desiaks
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नेहा- भइया आपने अभी तक मेरी शर्त वाली बात पूरी नहीं की।
समीर- हाँ मुझे याद है। चल बता क्या करना है मुझे?
नेहा- भइया एक बात कहूँ?
समीर- बोल नेहा।
नेहा- आपका मन कभी सेक्स की तरफ नहीं जाता?
समीर- नेहा हम भाई बहन हैं, और हम इस तरह की बातें आपस में नहीं कर सकते।
नेहा- अच्छा भइया, तो तुम मुझे ये बताओ की मैं बाहर जाकर ये बातें किससे करूं?
समीर- तू पागल हो गई है? घर की इज्जत मिट्टी में मिलायेगी।
नेहा- वाह भइया... कभी कहते हो घर में ये बातें नहीं होती, और अब कह रहे हो बाहर करोगी तो घर की इज्जत मिट्टी में मिल जायेगी।
समीर- अच्छा बाबा बोल तू क्या चाहती है?
नेहा- "भइया मैं आपसे खलना चाहती हूँ। मुझे आपका वो देखना है...” और ये सब नेहा ने एकदम से बोल दिया।
समीर को नेहा से इतनी उम्मीद नहीं थी, कहा- "तू जरूर पागल हो गई है। तू जो कह रही है वो मैं नहीं कर सकता। क्या तू मुझे अपनी नजरों में गिराना चाहती है? मैं कैसे ये सब करके तुझसे नजर मिला पाऊँगा?"
नेहा- "भइया ये सब इसीलिए तो आपसे कह रही हैं। अगर मैं ये सब बाहर करूँगी तो जरूर इज्जत चली जायेगी।
आपके साथ तो किसी को शक भी नहीं होगा..."
समीर- "देख नेहा, अगर तू कहती है तो मैं तुझे अपना वो दिखा सकता हूँ। लेकिन ये बात सिर्फ तुझ तक ही रहनी चाहिए। टीना से भी इस बात का जिकर नहीं करेगी..." और समीर ने अपने ऊपर से चादर हटा दी।
नेहा को जैसे खजाना मिलने वाला था। बेसबर सी खुद ही समीर के लोवर में देखने लगी।
समीर- नेहा सिर्फ देखने की बात की है, तुम टच नहीं करोगी।
नेहा- ओके भइया चलो आप ही दिखा दो।
समीर नेहा से थोड़ा फासले पर चला गया, और अपना लोवर नीचे कर दिया, सिर्फ अंडरवेर पहने हए था। समीर को नेहा बड़ी ललचाई नजरों से देखने लगी।
समीर- अब तो खुश है तू?
नेहा- बाहर निकालकर दिखाओ इसे?
समीर- आज ऐसे ही देख लो।
नेहा- ऐसे क्या पता चलेगा आपका साइज कितना है?
समीर- तू साइज जानकार क्या करेगी?
नेहा- ये मेरी फैंटेसी है।
समीर- देख ज्यादा आगे बढ़ने की कोशिश ना कर।
नेहा- मैं आगे नहीं
आप वहीं से दिखा दो।
समीर- हाँ मुझे याद है। चल बता क्या करना है मुझे?
नेहा- भइया एक बात कहूँ?
समीर- बोल नेहा।
नेहा- आपका मन कभी सेक्स की तरफ नहीं जाता?
समीर- नेहा हम भाई बहन हैं, और हम इस तरह की बातें आपस में नहीं कर सकते।
नेहा- अच्छा भइया, तो तुम मुझे ये बताओ की मैं बाहर जाकर ये बातें किससे करूं?
समीर- तू पागल हो गई है? घर की इज्जत मिट्टी में मिलायेगी।
नेहा- वाह भइया... कभी कहते हो घर में ये बातें नहीं होती, और अब कह रहे हो बाहर करोगी तो घर की इज्जत मिट्टी में मिल जायेगी।
समीर- अच्छा बाबा बोल तू क्या चाहती है?
नेहा- "भइया मैं आपसे खलना चाहती हूँ। मुझे आपका वो देखना है...” और ये सब नेहा ने एकदम से बोल दिया।
समीर को नेहा से इतनी उम्मीद नहीं थी, कहा- "तू जरूर पागल हो गई है। तू जो कह रही है वो मैं नहीं कर सकता। क्या तू मुझे अपनी नजरों में गिराना चाहती है? मैं कैसे ये सब करके तुझसे नजर मिला पाऊँगा?"
नेहा- "भइया ये सब इसीलिए तो आपसे कह रही हैं। अगर मैं ये सब बाहर करूँगी तो जरूर इज्जत चली जायेगी।
आपके साथ तो किसी को शक भी नहीं होगा..."
समीर- "देख नेहा, अगर तू कहती है तो मैं तुझे अपना वो दिखा सकता हूँ। लेकिन ये बात सिर्फ तुझ तक ही रहनी चाहिए। टीना से भी इस बात का जिकर नहीं करेगी..." और समीर ने अपने ऊपर से चादर हटा दी।
नेहा को जैसे खजाना मिलने वाला था। बेसबर सी खुद ही समीर के लोवर में देखने लगी।
समीर- नेहा सिर्फ देखने की बात की है, तुम टच नहीं करोगी।
नेहा- ओके भइया चलो आप ही दिखा दो।
समीर नेहा से थोड़ा फासले पर चला गया, और अपना लोवर नीचे कर दिया, सिर्फ अंडरवेर पहने हए था। समीर को नेहा बड़ी ललचाई नजरों से देखने लगी।
समीर- अब तो खुश है तू?
नेहा- बाहर निकालकर दिखाओ इसे?
समीर- आज ऐसे ही देख लो।
नेहा- ऐसे क्या पता चलेगा आपका साइज कितना है?
समीर- तू साइज जानकार क्या करेगी?
नेहा- ये मेरी फैंटेसी है।
समीर- देख ज्यादा आगे बढ़ने की कोशिश ना कर।
नेहा- मैं आगे नहीं
आप वहीं से दिखा दो।