्कर्ट वाली बात पायल आंटी का मशविरा था ..उन्होने ही मम्मी से कहा था के स्कर्ट पहेन ने से एक तो चूत को अच्छी हवा मिलती है ..हमेशा फ्रेश ...कोई बदबू नहीं और चुदाई के वक़्त सिर्फ़ उपर उठा कर ही काम चल जाता है ..पूरा खोलने की ज़रूरत भी नहीं ...

क्रमशः……………………..
 
दामिनी--34

गतान्क से आगे…………………..

हम तीनों बड़ी मस्ती कर रहे थे और चाइ भी पी रहे थे ..भैया बीच में बैठे थे . मैं एक हाथ से खुद चाइ पीती और दूसरे हाथ से उनको पिलाती ...और भैया एक हाथ से मेरी चूत सहला रहे थे और दूसरे हाथ से मम्मी की चूत ..उनकी तो बस चाँदी थी....दो सब से हसीन चूत उनकी मुट्ठी में थी ...उनका लौडा उनकी पॅंट का तंबू बनाए शान से खड़ा था और मम्मी उसे पॅंट के उपर से ही सहलाए जा रही थी ...इतने कड़क लौडे को हाथ में लेना भी कितना मज़ेदार ताजूर्बा होता है ... मैने भी जल्दी चाइ पीना ख़त्म कर उनके लौडे से खेलने लगी ...

तीनों मस्ती में थे ..तभी कॉल बेल बजी ...मम्मी ने झट उठते हुए बाहर दरवाज़े के होल से झाँका ..

" लगता है आज पापा जल्दी आ गये ..." दरवाज़ा खोलते ही पापा अंदर आए और मम्मी को अपनी बाहों में ले लिया और उन्हें चूमते हुए अपने सीने से लगाए सोफे पर बैठ गये

" मेरी रानी /....मेरी कामिनी रानी ...तुम्हारे मुँह के टेस्ट से कभी जी नहीं भरता .... उफ़फ्फ़ .."और वे काफ़ी देर तक मम्मी के होंठ चूस्ते रहे .....

मम्मी उनकी बाहों से छूटने की नाकामयाब कोशिश में थी और मंद मंद मुस्कुराए जा रहीं थी ..

तभी पापा की नज़र मेरे और भैया पर पड़ी ..मैं भैया के लंड से खेल रही थी और भैया मेरी चूत से...

" वाह वाह क्या प्यारा नज़ारा है ..दोनों भाई बहेन में खूब प्यार हो रहा है ....आओ ना मेरी रानी हम भी कुछ करें ", और उन्होने मम्मी को अपनी गोद में बिठा लिया ...और उनके चेहरे पर हाथ फेरने लगे ...उनके होंठों पर अपनी उंगलियाँ फेरने ल्गे ....

तभी मम्मी ने कहा " बस बस .मेरे राजा ..ज़रा सब्र करो और अपना प्यार ज़रा बचा कर ही रखो....आज तुम्हारी फॅवुरेट साली आ रही है .ज़रा उसका भी ख़याल रखना ...."

" कौन ...मेरी तो बस एक ही साली है .... यानी पायल ..?? "

"हाँ अभय ..आज उसको तुम्हारे लंड की याद आ गयी पता नहीं क्यूँ....अभी थोड़ी देर में ही आने वाली है ....तुम दोनों जम कर चुदाई करो उसकी "

"उफ़फ्फ़ ...मेरी रानी ....फिर तो आज जश्न मनाएँगे हम सब ....ओक मैं अभी आया तैयार हो कर .."

और वह अपने रूम की ओर चले गये ...

भैया ने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया था और मेरी चूचियों से खेल रहे थे ... और मैं तो उनके लौडे को सहलाए जा रही थी ..बड़ा ही रिलॅक्स्ड और मस्ती का आलाम था .

थोड़ी देर बाद पापा भी फ्रेश हो कर शॉर्ट्स और टॉप में रूम से बाहर निकले ....एक दम जवानी की जोश में थे ..आते ही उन्होने मम्मी को अपनी गोद में ले कर उनके होंठों को चूसना शुरू कर दिया ...भैया को मेरी चूची और पापा को मम्मी के होंठो से खेलने , चूसने और चाटने से कभी भी जी नहीं भरता ....

हम चारों मस्ती में पायल आंटी का इंतेज़ार कर रहे थे...

कितना प्यार , कितना स्नेह और एक दूसरे के लिया कितना लगाव टपक रहा था ...एक दूसरे को छूने , चूमने और सहलाने से बढ़कर अपने भावनाओं को व्यक्त करने का कोई दूसरा तरीका नहीं होता....हम एक दूसरे में खोए थे ...मस्ती करते..कभी चूमते , कभी चाट ते , कभी गले लगते ...हम चारों एक साथ जुटे थे ...

और आज तो हमारे साथ एक और हसीन सख्शियत जुड़ने वाली थी ..पायल आंटी....अब तो वो भी हमारे परिवार की ही तरह हो गयीं थी..इतनी घूल मिल गयीं थी.... सब से ...उनके आने का बड़ी बेसब्री से सब को इंतेज़ार था ..खास कर भैया और पापा को.....और क्यूँ हो..उनके चुद्ने का अंदाज़ ही कुछ और था .जी और चूत पूरा खोल देतीं थी वो ....

तभी बाहर किसी के आने की आहट हुई ..मम्मी झट उठी और दरवाज़ा खोला तो सामने पायल आंटी मुस्कुराते हुए खड़ी थी..

मैं अभी भी भैया की गोद में थी और पापा बैठे थे पर उनका लंड अभी भी कड़क था और उनके शॉर्ट से बाहर झाँक रहा था ..

मम्मी के के कपड़े भी अस्त व्यस्त थे ...पायल आंटी अंदर आईं और देखते ही कहा

"लगता है छोटा परिवार और सुखी परिवार का जीता जागता नमूना है तुम्हारा परिवार .कामिनी ...वाह क्या प्यार टपक रहा है... दोनों भाई बहेन को तो देखो ज़रा ..और जीजा जी भी अपने हथियार बाहर निकाले तैयार हैं मेरे स्वागत को......हे हे हे हे !! " पायल आंटी ने अपने चहकते अंदाज़ में कहा .

" अरे क्यूँ नहीं ..मेरी पायल रानी....आप भी तो हमारे परिवार में शामिल हो...आप हमारे परिवार के प्यार से क्यूँ अलग रहो..?? " पापा ने अपना हाथ बढ़ाया और उन्हें बड़े प्यार से अपने बगल बिठा लिया और अपने से चिपका लिया ..

पायल आंटी के आते ही वातावरण में उनकी खूबसूरती , उनकी खुश्बू और उनकी हँसी छा गयी थी ...उन्होने भी एक लो कट ब्लाउस और मिनी स्कर्ट पहेन रखा था जो अच्छी फिगर के चलते वो एक कमसिन लड़की लग रहीं थी ..... अंदर उन्होने पैंटी पहेनी थी ....बहुत ही छोटा ..सिर्फ़ चूत को ढँकता हुआ ...और पारदर्शी ..उनकी चीकनी चूत की चमक बाहर झलक रही थी ..
 
" आप के इसी अंदाज़ पर तो मैं फिदा हूँ जीजू ....बस मौका मिलते ही लपक लेते हो आप मुझे ...हे हे हे ! " पायल आंटी ने उन से और भी चिपकते हुए कहा और उनके बाहर झाँकते हुए लौडे को हाथ से थाम लिया ..." और आप का ये हथियार हमेशा तैयार रहता है मेरे लिए ....उफ्फ ..क्या कड़क है ..."

"हाँ पायल देखो ना तुम्हारे आने के नाम से ही बेचारा बाहर झाँक रहा है ..तुम्हारा रास्ता बड़ी बेसब्री से देख रहा है...." और पापा ने उनकी एक टाँग उठाते हुए अपनी जांघों पर रख लिया और उनकी फैली चूत को पैंटी के उपर से ही सहलाने लगे ....उनकी पैंटी अब तक पूरी तरह गीली थी और चमक रही थी ... पायल आंटी की सुडौल जंघें भी नंगी थी अब ..उनका स्कर्ट उनके बैठ ते ही उपर हो गया था ...पापा का लंड उनकी हथेली में और उनकी चूत पापा की हथेली में ....

और ये सब देख भैया ने मुझे अपने से और भी चिपका लिया और मेरे होंठ जोरों से चूसने लगे और मेरी छूत अपनी हथेली से जोरों से दबा दी ''आआआआआआआआआआआआआह भैया ,,ज़रा धीरे ...." मैं चीख उठी ..और पायल आंटी का ध्यान हमारी तरेफ बँट गया ..

" अर्रे अभी ..आज लगता है अपनी प्यारी बहेन की चूत और होंठ तू खा ही जाएगा .....आ ना मेरे पास बैठ ..कितने दिनों बाद तो तुझे देख रही हूँ ....दामिनी की चूत तो तुझे रोज ही मिलेगी .....पर मुझे तेरे जैसा लंड रोज नहीं मिलता ना.....आज तो जी भर अभय और अभी के लंड से मुझे खेलना है ...आ मेरे पास आ... "

" हाँ हाँ भैया ..जाइए ना ...."

" अरे नहीं दामिनी ....तू भी मेरे साथ रहेगी ..." और उन्होने मुझे अपनी गोद में उठाया और पायल आंटी से चिपक कर बैठ गये .

" वाह क्या प्यार है दोनों भाई बहेन में ...."और उन्होने भैया का लंड अपने दूसरे हाथ से थाम लिया ....

उधर मम्मी पापा के दूसरे बगल में बैठ उन्हें चूम रही थी और उनके होंठ पर अपने होंठ रखे चूस रही थी ....

क्या माहौल था ..सभी एक दूसरे में मस्त ....एक दूसरे से चिपके , एक दूसरे को चूस रहे थे ,चाट रहे थे और सहला रहे थे ...भैया ने मुझे मेरे चुतडो को थामते हुए उपर उठा लिया था और मैं उनके गर्दन में बाहें डाले उन्हें बुरी तरह चूम रही थी और उनका लंड पायल आंटी अपने हाथों से जकड़े सहलाए जा रही थी इस तरह के वो शायद उसे कभी छोड़ें नहीं .....भैया का बुरा हाल था ..उपर मैं थी और नीचे पायल आंटी ...मस्ती में कराह रही थी ...फिर मैने अपनी चूची उनके मुँह में अपने हाथों से डाल दी और वह उसे बुरी तरह चूसने लगे ...उनका एग्ज़ाइट्मेंट काफ़ी ज़्यादा था ...पायल आंटी का लौडा सहलाना था ही इस कदर मस्त ...उनके लौडे से प्री-कम रीस्ता जाता ..पायल आंटी का हाथ गीला होता और वह उसे चाट जातीं ....

उधर मम्मी की चूत में भी पापा ने उंगली करनी शुरू कर दी थी ..एक हाथ पायल आंटी की चूत में और दूसरा मम्मी को चूत में ..उनके तो दोनों हाथों में चूत ही चूत ..और शायद दुनिया की सब से नायाब दो चूत ...एक कड़ी , टाइट और फूली फूली पायल आंटी की तो दूसरी सॉफ्ट ..गुदाज और फैली फैली फाँक्कों वाली मम्मी की ....

आआआह सब कराह रहे थे ..सिसक रहे थे ...पायल आंटी की चूत से तो नदी बह रही थी इतनी गीली हो गयी थी ....

" उफफफफफ्फ़..अब मुझ से रहा नहीं जाता .....जीजू..जीजू ..आओ ना मुझे चोद डालो ..कितनी प्यासी है हूँ मैं आप के लंड के लिए .... अया अभी तेरा लंड भी मुझे चखना है "...ऐसा कहते हुए उन्होने दोनों लंड अपने हाथों से और भी जोरों से जाकड़ लिया ..जैसे उन्हें निचोड़ लेंगी ..पापा और भैया दोनों तड़प उठे ...

मैं भैया की गोद में ही थी चुसाइ कर रही थी और चूची चूस्वा रही थी

"हाँ पायल तेरे हाथों में लगता है मेरा लंड उखड़ जाएगा ..बहुत टाइट और कड़क हो गया ....अब इसे तुम्हारी गर्म और नरम चूत की ज़रूरत है ..." पापा ने भर्राई आवाज़ में कहा

तभी भैया बोल उठे " कोई मेरी भी सुनेगा ...? मेरा लौडा भी जड़ से उखाड़ने वाला है ..पायल आंटी क्या दो दो लंड लेंगी एक साथ ..?"

" अरे मेरे रहते कोई भी लंड नहीं उखाड़ने वाला ...मैं दोनों लंड लूँगी एक मूँह से मैं चोदून्गि और दूसरा मेरी चूत फाड़ेगा ...." पायल आंटी बोल उठी.

औरउन्होने डॉगी पोज़िशन में होते हुए भैया का लंड अपने मुँह में ले कर होंठों से लगाया और मुँह अंदर बाहर कर चोदने लगीं और पापा पीछे से उनकी चूत में एक ही झट्के में अपना तननाया लौडा पेल दिया ...पायल आंटी है कर बैठी और भैया का लौडा और भी जोरों से चूसने लगीं , जैसे अपने होंठों से नीचोड़ ही डालें ..और मुझे भैया ने और भी जोरों से मेरी चूतड़ को जकड़ते हुए भींच लिया ....और मेरे होंठ चूसने लगे ..मैने भी उन्हें अपने बाहों से अपने से और करीब कर लिया ...और अपना मुँह पूरा खोल दिया ..भैया की जीभ मेरे मुँह में लॅप लपाते हुए जा रही थी और मुझे अंदर ही अंदर चाट रही थी ..
 
मम्मी भी अपनी उंगली से अपनी चूत सहला रहीं थी और पापा के पीठ से अपनी चुचियाँ रगड रही थी

सब से ज़्यादा मस्ती पायल आंटी की थी ..दो दो लौडे का मज़ा अकेले ही ले रहीं थी ....पापा ताबड तोड़ चूत में धक्के लगा रहे थे और भैया उनके मुँह में ....दो दो छेदो में एक साथ चुदाई ....पर वाह रे पायल आंटी ...मस्त चुद्वा रही थी ......पूरे कमरे में हमारी सिसकारियाँ और कराहो की आवाज़ गूँज़ रही थी ...फतच फतच ..पुउच पूउक्छ .....अयाया ...उईईईई .....चल रहा था

पापा के हर धक्के से उनकी कमर झुकती ,चूतड़ थप थपाता और उनका मुँह भैया के लौडे को और जोरों से जाकड़ लेता .....और भैया सिहरते हुए मुझे और जोरों से चाट ते ....मम्मी ये सब देख देख जोरों से चूत मसल्ति जाती ..सब मज़ा ले रहे थे ....

पापा के धक्के तेज़ होते गये ...पायल आंटी कांप रहीं थी ..उनके चूतड़ थरथरा रहे थे ..थप थप की आवाज़ आ रही थी और उसी के साथ आंटी का भैया का लंड चूसना और चोद्ना तेज़ी पकड़ लेता .....

फिर मैने भैया की जीभ मुँह में चलाने की रफ़्तार में बड़ी तेज़ी महसूस की ....लग रहा था मुझे खा जाएँगे ..मैं समझ गयी पायल आंटी के मुँह में फवारा छूटने वाला है ....पायल आंटी भी एक्सपीरियेन्स्ड थी ..उन्होने भैया के लौडे को अपने हाथों से जोरों से जाकड़ लिया और अपने मुँहे से और भी जोरों से चोदने लगी ''खूब जोरों से मुँह उपर नीचे कर रही थी ..पूरे लंड की लंबाई तक ....और साथ में अपनी चूतड़ भी पापा के लंड के लिए फैला दिए .....उफ़फ्फ़ क्या चुदाई हो रही थी पायल आंटी की .....
 
दामिनी--35

गतान्क से आगे…………………..

मम्मी तो इतनी मस्त थी ये सब देख , अपनी चूत सहला सहला कर उनका तो पानी छूट रहा था ...

फिर भैया पायल आंटी के गर्म गर्म होंठों , जीभ और मुँह की चुदाई से रोक नहीं पाए अपने को और पायल आंटी की मुट्ठी से जकड़े लौडे को झटका देते देते उनके मुँह में झडने लगे ....पायल आंटी ने पूरे का पूरा अंदर ले लिया ..उसे पी गयीं ..गले से नीचे उतारती गयीं ....और जो भी थोड़ा उनके होंठों और ठुड्डी में लगा था जीभ से चाट गयीं

और इधर पापा भी धक्के पे धक्का लगाते लगाते उनकी पीठ जकड़ते हुए अपना लंड उनकी चूत में धंसाए झाड़ते जा रहे थे ....झाड़ते जा रहे थे और पायल आंटी तो दो दो लंड की चुदाई के सिहरन से मस्ती में चीत्कार रही थी ....और झड़ती जा रही थी .....उनकी चूतड़ उछाल रही थी ..."उईईईईई माअं ....हाँ ...आज मेरी चूत को शांति मिली .....उफफफ्फ़ ....आआआआआआआआआआः ...." और पायल आंटी भैया के लौडे को मुँहे में लिए लिए उनकी जांघों पर अपना सर रख दिया..

और अंत में मैने भी भैया के मुँह में अपना चूत रस छोड़ना शुरू कर दिया ....

हम सब लंबी लंबी साँसें ले रहे थे और एक दूसरे पर ढेर थे और एक दूसरे के बदन के स्पर्श का आनंद ले रहे थे ......

तभी मम्मी के पैरों की पायल की खनक सुनाई दी ...वह पापा के मुरझाए लौडे को अपने पैरों के तलवों से जाकड़ , सहला रही थी ... पैर के हीलने से पायल की मधुर खनक की आवाज़ ने सब को फिर से मदहोशी के आलाम से वापस जगाया ....

पापा का लौडा भी अपनी नींद से धीरे धीरे जाग रहा था .." ओह डार्लिंग ...तुम्हारा भी जवाब नहीं कम्मो..तुम्हारे हर अंग से सेक्स बोलता है ....उफफफ्फ़ ..क्या मस्त हैं तुम्हारे पैरों का कमाल और उन से निकलती मधुर संगीत ....तुम सही में सेक्स की देवी हो.."

और उन्होने मम्मी को गले से लगाते हुए चूमना शुरू कर दिया ..

" क्या करूँ अभय..तुम्हारा लौडा भी तो कितना मस्त है ...जो इसे छू ले और अंदर ले वोई जान सकता है इसका कमाल ..क्यूँ पायल मैने ठीक कहा ना.."" मम्मी ने पायल आंटी को आँखें मारते हुए कहा .

"हाँ कम्मो ..तुम ने ठीक कहा ....क्या लौडा है और क्या चुदाई है अभय की...चूत के एक एक कोने को चोद डालता है ..पूरी चूत भर उठती है ..दोनों बाप बेटे को तुम ने अच्छी ट्रैनिंग दी है चोदने की .....देखो ना मेरी चूत अभी भी फडक रही है ...... " पायल आंटी ने मस्ती लेते हुए कहा ..

मैने देखा उनका चूत सही में अभी भी मस्ती से कांप रहा था ....

फिर मम्मी ने पापा का लंड अपने हाथों में लिया और सहलाने लगी ...और उनके हाथ की चूड़ीयाँ खनकने लगीं ....उफ्फ क्या अंदाज़ था उनका ...एक मुट्ठी नीचे और उसके उपर दूसरी मुट्ठी और एक के बाद एक मुट्ठी उनके लौडे की चॅम्डी को उपर नीचे करती और चूड़ीयाँ खनक जातीं ...बहुत ही सेक्सी अंदाज़ था ....

पापा का लौडा एक दम कड़क हो मम्मी के हाथों में लहरा रहा था....

मम्मी की आँखों में मस्ती टपक रही थी ...." भाई मैं तो अब रुक नहीं सकती ..अभय तुम लेटे रहो मैं तुम्हें चोदून्गि ...." और उन्होने पायल आंटी की तरफ देखते हुए कहा " किसी को कोई ऐतराज़ ..??"

पायल आंटी ने हंसते हुए कहा " नो ऑब्जेक्षन्स मी लॉर्ड....अपने पति को चोद ने में मुझे क्या ऐतराज़ , और तुम ने कितनी मेहनत की इसे खड़ा करने में ..बस चोद डाल कम्मो ..हम सब देखते हैं ..."

और फिर मम्मी पापा के तननाए लौडे पर अपनी फूली फूली और गुलाबी फांकों वाली चूत को रखते हुए बैठ गयीं .....उफफफ्फ़ क्या नज़ारा था .....उनका पूरा चूत धँस गया ...पापा का लौडा पूरा अंदर था ....मम्मी बस उस पर सवार उपर नीचे , उपर नीचे उछल रही थी और उनके गले का हार , उनके कान की बलियाँ सभी उछल रहे थे ...और मम्मी एक अजीब ही मस्ती में थी ...उनके झट्के से उनके कमर का कमरबन्द भी झटके ख़ाता नीचे लहराते हुए पापा के सुपाडे से छू जाता और पापा इस स्पर्श से सिहर उठ ते ...चूत और गहनों से उनकी चुदाई ..मम्मी ही कर सकतीं थी ..पापा की मस्ती बढ़ती जाती ....वह कराह उठ ते ...कांप उठ ते मम्मी के हर धक्के से और इधर मम्मी भी आँखें बंद किए चूत के हर कोने में पापा के लंड का अहसास ले रही थी .....बीच बीच में पापा भी अपनी कमर उठा उठा कर उनके धक्कों से मिलाते हुए अपना धक्का भी लगा देते .......

.हम सब इस चुदाई को देख देख मस्ती में थे ....और भैया मुझे और पायल आंटी को अगल बगल दबाए दोनों हाथों से चुचियाँ मसल रहे थे और हमे बारी बारी चूमे जा रहे थे ...और मैं और पायल आंटी उनके लौडे को सहलाए जा रहे थे..उनका कड़क और तननाया लौडा ....उफफफफ्फ़ क्या मस्ती थी ...आज तो बस हम सब इस चुदाई ..चुसाइ के खेल में डूबे थे ..ऐसी मस्ती हमें कभी नहीं आई थी ..हम दोनों की चूत से भी लगातार पानी रीस रहा था ....

और भैया का लौडा हवा में लहरा रहा था ...इतना कड़क था के हिल रहा था ....मुझ से रहा नहीं गया ..मैं भैया के बगल से उठी और अपनी टाँगें उनके दोनों ओर रखते हुए उनके लौडे पर बैठ गयी ..चूत इतनी गीली थी मेरी और लौडा उनका इतना टाइट ..मेरे चूतड़ तक मेरी चूत धँस गयी .फतच से ..और मैं सिहर गयी ....भैया ने मुझे और जाकड़ लिया अपने से और पायल आंटी ने मेरी फैली चूतड़ के बीच से मेरी गंद में अपनी उंगली में थूक लगाते हुए पेल दी ......आआआः ...मैं चिहुक गयी ..इस से मेरी चूत और फैल गयी ....और चूत गीली होती गयी ..पानी बहे जा रहा था और मैं भैया के लंड पर उछल उछल कर बैठ ती जाती ..

और मम्मी पापा तो बस अपने में खोए थे .मम्मी के पायल और चूड़ियों का खनकना जारी था ..जोरों से पापा की चुदाई हो रही थी ....माँ मेरे बाप को चोद रही थी और बहेन अपने भाई को ....और आंटी मेरी गान्ड में उंगली किए जा रही थी और अपनी चूत भी मसल रही थी...
 
ये दूसरा दौर चुदाई का था ...बड़ा हसीन और संगीतमय ..मम्मी कराह रही थी , पापा चिल्ला रहे थे ....मैं मस्ती में रो रही थी ....गान्ड और चूत दोनों की खूजली मिटा रही थी ....

और फिर सब शांत हो गया .....जैसे तूफान के बाद ...इस तूफ़ानी चुदाई के बाद ...पापा मम्मी की गहने के स्पर्श से बुरी तरह सिहरते हुए झाड़ते जा रहे थे और मम्मी अपनी चूत धंसाए उन से चिपकी थी ....मैं भी भैया से चिपकी थी और चूतड़ उछाले जा रही थी और पायल आंटी सोफे पर टाँगें फैलाए झड़ती जा रही थी ...सोफे पर नदी बह रही थी उनकी चूत से ...

कमरा वीर्य और चूत रस की सोंधी सोंधी महक से भर उठा था ...हमारी तेज़ साँसों से हमारे अंदर समाए जा रहा था....

हम सब मदहोश थे....

क्या समा था ड्रॉयिंग रूम में ...मम्मी और पापा एक दूसरे पर नीचे कालीन पर पड़े थे ..मम्मी ,पापा के सीने से चिपकी थी ...और आँखें बंद किए पापा के सीने की गर्मी का मज़ा ले रहीं थी ..उनके चेहरे पर हमेशा की तरह एक मदभरी मुस्कान थी ...और मुँह खुला ...

और बड़े सोफे पर पायल आंटी और मैं भैया के दोनों ओर अपनी अपनी टाँगें सामने रखी टेबल पर फैल्लाए उन से चिपके थे और भैया हम दोनों को अपने बाहों में लिए अपना होंठ कभी मेरे गालों पर रख देते तो कभी पायल आंटी के गालों पर ...दोनों का स्वाद ले रहे थे ...

सब का चेहरा कितना रिलॅक्स्ड था ...इतनी मस्त चुदाई और चूत की घिसाई हुई थी ...

जहाँ प्यार से चुदाई होती है वहाँ का माहौल भी बड़ा प्यारा होता है..आज का माहौल इसका जीता जागता उदाहरण था .

तभी मम्मी ने अपनी आँखें खोलीं और अपने चारों ओर निघाहे दौड़ते हुए हम सब को देखा ...और उनके चेहरा और भी खील उठा ..खास कर पायल आंटी को देख ....पायल आंटी अपनी टाँगें और चूत फैलाए अपने आप को भैया की बाहों में छोड़ दिया था ..जैसे उन्होने अपनी पूरी जिस्म उनके हवाले कर दी हो ....और ये कहना चाहती हों के जो जी चाहे कर लो ...जैसे भी चाहे चोद लो ....."

'"क्यूँ पायल सब ठीक तो है ना ..? कैसी लगी आज की चुदाई ..??"

" मत पूछ कामिनी ..तुम ने क्या माहौल बनाया है अपने घर का ..बाहर वाले भी यहाँ घरवाले बन जाते हैं...उफफफफफ्फ़ ..मत पूछ बस इतनी मस्ती और मज़ा मुझे कभी नहीं आया ..मन करता है ..इन दो लौन्डो को अपने अंदर हमेशा के लिए रख लूँ ....क्या लंड है और क्या चुदाई ... "

" रोका किस ने है मेरी रानी ...घुसा ले ना दोनों लंड एक साथ अपनी चूत और गान्ड में ....और ले ले मज़ा ...."

" हाई ..हाई ..क्या आइडिया है कामिनी .....एक साथ दो दो लंड .....उईईईईईईईईईईईईईईई ..मैं तो सिर्फ़ सोचते ही लगता है झाड़ जाउन्गि ...मान ना पड़ेगा कामिनी ...तुम सही में सेक्स की देवी ही नहीं ..सेक्स की पुजारन भी हो ...."पायल आंटी ने भैया को चूमते हुए मम्मी से कहा ..

" हे हे हे हे....पर अभी तेरी ये सेक्स की पुजारन पेट की पुजारन बन ने वाली है ...भाई इतनी मस्त चुदाई के बाद मुझे तो भूख लग रही है ..मैं कुछ खाने पीने का इंतज़ाम करती हूँ ..."मम्मी ने हंसते हुए कहा .
 
तब तक पापा भी अपनी मदहोशी से वापस होश में आ गये थे उन्होने मम्मी की हाँ में हाँ मिलाया और उनके साथ किचन की ओर चल पड़े .

मम्मी अपनी पायल खन्काति , कमर लचकाती , गान्ड मतकती अपनी मदमस्त चाल से आगे थी और पापा उनके पीछे ...

और इधर हम तीनों सोफे पर एक दूसरे से खेल रहे थे ...भैया के मुरझाए लौडे को दोनों बारी बारी से सहलाते ..चूस्ते और भैया एक हाथ से मेरी और दूसरे हाथ से पायल आंटी की सुडौल और गुदाज चुचियाँ मसल रहे थे..

10 -15 मिनूटों के बाद मम्मी और पापा बाहर आए किचन से ..मम्मी के हाथ में बड़ा सा ट्रे था ..जिस पर तीन चार बड़े प्लेट्स थे..एक में फ्राइड चिकन थी ..एक में कुछ नमकीन एक में फ्राइड फिश ..... और पापा के हाथ में भी ट्रे था और उस में था बढ़िया फ्रेंच वाइन की बॉटल्स और ग्लासस ....

क्रमशः……………………..
 
दामिनी--36

गतान्क से आगे…………………..

पायल आंटी तो बस उछल पडी वाइन्स के बॉटल्स को देख " अरे वाह ..जीजू आप भी जानते हो महफ़िल में कैसे रंग ज़माना है.....चुदाई की राउंड के बाद वाइन का एक राउंड ...फिर मस्ती का आलाम और फिर धक्कम पेल चुदाई ....उफफफफ्फ़ .जीजू आइ लव युवूयूयूयुयूवयू....."

और झट उठते हुए पापा के हाथ से ट्रे ले ली और टेबल पर रखा और सब के लिए ड्रिंक्स बनाने लगीं .

सभी ने चियर्स किया " आआज की चुदाई के नाम .... " और सब वहीं कालीन पर नीचे बैठ कर ड्रिंक्स के साथ स्नॅक्स भी ले रहे थे ...

पापा और पायल आंटी एक साथ चिपक सोफे पर बैठ गये ...कभी पापा अपने मुँह से पायल आंटी के मुँह में वाइन डाल देते तो कभी पायल आंटी के मुँह से पापा पूरे का पूरा ड्रिंक चूस लेते ....

और सब से मस्त आइडिया तो भैया ने लगाया ..उन्होने अपना तननाया लौडा मेरे मुँह में सिर्फ़ मेरे होंठों पर रखा और अपनी ग्लास से लौडे पर वाइन डालना चालू किया और मुझे लौडा चूसने को कहा ,, मैं जैसे जैसे लौडा चूस्ति वाइन भी मेरे मुँह में जाता , अफ सतासट उसे चाटि और फिर चूसने लगी.....क्या टेस्ट था ..वाइन , वीर्य और चूत रस के मिला जूला टेस्ट .....

फिर थोड़ी देर बाद मम्मी ने उनका लौडा मेरे हाथों से झपट लिया और अपने मुँह में डाल लिया ...और उन्होने भी इस अद्भुत टेस्ट वाले वाइन का मज़ा लिया ....

हम सब मस्ती में आ चूके थे ....हम सब पर एक अजीब ही शुरूर छाया था , नशे में मदहोश थे झूम रहे थे ....

पापा और पायल आंटी एक दूसरे से लिपटे सोफे पर बैठे थे .एक दूसरे से मस्ती कर रहे थे ...पापा का लौडा उनके हाथ में था ....उसे पायल आंटी सहलाती , निचोड़ती , भींचतीं , चॅम्डी उपर नीचे करतीं ...वो पापा के लंड के लिए पागल थी , कभी झूक कर उसे चूम लेती ....कभी चूसने लगती..पापा तो पहले से ही मस्ती में थे , और फिर पायल आंटी की इन हरकतों से वो भी सिहर रहे थे ..पागल हो रहे थे..उन्होने आंटी को बुरी तरह अपने सीने से लगा रखा था ,,आंटी की चुचियाँ उनके सीने से चिपकी थी , पापा ने एक चूची अपने मुँह में लिया और जोरों से चूसने लगे ...और दूसरा हाथ उनकी चूत में रखते हुए उनके सॉफ्ट चूत को उंगलियों से मसल्ने लगे ..आंटी कांप उठी .उनके चूतड़ उछल रहे थे ...और उन्होने पापा के लंड को अपनी मुट्ठी से और भी जाकड़ लिया ...उनके सुपडे की छेद से लगातार पानी रीस रहा था और आंटी के हाथ में ही कड़क और कड़क होता जा रहा था ...

फिर ना जाने पापा को क्या सूझा उन्होने अपना हाथ जो चूत सहला रहा था उसे वहाँ से हटाया और आंटी के सॉफ्ट पर सुडौल चूतड़ के नीचे से ले जाते हुए उनकी गान्ड की छेद में एक उंगली रख धीरे धीरे हिलाने लगे ...उसे अंदर नही ले गये .....आंटी मस्ती में सिहर उठी ...फिर पापा ने उनको अपने सामने खड़ा कर लिया ...आंटी की कमर थोड़ी झूका दी ..अब आंटी की गान्ड उनके मुँह के सामने था ..पापा ने आंटी की चूतड़ अपने हाथों से फैलाते हुए उनकी गान्ड की छेद खोल दी और अपनी लपलपाति जीभ से टूट पड़े ....चाटने लगे आंटी की गान्ड ..फिर उन्होने वाइन की बॉटल से थोड़ी वाइन गान्ड के होल में डाल दी ...आंटी सिहर गयीं ....और पापा उस मस्त , सॉफ्ट और सुगन्धीत गान्ड से वाइन सतासट चाट रहे थे ..मुझे लगा पापा शायद आज आंटी की गान्ड मारने ही वाले हैं ....

हम तीनों बस एक दूसरे से चिपके पापा और आंटी की मस्ती देख रहे थे ... भैया का लौडा भी इस मस्ती को देख झूम रहा था ..लहरा रहा था ...

आंटी हाई हाई कर रहीं थी ..मस्ती की लहरों में गोते लगा रहीं थी .....पापा का लौडा तो इतना कड़क था , और हिल रहा था ..पापा उनके चूतड़ सहला रहे थे , गान्ड चाट रहे थे और कभी काभ नीचे हाथ ले जा उनकी चुचियाँ भी मसल देते
 
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