desiaks
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किरण अब समीर के लण्ड को अपने मुँह के करीब लाती है और एकदम अपने मुँह में भर लेती है। समीर को किरण से इतनी जल्दी की उम्मीद नहीं थी।
समीर- "ओहह... मेरी आँटी आहह... सस्स्सी ... क्या करती हो? ऐसे भी होता है क्या?" समीर किरण के सामने अनाड़ी बनाना चाहता था।
किरण लण्ड बाहर निकालते हुए- “हाँ बेटा, ये ही तो सेक्स की पहली सीढ़ी है। एक-एक सीढ़ी चढ़ी जाती है.."
समीर- “और दूसरी सीढ़ी कौन सी है?"
किरण- "जैसा मैंने किया वैसा तुम्हें करना होगा..." और किरण अपनी टाँगें फैलाकर चूत को खोल देती है।
समीर अपने होंठों को चूत के करीब लेजाकर रुक जाता है।
किरण- “बेटा रुक क्यों गये? यही तो तुम्हारी दूसरी सीढ़ी है.." और किरण समीर के सिर को अपनी चूत पर दबा देती है। किरण की भी आहह... निकाल जाती है।
समीर अनाड़ीपने से चूत चाटने लगता है। अब तक किरण का जोश सातवें आसमान पर था। समीर के बालों को पकड़कर चूत पर रगड़ने लगी। थोड़ी देर बाद समीर अपने आपको चूत पर से हटाता है।
समीर- आँटी, उसके बाद तीसरी सीढ़ी कौन सी है?
किरण भी मस्त ह चुकी थी। अब खेल को जल्दी से जल्दी निपटना चाहती थी। किरण बोली- “अब तो छक्का मारने का टाइम आ चुका है। पहले हाथ में बल्ला थामो और गेंद पर नजर रखकर निशाना लगाओ, और शाट मार दो...” फिर किरण ने लण्ड को चूत से टच कराया, और समीर को बोलती है- "बेटा शाट मारो..."
समीर अभी और खेलने के मूड में था, कहा- "मेडम अभी तो आप बोल रही थी एक-एक सीढ़ी चढ़ना है। आप तो दूसरी सीढ़ी पर ही छक्का मरवाना चाहती हो..."
किरण- “बेटा मैं तो पुरानी खिलाड़ी हैं। दिव्या के लिए अभी नया-नया खेल है। उसके साथ एक-एक सीढ़ी चढ़ना है। तू अब शाट मार, बाल ज्यादा देर नहीं रुकेगी मेरी..."
समीर- "जी आँटी मारता हूँ.." और समीर ने किरण को डोगी स्टाइल में शाट मार दिया। लण्ड खुली चूत में अपनी मंजिल की तरफ घुसता चला गया, जब तक अंदर दीवार से नहीं टकराया।
किरण की मदहोश करने वाली सिसकी निकल गई- “आss आअहह... आss क्या मस्त शाट मारा तूने... अपने बड़ों
को भी फेल कर दिया.."
समीर- क्या आँटी और किसी ने भी आपकी बैटिंग की है?
किरण- तेरे अंकल नहीं करते क्या?
समीर- मैंने सोचा किसी और ने भी?
किरण- तुझे मैं बाजारू औरत लगती हूँ?
समीर- नहीं आँटी मेरा ऐसा मतलब नहीं था।
समीर- "ओहह... मेरी आँटी आहह... सस्स्सी ... क्या करती हो? ऐसे भी होता है क्या?" समीर किरण के सामने अनाड़ी बनाना चाहता था।
किरण लण्ड बाहर निकालते हुए- “हाँ बेटा, ये ही तो सेक्स की पहली सीढ़ी है। एक-एक सीढ़ी चढ़ी जाती है.."
समीर- “और दूसरी सीढ़ी कौन सी है?"
किरण- "जैसा मैंने किया वैसा तुम्हें करना होगा..." और किरण अपनी टाँगें फैलाकर चूत को खोल देती है।
समीर अपने होंठों को चूत के करीब लेजाकर रुक जाता है।
किरण- “बेटा रुक क्यों गये? यही तो तुम्हारी दूसरी सीढ़ी है.." और किरण समीर के सिर को अपनी चूत पर दबा देती है। किरण की भी आहह... निकाल जाती है।
समीर अनाड़ीपने से चूत चाटने लगता है। अब तक किरण का जोश सातवें आसमान पर था। समीर के बालों को पकड़कर चूत पर रगड़ने लगी। थोड़ी देर बाद समीर अपने आपको चूत पर से हटाता है।
समीर- आँटी, उसके बाद तीसरी सीढ़ी कौन सी है?
किरण भी मस्त ह चुकी थी। अब खेल को जल्दी से जल्दी निपटना चाहती थी। किरण बोली- “अब तो छक्का मारने का टाइम आ चुका है। पहले हाथ में बल्ला थामो और गेंद पर नजर रखकर निशाना लगाओ, और शाट मार दो...” फिर किरण ने लण्ड को चूत से टच कराया, और समीर को बोलती है- "बेटा शाट मारो..."
समीर अभी और खेलने के मूड में था, कहा- "मेडम अभी तो आप बोल रही थी एक-एक सीढ़ी चढ़ना है। आप तो दूसरी सीढ़ी पर ही छक्का मरवाना चाहती हो..."
किरण- “बेटा मैं तो पुरानी खिलाड़ी हैं। दिव्या के लिए अभी नया-नया खेल है। उसके साथ एक-एक सीढ़ी चढ़ना है। तू अब शाट मार, बाल ज्यादा देर नहीं रुकेगी मेरी..."
समीर- "जी आँटी मारता हूँ.." और समीर ने किरण को डोगी स्टाइल में शाट मार दिया। लण्ड खुली चूत में अपनी मंजिल की तरफ घुसता चला गया, जब तक अंदर दीवार से नहीं टकराया।
किरण की मदहोश करने वाली सिसकी निकल गई- “आss आअहह... आss क्या मस्त शाट मारा तूने... अपने बड़ों
को भी फेल कर दिया.."
समीर- क्या आँटी और किसी ने भी आपकी बैटिंग की है?
किरण- तेरे अंकल नहीं करते क्या?
समीर- मैंने सोचा किसी और ने भी?
किरण- तुझे मैं बाजारू औरत लगती हूँ?
समीर- नहीं आँटी मेरा ऐसा मतलब नहीं था।