desiaks
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हैलो दोस्तों मेरा नाम अमन है। मैं साउथ दिल्ली में अपने परिवार के साथ किराए के मकान में रहता हंू। दोस्तों आज मैं आपको अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूं। हां तो मैं मकान के तीसरे फ्लोर पर रहता हंू, दूसरे फ्लोर पर एक नया शादीशुदा जोड़ा रहता है। लड़के की उम्र करीब 28 साल और लड़की की उम्र यही कोई 25 साल होगी। इसलिये मैं उनको भैया और भाभी बोलता था।
मेरे हसमुख स्वभाव के कारण दोनो परिवारों के बीच अच्छे संबंध हो गए थे और अक्सर एक दूसरे के यहां आना जाना शुरू हो गया। भाभी ग्रेजुएट थी, इसलिये मैं उनसे स्टडी टिप्स लेने जाना शुरू कर दिया। लेकिन दोस्तों उनके 36-24-36 फिगर को देखकर उन्हे ऊपर से लेकर नीचे तक देखे बिना रहा नहीं जाता था। उनके चुस्त सलवार कमीज से गजब का उभार लिए उनका अध ढके गोरे बूब्स और मस्त टाईट गांड मेरे सेक्स अरमानों में हलचल सी मचाने लगते थे। उनके कुर्ते से दिखती ब्रा मेरी आखों को ठंडक तो देती थी और साथ ही मेरे जिस्म में सनसनी सी मचा देती थी। मेरी उन हरकतों पर भाभी ध्यान तो देती थी पर न जाने क्यों हलकी सी मुस्कराहट के साथ नजरअंदाज कर देती थी। धीरे धीरे मेरे और भाभी के बीच बातचीत का सिलसिला बढ़ने लगा और अब भईया के जाने के बाद भाभी मुझे टाइमपास करने के लिए अक्सर बुलाने लगी और इसके साथ ही मेरी कामुक इच्छाओ का तालाब धीरे धीरे सागर बनता जा रहा था। फिर मैने सेक्सी बातें करना शुरू कर दिया, पहले तो उन्होंने कोई रिसपांस नहीं दिया लेकिन बाद में भाभी ने मजा लेना शुरू कर दिया।
एक दिन मैंने उन्हें हल्के गुलाबी सलवार कमीज में देखकर कहा भाभी आज तो आप बहुत गजब की लग रही हो, मन कर रहा है कि आपको बाहों में भर कर एक जोर का किस कर लंू। पहले तो वो एकदम अवाक रह गयी फिर थोड़ा रूककर बोली कि अगर इतना ही मन है तो आज तुम्हारे पास चांस है क्योंकि आज भईया दिल्ली से बाहर गये है। फिर क्या था मुझे भाभी का मन पढ़ने में जरा भी समय न लगा, और मैने भाभी को पूरी तरह बाहों में भर लिया जोर से उनके होठों को चूमने लगा। अब हम दोनों एक दूसरे के शरीर की गर्मी अच्छे से महसूस कर रहे थे। करीब 5 मिनट तक किस करने के बाद मैंने भाभी के नरम नरम बूब्स दबाने शुरू कर दिये और इसी के साथ भाभी का मचलना शुरू हो गया। अब बिना इंतजार किये मैने उनका कुर्ता उतार दिया और सफेद ब्रा में लिपटे गोरे गोरे मम्मों को चूसने लगा और धीरे से उनकी ब्रा का हुक खोलकर उसे हटा दिया और उनके सख्त सफेद मम्मों को पके आम की तरह चूसना शुरू कर दिया।
भाभी के निप्पल इतने टाइट थे कि चूसने का मजा दुगुना कर रहे थे। अब मैं कभी उनको किस करता तो कभी उनके मम्मों को चूसता। फिर धीरे से मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोलकर उसे उतार दिया और गोरी, मुलायम टांगों के बीच लाल पेंटी में छिपी चूत को निहारने लगा, फिर जल्द ही मैंने उनकी लाल पेंटी उतार दी जो पूरी तरह से उनकी चूत के पानी से गीली हो चुकी थी, भाभी की चूत पर एक भी बाल नहीं था फिर मैं उनकी चूत को उंगली से धीरे धीरे सहलाने लगा फिर जैसे ही मैंने उनकी चूत के दाने को मसलना शुरू किया भाभी की सिसकियां निकलने लगी। भाभी का पानी निकल चुका था और वह एक बार झड़ चुकी थी इसके बाद भाभी ने खुद अपनी ब्रा और मेरी शर्ट और पैन्ट उतारी। अब हम दोनो पूरी तरह से नंगे थे, इसके बाद मैंने चूत चाटना शुरू किया, दोंस्तों यह मेरा चूत चाटने का फस्र्ट टाइम था और मैंने इसे खूब एंज्वाय किया जिसमें भाभी मेरा भरपूर साथ दे रही थी।
अब बारी थी मेरे लंड की, मेरे करीब 7 इंच लंबे, मोटे और तने लंड को देखकर भाभी से न रहा गया और उसे दोनो हाथों से कस कर पकड़ते हुए बोली कि तुम्हारा लंड तो भईया से भी बड़ा है, फिर मैंने भी कह दिया कि कुछ कमाल तुम भी तो करो और मेरा इशारा समझते ही भाभी ने मेरा पूरा लंड अपने मुंह में भर लिया और जोर जोर से लंड चूसने लगी, और मुझे एक अनोखा अहसास मिलने लगा। फिर मैंै भी जोर से झटके देने लगा और भाभी का पूरा साथ दिया, करीब 5 मिनट तक चूसने के बाद भाभी ने मेरा लंड अपने मुह से निकाला। अब जो मेरा लंड पूरी तरह से गीला हो चुका था मैने उसको भाभी की गीली चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया और इसी के साथ भाभी की आहें निकलने लगी। और भाभी बोली कि अमन अब जल्दी से मुझे चोद डालो अपने मोटे करारे लंड से मेरी फड़कती चूत की गर्मी शांत कर दो पर मै अपनी पहली चूत चुदाई को पूरा एंज्वाय करना चाहता था इसलिये मै भाभी के चूत के दाने के साथ अपने लंड से खेलने लगा। इसी के साथ भाभी की जोश अपने चरम पर पहंुच गया था। भाभी ने फिर से कहा कि मुझसे रहा नहीं जा रहा प्लीज अमन अब तो मेरी चुदाई करो।
इस बार मैंने उनकी बात मान ली और तने अपने लंड को भाभी की गुलगुली चूत में हलके झटके के साथ डाल दिया और चूत में जाते ही मेरा लंड का टोपा पूरा हट गया और मुझे थोड़े दर्द का अहसास हुआ लेकिन यह दर्द मेरी उस खुशी को दुगना कर रहा था जो मुझे पहली बार किसी की चूत चोदने पर मिल रही थी। इसके बाद मैने एक तेज झटका देकर पूरा लंड भाभी की चूत मे घुसा दिया और उनके मुंह से जोर की चीख निकल गई। फिर मैंने झटके तेज कर दिए और भाभी की आवाजें बदलने लगी, और हम दोनों चुदाई का भरपूर मजा ले रहे थे।
मेरा लंड भाभी की टाईट चूत में रगड़ रगड़ कर अपना कमाल दिखा रहा था और भाभी कसकर मुझे अपनी बाहों में भरे हुए थी, काफी देर तक चोदने के बाद जब मेरे झड़ने के साथ मेरा पानी निकलने का समय आया तो मैंने भाभी से पूछा कि पानी कहां निकालूंू तो भाभी ने कहा कि अन्दर ही छोड़ दो। और उनके कहने पर मै भाभी की चूत में ही झड़ गया। और फिर धीरे से अपना लंड भाभी की चूत से निकाल दिया, मेरे लंड पर हल्का खून लगा हुआ था जिसे भाभी ने कपड़े से पोंछ दिया। इस तरह हमने चुदाई का भरपूर मजा लिया।
हां, तो दोस्तों यह मेरी पहली चूत चुदाई की कहानी थी। उम्मीद करता हूं कि आप लोगों को पसंद आयी होगी। पढ़ने के लिए धन्यवाद।
मेरे हसमुख स्वभाव के कारण दोनो परिवारों के बीच अच्छे संबंध हो गए थे और अक्सर एक दूसरे के यहां आना जाना शुरू हो गया। भाभी ग्रेजुएट थी, इसलिये मैं उनसे स्टडी टिप्स लेने जाना शुरू कर दिया। लेकिन दोस्तों उनके 36-24-36 फिगर को देखकर उन्हे ऊपर से लेकर नीचे तक देखे बिना रहा नहीं जाता था। उनके चुस्त सलवार कमीज से गजब का उभार लिए उनका अध ढके गोरे बूब्स और मस्त टाईट गांड मेरे सेक्स अरमानों में हलचल सी मचाने लगते थे। उनके कुर्ते से दिखती ब्रा मेरी आखों को ठंडक तो देती थी और साथ ही मेरे जिस्म में सनसनी सी मचा देती थी। मेरी उन हरकतों पर भाभी ध्यान तो देती थी पर न जाने क्यों हलकी सी मुस्कराहट के साथ नजरअंदाज कर देती थी। धीरे धीरे मेरे और भाभी के बीच बातचीत का सिलसिला बढ़ने लगा और अब भईया के जाने के बाद भाभी मुझे टाइमपास करने के लिए अक्सर बुलाने लगी और इसके साथ ही मेरी कामुक इच्छाओ का तालाब धीरे धीरे सागर बनता जा रहा था। फिर मैने सेक्सी बातें करना शुरू कर दिया, पहले तो उन्होंने कोई रिसपांस नहीं दिया लेकिन बाद में भाभी ने मजा लेना शुरू कर दिया।
एक दिन मैंने उन्हें हल्के गुलाबी सलवार कमीज में देखकर कहा भाभी आज तो आप बहुत गजब की लग रही हो, मन कर रहा है कि आपको बाहों में भर कर एक जोर का किस कर लंू। पहले तो वो एकदम अवाक रह गयी फिर थोड़ा रूककर बोली कि अगर इतना ही मन है तो आज तुम्हारे पास चांस है क्योंकि आज भईया दिल्ली से बाहर गये है। फिर क्या था मुझे भाभी का मन पढ़ने में जरा भी समय न लगा, और मैने भाभी को पूरी तरह बाहों में भर लिया जोर से उनके होठों को चूमने लगा। अब हम दोनों एक दूसरे के शरीर की गर्मी अच्छे से महसूस कर रहे थे। करीब 5 मिनट तक किस करने के बाद मैंने भाभी के नरम नरम बूब्स दबाने शुरू कर दिये और इसी के साथ भाभी का मचलना शुरू हो गया। अब बिना इंतजार किये मैने उनका कुर्ता उतार दिया और सफेद ब्रा में लिपटे गोरे गोरे मम्मों को चूसने लगा और धीरे से उनकी ब्रा का हुक खोलकर उसे हटा दिया और उनके सख्त सफेद मम्मों को पके आम की तरह चूसना शुरू कर दिया।
भाभी के निप्पल इतने टाइट थे कि चूसने का मजा दुगुना कर रहे थे। अब मैं कभी उनको किस करता तो कभी उनके मम्मों को चूसता। फिर धीरे से मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोलकर उसे उतार दिया और गोरी, मुलायम टांगों के बीच लाल पेंटी में छिपी चूत को निहारने लगा, फिर जल्द ही मैंने उनकी लाल पेंटी उतार दी जो पूरी तरह से उनकी चूत के पानी से गीली हो चुकी थी, भाभी की चूत पर एक भी बाल नहीं था फिर मैं उनकी चूत को उंगली से धीरे धीरे सहलाने लगा फिर जैसे ही मैंने उनकी चूत के दाने को मसलना शुरू किया भाभी की सिसकियां निकलने लगी। भाभी का पानी निकल चुका था और वह एक बार झड़ चुकी थी इसके बाद भाभी ने खुद अपनी ब्रा और मेरी शर्ट और पैन्ट उतारी। अब हम दोनो पूरी तरह से नंगे थे, इसके बाद मैंने चूत चाटना शुरू किया, दोंस्तों यह मेरा चूत चाटने का फस्र्ट टाइम था और मैंने इसे खूब एंज्वाय किया जिसमें भाभी मेरा भरपूर साथ दे रही थी।
अब बारी थी मेरे लंड की, मेरे करीब 7 इंच लंबे, मोटे और तने लंड को देखकर भाभी से न रहा गया और उसे दोनो हाथों से कस कर पकड़ते हुए बोली कि तुम्हारा लंड तो भईया से भी बड़ा है, फिर मैंने भी कह दिया कि कुछ कमाल तुम भी तो करो और मेरा इशारा समझते ही भाभी ने मेरा पूरा लंड अपने मुंह में भर लिया और जोर जोर से लंड चूसने लगी, और मुझे एक अनोखा अहसास मिलने लगा। फिर मैंै भी जोर से झटके देने लगा और भाभी का पूरा साथ दिया, करीब 5 मिनट तक चूसने के बाद भाभी ने मेरा लंड अपने मुह से निकाला। अब जो मेरा लंड पूरी तरह से गीला हो चुका था मैने उसको भाभी की गीली चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया और इसी के साथ भाभी की आहें निकलने लगी। और भाभी बोली कि अमन अब जल्दी से मुझे चोद डालो अपने मोटे करारे लंड से मेरी फड़कती चूत की गर्मी शांत कर दो पर मै अपनी पहली चूत चुदाई को पूरा एंज्वाय करना चाहता था इसलिये मै भाभी के चूत के दाने के साथ अपने लंड से खेलने लगा। इसी के साथ भाभी की जोश अपने चरम पर पहंुच गया था। भाभी ने फिर से कहा कि मुझसे रहा नहीं जा रहा प्लीज अमन अब तो मेरी चुदाई करो।
इस बार मैंने उनकी बात मान ली और तने अपने लंड को भाभी की गुलगुली चूत में हलके झटके के साथ डाल दिया और चूत में जाते ही मेरा लंड का टोपा पूरा हट गया और मुझे थोड़े दर्द का अहसास हुआ लेकिन यह दर्द मेरी उस खुशी को दुगना कर रहा था जो मुझे पहली बार किसी की चूत चोदने पर मिल रही थी। इसके बाद मैने एक तेज झटका देकर पूरा लंड भाभी की चूत मे घुसा दिया और उनके मुंह से जोर की चीख निकल गई। फिर मैंने झटके तेज कर दिए और भाभी की आवाजें बदलने लगी, और हम दोनों चुदाई का भरपूर मजा ले रहे थे।
मेरा लंड भाभी की टाईट चूत में रगड़ रगड़ कर अपना कमाल दिखा रहा था और भाभी कसकर मुझे अपनी बाहों में भरे हुए थी, काफी देर तक चोदने के बाद जब मेरे झड़ने के साथ मेरा पानी निकलने का समय आया तो मैंने भाभी से पूछा कि पानी कहां निकालूंू तो भाभी ने कहा कि अन्दर ही छोड़ दो। और उनके कहने पर मै भाभी की चूत में ही झड़ गया। और फिर धीरे से अपना लंड भाभी की चूत से निकाल दिया, मेरे लंड पर हल्का खून लगा हुआ था जिसे भाभी ने कपड़े से पोंछ दिया। इस तरह हमने चुदाई का भरपूर मजा लिया।
हां, तो दोस्तों यह मेरी पहली चूत चुदाई की कहानी थी। उम्मीद करता हूं कि आप लोगों को पसंद आयी होगी। पढ़ने के लिए धन्यवाद।