Kamukta Story गुरु दक्षिणा - Page 2 - SexBaba
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Kamukta Story गुरु दक्षिणा

सर ने एक बार फिर मेरे मूह मे अपनी जीभ डाल दी और हम टंग सकिंग पॅशनेट
किस करने लगे. मेरी गंद ऑटोमॅटिकली ऊपेर उठ रही थी और सर के लंड को अपनी
चूत के अंदर लेने को उतावली हो रही थी. सर ने अब चोदने की थोड़ी सी स्पीड
बढ़ा दी थी. एक बार फिर से मेरे बगल से हाथ डाल के शोल्डर को बोहोत टाइट
पकड़ लिए थे. लंड बड़ी आसानी से गीली चूत मे तकरीबन 4 इंच तक अंदर बाहर
हो रहा था और मेरा मस्ती और मज़े के मारे बुरा हाल था. मैं सर से चिपकी
हुई थी. सर के चोदने की स्पीड जैसे जैसे बढ़ने लगी मेरा बदन वैसे ही
काँपने लगा और मैं ने सर के बॅक को टाइट पकड़ लिया और उनके मूसल लंड पे
ही झड़ने लगी. मेरे जूस से चूत कुछ ज़ियादा ही गीली हो गयी थी और सर का
लंड बड़े आराम से अंदर बाहर हो रहा था. मेरी आँखें मस्ती मे बंद हो चुकी
थी और मैं अभी अपने ऑर्गॅज़म के नशे मे डूबी हुई थी के सर ने मुझे बोहोत
ही टाइट पकड़ लिया और अपना पूरा लंड सूपदे तक मेरी चूत से बाहर निकाला और
एक बोहोत ही ज़ोर दार पूरी ताक़त से धक्का मारा तो उनका क़ुतुब मीनार
जैसा बड़ा और मूसल जैसा मोटा और लोहे जैसा सख़्त लंड मेरी कुँवारी चूत की
सील को फाड़ता हुआ और मेरी चूत को किसी मिज़ाइल की तरह से चीरता हुआ मेरी
छोटी सी मासूम और कुँवारी चूत की गहराइयों मे उतर गया और मेरे मुँह से
चीख निकली ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
म्‍म्म्मममममममममाआआआआआआआआअ
म्‍म्म्मममममममममाआआआआआररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रररीईईईईईईईईईई
हहाआआआआआआआययययययययययययययईईईईईईई
सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सिईईईईईईईईइइर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर
हहाआआआआआआआऐययईईईईईईईईईईईईईईईईईई और मेरे दिमाग़ मे लाखों पटाखे फूटने
लगे जैसे दीवाली की रात मेरे दिमाग़ मे ही उतर आई हो और आँखो से आँसू रोल
हो के मेरे गालो से बेड पे गिरने लगे, ऐसे लगा जैसे मेरी छोटी सी चूत मे
किसी ने लोहे का गरम गरम डंडा घुसा दिया हो और मेरी चूत के दो टुकड़े कर
दिए हो, चूत मे ऐसी जलन हो ने लगी जैसे किसी ने ढेर सारा लाल मिर्च पाउडर
मेरी चूत मे भर दिया हो. दारद के मारे पहले तो मैं सर के बदन से बोहोट
ज़ोर से चिपक गयी फिर मेरा सारा बदन एक दम से बेजान हो गया और मेरे हाथ
और पैर उनके बदन से निकल के बिस्तर पे गिर पड़े. चीख के साथ ही बिजली भी
बड़ी ज़ोर की आवाज़ के साथ चमक उठी सारा कमरा 2 – 3 सेकेंड्स के लिए रोशन
हो गया पर मेरे दिमाग़ मे तो अंधेरा ही छाया रहा और पटाखे फूट रहे थे और
कमरा गोल गोल घूम रहा था. अगर ऐसे टाइम पे बिजली नही कड़कती तो शाएद मेरी
चीख 1 किलो मीटर दूर मेरे घर तक आसानी से सुनाई देती.
कुछ देर के बाद मेरे होश ओ हवास ठीक हुए और मेरी आँख खुली तो सब से पहले
तो मैं यह सोचने लगी के मैं कहा हू और मुझे क्या हुआ है पर जैसे ही मुझे
सर का गरम मोटा और लोहे जैसा सख़्त लंड अपनी फटी चूत मे चूबता महसूस हुआ
मुझे सब याद आ गया के अब मैं ने अपने गुरु को अपनी कुँवारी छूट की
दक्षिणा दे दी है और अपनी छोटी सी कुँवारी चूत की भेंट उनके मस्त मूसल
लंड की भेंट चढ़ा दी है. मेरे बदन मे कुछ मूव्मेंट्स हुई तो सर ने समझा
के मेरे दिमाग़ से वो डार्क फेज़ हट गया है और उन्हो ने अपना लंड धीरे
धीरे मेरी चूत से बाहर निकाला तो मुझे महसूस हुआ के मेरी चूत की पतली
चमड़ी उनके लंड के साथ बाहर निकल रही है. पहले तो वो धीरे धीरे लंड को
अंदर बाहर कर के मुझे चोद्ते रहे. थोड़ी ही देर मे मुझे मज़ा आने लगा और
मैं ने सर के बदन को अपने हाथो और पैरो से एक बार फिर से पकड़ लिया और
अपनी टाँगें सर के बॅक पे लपेट ली और अपनी गंद उठा उठा के उनके धक्को को
मॅच करती हुई मज़े ले ले के चुदवाने लगी. लंड पूरा अंदर बाहर हो रहा था
और मुझे लग रहा था जैसे वो मेरी चूत मे से घुस्स के मेरे पेट मे से होता
हुआ मेरे मूह से बाहर निकल जाएगा. मेरी चूत के मसल्स सर के मूसल लंड के
डंडे को टाइट पकड़े हुए थी. एक बार जब उनका मोटे लंड का मोटा सूपड़ा मेरी
बच्चे दानी को ज़ोर से हिट किया तो मैं काँपने लगी और सर के बदन को ज़ोर
से पकड़ लिया और काँपते हुए झड़ने लगी. मेरी चूत मे से निकला हुआ जूस
मेरी चूत को और ज़ियादा स्लिपरी बना चुका था और अब मुझे बोहोत ही मज़ा
आने लगा था. सर के चोदने की स्पीड भी अब बढ़ गयी थी और वो मुझे तूफ़ानी
रफ़्तार से चोद रहे थे मेरी चूत ने सर का पूरे का पूरा लंड अपनी गहराइयों
मे ले लिया था. सर ने मुझे बड़ी ज़ोर से टाइट पकड़ा हुआ था और बेड के
किनारे से अपने पैर टिकाए कस्स कस्स के धक्के मार मार के मेरी चुदाई कर
रहे थे. अब उनकी चुदाई की स्पीड बोहोत ही तेज़ हो गयी थी और मुझे लगा के
मेरा जूस एक बार फिर से छूटने वाला है तो सर ने एक बार और पूरी ताक़त से
बड़ा करारा धक्का मारा और अपने गरम मूसल को मेरी चूत की ग्रहराइयों मे
घुसेड दिया जो एक बार फिर से मेरी फटी चूत को चीरता हुआ पूरा अंदर घुस्स
गया और बड़ी ज़ोर से मेरी बच्चे दानी से टकराया और उनके मूसल लंड से मोटी
मोटी मलाई की गरम गरम धारियाँ उछल उछल के मेरी बच्चे दानी को फुल करने
लगी और मेरी चूत के अंदर सर की मलाई की बरसात होने लगी मुझे ऐसा लगा जैसे
किसी सूखी ज़मीन मे बरसात पड़ी हो और उस ज़मीन को निहारते हुए उस मे से
एक अनोखी और मस्त खुश्बू आने लगी हो . सर के लंड मे से इतनी मलाई निकली
के मुझे लगा के अब उनके लंड से निकली मलाई मेरे मूह से बाहर आ जाएगी और
उनकी मलाई की पहली धार के साथ ही
एक बार फिर से मेरी चूत के अंदर से ऐसे जूस निकलने लगा जैसे कही फ्लड आ
गया हो.
 
म दोनो गहरी गेँरी साँसें ले रहे थे मैं ने सर के बदन को बड़े
प्यार से पकड़ा हुआ था और उनकी पीठ सहला रही थी, हम दोनो की आँखें बंद हो
गयी थी. सर गहरी गहरी साँसें लेते हुए मेरे बदन पे गिर पड़े और उनका मूसल
लंड मेरी चूत की गहराइयों मे पड़ा फूल रहा था और मेरी चूत को किसी बॉटल
के ढक्कन की तरह से टाइट सील कर दिया था.
पता नही हम दोनो एक दूसरे की बाहो मे कितनी देर पड़े रहे. थोड़ी देर के
बाद जब होश आया तो सर ने कहा थॅंक यू वेरी मच किट्टू यू अरे ग्रेट आज तुम
ने जो मुझे मज़ा दिया है मैं उसकी बॅस कल्पना ही किया करता था और आज
तुमने मेरी कल्पना को साहकार कर दिया. मेरी पत्नी आज तक मेरे लंड को अपनी
चूत मे पूरा अंदर तक नही ले पाई और तुम ने पूरे का पूरा एक ही टाइम मे
अंदर ले लिया यू आर रियली ग्रेट किट्टू यह कह के मेरे चेहरे पे, होंठो पे
और आँखो पे किस की बारिश करते जा रहे थे तो मैं ने उन्है चूमते हुए कहा
के सर आपकी पत्नी को शाएद आपके लंड की कदर नही है और उन्है यह लोहे जैसे
सख़्त और रॉकेट जैसे एरेक्ट लंड का मज़ा नही मालूम और जिस दिन ऐसे मस्त
लंड का मज़ा उनकी चूत को लग जाएगा मुझे यकीन है के वो आपके लंड की पूजा
करना शुरू कर देगी. यह सुन के सर मुस्कुराने लगे और बोले के पता नही वो
दिन कब आएगा या आएगा भी या नही. . अरे वो तो तीन चार इंच ही अंदर ले के
रोने लगती है और मुझे उस पर दया आ जाती है मैं क्या करू और हट जाता हू और
फिर वो अपने हाथो से मूठ मारके ही मेरी मलाई निकाल देती है और हस्ते हुए
बोले के अब वो मूठ मारने मे पर्फेक्ट हो गयी है, मुझे लगता है के उसको
सेक्स मे कोई इंटेरेस्ट नही है मेरी ज़िंदगी बॅस ऐसे ही चल रही है इसी
लिए वो यहा मेरे साथ नही रहती मेरी समझ मे नही आता के मैं क्या करू तो
मैं ने बोला के सर आप क्यों फिकर करते है अब तो मैं हू ना आपके पास मे तो
आपके इस वंडरफुल लंड की दीवानी हो चुकी हू और जब जब मोका मिलेगा मैं आपसे
चुदवाती रहूगी और आपके लंड की गर्मी को शांत करती रहूगी तो वो मुझे बे
तहाशा चूमने लगे और बोले के थॅंक्स किट्टू सच मे आज तुम ने जो मुझे गुरु
दक्षिणा दी है ऐसी गुरु दक्षिणा आज तक किसी ने किसी भी शिष्या ने किसी भी
गुरु को नही दी होगी.आज तुमने जो मज़ा मुझे दिया है उसे मैं ज़िंदगी भर
नही भूल पाऊँगा तो मैं ने भी कहा के सर मैं भी आप के ऐसे मस्त मूसल जैसे
और लोहे जैसे सख़्त लंड से अपनी कुँवारी चूत को चुदवाना सारी ज़िंदगी याद
रखूँगी और हम फिर एक दूसरे से लिपट गये और किस्सिंग करने लगे.
सर मेरे बदन पे पड़े मुझ से बातें कर रहे थे और मुझे प्यार कर रहे थे
इतने मे एलेक्ट्रिसिटी आ गयी और कमरे का बल्ब रोशन हो गया और एक दम से
हमारी आँखें चुन्धिया गयी और ऑटोमॅटिकली बंद हो गयी फिर थोड़ी देर मे हम
ने आखें खोली और सर मेरे बदन से लुढ़क के मेरे साइड मे लेट गये. उनका लंड
मेरी फटी चूत को जैसे ढक्कन से सील करते है वैसे अंदर घुस के सील किया
हुआ था और मेरी फटी हुई चूत मे से बाहर निकलते ही जैसे बॉटल का ढक्कन खुल
गया और मुझे ऐसा लगा जैसा मेरे बदन का ही कोई हिस्सा मेरे बदन से निकल
गया हो और चूत एक दम से खाली खाली महसूस होने लगी और लंड के बाहर निकलते
ही मेरी चूत मे जो हम दोनो की मिक्स मलाई इकट्ठा हो गयी थी और मेरी चूत
पे उनके लंड का ढक्कन लगा था और वो खुल गया और साथ मे ही मेरी चूत मे से
हम दोनो का मिक्स जूस ऐसे निकलने लगा जैसे किसी नदी मे बाढ़ आ गयी हो और
बिस्तर पे गिरने लगा. मैं उठ के बैठ गयी और खुली टाँगो के बीच से अपनी
दुखती हुई चूत को देखा तो हैरान रह गयी वाहा बिस्तर पे मेरी चूत से निकली
हमारी मिक्स मलाई और मेरे खून का एक बूत बड़ा पूल जैसे बन गया था.
 
इतना
खून तो मेरे मेनास के टाइम पे भी नही निकलता था. मुझे लगा जैसे मेरे बदन
का आधा खून निकल गया हो और मुझे एक दम से वीकनेस महसूस होने लगी. सर ने
मुझे पकड़ के उठाया और हम दोनो बातरूम मे घुस गये और एक साथ ही शवर लेने
लगे. ठंडे ठंडे मौसम मे और ऐसी एस्पेशली मस्त चुदाई के बाद गरमा गरम पानी
से शवर लेने का अपना ही मज़ा है.
हम दोनो ने एक दूसरे को साबुन लगाया और मैं ने सर के लटकते हुए लंड पे जो
मलाई और मेरा खून लगा हुआ था उसको साबुन लगाया और धोने लगी. सर ने भी झुक
के मेरी झतो भरी चूत पे साबुन लगाया और सॉफ किया. सर ने पूछा के किट्टू
तुम झातें नही निकालती हो तुम ? तो मैं हस के बोली के सर जब मैं पॅंटी के
ऊपेर से अपनी चूत को खुजाति हू तो यह मेरी चूत मे घुसती है और मुझे
गुदगुदी होती है तो मज़ा आता है और कभी कभी तो मैं ऐसे ही डिसचार्ज भी हो
जाती हू तो वो हंस पड़े तो मैं ने पूछा के सर आपको पसंद नही तो मैं शेव
कर लेती हू तो बोले के हा लड़कियो को चाहिए के अपनी चूत को हमेशा ही
मक्खन जैसी चिकनी बना कर रखा करे. चिकनी चूत बोहोत प्यारी लगती है और
उसको चाटने मे मज़ा भी बोहोत आता है तो मैं ने कहा के सर कल देख लेना शेव
कर के आउन्गी और आपको अपनी चिकनी चूत के दर्शन करवाउंगी.
हम दोनो एक दूसरे को साबुन लगा के रगड़ रहे थे. जैसे जैसे मैं सर के लंड
को रगड़ रही थी तो एक ही मिनूट के अंदर उनका लंड एक बार फिर से किसी नाग
की तरह उठ के खड़ा हो गया और हिलने लगा. उनका लंड इतना बड़ा था के मेरे
दोनो मुत्ठियो मे भी नही आ रहा था. मैं उनके लंड को पकड़ के फ्लोर पे बैठ
गयी और लंड को अपने मूह मे ले के मज़े से चूसने लगी. उनका लंड अब मेरे
मूह मे फुल्ली एरेक्ट हो चुका था और आधे लंड से ही मेरा मूह भर गया था.
मैं धीरे धीरे उनके लंड को चूसने लगी और वो भी मेरे सर को पकड़ के मेरे
मूह को चोदने लगे. सर ने शवर बंद कर दिया और मुझे घोड़ी बनने को कहा (
डॉगी स्टाइल ) तो मैं डर गयी के कही सर अपने इतने लंबे और मोटे लंड से
मेरी गंद ही ना फाड़ डाले. मैं थोड़ा हेज़िटेट कर रही थी तो बोले के अरे
किट्टू डरती क्यों है मैं गंद नही मरूगा पीछे से चूत मे ही डाल के चोदुगा
तो मैं पलट गयी और घोड़ी बन गयी तो सर ने अपना लंड पीछे से मेरी चूत जो
अब पूरी तरह से खुल चुकी थी उसके सुराख से लंड के सूपदे को सटा दिया और
झुक के मेरे शोल्डर्स को कस्स के पकड़ लिया और एक ही पवरफुल धक्के मे
अपने गधे जैसे लंबा और लोहे जैसे सख़्त लंड को मेरी फटी चूत मे घुसा दिया
मैं एक बार फिर से चिल्ला पड़ी
हहाआआआआआआआऐययईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सिईईईईईईईईईईईईईइइर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर
आआआआआआआआअहह मेरा मूह तकलीफ़ से खुल गया और ज़ुबान बाहर आ गयी और मुझे
लगा के उनका लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ मेरे मूह से बाहर निकल जाएगा और
मुझे लगा जैसे एक लंबा गरमा गरम मिज़ाइल मेरी चूत के रास्ते मेरे पेट मे
घुस गया हो और मेरे घुटने फ्लोर से स्लिप हो गये और मैं शवर ट्रे के अंदर
ही पेट के बल गिर गयी और मेरे साथ मे ही सर भी मेरे बदन पे गिर पड़े उनका
लंड मेरी चूत मे घुसा हुआ था और वो मेरे ऊपेर पड़े हुए थे. दोस्तो आगे
क्या हो रहा होगा बाकी कहानीके साथ अगले और अंतिम भाग मे फिर मिलेंगे
क्रमशः...............
 
गुरु दक्षिणा पार्ट--5

गतान्क से आगे.................

मेरे नीचे गिरने के बावजूद भी उनका लंड मेरी चूत से बाहर नही निकला था.

वो थोड़ी देर मेरे ऊपेर लेटे लेटे ही वेट करते रहे और जब मेरी चूत उनके

मूसल लंड से अड्जस्ट हो गयी तो उन्हो ने अपनी गंद ऊपेर नीचे कर के मुझे

चोदना शुरू कर दिया. मेरी गंद थोड़ी सी ऊपेर उठ गयी थी और वो पीछे से चूत

मे लंड घुसाए चोदने लगे. पानी लगने की वजह से मेरी झांतें भी गुच्छा बन

चुकी थी और उनके लंड के साथ ही मेरी झातें भी मेरी चूत मे घुस गयी थी जो

एक अनोखा मज़ा दे रही थी जैसे जैसे उनका लंड मेरी चूत के अंदर जाता मेरी

झातें भी उनके लंड के साथ अंदर जाती और लंड के साथ ही वापस बाहर आ जाती.

मुझे लगा के आज सर को

पहली बार इतना आनंद आया है इसी लिए वो मुझे चोदने के लिए इतने उतावले हो

रहे है और साथ मे ही मुझे वो कहावत याद आई "फोकट की चूत मिली तो भिकारीओं

की तरह से टूट पड़े" कुछ यही हाल पीके सर का भी हो गया था उनको भी आज एक

ऐसी ही फोकट की चूत मिल गयी थी और वो किसी भिकारी की तरह से मेरी चूत पे

टूट पड़े थे. सर धना धन्न ऐसे मुझे चोद रहे थे जैसे कोई लेबर किसी दीवार

को तोड़ने के लिए उसपे हथोडे बरसाता है वैसे ही हथोदे जैसे झटके मार रहे

थे. मेरी चुचियाँ इतनी बड़ी भी नही थी जो लटक के झूलने लगती तो वो झूल

नही रही थी बॅस वही मेरे सीने से लगी हुई हिल रही थी तो सर ने उन्है पकड़

लिया और मसल्ने लगे और मुझे घचा घच चोदने लगे. मैं भी कुछ इतनी गरम हो

चुकी थी के मेरे बदन पे लगा सारा पानी सूख गया था. सर बोहोत ज़ोरो से

मेरी चुदाई कर रहे थे और मुझे बोहोत ही मज़ा आ रहा था. उनका लंड मेरी

बच्चे दानी से कंटिन्यू टकरा रहा था और एक ही मिनिट के अंदर मेरी चूत मे

हल चल मचने लगी और मैं उनके लंड के ऊपेर ही झड़ने लगी. मेरी चूत मे से

निकले जूस की वजह से उनका इतना बड़ा गधे जैसा लंड भी अब आराम से मेरी चूत

के अंदर बाहर घुस रहा था और मैं मस्ती मे आँखें बंद किए चुदवा रही थी और

ऐसी वंडरफुल चुदाई का पूरा आनंद ले रही थी और सोच रही थी के मैं कितनी

खुश किस्मेत हू के ऐसा लंड मिला है मेरी चूत के द्वार खोलने के लिए.

थोड़ी देर मे ही उन्हो ने मेरी कमर को पकड़ के आपने ऊपेर कुछ लिया और ऐसे

पोज़िशन चेंज कि के वो नीचे पीठ के बल लेट गये और मैं उनके लंड पे बैठी

हुई थी मेरा मूह उनके पैरो की तरफ था और मेरी पीठ उनके मूह की तरफ. कुछ

देर ऐसे ही चोदने के बाद उन्हो ने मुझे अपने ऊपेर झुका लिया और मेरी

चुचिओ को मसल्ने लगे और अपनी गंद उठा उठा के मुझे चोदने लगे ऐसी पोज़िशन

मे उनका इतना लंबा लंड भी मेरी चूत के अंदर कंप्लीट नही घुस्स पा रहा था

और वो बॅस आधे ही लंड से मुझे चोदे जा रहे थे. यह पोज़िशन कुछ ज़ियादा

ठीक नही लग रही थी तो सर ने अपना लंड मेरी चूत मे से बाहर खेच के निकाल

लिया और एक बार फिर मुझे लगा के मेरी चूत खाली खाली हो गयी हो. अब सर

फ्लोर पे खड़े हो गये और मुझे पलटा के अपने सामने खड़ा कर लिया. उनका लंड

जोश मे हिल रहा था ऊपेर नीचे हो रहा था और उनके पेट तक लग के जैसे मेरी

कुँवारी चूत की दक्षिणा से खुश हो के सल्यूट कर रहा था.
 
मैं ने एक बार

फिर से सर के लंड को अपने हाथ मे पकड़ के दबाया और तीन चार टाइम मूठ जैसा

मारा. सर ने मुझे मेरी बगल मे हाथ डाल के उठा लिया और ऑटोमॅटिकली मेरी

टाँगें खुल गयी और उनके बॅक पे

लिपट गयी और सर ने अपने हाथ मेरे चूतदो के नीच रख के सपोर्ट दिया और मैं

उनके गले मे अपनी बाहें डाल के झूलने लगी. लंड का सूपड़ा ऑटोमॅटिकली मेरी

खुली हुई चूत के सुराख से लग गया ऐसा लग रहा था जैसे लंड के हेड मे आँखें

हो और वो अपना रास्ता खुद ही तलाश कर रहा हो. सर का लंड मेरी चूत के

सुराख के अंदर घुसते ही सर ने अपने हाथो की ग्रिप मेरे ऊपेर चूतदो पर

थोड़ी सी लूस कर दी और जैसे ही मे थोड़ा सा नीचे स्लिप हुई तो सर का लंड

एक ही झटके मे मेरी चूत के अंदर पूरे का पूरा घुस्स गया और सर मेरी चूतदो

को पकड़ के मुझे उछाल उछाल के मुझे खड़े खड़े चोदने लगे ऐसी पोज़िशन मे

लंड मेरी चूत के बोहोत अंदर तक घुस्स रहा था और मैं एक ही धक्के मे

काँपते हुए उनके लंड पे झड़ने लगी.

मेरी चुचियाँ सर के मूह के सामने डॅन्स कर रही थी तो उन्हो ने मेरी चुचिओ

को अपने मूह मे भर लिया और चूसने लगे निपल्स को अपने दांतो से काटने लगे.

मुझे बोहोत ही मज़ा आ रहा था और सर के इतने मस्त लंड से चुदवाने मे बोहोत

ही मज़ा आ रहा था. सर मेरी चूतदो को पकड़ के मुझे उछाल रहे थे जिस से मैं

उनके लंड पे ऊपेर नीचे हो रही थी. थोड़ी देर ऐसे ही चोदने के बाद सर ने

मुझे दीवार से लगा दिया. मैं सर के गले मे बाहें डाले उनसे किसी बेल की

तरह लिपटी हुई थी मेरे पैर सर के बॅक से लिपटे हुए थे और मेरी कमर दीवार

से लगी हुई थी. अब सर ने लंड को पूरा बाहर तक निकाल निकाल के चोदना शुरू

किया वो बोहोत ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहे थे ऐसा लगता था जैसे उनका

क़ुतुब मीनार जैसा लंबा और लोहे जैसा सख़्त लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ

पीछे दीवार मे घुस्स जाएगा. उनका लंड किसी जॅक हॅमर की तरह से मेरी चूत

को चोदे जा रहा था. एक ही पवरफुल धक्के मे मेरा मूह खुल गया और मेरी चूत

मे फ्लड आ गया और जूस रिलीस होने लगा. अब सर को बड़ी अछी पोज़िशन मिल गयी

थी उनके पैर पीछे बाथ टब मे टीके हुए थे और मैं दीवार से टिकी हुई थी और

सर बोहोत ही पवरफुल धक्के मार रहे थे ऐसा लग रहा था जैसे आज ही सारी उमर

की चुदाई करने का इरादा हो. सर ने अपने हथोदे जैसे लंड से चोद चोद कर

मेरी चूत की हालत ही बिगाड़ दी थी. बिगिनिंग मे तो मुझे थोड़ी सी तकलीफ़

हो रही थी पर जब से उनका लंड पूरी तरह से मेरी चूत के अंदर घुस गया था और

उनके पवरफुल और डीप स्ट्रोक्स की वजह से उनका लंड मेरी बच्चे दानी से

ज़ोर ज़ोर से टकरा रहा था तो मुझे बोहोत ही मज़ा आ रहा था और मैं उनसे

लिपटी हुई थी और वो मेरी चुचिओ को चूस रहे थे तो मैं अपनी चुदाई के पॅशन

मे बे इंतेहा डूब चुकी थी और पता नही कितने टाइम झाड़ चुकी थी. सर के

धक्के तेज़ होने लगे और हर धक्के से मेरे मूह से

हप्प्प्प्प हप्प्प्प्प और उूउउन्न्ञणणनह उूउउन्न्नह जैसी आवाज़ें निकल

रही थी. और फिर सर ने एक इतनी ज़ोर का धक्का मारा और लंड को मेरी आज ही

की फटी हुई चूत मे इतनी अंदर तक बेदर्दी से घुसेड दिया के मैं चीख पड़ी

ऊऊऊऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईईईईईईई म्‍म्म्ममममममममममाआआआआआआआअ

हहााआआयययययययययययययईईईईई

सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सिईईईईईईईईइइर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर और

मैं बड़ी ज़ोर से उनसे लिपट गयी और उसी टाइम पे सर के लंड मे से उनकी

मलाइ की मोटी धार ज़ोर से उछल के मेरी बच्चे दानी से टकराई के मुझे लगा

जैसे राइफल मे से गोली निकली हो और मेरी बच्चे दानी पे निशाना लगा के मार

रही हो और मैं काँपने लगी और मेरी चूत मे एक बार फिर से बाढ़ आ गयी और

जूस किसी टूटी नदी से बाढ़ की तरह निकलने लगा और हम दोनो गहरी गहरी

साँसें लेने लगे और दोनो ऑलमोस्ट बेदम्म हो गये और कुछ देर तक बाथ टब के

अंदर ही बैठे रहे.
 
मेरी चूत मे से हम दोनो का मिला जुला जूस नीचे बहने

लगा. मैं ने अपनी दुखती हुई चूत पे हाथ लगाया और चूत से निकलते जूस को

उंगलिओ मे लगा के देखा तो मैं हैरान रह गयी एक बार फिर से मेरी चूत से

खून निकला था तो मैं समझ गयी के यह सर के पागलो की तरह से चोदने के नतीजे

मे मेरी चूत की यह हालत हो गयी थी अब मेरी चूत कुँवारी चूत नही भोसड़ा बन

चुकी थी और मेरी छोटी सी चूत का छोटा सा सुराख अब इतना बड़ा घार ( केव )

जैसा जैसा सुराख बन गया था जिस्मै से चूत के अंदर के सॉफ्ट मसल्स दिखाई

दे रहे थे.

थोड़ी देर के बाद जब थोड़ा होश आया तो सिर ने मुझे किस किया और बोले के

किट्टू सच कह रहा हू के आज से पहले मैं ने कभी किसी की चुदाई नही की

क्यॉंके किसी लड़की की चूत मे मेरा लंड घुसता ही नही था. आज तुम ने मुझे

ज़िंदगी का वो सुख दिया है जिसकी तमन्ना मैं ना जाने कितने सालो से कर

रहा था यू आर रियली ग्रेट किट्टू मैं तुम्हारा यह एहसान ज़िंदगी भर नही

भूलुगा तो मैं मुस्कुराने लगी और अपने इस सक्सेस्फुल पर्फॉर्मेन्स पे खुश

होगयी. मैं बाथटब मे दोनो पैर फैलाए बैठी थी मेरी चूत खुली हुई थी मैं ने

झुक के देखा तो वो एक दम से लाल हो गयी थी और ऐसी घमासान चुदाई के बाद

ऐसे खुल गयी थी जैसे चूत का भोसड़ा बन गया हो और शाएद किसी प्रॉस्टिट्यूट

की चूत भी एक महीने की कंटिन्यू चुदाई के बाद भी इतनी चौड़ी नही हुई होगी

जितनी मेरी चूत हो गयी थी. अब सर ने अपने पैर लंबे कर के फैला लिए और

मुझे अपने पैरो पे बिठा लिया और मैं भी अपने पैर उनकी पीठ से लपेट के

उनके थाइस के ऊपेर बैठ गयी.

इस पोज़िशन मे एक बार फिर से मेरी चूत सर के मुरझाए हुए लंड के सामने थी.

उनका मरझाया लंड मेरी चूत के सामने

किसी सोए हुए साँप की तरह पड़ा हुआ था और मुरझाया हुआ भी इतना बड़ा था के

मुझे देख के डर लग रहा था मैं एक बार सोचने पे मजबूर हो गयी के मैं ने

इतना बड़ा और मोटा मूसल जैसा लंड अपनी कुँवारी चूत के अंदर कैसे ले लिया

और वो भी एक ही टाइम मे यह सोच के मुझे हैरत होने लगी.

सर बड़े गौर से मेरे राइट बूब के काले तिल को देखते रहे फिर उसे चूमते

हुए कहा के किट्टू यह तुम्हारा ब्यूटी स्पॉट ऐसी वंडरफुल जगह पे है जिसे

मेरे जैसे किस्मेत वाले ही देख सकते है उसके बाद सर मुझे बे तहाशा चूमने

लगे और बार बार सिर्फ़ एक ही बात बोले जा रहे थे किट्टू यू आर ग्रेट,

किट्टू यू आर ग्रेट और मैं भी उनके मूह को चूमने लगी और बोली के सर मुझे

भी तो बोहोत ही मज़ा आया है और मैं जब तक भी आपके इस वंडरफुल लंड से

चुदवाउगि जब तक मोका मिलता रहेगा और मैं ऐसे मस्त मूसल लंड को खोना नही

चाहती तो सर ने एक बार फिर से मुझे चूम लिया और मेरा शुक्रिया अदा करने

लगे.

सर ने अपना हाथ बढ़ा के शवर खोल दिया और हमारे ऊपेर एक बार फिर से हल्के

गरम पानी की फुवार् पड़ने लगी. एक बार फिर से हम दोनो ने एक दूसरे को

बैठे ही बैठे साबुन लगाया और रगड़ रगड़ के नहाए. बाथरूम से बाहर निकले तो

मुझे चलना नही आ रहा था. सर ने सहारा दे के मुझे बाथरूम से बाहर निकाला

और मेरे कपड़े ला के दिए जो अब सूख गये थे. बारिश भी अब रुक चुकी थी रात

के ऑलमोस्ट 10 बज रहे थे तो मुझे होश आया के मेरी चुदाई तो तकरीबन 4 – 5

घंटे तक चलती रही. सर ने अपनी बाइक निकली और मुझे पीछे बिठा के घर की तरफ

चलने लगे. रोड पे पानी भरा हुआ था और बाइक चलना मुश्किल हो रहा था रोड पे

हम दोनो के सिवा कोई और नही था और स्ट्रीट लाइट्स भी पूरी नही जल रही थी

इक्का दुक्का ही जल रही थी. सर ने लोंग जॅकेट पहेन लिया था और मैं बाइक

पे पीछे बैठ के अपने दोनो हाथ उनकी जॅकेट के अंदर रख लिए और सर के लंड को

उनकी पॅंट से बाहर निकाल के अपने दोनो हाथो से पकड़ के मूठ मारने लगी और

मस्ती मे दबाने लगी.
 
सर का लंड एक बार फिर से किसी मिज़ाइल की तरह खड़ा हो गया था. कभी उनके

लंड को दोनो हाथो से ज़ोर से दबा देती तो कभी मूठ मारने लगती. मुझे उनका

लंड बे इंतेहा पसंद आया था और उनका लंड मेरे हाथो मे बोहोत अछा लग रहा था

और जोश मे मूठ मार रही थी. सर ने मेरे घर से कुछ पहले ही बाइक रोक ली यहा

कुछ अंधेरा भी था. मैं पीछे बैठे बैठे सर के लंड को पकड़ के मूठ मार रही

थी. बाहर से लगती ठंडी हवा से सर को कुछ ज़ियादा ही मज़ा आ रहा था. सिर

बोले

आआआहहह कियीट्टूवूयूयूवूऊवूऊवूयूयुयूवयू आआआऐईईईइस्स्स्स्स्स्स्स्सीईईईए

हहिईीईईईई आआआवउुउउर्र्र्र्र्र्र्र्ररर

ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ूऊऊऊओरर्र्र्र्र्र्र्र्ररर

सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सीईईईईईईईईई कककककककककााआआआररर्र्र्र्र्रूऊऊऊऊऊओ

आआआआअहह आआआऔउउउउउउउउउउर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र

ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ूऊऊओरर्र्र्र्र्र्र्र्ररर

सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सीईईईईई आआआअहह अब मेरा एक पैर ज़मीन पे था और एक

पैर अभी भी बाइक की सीट पे था और मैं ने एक हाथ से सर की कमर को पकड़ा

हुआ था और दूसरे हाथ से बड़ी ज़ोर ज़ोर से मूठ मार रही थी एक टाइम ज़ोर

से आआआआआआआआआआहह की आवाज़ आई और उनका बदन अकड़ने लगा और मैं ने देखा के

सर के लंड मे से एक मोटी पिचकारी की मोटी धार उछल के बाइक के सामने उड़ी

और बोहोत दूर जा गिरी और फिर छोटी छोटी पिचकारियाँ निकलने लगी जो बाइक की

पेट्रोल टांक पे गिर गयी तो मैं बाइक से नीचे उतरते उतरते पेट्रोल टॅंक

पे पड़ी हुई मलाई को अपने उंगली से उठा लिया और चाट लिया और हस्ते हुए

बोली यम्मी यम्मी है सर आपकी मलाई तो उन्हो ने मुझे एक बार फिर से अपनी

बाँहो मे खेच लिया और एक ज़बरदस्त टंग सकिंग किस किया और बोले के किट्टू

तुम्है नही मालूम के तुम्हारी इस प्यारी गुरु दक्षिणा ने मुझे कितना सुख

दिया है तो मैं उनके होटो पे उंगली रख के बोली के सर आपको ऐसी गुरु

दक्षिणा तो मैं ज़िंदगी भर देती रहूगी आप फिकर ना करे. सर मुझे देखते रहे

और मैं अपने घर की ओर चल पड़ी. मेरे घर मे अंदर जाने से पहले हम दोनो ने

एक दूसरे को हाथ हिला के गुड बाइ कहा और मैं एक फ्लाइयिंग किस करते हुए

अपने घर के अंदर चली गयी.

बाद मे जैसे जैसे हमारी चुदाई बढ़ती चली गयी वैसे ही मेरा और पीके सर का

प्यार भी बढ़ता ही चला गया हम एक दूसरे से बे इंतेहा प्यार करने लगे. मैं

तो उनके मूसल लंड की दीवानी हो गयी हू और जब भी मोका मिलता है हम जी भर

के चुदाई करते है. कभी कभी तो मैं घर मे कोई ना कोई बहाना बना के सर के

पास सारा सारा दिन रुक जाती हू और सारा दिन हम चुदाई ही करते रहते और

सारा दिन घर मे नंगे ही घूमते रहते है. कभी पॉर्न मूवी भी लगा देते और

हमेशा नयी पोज़िशन्स ट्राइ करते. सर ने एक दिन मेरी कुँवारी गंद भी मार

डाली. उस दिन मुझे बोहोत ही तकलीफ़ हुई मैं 2 दिन तक तो चलने के काबिल भी

नही थी घर मे बहाना बनाना पड़ा के मैं सीढियो से गिर पड़ी थी और टांग

मेचोट लगी है और तीन दीनो तक ऑलमोस्ट बेड पे ही थी.

तो यह थी दोस्तो मेरी कहानी जिसे मैं तो नही लिख सकती थी इसी लिए राज से

रिक्वेस्ट की थी जिसने मेरी रियल लाइफ की स्टोरी को इतने अच्छे तरीके से

लिख दिया.

सब से पहले तो मैं राज को थॅंक्स कहना चाहुगी के उसने मुझ से चाटिंग की

और सारी डीटेल्स देने के बाद इतनी अछी और मेरी रियल लाइफ की कहानी लिखी.

थॅंक यू सो मच राज म्मुउउआआआ यू आर ग्रेट . 

दोस्तो आपको कैसी लगी ज़रूर बताना फिर मिलेंगे एक और नई कहानी के साथ आपका दोस्त राज शर्मा

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समाप्त 
एंड.........

समाप्त
 
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