hotaks444
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ननद की ट्रैनिंग – भाग 3
नीचे गाना पूरी ज़ोर से चल रहा था. बिचारी अल्पना को अकेली पा के सब लोग रगड़ रहे थे, खास कर मेरी बड़ी ननद लाली. मुझे देखते ही उसके जान मे जान आई और उसने गुड्डी को छेड़ना शुरू कर दिया,
"गालों पे है किसके निशान "
और मेरी एक रिश्ते की देवरानी गूंजा, जिसकी शादी तीन चार महीने पहले ही हुई थी और जो शाम को गांव से आई थी ने जवाब दिया ,
होंठ किसी के मेहर बान और एक गाना शुरू किया,
" अरे सब कुच्छ तो लाई लिहाला गाल जिन काटा, हे जीजा बहुते खराब तू त बता"
किसी ने और छेड़ा, अरे गुड्डी तुम तो पान नही खाती थी,
तो मैं बोली अरे बस देखती जाइए मेरी ये छोटी ननद क्या क्या घोंटति है.
कोई और बोला, पान का रंग बड़ा कस के चढ़ा है
तो मैं बोली, " अरे देखिए अभी गुड्डी जी के उपर क्या क्या चढ़ता है,"
गूंजा ने मेरी बात काटकर, पुछा, " अरे, आदमी ही चढ़ेगा या "
" अरे गधा, घोड़ा, सब कुच्छ" मैं हँसते हुए बोली और गाने के लिए ढोलक अपनी और खींची. अल्पी मेरी बड़ी ननद लाली की ओर इशारा करके बोली, दीदी आप नही थी ना तो मुझे अकेले"
"अच्छा तो अब सुनाती हू इनका हाल" मैं बोली. गूंजा, मेरी जेठानी, गुलाबो सब मेरा साथ दे रही थी.मैने लाली को टारगेट कर सुनना शुरू किया
" अरे हमारी ननदी पक्की छिनार अरे हमारी लाली हमारी गुड्डी पक्की छिनार
अरे ननदी रानी के , लाली साली के , गुड्डी छिनार के दो दो यार,
एक जाए आगे , दूसर पिछवाड़े, बचा नही कोई नऊआ कहार
हमारी ननदी रानी के दस दस है यार.. " अरे हमारी ननदी पक्की छिनार"
" अरे पिछवाड़े से भी, साथ साथ या", उन्हे चिड़ाते हुए,अल्पी ने मेरी देवरानी गूंजा से पुछा.
" अरे साथ साथ, अगर बारी बारी से मरवाना होता तो, बुर ही ना चुदवा लेती ननद रानी" वो बोली.
" अरे तुम्हे पता नही इनके इस मस्त चूतड़ के सारे दीवाने है " ,मेरी बड़ी ननद लाली की ओर इशारा करके ,मेरी एक जेठानी हँसते हुए, बोली.
" अरे मैं तो समझती थी कि मेरे ससुराल के मर्द ही सिर्फ़ गंडुए है पर ननदे भी गान्ड मरवाने की रसिया है आज पता चला." हँसते हुए मैं बोली
नीचे गाना पूरी ज़ोर से चल रहा था. बिचारी अल्पना को अकेली पा के सब लोग रगड़ रहे थे, खास कर मेरी बड़ी ननद लाली. मुझे देखते ही उसके जान मे जान आई और उसने गुड्डी को छेड़ना शुरू कर दिया,
"गालों पे है किसके निशान "
और मेरी एक रिश्ते की देवरानी गूंजा, जिसकी शादी तीन चार महीने पहले ही हुई थी और जो शाम को गांव से आई थी ने जवाब दिया ,
होंठ किसी के मेहर बान और एक गाना शुरू किया,
" अरे सब कुच्छ तो लाई लिहाला गाल जिन काटा, हे जीजा बहुते खराब तू त बता"
किसी ने और छेड़ा, अरे गुड्डी तुम तो पान नही खाती थी,
तो मैं बोली अरे बस देखती जाइए मेरी ये छोटी ननद क्या क्या घोंटति है.
कोई और बोला, पान का रंग बड़ा कस के चढ़ा है
तो मैं बोली, " अरे देखिए अभी गुड्डी जी के उपर क्या क्या चढ़ता है,"
गूंजा ने मेरी बात काटकर, पुछा, " अरे, आदमी ही चढ़ेगा या "
" अरे गधा, घोड़ा, सब कुच्छ" मैं हँसते हुए बोली और गाने के लिए ढोलक अपनी और खींची. अल्पी मेरी बड़ी ननद लाली की ओर इशारा करके बोली, दीदी आप नही थी ना तो मुझे अकेले"
"अच्छा तो अब सुनाती हू इनका हाल" मैं बोली. गूंजा, मेरी जेठानी, गुलाबो सब मेरा साथ दे रही थी.मैने लाली को टारगेट कर सुनना शुरू किया
" अरे हमारी ननदी पक्की छिनार अरे हमारी लाली हमारी गुड्डी पक्की छिनार
अरे ननदी रानी के , लाली साली के , गुड्डी छिनार के दो दो यार,
एक जाए आगे , दूसर पिछवाड़े, बचा नही कोई नऊआ कहार
हमारी ननदी रानी के दस दस है यार.. " अरे हमारी ननदी पक्की छिनार"
" अरे पिछवाड़े से भी, साथ साथ या", उन्हे चिड़ाते हुए,अल्पी ने मेरी देवरानी गूंजा से पुछा.
" अरे साथ साथ, अगर बारी बारी से मरवाना होता तो, बुर ही ना चुदवा लेती ननद रानी" वो बोली.
" अरे तुम्हे पता नही इनके इस मस्त चूतड़ के सारे दीवाने है " ,मेरी बड़ी ननद लाली की ओर इशारा करके ,मेरी एक जेठानी हँसते हुए, बोली.
" अरे मैं तो समझती थी कि मेरे ससुराल के मर्द ही सिर्फ़ गंडुए है पर ननदे भी गान्ड मरवाने की रसिया है आज पता चला." हँसते हुए मैं बोली