hotaks444
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कमीना--10
गतान्क से आगे...........................
..
स्कार्पीओ अपनी रफ़्तार से उड़ी जा रही थी और पायल जो की सीट के बिल्कुल किनारे एक कोने मे सिमटी हुई अपने चेहरे पर एक गहरी
खामोशी लेकिन आँखो मे चमक और होंठो पर हल्की मगर प्यारी सी मुस्कान लिए बैठी थी, रवि अपनी दीदी के अंदाज़े
हुस्न को देख कर मस्त हो रहा था और बड़ी ही कातिल निगाहो से देखती हुई अपनी दीदी को मुस्कुरा कर देख रहा था, तभी
रवि धीरे से अपनी दीदी की ओर सरकता है और उसकी दूरी अपनी दीदी से कुछ कम हो जाती है और पायल की मुस्कान बढ़ने लगती
है, रवि धीरे से थोड़ा और सरकता है और उसकी दूरी उसकी दीदी से थोड़ी और कम हो जाती है और पायल की मुस्कान और बढ़
जाती है, अब रवि अपने हाथो की दो उंगलियो को सीट पर किसी घोड़े की तरह धीरे-धीरे दौड़ाते हुए अपनी दीदी की मोटी जाँघो
तक पहुचा देता है और इस बार पायल की मुस्कान एक दम से गायब हो जाती है और उसका चेहरे पर एक अजीब सी सूजन आ जाती
है और उसके होंठ काँपने लगते है और उसकी आँखो की पुतलिया अपने नियंत्रण को खो कर इधर उधर मटकने लगती है,
रवि अपने पूरे हाथ को अपनी दीदी की मोटी-मोटी गदराई हुई मखमली जाँघो पर रख देता है और पायल की साँसे कुछ तेज
होने लगती है यह बात उसके मोटे-मोटे कसे हुए दूध उपर नीचे होकर बताने लगते है, रवि धीरे से पायल की स्कर्ट
को उसकी जाँघो से उपर चढ़ाने लगता है और पायल अपने आपको उससे बचाने की कोशिश करने लगती है, तभी
रवि- भैया मे भी सो जाउ मुझे भी नींद आ रही है,
रोहित- ठीक है रवि
पायल रवि को मुस्कुरा कर देखती है और रवि अपनी दीदी के बिल्कुल करीब आ जाता है और उसके चेहरे को अपने हाथो मे
भर कर उपर उठाता है, पायल रवि की आँखो मे घूर कर देखती है उसके चेहरे से हसी गायब हो चुकी होती है, रवि
जैसे ही अपनी दीदी के होंठो पर अपने होंठ रखता है पायल अपनी आँखे बंद कर लेती है, रवि अपनी दीदी को अपनी ओर
खिचता है और पायल बिना किसी विरोध के रवि के करीब सरक जाती है और रवि उसके मोटे-मोटे दूध को अपने हाथो मे
भर कर कस कर दबाता हुआ अपनी दीदी के रसीले होंठो को चूस-चूस कर उसका रस पीने लगता है, पायल अपनी आँखे बंद
किए हुए अपने होंठो का रस अपने भाई को पिलाती रहती है और रवि अपनी दीदी के मस्त-मस्त कसे हुए आमो को मसलता
रहता है, रवि अपने हाथ को अपनी दीदी के गले मे डाल कर उसे अपने सीने से चिपका कर उसके रसीले होंठो को पिए जा रहाथा, कुछ देर बाद रवि अपनी दीदी के होंठो और गालो को अपने होंठो से चूमता हुआ उसके टॉप के दो बटन खोल कर अपने
हाथ को अपनी दीदी के नंगे दूध पर जैसे ही रखता है पायल की साँसे रुकने लगती है और रवि को जब अपनी दीदी की मोटी-
मोटी लेकिन एक दम सख़्त और कठोर चुचियो का स्पर्श मिलता है तो रवि पागल होने लगता है और अपनी दीदी के कठोर
दूध को अपने हाथो मे पूरा भर कर उनको कस-कस कर दबाते हुए उनका रस निचोड़ने लगता है.
रवि की इस हरकत से पायल की चूत से ढेर सारा पानी बहने लगता है और वह रवि के जिस्म से अपने जिस्म को कस कर चिपकाने
की कोशिश करती है, रवि अपनी दीदी के नंगे दूध को कस-कस कर अपने हाथो से मसलता रहता है, तभी रवि अपने हाथ
को अपनी दीदी की चुचियो से बाहर निकाल कर उसकी कमर मे हाथ डाल कर उसे थोड़ा अपनी और खीच कर उसके रसीले होंठो
को अपने मुँह मे भर कर अपनी दीदी की जबरदस्त मोटी और गदराई जाँघो को अपने हाथो मे भर-भर कर मसल्ने लगता
है और अपने हाथ को थोड़ा पीछे लेजा कर जब अपनी दीदी की मोटी गान्ड को दबोचता है तो रवि को मज़ा आ जाता है वह अपनी
दीदी की स्कर्ट को उपर तक चढ़ा कर उसकी गदराई जाँघो और फैली हुई गान्ड को अपने हाथो मे भर -भर कर मसल्ते
हुए अपनी दीदी के होंठो को चूमने लगता है,
कुछ देर बाद रवि अपनी दीदी के होंठ चूस्ते हुए जैसे ही अपना हाथ अपनी दीदी की पेंटी मे कसी हुई फूली चूत पर रख कर
अपनी दीदी की फूली हुई चूत को एक दम से अपने हाथो मे भर कर दबाता है तो पायल एक दम पागल हो जाती है और अपनी
जीभ बाहर निकल कर अपने भाई के मुँह मे दे देती है और रवि अपनी दीदी की रसीली जीभ को अपने मुँह मे भर कर उसकी
फूली हुई गदराई चूत को अपने हाथो मे भर कर दबोच-दबोच कर मसल्ने लगता है, पायल पूरी मस्ती मे आ जाती है
और अपनी जीभ को अपने भाई के मुँह मे देती हुई अपनी जाँघो को थोड़ा सा फैला देती है जिससे रवि का हाथ पूरी तरह अपनी
दीदी की पेंटी मे कसी हुई गदराई चूत पर कस जाता है, तभी रवि अपनी दीदी की स्कर्ट के अंदर से ही हाथ डाले-डाले अपने हाथ को अपनी दीदी के पेट की तरफ ले जाकर अपनी दीदी की पेंटी के एलास्टिक मे अपना हाथ भर कर एक दम से अपनी दीदी की नंगी फूली हुई चूत को अपने हाथो मे भर लेता है और उसकी इस हरकत से पायल सिहर जाती है और अपने भाई का दूसरा हाथ खुद ही पकड़ कर अपने दूध पर रख लेती है और अपने भाई के मुँह मे अपनी रसीली जीभ को अंदर तक भरने की कोशिश करने लगती है,
गतान्क से आगे...........................
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स्कार्पीओ अपनी रफ़्तार से उड़ी जा रही थी और पायल जो की सीट के बिल्कुल किनारे एक कोने मे सिमटी हुई अपने चेहरे पर एक गहरी
खामोशी लेकिन आँखो मे चमक और होंठो पर हल्की मगर प्यारी सी मुस्कान लिए बैठी थी, रवि अपनी दीदी के अंदाज़े
हुस्न को देख कर मस्त हो रहा था और बड़ी ही कातिल निगाहो से देखती हुई अपनी दीदी को मुस्कुरा कर देख रहा था, तभी
रवि धीरे से अपनी दीदी की ओर सरकता है और उसकी दूरी अपनी दीदी से कुछ कम हो जाती है और पायल की मुस्कान बढ़ने लगती
है, रवि धीरे से थोड़ा और सरकता है और उसकी दूरी उसकी दीदी से थोड़ी और कम हो जाती है और पायल की मुस्कान और बढ़
जाती है, अब रवि अपने हाथो की दो उंगलियो को सीट पर किसी घोड़े की तरह धीरे-धीरे दौड़ाते हुए अपनी दीदी की मोटी जाँघो
तक पहुचा देता है और इस बार पायल की मुस्कान एक दम से गायब हो जाती है और उसका चेहरे पर एक अजीब सी सूजन आ जाती
है और उसके होंठ काँपने लगते है और उसकी आँखो की पुतलिया अपने नियंत्रण को खो कर इधर उधर मटकने लगती है,
रवि अपने पूरे हाथ को अपनी दीदी की मोटी-मोटी गदराई हुई मखमली जाँघो पर रख देता है और पायल की साँसे कुछ तेज
होने लगती है यह बात उसके मोटे-मोटे कसे हुए दूध उपर नीचे होकर बताने लगते है, रवि धीरे से पायल की स्कर्ट
को उसकी जाँघो से उपर चढ़ाने लगता है और पायल अपने आपको उससे बचाने की कोशिश करने लगती है, तभी
रवि- भैया मे भी सो जाउ मुझे भी नींद आ रही है,
रोहित- ठीक है रवि
पायल रवि को मुस्कुरा कर देखती है और रवि अपनी दीदी के बिल्कुल करीब आ जाता है और उसके चेहरे को अपने हाथो मे
भर कर उपर उठाता है, पायल रवि की आँखो मे घूर कर देखती है उसके चेहरे से हसी गायब हो चुकी होती है, रवि
जैसे ही अपनी दीदी के होंठो पर अपने होंठ रखता है पायल अपनी आँखे बंद कर लेती है, रवि अपनी दीदी को अपनी ओर
खिचता है और पायल बिना किसी विरोध के रवि के करीब सरक जाती है और रवि उसके मोटे-मोटे दूध को अपने हाथो मे
भर कर कस कर दबाता हुआ अपनी दीदी के रसीले होंठो को चूस-चूस कर उसका रस पीने लगता है, पायल अपनी आँखे बंद
किए हुए अपने होंठो का रस अपने भाई को पिलाती रहती है और रवि अपनी दीदी के मस्त-मस्त कसे हुए आमो को मसलता
रहता है, रवि अपने हाथ को अपनी दीदी के गले मे डाल कर उसे अपने सीने से चिपका कर उसके रसीले होंठो को पिए जा रहाथा, कुछ देर बाद रवि अपनी दीदी के होंठो और गालो को अपने होंठो से चूमता हुआ उसके टॉप के दो बटन खोल कर अपने
हाथ को अपनी दीदी के नंगे दूध पर जैसे ही रखता है पायल की साँसे रुकने लगती है और रवि को जब अपनी दीदी की मोटी-
मोटी लेकिन एक दम सख़्त और कठोर चुचियो का स्पर्श मिलता है तो रवि पागल होने लगता है और अपनी दीदी के कठोर
दूध को अपने हाथो मे पूरा भर कर उनको कस-कस कर दबाते हुए उनका रस निचोड़ने लगता है.
रवि की इस हरकत से पायल की चूत से ढेर सारा पानी बहने लगता है और वह रवि के जिस्म से अपने जिस्म को कस कर चिपकाने
की कोशिश करती है, रवि अपनी दीदी के नंगे दूध को कस-कस कर अपने हाथो से मसलता रहता है, तभी रवि अपने हाथ
को अपनी दीदी की चुचियो से बाहर निकाल कर उसकी कमर मे हाथ डाल कर उसे थोड़ा अपनी और खीच कर उसके रसीले होंठो
को अपने मुँह मे भर कर अपनी दीदी की जबरदस्त मोटी और गदराई जाँघो को अपने हाथो मे भर-भर कर मसल्ने लगता
है और अपने हाथ को थोड़ा पीछे लेजा कर जब अपनी दीदी की मोटी गान्ड को दबोचता है तो रवि को मज़ा आ जाता है वह अपनी
दीदी की स्कर्ट को उपर तक चढ़ा कर उसकी गदराई जाँघो और फैली हुई गान्ड को अपने हाथो मे भर -भर कर मसल्ते
हुए अपनी दीदी के होंठो को चूमने लगता है,
कुछ देर बाद रवि अपनी दीदी के होंठ चूस्ते हुए जैसे ही अपना हाथ अपनी दीदी की पेंटी मे कसी हुई फूली चूत पर रख कर
अपनी दीदी की फूली हुई चूत को एक दम से अपने हाथो मे भर कर दबाता है तो पायल एक दम पागल हो जाती है और अपनी
जीभ बाहर निकल कर अपने भाई के मुँह मे दे देती है और रवि अपनी दीदी की रसीली जीभ को अपने मुँह मे भर कर उसकी
फूली हुई गदराई चूत को अपने हाथो मे भर कर दबोच-दबोच कर मसल्ने लगता है, पायल पूरी मस्ती मे आ जाती है
और अपनी जीभ को अपने भाई के मुँह मे देती हुई अपनी जाँघो को थोड़ा सा फैला देती है जिससे रवि का हाथ पूरी तरह अपनी
दीदी की पेंटी मे कसी हुई गदराई चूत पर कस जाता है, तभी रवि अपनी दीदी की स्कर्ट के अंदर से ही हाथ डाले-डाले अपने हाथ को अपनी दीदी के पेट की तरफ ले जाकर अपनी दीदी की पेंटी के एलास्टिक मे अपना हाथ भर कर एक दम से अपनी दीदी की नंगी फूली हुई चूत को अपने हाथो मे भर लेता है और उसकी इस हरकत से पायल सिहर जाती है और अपने भाई का दूसरा हाथ खुद ही पकड़ कर अपने दूध पर रख लेती है और अपने भाई के मुँह मे अपनी रसीली जीभ को अंदर तक भरने की कोशिश करने लगती है,