Kamukta Kahani दामिनी - Page 7 - SexBaba
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Kamukta Kahani दामिनी

आंटी की चूत से पानी नीचे टपक रहा था ..उनसे रहा नहीं गया ..और अपने हाथों को पीछे करते हुए अपनी चूतड़ को जोरों से फैलाया , गान्ड का होल और भी खूल गया ..उसके अंदर वाइन तो थी ही पहले से , वो पापा के कड़क लंड पर अपनी गान्ड का होल रख बैठ गयीं ......

उफफफ्फ़ क्या नज़ारा था ...पापा के चाटने से और वाइन की मौज़ूदगी से गान्ड अंदर काफ़ी मुलायम था और खुला भी था ..उनका आधा लंड फतच से आंटी की गान्ड में था ..

." हाईईईईईई मर गयी मैं ...उफफफ्फ़ जीजू पूरा पेल दो ना ....आधे में मत रोको ...आआआआआआः आज गान्ड और चूत दोनों की खूजली साथ साथ मीटानी है .......अभी आ जा ना .....सामने से मेरी चूत फाड़ दे ना मेरे राजा ..आआ.." आंटी मदहोशी में बके जा रहीं थी

तभी पापा नेआंटी की कमर को जाकड़ थोड़ा उपर कर लिया और नीचे अपने लौडे को पुश किया ....पूरा लौडा उनकी गान्ड में जड़ तक अंदर था ...और आंटी ने अपने पैर फैला दिए उनके पंजे नीचे कालीन पर ही टीके थे ...और अपनी पीठ पापा के सीने से लगाते हुए , उन पर पीठ के बल लेट गयी , पापा ने उन्हें अपने हाथों से जाकड़ लिया ..उनका चेहरा अपनी तरफ घूमाते हुए आंटी के होंठ चूस रहे थे ..और लौडा अंदर ही अंदर गान्ड में हिला रहे थे .....आंटी को अब गान्ड में लंड का दर्द नहीं था और मज़ा आ रहा था ..

उनकी चूत खुली थी और पानी रीस रहा था ...तभी मम्मी ने भैया को कहा " अरे देखता क्या है ...देखता नहीं पायल की चूत कितनी खुली है ? पेल दे अपना कड़क लौडा ..उन्हें भी आज एक साथ दो दो लौडे का मज़ा लेने दे ना .....हमारी चिंता छोड़ ,,हमें देखने मैं ही कितनी मस्ती आ रही है..."

और उन्होने भैया का कड़क लौडा अपने हाथों में लेते हुए पायल आंटी की चूत के उपर रख दिया ..भैया ने आंटी की कमर जकड़ते हुए एक जोरदार धक्का लगाया और उनका लॉडा भी जड़ तक अंदर था ...

मैने ऐसी चुदाई आज तक नहीं देखी थे , पापा का लौडा गान्ड में और भैया का उनकी चूत में और पायल आंटी मस्ती में कराह रहीं थी ...

भैया धक्के लगाए जा रहे थे

भैया का लौडा जब अंदर जाता ..उनके बॉल्स पापा के लौडे को छूते ....इस स्पर्श से दोनों की मस्ती और बढ़ जाती ... पापा अपना लंड अंदर ही अंदर हिला रहे थे ...घूमा रहे थे ...

हम दोनों मम्मी और मैं अपनी चूत उंगली से सहलाए जा रहे थे ...

क्या चुदाई हो रही थी आज आंटी की .वो मस्ती में कराह रही थी , सीसक रही थी ..चिल्ला रहीं थी

" हाँ मेरे राजा ..मेरे जीजू राजा ..हाँ हाँ ऐसे गान्ड में लौडा पेले रहो ....उफफफ्फ़ अभी ..मारो मारो ..चोदो ..फाड़ दो आज मेरी चूत ..रौंद डालो .....अया ....उईईईई "

और भैया का लंड पापा के लंड से छूता हुआ लगातार अंदर बाहर हो रहा था ..आंटी की चूत के हर हिस्से में रौंद रहा था ..और

फिर उनका धक्का और , और , और तेज़ होता गया ..पापा भी उनके धक्के से सिहर जाते .उनका लंड भी भैया के लंड से घिस रहा था

और फिर भैया अपना लंड आंटी की चूत में धंसाए धंसाए ही झडने लगे ....झट्के पे झटका खा रहा था उनका लौडा ..उनका चूतड़ उछाल रहा था ....उनका वीर्या चूत से रीस्ता हुआ गान्ड की तरफ जा रहा था ....गान्ड और गीली हो रही थी पापा के लंड में भी वीर्या लग रहा था ..पापा ने इस मौके का फ़ायदा उठाते हुए ऑंटी के वीर्य से गीली गान्ड में लंड अंदर बाहर करना चालू कर दिया ......आह आंटी तो मानो स्वर्ग में थी ..चूत की चुदाई ख़त्म होते ही गान्ड की शुरू हो गयी थी ..उनका पूरा बदन कांप रहा था ..पापा ज़्यादा देर टिक नहीं सके ..पहले से काफ़ी मस्ती में थे ..दो चार धक्कों के बाद उन्होने भी अपना लंड गान्ड के अंदर डाले रखा और बुरी तरह झडने लगे ....और आंटी की चूत से तो बस गंगा बहे जा रही थी ... चूत से उनका रस और भैया का वीर्य रीस रहा था और गान्ड में पापा का वीर्य भर गया था

भैया और पापा के बीच आंटी पापा की गोद में पडी थी , निढाल , पस्त , आँखें बंद और होंठों पर एक तृप्ति और मस्ती से भरी मुस्कान .
 
आज पायल आंटी ने दीखा दिया वो भी सेक्स की देवी ना सही तो सेक्स की बहुत ही जानी मानी पुजारन तो थी ही ...

उस रात हम सब एक अजीब ही मस्ती , आनंद और मदहोशी के सागर में गोते लगा रहे थे . एक दूसरे के नशे में चूर ..वहाँ कौन किस के साथ था , किसके साथ क्या कर रह था किसी को कोई होश नहीं था ..बस एक दूसरे के बदन से खेल रहे थे ...मज़ा ले रहे थे ....

पायल आंटी तो आज इतनी मस्त हो गयीं थी , दो दो राउंड चुदाई के बाद एक दम ढीली और मस्त थी ....टाँगें फैलाए , हाथ फैलाए नीचे कालीन पर आँखें बंद किए मंद मंद मुस्कुरा रहीं थी ...उनकी चूत और गान्ड से वीर्य , वाइन और चूत रस रीस रहे थे ..

पापा और भैया अब तक फिर से वापस अपने रंग में आ चूके थे .....पापा सोफे पर बैठे थे और भैया नीचे कालीन पर .

पापा ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया ...मैं भी अपनी टाँगें उनकी कमर के गिर्द रखते हुए उनसे चिपक गयी ... उन्होने मुझे अपने और करीब कर लिया और मेरे होंठ चूसने लगे ....चुचियाँ मसल्ने लगे ..और मैने उनके मुरझाए लौडे से खेलना चालू कर दिया ....

और भैया मम्मी के उपर लेट गये उनको अपने सीने से चिपका लिया और उनके भरे भरे मुलायम होंठों को चूसना शुरू कर दिया ...उनका लौडा मम्मी की कमरबन्द से टकरा रहा था ..उनके बदन में सिहरन उठ जाती .और लौडा कड़क होता जा रहा था ... मम्मी के गहने भी कम सेक्सी नहीं थे ....उन्होने अपनी बाहें भैया के पीठ पर रख अपनी चूड़ियों से उन्ँके पीठ रगड रही थी और कमरबन्द उनके लौडे को ..भैया मस्ती में थे ...और उनका होंठ चूसना और तेज़ होता जाता ....पीठ और लौडे में गुदगुदी होती थी ...भैया इतनी मस्ती में आ गये थे उन्होने मम्मी के मुँह को बुरी तरह अपने मुँह से लगाया , जैसे उनका मुँह खा जाएँगे ...और पूरा मुँह चूस रहे थे.... जीभ चूस रहे थे ..मम्मी का थूक और लार अंदर लिए जा रहे थे ...

क्रमशः……………………..
 
दामिनी--37

गतान्क से आगे…………………..

दोनों बुरी तरह चिपके थे एक दूसरे से ...मम्मी भी पायल आंटी की चुदाई देखते देखते बुरी तरह चुदासी थी और मैं भी .....मेरी तो चूत फडक रही थी ...लौडा अंदर लेने को बेताब थी

तभी पापा ने मेरी चूतड़ को थामते हुए मुझे और उपर कर लिया ...अपनी गर्दन तक मुझे उठा लिया ..मैने अपनी टाँगें उनके गर्दन के दोनों ओर रखते हुए सोफे की पीठ पर टीका दिया ..मेरी चूत पापा के मुँह के सामने थी ... पापा ने अपनी उंगली से मेरी चूत की गुलाबी फांकों को अलग किया ....और अपनी लपलपाति जीभ से चाटने लगे ..पूरी लंबाई तक ....उफफफ्फ़ ..मैं कांप उठी ..मेरी टाँगों ने उन्हें और भी जोरों से जाकड़ लिया ...उनकी जीभ सतासट चूत की सफाई किए जा रही थी ...मेरा पूरा बदन सिहर जाता ..फिर उन्होने अपने होंठों से मेरी चूत को जाकड़ लिया और बड़ी जोरों से चूसना शुरू कर दिया ..मुझे ऐसा लगा मेरी चूत से रस की धार निकल रही है और उनके मुँह में जा रही है.......लग रहा था जैसे मेरा पूरा बदन कोई नीचोड़ रहा हो ......पापा ने मेरे चूतड़ भी बड़े जोरों से जाकड़ रखा था .....

मम्मी का मुँह और मेरी चूत की अच्छी चुसाइ हो रही थी .... भैया के लंड की घिसाई भी हो रही थे मम्मी के कमरबन्द से ....और पापा का लंड हवा में लहरा रहा था , एक दम तन्नाया ...

हम सभी सीसक रहे थे , सिसकारियाँ भर रहे थे ....ऊऊऊऊऊ....आआआआआआः ....उफफफफफफ्फ़ ....

'पापा ...पापा ....अब और नहीं ...देखिए ना आप का लंड कितना कड़क है..और मेरी चूत कितनी गीली ....अब प्लज़्ज़्ज़ डाल दो ना लंड मेरे अंदर ..प्लज़्ज़्ज़ पापा ...." मैने अपने हाथ पीछे करते हुए उनका लंड थाम लिया और कहा.

" हाँ ..मेरी रानी बेटी ..हाँ .....मैं भी तड़प रहा हूँ कई दिनो से तुम्हारी चूत के लिए .....लो लो मेरा लौडा ..लो ...." और ऐसा कहते हुए मुझे उन्होने थोड़ा नीचे कर दिया ...मैं उनका लौडा अपने हाथ मे जड़ से थामते हुए अपनी चूत उसके उपर रख बैठ गयी .....चूत इतनी गीली थी ..पूरा लंड जड़ तक समा गया ......और इतनी सिहरन हुई मुझे , मैने पापा को जाकड़ लिया ...उनसे बुरी तरह लिपट गयी ...और पापा नीचे से धक्के लगाने लगे और मैं भी उनके धक्के में ताल मिलाते हुए उपर नीचे होने लगी .....मेरी पीठ झूकि थी ..मेरा चूतड़ उपर उठा था ..और गान्ड के होल ख़ूले थे ....मैं पापा की कमर जाकड़ उन्हें चोद रही थी ..सतासट फतचा फतच ..

तभी शायद मम्मी ने मेरी गान्ड की गुलाबी होल देख ली थी ...उन्होने कहा " उफफफफ्फ़ दामिनी ..क्या गान्ड की होल है रे तेरी ..मन करता है चाट जाऊं ......"

और फिर उन्होने भैया को अपने उपर से हटाया और उनसे फूसफूसाते हुए कुछ कहा ,,मुझे सिर्फ़ आवाज़ सुनाई दी ..मैं तो बस पापा से चुद्ने में मस्त थी ...

थोड़ी देर बाद मुझे अपनी गान्ड की होल में कुछ ठंडक महसूस हुई और कुछ गीलापन भी ..थोड़ा पीछे मूड कर देखा तो मम्मी डॉगी पोज़िशन में बिल्कुल पीछे खड़ी थी ..कमर झुकाए ..जिस से उनका चूत और गान्ड दोनों उपर उठे थे और भैया अपना तननाया लौडा हाथ में लिए सोच रहे थे के कहाँ से शुरू करूँ ..मम्मी की गान्ड यह चूत ..?? दोनों होल मस्त थे उनके और मम्मी झूकि हुई मेरी गान्ड चाट रही थी .......
 
उफफफ्फ़ मैं तो जैसे स्वर्ग में थी ..पापा का लंड चूत में और मम्मी की लपलपाति जीभ मेरी गान्ड के होल में .....गान्ड चाटने से चूत भी सिहर जाती ...."ऊऊऊऊऊऊओ उउउउउउउउउउउउ ...आहह " की रट मैं लगाई थी

और उधर भैया पीछे से मम्मी की कमर जकड़ते हुए पहले उनकी गान्ड पर हमला बोल दिया .....मैने पीछे सर मोड़ कर देखा .....मम्मी चीहूंक गयीं और उनका मेरा गान्ड चाटना और तेज़ी पकड़ लिया .....और मेरी चूत लगातार पापा के लंड को शराबोर किए जा रही थी ..पापा को धक्के लगाने में खूब मज़ा आ रहा था ..इतनी गीली हो गयी थी मेरी चूत .....पानी जैसे बह रहा था ...इतनी फिस्लन थी अंदर ..पापा थोड़ा सा पुश करते और लंड फिसलता हुआ जड़ तक पहुचता था

और भैया के लंड को तो दो दो होल का मज़ा मिल रहा था ..वे बारी बारी से मम्मी की गान्ड और चूत दोनों का मज़ा ले रहे थे ..दो बार गान्ड में डालते तो दो बार उनकी चूत में .....मम्मी कहती जातीं ....

"वाह ..वा मेरे राजा ..आख़िर है तो मेरा बेटा ..अब चुदाई एक्सपर्ट हो गया है ...हाँ हाँ आज फाड़ डाल मेरी गान्ड और चूत ....उफफफफफफफफफफ्फ़ .....आआआआआअहह ........हाई ..हाई ..उईईईईईईईईईईईईईईईईईईई"

और उनका मेरा गान्ड चाटना खूब तेज़ हो गया था ..उनके चाटने से गान्ड का होल खूल गया था ..मम्मी अब जीभ अंदर डाल दी मेरी गान्ड में और जीभ से मेरी गान्ड चोदने लगीं .......'

मेरी चूत और गान्ड दोनों चुद रहे थे ....चूत में पापा का लंड और गान्ड में मम्मी की जीभ ..माँ और बाप दोनों बेटी को चोद रहे थे

बेटा माँ की गान्ड और चूत दोनों ले रहा था ..क्या चुदाई थी ..पूरी फॅमिली एक साथ .......उफफफफफफ्फ़ ....उस दिन जैसा मज़ा कभी नहीं आया ..

पापा के धक्के ज़ोर पकड़ते गये ..मेरा भी उनके लंड पर उछलना उनके धक्कों के साथ ताल मिलता था ..और मम्मी की चुदाई जितनी ज़ोर पकड़ती उतने जोरों से मेरी गान्ड जीभ डाल देतीं ..उनकी तो गान्ड और चूत दोनों बारी बारी से चुद रहे थे ....

और पायल आंटी लगातार अपनी चूत में उंगली डाले जा रहीं थी ..पैर फैलाए ...हाीइ हाईईइ अफ उफफफ्फ़ कर रही थी

फिर पापा और भैया के धक्कों ने बड़ी ज़ोर पकड़ ली ..मम्मी की कमर झूक जातीं

''बेटा मेरी चूत में ही झड़ना ..." जब उन्हें ऐएहसास हुआ के भैया अब झडने वाले हैं उन्होने उन्हें समझा दिया

"हाआँ मम्मी ..हाां ....आआआआआआआअहह ऊहह " उन्होने उनकी चूत में लंड डाल जोरों से धक्के लगाना शूर्रू कर दिया था .और इधर पापा भी झडने के करीब थे ..मैं उनसे चिपक गयी ..और चूत उनके लंड पर दबाए रखा ..पापा ने भी मुझे जाकड़ लिया ..मुझे चूमने लगे ..मेरी चुचियाँ चूसने लगे और मेरी चूत में उनका लौडा झट्के ख़ाता झाड़ रहा था

भैया भी मम्मी की पीठ पर उनकी कमर जकड़े ढेर थे और लंड उनकी चूत में गर्म गर्म वीर्या की धार लगातार झट्के ख़ाता चोदे जा रहा था .......

हम चारों एक दूसरे पर निढाल हो कर पड़े थे ....

और पायल आंटी भी झाड़ रही थी ...

वो रात हमें हमेशा याद रहती है ....ऐसी रात जिसमें चुदाई का कोई अंत नहीं था ..मस्ती की कोई सीमा नहीं थी , हम सब मदहोश थे .....

हम सब एक ऐसी दुनिया में खोए थे , जहाँ हम अपने आप को भूल बैठे थे ....और एक दूसरे में खो गये थे ....एक दूसरे का मज़ा ले रहे थे , एक दूसरे को मज़ा दे रहे थे ..वहाँ कौन छोटा , कौन बड़ा , कौन बाप , कौन बेटी , कोई रिश्ता नहीं था ....रिश्ता था तो सिर्फ़ चूत और लंड का ...भाषा भी इन्हीं दोनों की थी ....इसी भाषा में हम अपनी भावनाए व्यक्त कर रहे थे ....और ये ऐसी भाषा थी जो सब रिश्तों से उपर प्यार और नज़दीकी की भाषा थी ....जिसस्में ज़ुबान कम और स्पर्श का ज़्यादा काम होता ...

खूब चुदाई , चुसाइ हुई..
 
हम सब निढाल थे और एक दूसरे से लिपटे ...एक दूसरे से चिपके बेसूध हो कर पड़े थे ..किसकी टाँगें किसके उपर ..किसकी बाहें किस से लीपटि ...कोई होश नहीं था ...बस हम पाँच शरीर थे एक दूसरे से गूँथे हुए , चिपके हुए ....जैसे लताये एक दूसरे से लिपट ती हैं ....ऐसे ही लिपटे , चिपके हमे कब नींद ने अपनी गोद में ले लिया किसी को होश नहीं था ..

जब तक हमारी गर्मी की छुट्टियाँ थी ..ऐसी कितनी रातें हम सब ने साथ बीताई ...और जाने कब छुट्टियाँ ख़त्म हो गयीं ...ऐसा लगा जैसे कल ही तो कॉलेज बंद हुआ था ....दिन उड़ते हुए निकल गये जैसे पंख लग गये थे ...

मेरा कॉलेज का फाइनल एअर था ....

एक दिन मम्मी ने मुझे बड़े प्यार से अपने बगल बिठाया और कहा " दामिनी .बेटा तू अब काफ़ी बड़ी हो गयी है ...कुछ अपने बारे सोचा है आगे क्या करेगी ..?? तेरे कॉलेज का भी फाइनल एअर है .."

" हाँ मम्मी हाँ देखो ना मैं कितनी बड़ी हो गयी ..." और मैने अपनी चुचियाँ थामते हुए उन्हें दिखाई , जो अब एक मीडियम साइज़ बेल के आकार में थी ...

मम्मी हंसते हुए उन्हें अपने हाथों मे लीया और चूम लिया ...

" हाँ देखा ना ..तेरी चुचियाँ कितनी मस्त और बड़ी बड़ी हैं ..अरे क्या जिंदगी भर पापा और भैया से मसलवाएगी इतनी मस्त चुचियाँ ..? "

मैं समझ गयी उनका इशारा मेरी शादी की तरेफ था ...

" तुम भी ना मम्मी ..." और मैने अपना सर उनकी चूचियों के बीच छुपा लिया .

" देख मैं समझती हूँ बेटा ....पर दुनिया को तो दीखाना ही होगा ना ....कब तक ऐसे रहेगी ....'

"क्या करूँ मम्मी ..मैं पापा और भैया से अलग नहीं रह सकती बस ....उनके लौडे के बिना मैं जिंदा नहीं रह सकती और ना तुम्हारे बिना .....बोलो मैं क्या करूँ ...?'

'" देख एक रास्ता है ..''मम्मी ने कहा

" तो बताओ ना मोम ..जल्दी बताओ ..."

" सलिल है ना तुम्हारा बॉय फ्रेंड ....उसे तू कभी यहाँ ले आना ... और उसे भी अपने में शामिल करने की कोशिश कर ....फिर तेरी शादी हो जाएगी उस से और अपना काम भी चलता रहेगा ...वो तुझ से कितना प्यार करता है ....जब तू पापा के साथ गयी थी , तुझ से मिलने यहाँ आया था ..मुझे तो भा गया है वो लड़का ...."
 
" ओह मम्मी , यू अरे ग्रेट ..मैने इस बारे में ज़्यादा सोचा नहीं था ...बस एक दो बार भैया से बात हुई थी ....प्यार तो मुझ से बहुत करता है .....पर इस हद तक उसे लाने की बात ....ठीक है मोम मैं पापा और भैया के लिए उसे भी अपने में शामिल करने की कोशिश में लग जाती हूँ ..."

"हाँ ....और मैं भी इसमें तेरी पूरी मदद करूँगी ..." मम्मी ने चहकते हुए कहा ...

और अगले दिन ही से मैं जूट गयी सलिल के पीछे ....

सलिल को रास्ते में लाने में मुझे कोई खास परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा . उसके दो कारण थे , एक के वो मुझ से बेहद प्यार करता था ....और दूसरा था मम्मी की बेजोड़ सेक्स अपील और खूबसूरती ....

मम्मी की चकाचौंध रूप रंग ने सलिल को विस्मित कर दिया था ..मेरे प्यार ने उस पर एक और परत डाल दी ...

मम्मी की मुलायम मुलायम चुचियाँ ..भरे भरे पर सुडौल चूतड़ , केले के तुम सी जांघों के सामने उसके लंड ने घूटने टेक दिए ....वो मेरे और मम्मी के लिए पागल हो उठा था ....

अब हाल ये था के उस ने अपने घर वालों से कह दिया के अगर वो शादी करेगा तो मुझ से वरना जिंदगी भर कुँवारा ही रह जाएगा ...

हमें तो मनचाही मुराद मिल गयी थी ..

ये तय हो गया के हम दोनों की कॉलेज की पढ़ाई ख़त्म होते ही हम दोनों की शादी हो जाएगी ...

और हम दोनों की शादी हो गयी ....

मैं ससुराल पहुचि .बड़े लाड प्यार से मेरे सास , ससुर ने हमारा स्वागत किया ..

मैं अब घर से बाहर आ गयी थी ...

पर हमारा घर से रिश्ता वैसा ही था ...बीच बीच में मैं अपने घर जाती और पापा और भैया से पूरी तरह मिलती ..और तब तक मम्मी सलिल का ख़याल रखती ....

ससुराल में कुछ दिन बीतने पर धीरे धीरे मुझे वहाँ के रंग ढंग समझने का मौका मिला ..

और जब मुझे समझ आई पूरी बात मैं अवाक रह गयी..

और तब मुझे समझ आया के सलिल का मेरे परिवार से रिश्ता जोड़ने का तीसरा और सब से आहेम कारण क्या था ......!!

samaapt
 
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