मैं आराम से चाय पीता रहा.. चाय पी कर मैं अपने रूम मे आ गया. ऑर बेड पर लेट गया.. वहाँ पर सोबिया के कपड़े एक शॉपार मे पड़े हुए थे.. मैने शॉपार को थोड़ा सा खोल कर देखा तो मुझे सोबिया का ब्रा नज़र आया..
मेरा बहुत दिल कर रहा था कि उसका ब्रा निकाल कर देखूं. मगर हिम्मत नही हो रही थी. ऑर डर भी लग रहा था कि कहीं कोई आ ना जाए. फिर मैने दिल मज़बूत कर के ब्रा निकाल ही ली.. मैं ब्रा को खोल कर देखने लगा.. मैने ब्रा को स्मेल की तो मुझे उस की स्मेल बहुत अच्छी लगी..
मेरे माइंड मे एक ख़याल आया ऑर मैने ब्रा को चुपके से अपनी पॉकेट मे डाला ऑर वॉशरूम मे आ गया..
वॉशरूम मे आ कर मैने ब्रो को पॉकेट से निकाला ऑर उसको स्मेल करने लगा.. उसकी स्मेल से मैं पागल हो रहा था.. मैने ब्रा का नंबर देखा तो उस पर 36 लिखा हुआ था.. मैं समझ गया कि सोबिया के ब्रा का साइज़ 36 है... मैं ब्रा को देखता रहा ऑर मेरा हाथ अपने लंड पर चला गया.
मैं ब्रा को हाथ मे लिए मूठ मारने लगा.. फिर मुझे ख़याल आया और मैने ब्रा को अपने लंड पर रखा ऑर फिर ब्रा को अपने लंड पर रगड़ने लगा.... मेरी साँसे तेज चल रही थी....
मैने 2 बार मूठ मारी ऑर ब्रा पर अपना पानी निकाल दिया.. अब जब कि मेरा पानी निकल चुका ऑर मैं रिलॅक्स हो गया तो मुझे ख़याल आया कि अब मैं ब्रा का क्या करूँ उसको तो धो कर वापस रखना पड़ेगा..
"वो कहते हैं ना कि जब इंसान की क़िस्मत ही खराब हो तो फिर कोई चीज़ साथ नही देती"
ठीक इसी तरह मेरे साथ भी उस टाइम हुआ..
मैने ब्रा को धोने के लिए पानी का नलका खोला तो पानी नही आ रहा था.. अब मैं परेशान हो गया.. मैने अपना पानी ब्रा पर रगड़ा ऑर फिर सोचा कि अब मेरा पानी सूख जाएगा ..
मैने सोचा था कि जब ब्रा सूख जाएगा तो फिर मैं उसके शोप्पर मे वापस रख दूंगा.. मगर जब मैं रूम मे गया तो अंबर खाला ऑर सोबिया रूम मे बैठे हुए थे.. सोबिया शायद कपड़े चेंज करने लगी थी..
मैं रूम मे एंटर हुआ तो अंबर खाला ने कहा: सोबिया, चल अयान वॉशरूम से निकल आया है अब तू जा कर कपड़े चेंज कर ले.. सोबिया ने अपना शोप्पर खोला तो मैं परेशान हो गया..
सोबिया गौर से शोप्पर को देख रही थी ऑर फिर उस ने सब कपड़े निकाल कर बेड पर रख दिए ऑर खाला से कहा कि : यार मेरा ब्रा नही मिल रहा है.
खाला: तू अपने साथ लाई ही नही होगी.
खाला के बिल्कुल भी माइंड में नही था कि मैं भी ऐसा कर सकता हूँ.
सोबिया: अरे यार मैं खुद ले कर आई हूँ. वो यहाँ उपर ही पड़ी थी.
खाला: नही यार देख, तेरे कपड़ों मे ही होगी..
सोबिया: नही है यार देख लिया है.. ऑर सोबिया फिर से कपड़ों मे ढूँढने लगी..
मैं डरा हुआ था.. मैं सोबिया की तरफ देख रहा था ऑर मुझे नही पता था कि अंबर खाला मेरी तरफ देख रही है.. मैने सोबिया की तरफ देखते हुए अपनी पॉकेट के उपर हाथ रखा ऑर उसका ब्रा पॉकेट के अंदर फील कर ने लगा..
मेरी ये हरकत अंबर खाला ने नोट कर ली..
अभी वो कुछ बात करने ही लगी थी कि सोबिया का मोबाइल फोन पर रिंग आ गई... सोबिया ने मोबाइल देखा तो उसके घर से कॉल आ रही थी..
सोबिया ने कॉल रिसीव की ऑर: हेलो
सोबिया को घर से न्यूज़ मिली कि उसके रिलेटिव्स मे किसी की डेथ हो गई है ऑर सब को वहाँ जाना है..
सोबिया परेशान हो गई.. ऑर अपने घर वालो को कहा कि """"ठीक है, मैं आ रही हूँ""""..
ये कह कर कॉल बंद कर दी.. सोबिया ने अंबार खाला की तरफ देखा तो अंबर खाला ने कहा कि कोई बात नही तू चली जा..
कुछ देर बाद मेन डोर पर दस्तक हुई मैने डोर ओपन किया तो सोबिया का भाई आया था उसको लेने के लिए..
सोबिया अपने भाई के साथ चली गई.. ऑर उसकी ब्रा मेरी पॉकेट मे ही रह गई.. मेरी पॉकेट उभरी हुई थी उसकी ब्रा की वजह से..
मैं डोर लॉक कर के आया तो खाला ने मुझे कहा: अयान, जब तुम रूम मे आए थे तो सोबिया का शोप्पर कहाँ पड़ा हुआ था.
मैं: यहाँ ही बेड पर पड़ा हुआ था..... क्यू???
अंबार खाला: हाँ वो, उसकी ब्रा नही मिल रही थी..
मैं: खाला ये ब्रा क्या होती है..
खाला मुस्कुरा पड़ी ऑर बोली: बताती हूँ
मैं रूम के डोर के पास खड़ा था... खाला मेरी तरफ आने लगी... मैं समझा कि खाला रूम से बाहर जा रही हैं..
खाला डोर की तरफ गई ऑर एक दम से वो हरकत की जिसकी मुझे ख्वाब ओ ख़याल मे भी तवक़्क़ो नही थी..
खाला ने एक दम से मेरी पॉकेट मे हाथ डाला ऑर सोबिया की ब्रा निकाल कर मुझे दिखाई ऑर बोली:
"""""ये होती है ब्रा""""""
खाला ने अचानक ही ये काम कर दिया था. जिसकी वजह से मैं एक दम डर गया. ऑर पीछे हो गया.
खाला ने मुझे गुस्से से कहा: तुम,,,, तुम ने ये ब्रा चोरी की थी सोबिया के शोप्पर से.
मैं खामोश रहा क्यू कि मेरी तो फट गई थी.
खाला: तुम इतने बड़े होगये हो कि अब तुम्हे गर्ल्स की ब्रा वग़ैरह की ज़रूरत भी पड़ने लगी.
ये तुम्हारी पॉकेट मे क्या कर रही थी
तुम इतने बड़े हो गये हो कि अब तुम्हे गर्ल्स के जिस्म की तलब होने लग गई है.
मैं: वो,, खाला आइ आम सॉरी.
खाला: क्या... सॉरी...??? क्या तुम समझते हो कि तुम्हारी ये हरकत सॉरी से ख़तम हो सकती है.
मैं तुम पर कितना ऐतबार करती थी ऑर तुम ने ऐसा किया. तुम ने मेरा ऐतबार ज़ाया कर दिया..
मैं खामोश रहा तो खाला एक बार फिर गुस्से से बोली..... बोलो, जवाब दो. खामोश क्यू हो.. हाआंणन्न्
मैं: खाला प्लेज मुझे माफ़ कर दो. मैं आइन्दा ऐसा नही करूँगा.
खाला ने ब्रा हाथ मे पकड़ी हुई थी. उनको ब्रा मे कुछ नमी नमी सी लगी.. उन्हो ने ब्रा को खोल कर देखा तो वो थोड़ी सी गीली हो रही थी.. गीली तो ब्रा ने होना ही था.. क्यू कि उस पर मेरे लंड का पानी जो गिर चुका था...
खाला: ये गीली केसे हो रही है....????
मैं: वो,,, वो मेरे हाथ से गिर गई थी... वॉशरूम मे..
खाला ने ब्रा को स्मेल कर के देखा ऑर हैरान हो गई..
खाला ने फिर मुझे गुस्से से बोला: अयान तुम,,,,, तुम ऐसी हरकत केसे कर सकते हो..
मैं: खाला मुझे माफ़ कर दो.
खाला: ये गीली केसे हो रही है.. क्या किया है तुम ने????
मैं: वो खाला मुझसे वॉशरूम मे गिर गई थी..
खाला: मेरे क़रीब आ कर गुस्से से.... तुम मुझसे एक ऑर झूट बोल रहे हो... ये वॉशरूम मे गिरी नही है.. इस पर तुम्हारे लंड का पानी निकला हुआ है..
तुम ने इस ब्रा पर मूठ मारी है..,,,
मैं दिल ही दिल मे हैरान हुआ कि खाला को लंड के पानी का पता है... मगर मैं कुछ ना बोला. क्यू कि उस टाइम खाला बहुत गुस्से मे थी.. मैं कुछ नही बोला.. बस खामोश रहा..
खाला मेरे क़रीब आई ऑर मेरा फेस उपर कर के मुझसे बोली: अयान तुम्हे ऐसी क्या ज़रूरत पड़ गई कि तुम ने ऐसी हरकत की...
मैं खामोश रहा... ऑर खाला गुस्से मे बाहर चली गई.. मैं वहाँ ही रूम मे ही खड़ा हुआ था अपनी जगह पर.. मैं बहुत शर्मिंदा था.. क्यू कि खाला ने मुझे रंगे हाथों पकड़ लिया था.....
मुझ मे हिम्मत नही हो रही थी कि जा कर खाला से बात करूँ....... मैं जा कर रूम मे बैठ गया...
कुछ देर बाद मैने फ़ैसला कर लिया कि मैं जा कर खाला से बात करूँ ऑर उन से सॉरी बोलूं..
मैं रूम से बाहर निकला तो देखा कि खाला किचन मे थी.... मैं किचन मे गया.. मेरे क़दमो की आहट से खाला ने एक नज़र मूड कर मेरी तरफ देखा ऑर फिर से अपने काम मे लग गई..... मैं जा कर खाला के पास खड़ा हो गया.. मगर खाला ने मुझ पर नज़र नही डाली ऑर मैं भी सिर झुकाए खड़ा रहा..
मैने हिम्मत कर के खाला का एक हाथ पकड़ लिया मगर मुँह से कुछ ना बोला.. खाला ने मेरी तरफ देखे बिना ही मेरे हाथ को झटक दिया ऑर मेरा हाथ पीछे कर दिया.. अभी तक हम दोनो के दरमियाँ कुछ बात चीत नही हुई थी......
खाला ने जब मेरा हाथ झटक दिया तो मेरी आँखो मे आँसू आ गये.. क्यू कि मैं भी खाला से बहुत प्यार करता था...... मैं बचपन से उसी के पास रहा था ऑर मुझे अहसास था कि मेरी इस हरकत से वो हर्ट हुई होगी..
मैने एक बार फिर से खाला का हाथ पकड़ा ऑर खाला ने फिर मेरे हाथ से अपना हाथ छुड़ा लिया... मैं एक दम नीचे बैठ कर खाला के पाँव पकड़ लिए..
मैं: खाला प्लीज़ मुझे मारो. बहुत पिटाई करो मेरी.... मगर मुझसे नाराज़ ना हो.. मगर खाला ने मुझे उठा कर पीछे कर दिया.. वो सच मे मुझसे नाराज़ हो रही थी.... क्यू कि अगर वो भी मुझसे सेक्स करना चाहती थी. मगर वो भी बर्दाश्त नही कर सकती थी कि मैं किसी ऑर लड़की की तरफ जाऊ...
मुझे रोना आ गया.. ऑर मैं रो पड़ा... खाला ने मेरी तरफ देखा ऑर मुझे नरम लहजे मे कहा कि अयान यहाँ पर गर्मी है.. तुम रूम मे जा कर लेटो.. मैं आती हूँ. वहाँ ही बात करेंगे.... लेकिन खाला के लहजे से सॉफ पता लग रहा था कि वो गुस्से मे है ऑर मुझसे नाराज़ है.....
मेरी आँखो मे अभी भी आँसू थे... मैं खामोश सा किचन से बाहर निकलने लगा.. खाला मूड कर मेरी तरफ ही देख रही थी...
मैं रूम की तरफ जाने की बजाए मैं डोर की तरफ जाने लगा...
खाला ने मुझे पीछे से आवाज़ दी ऑर बोली: आयाआअन्न्न्न्न,, कहाँ जा रहे हो.. मगर मैने पीछे मूड कर नही देखा ऑर ना ही खाला की बात का कोई जवाब दिया..
मैं मेन डोर तक पहुँचने ही वाला था कि खाला मेरे पीछे पीछे भागती हुई आई ओर मुझे पकड़ लिया... ऑर पूछा:
खाला: बाहर कहाँ जा रहे हो??
मैं: खामोश रहा.. ऑर मेरी आँखों मे आँसू थे..
मेरी आँखों मे आँसू देख कर खाला ने मेरा हाथ पकड़ा ऑर मुझे ज़बरदस्ती रूम मे ला कर बिठा दिया.. ऑर मेरे साथ ही बेड पर बैठ गई... ऑर मुझे देखने लगी.. मगर मैने अपना सिर झुकाया हुआ था....
खाला: गुस्से से.. ये क्या बात हुई कि ग़लती भी तुम ने ही की है.. ऑर ये बताओ कि तुम घर से बाहर कहाँ जा रहे थे..
मैं: मैं अपने घर जा रहा था..
खाला: क्यू जा रहे थे तुम अपने घर हाआआआआअन्न्णेणन्....
तुम ने ग़लती की है. अब मैं तुमसे नाराज़ भी नही हो सकती क्या???
मैं : रोते हुए.. खाला आप बेशक मेरी पिटाई कर लो.. मुझे थप्पड़ मारो.. मगर मुझसे नाराज़ ना हो प्लीज़.. मैं आपकी नाराज़गी बर्दाश्त नही कर सकता............प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़....
मैने खाला के सामने हाथ जोड़ दिए.. खाला की आँखों मे भी आँसू आ गये.. ऑर उन्हो ने मुझे एक दम से अपने सीने से लगा लिया....
खाला: अयान तुम्हे पता है ना कि मैं तुमसे कितना प्यार करती हूँ..
मैं: खाला के सीने से लगा हुआ था मगर खामोश था...
खाला: मैं नही चाहती कि तुम किसी ऑर लड़की के पास जाओ..
जब खाला ने ये बात की तो मैने सिर उठा कर खाला की तरफ देखा.. उनकी आँखों मे भी आँसू थे...
मैं: खाला मैं भी आपसे बहुत प्यार करता हूँ... आप मुझसे नाराज़ नही हो ना...
मैने खाला के आँसू सॉफ किए.. क्यू कि ये तो सच था कि मैं उसकी आँखों मे आँसू नही देख सकता था...
मैने जब खाला के आँसू सॉफ किए तो खाला ने मेरे गाल पर किस की.. ऑर फिर दूसरे गाल पर किस की... ऑर बोली:
अच्छा अब नाराज़गी ख़तम हो गई है. अब ये बात डीस्कस्स नही होगी... ऐसे बिहेव करना है कि जेसे कुछ हुआ ही नही..
मैने खुशी से खाला के गाल पर किस कर दी... खाला भी मुस्कुराने लगी.. ऑर कहा कि तुम ने बदला पूरा नही किया..
मैं: कॉन सा बदला
खाला: मैने तुम्हे 2 किस की थी ऑर तुम ने मुझे सिर्फ़ 1 ही किस की.....
मैने कहा कि चलो मैं बदला पूरा कर देता हूँ..
मैं आगे हुआ ऑर खाला के एक गाल पर किस की ऑर फिर दूसरे गाल पर किस की...
उसके बाद मैने वैसे ही खाला के माथे पर भी किस की...
मैने प्यार भरे अंदाज़ मे खाला के माथे पर किस की तो खाला बहुत खुश हो गई.....
फिर वो मेरे बालों मे फिंगर्स मूव कर के मुझे बोली::: अच्छा थोड़ा सा काम रह गया है.. मैं काम ख़तम कर के आती हूँ....
खाला रूम से बाहर जाने लगी तो मैं भी उनके पीछे पीछे आया ऑर खाला का हाथ पकड़ लिया ऑर उनके साथ ही किचन मे आ गया..