Sex Chudai Kahani फस गयी रिंकी - Page 2 - SexBaba
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Sex Chudai Kahani फस गयी रिंकी

आंटी- अब बस भी करो क्या आज तुम मेरी गान्ड फाड़ ही डालोगे.
अंकल- अब तेरी चूत मैं तो गधे का भी दे दें तो तुझे पता ना लगे. बड़ी मुस्किल से यह टाइट छेद मिला है .इसे तो मैं आज कस कर चोदुन्गा.

मैं समझ गया की अंकल आंटी की गान्ड मार रहे हैं. मैं चुपके से वापस गया और रिंकी को बुला लाया .रिंकी डर रही थी पर वो आ गयी उसने बर्फ [ आइस] भी निकाल ली थी.
मैने रिंकी को बताया की अंदर क्या हो रहा है – तो उसे यक्किन नही हुआ.
पर जब कान लगाए तो .वही आवाज़े थी.

आंटी- यह तुम्हे कहाँसे सीख कर आए हो .पहले तो तुमने कभी मेरी गान्ड नही मारी.
अंकल – पहले तेरी कसी हुई चूत से ही मन नही भरता था. पर अब उसमे वो मज़ा नही रहा. मेरे ऑफीस मैंराज शर्मा जी ने मुझे और ठाकुर को अपनी यही समस्या बताई . तो ठाकुर ने कहा की तुम शरमानी [ शर्मा’स वाइफ]की गान्ड क्यो नही मारते.पीछे से करने मैं बोहत मज़ा आता है.वो तो सालो से ठकुराइन की काली गान्ड पेल रहा है.

आंटी-जब हम जवान थे तो मेरी गान्ड की खुजली कभी तुमने नही मिटाई और अब इस उमेर मैं मुझे तंग करते हो.

अंकल- तो क्या किसी और की गान्ड मारू. चुप चाप पर जा. भूल गयी वो दिन जब तू ही मुजसे कहा करती थी गान्ड के लिए. तू चिंता मत कर कुछ दिन के बाद तेरी आग फिरसे भड़क जाएगी.

आंटी – वो तो और दिन थे. पर कम से कम कुछ चिकनाई तो लगा लो. ऐसे सुखी तो ना मारो.दर्द होता है.

उधर अंकल आंटी अपने काम मैं मस्त थे मैने बर्फ से रिंकी की गाड़ पर सिकाई शुरू कर दी. वो पहले ही गरम हो चुकी थी. पर बर्फ ने उसे अलग अनुभव दिया . और वो इशारा कर के मुझे अपने कमरे मैं ले गयी. 

मैने उसकी आँख पर पट्टी बाँध दी और उसके साथ खेलने लगा. मैने उसे कहा की तुम अपनी मूठ मारो मैं तुमहरि बर्फ से सिकाई करूँगा. जैसे ही मैने बर्फ से उसके निपल ठंडे किए वो और गरम हो गयी. मैने एक बर्फ का टुकड़ा उसके उपर रगड़ना शुरू कर दिया. उसके क्लिट को भी छुआ तो उसे करंट सा लगा. धीरे धीरे मैने उसकी आग को इतना भड़का दिया की वो अपने उंगली तेज़ी से चलाने लगी. मैने उसे रोक दिया और अपना लंड उसकी चूत मैं डाल दिया. वो अपने आप ही धक्के लगा ने लगी. मैने पहले एक उंगली उसकी गान्ड मैं डाली और कुछ देर ऐसे ही चोदा, फिर एक बर्फ का छोटा सा टुकड़ा उठाया और उसे उसकी गाड़ के छेद से अंदर डाल दिया. फिर कुछ और टुकड़े ऐसे ही अंदर किए. वो इतनी मस्त हो चुकी थी की अब वो इस बात की परवाह नही कर रही थी की मैं क्या करने जा रहा हूँ. ज़्यादा गर्म होने की वजह से वो जल्द ही झाड़ गयी. वो मुझ से चिपक गयी और कहने लगी की हां यह तो सचमुच इस्पेशल था.मैने कहा अभी ख़तम कहाँ हुआ है, अभी तो मैं झड़ना बाकी हूँ.
उसने कहा की मैं हाथो से तुम्हारा पानी निकाल दूँ तो मैने कहा नही, मैं तो चूत ही लूँगा, पर वो अभी अभी झड़ी थी और ज़्यादा मस्ती की वजह से कुछ ज़्यादा ही झड़ी थी. उसे फिरसे त्यार होने मैं कुछ टाइम लगने वाला था. मैने कहा की तुम बस लेटी रहो.

मैने जो आइस क्यूब्स उसके गान्ड मैं डाले थे वो उसे बैचेन कर रहे थे. उससे रुका नही जा रहा था. उसने कहा तुम कुछ देर उंगली ही कर दो. मैने इयोडीक्स लगा कर उसकी गान्ड को और ज़यादा ठंडा कर दिया. वो अब तड़फ़ रही थी.
रिंकी बोली- यह तुमने क्या कर दिया अब मुजसे रुका नही जा रहा . कुछ करो ना प्लीज़.
मैने कहा- की अगर तुम कहो तो मैं अपना लॅंड तुम्हारी गान्ड मैं डाल कर कुछ ठंडक कम कर दूं.
रिंकी – कुछ भी करो बस किसी तरह मुझे इस तड़फ़ से आज़ाद करा दो.
 
मुझे तो इसे ग्रीन सिग्नल का इंतज़ार था. मैने फॉरन अपने लंड पर कुछ क्रीम लगाई और उसे धीरे धीरे उसकी गान्ड मैं सरका दिया. यह कोई बोहत मुश्किल काम नही था, और क्योकि वो पहले ही तड़फ़ रही थी और उसका छेद तो पहले ही रिलॅक्स्ड था.
मैने लंड डालने के बाद कुछ देर इंतज़ार किया ताकि उसकी गान्ड मेरे लंड की चारो तरफ चिपक जाए. अंदर गान्ड तो जैसे फ्रीज़र बनी हुई थी. आइस और इयोडीक्स ने मिल कर अंदर एक कमाल का एफेक्ट प्रोड्यूस कर दिया था. मेरा लंड अपने आप ही सुन्न हो गया था. ज़्यादा ठंड की वजह से मेर सेन्स कुछ ढीली पड़ गयी .पर क्योकि मैं बोहत ही एग्ज़ाइटेड था तो लंड खड़ा रहा.

इससे एफेक्ट यह आया की अब मैं रिंकी की गान्ड पेल रहा था और जल्दी से झड़ने का ख़तरा भी नही था. मैने धक्के मार मार के उसकी गान्ड से पानी निकाल दिया. मतलब वो ज़्यादा एग्ज़ाइट्मेंट की वजह से एक बार फिर झाड़ गयी जबकि उसकी चूत मैं लंड भी नही था .
मैने जी भर कर 15 -20 मिनिट तक उसकी गान्ड मारी फिर उसकी चूत मैं लंड डाल दिया. रिंकी अब तीसरी बार झदने को तय्यार थी पर मेरा लंड था की झदने का नाम ही नही ले रहा था. रिंकी आनंद से पागल हुई जा रही थी. जब वो तीसरी बार झड़ी तो रोने लगी और कहने लगी प्लीज़ अब निकाल लो मैं तुम्हारे लिए मूठ मार दूँगी पर अब मैं थक गयी हूँ , चाहो तो कुछ और काम निकाल लेना –मैं कभी तुम्हे माना नही करूँगी. पर [प्लीज़ आज की लिए मुझे छोड़ दो.
मैने उसे गले से लगा लिया और कहा – रिंकी यह सब तुम्हारे लिए ही तो है , अगर तुम नही चाहती तो कोई बात नही. मेरा मकसद तुम्हारा दिल दुखाना नही है. सिर्फ़ तुम्हे प्यार करना है.
रिंकी – मुझे आज जैसे मज़ा कभी नही आया , मैं इसके लिए तुम्हारी शुक्रगुज़ार हूँ . पर मैं इससे ज़्यादा नही सह सकती.
मैने रिंकी को गले से लगा लिया. कोई दो मिनिट बाद उसने मेरा लंड पकड़ा और मेरी मूठ मारणी शुरी कर दी. चुकी मैं भी थक चुका था और मेरा लंड अब दर्द करने लगा था तो जल्द ही मैं झाड़ गया. सारी क्रीम रिंकी के मूह पर जा गिरी. मैने कपड़े से उसे सॉफ किया और उसे शुक्रिया कहा.
दोस्तो कैसी लगा रिंकी की चुदाई का ये पार्ट बाकी की कहानी के साथ फिर मिलेंगे पार्ट -3 मैं तब तक के लिए विदा
 
फस गयी रिंकी -पार्ट -3 


जैसा की हमेशा ही होता है ,आप चाहे जीतने भी सावधानी से कम करें काबी ना कभी पकड़े ही जाते हैं. मेरे और रिंकी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ.

पिछली बार मैने आपको बताया था कि किस तरह मैं रिंकी के पड़ोसिओ के गेट से चढ़ कर उनकी छत तक जाता था. एक रात जब मैं रिंकी की छत पर से वापस आ रहा था तो हमारे नेपाली गोरखा ने मुझे देख लिया. क्योंकि वो मोहल्ले के सब लोगो के बारे मैं जानता था तो उसने अंदाज़ा लगा लिया की मेरा शायद रिंकी के पड़ोसिओं की घर मैं किसी के साथ चक्कर है. गोरखा एक नया लड़का था. उमर कोई 17-18 साल होगी,इससे ज़्यादा नही. यानी मेरे से भी 3 साल छोटा. वो वैसे भी मुझे साब जी कहता था. और कभी कभी जब मैं देर रात तक जाग रहा होता था अपने कमरे मैं तो एक कप चाइ पीने आ जाता था.

उसने मुझ पर नज़र रखनी शुरू कर दी , एक रात जब मैं छत पर गया तो उसने देख लिया पर कुछ जाहिर नही किया, अपना राउंड लगा कर वापस चला गया , मैं भी निश्चित हो कर वही छत पर रिंकी के साथ काम क्रीड़ा मैं मस्त हो गया.मैं रिकी की चूत मैं लंड पेल रहा था और उसकी गान्ड मैं उंगली कर रहा था. वो भी मेरे आंडो को मसल रही थी.

गोरखा छत पर आ गया और उसने हममे पकड़ लिया पर उसने शोर न्ही मचाया. मैं और रिंकी तो डर गये पर जब हमने देखा की उसने कोई शोर नही मचाया है तो मैने उसे भगाने की कोशिश की.

मैने कहा- गोरखा तुम यहाँ क्या कर रहे हो, ये हमारा आपस का मामला है तू इसमे मत पड़ , चुप चाप चले जाओ.

गोरखा- साब जी मामला तो आपके आपस का ही है पर अगर मैं इस वखत शोर मचा दूँ तो आप की और मेडम की बोहत बदनामी होगी.

मैने कहा – अगर तुम नही गये तो तुम्हारी नौकरी तो गयी समझो, और इस सहर मैं मैं तुम्हे नौकरी भी नही मिलने दूँगा.

गोरखा – आप ठीक कहते है,आप बड़े लोग है कुछ भी कर सकते हैं , पर मुझ ग़रीब का भी तो कुछ ख़याल करो.

मैने कहा – तुम्हे क्या चाहिए. पैसे ?

गोरखा- नही साब आप लोगो की पहले ही किरपा रही है पर मेरी शादी अभी हुई थी पर घरवाली अभी नेपाल मैं ही है मुझे उसकी याद बोहत आती है.अगर मेडम कुछ मदद कर्दे तो---

मैने कहा – तू मेरी रिंकी को हाथ लगाना चाहता है. तेरा दिमाग़ तो नही फिर गया

गोरखा – देख लो साहब बस एक बार की ही तो बात है. अगले हफ्ते मेरी घरवाली आ जाएगी

मैने कहा- नही यह नही हो सकता.

गोरखा- तो मैं शोर मचाता हूँ.

रिंकी बोली – ठीक है पर मैं तुम्हारी बस मूठ ही मारूँगी. उस से ज़्यादा कुछ नही.

गुरखा- तो फिर मुझे कुछ पैसो से मदद भी कर देना.
बात तय हो गयी . रिंकी गोरखा की मूठ मारेगी और मैं गोरखा को एक हज़ार रुपये दूँगा ताकि यो अपनी घरवाली को ला सके. गोरखा किसी को कुछ नही बताएगा.
 
फिर गोरखा ने अपना लोवर नीचे कर दिया. और उसका 4.5 इंच का छोटा सा लंड बाहर निकल आया. वो लड़की देख कर एग्ज़ाइट हो रहा था. उसका लंड तना हुआ था. जैसे ही रिंकी ने उसके लंड को हाथ लगाया उसके मुँह से सिसकारी निकल गयी. उसका सूपड़ा [ ग्लॅन्स पेनिस] छोटा सा था पर वो फूल कर लोली पोप की तरह लग रहा था. ज्याद एग्ज़ाइट्मेंट की वजह से वो तीन मिनिट मैं ही झाड़ गया.
मुझे उस पर और खुद पर बोहत ही गुस्सा आ रहा था, मेरी गान्ड जल रही थी. इस साले गोरखे की इतने हिम्मत के यह इस तरह की शर्त रखे. रिंकी ने कहा की हम और कर ही क्या सकते थे. हमने फ़ैसेला किया की अब हम ज़्यादा ध्यान रखेंगे . मैने रिंकी की कसम खाई की मैं गोरखा से बदला ज़रूर लूँगा. इसका तो मैं वो हाल करूँगा की यह याद रखे गा.

अगले हफ्ते हे गोरखा जा के अपनी घरवाली को ले आया. वो मेरे पास आया कि सब जी अगर आप मेरी घरवाली को किसी के घर पर काम दिला दे तो बोहत माहेर बानी होगी. तभी मुझे रिंकी का फोन आया की उसकी मम्मी बाथरूम मे स्लिप हो गयी हैं और घर पर और कोई भी नही है. मैं फॉरन ही उन्हे हॉस्पिटल लेकर गया , जहाँ उनके एक लेग और एक हाथ मैं फ्रॅक्चर निकला , डॉक्टर ने दोनो चीज़े प्लास्टर कर दी.और दो महीने का बेड रेस्ट बता दिया. अब उनलोगो को एक क़ामवाली की ज़रूरत थी जो घर का काम भी कर सके और जब रिंकी कॉलेज गयी हो तो आंटी का ख्याल रख सके. मैने फॉरन ही गोरखे की घरवाली को काम दिला दिया.

अगले दिन जब मैं आंटी का पता लेने गया तो वहाँ पर गोरखे की घरवाली भी थी वो एक 15-16 साल की कच्ची कली थी. पर जैसा की नेपाल मैं होता है उसकी शादी भी जल्दी कर दी गयी थी. कम उमर होने की वज़ह से उसका शरीर कसा हुआ थ.उसकि चुची अभी छोटी थी कोई अनार के साइज़ की, हाथ पैर पतले पतले थे. पर उसकी काशी हुई गान्ड देख कर मेरा मन डोल उठा. उसकी गान्ड को देख कर पहला ख्याल यही आया की या अल्लाह क्या चीज़ तूने बना दी है, एक बार इसमे लंड फसा कर तभी निकालु जब यह झाग छोड़ने लगे. फिर मुझे रिंकी की बैईज़्ज़ती का बदला भी तो लेना था. उसका नाम गीता था. सब उसे नाम से ही पुकार रहे थे.

मैने रिंकी से कह दिया की उसे किसी भी तरह मेरा यह काम करना होगा. वह तो खुद ही अपने अपमान का बदला लेना चाहती थी तो. उसने हां कर दी. हमने प्लान बनाया की पहले रिंकी गीता से दोस्ती करेगी और जब वो गीता के सारे राज जान लेगी तो आगे का प्लान बनाया गाएगा.
 
अब आगे की कहानी रिंकी की ज़ुबानी-----

मैने गीता से दोस्ती शुरू कर दी, पहला हम दोनो दोस्त बने , मैं उसके साथ दोस्तो का सा बर्ताव करती , उसे खाने को सामान देती, अपने मेक अप का सामान भी उसे यूज़ करने देती. कुछ ही दीनो मैं हम पाक्के दोस्त की तरह हो गये, वो मुझे सारी बाते बताती कि किस तरह उसकी शादी हुई , उसका घर कैसा था.फिर मैने उससे पेर्सनल बाते भी करनी शुरू कर दी.
रिंकी- गीता, एक बात बता, क्या शादी से पहले तुम्हारा कोई बॉय फ्रेंड्स भी था.

गीता- अरे नही हमारे वहाँ यह सब नही चलता. जैसे ही लड़की की उमर होती है उसकी शादी कर देते हैं,

रिंकी- तो तुमने अपनी सुहाग रात से पहले कुछ नही किया था.

गीता- कुछ भी नही, मैं तो ज़्यादा जानती भी नहीं थी. पर शादी से एक हफ़्ता पहले मुझे मेरी बड़ी बेहन ने मर्द और औरत की खेल के बारे मे बताया था.उसने मुझे एक किताब भी दी जिसमे कुछ लोग गंदे काम कर रहे थे, गंदी गंदी कहानी भी लिखी थी.उसने ही मुहे उंगली करनी सिखाई. और कहा की जब तक शादी ना हो तब तक रोज कम से कम दो बार उंगली करना इससे तुम्हारी आग भड़क उठेगी और शादी के बाद ज़्यादा मज़ा आएगा.

रिंकी- मुझे भी तो बता की क्या होता है शादी की पहली रात , तेरे साथ क्या हुआ .

गीता- नही मुझे शरम आती है, अगर आप को देखना ही है तो मैं आप को वो किताब ला कर देखा सकती हूँ.

रिंकी- किताब का मैं क्या करूँगी जब तुम ही मुझे सब कुछ बता सकती हो. फिर हम दोनो तो दोस्त है,और दोस्तो मैं परदा नही होता.

गीता मान गयी और फिर उसने बताया की किस तरह गोरखा जब पहली बार मेरे पास आया तो नशे मे था, उससे कुछ भी नही हो रहा था. मैने ही उसका लंड पाजामे से बाहर निकाल कर देखा था.वो तो नशे मैं धुत्त पड़ा रहा. मैने किताब मैं देखा था की लड़किया लंड को चूस रही थी मैने भी किया तो वो तन गया. पर उसका लंड बोहत बड़ा नही है किताब मैं जो लोग थे उनके लंड तो बोहत मोटे और लंबे थे.

रिंकी – फिर तुमने क्या किया.

गीता – मैं अकेली क्या कर सकती थी. मैं उंगली कर के सो गयी.मुझे डर भी लग रहा था.

रिंकी - तो फिर तुम्हारी सील सुहग्रात को नही टूटी.

गीता – नही रिंकी अगली रात को वो कोई दवाई[ मेडिसिन ] खा कर आया. उसका लंड आते ही तना हुआ था. उस रात उसने मेरी सील तोड़ दी और मुझे कस कस कस चोदा.

रिंकी- क्या बोहत दर्द होता है चुदते वखत.

गीता – नही बस पहली बार जब सील टूट ती है तब कुछ दर्द हुआ था और कुछ खून भी निकला था. पर उसके बाद तो मज़ा ही मज़ा आता है. कोई 15 दिन तक उसने मेरी खूब चुदाइ की पर फिर वो वापस आ गया.

रिंकी- फिर अब तो खूद मज़ा करते होगे तुम दोनो.

गीता – हां भी और नही भी- हां चुदाइ तो हम करते है पर अबमेरी चूत खुल चुकी है , मैं कहती हूँ कि वह मुझे ज़्यादा देर तक चोदे , जैसे किताब मे लिखा है और दिखाया है उस सब तरह से करे.पर अब उसका जल्दी निकल जाता है. हाँ अगर वो गोली ले ले तो बोहत देर तक मज़ा देता है,

रिंकी- तब तो तुम बिना झड़े ही रह जाती होगी.

गीता – हां रिंकी पर इस मैं अब मैं कर ही क्या सकती हूँ. जब वो ड्यूटी पर चला जाता है तो मैं कभी उंगली से या कभी कभी मूली या खीरे से मैं अपनी चूत चोद लेती हूँ ,

रिंकी- क्या मूली और खीरे से मज़ा आता है.

गीता- हां बोहत मज़ा आता है, जब हाथ से मूली मेरी चूत मैं आगे पीछे होती है तो मैं फॉरन ही झाड़ जाती हूँ.

रिंकी- अगर तुम चाहो तो हम दोनो आपस मे मज़े कर सकते हैं.

गीता- हां पर अगर किसी को पता लग गया तो. मन तो मेरा बोहत करता है कि मैं वो सब करू जो किताब मैं दिखाया है, पर डर भी लगता है.

रिंकी – अरे हम दोनो किसी से नही कहेंगे , और घर मे मम्मी के अलावा कोई होता भी नही है.मम्मी भी दवाई [ मेडिने ] की वजह से सोती रहती हैं.

गीता – तो ठीक है, मैं कल आते हुए बाज़ार से सामान के साथ कुछ मूली भी ले आओंगी.
 
अगले दिन मैं और गीता सब काम से फारिग हो कर अपने कमरे है आ गये .मैने पहले उसकी चूचियो को अनार की तरहचूस ना शुरू किया जो काफ़ी कसे हुए थे.
रिंकी- क्या तुम्हारा घरवाला तुम्हारे बूबे नही चूसता.

गीता- अरे नही दीदी वो तो बस मेरी चूत मई ही लग रहता है.हाँ मैं उसका लंड ज़रूर चूस्ति हूँ. पर वो इससे जल्दी झाड़ जाता है.

रिंकी- इसे लिए तुम्हारे चूचे इतने कसे हुए हैं, आज मैं इनका दूध खूब पियोंगी.
मैने कस कस उसके निपल दबाए तो वो मज़े से श श करने लगी.
मैने एक हाथ से उसकी चूत मैं उंगली करनी शुरू कर दी.उसकी चूत मेरी चूत के मुक़बले कुछ छोटी थी और फली हुई भी कम थी. शायद उसकी छोटी हाइट की वज़ह से ऐसा था. उसका दाना भी छोटा था और कुछ उपेर की तरफ था , इस की वज़ह से ही वो चुदाइ के वक्त झाड़ नही पा रही थी.

गीता – हां दीदी इसे तरह मेरी चूत मैं उंगली करो, चूस चूस कर ढीली कर दो मेरी चुचि.

उसे गंदी बाते करने की आदत थी, शायद असलील कितबे पड़ने के बाद उसे ऐसा बोलने मे मज़ा आता था.मैने भी खूब कस के उसकी चुसाइ की और उसके दाने को रगड़ा. फिर एक मोटी और ताज़ी मूली ले के उसकी छोटी से चूत मे फसा दी साथ ही उसका दाना रगड़ने लगी. इस दोहरी मार को वो सह नही पाई ओर एक ही मिनूट मैं झाड़ गयी.
गीता- इतना मज़ा तो मुझे कभी भी नही आया , गोरखा तो जल्दी ही पस्त हो जाता है , पर तुमने यह सब कहाँ से सीखा.

रिंकी- सब बताती हूँ पर चल पहले मेरी भी तो इस खुज़ली का कुछ इंतज़ाम कर. तेरी चूत को देख कर मेरी तो पानी पानी हो रही है.

गीता- अभी लो दीदी , मैं अभी आप की चूत चाट कर सॉफ कर देती हूँ, यह भी मैने किताब मैं देखा था.
गीता ने अपनी जीब से मेरी चूत चाटनी शुरू कर दी. च्यूकी वो पहली बार कर रही थी तो उतना मज़ा नही आ रहा था. मैने उसे बताया की मेरे दाने को चूस, इसी से तो मज़ा आता है,

गीता- ठीक है दीदी , आप की चूत तो खुली हुई है , यानी आप लंड का मज़ा कर चुकी हैं , मुझे भी तो बताओ की सब कैसे हुआ.

रिंकी- यहाँ सहर मैं शादी लेट होती है, इसी लिए लड़की बाय्फ्रेंड बनाती हैं. उसी ने मेरी चूत का यह हाल किया है. उसका लंड बड़ा और मोटा है बड़ा मज़ा देता है. वो तो मेरी गान्ड भी मारता है.और बोहत ही मस्त मारता है.मुझे तो बड़ा ही मज़ा आता है.

गीता- क्या दीदी इतना सब कुछ, क्या किस्मत है आपकी, इधर मेरी फूटी किस्मत की मेरा घरवाला मेरी चूत भी ठीक से नही मार पाता. गांद को तो क्या हाथ लगाएगा.

इस तरह मैं और गीता एक दूसरे के सहेली हो गयी , जो सब कुछ शेर करती थी.

एक रात जब राहुल ने मेरी गान्ड कस की चोदि थी तो मैं सुबह उठ नही पा रही थी. जब गीता आई तो उसने पूछा क्या हुआ. मैने उसे बताया की रात मेरे बॉयफ्रेंड ने मेरी गान्ड आधे घंटे तक मारी. अब मुजसे उठा भी नही जा रहा.
गीता ने कहा कोई बात नही आप आराम करो मैं काम ख़तम कर के आप की सिकाई का इंतज़ाम करती हूँ.
फिर घर का काम निबटाने के बाद वो गरम पानी ले कर आई और उसने मेरी गान्ड की हालत देखी तो कहने लगी – की लगता है कि आप के बॉय फ़्रेंड का बोहत ही बड़ा और मोटा है. देखो तो क्या हालत कर दी है . सूज़ कर लाल हो गया है. मैने कहा मज़ा भी तो बोहत आया.

गीता- दीदी,अगर आप बुरा ना माने तो मैं एक बार देखना चाहती हूँ कि [ बॉयफ्रेंड] का कितना बड़ा है और वो किस किस तरह चुदाइ करता है.

रिंकी- इसमे बुरा मान ने की क्या बात है , फिर वो कोई मेरा घरवाला थोड़े ही है कि मैं उसे छुपा के रखू. एक काम कर सकते हैं – अगले हफ्ते पापा को शादी मैं जाना है , मैं और मम्मी तो जा नही सकते, तुम मेरे पास ही रात को रुक जाना. मैं राहुल को भी बुला लूँगी. तब तुम छुप कर सब देख सकती हो.

गीता- हां यह तो हो सकता है. आप कितनी अछी हैं दीदी.

आगे की कहानी गीता की ज़ुबानी-

सब कुछ फिक्स हो चुका था. मैने और रिंकी ने प्लान बनाया की , मैं पर्दे के पीछे छुप जाउन्गि ताकि नज़दीक से सब कुछ देख सकूँ.

आख़िर वो रात आ ही गयी मैने और रिंकी ने टाइम से आंटी को खाना खिला कर उनकी मेडिसिन के साथ ही नींद की गोली भी दे दी, ताकि वो रात को जाग ना जाए.

रात को कोई दस बजे राहुल आ गया. मैं पर्दे के पीछे छुप गयी और रिंकी राहुल को ले कर कमरे मैं आ गयी, उन्दोनो ने किस करना हुरू किया .वो किस भी कर रहे थे और एक दूसरे के शरीर को सहला भी रहे थे.राहुल ने रिंकी से लाइट ऑफ करने को कहा तो रिंकी ने कहा की वो आज रोशनी मैं ही सब कुछ करना कहती है. राहुल को कोई ऐतराज़ नही था.
राहुल ने एक एक कर के रिंकी के कपड़े उतार ने सुरू कर दिए.राहुल ने उसके बड़े बड़े चूचो की तारीफ की और उन्हे खूब चूसा. रिंकी ने भी उसका लंड पॅंट से निकाल लिया. यह सच मैं एक बड़ा लंड था. मेरे गोरखे के लंड से तो दुगना बड़ा होगा और मोटा तो और भी ज़्यादा. मेरी तो आख फटी रह गयी उस लंड को देख कर.मेरी चूत पानी बहाने लगी जैसे चुदाई रिंकी की नही मेरी होने वाली हो.
राहुल ने रिंकी के दाने[ क्लिट] को दबाया और चाटा. जिसके कारण रिंकी तड़फ़ उठी और कहने लगी की राहुल अब मुझे चोद दो. राहुल ने भी अपने लंड पर कॉंडम चड़ाया और एक ही झटके मे रिंकी की फूली हुई चूत मैं उतार दिया.
मेरी साँसे तो उन्हे देख कर ही तेज हो गयी थी . मुझे लग रहा था की कही से मुझे कुछ मिल जाए तो मैं अपनी चूत मैं डाल कर उसकी आग पर कुछ पानी डालू.पर मुझे उंगली से ही काम चलाना पड़ रहा था.
रिंकी राहुल के उपर चढ़ गयी और राहुल नीचे से उसकी कमर पकर कर धक्के लगाने लगा. मेरी तो हालत खराब हो रही थी यह देख कर के किस तरह रिंकी की चूत इतना बड़ा लंड खा जाती है.रिंकी और राहुल कोई 15-20 मिनिट तक अलग अलग पोज़ मैं चुदाई करते रहे. मैने सोचा की इतने देर मैं तो गोरखा दो बार झाड़ जाता है.
 
फिर राहुल कमर के बल लेट गया और रिंकी उसके उपर आ गयी, राहुल ने अपनी उंगली उसकी गान्ड मे डाल दी और चूत को लंड मे डाल दिया. अब धक्के रिंकी लगा रही थी.
कुछ देर बाद राहुल ने रिंकी की गान्ड मे एक झटके के साथ अपना पूरा लंड उतार दिया. इससे रिंकी और मेरे मूह से एक साथ हल्की सी चीख निकल गयी. राहुल चोंक गया की आवाज़ पर्दे के पीछे से आई. रिंकी ने उसे सच बता दिया और मैं भी पर्दे के पीछे से बाहर निकल आई.
राहुल – गीता किसी को छुप कर देखना बुरी बात होती है. बताओ तुम क्या देखना चाहती थी.

मैं कुछ नही बोली रिंकी ने जवाब दिया की इसे तुम्हारा लंड और चुदाई का तरीका देखना था. इस लिए यह मेरे कहने पर ही यहाँ छुप गयी थी.तुम नाराज़ नही होना.इसकी कोई ग़लती नही है. तुम कहो तो इस की सज़ा मुझे दे लो. राहुल ने कहा सज़ा तो उसे ही मिलेगी जिसने ग़लती की है, और सज़ा यह है की अब इसने सब देख ही लिया है तो इसे भी हमारे साथ शामिल होना होगा. वरना मैं इसके घरवाले को बता दूँगा और उसे नोकरी से भी निकलवा दूँगा.
मेरे पास कोई रास्ता नही था . वैसे भी मैं एक मजबूत लंड से चुदने का अवसर जाने नही देना चाहती थी. मैने फॉरन हां कर दी. वो दोनो मुझ पर टूट पड़े . राहुल ने मुझे किस किया और मैने पहली बार जाना की एक असली मर्द किस तरह किस करता है. उसने मेरी चीभ को चूस डाला और मेरे मूह का सारा पानी पी गया. मुझे बोहत अछा लगा. उधर रिंकी ने मेरे कपड़े उतार दिए और मेरे दाने को रगड़ने लगी. राहुल के हाथ मेरे टाइट बूब्स पर पोहचे तो वो खुश हो गया. उसके चेहरे पर मुस्कान आ गयी जो बताती थी कि उसे टाइट माल पसंद है. उसने कमाल की नज़ाकत से मेरे अनारो का रस पिया . मेरी आँखे अपने आप ही बंद हो गयी. उधर रिंकी ने मेरे दाने को छोड़ कर मेरे कुल्हों पर हाथ फेरना शुरू किया.एक अजीब से ल़हेर एग्ज़ाइट्मेंट की मेरे शरीर से दौड़ गई. दोनो तरफ़ से इस एग्ज़ाइट्मेंट को मैं सह ना सकी और झाड़ गयी.
राहुल ने कहा की तुम तो अभी से झाड़ गयी अभी तो मज़ा आना शुरू ही हुआ है. रिंकी ने कहा की इसे लंड चूसने का बोहत शौक है, क्यो ना तुम इसे अपना लंड चूसने दो. तब तक मैं इसकी गान्ड के छेद को चौड़ा करती हूँ.
उसने अपना मोटा लंड मेरे चेहरे के सामने किया, मैने टोपी से शुरू करके धीरे धीरे राहुल्ल का लंड चाटना शुरू किया , पर चुकी मुझे इतना बड़ा लंड चाटने को मिला था मैं ठीक से नही कर पा रही थी. उधर रिंकी ने मेरी गान्ड मे वसलीन लगा कर उंगली करनी शुरू कर दी.शुरू मैं तो मुझे हल्का दर्द हुआ पर फिर ठीक महसूस होने लगा. जब मेरी गांद बिककूल चिकनी हो गयी तो, तो उसने इयोडीक्स ले कर मेरी गांद मे भरनी शुरू कर दी, पहले तो मुझे बड़ा ठंडा सा एहसास हुआ पर, कुछ देर के बाद इयोडीक्स की वज़ह से मेरी गांद मे आग लग गयी मेरा मन कर रहा था की कुछ भी करके यह आग मिट जाए. मैने रिंकी की तरफ़ देखा तो वो समझ गयी , उसने राहुल से कहा की गीता अपनी गान्ड का उद् घाटन तुम्हारे लंड से करवाना चाहतीहै, इसका घरवाला इसकी गान्ड नही मारता, तुम इसकी गांद मार लो और इसकी आग भुजा दो.
राहुल ने कहा की इसके कसे हुए अनार मुझे बोहत पसंद आए इनका रस भी मीठा था. अब देखना यह है की गांद कितनी कसी हुई है, चूतड़ तो देखने मैं ग़ज़ब लगते हैं. राहुल ने अपने लंड पर कॉंडम चड़ाया और मेरी गांद पर रखा. उसने मेरा मूह पर हाथ रखा और अपना लंड आगे सरका दिया. मुझे बड़ा ही दर्द हुआ लगा की मेरी तो गांद आज गयी यह मोटा लंड तो इसे फाड़ ही देगा. मेने कहा नही रुक जाओ मेरी गांदमत फाड़ देना मैं अपने घरवाले को क्या कहूँगी.राहुल बोला गीता तू चिंता मत कर मैं बड़े धीरे से और प्यार के साथ इसमे लंड डालूँगा. रिंकी आगे आ कर मेरे मूमे चूसने लगी और राहुल ने अपनी उंगली से मेरी चूत मैं खोज बीन शुरू कर दी. कुछ ही देर मैं मैं फिर से गरम हो गयी और मेरी गांद ढीली पड़ गयी.राहुल ने यह देख कर अपना लंड और आगे कर दिया . मुझे फिर दर्द हुआ पर अब दर्द पहले जैस्सा नही था , मुझे मज़ा भी आ रहा था. राहुल ने धीरे से आगे पीछे होना शुरू किया, मैं भी चूतड़ उठा कर आगे पीछे होने लगी ताकि लंड सही आंगल से अंदर जाए और दर्द कम हो .

रिंकी किचन से जा कर एक मूली ले आई और उसे मेरी चूत मैं फसा दिया. अब तो मज़ा कई गुना हो गया मैं हर धक्के के साथ सवर्ग का आनंद पा रही थी. मेरे दूनो छेद भरे हुए थे और मेरे मम्मे भी चूसे जा रहे थे.
राहुल ने अपना पोज़ बदला और मुझे गॉधी की तारह खड़ा कर के पीछे से मेरी गांद मारने लगा .उसे मेरी कसी हुई गांद और करारे चूतड़ देख कर जोश आ रहा था. इधर इयोडीक्स की वजह से मेरी गांद मे घमासान मचा हुआ था. लंड से खुज़ली तो मिट रही थी पर आग जलन नही जा रही थी. लगातार 15-20 मिनिट के धक्को के बाद राहुल ने अपना लंड निकाल लिया और उसे मेरी चूत मैं डाल दिया और गांद मे बर्फ डाल दी. इससे मुझे बड़ी ठंडक मिली और दर्द भी मिट गया. उसका मोटा लंड मेरी चूत को फैला रहा था. मैं झदने के करीब थी और इस बार जब मैं झड़ी तो बस राहुल से चिपक गयी, मैने कहा रुक जाओ अब मैं और नही कर सकती. राहुल ने कहा पर मैं अभी नही झाड़ा हूँ , उसने अपना लंड मेरी गान्ड मे उतार दिया जो अब खुल चुकी थी और बर्फ और इयोडीक्स की वज़ःसे सुन्न हो गयी थी. उसके लंड के पंपिंग एक्शन से मेरी गान्ड मे ठंडक बढ़ गयी और पानी और वसलिने और इयोडीक्स मिल कर झाग बनाने लगे , जैसे जैसे वो झदने के नज़दीक आ रहा था उसकी स्पीड बढ़ रही थी, वो ज़ोर ज़ोर से साँसे ले रहा था. उसने अपना लंड पूरा बाहर खींच कर अंदर डालना शुरू किया. फिर एक बार बाहर निकाला और अपने लंड की जड़ तक अंदर डाल दिया . राहुल वही रुक गया वो झाड़ रहा था. उसने अपना लंड निकाला तो मेरी गांद से झाग निकल रहे थे. मैं थक के चूर हो गयी थी मुझ मैं उठने की हिम्मत भी नही थी. राहुल ने कहा की आज से तुम सब तरह का सुख ले सकती हो.तुम्हारी गान्ड तो लाज़वब है पर चूत तो मुझे रिंकी की ही पसंद है.
फिर सुबह भी उसने मेरी गान्ड फिर मारी. मेरी गान्ड अब सूज कर मोटी हो गयी थी और मैं उस पर बैठ भी नही पा रही थी. उस दिन राहुल रिंकी के रूम मैं ही रहा , आंटी को पता नही चला क्योकि वो तो मूव नही कर सकती थी.

फिर 3 दिन बाद जा कर मेरी गान्ड नॉर्मल हुई तब तक मेने गोरखा को नज़दीक नही आने दिया पर अब जब गोरखा मुझे चोद्ता था तो मैं गरम तो हो जाती थी पर ठंडी नही हो पाती थी,चूत की आग तो किसी तरह मैं शांत भी कर लेती थी. पर मेरी गान्ड में भी खुजली होने लगती थी ,मेरा मन करता था कि गोरखा मेरी गान्ड भी मारे पर वो नही मानता था.

मैने रिंकी से कहा की अब मैं क्या करूँ मेरा मन तो अब हर बार गान्ड मरवाने को करता है. उसने कहा की राहुल तो बार बार त्यार नही होगा पर तुम किसी को बॉय फ्रेंड बना सकती हो. मैने कहा की मुझे कौन अपनी गर्लफ्रेंड बनाएगा. रिंकी ने कहा की तुम चिंता मत करो मैं राहुल से बात करूँगी वो किसी ना किसी का इंतज़ाम कर देगा.

और इसी तरह जिंदगी चलती रही मैं और रिंकी जिंदगी के मज़े ले रहे थे 
दोस्तो ये कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा 

समाप्त
 
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