Maa Sex Kahani हाए मम्मी मेरी लुल्ली - Page 7 - SexBaba
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Maa Sex Kahani हाए मम्मी मेरी लुल्ली

उफ़ कैसी प्यारी मुस्कान थी उसकि, राहुल का दिल पिघल जाता है. वो चाय का कप कस कर पकड़ लेता है. एक बारगी तोह उसका दिल किया के वो आगे बढ़कर उसे अपने सीने से कस कर लगा ले और उसके होंठो पर अपने होंठ रख दे.

सलोनी राहुल की कुरसी अपनी तरफ घुमति है. रोटेटिंग चेयर होने के कारन राहुल का रुख टेबल से घूम कर अपनी मम्मी की तरफ हो जाता है. वो उसकी और कडवी नज़र से देखने की कोशिश करता है मगर सलोनी मुस्कराती हुयी उसके घुटनो के पास निचे बैठ जाती है. उफ़ उफ़ कैसी प्यारी मुस्कान थी उसकि, राहुल का दिल पिघल जाता है. वो चाय का कप कस्स कर पकड़ लेता है. एक बारगी तोह उसका दिल किया के वो आगे बढ़कर उसे अपने साइन से कस्स कर लगा ले और उसके होंठो पर अपने होंठ रख दे.

सलोनी अपने बेटे के सामने फर्श पर घुटनो के बल बैठि थी और वो दूसरी तरफ को मुंह किये चाय की चुस्कियाँ ले रहा था जैसे उसे उसके वहां होने न होने से कोई फरक ही नहीं पढता था. सलोनी मुस्कराती अपने हाथ बेटे की जांघो पर रखती है और उन्हें सरकाती धीरे धीरे ऊपर की और लेजाने लगती है. उसके होंठो की मुस्कान गहरी होती जा रही थी. वो अपनी उँगलियाँ राहुल के पयजामे की एल्सटिक में फँसती है और उसे निचे खींचने लगती है. पायजामा थोड़ा सा ही निचे सरकाता है. राहुल उधर खाली कप अपने होंठो से लगाए अपने बदन की सीहरन को कण्ट्रोल करने की कोशिश कर रहा था मगर लगता था उसका जिस्म उसका साथ नहीं दे रहा था. सलोनी ज़ोर से पायजामा निचे खींचती उसकी जांघो को हिलाकर इशारा करती है. राहुल चाय का कप टेबल पर रख देता है. और अपनी मम्मी की और देखता है. 

"उठो भी, मुझे पायजामा उतारना है" सलोनी उसे मुस्कराती कहती है. राहुल हल्का सा उठता है और वो झटके से पायजामा निचे खींच देती है. राहुल का बुरी तरह तना हुआ लंड सलोनी के चेहरे के सामे झटके खा रहा था. 

"ओ माय गॉड..........यह तोह पहले से ही पूरी तरह तैयार है" सलोनी हंस पड़ती है. राहुल शर्मिंदा होकर मुंह फेर लेता है.

"साला दगाबाज" वो अपने लंड को मन ही मन गली दे रहा था. इतना कुछ करने के बाद भी उसने उसका साथ नहीं दिया था. सही मायनो में राहुल को पता भी नहीं चला था के कब उसका लंड फिरसे खड़ा हो गया था, वो तोह अपनी सलोनी के दमकते हुस्न में ही खो गया था. 

सलोनी अपने नरम मुलायम हाथों से जैसे ही लंड को थामती है लंड के झटके और भी तेज़ हो जाते है. 

"देखो तोह कैसे फड़फड़ा रहा है. लगता है इसके पर कतरने ही पडेंगे वर्ना यह तोह दिन पर दिन बदमाश होता जा रहा है" सलोनी लंड को अपने हाथों से कोमलता से सहलाती कहती है. लंड उसके हाथों में पहुंचते ही और भी भयंकर रूप धारण करते जा रहा था. राहुल किसी तरह अपनी भारी साँसों को नियंतरण में करने की कोशिश कर रहा था. लेकिन उसकी सभी कोशिशें बेकार हो जाती हैं जब सलोनी धीरे से लंड पर अपने सुलगते होंठ रख देती है.

"उन्ह हुनः.........." सलोनी के तपते होंठ अपने सुपडे पर महसूस करते ही राहुल के मुंह से सिसकि निकल जाती है. वो अपने हाथों से कुरसी के हत्थों को कस्स कर पकड़ लेता है. उसके हाथ हरकत में आने के लिए बेताब हो रहे थे. 

"उम हुम्............." होंठो में सुपडा दबाये जैसे ही सलोनी उस पर अपनी जीव्हा फेरती है, राहुल के होंठो से लम्बी सिसकि फूटती है. वो कितना भी चाहता खुद को सिस्कने से रोक नहीं सकता था. सलोनी के होंठ लंड पर आगे पीछे होने लगते है. वो लंड के सुपडे को रगड़ती उसे अपने मुख के गिलेपन में गर्माहट देती चूस, चाट रही थी. राहुल कुरसी के हत्थों को और भी कस कर पकड़ लेता है. उसे अपने कुल्हे कुरसी की सतह पर दबाकर रखने पड़ रहे थे. उसे डर था के कहीं वो अपनी मम्मी के मुंह में अपना लंड न पेल दे. चाहे कुछ भी हो जाये जब तक वो माफी नहीं मांगती राहुल उसका साथ देणे वाला नहीं था. मगर सलोनी को जैसे कोई परवाह ही नहीं थी. वो तेज़ी से लंड पर मुंह चलाती उसे आगे पीछे कर रही थी. कभी वो लंड को मुंह से निकाल उस पर अपनी जीव्हा रगडने लगती कभी सुपाडे के छेद को अपनी जीव्हा की नोंक से कुरेदती. एक हाथ से बेटे के टट्टे सहलाती वो लंड को फिर से मुंह में भर लेती है और गहरायी तक उसे चुस्ने लगती है. राहुल बिना हिले डुले अपनी मम्मी के मुंह को चोद रहा था. उसने अपना पूरा जिस्म अकड़ाया हुआ था खुद को रोकने की कोशिश में फिर भी वो असफ़ल होता जा रहा था. हर पल उसके मुंह से सिसकियाँ फूट रही थी
 
सलोनी लंड को मुंह से निकालती है और राहुल के टट्टों को अपने मुंह में भरकर उन्हें चुसने लगती है. राहुल का भीगा लंड एक हाथ से उसने ऊपर उठाया हुआ था जो उसके मुखरस से गिला होकर चमक रहा था और उस पर सलोनी के होंठो की लाली लगने के कारन वो जगह जगह से लाल हो गया था. राहुल ने चुदाई के समय आज पहली बार अपनी मम्मी को इस तरह बाल बांधे देखा था. उसका चेहरा आज कुछ ज्यादा ही मादक लग रहा था. जिस नज़र से वो उसके टट्टे चुस्ती उसकी और देख रही थी उसकी कामाग्नि को हद्द से ज्यादा भड़का रह था. 

"आखिर वो सॉरी क्यों नहीं बोल देति, क्या चला जायेगा उसका" राहुल खुद से मन ही मन बोलता है. वो सलोनी को प्यार करने के लिए तडफ रहा था मगर वो अपना अभिमान भी नहीं छोडना चाहता था. लेकिन सलोनी ने माफी नहीं मांगी. न ही उसके चेहरे से लगता था की उसका कोई ईरादा था. बलके वो लंड को छोड़ उठ कर खड़ी हो गयी और बेड की तरफ गयी. वहां से वो नरियल के तेल की बोतल और एक कपडा लेकर आई

सलोनी फिर से राहुल के सामने फर्श पर बैठ गइ. वो अब उसकी और ही देख रहा था. वासना से उसकी ऑंखे लाल हो चुकी थी. चेहरा तमतमाया हुआ था. उसकी साँसों का शोर बता रहा था के वो कितना उत्तेजित था. सलोनी कपडे से राहुल का लंड अच्छे से पोंछती है, उसे कपडे से रगड़कर बिलकुल सुखा करती है. राहुल से संवेदनशील सुपाडे पर कपडे की रगड बर्दाशत नहीं हो रही थी. सलोनी कपडे को एक और फ़ेंक तेल की बोतल उठाती है और अपने हाथ पर खूब सारा तेल डालकर दोनों हथेलियों को चुपड़ती है और फिर अपने दोनों हाथों से राहुल का लंड पकड़ लेती है. जड़ से लंड को अपनी मुट्ठि में भर वो उसे रगड़ती अपनी मुट्ठि सुपाडे की तरफ लेकर जाती है और फिर दूसरे हाथ से लंड की जड को मुट्ठि में भर लेती है. कुछ ही पलों में लंड तेल से चमकाने लग जाता है. सलोनी दो बार और तेल से हाथ चुपड़ लंड की मालिश करती है. लंड अब तेल से बुरी तरह चिकना हो चुका था. सलोनी के हाथ उस पर आसानी से फिसल रहे थे. सलोनी संतुस्ट होकर उठती है और कपड़े से अपने हाथ साफ़ करती है. वो राहुल की आँखों में देखति अपनी शर्ट उतार कर फेंक देती है. उसके जिस्म पर एक शार्ट ही बचा था. उसके मम्मो के तीखे लम्बे निप्पल आकड़े हुए बिलकुल सीधे खड़े थे. राहुल अपने सूखे होंठो पर जीभ फेरता है मगर वो कुछ कर नहीं पाता. उसके हाथ उन भारी गोल मटोल मम्मो को सहलाने के लिये, दबाने के लिए फडक रहे थे. उसके होंठ उन निप्पलों का मीठा स्वाद चखने के लिए तरस रहे थे.


सलोनी थोड़ा निचे को झुक कर अपनी शार्ट उतारने लगती है. उसके मम्मे निचे को झूलते हुए हिलने लगते है. राहुल अपनी मम्मी की भेदती नज़रों का सामना नहीं कर पाता और अपनी नज़र फेर लेता है. सलोनी मुस्कराती हुयी शार्ट उतार कर फ़ेंक देती है. वो राहुल के पास जाती है और उसका हाथ पकड़ कर उसे उठाती है. राहुल एक दो बार हील हुज्जत के बाद उठ जाता है. सलोनी उसका हाथ थामे बेड की और जाती है और बेड के किनारे रुक कर बेटे के सामने हो जाती है. उसकी टांगो और बेड के बिच हल्का सा फ़ासला था. वो बेड पर हाथ रख कर झुकति चलि जाती है. उसके मम्मे लटक कर बेड को छूने लगते है. वो अपनी टांगे चौड़ी करने लगती है. इतनी चौड़ी के राहुल को अपनी मम्मी की गुलाबी चुत और उसकी गांड का छेद दिखाई देणे लगता है. उसकी गांड का छेद चमक रहा था. उसकी चुत के होंठ भीगे हुए थे. गांड के छेद से मालूम चलता था की उसने खूब सारा तेल लगाकर उसे चिकना किया था और वो पूरी तैयारी के साथ आई थी के बेटे का लंड ले सके. 

"अब खड़े क्या कर रहे हो? अन्दर डालो" सलोनी कंधे के ऊपर से सर घुमाकर देखति उसे कहती है. राहुल उससे हाथ भर की दूरी पर था. उसका लम्बा आकड़ा हुआ लौडा उसकी गांड से लगभग टच कर रहा था. अपनी सलोनी की गांड को इस तरह अपने सामने देख वो कुछ ज्यादा ही अकड गया था. मगर राहुल अब क्या करे. एक पल के लिए तोह उसने अपनी जिद्द दरकिनार कर आगे बढ्ने का फैसला कर लिया मगर तभी उसे उसके आत्मसम्मान ने उसे रोक दिया. वो सर झुकाए खड़ा था. वो सिर्फ एक शब्द सुनना चाहत था. सिर्फ एक शब्द. 

सलोनी बेटे को आगे न बढ़ते देख उसे दोबारा अंदर डालने के लिए कहती ही मगर राहुल अपनी बाहें लटकाये यूँ ही खडा रहता है. सलोनी उसे अविश्वास भरी नज़रों से देखति है. सलोनी के चेहरे पर गुस्सा और खीज आ जाती है. वो अत्यधिक उत्तेजित थी.
 
"तुम न बच्चे के बच्चे ही रहोगे" सलोनी राहुल की नदानी पर बुरी तरह भड़क उठि थी. 

सलोनी की बात राहुल के दिल में शूल की तरह चुभ जाती है. वो शर्मिंदगी से अपना सर झुका लेता है. उसे खुद अपने पर गुस्सा आ रहा था के वो अपनी मम्मी को इस तरह परेशान कर रहा है. उसे खुद एहसास था की वो गलत कर रहा है मगर फिर भी वो आगे नहीं बढ़ सकता था चाहे उसका खुद का दिल कितना भी कर रहा था. बस अगर वो एक बार वो लफ़ज़ बोल दे तोह वो उसको दिखा देगा के वो उसे कितना प्यार करता है.

सलोनी जब राहुल को तस्स से मस्स न होते देखति है तोह अपना मुंह बेड पर अपने हाथों के बिच रख कर कुछ लम्हे यूँ ही उसी स्थिति में खड़ी रेहती है. राहुल का दिल डुबने लगता है. अंत-तह वो अपना चेहरा उठकर पीछे को देखति है. फिर वो थोड़ा पीछे को होती है. राहुल का लंड सीधा उसकी गांड के छेद पर टच करता है. वो अपना एक गाल उसी तरह बेड पर तिकाये अपने कंधे से पीछे राहुल को देख रही थी. अचानक उसके होंठो पर फिर से मुस्कान आ जाती है. राहुल फिर से अपनी नज़र निची कर लेता है. सलोनी अपनी टाँगे और भी चौड़ी कर देती है और फिर वो गाल बेड पर टिकाये अपने हाथ पीछे लेजाकर अपने नितम्बो को अपने हाथों में भर लेती है. दोनों नितम्बो को अपने हाथों में कस्स वो पूरी तरह फैला देती है. उसकी गांड का छेद जो टांगे चौड़ी होने के कारन पहले ही खुल गया था और भी खुल जाता है. 

सलोनी धीरे धीरे अपने जिसम को पीछे की तरफ धकेलते अपनी गांड का दवाब राहुल के लंड पर डालती है. राहुल एक पल के लिए उस दवाब के कारन पीछे को होने लगता है मगर फिर वो अपने पांव पूरी मज़बूती से ज़मीन पर जमा देता है. अपनी मम्मी के लिए वो इतना तोह वो कर ही सकता था.

सलोनी दवाब बढ़ाने लगती है. गांड के छेद पर लंड का सुपडा अड्ने लगता है. ठोढ़ सा और दवाब देते ही सुपडा छेद को फैलाने लगता है. सलोनी बिलकुल बदन को हिलाये बिना आराम आराम से अपनी गांड को लंड पर दबा रही थी. अगर वो या राहुल ज़रा भी हिलते तोह तेल से चिकना लंड ऊपर या निचे को फ़िसल जाता. मगर सलोनी और बेटा दोनों इस बात को जानते थे और ऐसा होने से रोक्ने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे थे. राहुल का लंड सलोनी की टाइट गांड के लिए कुछ ज्यादा ही मोटा साबित हो रहा था. मगर तेल का कमाल था के वो धीरे धीरे गांड के टाइट छेद को फ़ैलाता अंदर घुस रहा था. सलोनी अपने होंठ भींचे उस मोठे लंड की चुभन को बर्दाशत करती अपनी गांड दबाती जाती है. टाँगे इस हद्द तक्क चौड़ी करने और हाथों से छेद को खोलने के कारन सुपडा अब छेद में आधे रस्ते तक्क पहुँच कर फंस गया था. अब लंड फ़िसल नहीं सकता था. सलोनी एक गहरी सांस लेती है और अपनी गांड पीछे की और से दबाती है. तेल की चिकनाई अपना कमाल दीखाती है. सुपडा पुक्क की आवाज़ के साथ गांड में घुस जाता है.


"ओहह सलोनी ओह्ह मा...........हाए.........हाए........." सलोनी अपने नितम्बो से हाथ हटा बेड की चादर को मुठियों में भींच लेती है.

"उन उन आह आह ...." राहुल भी होंठ भींचे अपनी सिसकियाँ रोकने का प्रयत्न करता है.
कुछ देर रुकने के बाद सलोनी देखती है कि राहुल कुछ नही कर रहा है तो वह ग़ुस्सा होती है और केहति है कि “अब कर ना चुप क्यों खड़ा है” पर राहुल अपना सर नीचे कर खड़ा रहता है सलोनी उसे केहति है “क्या हुआ”? 
राहुल कहता है “चिट्टी में आपने कुछ करने को नही कहा था, “सिर्फ आप क्या करेगी वह लिखा था” न जाने किस शक्ति के वशीभूत राहुल इतना कह गया सलोनी हक्की बक्की रह गई वह सोच भी नही सकती थी कि उसका बेटा ऐसा भी कह सकता है वह भी ऐसे वक्त जब उसके लंड का टोपा उसकी माँ के गांड में था सलोनो शांति से पूछती है कि तुम मुझसे क्या चाहते हो राहुल कहता है “आपने जो मेरे साथ किया क्या आपको जरा भी पछतावा नही है” सलोनो सोच में पड़ जाती है राहुल सही तो कह रहा था वह खुद के बारे में सोच रही थी राहुल के बारे में तो उसने सोचा ही नही सलोनो कहती है “मुझे माफ़ कर दे बेटा मैं तो सिर्फ मजाक कर रही थी, “मुझे नही लगा कि तुम ऐसा रिएक्ट करोगे वार्ना मैं ऐसा कभी नही कहती”
 
राहुल सलोनी की बाते सुनकर बहुत शर्मिंदा होता है कि उसकी मम्मी को उसके सामने माफी मांगनी पड़ी ऐसा वह भी चाहता था पर इसतरह नही सलोनी कहति है “अब और क्या चाहिए” राहुल शर्माकर कहता है “मोम..आप अपने आप ही पीछे आ जाओ..में करूँगा तो दर्द होगा.?? और सलोनी धीरे धीरे आगे पीछे अपने आप होने लगी और लंड गांड में घूसने लगा..फिर राहुल ने सलोनी की कमर को पकड़ा और सलोनी को अपने ऊपर उठा लिया और निचे आ गया..जिसे सलोनी की गांड में राहुल के लंड को जाने में मुश्कक़िल न हो..तो सलोनी भी राहुल के ऊपर आ के अपने आप ऊपर निचे होने लगी??और यह??.यह??..प्लीज्????.करने लगी और अब राहुल भी सलोनी को हलके हलके चोदने लगा और सलोनी का दर्द अब बढ्ने लगा..फिर राहुलने अपनी नार्मल स्पीड पे चोदना स्टार्ट किया और सलोनी का दर्द तेज़ हो गया तो सलोनी रुक गई..और जैसे की जलन हो रही हो ऐसे फ़ूंक मारने लगी.. ओह फू वह फु ??????.यह?? और सलोनी रुक गई. फिर राहुलने सलोनी को उलटा लिटा दिया..राहुल का पूरा लंड सलोनी की गांड में चला गया था. सलोनी की आँखों से फिर से आँसु आ गए थे..राहुल भी सलोनी के ऊपर उलटा लेट गया और सलोनी का फेस टर्न कर के सलोनी को किस करने लगा..लंड सलोनी की गांड में ले के आराम से रख के सलोनी को किस कर रहा था और फिर राहुलने धीरे धीरे अपने लंड से सलोनी को चोदना स्टार्ट किया और सलोनी के मम्मो को हाथों से दबा के सलोनी की निप्पल्स को मसलने लगा..जिसेसे सलोनी को अब दर्द तो हो रहा था पर महसूस नहीं हो रहा था अब राहुल सलोनी को धीरे धीरे जोर से स्ट्रोक्स देणे लगा और सलोनी को नार्मल जैसे चुत में चोद रहा हो ऐसे सलोनी को चोदने लगा और सलोनी का हाथ ले के उसे सलोनी की चुत को मसलने लगा??सलोनी के हाथ को पकड़ के राहुल मसल रहा था और चाहता था की सलोनी फिर से झड जाए..और इधर राहुल ताक़तवर स्ट्रोक्स लगा रहा था?सलोनी और राहुल फिर से तेज़ी से सांस ले रहे थे..जब किस नहीं हो रहा था और सलोनी का किस टूटते ही सलोनी की आआआहहह??.यह??ऑफ़??फिर से स्टार्ट हो गया पर अब की बार वो धीरे कर रही थी..क्यों कि राहुल सलोनी को चुत को मसल रहा था.राहुल भी अब फिर से पसिना पसिना हो गया था..और अब झड़नेवाला था तो राहुल सलोनी को जोरो से चोदे जा रहा था??..बिना कुछ सोचे की सलोनी की गांड की क्या हालत होगी..जब उसे लगा की में अब झड़नेवाला हूँ तो राहुलने सलोनी का हाथ छोड़ा और सलोनी के ग-स्पॉट को पकड़ के सलोनी के ग-स्पॉट को सहलाने लगा और सलोनी अब प्लेयजर के मारे अपनि चुत में ऊँगली तेज़ी से करने लगी और राहुलने सलोनी को स्ट्रोक्स देना स्टार्ट किया और सलोनी की गांड में झड गया??.मस्त रस का फ़व्वारा निकल रहा था..और में सलोनी के ऊपर लेट गया और सलोनी भी अब झड़ने वाली थी और सलोनी की चुत से भी फ़व्वारा निकला और सलोनी की गांड से राहुल का रस निकल के सलोनी की चुत से निकलते रस में मिल गया और राहुल सलोनी के ऊपर से हट के हाथ खोले लेट गया..सलोनी को ज्यादा सॉलिड दर्द हो रहा था..क्यूँकि वो पलट नहीं रही थी..और राहुलने सलोनी को अभी परेशान करना ठीक नहीं समझा


( बस दोस्तो अब यह कहानी यही समाप्त कर रहा हु अब आगे जो भी लिखूंगा वह रिपीट ही होगा तो यही कहानी समाप्त करता हु "यह कहानी मैन नही "ABPUNJABI" ने शुरू की थी पर किसी कारण वश वह इसे आगे शुरू नही रख पाए मैं यह कहानी शुरू से पढ़ रहा था यह मेरी मनपसंद कहानी थी तो मैंने इसे आगे शुरू रखने का प्रयास किया मैं इसमें कितना सफल हुवा यह नही जानता अगर आपको मेरा प्रयास अच्छा लगा हो तो कमेंट जरूर करे )

आपका अपना
सलिल 

मेरी तरफ से ( समाप्त )
 
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