desiaks
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रेशमा ने अपने दोनो बच्चो को गले से लगा गया और उनका मुंह चूमने लगी। अपने बच्चो को गले से लगाकर रेशमा का दिल भरी हो गया और उसकी आंखो से आंसू छलक पड़े।
बच्चो की आवाज सुनकर उपर से शहनाज़ भी नीचे अा गई और वो जानती थी कि वसीम आया हैं इसलिए उसने पहले ही पर्दा कर लिया था। उसने वसीम को सलाम किया और सबको पीने के लिए पानी दिया।
बच्चे:" अम्मी अम्मी नाना नानी कहां हैं दिख नहीं रहे? मुझे कहानी सुननी थी उनसे।
मासूम बच्चों की प्यार भरी बातें सुनकर सभी को एक सदमा सा लगा और शहनाज़ के साथ साथ रेशमा की भी आंखे छलक उठी।
शादाब:_" अा जाओ बच्चो आपको जादू दिखाता हूं,
दोनो बच्चे दौड़ते हुए उसके पास चले गए और शादाब ने मोबाइल में छोटा भीम चला दिया तो दोनो बच्चे खुश होकर देखने लगे।
वसीम:" कैसे हुआ ये सब, मुझे पता चला तो सुनकर दुख हुआ।
शादाब ने एक एक करके सारी बातें उन्हें बतानी शुरू कर दी और फिर वसीम बोला:"
" अच्छा हुआ अपनी मौत खुद ही मर रेहाना, नहीं तो मैं उसे बहुत बुरी तरह से मारता।
शहनाज़ :" अच्छा आप लोग बाते करो मैं कुछ खाने का सामान लेकर आती हूं
इतना कहकर शहनाज़ उपर चली गई तो दोनो बच्चे उसके पीछे मामी मामी करते हुए चले गए।शहनाज़ ने उन्हें कमरे में बैठा दिया और खाने के लिए कुछ फल दिए तो बच्चे खुश हो गए।
शहनाज किचेन में जाकर काम करने लगी और उसने शादाब को आवज लगाई
" शादाब बेटा जरा उपर आना मुझे कुछ काम हैं।
शादाब उपर की तरफ अा गया तो वसीम रेशमा के पास बैठ गया तो रेशमा का चेहरा लाल हो गया और बोली:"
" आप वहीं सामने बैठ जाइए ना कोई देखा लेगा तो क्या कहेगा।
वसीम ने नीचे झुककर उसका गाल चूम लिया और बोला:"
" यहीं कि मैं अपनी पत्नी को प्यार कर रहा हूं,
रेशमा के होंठों पर स्माइल अा गई और वसीम ने अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिए और चूसने लगा। रेशमा भी उसका साथ देने लगी।
शादाब उपर पहुंच गया तो शहनाज़ बोली:"
" ले बेटा ये थम्स अप ले जा और अपने फूफा को पिला दे, बेचारे गर्मी में आए हैं गला सुख गया होगा।
शादाब ने ट्रे हाथ में ले ली और नीचे की तरफ अा गया तो उसने जैसे ही रेशमा और वसीम को किस करते देखा तो उसके होंठो पाए स्माइल अा गई और रेशमा की नजरे शादाब से टकरा गई तो वो झेंप सी गई और शादाब उसे स्माइल देकर वापिस अा गया।
शादाब के हाथ की ट्रे में भरे हुए ग्लास देखकर शहनाज़ बोली:"
" क्या हुआ बेटा, उन्हें थम्स अप पसंद नहीं है क्या ?
शादाब ने ट्रे स्लेफ पर रख दी और शहनाज़ का हाथ पकड़ कर आपकी तरफ खींच लिया और उसके होंठ चूम कर बोला:"
" अम्मी फूफा और बुआ तो ये वाली थम्स अप पी रहे हैं। मैंने उन्हें परेशान करना ठीक नहीं समझा।
इतना कहकर शादाब हल्का सा मायूस हो गया तो शहनाज़ शादाब की बात सुनकर बोली:"
" अरे तू क्यों उदास होता हैं मेरे राजा, मैं हूं ना
इतना कहकर शहनाज़ ने अपने होंठो पर जीभ फेरी तो शादाब ने शहनाज़ के होंठो को अपने होंठो में भर लिया और चूसने लगा। शहनाज़ भी इससे कसकर लिपट गई और शादाब ने अपने दोनो हाथ उसकी गान्ड पर रखकर उसकी गांड़ को मसलना शुरू कर दिया। शहनाज़ की चूत में हल्का गीलापन आने लगा और उसने अपनी चूचियां शादाब के सीने से रगड़नी शुरू कर दी।
तभी बच्चो के उधर आने की आवाज अाई तो दोनो अलग हो गए और शादाब फिर से ट्रे लेकर नीचे अा गया तो रेशमा का मुंह शर्म से झुक गया और शादाब ने इन्हे कोल्ड ड्रिंक दी तो दोनो पीने लगें।
बच्चो की आवाज सुनकर उपर से शहनाज़ भी नीचे अा गई और वो जानती थी कि वसीम आया हैं इसलिए उसने पहले ही पर्दा कर लिया था। उसने वसीम को सलाम किया और सबको पीने के लिए पानी दिया।
बच्चे:" अम्मी अम्मी नाना नानी कहां हैं दिख नहीं रहे? मुझे कहानी सुननी थी उनसे।
मासूम बच्चों की प्यार भरी बातें सुनकर सभी को एक सदमा सा लगा और शहनाज़ के साथ साथ रेशमा की भी आंखे छलक उठी।
शादाब:_" अा जाओ बच्चो आपको जादू दिखाता हूं,
दोनो बच्चे दौड़ते हुए उसके पास चले गए और शादाब ने मोबाइल में छोटा भीम चला दिया तो दोनो बच्चे खुश होकर देखने लगे।
वसीम:" कैसे हुआ ये सब, मुझे पता चला तो सुनकर दुख हुआ।
शादाब ने एक एक करके सारी बातें उन्हें बतानी शुरू कर दी और फिर वसीम बोला:"
" अच्छा हुआ अपनी मौत खुद ही मर रेहाना, नहीं तो मैं उसे बहुत बुरी तरह से मारता।
शहनाज़ :" अच्छा आप लोग बाते करो मैं कुछ खाने का सामान लेकर आती हूं
इतना कहकर शहनाज़ उपर चली गई तो दोनो बच्चे उसके पीछे मामी मामी करते हुए चले गए।शहनाज़ ने उन्हें कमरे में बैठा दिया और खाने के लिए कुछ फल दिए तो बच्चे खुश हो गए।
शहनाज किचेन में जाकर काम करने लगी और उसने शादाब को आवज लगाई
" शादाब बेटा जरा उपर आना मुझे कुछ काम हैं।
शादाब उपर की तरफ अा गया तो वसीम रेशमा के पास बैठ गया तो रेशमा का चेहरा लाल हो गया और बोली:"
" आप वहीं सामने बैठ जाइए ना कोई देखा लेगा तो क्या कहेगा।
वसीम ने नीचे झुककर उसका गाल चूम लिया और बोला:"
" यहीं कि मैं अपनी पत्नी को प्यार कर रहा हूं,
रेशमा के होंठों पर स्माइल अा गई और वसीम ने अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिए और चूसने लगा। रेशमा भी उसका साथ देने लगी।
शादाब उपर पहुंच गया तो शहनाज़ बोली:"
" ले बेटा ये थम्स अप ले जा और अपने फूफा को पिला दे, बेचारे गर्मी में आए हैं गला सुख गया होगा।
शादाब ने ट्रे हाथ में ले ली और नीचे की तरफ अा गया तो उसने जैसे ही रेशमा और वसीम को किस करते देखा तो उसके होंठो पाए स्माइल अा गई और रेशमा की नजरे शादाब से टकरा गई तो वो झेंप सी गई और शादाब उसे स्माइल देकर वापिस अा गया।
शादाब के हाथ की ट्रे में भरे हुए ग्लास देखकर शहनाज़ बोली:"
" क्या हुआ बेटा, उन्हें थम्स अप पसंद नहीं है क्या ?
शादाब ने ट्रे स्लेफ पर रख दी और शहनाज़ का हाथ पकड़ कर आपकी तरफ खींच लिया और उसके होंठ चूम कर बोला:"
" अम्मी फूफा और बुआ तो ये वाली थम्स अप पी रहे हैं। मैंने उन्हें परेशान करना ठीक नहीं समझा।
इतना कहकर शादाब हल्का सा मायूस हो गया तो शहनाज़ शादाब की बात सुनकर बोली:"
" अरे तू क्यों उदास होता हैं मेरे राजा, मैं हूं ना
इतना कहकर शहनाज़ ने अपने होंठो पर जीभ फेरी तो शादाब ने शहनाज़ के होंठो को अपने होंठो में भर लिया और चूसने लगा। शहनाज़ भी इससे कसकर लिपट गई और शादाब ने अपने दोनो हाथ उसकी गान्ड पर रखकर उसकी गांड़ को मसलना शुरू कर दिया। शहनाज़ की चूत में हल्का गीलापन आने लगा और उसने अपनी चूचियां शादाब के सीने से रगड़नी शुरू कर दी।
तभी बच्चो के उधर आने की आवाज अाई तो दोनो अलग हो गए और शादाब फिर से ट्रे लेकर नीचे अा गया तो रेशमा का मुंह शर्म से झुक गया और शादाब ने इन्हे कोल्ड ड्रिंक दी तो दोनो पीने लगें।