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मैं•नही दीपा तुम तो ऐसा मत बोलो अगर तुम ऐसा सोचोगी तो मैं टूट जाऊंगा।अब तो सिर्फ तुम पर ही भरोसा है मुझे।
दीपा •अब मैं तुमपर भरोषा कैसे करूँ यह तुम्ही बताओ।
मैं•तुम तो मुझ पर विश्वास करो।
और मैने उसका हाथ पकड़ा तो उसने मेरी हाथ की झटक दिया और बोली दीपा•मुझे छुओ मत मैं तुमसे प्यार करती थी करती हूं और करती रहूंगी पर मैं जिस प्रेम से प्यार करती हूं उसकी हत्या तुमने कर दी है ।तुम एक हत्यारे हो और मैं किसी हत्यारे से प्यार नही कर सकती।
मैं•दीपा ऐसा मत कहो मैं मर जाऊंगा ।
दीपा •मैं तुमको कभी माफ नही करूँगी अब मैं जा रही हु शायद मैं अबसे रूम बाहर नही निकलूंगी।क्युकी अब जो तुम्हारी दुर्दशा होगी वो मैं नही देख पाऊंगी।
मैं•नही ऐसा मत करो तुम मुझेछोड कर चली गई तो मैं पागल हो जाऊंगा।मुझे जीते जी मत मारो।कम से कम तुम तो मुझ पर विश्वास करो।
दीपा•चलो मैं मान भी लू की तुमने ऐसा नही किया तो डाली ने ऐसा किस लिए उसे ये सब करके उसे क्या फायदा क्या है।
मैन उसे आज जो भी हुआ मैं उसे सब कुछ बता दिया ये भी बताया कि वो दीदी के पीछे भी पड़ा है वह उन्हें भी बरबाद करना चाहता है मैने उसे डाटा तो उन दोनों ने मिलकर मुझे ही फसा दिया।
दीपा•ओह ये तो बहुत ही बुरा हुआ । अब तो कोई भी तुम्हारा कोई भी विश्वास नही करेंगे।अब क्या करोगे।
मैं दीपा तुम अब तुम ही बताओ क्या करूँ
तभी दरवाजा खुला ओर हमने जो देखा उससे हम दोनों की होश उड़ गए।क्यूंकि सामने कोई और नही दीपा के पाप खड़े थे वो भी बहुत गुस्से में हम दोनों को वो घूर रहे थेऔर बहुत ही गुस्सामे थे
प्रधान• दीपा तू यंहा क्या कर रही है।
दीपा• कुछ भी नही पापा बस ये पानी के चिल्ला रहा था तो बस वही देने आयी थी।
प्रधान•चल ठीक है अब जा कर तू सो जा और तू सुन क्या नाम है तेरा छोड़ जाने दे तेरे नाम से मुझे कोई मतलब नही तुझे अब कुछ भी नही मिलेगा और तुमसे मैं शुबह बात करूंगा चलो दीपा
और वह दोनों वहां से चले गए।
अब हम डाली के घर पर चलते है देखे वह पर क्या हो रहा है।डाली को सभी लोग घेर कर बैठे हुए थे ।डाली ने रो रो कर अपना बुरा हाल कर लिया था गांव की कुछ औरते उसके पास बैठ कर उसे शांत कर रही थी।
1औरत •उस नासपीटे की इतनी हिम्मत की देखो गांव की लड़की पर हाथ डाल दिया।
2औरत•अरे बहन वो तो अनाथ है पता नही किसकी गंदी पैदाइश है मैन तो उसी समय सीमा को बोली थी ऐसे अनाथ लड़के अपने घर मत रख आखिर तेरी बेटी के साथ कहि कुछ कर दिया तो क्या करोगी।
दीपा •अब मैं तुमपर भरोषा कैसे करूँ यह तुम्ही बताओ।
मैं•तुम तो मुझ पर विश्वास करो।
और मैने उसका हाथ पकड़ा तो उसने मेरी हाथ की झटक दिया और बोली दीपा•मुझे छुओ मत मैं तुमसे प्यार करती थी करती हूं और करती रहूंगी पर मैं जिस प्रेम से प्यार करती हूं उसकी हत्या तुमने कर दी है ।तुम एक हत्यारे हो और मैं किसी हत्यारे से प्यार नही कर सकती।
मैं•दीपा ऐसा मत कहो मैं मर जाऊंगा ।
दीपा •मैं तुमको कभी माफ नही करूँगी अब मैं जा रही हु शायद मैं अबसे रूम बाहर नही निकलूंगी।क्युकी अब जो तुम्हारी दुर्दशा होगी वो मैं नही देख पाऊंगी।
मैं•नही ऐसा मत करो तुम मुझेछोड कर चली गई तो मैं पागल हो जाऊंगा।मुझे जीते जी मत मारो।कम से कम तुम तो मुझ पर विश्वास करो।
दीपा•चलो मैं मान भी लू की तुमने ऐसा नही किया तो डाली ने ऐसा किस लिए उसे ये सब करके उसे क्या फायदा क्या है।
मैन उसे आज जो भी हुआ मैं उसे सब कुछ बता दिया ये भी बताया कि वो दीदी के पीछे भी पड़ा है वह उन्हें भी बरबाद करना चाहता है मैने उसे डाटा तो उन दोनों ने मिलकर मुझे ही फसा दिया।
दीपा•ओह ये तो बहुत ही बुरा हुआ । अब तो कोई भी तुम्हारा कोई भी विश्वास नही करेंगे।अब क्या करोगे।
मैं दीपा तुम अब तुम ही बताओ क्या करूँ
तभी दरवाजा खुला ओर हमने जो देखा उससे हम दोनों की होश उड़ गए।क्यूंकि सामने कोई और नही दीपा के पाप खड़े थे वो भी बहुत गुस्से में हम दोनों को वो घूर रहे थेऔर बहुत ही गुस्सामे थे
प्रधान• दीपा तू यंहा क्या कर रही है।
दीपा• कुछ भी नही पापा बस ये पानी के चिल्ला रहा था तो बस वही देने आयी थी।
प्रधान•चल ठीक है अब जा कर तू सो जा और तू सुन क्या नाम है तेरा छोड़ जाने दे तेरे नाम से मुझे कोई मतलब नही तुझे अब कुछ भी नही मिलेगा और तुमसे मैं शुबह बात करूंगा चलो दीपा
और वह दोनों वहां से चले गए।
अब हम डाली के घर पर चलते है देखे वह पर क्या हो रहा है।डाली को सभी लोग घेर कर बैठे हुए थे ।डाली ने रो रो कर अपना बुरा हाल कर लिया था गांव की कुछ औरते उसके पास बैठ कर उसे शांत कर रही थी।
1औरत •उस नासपीटे की इतनी हिम्मत की देखो गांव की लड़की पर हाथ डाल दिया।
2औरत•अरे बहन वो तो अनाथ है पता नही किसकी गंदी पैदाइश है मैन तो उसी समय सीमा को बोली थी ऐसे अनाथ लड़के अपने घर मत रख आखिर तेरी बेटी के साथ कहि कुछ कर दिया तो क्या करोगी।