hotaks444
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अपने पति के तेवर देख कर वो तुरंत चुप हो जाती है और नाश्ता बनाने में लग जाती है और धीरे से नेहा से कहती है अब जा न यहां से और जल्दी से तैयार हो कर आ, क्या दोपहर का खाना भी बनवायेगी क्या? नेहा ने मुस्कुराते हुए अपनी सास को जल्दी जल्दी सब सामान कहां पडे़ है बताया और किचन से बाहर निकल गई।
वो तेजी से अपने रुम की तरफ़ जा रही थी और नाश्ते की टेबल पर बैठा सनी उसकी बड़ी बड़ी गांड़ को हुलते देख कर आंहे भर रहा था।
अभी नेहा को उपर गये मुश्किल से पांच मिनट ही हुए थे कि उसकी मां फ़िर बड़्बड़ाने लगी और बाहर आ कर चिल्लाकर पूछने लगी कि बेसन का डब्बा कहां रखा है नेहा? लेकिन वो शायद अपने कमरे में जा चुकी थी इसलिये शायद वो सुन नहीं पाई
सो उसकी मां को कई जवाब नही मिला। उसने दो तीन बाहर जोर से चिल्लाया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला तो उसने झुंझलाते हुए सनी को कहा जा तो बेटा उपर जा कर तेरी भाभी से पूछ कर बता बेसन का डिब्बा कहां रखा है उसने ? "दिया" तो थी एक नंबर की आलसी सीढी चढना तो जैसे उसके लिये सजा से कम नहीं था सो ये काम तो सनी को ही करना था।
अब सनी उपर जाता है और भाभी के कमरे बाहर से उन्हें पुकारता है, भाभी। लेकिन कोई जवाब नहीं मिलता वो फ़िर उसी तरह फ़िर से दो तीन बार चिल्लाता है लेकिन कोई जवाब नहीं मिलता तो उसे काफ़ी आश्चर्य होता है और वो दरवाजे को धक्का दे कर अंदर जाता है।
लेकिन वहां नेहा तो थी ही नहीं वो फ़िर कहता है ,भाभी ! लेकिन वो वहां होती तो जवाब देती न। अब वो भाभी के कमरे के पिछले दरवाजे के परदे को हटा कर बाल्कनी में जाता है लेकिन भाभी वहां भी नहीं थी। वो सोच ही रहा था कि आखिर ये गई कहां?
तभी नेहा कमरे में आती है और जल्दी से कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर देती है।
वो बाहर निकलना चाहता ही था कि उसे नेहा की चूड़ीयों की आवाज सुनाई देने लगती है खन खन खन खन , अनुभवी सनी तुरंत समझ जाता है कि उसकी भाभी अब अपने कपड़े उतार रही है और अब बाथरुम में जा कर नहायेगी। छत में कूलर के छेद से वो कई बार अपनी भाभी को कपड़े
बदलते हुए देख चुका था और इस दौरान होने वाली उसकी चूड़ियों की अवाज को अच्छी तरह से पहचानता था। सनी के रोम रोम में नेहा समा चुकी थी।
नेहा का नंगा बदन उसकी आंखों के आगे घूमने लगा और नंगी नेहा की कल्पना कर के ही उसका लंड़ बुरी तरह से खड़ा हो गया। वो चाहता तो तुरंत बाहर कर भाभी को रोक सकता था और कमरे से बाहर जा सकता था लेकिन एक ही कमरें दोनों के होने और उसके सामने ही नेहा के कपड़े बदले जाने से सनी की अपनी भाभी के रसीले बदन को चोदने की तमन्ना के कारण वो ऐसा नहीं कर सका .
और आज तो हद ही हो गई देवर,भाभी दोनों एक ही कमरे में और भाभी एक्दम नंगी . सनी के लिये तो जैसे तमाम परिस्थिति उसके हाथ में थी जिस मौके को बनाने के लिये वो योजना बना रहा था वो तो उसे इतनी जल्दी मिल गया इसकी तो उसने कल्पना भी नहीं की थी। इसीलिये उसने रुम में पड़े रहने में ही अपना फ़ायदा नजर आया।
वो तेजी से अपने रुम की तरफ़ जा रही थी और नाश्ते की टेबल पर बैठा सनी उसकी बड़ी बड़ी गांड़ को हुलते देख कर आंहे भर रहा था।
अभी नेहा को उपर गये मुश्किल से पांच मिनट ही हुए थे कि उसकी मां फ़िर बड़्बड़ाने लगी और बाहर आ कर चिल्लाकर पूछने लगी कि बेसन का डब्बा कहां रखा है नेहा? लेकिन वो शायद अपने कमरे में जा चुकी थी इसलिये शायद वो सुन नहीं पाई
सो उसकी मां को कई जवाब नही मिला। उसने दो तीन बाहर जोर से चिल्लाया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला तो उसने झुंझलाते हुए सनी को कहा जा तो बेटा उपर जा कर तेरी भाभी से पूछ कर बता बेसन का डिब्बा कहां रखा है उसने ? "दिया" तो थी एक नंबर की आलसी सीढी चढना तो जैसे उसके लिये सजा से कम नहीं था सो ये काम तो सनी को ही करना था।
अब सनी उपर जाता है और भाभी के कमरे बाहर से उन्हें पुकारता है, भाभी। लेकिन कोई जवाब नहीं मिलता वो फ़िर उसी तरह फ़िर से दो तीन बार चिल्लाता है लेकिन कोई जवाब नहीं मिलता तो उसे काफ़ी आश्चर्य होता है और वो दरवाजे को धक्का दे कर अंदर जाता है।
लेकिन वहां नेहा तो थी ही नहीं वो फ़िर कहता है ,भाभी ! लेकिन वो वहां होती तो जवाब देती न। अब वो भाभी के कमरे के पिछले दरवाजे के परदे को हटा कर बाल्कनी में जाता है लेकिन भाभी वहां भी नहीं थी। वो सोच ही रहा था कि आखिर ये गई कहां?
तभी नेहा कमरे में आती है और जल्दी से कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर देती है।
वो बाहर निकलना चाहता ही था कि उसे नेहा की चूड़ीयों की आवाज सुनाई देने लगती है खन खन खन खन , अनुभवी सनी तुरंत समझ जाता है कि उसकी भाभी अब अपने कपड़े उतार रही है और अब बाथरुम में जा कर नहायेगी। छत में कूलर के छेद से वो कई बार अपनी भाभी को कपड़े
बदलते हुए देख चुका था और इस दौरान होने वाली उसकी चूड़ियों की अवाज को अच्छी तरह से पहचानता था। सनी के रोम रोम में नेहा समा चुकी थी।
नेहा का नंगा बदन उसकी आंखों के आगे घूमने लगा और नंगी नेहा की कल्पना कर के ही उसका लंड़ बुरी तरह से खड़ा हो गया। वो चाहता तो तुरंत बाहर कर भाभी को रोक सकता था और कमरे से बाहर जा सकता था लेकिन एक ही कमरें दोनों के होने और उसके सामने ही नेहा के कपड़े बदले जाने से सनी की अपनी भाभी के रसीले बदन को चोदने की तमन्ना के कारण वो ऐसा नहीं कर सका .
और आज तो हद ही हो गई देवर,भाभी दोनों एक ही कमरे में और भाभी एक्दम नंगी . सनी के लिये तो जैसे तमाम परिस्थिति उसके हाथ में थी जिस मौके को बनाने के लिये वो योजना बना रहा था वो तो उसे इतनी जल्दी मिल गया इसकी तो उसने कल्पना भी नहीं की थी। इसीलिये उसने रुम में पड़े रहने में ही अपना फ़ायदा नजर आया।