hotaks444
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आंटी- अब बस भी करो क्या आज तुम मेरी गान्ड फाड़ ही डालोगे.
अंकल- अब तेरी चूत मैं तो गधे का भी दे दें तो तुझे पता ना लगे. बड़ी मुस्किल से यह टाइट छेद मिला है .इसे तो मैं आज कस कर चोदुन्गा.
मैं समझ गया की अंकल आंटी की गान्ड मार रहे हैं. मैं चुपके से वापस गया और रिंकी को बुला लाया .रिंकी डर रही थी पर वो आ गयी उसने बर्फ [ आइस] भी निकाल ली थी.
मैने रिंकी को बताया की अंदर क्या हो रहा है – तो उसे यक्किन नही हुआ.
पर जब कान लगाए तो .वही आवाज़े थी.
आंटी- यह तुम्हे कहाँसे सीख कर आए हो .पहले तो तुमने कभी मेरी गान्ड नही मारी.
अंकल – पहले तेरी कसी हुई चूत से ही मन नही भरता था. पर अब उसमे वो मज़ा नही रहा. मेरे ऑफीस मैंराज शर्मा जी ने मुझे और ठाकुर को अपनी यही समस्या बताई . तो ठाकुर ने कहा की तुम शरमानी [ शर्मा’स वाइफ]की गान्ड क्यो नही मारते.पीछे से करने मैं बोहत मज़ा आता है.वो तो सालो से ठकुराइन की काली गान्ड पेल रहा है.
आंटी-जब हम जवान थे तो मेरी गान्ड की खुजली कभी तुमने नही मिटाई और अब इस उमेर मैं मुझे तंग करते हो.
अंकल- तो क्या किसी और की गान्ड मारू. चुप चाप पर जा. भूल गयी वो दिन जब तू ही मुजसे कहा करती थी गान्ड के लिए. तू चिंता मत कर कुछ दिन के बाद तेरी आग फिरसे भड़क जाएगी.
आंटी – वो तो और दिन थे. पर कम से कम कुछ चिकनाई तो लगा लो. ऐसे सुखी तो ना मारो.दर्द होता है.
उधर अंकल आंटी अपने काम मैं मस्त थे मैने बर्फ से रिंकी की गाड़ पर सिकाई शुरू कर दी. वो पहले ही गरम हो चुकी थी. पर बर्फ ने उसे अलग अनुभव दिया . और वो इशारा कर के मुझे अपने कमरे मैं ले गयी.
मैने उसकी आँख पर पट्टी बाँध दी और उसके साथ खेलने लगा. मैने उसे कहा की तुम अपनी मूठ मारो मैं तुमहरि बर्फ से सिकाई करूँगा. जैसे ही मैने बर्फ से उसके निपल ठंडे किए वो और गरम हो गयी. मैने एक बर्फ का टुकड़ा उसके उपर रगड़ना शुरू कर दिया. उसके क्लिट को भी छुआ तो उसे करंट सा लगा. धीरे धीरे मैने उसकी आग को इतना भड़का दिया की वो अपने उंगली तेज़ी से चलाने लगी. मैने उसे रोक दिया और अपना लंड उसकी चूत मैं डाल दिया. वो अपने आप ही धक्के लगा ने लगी. मैने पहले एक उंगली उसकी गान्ड मैं डाली और कुछ देर ऐसे ही चोदा, फिर एक बर्फ का छोटा सा टुकड़ा उठाया और उसे उसकी गाड़ के छेद से अंदर डाल दिया. फिर कुछ और टुकड़े ऐसे ही अंदर किए. वो इतनी मस्त हो चुकी थी की अब वो इस बात की परवाह नही कर रही थी की मैं क्या करने जा रहा हूँ. ज़्यादा गर्म होने की वजह से वो जल्द ही झाड़ गयी. वो मुझ से चिपक गयी और कहने लगी की हां यह तो सचमुच इस्पेशल था.मैने कहा अभी ख़तम कहाँ हुआ है, अभी तो मैं झड़ना बाकी हूँ.
उसने कहा की मैं हाथो से तुम्हारा पानी निकाल दूँ तो मैने कहा नही, मैं तो चूत ही लूँगा, पर वो अभी अभी झड़ी थी और ज़्यादा मस्ती की वजह से कुछ ज़्यादा ही झड़ी थी. उसे फिरसे त्यार होने मैं कुछ टाइम लगने वाला था. मैने कहा की तुम बस लेटी रहो.
मैने जो आइस क्यूब्स उसके गान्ड मैं डाले थे वो उसे बैचेन कर रहे थे. उससे रुका नही जा रहा था. उसने कहा तुम कुछ देर उंगली ही कर दो. मैने इयोडीक्स लगा कर उसकी गान्ड को और ज़यादा ठंडा कर दिया. वो अब तड़फ़ रही थी.
रिंकी बोली- यह तुमने क्या कर दिया अब मुजसे रुका नही जा रहा . कुछ करो ना प्लीज़.
मैने कहा- की अगर तुम कहो तो मैं अपना लॅंड तुम्हारी गान्ड मैं डाल कर कुछ ठंडक कम कर दूं.
रिंकी – कुछ भी करो बस किसी तरह मुझे इस तड़फ़ से आज़ाद करा दो.
अंकल- अब तेरी चूत मैं तो गधे का भी दे दें तो तुझे पता ना लगे. बड़ी मुस्किल से यह टाइट छेद मिला है .इसे तो मैं आज कस कर चोदुन्गा.
मैं समझ गया की अंकल आंटी की गान्ड मार रहे हैं. मैं चुपके से वापस गया और रिंकी को बुला लाया .रिंकी डर रही थी पर वो आ गयी उसने बर्फ [ आइस] भी निकाल ली थी.
मैने रिंकी को बताया की अंदर क्या हो रहा है – तो उसे यक्किन नही हुआ.
पर जब कान लगाए तो .वही आवाज़े थी.
आंटी- यह तुम्हे कहाँसे सीख कर आए हो .पहले तो तुमने कभी मेरी गान्ड नही मारी.
अंकल – पहले तेरी कसी हुई चूत से ही मन नही भरता था. पर अब उसमे वो मज़ा नही रहा. मेरे ऑफीस मैंराज शर्मा जी ने मुझे और ठाकुर को अपनी यही समस्या बताई . तो ठाकुर ने कहा की तुम शरमानी [ शर्मा’स वाइफ]की गान्ड क्यो नही मारते.पीछे से करने मैं बोहत मज़ा आता है.वो तो सालो से ठकुराइन की काली गान्ड पेल रहा है.
आंटी-जब हम जवान थे तो मेरी गान्ड की खुजली कभी तुमने नही मिटाई और अब इस उमेर मैं मुझे तंग करते हो.
अंकल- तो क्या किसी और की गान्ड मारू. चुप चाप पर जा. भूल गयी वो दिन जब तू ही मुजसे कहा करती थी गान्ड के लिए. तू चिंता मत कर कुछ दिन के बाद तेरी आग फिरसे भड़क जाएगी.
आंटी – वो तो और दिन थे. पर कम से कम कुछ चिकनाई तो लगा लो. ऐसे सुखी तो ना मारो.दर्द होता है.
उधर अंकल आंटी अपने काम मैं मस्त थे मैने बर्फ से रिंकी की गाड़ पर सिकाई शुरू कर दी. वो पहले ही गरम हो चुकी थी. पर बर्फ ने उसे अलग अनुभव दिया . और वो इशारा कर के मुझे अपने कमरे मैं ले गयी.
मैने उसकी आँख पर पट्टी बाँध दी और उसके साथ खेलने लगा. मैने उसे कहा की तुम अपनी मूठ मारो मैं तुमहरि बर्फ से सिकाई करूँगा. जैसे ही मैने बर्फ से उसके निपल ठंडे किए वो और गरम हो गयी. मैने एक बर्फ का टुकड़ा उसके उपर रगड़ना शुरू कर दिया. उसके क्लिट को भी छुआ तो उसे करंट सा लगा. धीरे धीरे मैने उसकी आग को इतना भड़का दिया की वो अपने उंगली तेज़ी से चलाने लगी. मैने उसे रोक दिया और अपना लंड उसकी चूत मैं डाल दिया. वो अपने आप ही धक्के लगा ने लगी. मैने पहले एक उंगली उसकी गान्ड मैं डाली और कुछ देर ऐसे ही चोदा, फिर एक बर्फ का छोटा सा टुकड़ा उठाया और उसे उसकी गाड़ के छेद से अंदर डाल दिया. फिर कुछ और टुकड़े ऐसे ही अंदर किए. वो इतनी मस्त हो चुकी थी की अब वो इस बात की परवाह नही कर रही थी की मैं क्या करने जा रहा हूँ. ज़्यादा गर्म होने की वजह से वो जल्द ही झाड़ गयी. वो मुझ से चिपक गयी और कहने लगी की हां यह तो सचमुच इस्पेशल था.मैने कहा अभी ख़तम कहाँ हुआ है, अभी तो मैं झड़ना बाकी हूँ.
उसने कहा की मैं हाथो से तुम्हारा पानी निकाल दूँ तो मैने कहा नही, मैं तो चूत ही लूँगा, पर वो अभी अभी झड़ी थी और ज़्यादा मस्ती की वजह से कुछ ज़्यादा ही झड़ी थी. उसे फिरसे त्यार होने मैं कुछ टाइम लगने वाला था. मैने कहा की तुम बस लेटी रहो.
मैने जो आइस क्यूब्स उसके गान्ड मैं डाले थे वो उसे बैचेन कर रहे थे. उससे रुका नही जा रहा था. उसने कहा तुम कुछ देर उंगली ही कर दो. मैने इयोडीक्स लगा कर उसकी गान्ड को और ज़यादा ठंडा कर दिया. वो अब तड़फ़ रही थी.
रिंकी बोली- यह तुमने क्या कर दिया अब मुजसे रुका नही जा रहा . कुछ करो ना प्लीज़.
मैने कहा- की अगर तुम कहो तो मैं अपना लॅंड तुम्हारी गान्ड मैं डाल कर कुछ ठंडक कम कर दूं.
रिंकी – कुछ भी करो बस किसी तरह मुझे इस तड़फ़ से आज़ाद करा दो.