hotaks444
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रचना अपने भाई से वादा मांगती है कि ये बात मॉम-डैड को नहीं पता चलनी चाहिए।
अमर- ओके बहना वादा रहा.. अब जल्दी बताओ ना यार प्लीज़…!
रचना- भाई, मेरी गाण्ड अभी तक कुँवारी है, आप चाहो तो इसका मज़ा ले सकते हो और ललिता की भी कुँवारी है क्योंकि शरद आज उसकी चूत को ही ढीला करेगा इसलिए आप गाण्ड मार लो आपको मज़ा भी आएगा और आपका अरमान भी पूरा हो जाएगा।
अमर खुश होकर बैठ गया।
अमर- ओह वाउ.. यार यह तो मेरे दिमाग़ में आया ही नहीं.. अब तो मज़ा आ जाएगा, चलो जल्दी से घोड़ी बन जाओ आज तुमको घोड़ी बना कर बड़े प्यार से तेरी गाण्ड मारूँगा।
रचना घोड़ी बन कर अमर को आराम से करने के लिए बोली।
अमर- फिकर मत कर बहना, बड़े आराम से थूक लगा कर तेरी गाण्ड मारूँगा, जैसे पूनम की मारी थी।
यह बात सुनते ही रचना सन्न रह गई और जल्दी से सीधी होकर अमर के पास बैठ गई।
रचना- भाई अपने भी पूनम के साथ किया था..! ओ माई गॉड पर आप तो वहाँ थे ही नहीं फिर ये सब कैसे और कब हुआ? प्लीज़ बताओ ना भाई?
!
अमर- बहना याद है… जब उस रात तुम गुस्से में तोड़-फोड़ कर रही थीं..! तब ललिता ने तुमको आइडिया दिया था कि कमरे में बन्द कर दो पूनम को और मैंने उसकी बात काट कर दूसरा आइडिया दिया था।
रचना- हाँ याद है.. मगर मैंने अंकित और सुधीर के साथ मिलकर दूसरा प्लान बनाया था। तुम तो थे ही नहीं वहाँ पर…!
अमर- हाँ जानता हूँ तुमने प्लान बनाया था मगर मुझे डर था कहीं तुम किसी मुसीबत में ना फँस जाओ.. इसलिए मैं तुम्हारे पीछे था और तुम्हारे जाने के बाद मैं अन्दर गया और मौका देखकर पूनम की गाण्ड में लौड़ा डाल दिया था। साली बहुत ज़ोर से चीखी थी ही ही ही ही…!
रचना- बदमाश कहीं के पहले बोल देते तो उसकी सील ही तुड़वा देती तुमसे.. वो बड़े प्यार से चुदवा लेती अपनी चूत को तुमसे ! हा हा हा हा हा…!
अमर- अब उस कुतिया की बात रहने दो.. आओ तुम मेरे लौड़े की प्यास मिटाओ…बन जाओ घोड़ी… आज अपनी बहन की गाण्ड बड़े प्यार से मारूँगा मैं…!
दोस्तो, दो मिनट के लिए हम ऊपर के कमरे में चलते हैं.. सॉरी हाँ लेकिन यह जरूरी है…!
अशोक- यार सचिन, यह साली ललिता तो बहुत सवाल पूछ रही है शरद को टेन्शन में डाल दिया.. चल स्क्रीन दो लगा देखते हैं.. वो दोनों भाई-बहन क्या कर रहे हैं..!
सचिन दूसरी स्क्रीन लगा देता है।
अशोक- अबे ये देख, यह साला बहनचोद तो अपनी बहन को घोड़ी बना कर चोदेगा, हा हा हा… लगता है.. गाण्ड मारेगा साला.. देख कैसे गाण्ड पर थूक लगा रहा है हा हा हा…!
बस दोस्तो, अब वापस नीचे चलो यहाँ लाने की वजह यही थी कि अमर और रचना ने जो पूनम के बारे में बात की वो रिकॉर्ड तो हो गई.. पर इन दोनों ने सुनी नहीं.. तब ये शरद को लाइव देख रहे थे। मैंने इसलिए आपको बताया ताकि आपके दिमाग़ में यह बात ना आए कि इनका राज तो खुल गया कि बात क्या थी, यह सब बाद में पता चलेगा। अब आप रचना की गाण्ड चुदाई का मज़ा लो !
रचना घोड़ी बन गई और अमर ने अपने लौड़े पर अच्छे से थूक लगाकर गाण्ड के सुराख को ऊँगली से खोलकर उसमें भी थूक लगाया और लौड़ा टिका कर हल्के से दबाया तो लौड़ा फ़िसल कर ऊपर निकल गया।
रचना- हा हा हा हा.. तुमसे नहीं होगा भाई हा हा हा…!
अमर ने गुस्से में दोबारा लौड़ा सुराख पर रख कर जोरदार झटका मारा तो आधा लंड गाण्ड में घुस गया, दर्द के मारे रचना बेड पर लेट गई और उसके साथ साथ अमर भी उसकी पीठ पर ढेर हो गया। ज़ोर से बेड पर गिरने के कारण पूरा लौड़ा गाण्ड में घुस गया।
रचना- एयाया एयाया आआ… निकालो उ बहुत दर्द हो रहा है… आआ… यह कोई तरीका आअहह.. है एक साथ पूरा आ..हह…. डाल दिया…!
अमर- आ..हह…. सुकून आ गया… अपने लौड़े को गाण्ड में कितना टाइट महसूस कर रहा हूँ और इसमें मेरी क्या गलती.. तुम क्यों नीचे झटके से लेटीं.. मुझे भी साथ लेटना पड़ा और पूरा लौड़ा अन्दर एकदम से घुस गया।
रचना- आ..हह….. ओके.. ठीक आ है.. पर अई अभी हिलना मत बहुत दर्द है उफ्फ आ…!
अमर कहाँ मानने वाला था, वो लौड़े को आगे-पीछे करने लगा और रचना तड़पती रही। दस मिनट बाद उसकी चूत में झनझनाहट होने लगी, अब उसको दर्द भी कम था।
रचना- अई आह मारो भाई.. आ आज अपनी बहन की गाण्ड भी आ मारो उफ्फ आ..हह.. मेरी चूत में भी आ..हह.. खुजली हो रही है.. अई आह ज़ोर से करो आ उफ़…!
अमर फुल स्पीड से लौड़ा पेलने लगा, रचना नीचे से उछल-उछल कर गाण्ड मरवा रही थी और अमर भी खूब मज़े से गाण्ड मार रहा था।
अमर- उउउ उहह उउउ उहह बहना उहह तेरी गाण्ड बहुत गर्म उहह है आ आ मज़ा आ गया अया आह…!
रचना- अई आआ आह मारो आ..हह.. उफ्फ मेरी चूत आ..हह.. भाई उफ्फ प्लीज़ दो मिनट के लिए आ..हह.. चूत में भी डालो न… आ..हह.. उई मेरा पानी निकलने वाला है आ…!
अमर- उहह उहह ओके आ..हह.. मैं लौड़ा निकालता हूँ.. जल्दी से घोड़ी बन जाना.. उफ्फ आ ले रानी आ..हह….!
अमर झटके से उठा और रचना भी स्पीड से उठकर घुटनों पर आ गई।
अमर ने धप्प से लौड़ा चूत में पेल दिया।
रचना- आ सस्स ससस्स फक मी आह फक हार्ड अई आ गो डीप.. आ..हह.. या या या उईईइ आह आह आई एम कमिंग आ आह ह…!
अमर स्पीड से लौड़ा चूत में पेलने लगा रचना की बातों से उसका जोश बढ़ गया।
रचना भी गाण्ड को पीछे धकेल रही थी लौड़ा पूरा चूत की गहराई तक जा रहा था।
अमर- उहह उहह उ र सो सेक्सी आ ई फक यू आ ले ले ले आ..हह.. आ…!
रचना- आआआ एयाया उईईइ चोदो आह डाल दो पूरा… आ म म मेरा पानी एयाया आहह गया है…!
अमर- ओके बहना वादा रहा.. अब जल्दी बताओ ना यार प्लीज़…!
रचना- भाई, मेरी गाण्ड अभी तक कुँवारी है, आप चाहो तो इसका मज़ा ले सकते हो और ललिता की भी कुँवारी है क्योंकि शरद आज उसकी चूत को ही ढीला करेगा इसलिए आप गाण्ड मार लो आपको मज़ा भी आएगा और आपका अरमान भी पूरा हो जाएगा।
अमर खुश होकर बैठ गया।
अमर- ओह वाउ.. यार यह तो मेरे दिमाग़ में आया ही नहीं.. अब तो मज़ा आ जाएगा, चलो जल्दी से घोड़ी बन जाओ आज तुमको घोड़ी बना कर बड़े प्यार से तेरी गाण्ड मारूँगा।
रचना घोड़ी बन कर अमर को आराम से करने के लिए बोली।
अमर- फिकर मत कर बहना, बड़े आराम से थूक लगा कर तेरी गाण्ड मारूँगा, जैसे पूनम की मारी थी।
यह बात सुनते ही रचना सन्न रह गई और जल्दी से सीधी होकर अमर के पास बैठ गई।
रचना- भाई अपने भी पूनम के साथ किया था..! ओ माई गॉड पर आप तो वहाँ थे ही नहीं फिर ये सब कैसे और कब हुआ? प्लीज़ बताओ ना भाई?
!
अमर- बहना याद है… जब उस रात तुम गुस्से में तोड़-फोड़ कर रही थीं..! तब ललिता ने तुमको आइडिया दिया था कि कमरे में बन्द कर दो पूनम को और मैंने उसकी बात काट कर दूसरा आइडिया दिया था।
रचना- हाँ याद है.. मगर मैंने अंकित और सुधीर के साथ मिलकर दूसरा प्लान बनाया था। तुम तो थे ही नहीं वहाँ पर…!
अमर- हाँ जानता हूँ तुमने प्लान बनाया था मगर मुझे डर था कहीं तुम किसी मुसीबत में ना फँस जाओ.. इसलिए मैं तुम्हारे पीछे था और तुम्हारे जाने के बाद मैं अन्दर गया और मौका देखकर पूनम की गाण्ड में लौड़ा डाल दिया था। साली बहुत ज़ोर से चीखी थी ही ही ही ही…!
रचना- बदमाश कहीं के पहले बोल देते तो उसकी सील ही तुड़वा देती तुमसे.. वो बड़े प्यार से चुदवा लेती अपनी चूत को तुमसे ! हा हा हा हा हा…!
अमर- अब उस कुतिया की बात रहने दो.. आओ तुम मेरे लौड़े की प्यास मिटाओ…बन जाओ घोड़ी… आज अपनी बहन की गाण्ड बड़े प्यार से मारूँगा मैं…!
दोस्तो, दो मिनट के लिए हम ऊपर के कमरे में चलते हैं.. सॉरी हाँ लेकिन यह जरूरी है…!
अशोक- यार सचिन, यह साली ललिता तो बहुत सवाल पूछ रही है शरद को टेन्शन में डाल दिया.. चल स्क्रीन दो लगा देखते हैं.. वो दोनों भाई-बहन क्या कर रहे हैं..!
सचिन दूसरी स्क्रीन लगा देता है।
अशोक- अबे ये देख, यह साला बहनचोद तो अपनी बहन को घोड़ी बना कर चोदेगा, हा हा हा… लगता है.. गाण्ड मारेगा साला.. देख कैसे गाण्ड पर थूक लगा रहा है हा हा हा…!
बस दोस्तो, अब वापस नीचे चलो यहाँ लाने की वजह यही थी कि अमर और रचना ने जो पूनम के बारे में बात की वो रिकॉर्ड तो हो गई.. पर इन दोनों ने सुनी नहीं.. तब ये शरद को लाइव देख रहे थे। मैंने इसलिए आपको बताया ताकि आपके दिमाग़ में यह बात ना आए कि इनका राज तो खुल गया कि बात क्या थी, यह सब बाद में पता चलेगा। अब आप रचना की गाण्ड चुदाई का मज़ा लो !
रचना घोड़ी बन गई और अमर ने अपने लौड़े पर अच्छे से थूक लगाकर गाण्ड के सुराख को ऊँगली से खोलकर उसमें भी थूक लगाया और लौड़ा टिका कर हल्के से दबाया तो लौड़ा फ़िसल कर ऊपर निकल गया।
रचना- हा हा हा हा.. तुमसे नहीं होगा भाई हा हा हा…!
अमर ने गुस्से में दोबारा लौड़ा सुराख पर रख कर जोरदार झटका मारा तो आधा लंड गाण्ड में घुस गया, दर्द के मारे रचना बेड पर लेट गई और उसके साथ साथ अमर भी उसकी पीठ पर ढेर हो गया। ज़ोर से बेड पर गिरने के कारण पूरा लौड़ा गाण्ड में घुस गया।
रचना- एयाया एयाया आआ… निकालो उ बहुत दर्द हो रहा है… आआ… यह कोई तरीका आअहह.. है एक साथ पूरा आ..हह…. डाल दिया…!
अमर- आ..हह…. सुकून आ गया… अपने लौड़े को गाण्ड में कितना टाइट महसूस कर रहा हूँ और इसमें मेरी क्या गलती.. तुम क्यों नीचे झटके से लेटीं.. मुझे भी साथ लेटना पड़ा और पूरा लौड़ा अन्दर एकदम से घुस गया।
रचना- आ..हह….. ओके.. ठीक आ है.. पर अई अभी हिलना मत बहुत दर्द है उफ्फ आ…!
अमर कहाँ मानने वाला था, वो लौड़े को आगे-पीछे करने लगा और रचना तड़पती रही। दस मिनट बाद उसकी चूत में झनझनाहट होने लगी, अब उसको दर्द भी कम था।
रचना- अई आह मारो भाई.. आ आज अपनी बहन की गाण्ड भी आ मारो उफ्फ आ..हह.. मेरी चूत में भी आ..हह.. खुजली हो रही है.. अई आह ज़ोर से करो आ उफ़…!
अमर फुल स्पीड से लौड़ा पेलने लगा, रचना नीचे से उछल-उछल कर गाण्ड मरवा रही थी और अमर भी खूब मज़े से गाण्ड मार रहा था।
अमर- उउउ उहह उउउ उहह बहना उहह तेरी गाण्ड बहुत गर्म उहह है आ आ मज़ा आ गया अया आह…!
रचना- अई आआ आह मारो आ..हह.. उफ्फ मेरी चूत आ..हह.. भाई उफ्फ प्लीज़ दो मिनट के लिए आ..हह.. चूत में भी डालो न… आ..हह.. उई मेरा पानी निकलने वाला है आ…!
अमर- उहह उहह ओके आ..हह.. मैं लौड़ा निकालता हूँ.. जल्दी से घोड़ी बन जाना.. उफ्फ आ ले रानी आ..हह….!
अमर झटके से उठा और रचना भी स्पीड से उठकर घुटनों पर आ गई।
अमर ने धप्प से लौड़ा चूत में पेल दिया।
रचना- आ सस्स ससस्स फक मी आह फक हार्ड अई आ गो डीप.. आ..हह.. या या या उईईइ आह आह आई एम कमिंग आ आह ह…!
अमर स्पीड से लौड़ा चूत में पेलने लगा रचना की बातों से उसका जोश बढ़ गया।
रचना भी गाण्ड को पीछे धकेल रही थी लौड़ा पूरा चूत की गहराई तक जा रहा था।
अमर- उहह उहह उ र सो सेक्सी आ ई फक यू आ ले ले ले आ..हह.. आ…!
रचना- आआआ एयाया उईईइ चोदो आह डाल दो पूरा… आ म म मेरा पानी एयाया आहह गया है…!