desiaks
Administrator
- Joined
- Aug 28, 2015
- Messages
- 24,893
शादाब शहनाज़ की इस बात से इतना खुश हुआ कि अपने होंठ उसके होठों पर टिका दिए और चूसने लगा। शहनाज़ भी अपने बेटे का साथ देते हुए उसके होंठो को चूसने लगी। शादाब पूरी तरह से शहनाज़ के उपर छाया हुआ था जिससे दोनो की टांगे आपस में टकरा रही थी। शहनाज़ किस करते करते ही अपनी टांगे शादाब की टांगो से रगड़ने लगी और शादाब ने जोश में आकर अपनी जीभ शहनाज़ के मुंह में घुसा दी तो शहनाज़ ने उसकी जीभ को लपक लिया और चूसने लगी। दोनो मा बेटे एक दूसरे का रस चूसने लगे। शादाब का लंड फिर से अपना सिर उठाने लगा और शहनाज़ के जिस्म में भी आग सुलगने लगी। किसे करते हुए ही शादाब ने शहनाज़ की चुचियों को अपनी मजबूत छाती से रगड़ना शुरू कर दिया। शहनाज़ और शादाब दोनो के होंठ अलग हुए और शादाब ने अपने होंठ शहनाज़ की गरदन पर रख दिए और चाटने लगा। शहनाज़ के लिए से मस्ती भरी आह निकल पड़ी। शादाब ने शहनाज़ की चुचियों को हाथो में भर लिया और प्यार से सहलाने लगा तो शहनाज़ का जिस्म पूरी तरह से तप गया और चूत से रस एक बार फिर से बाहर आने लगा।
शादाब का लंड एक बार फिर से अपनी पूरी औकात में अा गया और शहनाज़ की चूत से अड गया। शादाब ने जैसे ही शहनाज़ की चुचियों को मुंह में भरा तो शहनाज़ ने अपने मुंह से ढेर सारा थूक निकाल कर शादाब के लंड पर लगा कर उसे पूरी तरह से चिकना कर दिया। शादाब भी एक महीने से शहनाज़ की चुदाई के लिए तड़प रहा था इसलिए वो जोर जोर से अपनी अम्मी की चूची चूसने लगा और शहनाज़ ने शादाब की आंखो से देखते हुए उसका एक पकड़ कर अपनी चूत पर रख दिया और शादाब की एक उंगली को खुद ही अपनी चूत में घुसा दिया और सिसक पड़ी
" आह शादाब मेरे बेटे, मनाले अपनी अम्मी के साथ चांद रात
शादाब शहनाज़ की इतनी तड़प देखकर जोश में आ गया और उसकी चूत को जोर से रगड़ते हुए अपनी उंगली बाहर निकाल कर अपने तगड़े लंड का सुपाड़ा उसकी चूत पर टिका दिया और शहनाज़ ने मुंह से कुछ बोले बिना ही अपना निचला होंठ अपने दांतो में दबाकर शादाब को एक कामुक स्माइल दी और अपने एक हाथ की उंगली और अंगूठे को चूत के जैसे बनाकर उसमे एक उंगली घुसा दी। शादाब ने अपने लंड का एक जोरदार धक्का लगाया और सुपाड़ा चूत के होंठो को रगड़ते हुए अंदर घुस गया तो शहनाज़ दर्द भरी सिसकारियां लेने लगी और शहनाज़ ने जोर से अपनी बांहे शादाब के गले में लपेट दी। शादाब ने बहुत तगड़ा धक्का लगाया और लंड शहनाज़ की चूत को अंदर तक रगड़ते हुए जड़ तक घुस गया तो शहनाज़ के मुंह से दर्द भरी सिसकारियां निकल पड़ी
" आह शादाब मेरे राजा चांद रात मुबारक हो मेरे शौहर
शादाब ने जोर से शहनाज़ को कस लिया और लंड को चूत में अंदर ही रगड़ते हुए बोला:'
" तुम्हे भी मुबारक हो मेरी जान शहनाज, चांद रात पर अपने बेटे का लंड मुबारक हो।
दोनो एक साथ स्माइल कर दिए और शादाब ने लंड को पूरा बाहर निकाला और फिर से एक ही धक्के में जड़ तक शहनाज़ की चूत में घुसा दिया तो शहनाज़ फिर से दर्द भरी मस्ती से सिसक उठी और शादाब ने बिना देर किए शहनाज़ की चूत में लंड को तेजी से पेलना शुरू कर दिया और दोनो चूचियों को जोर जोर से मसलने लगा।
शहनाज़ का जिस्म हर झटके पर उछल रहा था और शहनाज़ की चूत में अब लंड आराम से अन्दर बाहर हो रहा था जिससे शहनाज़ मस्ती से मचल रही थी, सिसक रही थी, उछल रही थी।
शादाब के लंड की रगड़ आज शहनाज़ की चूत को हर धक्के पर सिसकने के लिए मजबूर कर रही थी और पूरे कमरे में शहनाज़ की मस्ती भरी सिसकारियां गूंज रही थी। अगर सीढ़ियों का गेट और कमरे का गेट ठीक से बन्द नहीं होता तो दादा दादी सब सुन लेते।
शादाब ने शहनाज़ की आंखो में देखते हुए दोनो हाथो से उसके गले को पकड़ लिया और जोर जोर से धक्के मारने लगा। शहनाज़ की चूत अब पूरी तरह से चिकनी हो गई थी जिससे लंड तूफान की स्पीड से घुस रहा था। हर धक्के पर बेड हिल रहा था।
शहनाज़ की चूत शादाब के धक्के बर्दाश्त नहीं कर पाई और वो सिसकते हुए झड़ गई
" आह शादाब उफ्फ, गई मेरी चूत, हाय मा चुद गई मैं तो।
शादाब बिना रुके धक्के लगाता
रहा और उसने शहनाज़ को उठाकर घोड़ी बना दिया जिससे उसकी चूत पूरी तरह से उभर कर अा गई और शादाब ने एक ही झटके में फिर से लंड को जड़ तक उतार दिया। शहनाज़ को एक अनोखे सुख की अनुभूति हुई और उसका मुंह मस्ती से खुलता चला गया
" आह शादाब उफ्फ कितना अच्छा लग रहा हैं कहां से सीखा तूने हाय मेरे राजा ?
शादाब ने जोर से लंड को बाहर निकाला और फिर से जड़ तक घुसा दिया तो लंड सीधे बच्चेदानी से जा लगा।
" आह शादाब मेरी बच्चेदानी में घुस गया तेरा लोला, घोड़ी सी बना दिया है तूने मुझे कमीने
शादाब ने शहनाज़ के बाल पकड़ लिए और जोर जोर से लंड घुसाने लगा। शहनाज़ की चूत एक बार फिर से गर्म हो गई और वो अपने आप अपने अपनी चूत को लंड पर धकेलने लगीं ।
" आह शादाब पूरा रगड़ रहा था मेरी चूत तेरा ये लोला, उफ्फ और चोद मुझे मार चूत।
शादाब ने पूरी ताकत से लंड को बाहर निकाला और एक तगड़ा धक्का शहनाज़ की चूत में लगा दिया तो शहनाज़ के पैर उखड़ गए और वो बेड पर आगे को गिर पड़ी और शादाब उसके उपर गिरा जिससे लंड उसकी चूत में घुसता चला गया।
" आह शादाब, उफ्फ मर गई हाय मा री,
शादाब ने शहनाज़ को जकड़ लिया और तूफान की गति से उसकी चूत में धक्के लगाते हुए बोला:"
" आह शहनाज़ देख मेरा लोला कैसे तेरी चूत का भोसड़ा बनाएगा अब ।
इतना कहकर शादाब ने अपना पूरा दम लगाते हुए तेज तेज धक्के लगाने शूरु कर दिए
शहनाज़ को बहुत मजा आने लगा और बोली:"
" आह शादाब, यूआईआईआई उफ्फ सआईआईआईआई तेरा लोला मेरी चूत मार रहा है
शादाब का लंड एक बार फिर से अपनी पूरी औकात में अा गया और शहनाज़ की चूत से अड गया। शादाब ने जैसे ही शहनाज़ की चुचियों को मुंह में भरा तो शहनाज़ ने अपने मुंह से ढेर सारा थूक निकाल कर शादाब के लंड पर लगा कर उसे पूरी तरह से चिकना कर दिया। शादाब भी एक महीने से शहनाज़ की चुदाई के लिए तड़प रहा था इसलिए वो जोर जोर से अपनी अम्मी की चूची चूसने लगा और शहनाज़ ने शादाब की आंखो से देखते हुए उसका एक पकड़ कर अपनी चूत पर रख दिया और शादाब की एक उंगली को खुद ही अपनी चूत में घुसा दिया और सिसक पड़ी
" आह शादाब मेरे बेटे, मनाले अपनी अम्मी के साथ चांद रात
शादाब शहनाज़ की इतनी तड़प देखकर जोश में आ गया और उसकी चूत को जोर से रगड़ते हुए अपनी उंगली बाहर निकाल कर अपने तगड़े लंड का सुपाड़ा उसकी चूत पर टिका दिया और शहनाज़ ने मुंह से कुछ बोले बिना ही अपना निचला होंठ अपने दांतो में दबाकर शादाब को एक कामुक स्माइल दी और अपने एक हाथ की उंगली और अंगूठे को चूत के जैसे बनाकर उसमे एक उंगली घुसा दी। शादाब ने अपने लंड का एक जोरदार धक्का लगाया और सुपाड़ा चूत के होंठो को रगड़ते हुए अंदर घुस गया तो शहनाज़ दर्द भरी सिसकारियां लेने लगी और शहनाज़ ने जोर से अपनी बांहे शादाब के गले में लपेट दी। शादाब ने बहुत तगड़ा धक्का लगाया और लंड शहनाज़ की चूत को अंदर तक रगड़ते हुए जड़ तक घुस गया तो शहनाज़ के मुंह से दर्द भरी सिसकारियां निकल पड़ी
" आह शादाब मेरे राजा चांद रात मुबारक हो मेरे शौहर
शादाब ने जोर से शहनाज़ को कस लिया और लंड को चूत में अंदर ही रगड़ते हुए बोला:'
" तुम्हे भी मुबारक हो मेरी जान शहनाज, चांद रात पर अपने बेटे का लंड मुबारक हो।
दोनो एक साथ स्माइल कर दिए और शादाब ने लंड को पूरा बाहर निकाला और फिर से एक ही धक्के में जड़ तक शहनाज़ की चूत में घुसा दिया तो शहनाज़ फिर से दर्द भरी मस्ती से सिसक उठी और शादाब ने बिना देर किए शहनाज़ की चूत में लंड को तेजी से पेलना शुरू कर दिया और दोनो चूचियों को जोर जोर से मसलने लगा।
शहनाज़ का जिस्म हर झटके पर उछल रहा था और शहनाज़ की चूत में अब लंड आराम से अन्दर बाहर हो रहा था जिससे शहनाज़ मस्ती से मचल रही थी, सिसक रही थी, उछल रही थी।
शादाब के लंड की रगड़ आज शहनाज़ की चूत को हर धक्के पर सिसकने के लिए मजबूर कर रही थी और पूरे कमरे में शहनाज़ की मस्ती भरी सिसकारियां गूंज रही थी। अगर सीढ़ियों का गेट और कमरे का गेट ठीक से बन्द नहीं होता तो दादा दादी सब सुन लेते।
शादाब ने शहनाज़ की आंखो में देखते हुए दोनो हाथो से उसके गले को पकड़ लिया और जोर जोर से धक्के मारने लगा। शहनाज़ की चूत अब पूरी तरह से चिकनी हो गई थी जिससे लंड तूफान की स्पीड से घुस रहा था। हर धक्के पर बेड हिल रहा था।
शहनाज़ की चूत शादाब के धक्के बर्दाश्त नहीं कर पाई और वो सिसकते हुए झड़ गई
" आह शादाब उफ्फ, गई मेरी चूत, हाय मा चुद गई मैं तो।
शादाब बिना रुके धक्के लगाता
रहा और उसने शहनाज़ को उठाकर घोड़ी बना दिया जिससे उसकी चूत पूरी तरह से उभर कर अा गई और शादाब ने एक ही झटके में फिर से लंड को जड़ तक उतार दिया। शहनाज़ को एक अनोखे सुख की अनुभूति हुई और उसका मुंह मस्ती से खुलता चला गया
" आह शादाब उफ्फ कितना अच्छा लग रहा हैं कहां से सीखा तूने हाय मेरे राजा ?
शादाब ने जोर से लंड को बाहर निकाला और फिर से जड़ तक घुसा दिया तो लंड सीधे बच्चेदानी से जा लगा।
" आह शादाब मेरी बच्चेदानी में घुस गया तेरा लोला, घोड़ी सी बना दिया है तूने मुझे कमीने
शादाब ने शहनाज़ के बाल पकड़ लिए और जोर जोर से लंड घुसाने लगा। शहनाज़ की चूत एक बार फिर से गर्म हो गई और वो अपने आप अपने अपनी चूत को लंड पर धकेलने लगीं ।
" आह शादाब पूरा रगड़ रहा था मेरी चूत तेरा ये लोला, उफ्फ और चोद मुझे मार चूत।
शादाब ने पूरी ताकत से लंड को बाहर निकाला और एक तगड़ा धक्का शहनाज़ की चूत में लगा दिया तो शहनाज़ के पैर उखड़ गए और वो बेड पर आगे को गिर पड़ी और शादाब उसके उपर गिरा जिससे लंड उसकी चूत में घुसता चला गया।
" आह शादाब, उफ्फ मर गई हाय मा री,
शादाब ने शहनाज़ को जकड़ लिया और तूफान की गति से उसकी चूत में धक्के लगाते हुए बोला:"
" आह शहनाज़ देख मेरा लोला कैसे तेरी चूत का भोसड़ा बनाएगा अब ।
इतना कहकर शादाब ने अपना पूरा दम लगाते हुए तेज तेज धक्के लगाने शूरु कर दिए
शहनाज़ को बहुत मजा आने लगा और बोली:"
" आह शादाब, यूआईआईआई उफ्फ सआईआईआईआई तेरा लोला मेरी चूत मार रहा है