hotaks444
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पिंकी भी दिन की रोशनी में अपनी माँ के बदन को देखकर मस्ती में भर गयी...
उसने बिना किसी वॉर्निंग के अपना मुँह उनके मुम्मों पर लगाया और उसे ज़ोर-2 से चूस्कर अपनी माँ का दूध पीने लगी...
''आआआआआआआआआआआहह..... मेरी बचिईईई..... उम्म्म्ममममममममम..... पी लेsssssss .... अहह..''
अपना दूध पिला तो वो पिंकी को रही थी पर उसकी नज़रें लाला के चेहरे पर थी जिसे वो अपनी आँखो का इशारा करके अपने पास बुला रही थी...
क्योंकि असली चुसाई का मज़ा तो लाला ही दे सकता था..
पर लाला भी बड़ा हरामी था, ऐसे शुरू में ही वो उनके खेल में कूदकर इस खेल को बिगाड़ना नही चाहता था,
उसे तो अभी उनकी पूरी फिल्म देखनी थी...
पूरा मजा लेना था
इसलिए उसने इशारा करके पिंकी के कपड़े भी उतारने को कहा...
लाला का इशारा समझकर सीमा ने खुद ही अपनी बेटी की कुर्ती निकाल दी,
नीचे उसने ब्रा नही पहनी हुई थी, इसलिए उसके कड़क मुम्मे तनकर अपनी माँ के सामने खड़े थे...
सीमा ने मन में सोचा की इन छोटे स्तनो को चूस्कर भला लाला को क्या मिला होगा,
ये तो अभी ढंग से उगे भी नही है पूरे.
पर छोटे स्तनों को चूसने वाला ही उनके मज़े के बारे में जानता है, और लाला तो इस खेल का माहिर खिलाड़ी बन चुका था..
सीमा ने पिंकी की सलवार का नाडा खोलकर उसे नीचे से भी नंगा कर दिया...
और इस तरह से अब वो दोनो माँ बेटियाँ लाला के सामने, अपने ही घर में , पूरी तरह से नंगी होकर खड़ी थी...
लाला तो उन दोनो के नंगे जिस्मो को देखकर पागल ही हो गया...
कभी सीमा की तरबूज जैसी रसीली गांड को देखता तो कभी पिंकी के नाश्पति जैसी कड़क छातियो को...
कभी पिंकी के खरबूजे जैसी गांड को निहारता तो कभी सीमा के रसीले पपीतों को...
दोनो माँ बेटियां उपर से नीचे तक फलों से लदी दुकान की तरह लग रही थी, जिनके हर अंग को चूस्कर अलग-2 फल का मज़ा लिया जा सकता था..
पर वो जब होना होगा तब होगा,
अभी के लिए तो लाला को देखना था की वो दोनो कैसे एक दूसरे को मज़ा देती है..
दोनो माँ बेटियां भी एक दूसरे के नंगे शरीर देखकर पागल सी हो चुकी थी और इस बार तो उन्हे लाला के इशारे की भी ज़रूरत नही पड़ी और दोनो एक झटके से एक दूसरे पर टूट पड़ी...
पिंकी ने अपने दोनों हाथों में अपनी माँ के मुम्मे पकड़कर उन्हे चूस डाला...
सीमा ने उसके नन्हे कुल्हो को पकड़ कर उसे लगभग अपनी गोद में खींच लिया...
लेकिन अब वो बच्ची तो रह नही गयी थी इसलिए उसे पूरी तरह से उठा नहीं पायी...
पिंकी ने भी अपनी माँ की मजबूरी समझी और उन्हे धक्का देकर बेड तक ले आई और उन्हे बिठा कर उनपर सवार हो गयी...
अब दोनो एक गहरी स्मूच में डूब गयी ...
धीरे-2 सीमा ने पिंकी को अपने चेहरे पर खींच लिया और उसकी कुँवारी चूत को अपने मुँह पर लाकर उसे नीचे दबा दिया...
एक जोरदार आवाज़ के साथ अपनी माँ की जीभ को अपनी रसीली चूत में जगह देती हुई वो हिचकोले खाने लगी..
''ओह माँआआआआअ....... अहह...... मजा अआ गया........ तुम्हारी जीभ तो बड़ी मस्त लग रही है......''
लाला अपने लंड को मसलते हुए बुदबुदाया , 'अभी तो मेरा लंड लेगी, तब असली मज़ा आएगा मेरी छमिया ..'
और बात भी सही थी, चूत को असली मज़ा तो लंड ही दे सकता है वरना उसके अलावा तो ये सब आर्टिफिशियल चीज़े है..
पिंकी घूम कर अपनी माँ पर 69 के पोज़ में लेट गयी ..
सीमा भी उसकी कलाकारी देखकर यही सोच रही थी की ऐसे एक औरत के शरीर के साथ मज़े लेना उसने कहाँ सीखा होगा...
बेचारी को ये नही पता था की उसकी और निशि की दोस्ती कहाँ तक बढ़ चुकी है..
दोनो एक दूसरे की चूत की कटोरी में से चपर -2 करके रसगुल्ले की चाशनी चाट रहे थे...
लाला के लिए ये सब हदद से ज़्यादा था, और उसे पता था की अब उसका भी नंबर आने वाला है,
इसलिए उसने अपने भी कपड़े उतारने शुरू कर दिए..
और जल्द ही वो गाँव का सलमान खान पूरे कपड़े निकाल कर उनके सामने नंगा खड़ा था..
एक दूसरे की चूत चाट्ती हुई माँ बेटी ने जब खड़े हुए लंड को देखा तो उनका सारा ध्यान भंग हो गया और लाला का इशारा पाकर दोनो अपने घुटनो के बल उसके सामने बैठ गयी..
इस वक़्त लाला अपने आप को किसी हीरो से कम नही समझ रहा था,
जिसके लंड को लेने के लिए ये दोनो माँ बेटियां उसके सामने किसी पालतू कुतिया की तरह बैठीं थी...
लाला ने बिना एक पल गंवाए अपने लंड को उन दोनों के होंठों के बीच फंसा दिया और उनके रसीले होंठों को चोदने लगा
आज लाला पिंकी की तो नही पर सीमा की चूत मारकर अपनी बरसो पुरानी वो इच्छा ज़रूर पूरी कर लेना चाहता था जो कब से अधूरी थी और कल भी पूरी होते-2 रह गयी थी...
और इसी बहाने पिंकी भी चुदाई देखकर कुछ तो सीख ही लेगी...
आख़िर अगला नंबर तो इसी का लगने वाला था.
लाला उन दोनो माँ बेटियों के रेशमी बालों में हाथ फेरता हुआ कसमसा रहा था..
''आआआआआआअहह.... चूसो भेंन की लोड़ियों ....चूसो...... लाला का लंड तुम्हारे लिए ही तो इस धरती पर आया है..... मज़ा लो इसका.... मज़ा लो जिंदगी का... अपनी जवानी का...''
लाला तो अपने आपको किसी फरिश्ते की तरह दर्शा रहा था,
जिसका धरती पर आने का मकसद ही चूत को चोदकर उसका उद्धार करना था..
और देखा जाए तो वो उद्धार कर भी रहा था आज तक...
क्योंकि जिसने भी लाला के रामलाल को एक बार अपनी चूत में लिया वो उसका गुणगान किए बिना नही रह सकी.
लाला ने बारी-2 से उन दोनो के मुँह को अलग से भी चोदा ...
ख़ासकर पिंकी के मुँह को,
क्योंकि लाला भी जानता था की अभी के लिए तो इसके उपर वाले होंठो में ही लंड डाल सकता है वो, नीचे वाले पिंक होंठो का नंबर तो बाद में आएगा..
उसने बिना किसी वॉर्निंग के अपना मुँह उनके मुम्मों पर लगाया और उसे ज़ोर-2 से चूस्कर अपनी माँ का दूध पीने लगी...
''आआआआआआआआआआआहह..... मेरी बचिईईई..... उम्म्म्ममममममममम..... पी लेsssssss .... अहह..''
अपना दूध पिला तो वो पिंकी को रही थी पर उसकी नज़रें लाला के चेहरे पर थी जिसे वो अपनी आँखो का इशारा करके अपने पास बुला रही थी...
क्योंकि असली चुसाई का मज़ा तो लाला ही दे सकता था..
पर लाला भी बड़ा हरामी था, ऐसे शुरू में ही वो उनके खेल में कूदकर इस खेल को बिगाड़ना नही चाहता था,
उसे तो अभी उनकी पूरी फिल्म देखनी थी...
पूरा मजा लेना था
इसलिए उसने इशारा करके पिंकी के कपड़े भी उतारने को कहा...
लाला का इशारा समझकर सीमा ने खुद ही अपनी बेटी की कुर्ती निकाल दी,
नीचे उसने ब्रा नही पहनी हुई थी, इसलिए उसके कड़क मुम्मे तनकर अपनी माँ के सामने खड़े थे...
सीमा ने मन में सोचा की इन छोटे स्तनो को चूस्कर भला लाला को क्या मिला होगा,
ये तो अभी ढंग से उगे भी नही है पूरे.
पर छोटे स्तनों को चूसने वाला ही उनके मज़े के बारे में जानता है, और लाला तो इस खेल का माहिर खिलाड़ी बन चुका था..
सीमा ने पिंकी की सलवार का नाडा खोलकर उसे नीचे से भी नंगा कर दिया...
और इस तरह से अब वो दोनो माँ बेटियाँ लाला के सामने, अपने ही घर में , पूरी तरह से नंगी होकर खड़ी थी...
लाला तो उन दोनो के नंगे जिस्मो को देखकर पागल ही हो गया...
कभी सीमा की तरबूज जैसी रसीली गांड को देखता तो कभी पिंकी के नाश्पति जैसी कड़क छातियो को...
कभी पिंकी के खरबूजे जैसी गांड को निहारता तो कभी सीमा के रसीले पपीतों को...
दोनो माँ बेटियां उपर से नीचे तक फलों से लदी दुकान की तरह लग रही थी, जिनके हर अंग को चूस्कर अलग-2 फल का मज़ा लिया जा सकता था..
पर वो जब होना होगा तब होगा,
अभी के लिए तो लाला को देखना था की वो दोनो कैसे एक दूसरे को मज़ा देती है..
दोनो माँ बेटियां भी एक दूसरे के नंगे शरीर देखकर पागल सी हो चुकी थी और इस बार तो उन्हे लाला के इशारे की भी ज़रूरत नही पड़ी और दोनो एक झटके से एक दूसरे पर टूट पड़ी...
पिंकी ने अपने दोनों हाथों में अपनी माँ के मुम्मे पकड़कर उन्हे चूस डाला...
सीमा ने उसके नन्हे कुल्हो को पकड़ कर उसे लगभग अपनी गोद में खींच लिया...
लेकिन अब वो बच्ची तो रह नही गयी थी इसलिए उसे पूरी तरह से उठा नहीं पायी...
पिंकी ने भी अपनी माँ की मजबूरी समझी और उन्हे धक्का देकर बेड तक ले आई और उन्हे बिठा कर उनपर सवार हो गयी...
अब दोनो एक गहरी स्मूच में डूब गयी ...
धीरे-2 सीमा ने पिंकी को अपने चेहरे पर खींच लिया और उसकी कुँवारी चूत को अपने मुँह पर लाकर उसे नीचे दबा दिया...
एक जोरदार आवाज़ के साथ अपनी माँ की जीभ को अपनी रसीली चूत में जगह देती हुई वो हिचकोले खाने लगी..
''ओह माँआआआआअ....... अहह...... मजा अआ गया........ तुम्हारी जीभ तो बड़ी मस्त लग रही है......''
लाला अपने लंड को मसलते हुए बुदबुदाया , 'अभी तो मेरा लंड लेगी, तब असली मज़ा आएगा मेरी छमिया ..'
और बात भी सही थी, चूत को असली मज़ा तो लंड ही दे सकता है वरना उसके अलावा तो ये सब आर्टिफिशियल चीज़े है..
पिंकी घूम कर अपनी माँ पर 69 के पोज़ में लेट गयी ..
सीमा भी उसकी कलाकारी देखकर यही सोच रही थी की ऐसे एक औरत के शरीर के साथ मज़े लेना उसने कहाँ सीखा होगा...
बेचारी को ये नही पता था की उसकी और निशि की दोस्ती कहाँ तक बढ़ चुकी है..
दोनो एक दूसरे की चूत की कटोरी में से चपर -2 करके रसगुल्ले की चाशनी चाट रहे थे...
लाला के लिए ये सब हदद से ज़्यादा था, और उसे पता था की अब उसका भी नंबर आने वाला है,
इसलिए उसने अपने भी कपड़े उतारने शुरू कर दिए..
और जल्द ही वो गाँव का सलमान खान पूरे कपड़े निकाल कर उनके सामने नंगा खड़ा था..
एक दूसरे की चूत चाट्ती हुई माँ बेटी ने जब खड़े हुए लंड को देखा तो उनका सारा ध्यान भंग हो गया और लाला का इशारा पाकर दोनो अपने घुटनो के बल उसके सामने बैठ गयी..
इस वक़्त लाला अपने आप को किसी हीरो से कम नही समझ रहा था,
जिसके लंड को लेने के लिए ये दोनो माँ बेटियां उसके सामने किसी पालतू कुतिया की तरह बैठीं थी...
लाला ने बिना एक पल गंवाए अपने लंड को उन दोनों के होंठों के बीच फंसा दिया और उनके रसीले होंठों को चोदने लगा
आज लाला पिंकी की तो नही पर सीमा की चूत मारकर अपनी बरसो पुरानी वो इच्छा ज़रूर पूरी कर लेना चाहता था जो कब से अधूरी थी और कल भी पूरी होते-2 रह गयी थी...
और इसी बहाने पिंकी भी चुदाई देखकर कुछ तो सीख ही लेगी...
आख़िर अगला नंबर तो इसी का लगने वाला था.
लाला उन दोनो माँ बेटियों के रेशमी बालों में हाथ फेरता हुआ कसमसा रहा था..
''आआआआआआअहह.... चूसो भेंन की लोड़ियों ....चूसो...... लाला का लंड तुम्हारे लिए ही तो इस धरती पर आया है..... मज़ा लो इसका.... मज़ा लो जिंदगी का... अपनी जवानी का...''
लाला तो अपने आपको किसी फरिश्ते की तरह दर्शा रहा था,
जिसका धरती पर आने का मकसद ही चूत को चोदकर उसका उद्धार करना था..
और देखा जाए तो वो उद्धार कर भी रहा था आज तक...
क्योंकि जिसने भी लाला के रामलाल को एक बार अपनी चूत में लिया वो उसका गुणगान किए बिना नही रह सकी.
लाला ने बारी-2 से उन दोनो के मुँह को अलग से भी चोदा ...
ख़ासकर पिंकी के मुँह को,
क्योंकि लाला भी जानता था की अभी के लिए तो इसके उपर वाले होंठो में ही लंड डाल सकता है वो, नीचे वाले पिंक होंठो का नंबर तो बाद में आएगा..