Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती - Page 6 - SexBaba
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Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती

मे अब बदल चुका था खास कर अपनी मम्मी को चोदने के बाद
मेने देखा कि मामी भी कुछ कम नही ,मस्त बदन ,फूली हुई गान्ड ,बड़ी बड़ी चुचिया
कुलमिलाकर मेरे लिए एक मस्त माल जिसे मे चोदना चाहूगा

मेरे लंड मे भी हरकत हुई

मेरा मामा बहुत मेहनती इंसान था ,ऑर मेहनती इंसान रात को खूब चुदाई करते है,ये तो मेने देख लिया था मामा ज़रूर मामी को मचक मचक के चोदते होगे तभी तो मामी का इतना मस्त शरीर हो रखा है

फिर हम कमरे मे गये ,वहाँ मामी ने हमे बैठाया ऑर वो चाइ बनाने चली गयी

कुछ देर मम्मी ओर मे यही बाते करते रहे जितने मे मामी चाइ नही ले आई

मामी:मोहित तू तो बहुत बड़ा हो गया

मे:हाँ मामी

मामी:ऑर सुना कैसी चल रही है जिंदगी

मे:बस मामी,ठीक ठाक चल रही है

मामी:तुम लोग थक गये होगे थोड़ी देर आराम कर लो,मे तुम्हारे लिए खाना बना देती हूँ तब तक

मुझे वाकई थकावट महसूस हो रही थी ,इसलिए मे तो तुरंत बेड पे पड़ गया ऑर मुझे पता ही नही चला कब नींद आ गयी

मे सुबह उठा ,मेरा पेट खाली था ,शाम को खाना नही खाया था,मेने सुबह उठ कर एक ग्लास दूध पिया ऑर जब तक मामी ने परान्ठे बना दिए थे

मामी:खेतो मे चलेगा ,यहाँ बोर हो जाएगा

मे:हाँ मामी

मामी:सुधा तू भी चलेगी क्या

मम्मी:नही भाभी,आज आप ही जा आओ,मैं घर का काम कर लेती हूँ

बस फिर मेने ऑर मामी ने खाना बाँधा ऑर निकल चले खेतो की तरफ

मामी आगे आगे चल रही थी ऑर मे पीछे पीछे चल रहा था,मामी ने घाघरा लुगदी पहन रखा था

मामी की गान्ड का आकार मुझे घाघरे के उपर से ही दिखाई दे रहा था,मस्त गान्ड थी मामी की ,मंन मे तो आया अभी लंड निकाल कर मामी को चोद दूं पर मेने ये करना सही नही समझा

मे मामी की गान्ड को देखने मे इतना मस्त हो गया कि मुझे पता ही नही चला ,कब मामी ने सिर घुमाया ऑर मुझे देख लिया कि मे उनकी गान्ड की तरफ देख रहा हूँ

मामी:क्या देख रहा है

मे हड़बड़ा गया

मे:कुछ नही मामी
मामी:अरे इसमे शरमाने की बात नही है,अभी तो तेरी उमर है ,अभी ही तो सब सीखते है

मे:क्या मामी

मामी:अभी नही करेगा तो नामर्द कहलाएगा,ऑर(( ये कहकर माम्मी मेरे पास आई ,ऑर मेरे सिर पे प्यार से मारा))मुझे क्या पागल समझता है

ऑर ये कहकर मामी वापस आगे चल पड़ी,मुझे समझ नही आया कि मामी क्या कहना चाह रही थी ,क्या ये खुला निमंत्रण था चुदाई का या फिर मामी मुझे समझा रही थी
 
मे फिर से मामी के पीछे चल पड़ा ,मे अब की बार मामी की गान्ड नही देख रहा था,हालाँकि मामी मुझे चेक कर रही थी ,कि मे उनकी गान्ड देख रहा हूँ या नही

बहुत जल्द हम खेतो मे पहुच गये ,मेने देखा आस पास सब सूना है,मतलब यहाँ आराम से किसी की भी चुदाई कर सकते है

मे:मामी यहाँ तो बहुत सूना सूना सा है ,आप बोर नही हो जाती होगी

मामी:तभी तो तुझे लाई हूँ,तुझे जो करना है वो कर यहाँ कोई नही देखने वाला

मे:अच्छा है कोई दिक्कत नही करता

मामी:हाँ,चल तू यहाँ आराम कर ले मे काम कर लेती हूँ

ये कहकर मामी खेतो मे गयी ऑर वहाँ खुदाई कर लगी

मे देख रहा था मामी ,जान बुझ कर गान्ड मेरी तरफ करके खुदाई कर रही थी ,ऑर मामी की गान्ड बहुत हिल डुल रही थी
मेरा लंड खड़ा हो गया था ये देखकर,मे सोच रहा था कि क्या किया जाए

कैसे पटाऊ मामी को गान्ड चोदने के लिए मेरी कुछ समझ मे नही आ रहा था तब मेने सोचा क्यो ना मामी के नाम की मूठ मार लूँ ,कम से कम लंड तो कंट्रोल मे आएगा

मे फिर खेतो के किनारे चला गया ऑर वहाँ आस पास देखा कोई देख तो नही रहा
फिर मे वहाँ मामी की गान्ड की कल्पना करते हुए मूठ मारी
बहुत मज़ा आया

मे आपस आया तो देखा मामी मेरा इंतज़ार कर रही थी
मामी:बड़ी देर लगा दी, क्या कर रहा था

मे फिर हड़बड़ा गया
मे:कुछ नही

मामी:हिलाने गया था ना

मे हक्का बक्का सा हो गया
मे:नही नही

मामी:झूठ मत बोल

मे:नही मे झूठ नही बोल रहा

मामी:बेटा मे सब जानती हूँ तेरी उमर के लड़को को ,वो क्या करते है

मे:नही ऐसा कुछ नही है

मामी:अच्छा तो चल वहाँ पे तुझे अभी साबित करती हूँ कि तूने हिलाया है या नही

मे कुछ नही बोल सका

मामी:आज से पहले किसी को चोदा है

मे:नही (मे कैसे बताता कि मेने अपनी माँ को ही चोद डाला)

मामी:चल तुझे जन्नत का मज़ा दिलाती हूँ,ऑर ये कहकर मामी ने हाथ सीधा मेरी पॅंट के अंदर ले जाकर मेरे लंड को पकड़ लिया

मे कुछ नही कर सका,ऑर मेने अब अपनी पॅंट खोली शुरू की ऑर उसे घुटनो तक नीचे की
मेरी चद्धी तो मामी ने ही नीचे कर दी

मामी:बड़ा तगड़ा लंड है ,तू तो बड़ी उमर की औरतों का भी पानी निकाल दे

मुझे अपनी प्रशंसा सुनकर ख़ुसी हुई

मामी मेरे लंड को आगे पीछे कर रही थी
मे तो आँखे बंद करके मज़ा ले रहा था

तभी मुझे लगा कि मेरे लंड के आस पास गर्मी बढ़ गयी हो मेने जैसे ही आँखे खोली तो देखा कि मामी ने लंड मुँह मे ले रखा है

मामी वाकई बहुत एक्सपर्ट थी लंड चूसने मे
 
तभी मुझे लगा कि मेरे लंड के आस पास गर्मी बढ़ गयी हो मेने जैसे ही आँखे खोली तो देखा कि मामी ने लंड मुँह मे ले रखा है

मामी वाकई बहुत एक्सपर्ट थी लंड चूसने मे
मामी:कैसा लग रहा है

मे:बहुत मज़ा आ रहा है मामी,बस ऐसे ही चूसे जाओ

अब मे मामी का सिर पकड़ कर धीरे धीरे धक्के देने लग आया था
ऑर मुझे पता ही नही चला कि कब धीरे धक्को की जगह तेज ऑर गहरे धक्को ने ली
मेरा पूरा लंड मामी के मुँह से होते हुए गले तक जा रहा था ऑर वापस बाहर आ रहा था

मामी की आँखे पूरी लाल हो चुकी थी ऑर उनसे आसू बह रहे थे
मे देखा कि मामी को बहुत तकलीफ़ हो रही थी पर उन्होने मुझे रोका नही

मे मामी के मुँह को बड़ी बेरहमी से चोदे जा रहा था
कुछ ही देर मे मेरा पानी निकल गया
ऑर मामी मेरा पूरा पानी निगल गयी

मामी:साले सच सच बता ,तूने कितनो को चोदा है,नही तो कोई ऐसे किसी का मुँह नही चोद सकता
मेने सोचा मामी बहुत चुड़क्कड़ है इन्हे बताना ही पड़ेगा

मे:बस एक है "" चाची)"" ,मेरे पड़ोस मे रहती है,उन्होने ने ही मुझे सब सिखाया है

मामी:क्या क्या सिखाया है

मे:सब कुछ जैसे,मुँह ,चूत ,गान्ड चोदना

मामी:तुझे गान्ड मारनी भी आती है

मे:बहुत अच्छी तरह से,मार के दिखाऊ

मामी:आज ही सब कुछ करेगा क्या

मे:कम से कम चूत तो मार लेने दो

मामी :ठीक है ,मार ले तू भी क्या याद रखेगा कि तुझे कैसी मामी मिली है
ऑर ये कह कर मामी अपने घाघरे का नाडा खोलने लगी,मेने तुरंत आगे बढ़ कर मामी को रोका

मामी:क्या हुआ

मे:मुझे खोलने दो ना

मामी:ठीक है

मे अब मामी से चिपक गया ऑर अपने होठ मामी के होंठो पर रख दिए ,ऑर उन्हे चूसने लगा साथ ही अपने हाथ मामी की गान्ड पे ले जाकर मामी की गान्ड को घाघरे के उपर से ही मसलने लगा

मामी भी अब गरम होने लगी थी

मेने धीरे धीरे होठ चूसे जा रहा था ऑर मे मामी के घाघरे का नाडा भी खोने लगा ,जैसे ही नाडा खोला ,मामी का घाघरा एक दम से नीचे गिर गया ,मामी ने अंदर कुछ नही पहना था

मामी नीचे से पूरी नंगी हो गयी थी ऑर मे भी नीचे से नंगा था ऑर,मेरा लंड मामी की चूत को छू रहा था

मेरी पुरानी आदत के अनुसार मेने मामी की एक टाँग उठा ली ऑर अपने लंड पे थूक लगाया ऑर अपने लंड को मामी की चूत पे टिकाया (हम दोनो खड़े थे)ऑर मेने दोनो हाथ एक एक कुल्हों पे रख दिए जिससे मे पूरा ज़ोर लगा सकूँ,

मेने एक करारा धक्का मारा "घचह"

मामी:आाऐययईईईईईईईईईईईईईईई,आख़िर घुसा ही दिया तूने अपना लंड मामी की चूत मे

मुझे आश्चर्य हुआ कि मेरा लंड एक ही झटके मे मामी की चूत मे आधे से ज़्यादा घुस गया
 
मे:आपकी चूत बहुत ढीली है,मेरे एक ही धक्के मे आधे से ज़्यादा अंदर घुस गया

मामी:पर तेरा लंड तो तगड़ा है ,मुझे दर्द का अहसास करा दिया
नही तो अच्छे अच्छे मेरे सामने फैल जाते है

मे:आप कितनो से चुदवाया है

मामी:मामा से ऑर 4-5 ऑर है बस
मामी :तू तो चोद ना

मेने एक ऑर करारा धक्का लगाया ऑर पूरा लंड सरसराता हुआ मामी की चूत मे समा गया

मामी की फिर चीख निकली "आआआआआआआईयईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई"

मामी:इस बार तो तूने मार डाला रे

मेने उनकी बातो पे ध्यान नही दिया ऑर मेने धक्के लगाने शुरू किए
मामी के मुँह से आआहह आआहह आआहह आअहह की आवाज़ें निकल रही मेरे हर धक्के के साथ

मेरी एक ख़ासियत थी कि मे धक्के ज़ोर के देता हूँ ,पूरा लंड बाहर निकाल कर एक ही बार मे पूरा अंदर,इससे मुझे मज़ा आता है ऑर सामने वालो कोई भी मज़ा ऑर दर्द दोनो का एक साथ मज़ा आता है

मे खड़े खड़े ही मामी को चोद रहा था

कोई ये नही कह सकता कि जिस तरह चूत लंड आपस मे टकरा रहे है कि चूत लंड को मार रही है या फिर लंड चूत को मार रहा था

मे बस मामी की चूत को मचक मचक के चोदे जा रहा था ,मेरा लंड पूरा एक बार मे बाहर आकर पूरा एक ही बार मे अंदर घुस जाता

मामी ने शायद मुझे हल्के मे ले लिया था
आसपास केवल फॅक फॅक की आवाज़े सुनाई दे रही थी

मामी:तू तो वाकई बहुत तगड़ा निकला चोदने मे

मे:मामी देखती जाओ ,अभी ऑर क्या क्या करता हूँ

ये कहकर मेने धक्के ऑर तेज कर दिए ऑर अपने होठ मामी के होंठो पे रखकर चूसने लगा

एक बहुत ही मादक संगीत "तह्प ठप ठप" हवा मे बह रहा था जो मुझे ऑर जोश दे रहा था

अब मेने पूरी ताक़त लगा दी थी मामी की चूत की कुटाई करने मे

मामी की हालत खराब हो गयी थी

मामी:थोड़ा धीरे कर

शायद मामी को इतनी बुरी तरह किसी ने नही चोदा होगा जितना मे चोद रहा था

मामी की चूत मेरे लंड की मार से पूरी लाल पड़ गयी थी
कुछ देर बाद मेने पानी मामी की चूत मे ही निकाल दिया

जैसे ही मेने लंड बाहर निकाला ,मामी की चूत से मेरे वीर्य की धारा निकल पड़ी
ऑर जैसे ही मेने अपनी पकड़ ढीली की,मामी वही नीचे बैठ गयी,उनमे खड़े रहने की ताक़त नही बची थी

आज मेने मामी की चूत इतनी बेदर्दी से चोदि थी कि मामी से खड़ा नही हुआ जा रहा था
 
मामी:मोहित,तूने आज बहुत जोरदार चोदा , फाड़ दी मेरी चूत ,देख खड़ा भी नही हुआ जा रहा,लेकिन बहुत मज़ा आया

फिर मेने मामी को उठाया ,खेत मे बनी कुटिया मे ले जाकर मेने मामी की चूत की मसाज की ,ऑर कुछ देर मे मामी खड़े होने लायक हालत हो गयी थी

बस फिर हमने आराम किया ऑर शाम को घर की ओर निकल पड़े

मामी फिर आगे आगे ऑर मे पीछे पीछे

अब मे बेशर्मो की तरह मामी की गान्ड को घुरे जा रहा था
मामी की हिलती हुई घाघरे मे बड़ी सी गान्ड देखकर मेरे मन बेचैन हो गया
ऑर मे कल की सोचने लगा कि कल मामी की गान्ड मारूगा

जैसे ही हम घर पहुचे ,मामी ने मम्मी से कहा
मामी:सुधा खाना बना दिया क्या

मम्मी:हाँ भाभी ,खाना तैयार है
मम्मी:लगता है तुमने आज बहुत मेहनत की है

ये बात सुनकर मे ऑर मामी मुस्कुरा जाते है

मम्मी हम दोनो को मुस्कुराते देख लेती है

मम्मी:क्या बात है आज मामी-भानजे बड़े मुस्कुरा रहे है क्या बात है हमे भी तो बताओ

मामी:नही ऐसी कुछ बात नही है ,वो क्या है कि आज मोहित ने मेरी खेती मे बहुत मदद की

मम्मी:क्या बात है,मोहित,तू कब से खेती करने लग गया

मे:बस मामी को काम करते हुए देख कर मुझे भी काम की करने की इच्छा हो गयी

मम्मी:क्या काम किया

मे:खुदाई

मम्मी:खुदाई,किसकी(मम्मी भी डबल मीनिंग मे बात कर रही थी)

मे:ज़मीन की(मे मुस्कुराता हुआ)

मामी:खाना लगा दो

मम्मी:हाँ भाभी अभी लगाती हूँ

ये कह कर मम्मी खाना लगाने चली जाती है ,फिर मामी बोलती है
मामी:देख तेरी माँ को इसकी भनक नही लगनी चाहिए कि आज हमने क्या काम किया

मे:आप बिल्कुल फ़िक्र ना करो ,किसी को कुछ पता नही चलेगा

मम्मी की आवाज़ आई
मम्मी:बेटा तेरा भी खाना लगा दूं या थोड़ी देर रुक कर खाएगा

मे:मे रुककर खाउन्गा जब तक मे अपने दोस्तो से मिल आता हूँ,बहुत दिन हो गये उनसे मिले हुए

मम्मी:ठीक है

ऑर मे बाहर चला जाता हूँ ऑर उस रास्ते मे निकल जाता हूँ जिस तरफ राजू रहता था

मे रास्ते मे कई औरतो का देख रहा था

मुझे सब औरतो की गान्ड बड़ी मस्त लग रही थी ,मन कर रहा था सभी गान्ड मार दूं

आज मुझे गाव बड़ा अच्छा लग रहा था ऑर ना जाने क्यो वहाँ की सारी औरते बड़ी मस्त लग रही थी

जल्द ही राजू का घर आ गया ,में अंदर गया ,ऑर आवाज़ लगाई "रजुउुुउउ"

अंदर से आवाज़ आई ,कॉन है

मे:मे मोहित,राजू है क्या घर पे

राजू की माँ मंजू बाहर आई

मंजू का बदन पूरा पसीने से भीगा हुआ था ,ऑर उसने साड़ी का पल्लू अपनी कमर के साइड मे लगा रखा था जिससे उसका सारा पेट नज़र आ रहा था
 
मेरा तो मुँह खुला का खुला रहा गया,मंजू इस समय इतना कहर ढा रही थी कि अच्छों अच्छों का पानी निकल जाए
मन तो कर रहा था कि अभी मंजू पे चढ़ जाउ ,ऑर उसके पसीने से भीगे हुए शरीर को अपने शरीर से चिपका कर चोद डालु
पसीने से भीगा होने के कारण मंजू का शरीर ऑर भी चमक रहा था ,दूसरी भाषा मे कहे तो मंजू बिल्कुल चिकनी लग रही थी

मंजू:कॉन

मे:आंटी मुझे पहचाना नही,मे मोहित

मंजू:अरे मोहित,आओ आओ

बैठो,मे बस एक मिनिट मे आई,

ऑर मंजू तेज़ी से किचन की तरफ जाने लगी

जाते समय मंजू की बड़ी सी गान्ड उपर नीचे हो रही थी

मे मन मे((बड़ी मस्त गान्ड है मंजू की ,शायद मेरा पहला प्यार मंजू से ही था ,तब मे मम्मी को मम्मी की नज़र से देखता था,इसकी गान्ड तो मारनी पड़ेगी)

मे कुछ देर वहाँ बैठा रहा ,थोड़ी देर बड़ा मंजू आंटी आ गयी

मंजू:ऑर बेटा ,कैसे हो

मे:ठीक हूँ आंटी ,आप के हाल चाल सूनाओ

मंजू:मेरे भी ठीक है

मे:राजू कहाँ गया

मंजू:यहाँ पर पढ़ाई नही होती इसलिए उसे बाहर सहर मे पढ़ने भेज दिया

मे:तो आंटी आप यहाँ अकेली रहती हो

मंजू:हाँ बेटा,वैसे राजू हर शनिवार आ जाता है ऑर मंडे को सुबह चला जाता है,ज़्यादा दूर थोड़ी ही है सहर

मे:हाँ आंटी वो तो पता है ,2 घंटे का रास्ता है

मे:तो मतलब मुझे राजू से मिलने के लिए 5 दिन इंतज़ार करना पड़ेगा

मंजू:तू मिल आ उससे ऑर उसे ले आना

मे:नही आंटी उसे रहने दो ,उसको पढ़ाई करने दो ,वो जब आएगा तब मे मिल लुगा

मे:ठीक है आंटी मे चलता हूँ,

मंजू:चाइ तो पी ले

मे:नही आंटी फिर कभी पी लुगा

मे:ठीक है आंटी

मंजू:ठीक है बेटा

ऑर ये कह कर मंजू आंटी वापस अंदर जाने लगी

मे वापस उनकी पसीने से भीगी हुई कमर ऑर उसके इतनी मस्त गान्ड को उपर नीचे होते हुए देख कर मेरे लंड मे हलचल हो गयी

मे बाहर आ गया

अब मेने कालू के घर जाने की सोची

मे कालू के घर गया तो वहाँ उसकी माँ मिली कमला,थोड़ा सावला कलर था पर थी बड़ी मस्त

मुझे देखकर वो पहचान गयी

कमला:अरे मोहित,कब आए

मे:आज सुबह ही आया हूँ

कमला:अच्छा ,तो तुम कालू को मिलने आए होगे

मे:हाँ आंटी

कमला:हाँ हाँ तुम्हे उसी से ही तो मतलब है ,हमारे से कुछ लेना देना ही नही है

मे:नही नही ऐसी कोई बात नही हही

कमला:तो फिर,आया करो कभी हमसे भी मिलने

मे:ठीक है आंटी ,आउगा मिलने
कालू थोड़ी देर मे आता ही होगा,जब तक मे चाइ बनाके लाती हूँ

मे:नही आंटी रहने दो ,

कमला:अरे जब तक कालू आता है चाइ तो पी सकता है

मे:ठीक है आंटी,आप कह रही हो तो पी लेता हूँ
ये कह कर कमला चाइ बनाए चली जाती है


मेरी तो पुरानी आदत थी औरतो की गान्ड देखने की ,जैसे ही कमला आंटी चाइ बनाने के लिए मूडी ,मे उनकी गान्ड को देखने लग गया

गान्ड ज़्यादा बड़ी तो नही थी पर टाइट बहुत थी,कमला का पूरा शरीर बहुत टाइट था,चुचि ,गान्ड सब कुछ टाइट था
 
मे कमला की गान्ड देख कर पता नही कहाँ खो गया था,जितने मे कमला पीछे मूडी ऑर मुझे उनकी गान्ड देखते हुए पकड़ लिए,कमला थोड़ी मुस्कुराइ ऑर वापस आगे की ओर देखने लगी

मे सोच रहा था यार ,यार आज तो मेरी इज़्ज़त मिट्टी मे मिल गयी ,कमला आंटी क्या सोच रही होगी


कुछ ही देर मे कलमा आंटी चाइ लेकर आई ऑर थोड़ा झुक कर मुझे कप पकड़ाने लगी,जैसे ही कमला आंटी नीचे झुकी उनका पल्लू नीचे गिर गया ऑर मुझे उनकी चुचि का आकार दिखाई दिया

मे बस उनकी चुचि को देखे जा रहा था ऑर कलमा आंटी भी कुछ नही कर रही थी

कुछ देर मे जब कमला आंटी ने कहा कि ""चाइ""तब जाकर मुझे होश आया

मेने काँपते हुए हाथो से चाइ का कप लिया

पता नही कैसे मेने चाइ का कप पकड़ते हुए मेने आंटी के हाथो को भी छू लिया था जो कि कमला आंटी को पता चल गया था एक बार फिर कमला आंटी इस हरकत पे मुस्कुराइ


मे चुप चाप चाइ पीने लग गया था
कुछ ही देर मे कालू भी आ गया

कमला:लो आ गया कालू

कालू:अरे मोहित,क्या बात है यार ,बहुत दिनो बाद मिलना हुआ

मे:हाँ यार

कमला:तेरा ये दोस्त तो बड़ा शर्मिला है,लोग तो सहर जाकर खुल जाते है ऑर ये ऑर शर्मिला हो गया

कालू:चल आज़ा बाहर बैठते है

मे:हाँ चल ये ठीक रहेगा

फिर हम दोनो बाहर चले जाते है ,ऑर कुछ ही देर मे हम गाव के बाहर खुली हवा मे चट्टान पे बैठ जाते है

कालू:ऑर सुना यार क्या हाल चाल है

मे:बस यार तू सुना भेन्चोद तेरे क्या हाल चाल हैं

कालू:बस अपने भी मस्त है ,एक ओर भाभी पटाई है ,जब भी मन होता है चोदने चला जाता हूँ

मे:क्या बात है

कालू:तूने किसी को पटाया क्या

मे:हाँ ,मे भी वहाँ पड़ोस मे चाची रहती है उसको पटाने की कॉसिश कर रहा हूँ

कालू:चाची ,किसकी चाची

मे:अरे यार वो मुस्लिम है

कालू:अच्छा वो वाली चाची

कालू:तो कहाँ तक पहुचि बात

मे:बस चल रही है ,बहुत जल्दी चोद दूँगा उसे

कालू:ऑर अपनी माँ की बात बात कहाँ तक पहुचि

मे:माँ की(मुझे नही पता था कि वो ये बात इतना जल्दी छेड़ देगा)

कालू:बहन्चोद भूल गया वो बात,जब मेने ,तूने ऑर राजू ने कसम खाई थी कि हम अपनी माँ'ओ को चोदेगे ऑर फिर दूसरे से चुदवाने मे मदद करेंगे

मे:हाँ यार याद है

कालू:तो कहाँ तक पहुचि

मे:यार अभी तो चाची ही नही पट रही ,माँ को कैसे पटाऊ
कालू:बहन्चोद तू तो एक नंबर का फट्टू है

मे:तो तूने अपनी माँ को पटा लिया

कालू:ऑर नही तो क्या,बहन्चोद ,मचक मच्छक कर चोदता हूँ अपनी माँ को,नानी याद दिला देता हूँ

मे:क्या बात कर रहा है

कालू:अरे बिल्कुल ,मेने तो माँ की गान्ड चूत दोनो मार दी

मे:कैसे पटाया अपनी माँ को तूने

कालू:कुछ नही ,वो अपना बहादुर चाचा है ना

मे:अरे वो ठर्की ,जो किसी भी औरत के पीछे लग जाता है तो उसे चोदे बिना नही रहता है

कालू:हाँ हाँ वही

मे:अब थोड़ी ही करता होगा वो ठर्की वाली हरकते

कालू:अरे करता है अभी भी,अभी ये बात छोड़ ,मे बता रहा था कि चाचा रोज गांजा पीते है ऑर मस्त रहते है
एक दिन मे उनके पास गया था कि चाचा कुछ बताओ ना कैसे एक बड़ी उमर की औरत को चोदने के लिए पटाऊ


मे:तो क्या बताया उन्होने

कालू :उन्होने पूछा कोन्सि औरत ,तो कहा कि है कोई उमर आपस पास 45 साल ,ये सुनते ही तो वो अपना लंड मसलने लग गया ऑर बोला कि पहले गांजा पी फिर बता ता हूँ,मेने गांजा पिया ,मेरा सिर घूम गया ऑर मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया फिर चाचा बोले ,वो औरत जिसकी तू बात कर रहा है ऑर कोई नही तेरी माँ ही है

मे नशे मे मस्त था ,इसलिए सब कुछ सच निकलगया

मे:अरे यार तूने क्या किया


कालू:मे क्या करता ,सब कुछ नशे नशे मे निकल गया

मे:तो उन्होने क्या बताया

कालू:चाचा ने बताया कि रात को सोते समय मे नींद का नाटक करके माँ की चुचि ऑर गान्ड दबा दिया करो ऑर लंड को खड़ा करके सीधा होकर सो जाया कर ,माँ अपने आप तेरी तरफ खिचि चली आएगी

मे:तो हुआ क्या ऐसा कुछ


कालू:हुआ ना,कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा ,मुझे शुरू मे डर लगा ,लेकिन बाद मे हिम्मत आनी शुरू हो गयी थी जब माँ कोई विरोध नही कर रही थी,ऑर कुछ दिनो बाद जब माँ से रहा नही गया तो उसने मेरा लंड पकड़ लिया ,उसके बाद मे बस माँ पे चढ़ गया उस दिन के बाद मे रोज माँ पे चढ़ता आ रहा हूँ

मे:यार तेरे तो मज़े हो गये

कालू:साले मेने तो सोचा था कि तू सहर मे अपनी माँ को चोदता होगा ऑर जब यहाँ आएगा तो दोनो अपनी माँ की अदला बदली करके चुदाई करेंगे

मे:हाँ यार मेरी भी इच्छा है अदला बदली करने की पर यार मे क्या कर सकता हूँ
यार तू तो अपनी मदद कर न अपनी माँ को मुझसे चुदवाने मे

कालू:साले तू पलटी मार गया ना


मे:यार तूने ऐसा सोच भी कैसे लिया हम बचपन के दोस्त है यार
 
कालू:ठीक है यार ,मुझे भी काम है ,वो क्या कि मेरे ताऊ जी के लड़के का आक्सिडेंट हो गया है ,तो मे 2 दिन के लिए बाहर जा रहा हूँ,ऑर केवेल माँ ही रहेगी,अगर तेरे घरवाले पर्मिशन दें तो मे अपनी माँ को बोल कर तुझे मेरे घर रुकवा सकता हूँ ,आगे तू जो कर सके वो कर लेना

मे:सही बोल रहा है ,तेरी माँ राज़ी हो जाएगी क्या मुझे तेरे घर पे रुकने के लिए

कालू:वो मे देख लुगा,ऑर अगर तू कुछ नही कर पाया तो मेरी ग़लती नही है


कालू:लेकिन इसके लिए तुझे भी माँ को मेरे से चुदवाने की कॉसिश करनी पड़ेगी

मे:हाँ ठीक है

ये कह कर हम लोग घर की तरफ चलने लगे

कुछ ही देर मे हम अपने अपने घर पहुच गये

घर पहुचने के बाद मे प्लानिंग कर रहा था कैसे कालू की माँ कमला को पटाउंगा चोदने के लिए,पूरे घर मे होगा तो कोई नहीं ,चलो देखते है जो होगा देखा जाएगा,लेकिन चोदुगा ज़रूर

ऑर फिर कल मामी की गान्ड भी तो मारनी है


मे उठा ऑर किचन मे से खाना ले कर खाना खाया ऑर वापस अपने रूम मे आकर सो गया ,मम्मी ऑर मामी छत पे बैठ कर गप्पे लड़ा रही थी

मे सुबह उठा तो देखा मामी नहा के आई थी ,ऑर वो मुझे देखते ही मुस्कुराइ ऑर बोली
मामी:बेटा नींद अच्छी आई ना

मे:हाँ मामी

मामी:तो आज भी खेतो मे चल कर काम करेगा या फिर यही आराम करेगा

मे:मे खेतों मे जाकर मेहनत करना चाहता हूँ ,कम से कम खेतो का अनुभव तो होगा ही ऑर सेहत भी सुधरे गी

मामी:तो चल तैयार होज़ा जल्दी से

मे:बस मामी मे जल्दी से तैयार होता हूँ


कुछ ही देर मे हम खेतो के रास्ते पे थे

मामी मेरे सामने गान्ड को मटका मटका के चल रही थी

घाघरे मे मामी की गान्ड बड़ी मस्त लग रही थी,मामी की मटकती गान्ड को देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया

मेने आगे बढ़कर मामी की गान्ड को दबा दिया


मामी:आआहह ,हॅट शैतान क्या कर रहा है ,कोई देख लेगा

मे:देखने दो ,मे तो मामी को प्यार ही तो कर रहा हूँ

मामी:जो करना है खेतो मे जाकर करना ,यहाँ कोई भी देख सकता है,खेतो मे कोई नही आता,यहाँ दूसरे के खेतो मे ताका झाँकी नही करते

मे:ठीक है ,तो फिर जल्दी चलो ना

मामी:अरे बेटा थोड़ा सब्र रख ,बस जल्दी ही पहुच जाएगे


कुछ देर मे हम अपने खेतो मे थे

मेने खेतो मे पहुचते ही मामी की गान्ड को पकड़ लिया ऑर ज़ोर से दबाने लगा

मामी:आअहह बेटा थोड़ा आराम से
ऑर फिर हम हमारी खेतो मे बनी हुई कुटिया मे चले गये

वहाँ मेने फिर मामी को पलटाया ऑर होंठो पे किस करने लगा
मामी ने किस तोड़ते हुए

मामी:बेटा ये होंठो को मत चूसा कर

मे:क्या हुआ मामी

मामी:मुझे अच्छा नही लगता ,उल्टी जैसा मन होता है

मे:इसमे तो बहुत मज़ा है मामी

मामी:तभी तो कल कॉसिश की थी मेने ,पर मुझे मज़ा नही आया ,यहाँ कोई होंठो पे चुम्मि नही करता है

मे:ठीक है मामी,ऑर ये कह कर मे मामी के गले पे किस करने लगा

मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा था तो में जैसे ही मामी के शरीर से चिपका मेरा लंड मामी की चूत से चिपक गया

वो तो घाघरा था बीच मे नही तो मामी की चूत मे घुस चुका होता
मेरा लंड झटके पे झटके खाए जा रहा था
 
मैं मामी के गले पे किस करते हुए एक हाथ से चुचि दबा रहा था ऑर दूसरे हाथ से मामी की गान्ड दबा रहा था
कुछ देर तक यूही चलता रहा फिर मेने आगे बढ़ने की सोची

मेने दोनो हाथ मामी की कमर पे ले जाकर मामी के घाघरे के नाडे को ढूँढना शुरू किया
बड़ा मज़ा आ रहा था मामी के घाघरे को ढूँडने मे

जल्द ही नाडा मिल गया ऑर फिर कुछ ही देर नांडा खुल गया
जैसे ही नाडा खुला मामी का घाघरा सर्र के नीचे आ गिरा

मामी ने अंदर कुछ नही पहना था ऑर आज मे भी अंडरवेर पहन कर नही आया था

ऑर मेरा पाजामा कॉटन का था इसलिए कपड़ा पतला था
मेरा लंड इतना उत्सुक था कि मेरा लंड कपड़े को फाड़ते हुए मामी की चूत मे घुस सके

मेने मामी को पलटया ऑर अपना पाजाम खोलकर मामी के पीछे से चिपक गया ऑर गले पे किस करने लगा
मामी अब गरम हो चुकी थी ये बात उनकी तेज सासे ऑर आहे बता रहीं थीं

मेने मामी से कहा


मे:मामी आप कुतिया बन जाओ

मामी:कुतिया बनाकर चोदेगा मुझे ,अच्छा है मुझे भी पसंद है ये

मामी कुतिया बन गयी


मामी के कुतिया बनते ही मेने मामी के चुतड़ों को अलग अलग किया ऑर वो छेद देखने लगा जिसे मे सबसे ज़्यादा प्यार करता हूँ ऑर आज उसे मज़े से चोदुन्गा

जैसे ही मेने मामी के चुतड़ों को फैलाया मुझे मामी की गान्ड का छेद दिखाई दिया

बड़ी बड़ी गान्ड के बीच एक बड़ी से दर्रार के बीच ये छेद किसी खजाने से कम नही था

मेने तुरंत अपना मुँह वहाँ रख दिया

जैसे ही मेने अपना मुँह वहाँ रखा मामी के मुँह से सिसकारी निकल पड़ी

मामी:आआहह बेटे ,आज तक वहाँ किसी ने मुँह नही रखा

मे:मे हूँ ना मामी,आपको जन्नत का मज़ा दिलाउन्गा

ये ये कह कर मे मामी के गान्ड के छेद को चाटने लगा

हालाँकि थी गंदी चीज़ पर मुझे आज उससे चाटने मे बड़ा मज़ा आ रहा था


फिर मेने एक उंगली को उठाया ऑर उसपे थुका ऑर मामी की गान्ड के छेद पे लगाकर दबाव डाला
उंगली थूक मे गीली होने की वजह से बिना किसी डर के अंदर घुस गयी

मामी:आआहह बेटा

मैं उस उंगली को थोड़ी देर मामी की गान्ड मे यूही अंदर बाहर कर रहा था
फिर मेने दूसरी उंगली भी डाल दी

बहुत जल्द ही मेरी दो उंगलिया मामी की गान्ड से बड़े आराम से अंदर बाहर हो रही थी

मेने दोनो उंगलिया निकाली ,उसके बाद मामी के गान्ड का छेद थोड़ा सा खुला हुआ था
मेने दोनो चूतड़ को ज़ोर लगा कर फैलाया जिससे गान्ड का छेद ऑर ज़ोर से खुल सके ,

मेरे ऐसा करने पे मामी की गान्ड का छेद थोड़ा ऑर खुल गया ऑर मेने बिना सोचे समझे ही अपनी जीब मामी की गान्ड के अंदर घुसा दी

मामी:आआआहह,तू तो मुझे मार ही डालेगा ऐसे हरकते करके
(ऑर इसी के साथ मामी की चूत ने पानी छोड़ दिया था)
 
मेने मामी की गान्ड को थूक से पूरी गीली कर दिया था

मेने अपने लंड पे थुका ऑर मामी की गान्ड के छेद पे लगा दिया ऑर दोनो हाथो से मामी की गान्ड पकड़ ली थी ,जिससे मेरी पकड़ अच्छी हो जाए ऑर धक्का ज़ोर से लगा सकूँ

मे:मामी,तैयार हो जाओ,मेरा लंड गान्ड के अंदर घुसने वाला है

मेने खुद को तैयार किया ऑर अपनी पकड़ जमाई मामी की गान्ड पे ओर एक जोरदार धक्का दिया ""घचह"""
मामी मे मुँह से एक जोरदार चीख निकली "आआआआआआआआआआआआआआआआअ""

मामी: (मामी दर्द के कारण अपने दाँत दबाते हुए बोली) बाहर निकाल लंड ,मुझे नही मर्वानी गान्ड

मुझे बहुत ख़ुसी हुई ये बात सुनकर कि मेने मामी की हालत खराब कर दी

मे:मामी अभी कुछ देर मे दर्द चला जाएगा


ऑर मे आगे झुककर मामी की चुचिया दबाने लगा ऑर दूसरे हाथ से मामी की चूत सहलाने लगा
कुछ ही देर मे मामी को राहत मिली

मे:क्यो मामी आपकी हालत तो खराब हो गयी गान्ड मरवाने में ऑर अभी तो मेने शुरू ही किया था

मामी:तुझे हँसी आ रही है ऑर मेरी क्या हालत थी ये तुझे क्या पता

मे:मामी जब लंड अंदर घुसता है तो होता है दर्द जब पूरा अंदर घुस जाता है तब आते है जन्नत जैसे मज़े

मामी:तू बाहर निकाल लंड मुझे नही मर्वानी गान्ड

मे:आपने पहले कभी मराई है गान्ड

मामी:तेरे मामा ने मारी थी तब भी बहुत दर्द हुआ था

मे:तो एक बार मेरे खातिर मरा लो ,बस एक बार आपको अपने आप मज़ा आएगा,मेने वादा करता हूँ

मामी:देख आपकी बार दर्द हुआ तो नही मारने दूँगी गान्ड


मे:मामी आप बस मुझे गान्ड के अंदर पूरा लंड घुसा लेने दो ,उसके बाद आपको मज़ा नही आया तो निकाल लूँगा लंड

मामी:ठीक है तो घुसा पूरा लंड

मामी की जैसे ही ये बात पूरी हुई एक ऑर करारा धक्का मामी की गान्ड पे पड़ गया ऑर मामी फिर से चीख उठी "आआआआआआआईयईईईईईईईईईई"

आआआआहह बेटा आआआआअहह

तू तो मार ही डालेगा आज

अब तक मेरा लंड लगबग 3/4 घुस चुका था

मे:बस हो गया मामी

ऑर ये कहते ही एक आखरी जबरदस्त धक्का """घचह"""

ऑर ये धक्का इतना तेज था कि मेरे आगे वाला हिस्सा बहुत तेज़ी से मामी की गान्ड से टकराया ऑर मे मामी के साथ ही नीचे ज़मीन पे गिर गया
ऑर इसके साथ ही मामी की जबरदस्त चीख निकली """आआआआआआआआईयईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई""
आआआआआआआआआहह

आआआआआअहह

ऑर इसके साथ ही मामी की आँखो से आँसू निकल पड़े ऑर मामी ने रोने की आवाज़ मे कहा

मामी:मे तेरे हाथ जोड़ती हूँ प्लीज़ निकाल ले लंड

मामी बिल्कुल सीधी ज़मीन पे लेटी हुई थी ऑर मे उनके उपर लेटा हुआ था,ऑर मेरा पूरा लंड मामी के गान्ड मे घुसा हुआ था

मे:अब दर्द नही होगा मामी

मामी:तू निकाल ले लंड

मे मामी को शांत करने मे लगा हुआ था
मैं मामी की पीठ चाट रहा था ऑर एक हाथ से मामी की चुचि को दबा रहा था ऑर एक हाथ से मामी की चूत को सहला रहा था

मुझे बहुत देर इंतज़ार करना पड़ा मामी को शांत करने के लिए
 
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