hotaks444
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रवि- क्यो ऐसा क्या देख लिया तूने
करण- अरे मेने देखा मेरी मम्मी पूरी नंगी खड़ी होकर अपनी चूत के बाल साफ कर रही थी, उसकी मोटी और गदराई जवानी
फूली हुई चूत और मोटी-मोटी गान्ड देख कर मे तो पागल हो गया और मेरा लंड अपनी मम्मी की नंगी मदमस्त जवानी को
देख कर खड़ा हो गया, वह अपनी चूत के एक-एक बाल को बड़े प्यार से साफ कर रही थी और उसकी चूत से जैसे-जैसे बाल साफ हो
रहे थे उसकी गोरी चूत और ज़्यादा फूली हुई नज़र आने लगी, उसकी फूली हुई चूत के मोटी-मोटी फूली हुई फांके और उसकी
चूत का कटाव साफ नज़र आ रहा था और उसके पेडू और गदराए पेट के उठाव ने मुझे पागल कर दिया था, जब वह थोड़ा
घूम गई तो उसकी गदराई मोटी गान्ड देख कर तो मेरा दिल करने लगा कि अभी जाकर अपनी मम्मी की गदराई उठी हुई मोटी गान्ड मे अपने लंड को कस कर पेल दू, जब मेरी मम्मी के चूत के बाल पूरे साफ हो गये तो वह अपनी फूली हुई गदराई चूत को अपने हाथ से सहलाते हुए बचे हुए बालो कॉधूढ़ने लगी, उसकी चूत के फूले हुए हिस्से को देख कर मेरे मुँह मे पानी आ गया और मुझे ऐसा लगने लगा कि काश ऐसी फूली हुई चूत को चूमने का मोका मिल जाए तो ऐसी रसीली चूत को रात भर नंगी करके चातू,
रवि- करण को एक और ग्लास देता हुआ ले करण आज तेरी बातो से वोड्का का नशा डबल लगने लगा है, आगे बता फिर क्या हुआ,
करण- रवि से ग्लास ले कर अपने मुँह मे लगा कर एक ही घुट मे ग्लास खाली करते हुए, फिर उस दिन मेने अपनी मम्मी की नंगी गदराई जवानी को ध्यान करते हुए, उसकी फूली हुई चूत और मोटी गान्ड को कस-कस कर चोदने की कल्पना करते हुए तबीयत से मूठ मारी और तू यकीन नही करेगा अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके चोदने की कल्पना करके जब मेने अपना लंड हिलाया तो मुझे उस दिन सबसे ज़्यादा मज़ा आया, उस दिन के बाद मे अपनी मम्मी को पूरी नंगी देखने के मोके ढूढ़ने लगा और मेने फिर उसे कभी बाथरूम मे कभी उसके रूम मे कई बार नंगी देखा और अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके चोदने का सोच-सोच के खूब लंड हिलाया,
रवि- कभी तूने अपनी मम्मी को चोदने की कोशिश नही की
कारण- नही यार मेरी मम्मी बहुत सख़्त है इसलिए मेरी कभी हिम्मत ही नही पड़ी, हा किसी ना किसी बहाने से कभी अपनी मम्मी की मोटी गान्ड कभी उसके मोटे-मोटे दूध, और कभी उसकी गदराई जाँघो को ज़रूर छू कर मज़ा लिया है पर
चोदने का कभी मोका नही मिला और ना ही मेरी कभी हिम्मत ही पड़ी,
रवि- अबे यह बात तू मुझे पहले बता देता तो मे कुछ ना कुछ आइडिया तो तुझे ज़रूर दे देता,
करण- रहने दे यार तेरे आइडिया मुझे किसी भी दिन मरवा देंगे, मे तो अपनी मम्मी को चोदने की कल्पना करके लंड हिला
कर ही खुस हो लेता हू, मुझे कोई रिस्क नही लेना है,
रवि- खेर जैसी तेरी मर्ज़ी पर तूने अपनी मम्मी की चूत और गान्ड को जब से देखा होगा तब से तुझे भारी बदन वाली औरतो को ही चोदने का मन करता होगा,
करण- अरे मुझे तो अपनी मम्मी को ही चोदने का मन करता है लेकिन क्या करू, अपनी मम्मी की चूत मारने के लिए गान्ड मे दम भी तो होना चाहिए, अपनी मम्मी को फसा कर चोदना कोई मज़ाक तो नही है,
रवि- तू ठीक कहता है, लेकिन अगर तो कोशिश करता तो शायद सफल भी हो जाता, क्यो की औरतो को भी मोटे-मोटे लंड की बहुत चाह होती है, तूने अपना मोटा लोडा अपनी मम्मी को दिखा दिया होता तो शायद वह भी तेरी और ध्यान देने लगती,
करण- तू कहता तो ठीक है पर ऐसी स्थिति भी तो बनना चाहिए कि मे यह सब कर सकता
रवि- अरे यार ज़यादा कुछ नही तो अपनी मम्मी की फूली हुई चूत को एक बार सोते हुए ही अपनी मुट्ठी मे भर के तो देखता तुझे नही मालूम ऐसी गदराई औरतो की चूत को अपनी मुट्ठी मे भर कर मसल्ने मे कितना मज़ा आता है,
करण- अरे डियर अपनी मम्मी की चूत को तो मे कई बार जब वह गहरी नींद मे होती थी तब अपनी मुट्ठी मे भर कर
दबोचने क्या, एक बार तो उसकी साडी सोते हुए पूरी उपर हो गई थी और उसने पेंटी भी नही पहनी हुई थी और शायद झाँत के बाल भी उसने एक दिन पहले ही बनाए थे तब तू बात नही मानेगा मेने अपनी मम्मी की फूली हुई चूत पर अपने मुँह को रख कर जब उसकी गदराई मुलायम चूत को चूमा तो मेरा लंड अपना पेंट फाड़ कर बाहर आने को तड़प उठा, अपनी
मम्मी की फूली हुई चूत की मादक गान्ड ने मुझको पागल कर दिया था, मुझसे रहा नही गया और जब मेने हिम्मत
करके अपनी मम्मी की फूली हुई चूत की मोटी-मोटी गदराई फांको को अलग करने की कोशिश की वह एक दम से करवट ले कर लेट गई और मेरी तो गान्ड ही फॅट गई लेकिन किस्मत से मे बच गया तब से ज़्यादा कुछ नही करता हू, जब भी देखता हू कि वह गहरी नींद मे है तब कभी उसकी मोटी गान्ड को सहला लेता हू या फिर उसकी गदराई फूली हुई चूत पर अपना हाथ फेर लेता हू और फिर जाकर मूठ मार लेता हू
रवि- हाय तुझे तो बड़ा मज़ा आया होगा अपनी मम्मी की फूली हुई छूट को अपने हाथो मे भर कर दबोचने मे
करण- हा यार ऐसा मज़ा तो आदमी को पागल कर देता है
रवि- अपने मन मे सोचता हुआ, बेटे करण मेरा आधा सपना तो सच निकला पर तूने तेरी मम्मी को चोदा नही और मेरे
ख्वाबो मे तो तूने अपनी मम्मी को खूब कस-कस कर चोदा था, कही ऐसा तो नही कि तू पूरी बात मुझे बता नही रहा
है, खेर कोई बात नही, अगर तूने अपनी मम्मी को चोदा होगा तो एक ना एक दिन तू मुझे ज़रूर बताएगा,
रवि- करण तू मुझे अपनी होनेवाली बीबी की फोटो दिखाने वाला था ना
कारण- हाँ यार दिखाने वाला तो था लेकिन अभी तक तो फोटो मेरे पास नही आया है अब मेने ही नही देखा तो तुझे कहा
से दिखाऊ, लेकिन आज कल मे आ जाएगा फिट तुझे ज़रूर दिखाउँगा
रवि- चल ठीक है लेकिन शादी कब कर रहा है,
कारण- बस फोटो देख कर हाँ कहना है और फिर शादी की तैयारी शुरू
रवि- मतलब चट मँगनी और पट ब्याह
करण- हा यार अब चूत के बिना नही रहा जाता है, पर तूने यह नही बताया कि तू उस दिन किस लड़की को यहाँ लाया था, तूने
ज़रूर उसे मेरे बेड पर पूरी नंगी करके चोदा होगा,
रवि- तू ठीक कह रहा है, मेने उसकी उस दिन खूब कस कर चूत मारी थी, तू उसे नही जानता है, वह मेरी जान है और मे
उसी से शादी करने का सोच रहा हू पर
करण- पर क्या
रवि- अरे यार अब क्या बताऊ ना जाने किस मदर्चोद का रिश्ता उसके लिए आया है तब से वह बहुत रो रही है और मे भी
उसके लिए परेशान हू
करण- तो फिर अब क्या करेगा
रवि- सोचता हू जिस भोसड़ी वाले का रिश्ता उसके लिए आया है जाकर उसकी मा चोद दू
करण- हस्ते हुए, अबे तो जाकर चोद दे ना तुझे किसने रोका है
रवि- यार तुझे मज़ाक लग रहा है पर यह मेरे प्यार का सवाल है, मुझे कुछ समझ नही आ रहा है मे क्या करू
करण- एक कम क्यो नही करता, लड़की के मा-बाप से जाकर तू ही रिश्ता माँग ले
रवि- देखते है दोस्त क्या होता है, कुछ ना कुछ तो करना ही पड़ेगा,
दोनो दोस्त दिन भर आपस मे डिसकस करते हुए बिता देते है उसके बाद खाना खाकर रवि वही सो जाता है और जब शाम
होती है तो वह करण को बाइ करके अपने घर की ओर चल देता है,
रास्ते भर उसके दिमाग़ मे करण की बाते घूमती रहती है और वह करण की मम्मी की मस्तानी गान्ड और फूली हुई चूत को सोच-सोच कर उसका लोडा भनभनया रहता है, जब वह घर पहुचता है तो निशा और पायल बैठी हुई बाते करती रहती
है, और पायल रवि को देख कर
पायल- आ गये भाई साहब, कहाँ थे दिन भर
निशा- लगता है अपनी किसी गर्लफ्रेंड से मिल कर आ रहे है
रवि- उन दोनो को देख कर मुस्कुराता है और अपने रूम की ओर जाने लगता है, पायल का मन रवि से चिपकने के लिए सुबह से बेचैन रहता है और वह रवि को बड़ी हसरत भरी निगाहो से देखती है लेकिन अपनी भाभी के सामने कुछ नही कर पाती है, निशा पायल के चेहरे को पढ़ने की कोशिश करती है और फिर कुछ सोच कर,
निशा- पायल मे तो बैठे-बैठे थक गई हू, मैं थोड़ा अपने रूम मे जाकर आराम कर लू
पायल- अपनी भाभी की बात सुन कर खुस होते हुए, हाँ-हाँ क्यो नही भाभी मे भी थोड़ी देर अपने रूम मे जाकर लेट जाती
हू,
निशा- पायल को देख कर मुस्कुराते हुए, अरे अगर तुझे भी लेटने का मन कर रहा है तो चल मेरे साथ मेरे रूम मे
ही लेट जाना
पायल- एक दम घबरा कर नही-नही भाभी आप आराम से लेट जाओ मे तो थोड़ी देर बाद जाउन्गि,
निशा- मुस्कुराते हुए अपने रूम की ओर जाने लगती है और पायल अपनी भाभी को देखने लगती है, तभी निशा एक दम से
अपनी गर्दन घुमा कर पायल को देखती है और पायल एक दम से अपनी नज़रे चुराने लगती है, और निशा उसकी इस हरकत पर मंद-मंद मुस्कुराती हुई अपने रूम मे चली जाती है,
निशा के अपने रूम मे जाते ही पायल जल्दी से उठ कर रवि के रूम मे पहुच जाती है और रवि अपनी पेंट उतार कर पाजामा पहनने की तैयारी मे था तभी पायल मुस्कुराते हुए रवि के पास जाकर उसके अंडरवेार के उपर से ही उसका मोटा लंड पकड़ लेती है और
पायल- हाय क्या मस्त लंड है रे तेरा, दिन रात मे तेरे इस लंड के लिए बेचैन रहने लगी हू, और तू है कि अपनी दीदी की ओर ध्यान ही नही देता है
रवि- मुस्कुराता हुआ पायल के होंठो को चूमता हुआ, मेरी जान तुम्हारे लिए तो मे भी बहुत बेचैन रहता हू पर क्या
करू थोड़ा ज़रूरी काम था नही तो मे अपनी स्वीट दीदी को छोड़ कर कही जा सकता हू क्या, और पायल के मोटे-मोटे कसे
हुए गदराए दूध को अपने हाथो मे भर कर कस कर दबाने लगता है और उसका लंड अपनी दीदी के मोटे-मोटे दूध को
दबाते ही खड़ा हो जाता है, पायल से बर्दास्त नही होता है और वह रवि के अंडरवेार को थोड़ा नीचे सरका कर बैठ जाती
है और रवि के मोटे लंड को अपने मुँह मे भर कर लोलीपोप की तरह चूसने लगती है, लेकिन उन दोनो मे से किसी को भी इस बात का ध्यान नही रहता है कि दूसरी ओर निशा उन दोनो की उस हरकत को छुप कर देख रही है और निशा जब पायल को अपने भाई के तगड़े मोटे लंड को इतने प्यार से सहला-सहला कर चूस्ते देखती है तो उसकी चूत पूरी गीली हो जाती है, और वह रवि के मोटे लंड को बड़ी प्यासी निगाहो से देखने लगती है,
रवि- दीदी अब बस भी करो कही भाभी ना देख.... रवि के शब्द उसके मुँह मे ही रह जाते है क्योकि उसकी नज़र निशा के
उपर पड़ जाती है और वह देखता है कि निशा उसके मोटे लंड को बड़े गौर से देख रही है, तभी निशा की नज़र भी रवि की
नज़र से मिल जाती है और निशा के होश उड़ जाते है, और रवि अपनी भाभी के कामुक चेहरे को देख कर एक कमिनी मुस्कान अपनी भाभी की ओर मारता है और निशा तुरंत वहाँ से भाग जाती है,
क्रमशः........................
करण- अरे मेने देखा मेरी मम्मी पूरी नंगी खड़ी होकर अपनी चूत के बाल साफ कर रही थी, उसकी मोटी और गदराई जवानी
फूली हुई चूत और मोटी-मोटी गान्ड देख कर मे तो पागल हो गया और मेरा लंड अपनी मम्मी की नंगी मदमस्त जवानी को
देख कर खड़ा हो गया, वह अपनी चूत के एक-एक बाल को बड़े प्यार से साफ कर रही थी और उसकी चूत से जैसे-जैसे बाल साफ हो
रहे थे उसकी गोरी चूत और ज़्यादा फूली हुई नज़र आने लगी, उसकी फूली हुई चूत के मोटी-मोटी फूली हुई फांके और उसकी
चूत का कटाव साफ नज़र आ रहा था और उसके पेडू और गदराए पेट के उठाव ने मुझे पागल कर दिया था, जब वह थोड़ा
घूम गई तो उसकी गदराई मोटी गान्ड देख कर तो मेरा दिल करने लगा कि अभी जाकर अपनी मम्मी की गदराई उठी हुई मोटी गान्ड मे अपने लंड को कस कर पेल दू, जब मेरी मम्मी के चूत के बाल पूरे साफ हो गये तो वह अपनी फूली हुई गदराई चूत को अपने हाथ से सहलाते हुए बचे हुए बालो कॉधूढ़ने लगी, उसकी चूत के फूले हुए हिस्से को देख कर मेरे मुँह मे पानी आ गया और मुझे ऐसा लगने लगा कि काश ऐसी फूली हुई चूत को चूमने का मोका मिल जाए तो ऐसी रसीली चूत को रात भर नंगी करके चातू,
रवि- करण को एक और ग्लास देता हुआ ले करण आज तेरी बातो से वोड्का का नशा डबल लगने लगा है, आगे बता फिर क्या हुआ,
करण- रवि से ग्लास ले कर अपने मुँह मे लगा कर एक ही घुट मे ग्लास खाली करते हुए, फिर उस दिन मेने अपनी मम्मी की नंगी गदराई जवानी को ध्यान करते हुए, उसकी फूली हुई चूत और मोटी गान्ड को कस-कस कर चोदने की कल्पना करते हुए तबीयत से मूठ मारी और तू यकीन नही करेगा अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके चोदने की कल्पना करके जब मेने अपना लंड हिलाया तो मुझे उस दिन सबसे ज़्यादा मज़ा आया, उस दिन के बाद मे अपनी मम्मी को पूरी नंगी देखने के मोके ढूढ़ने लगा और मेने फिर उसे कभी बाथरूम मे कभी उसके रूम मे कई बार नंगी देखा और अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके चोदने का सोच-सोच के खूब लंड हिलाया,
रवि- कभी तूने अपनी मम्मी को चोदने की कोशिश नही की
कारण- नही यार मेरी मम्मी बहुत सख़्त है इसलिए मेरी कभी हिम्मत ही नही पड़ी, हा किसी ना किसी बहाने से कभी अपनी मम्मी की मोटी गान्ड कभी उसके मोटे-मोटे दूध, और कभी उसकी गदराई जाँघो को ज़रूर छू कर मज़ा लिया है पर
चोदने का कभी मोका नही मिला और ना ही मेरी कभी हिम्मत ही पड़ी,
रवि- अबे यह बात तू मुझे पहले बता देता तो मे कुछ ना कुछ आइडिया तो तुझे ज़रूर दे देता,
करण- रहने दे यार तेरे आइडिया मुझे किसी भी दिन मरवा देंगे, मे तो अपनी मम्मी को चोदने की कल्पना करके लंड हिला
कर ही खुस हो लेता हू, मुझे कोई रिस्क नही लेना है,
रवि- खेर जैसी तेरी मर्ज़ी पर तूने अपनी मम्मी की चूत और गान्ड को जब से देखा होगा तब से तुझे भारी बदन वाली औरतो को ही चोदने का मन करता होगा,
करण- अरे मुझे तो अपनी मम्मी को ही चोदने का मन करता है लेकिन क्या करू, अपनी मम्मी की चूत मारने के लिए गान्ड मे दम भी तो होना चाहिए, अपनी मम्मी को फसा कर चोदना कोई मज़ाक तो नही है,
रवि- तू ठीक कहता है, लेकिन अगर तो कोशिश करता तो शायद सफल भी हो जाता, क्यो की औरतो को भी मोटे-मोटे लंड की बहुत चाह होती है, तूने अपना मोटा लोडा अपनी मम्मी को दिखा दिया होता तो शायद वह भी तेरी और ध्यान देने लगती,
करण- तू कहता तो ठीक है पर ऐसी स्थिति भी तो बनना चाहिए कि मे यह सब कर सकता
रवि- अरे यार ज़यादा कुछ नही तो अपनी मम्मी की फूली हुई चूत को एक बार सोते हुए ही अपनी मुट्ठी मे भर के तो देखता तुझे नही मालूम ऐसी गदराई औरतो की चूत को अपनी मुट्ठी मे भर कर मसल्ने मे कितना मज़ा आता है,
करण- अरे डियर अपनी मम्मी की चूत को तो मे कई बार जब वह गहरी नींद मे होती थी तब अपनी मुट्ठी मे भर कर
दबोचने क्या, एक बार तो उसकी साडी सोते हुए पूरी उपर हो गई थी और उसने पेंटी भी नही पहनी हुई थी और शायद झाँत के बाल भी उसने एक दिन पहले ही बनाए थे तब तू बात नही मानेगा मेने अपनी मम्मी की फूली हुई चूत पर अपने मुँह को रख कर जब उसकी गदराई मुलायम चूत को चूमा तो मेरा लंड अपना पेंट फाड़ कर बाहर आने को तड़प उठा, अपनी
मम्मी की फूली हुई चूत की मादक गान्ड ने मुझको पागल कर दिया था, मुझसे रहा नही गया और जब मेने हिम्मत
करके अपनी मम्मी की फूली हुई चूत की मोटी-मोटी गदराई फांको को अलग करने की कोशिश की वह एक दम से करवट ले कर लेट गई और मेरी तो गान्ड ही फॅट गई लेकिन किस्मत से मे बच गया तब से ज़्यादा कुछ नही करता हू, जब भी देखता हू कि वह गहरी नींद मे है तब कभी उसकी मोटी गान्ड को सहला लेता हू या फिर उसकी गदराई फूली हुई चूत पर अपना हाथ फेर लेता हू और फिर जाकर मूठ मार लेता हू
रवि- हाय तुझे तो बड़ा मज़ा आया होगा अपनी मम्मी की फूली हुई छूट को अपने हाथो मे भर कर दबोचने मे
करण- हा यार ऐसा मज़ा तो आदमी को पागल कर देता है
रवि- अपने मन मे सोचता हुआ, बेटे करण मेरा आधा सपना तो सच निकला पर तूने तेरी मम्मी को चोदा नही और मेरे
ख्वाबो मे तो तूने अपनी मम्मी को खूब कस-कस कर चोदा था, कही ऐसा तो नही कि तू पूरी बात मुझे बता नही रहा
है, खेर कोई बात नही, अगर तूने अपनी मम्मी को चोदा होगा तो एक ना एक दिन तू मुझे ज़रूर बताएगा,
रवि- करण तू मुझे अपनी होनेवाली बीबी की फोटो दिखाने वाला था ना
कारण- हाँ यार दिखाने वाला तो था लेकिन अभी तक तो फोटो मेरे पास नही आया है अब मेने ही नही देखा तो तुझे कहा
से दिखाऊ, लेकिन आज कल मे आ जाएगा फिट तुझे ज़रूर दिखाउँगा
रवि- चल ठीक है लेकिन शादी कब कर रहा है,
कारण- बस फोटो देख कर हाँ कहना है और फिर शादी की तैयारी शुरू
रवि- मतलब चट मँगनी और पट ब्याह
करण- हा यार अब चूत के बिना नही रहा जाता है, पर तूने यह नही बताया कि तू उस दिन किस लड़की को यहाँ लाया था, तूने
ज़रूर उसे मेरे बेड पर पूरी नंगी करके चोदा होगा,
रवि- तू ठीक कह रहा है, मेने उसकी उस दिन खूब कस कर चूत मारी थी, तू उसे नही जानता है, वह मेरी जान है और मे
उसी से शादी करने का सोच रहा हू पर
करण- पर क्या
रवि- अरे यार अब क्या बताऊ ना जाने किस मदर्चोद का रिश्ता उसके लिए आया है तब से वह बहुत रो रही है और मे भी
उसके लिए परेशान हू
करण- तो फिर अब क्या करेगा
रवि- सोचता हू जिस भोसड़ी वाले का रिश्ता उसके लिए आया है जाकर उसकी मा चोद दू
करण- हस्ते हुए, अबे तो जाकर चोद दे ना तुझे किसने रोका है
रवि- यार तुझे मज़ाक लग रहा है पर यह मेरे प्यार का सवाल है, मुझे कुछ समझ नही आ रहा है मे क्या करू
करण- एक कम क्यो नही करता, लड़की के मा-बाप से जाकर तू ही रिश्ता माँग ले
रवि- देखते है दोस्त क्या होता है, कुछ ना कुछ तो करना ही पड़ेगा,
दोनो दोस्त दिन भर आपस मे डिसकस करते हुए बिता देते है उसके बाद खाना खाकर रवि वही सो जाता है और जब शाम
होती है तो वह करण को बाइ करके अपने घर की ओर चल देता है,
रास्ते भर उसके दिमाग़ मे करण की बाते घूमती रहती है और वह करण की मम्मी की मस्तानी गान्ड और फूली हुई चूत को सोच-सोच कर उसका लोडा भनभनया रहता है, जब वह घर पहुचता है तो निशा और पायल बैठी हुई बाते करती रहती
है, और पायल रवि को देख कर
पायल- आ गये भाई साहब, कहाँ थे दिन भर
निशा- लगता है अपनी किसी गर्लफ्रेंड से मिल कर आ रहे है
रवि- उन दोनो को देख कर मुस्कुराता है और अपने रूम की ओर जाने लगता है, पायल का मन रवि से चिपकने के लिए सुबह से बेचैन रहता है और वह रवि को बड़ी हसरत भरी निगाहो से देखती है लेकिन अपनी भाभी के सामने कुछ नही कर पाती है, निशा पायल के चेहरे को पढ़ने की कोशिश करती है और फिर कुछ सोच कर,
निशा- पायल मे तो बैठे-बैठे थक गई हू, मैं थोड़ा अपने रूम मे जाकर आराम कर लू
पायल- अपनी भाभी की बात सुन कर खुस होते हुए, हाँ-हाँ क्यो नही भाभी मे भी थोड़ी देर अपने रूम मे जाकर लेट जाती
हू,
निशा- पायल को देख कर मुस्कुराते हुए, अरे अगर तुझे भी लेटने का मन कर रहा है तो चल मेरे साथ मेरे रूम मे
ही लेट जाना
पायल- एक दम घबरा कर नही-नही भाभी आप आराम से लेट जाओ मे तो थोड़ी देर बाद जाउन्गि,
निशा- मुस्कुराते हुए अपने रूम की ओर जाने लगती है और पायल अपनी भाभी को देखने लगती है, तभी निशा एक दम से
अपनी गर्दन घुमा कर पायल को देखती है और पायल एक दम से अपनी नज़रे चुराने लगती है, और निशा उसकी इस हरकत पर मंद-मंद मुस्कुराती हुई अपने रूम मे चली जाती है,
निशा के अपने रूम मे जाते ही पायल जल्दी से उठ कर रवि के रूम मे पहुच जाती है और रवि अपनी पेंट उतार कर पाजामा पहनने की तैयारी मे था तभी पायल मुस्कुराते हुए रवि के पास जाकर उसके अंडरवेार के उपर से ही उसका मोटा लंड पकड़ लेती है और
पायल- हाय क्या मस्त लंड है रे तेरा, दिन रात मे तेरे इस लंड के लिए बेचैन रहने लगी हू, और तू है कि अपनी दीदी की ओर ध्यान ही नही देता है
रवि- मुस्कुराता हुआ पायल के होंठो को चूमता हुआ, मेरी जान तुम्हारे लिए तो मे भी बहुत बेचैन रहता हू पर क्या
करू थोड़ा ज़रूरी काम था नही तो मे अपनी स्वीट दीदी को छोड़ कर कही जा सकता हू क्या, और पायल के मोटे-मोटे कसे
हुए गदराए दूध को अपने हाथो मे भर कर कस कर दबाने लगता है और उसका लंड अपनी दीदी के मोटे-मोटे दूध को
दबाते ही खड़ा हो जाता है, पायल से बर्दास्त नही होता है और वह रवि के अंडरवेार को थोड़ा नीचे सरका कर बैठ जाती
है और रवि के मोटे लंड को अपने मुँह मे भर कर लोलीपोप की तरह चूसने लगती है, लेकिन उन दोनो मे से किसी को भी इस बात का ध्यान नही रहता है कि दूसरी ओर निशा उन दोनो की उस हरकत को छुप कर देख रही है और निशा जब पायल को अपने भाई के तगड़े मोटे लंड को इतने प्यार से सहला-सहला कर चूस्ते देखती है तो उसकी चूत पूरी गीली हो जाती है, और वह रवि के मोटे लंड को बड़ी प्यासी निगाहो से देखने लगती है,
रवि- दीदी अब बस भी करो कही भाभी ना देख.... रवि के शब्द उसके मुँह मे ही रह जाते है क्योकि उसकी नज़र निशा के
उपर पड़ जाती है और वह देखता है कि निशा उसके मोटे लंड को बड़े गौर से देख रही है, तभी निशा की नज़र भी रवि की
नज़र से मिल जाती है और निशा के होश उड़ जाते है, और रवि अपनी भाभी के कामुक चेहरे को देख कर एक कमिनी मुस्कान अपनी भाभी की ओर मारता है और निशा तुरंत वहाँ से भाग जाती है,
क्रमशः........................