hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
मे अब बदल चुका था खास कर अपनी मम्मी को चोदने के बाद
मेने देखा कि मामी भी कुछ कम नही ,मस्त बदन ,फूली हुई गान्ड ,बड़ी बड़ी चुचिया
कुलमिलाकर मेरे लिए एक मस्त माल जिसे मे चोदना चाहूगा
मेरे लंड मे भी हरकत हुई
मेरा मामा बहुत मेहनती इंसान था ,ऑर मेहनती इंसान रात को खूब चुदाई करते है,ये तो मेने देख लिया था मामा ज़रूर मामी को मचक मचक के चोदते होगे तभी तो मामी का इतना मस्त शरीर हो रखा है
फिर हम कमरे मे गये ,वहाँ मामी ने हमे बैठाया ऑर वो चाइ बनाने चली गयी
कुछ देर मम्मी ओर मे यही बाते करते रहे जितने मे मामी चाइ नही ले आई
मामी:मोहित तू तो बहुत बड़ा हो गया
मे:हाँ मामी
मामी:ऑर सुना कैसी चल रही है जिंदगी
मे:बस मामी,ठीक ठाक चल रही है
मामी:तुम लोग थक गये होगे थोड़ी देर आराम कर लो,मे तुम्हारे लिए खाना बना देती हूँ तब तक
मुझे वाकई थकावट महसूस हो रही थी ,इसलिए मे तो तुरंत बेड पे पड़ गया ऑर मुझे पता ही नही चला कब नींद आ गयी
मे सुबह उठा ,मेरा पेट खाली था ,शाम को खाना नही खाया था,मेने सुबह उठ कर एक ग्लास दूध पिया ऑर जब तक मामी ने परान्ठे बना दिए थे
मामी:खेतो मे चलेगा ,यहाँ बोर हो जाएगा
मे:हाँ मामी
मामी:सुधा तू भी चलेगी क्या
मम्मी:नही भाभी,आज आप ही जा आओ,मैं घर का काम कर लेती हूँ
बस फिर मेने ऑर मामी ने खाना बाँधा ऑर निकल चले खेतो की तरफ
मामी आगे आगे चल रही थी ऑर मे पीछे पीछे चल रहा था,मामी ने घाघरा लुगदी पहन रखा था
मामी की गान्ड का आकार मुझे घाघरे के उपर से ही दिखाई दे रहा था,मस्त गान्ड थी मामी की ,मंन मे तो आया अभी लंड निकाल कर मामी को चोद दूं पर मेने ये करना सही नही समझा
मे मामी की गान्ड को देखने मे इतना मस्त हो गया कि मुझे पता ही नही चला ,कब मामी ने सिर घुमाया ऑर मुझे देख लिया कि मे उनकी गान्ड की तरफ देख रहा हूँ
मामी:क्या देख रहा है
मे हड़बड़ा गया
मे:कुछ नही मामी
मामी:अरे इसमे शरमाने की बात नही है,अभी तो तेरी उमर है ,अभी ही तो सब सीखते है
मे:क्या मामी
मामी:अभी नही करेगा तो नामर्द कहलाएगा,ऑर(( ये कहकर माम्मी मेरे पास आई ,ऑर मेरे सिर पे प्यार से मारा))मुझे क्या पागल समझता है
ऑर ये कहकर मामी वापस आगे चल पड़ी,मुझे समझ नही आया कि मामी क्या कहना चाह रही थी ,क्या ये खुला निमंत्रण था चुदाई का या फिर मामी मुझे समझा रही थी
मेने देखा कि मामी भी कुछ कम नही ,मस्त बदन ,फूली हुई गान्ड ,बड़ी बड़ी चुचिया
कुलमिलाकर मेरे लिए एक मस्त माल जिसे मे चोदना चाहूगा
मेरे लंड मे भी हरकत हुई
मेरा मामा बहुत मेहनती इंसान था ,ऑर मेहनती इंसान रात को खूब चुदाई करते है,ये तो मेने देख लिया था मामा ज़रूर मामी को मचक मचक के चोदते होगे तभी तो मामी का इतना मस्त शरीर हो रखा है
फिर हम कमरे मे गये ,वहाँ मामी ने हमे बैठाया ऑर वो चाइ बनाने चली गयी
कुछ देर मम्मी ओर मे यही बाते करते रहे जितने मे मामी चाइ नही ले आई
मामी:मोहित तू तो बहुत बड़ा हो गया
मे:हाँ मामी
मामी:ऑर सुना कैसी चल रही है जिंदगी
मे:बस मामी,ठीक ठाक चल रही है
मामी:तुम लोग थक गये होगे थोड़ी देर आराम कर लो,मे तुम्हारे लिए खाना बना देती हूँ तब तक
मुझे वाकई थकावट महसूस हो रही थी ,इसलिए मे तो तुरंत बेड पे पड़ गया ऑर मुझे पता ही नही चला कब नींद आ गयी
मे सुबह उठा ,मेरा पेट खाली था ,शाम को खाना नही खाया था,मेने सुबह उठ कर एक ग्लास दूध पिया ऑर जब तक मामी ने परान्ठे बना दिए थे
मामी:खेतो मे चलेगा ,यहाँ बोर हो जाएगा
मे:हाँ मामी
मामी:सुधा तू भी चलेगी क्या
मम्मी:नही भाभी,आज आप ही जा आओ,मैं घर का काम कर लेती हूँ
बस फिर मेने ऑर मामी ने खाना बाँधा ऑर निकल चले खेतो की तरफ
मामी आगे आगे चल रही थी ऑर मे पीछे पीछे चल रहा था,मामी ने घाघरा लुगदी पहन रखा था
मामी की गान्ड का आकार मुझे घाघरे के उपर से ही दिखाई दे रहा था,मस्त गान्ड थी मामी की ,मंन मे तो आया अभी लंड निकाल कर मामी को चोद दूं पर मेने ये करना सही नही समझा
मे मामी की गान्ड को देखने मे इतना मस्त हो गया कि मुझे पता ही नही चला ,कब मामी ने सिर घुमाया ऑर मुझे देख लिया कि मे उनकी गान्ड की तरफ देख रहा हूँ
मामी:क्या देख रहा है
मे हड़बड़ा गया
मे:कुछ नही मामी
मामी:अरे इसमे शरमाने की बात नही है,अभी तो तेरी उमर है ,अभी ही तो सब सीखते है
मे:क्या मामी
मामी:अभी नही करेगा तो नामर्द कहलाएगा,ऑर(( ये कहकर माम्मी मेरे पास आई ,ऑर मेरे सिर पे प्यार से मारा))मुझे क्या पागल समझता है
ऑर ये कहकर मामी वापस आगे चल पड़ी,मुझे समझ नही आया कि मामी क्या कहना चाह रही थी ,क्या ये खुला निमंत्रण था चुदाई का या फिर मामी मुझे समझा रही थी