hotaks444
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काजल फिर से चीख पड़ी, पर उसको इस बार दर्द से ज्यादा सुख का अनुभव हो रहा था. वो दर्द और ख़ुशी के मिले जुले भाव में बोली- आह.. भैया..
रमेश- हाँ बहना..
काजल- चाहे मैं जितना भी रोऊँ.. चीखूँ.. मुझे जितना भी दर्द हो, आप रुकना मत.. आप चुदाई जारी रखना.. प्लीज..
रमेश उसकी इस बात से बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो गया और उसने जोर-जोर से धक्के मारना शुरू कर दिए. वो इतने जोर-जोर से धक्के मार रहा था कि काजल का पूरा शरीर इस चुदाई की वजह से आगे पीछे हो रहा था और उसकी कामुक सिसकारियों की आवाज़ भी काँप रही थी.
काजल- भाई.. आआहह.. आह.. पेलो.. बहुत मजा… आ… रहा.. है… प्लीज.. और जोर.. से.. चोदो.. अह.. मैं पागल हो जाऊँगी..
रमेश को काजल की ये बातें और उन्मादित करने लगी थीं और वो पूरे जोर की ताकत से धक्के लगाने लगा.
सुरेश और मयूरी अपना प्रेमालाप छोड़ कर रमेश और काजल की चुदाई का ये मनमोहक दृश्य एकटक देखे जा रहे थे. सुरेश अब मयूरी की मादक चूचियों पर अपनी जोर आजमाइश कर रहा था. वो अपनी पहली चुदाई में धीरे धीरे आगे बढ़ना चाहता था. वो अपने जीवन के सेक्स के ये पहले अनुभव को बड़े आराम से आनन्द लेना चाह रहा था. उसकी भाभी एक अनुभवी खिलाड़ी की तरह इसमें उसका पूरा साथ दे रही थी. साथ ही साथ वो अपनी छोटी बहन की पहली चुदाई भी देखना और उसका लुत्फ़ उठाना चाह रहा था.
इधर करीब 15 मिनट की लगातार घनघोर चुदाई के बाद रमेश अब झड़ने वाला था. वो काजल को देखते हुए कहने लगा- काजल… मैं झड़ने वाला हूँ..
काजल- भाई.. आह आ… प्लीज.. मेरी चूत में ही झड़ना.. मैं आपके लंड के रस को अपनी चूत के अन्दर महसूस करना चाहती हूँ. तभी मेरी ये पहली चुदाई पूरी हो पाएगी.. प्लीज.. भैया…
काजल जैसे रमेश से अपनी चूत में झड़ने के लिए अनुरोध कर रही थी. उससे लग रहा था कि वो अपने सेक्स के इस अनुभव को पूरी तरह से एन्जॉय करना चाह रही थी.
रमेश के लिए ये चुदाई पहली नहीं थी, पर वो अपनी बहन की चूत को चोदते हुए सेक्स का एक अलग ही अनुभव कर रहा था. ऊपर से वो पहली बार किसी लड़की का सील तोड़ रहा था. उसने देखा कि उसके लंड पर थोड़ा थोड़ा खून लगा हुआ है, जो काजल की चूत की सील के टूटने के कारण लग गया था.
अब वो झड़ने वाला था. उसका शरीर धीरे धीरे अकड़ने लगा और उसने काजल की चूत में अपने प्यार की धारा को खोल दिया. उसने महसूस किया कि वो इससे ज्यादा कभी नहीं झड़ा. शायद मयूरी की चूत में भी कभी इतना नहीं झड़ा था.
उधर काजल को जैसे तृप्ति मिल गई हो. वो रमेश के लंड का पानी अपनी चूत में महसूस कर पा रही थी. उसने जोर से रमेश को पकड़ लिया और रमेश भी उसके ऊपर गिर गया. दोनों थक चुके थे.
रमेश- हाँ बहना..
काजल- चाहे मैं जितना भी रोऊँ.. चीखूँ.. मुझे जितना भी दर्द हो, आप रुकना मत.. आप चुदाई जारी रखना.. प्लीज..
रमेश उसकी इस बात से बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो गया और उसने जोर-जोर से धक्के मारना शुरू कर दिए. वो इतने जोर-जोर से धक्के मार रहा था कि काजल का पूरा शरीर इस चुदाई की वजह से आगे पीछे हो रहा था और उसकी कामुक सिसकारियों की आवाज़ भी काँप रही थी.
काजल- भाई.. आआहह.. आह.. पेलो.. बहुत मजा… आ… रहा.. है… प्लीज.. और जोर.. से.. चोदो.. अह.. मैं पागल हो जाऊँगी..
रमेश को काजल की ये बातें और उन्मादित करने लगी थीं और वो पूरे जोर की ताकत से धक्के लगाने लगा.
सुरेश और मयूरी अपना प्रेमालाप छोड़ कर रमेश और काजल की चुदाई का ये मनमोहक दृश्य एकटक देखे जा रहे थे. सुरेश अब मयूरी की मादक चूचियों पर अपनी जोर आजमाइश कर रहा था. वो अपनी पहली चुदाई में धीरे धीरे आगे बढ़ना चाहता था. वो अपने जीवन के सेक्स के ये पहले अनुभव को बड़े आराम से आनन्द लेना चाह रहा था. उसकी भाभी एक अनुभवी खिलाड़ी की तरह इसमें उसका पूरा साथ दे रही थी. साथ ही साथ वो अपनी छोटी बहन की पहली चुदाई भी देखना और उसका लुत्फ़ उठाना चाह रहा था.
इधर करीब 15 मिनट की लगातार घनघोर चुदाई के बाद रमेश अब झड़ने वाला था. वो काजल को देखते हुए कहने लगा- काजल… मैं झड़ने वाला हूँ..
काजल- भाई.. आह आ… प्लीज.. मेरी चूत में ही झड़ना.. मैं आपके लंड के रस को अपनी चूत के अन्दर महसूस करना चाहती हूँ. तभी मेरी ये पहली चुदाई पूरी हो पाएगी.. प्लीज.. भैया…
काजल जैसे रमेश से अपनी चूत में झड़ने के लिए अनुरोध कर रही थी. उससे लग रहा था कि वो अपने सेक्स के इस अनुभव को पूरी तरह से एन्जॉय करना चाह रही थी.
रमेश के लिए ये चुदाई पहली नहीं थी, पर वो अपनी बहन की चूत को चोदते हुए सेक्स का एक अलग ही अनुभव कर रहा था. ऊपर से वो पहली बार किसी लड़की का सील तोड़ रहा था. उसने देखा कि उसके लंड पर थोड़ा थोड़ा खून लगा हुआ है, जो काजल की चूत की सील के टूटने के कारण लग गया था.
अब वो झड़ने वाला था. उसका शरीर धीरे धीरे अकड़ने लगा और उसने काजल की चूत में अपने प्यार की धारा को खोल दिया. उसने महसूस किया कि वो इससे ज्यादा कभी नहीं झड़ा. शायद मयूरी की चूत में भी कभी इतना नहीं झड़ा था.
उधर काजल को जैसे तृप्ति मिल गई हो. वो रमेश के लंड का पानी अपनी चूत में महसूस कर पा रही थी. उसने जोर से रमेश को पकड़ लिया और रमेश भी उसके ऊपर गिर गया. दोनों थक चुके थे.