hotaks444
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वो क्रोध में भभकते हुए कहे जा रही थी " कोई अहसान नही करते मुझे इस घर में खाना दे कर , मेंरा परिवार कितना ही गरीब क्यों न हो तुम्हारे परिवार के सामने लेकिन कभी दो वक्त की रोटी के लिये तरसना नहीं पड़ा हमें . किसी पराये पुरुष के सामने नग्न खड़े रहने से भी ज्यादा शर्म आती है मुझे तुम्हारी बातों से , अरे इंसान कुत्ता भी पालता है तो उसे रोटी देता है खाने के लिये , लेकिन तू तो जानवरों से भी गया गुजरा है कि अपने ही घर में ब्याह कर लाई अपनी भाभी की रोटियां गिनता है। अपने पूरे समाज को ले कर आये थे बारात में ले कर और शादी कर के लाये हो मुझे इस घर में , मैं कोई भाग कर नहीं आई हूं तेरे इस घर में और ना ही तेरे अहसानों तले दबी हुई हूं। छी धिक्कार है तुझे और तेरे घटिया संसकारो पर।
सनी धैर्य पूर्वक नेहा की बातों को सुनता रहा और उसकी नंगी जवानी को देखता रहा . नेहा के नंगे जिस्म का जादू फ़िर से उसके सर पर चढ़ कर बोलने लगा था और उसका गुस्सा भी उतर चुका था। वैसे भी सनी ने जब उसके रुम में बने रहने का फ़ैसला लिया था तभी उसने ठान लिया कि या तो आज इसके नंगे जिस्म को जी भर के चोदुंगा या हमेंशा के लिये बदनाम हो जाउंगा, वो दोनों ही बातों के लिये पूरी तरह से मानसिक रुप से तैयार था।
अब सनी ने बोलना चालू किया "नेहा मैं मानता हूं कि मैं गुस्से में कुछ ज्यादा बोल गया और मुझे ऐसा नही कहना चाहिये था मैं खाने वाली बात के लिये तुमसे माफ़ी चाहता हूं लेकिन एक बात मैं तुमको साफ़ साफ़ बता देना चाहता हूं कि नीता में मेंरी कोई दिलचस्पी नहीं है और ना ही मैं उससे प्यार करता हूं मेरे दिल में केवल तुम ही बसी हो और तुम्हारे लिये ही मैंने उससे सगाई की बात स्वीकार की है। तुम्हें जो करना है वो कर लो लेकिन ये बात तुम भी कान खोल कर सुन लो कि यदि नेहा नहीं तो नीता भी नहीं और ये सगाई भी नहीं। यदि तुम मेंरे साथ रिश्ते से खुश नहीं तो इतना तुम भी समझ लो कि नीता के साथ रिश्ते से मैं भी खुश नहीं रह सकता।
अब सनी को लगने लगा कि इस तरह बातों मे वक्त जाया करने से कुछ हासिल नहीं होगा बल्कि ये "सोन चिरैया" हाथ से निकल सकती है सो उसने अब अंतिम धमाका करने का फ़ैसला कर लिया . अब उसने फ़िर से बोलना चालू किया "नेहा तुझ से जो बन सकता है वो तू कर मेंरे खिलाफ़ और तुझसे प्यार करने की जो सजा तू मुझे देना चाहती है वो तू दे मुझे लेकिन तू इतना याद रखना कि तू जो भी कदम मेंरे खिलाफ़ उठायेगी वो एक ऐसे इंसान के खिलाफ़ उठायेगी जो तुमसे बेइंतिहा प्यार करता है।
उसने कहना जारी रखा "मेरी हरकते मेंरे परिवार की बेइज्जती का करण बने या ना बने लेकिन तेरी हरकतें मेंरी मौत का कारण जरुर बनेंगे। बस नेहा अब मैंने तय कर लिया है कि यदि मेंरे जीवन मे तू नही तो फ़िर मुझे कुछ भी नहीं चाहुये ये जीवन भी नहीं . मेंरा मरना तय है चाहे तू किसी को बता या ना बता। आज कुछ तो होगा या तो मैं अपने प्यार को हासिल करुंगा या फ़िर आज का दिन मेंरे जीवन का आखीरि दिन है। अब उसने नेहा को तनिक धमकाते हुए कहा "लेकिन यदि तुमने मेंरे बारे में किसी को भी बताया तो समझ लेना मैं तो मरुंगा ही लेकिन तेरे चरित्र पर ऐसा दाग लगा कर जाउंगा कि तेरे दोनों बहनों की शादी इस जीवन में तो कम से कम नहीं हो पायेगी , और तेरा भी इस घर में रहना मुश्किल हो जायेगा और तू जीते जी समाज में किसी को मुंह दिखाने के लायक नहीं रह पायेगी। और जब तेरी वजह से ही तेरी दोनों बहनों की शादी नहीं हो पायेगी तो क्या तेरा परिवार तुझे रखेगा अपने साथ? संजय को तो तुझ से कोई लगाव है ही नहीं सो उसे तो यदि ये बातें पता चल जायेगी तो वो तत्काल ही तुझे इस घर के बाहर का रास्ता दिखा देगा। न तू घर की रहेगी ना घाट की फ़िर तो तेरे पास भी मर कर मेंरे आने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा।
उसने बोलना जारी रखा "अगर तू जीना भी चाहेगी तो वो जिंदगी तेरे लिये मौत से भी बदतर होगी , ना तो तुझे अपने घर का सहारा मिलेगा ना ही तुझे अपने ससुराल का . तू एक कटी पतंग की भांती दिशाहीन लहराते रहेगी। और तुझे इतना तो पता है न कि कटि पतंग को लूटने अनेंक लोग उसके पिछे दौड़्ते है और आखिरकार कोई ना कोई उसे पकड़ ही लेता है। उसने बोलना जारी रखा "नेहा अकेली जवान औरत के लिये समाज में सुरक्षित रह पाना बहुत कठिन है तुझे समाज में कदम कदम पर कई सनी से भी खतरनाक लोग मिलेंगे। अब तू सोच तुझे क्या फ़ैसला लेना है ? मैने तो फ़ैसला ले लिया है और मुझे अंजाम की कोई परवाह नहीं , मैने तय कर लिया है अगर तू नहीं मिली तो ये मेंरे जीवन का अंतिम दिन है।अब मेंरी जिंदगी और दोनों परिवारों की खुशियां तेरे हाथ में है।
सनी धैर्य पूर्वक नेहा की बातों को सुनता रहा और उसकी नंगी जवानी को देखता रहा . नेहा के नंगे जिस्म का जादू फ़िर से उसके सर पर चढ़ कर बोलने लगा था और उसका गुस्सा भी उतर चुका था। वैसे भी सनी ने जब उसके रुम में बने रहने का फ़ैसला लिया था तभी उसने ठान लिया कि या तो आज इसके नंगे जिस्म को जी भर के चोदुंगा या हमेंशा के लिये बदनाम हो जाउंगा, वो दोनों ही बातों के लिये पूरी तरह से मानसिक रुप से तैयार था।
अब सनी ने बोलना चालू किया "नेहा मैं मानता हूं कि मैं गुस्से में कुछ ज्यादा बोल गया और मुझे ऐसा नही कहना चाहिये था मैं खाने वाली बात के लिये तुमसे माफ़ी चाहता हूं लेकिन एक बात मैं तुमको साफ़ साफ़ बता देना चाहता हूं कि नीता में मेंरी कोई दिलचस्पी नहीं है और ना ही मैं उससे प्यार करता हूं मेरे दिल में केवल तुम ही बसी हो और तुम्हारे लिये ही मैंने उससे सगाई की बात स्वीकार की है। तुम्हें जो करना है वो कर लो लेकिन ये बात तुम भी कान खोल कर सुन लो कि यदि नेहा नहीं तो नीता भी नहीं और ये सगाई भी नहीं। यदि तुम मेंरे साथ रिश्ते से खुश नहीं तो इतना तुम भी समझ लो कि नीता के साथ रिश्ते से मैं भी खुश नहीं रह सकता।
अब सनी को लगने लगा कि इस तरह बातों मे वक्त जाया करने से कुछ हासिल नहीं होगा बल्कि ये "सोन चिरैया" हाथ से निकल सकती है सो उसने अब अंतिम धमाका करने का फ़ैसला कर लिया . अब उसने फ़िर से बोलना चालू किया "नेहा तुझ से जो बन सकता है वो तू कर मेंरे खिलाफ़ और तुझसे प्यार करने की जो सजा तू मुझे देना चाहती है वो तू दे मुझे लेकिन तू इतना याद रखना कि तू जो भी कदम मेंरे खिलाफ़ उठायेगी वो एक ऐसे इंसान के खिलाफ़ उठायेगी जो तुमसे बेइंतिहा प्यार करता है।
उसने कहना जारी रखा "मेरी हरकते मेंरे परिवार की बेइज्जती का करण बने या ना बने लेकिन तेरी हरकतें मेंरी मौत का कारण जरुर बनेंगे। बस नेहा अब मैंने तय कर लिया है कि यदि मेंरे जीवन मे तू नही तो फ़िर मुझे कुछ भी नहीं चाहुये ये जीवन भी नहीं . मेंरा मरना तय है चाहे तू किसी को बता या ना बता। आज कुछ तो होगा या तो मैं अपने प्यार को हासिल करुंगा या फ़िर आज का दिन मेंरे जीवन का आखीरि दिन है। अब उसने नेहा को तनिक धमकाते हुए कहा "लेकिन यदि तुमने मेंरे बारे में किसी को भी बताया तो समझ लेना मैं तो मरुंगा ही लेकिन तेरे चरित्र पर ऐसा दाग लगा कर जाउंगा कि तेरे दोनों बहनों की शादी इस जीवन में तो कम से कम नहीं हो पायेगी , और तेरा भी इस घर में रहना मुश्किल हो जायेगा और तू जीते जी समाज में किसी को मुंह दिखाने के लायक नहीं रह पायेगी। और जब तेरी वजह से ही तेरी दोनों बहनों की शादी नहीं हो पायेगी तो क्या तेरा परिवार तुझे रखेगा अपने साथ? संजय को तो तुझ से कोई लगाव है ही नहीं सो उसे तो यदि ये बातें पता चल जायेगी तो वो तत्काल ही तुझे इस घर के बाहर का रास्ता दिखा देगा। न तू घर की रहेगी ना घाट की फ़िर तो तेरे पास भी मर कर मेंरे आने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा।
उसने बोलना जारी रखा "अगर तू जीना भी चाहेगी तो वो जिंदगी तेरे लिये मौत से भी बदतर होगी , ना तो तुझे अपने घर का सहारा मिलेगा ना ही तुझे अपने ससुराल का . तू एक कटी पतंग की भांती दिशाहीन लहराते रहेगी। और तुझे इतना तो पता है न कि कटि पतंग को लूटने अनेंक लोग उसके पिछे दौड़्ते है और आखिरकार कोई ना कोई उसे पकड़ ही लेता है। उसने बोलना जारी रखा "नेहा अकेली जवान औरत के लिये समाज में सुरक्षित रह पाना बहुत कठिन है तुझे समाज में कदम कदम पर कई सनी से भी खतरनाक लोग मिलेंगे। अब तू सोच तुझे क्या फ़ैसला लेना है ? मैने तो फ़ैसला ले लिया है और मुझे अंजाम की कोई परवाह नहीं , मैने तय कर लिया है अगर तू नहीं मिली तो ये मेंरे जीवन का अंतिम दिन है।अब मेंरी जिंदगी और दोनों परिवारों की खुशियां तेरे हाथ में है।