Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती - Page 7 - SexBaba
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Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती

तकरीबन 15 मिनट बाद मेने हल्का सा लंड बाहर निकाला ऑर फिर घुसा दिया

मामी:आआआईयाीईईईईईईई
मामी अब विरोध नही कर रही थी
मामी की गान्ड का छल्ला अब ढीला होने लगा था

मेने वापस थोड़ा लंड निकाला ऑर वापस अंदर
मामी:आआआआआईयईईईईईई

ऐसे करते करते मे अब अपने लंड को करीब करीब आधा निकाल कर अंदर डाल रहा था

मे:कैसा लग रहा है मामी

मामी:अब थोड़ा ठीक लग रहा है

मे:तो तैयार हो जाओ ,गान्ड चुदाई के असली मज़े को लेने के लिए


ऑर ये कहकर मेने करीब करीब पूरा लंड बाहर निकाला ऑर पूरा एक ही बार मे अंदर

मामी:''आाआऐययईईईईईईईईई

जब तक मामी की आवाज़ बंद होती ,मेरा लंड वापस पूरा बाहर जाकर अंदर चला गया
मामी:""""आआईयईईईई""


मैं अब पूरा लंड बाहर निकाल कर पूरा एक ही बार मे अंदर डाल रहा था

मामी की चीख अब "आआअहह ""मे बदल गयी थी

मेने अपने धक्के तेज किए
अब वहाँ ठप ठप की आवाज़ सुनाई दे रही थी ऑर इसके साथ ही मामी के मुँह से """आअहह आआहह आआअहह" की आवाज़े सुनाई दे रही थी

जैसे जैसे मेरे धक्के मामी की गान्ड पे पड़ रहे थे वैसे वैसे मामी के मुँह से "आहह आअहह अया आअहह" की आवाज़े आ रही थी

मामी:तू तो जबरदस्त गान्ड मारता है रे,मेरी गान्ड फाड़ डाली तूने तो


मे:यही तो बात है मेरी,बोलो मज़ा नही आ रहा क्या

मामी:आ तो रहा है,ऑर ज़ोर से मार मेरी गान्ड

मेने अपने धक्के ऑर तेज किए ,मे अब पूरी ताक़त से मामी की गान्ड मार रहा था ,मामी की इतनी जबरदस्त ठुकाइ किसी ने नही की थी

मामी की चूत ने फिर पानी छोड़ दिया

मुझे घंटे भर से उपर हो चुका था मामी की मारते हुए

मामी की गान्ड का छेद पूरा लाल पड़ चुका था ,ऑर मामी की गान्ड मेरे शरीर के टकराने से वो भी लाल पड़ गयी थी

मामी:ऑर कब तक चोदेगा मुझे

मुझे ये बात सुनकर ख़ुसी हुई ऑर मे फिर अपनी धुन मे आ गया ऑर करीब करीब 10 मिनिट ऑर गान्ड मारी
ऑर फिर पानी मामी की गान्ड मे ही निकाल दिया


जैसे ही मेने लंड बाहर निकाला ,मेरे स्पर्म की धारा मामी की गान्ड से निकल पड़ी ऑर मामी की गान्ड का छेद खुला का खुला था

मे:मामी आपकी गान्ड का छेद खुला का खुला ही रह गया

मामी:तूने मेरी गान्ड ही इतनी जबरदस्त मारी है कि ये बंद कैसी होगी
मामी का छेद इतना खुला हुआ था कि आराम से 2 उंगलिया जा सके
 
मामी की गान्ड का छेद अंदर से बिल्कुल लाल था ,मन को कर रहा था चाट लूँ ,पर मेने देखा कि मेने अभी अभी अपना पानी इसमे छोड़ा है ,इसलिए मन बदल दिया

ऑर मे वही ढेर हो गया ,हम दोनो इतना थक चुके कि पता ही नही चला कब नींद आ गई

जब मे उठा तो देखा पास मे मामी सोई हुई थी ,मामी पेट के बाल गान्ड को ऊँची रखकर सो रही थी
मेने मामी का गान्ड का छेद देखा ,जबरदस्त गान्ड चुदाई के बाद माँ की गान्ड का छेद लाल पड़कर सूज चुका था

मामी के गान्ड के छेद की ये हालत देख मुझे बहुत मज़ा आ रहा था

मे मामी को उठाने की सोची

मे:मामी ,उठो दोपहर हो गयी (तब तरीबन 3 बज रहे होगे)

मामी उठते ही "आअहह" ऑर अपना हाथ अपनी गान्ड पे लगाते हुए

मामी:आज तो तुमने बहुत जबरदस्त गान्ड मारी,इतनी बुरी तरह तो किसी ने मेरी चूत भी नही मारी

मे:मज़ा आया या नही

मामी:पहले तो इतना दर्द दिया फिर बाद मे कुछ मज़ा आने लगा था ,लेकिन दर्द तो अभी भी हो रहा है

मे:मामी आप चलने की थोड़ी कॉसिश करो

मामी:पता नही ढंग से चल पाउन्गी या नही

ये कहकर मामी ने चलने की कॉसिश की
वाकई मे मामी ढंग से नही चल पा रही थी

मामी:लोग देखेगे तो क्या बोलुगी
मे:बोल देना पाँव मे मोच आ गयी है

मामी:अब तुझे गान्ड नही मारने दूँगी
मे:मामी ऐसा मत करो

मामी:मेरी ऐसी हालत करने की तुझे यही सज़ा मिलनी चाहिए
मे:ऐसी सज़ा मत दो मामी

मामी -चल अब आराम करने दे
मे:मे आपके पाव दबा देता हूँ

मेने फिर जितना हो सकता था उतनी मामी की सेवा की
फिर शाम को हम वापस घर जाने लगे

मामी आगे आगे ऑर मे पीछे पीछे

मामी थोड़ी लंगड़ा कर चल रही थी ,मामी की बड़ी सी गान्ड को उपर नीचे होते हुए देखकर मुझे बहुत शांति मिली

क्यो कि मे इस गान्ड का बाजा बजा चुका था जिसने मुझे परेशान कर रखा था

कुछ ही देर मे हम घर पहुच गये

मम्मी ने आते ही पूछा

मम्मी:भाभी क्या हुआ,

मामी:पाँव मे मोच आ गयी थी आज खेतो मे काम करते हुए

मम्मी:लो भाभी मे मालिश कर देती हूँ

मामी:नही रहने दो मोहित दे कर दी मालिश

मम्मी:मेरी तरफ देखते हुए,ये चोट तुम्हे मोहित ने ही दी है ना(मम्मी समझ चुकी थी ,मेने मामी को रगड़ा है)

मामी:हाँ वैसे ग़लती तो इसी की ही थी

मे:नही ऐसी कोई बात नही है

मम्मी:अच्छा

मे:मम्मी,मामी के पाँव मे चोट लगी हुई है ,क्यो ना कल हम दोनो खेतो मे जाएँ,मामी यहाँ आराम कर लेगी

मामी मेरी तरफ सकोच से देखती हुई,शायद मामी ये सोच रही थी कि क्या कल मे मम्मी को लेजा कर मम्मी को भी चोदने वाला हूँ

मामी:रहने दे को मम्मी को परेशान क्यों करता है

मम्मी भी शायद अब तक खुल चुकी थी ये देख कर कि मामी अपने ही खेतो मे मोहित से चुद गयी ,ऑर अब मम्मी की भी चुदवाने की इच्छा हो रही थी

मम्मी:नही भाभी ऐसी कोई बात नही है ,मे कल चली जाउन्गी

मामी:ठीक है जैसी तेरी मर्ज़ी

मे खुश हो गया कि कल तो मम्मी जाने वाली है ,ऑर वहाँ मे मम्मी को खूब चोदने वाला हूँ,ये सोच कर मेरा लंड झटके खाने लगा

फिर हम सोने चले गये
 
अगली सुबह मे जल्दी जाग गया ,क्योकि मे जानता था कि आज मेरी मम्मी मुझसे चुदने वाली है

जब तक मामी की हालत भी सही हो गयी थी लेकिन अभी भी चल नही चल पा रही थी जैसे पहले नॉर्मल चलती थी

मम्मी ने चाइ बनाई हम तीनो आस पास ही बैठे थे

मम्मी:भाभी आज आप आराम करो ,आज मे खेत हो आउगि ,मेरा भी घूमना हो जाएगा
मामी:ठीक है सुधा,ऑर खाना रख लिया ना

मम्मी:हाँ भाभी खाना टिफिन मे रख लिया
तभी घर मे एक आदमी आया

उसका नाम सोहन था
सोहन आते ही बोला

सोहन:ताई,कल तो ग़ज़ब हो गया
मामी:क्या हुआ

वो अपना मोनू है ना
मामी:हाँ हाँ मोनू,क्या हुआ उसको

सोहन:उसको कुछ नही हुआ,लेकिन कल रात कोई उसके खेतो से कटी हुई फसल ले गया

मामी:हाए राम,अपने गाँव मे चोरी हो गयी

सोहन:हां ताई,पता नही कैसे ,यहाँ तो सब अपने ही रहते है

मामी:मेरी भी तो फसले कटी हुई है
सोहन:अगर अपनी फस्लो की सुरक्षा करनी है है तो रात को खेतो मे जागना पड़ेगा

मामी:हाँ,अब सबको खेतो मे तो रुकना पड़ेगा ही

सोहन:हाँ ताई ,इसलिए मे भी आज खेत पे ही रूकुगा
मामी:बहुत अच्छा किया सोहन तूने जो बता दिया

सोहन:अरे ताई सब अपने ही है ,बताना तो हमारा फर्ज़ है

सोहन:ठीक है ताई ,मे जाता हूँ खेत मे,ऑर तुम भी किसी को खेत पे रुकवा देना

(मे अपने मन मे बहुत खुश होते हुए,यार आज तो मज़ा आ गया,मामी तो खेतो मे जा नही सकती,बस मम्मी ही बची,ऑर उपर से हमे रात भर ऑर जागना है ,आज तो मज़ा आ गया)

मामी:अब तो मुझे ही जाना पड़ेगा
मम्मी:नही भाभी आपकी तबीयत सही नही है

मामी:लेकिन तू खेतो मे तो रात भर रुक भी नही सकती
मम्मी:मे रुक लुगी भाभी,आप चिंता मत करो

मामी:कैसे

मम्मी:मोहित है ना मेरे पास (या बात बोलकर मम्मी मेरी तरफ देखकर मुस्कुरा जाती है,जैसे बोलना चाह रही हो,कि आज मे चुदने को तैयार हूँ ऑर आज रात भर मेरी चुदाई करना)

मामी:ठीक है तू कह रही है तो चली जा,लेकिन तुझे मेरे जैसी चोट लग गयी तो मुझे मत कहना कि मेने तुम्हे जाने से रोका नही((शायद मामी समझ गयी थी कि मे मम्मी को खेतो मे जे जाकर मम्मी की गान्ड मारने वाला हूँ))

मम्मी:नही कहुगी(थोड़ी हसी के साथ)

मे मंन ही मंन मुस्कुरा रहा था

मम्मी थोड़ी देर रुक मे थोड़ा ऑर खाना बना लेती हू ,रात हमे वही रुकना है ना,ऑर थोड़ा खाना भाभी के लिए भी बना देती हूँ रात के लिए

ओर ये कह कर ,मम्मी खाना बनाने किचन मे चली गयी

मामी:थोड़ा इधर आ ना

मे थोड़ा पास आते हुए

मामी मेरे कान पकड़ते हुए

मामी:सच सच बता ,तूने सुधा को चोद रखा है ना

मे:नही मामी

मामी:सच सच बता,मेने भी दुनिया देखी है,मे उसके चेहरे की चमक देखकर बता सकती हूँ कि सुधा चुदने के लिए कितनी उत्साहित है

मे कुछ नही बोल सका

मामी:देख जैसे तूने मेरी गान्ड मारी है ,वैसे ही सुधा की भी मारना,आज रात भर है तेरे पास

उसकी इतनी बाद गान्ड देखकर मुझे भी जलन होती है ऑर एक बार मुझे बोला भी था मे अपनी गान्ड किसी से नही मरवाउंगी ऑर इसलिए इसने अपनी गान्ड अभी तक अपने पति को भी नही दी,अब जाकर राज़ी हुई है,अगर नही भी हुई होगी तो भी तू ज़रूर उसकी गान्ड मारना,ऑर मे यही चाहती हूँ तू उसकी गान्ड मारे
 
मामी:ऑर कमरे मे सरसो का तेल रखा है ,वो ले जाना ,इससे तू ऑर ज़्यादा देर तक चोद सकता है ऑर ध्यान रखना ,बड़ी गान्डो को जोरदार ही चोदते है ,अगर कोई रहम दिखाया ऑर तो फिर गान्ड दूसरा लंड ढूंड लेती है

मे बस मामी की ओर देखे जा रहा था

मामी:क्या ऐसे देख रहा है,मुझे सब पता है ,मे कब से देख रही हूँ तू सुधा की गान्ड देखता रहता है,ऑर हाँ ये याद रखना सुधा की हालत मेरी जैसी नही हुई तो मे तेरी ऐसी हालत कर दूँगी

जब तक मम्मी भी आ चुकी थी

मम्मी:ठीक है भाभी हम निकलते है,ऑर आपका खाना बना दिया है

मामी:ठीक है जाओ

मामी:मोहित याद रखना

मम्मी:भाभी क्या बोल रही है

मे:कुछ नही मम्मी ,बस ध्यान रखने को बोल रही है

ओर ये कहकर हम खेतो की ओर निकल गये
मम्मी ऑर मे हम दोनो खेतो की ओर निकल पड़े

मुझे बहुत ख़ुसी हो रही थी


रास्ता पतला होने के कारण दोनो साथ मे नही चल सकते थे इसलिए मे पीछे हो गया

मे मम्मी की गान्ड को देखने लगा

मम्मी की बड़ी सी गान्ड घाघरे मे उपर नीचे होते हुए बहुत ही शानदार लग रही थी ,ये वही गान्ड है जिसके पीछे मे कई महीनो से पड़ा हूँ ऑर कब से मेरी नींद हराम कर रखी है ,आज चाहे कुछ भी हो जाए मे मम्मी को चोदे बिना नही आउन्गा


मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था,ओर मेरे पाजामे के अंदर ही झटके खा रहा था,कल की तरह आज भी मेने अंदर कुछ नही पहना था


हवा भी मेरे पीछे से आगे की तरफ होने के कारण मम्मी का घाघरा बिल्कुल मम्मी की गान्ड से चिपक गया जिससे मे मम्मी की गान्ड का आकार ऑर भी अच्छे से देख पा रहा था
 
मे उस समय को बहुत अच्छी तरफ से महसूस कर पा रहा था,मेरा मन बहुत खुश था,यूँ लग रहा था कि मुझसे ज़्यादा खुश इंसान तो इस दुनिया मे कोई हो नही सकता


मम्मी का घाघरा बहुत लच्छक़दार लग रहा था

जैसे जैसे मम्मी की गान्ड गान्ड उपर नीचे हो रही थी वैसे वैसे मम्मी का घाघरा लहरा रहा था



मुझसे रहा नही गया मे जल्दी से मम्मी के पास गया ऑर मम्मी के साइड मे चलने की कॉसिश करने लगा

मेने अपना एक हाथ मम्मी की गान्ड पे ले जाकर हल्का सा दबा दिया



जैसे ही मेने मम्मी की गान्ड को दबाया ,मम्मी ने झटके से मेरा हाथ गान्ड से हटा दिया ऑर कहा

मम्मी:हट शैतान,यहाँ नही ,यहाँ कोई देख लेगा,किसी ने ऐसा करते हुए देख लिया तो बहुत दिक्कत हो जाएगी

मे:मम्मी मुझसे रहा नही जा रहा



मम्मी:अपने खेत की कुटिया मे जाकर कर लेना जो करना है,ओर वैसे भी आज पूरी रात पड़ी है

मे:तो मम्मी आप भी चुदने को आतुर हो



मम्मी:ईईससे क्या फ़र्क पड़ता है हाई तू कॉन्सा मुझे सोने देगा,ओर वैसे भी रात भर जाग कर खेतो की रखवाली भी तो करनी है



मे:मम्मी ,आज तो आपको इतना चोदुन्गा कि आज की चुदाई आपको जिंदगी भर याद रहने वाली है

मम्मी:अच्छा... देखते है



मे:देख लेना



मे फिर से मम्मी के पीछे हो कर मम्मी की उपर नीचे होती हुई गान्ड देखने लगा

(आज तो इस गान्ड को मार कर ही रहुगा )



मे पीछे से ही

मे:मम्मी अभी से आपको सुधा बोलू तो चलेगा

मम्मी:देख लेना कोई सुन तो नही रहा हो

मे:यहाँ कोई नही है,आज सब अपने अपने खेतो मे होगे



मम्मी:ठीक है



मे:मेरी जान सुधा ,तेरी चूत ऑर गान्ड का कचूमर नही निकाल दिया तो मे तेरा बेटा नही

मम्मी ने मुझे आश्चर्य से देखा ऑर मुस्कुरई पर बोला कुछ नही



मे समझ गया आज मम्मी ने सब कुछ करने की छूट दे रखी है



कुछ ही देर मे हम खेतो मे पहुच गये

मुझे ऐसा लगा जैसे मे इसी मंज़िल का इंतज़ार सालो से कर रहा था



मुझे कुटिया देखकर हल्की सी हसी आई ये सोचकर कि कल मामी की चूत गान्ड इसी कुटिया मे मारी थी ऑर आज मम्मी भी इसी कुटिया मे चुदने वाली है

मम्मी ऑर मे हम दोनो खेत मे पहुच गये
मे:मम्मी,जल्दी से चल ना कुटिया मे
मम्मी:अरे बेटा सब्र रख ,अभी पूरा दिन ऑर पूरी रात बाकी है
मे:मम्मी अब सब्र ही तो नही होता
मम्मी:अच्छा बाबा चलती हूँ कुटिया मे

फिर हम दोनो कुटिया की ओर चल पड़े,मे मन ही मन उस कुटिया को बहुत धन्यवाद दे रहा था ,जिसमे मेने मामी की चूत ऑर गान्ड मारी थी ऑर आज मे अपनी मम्मी की चूत गान्ड मारने जा रहा था

जैसे ही मम्मी कुटिया के अंदर घुसी मेने पीछे से लपक कर मम्मी को अपनी बाहो मे पकड़ लिया था ऑर मेरा लंड मम्मी की बड़ी गान्ड की दरार मे घुस गया था,मेरे ऐसा करने पे मम्मी के मुँह से "" आह "" निकल गयी
 
मेरी मम्मी ने बहुत पतला घाघरा पहना हुआ था ,ऑर मुझे ये महसूस हो गया था कि मम्मी ने अंदर कुछ नही पहना था,मेरा लंड ऑर मम्मी की गान्ड के बीच केवल मम्मी का पतला सा घाघरा ऑर मेरा पाजामा था,क्योकि कल की तरह आज भी मेने कोई अंडरवेर नही पहना था

मे मम्मी को पहले चोद चुका था इसलिए कोई डर नही था ,तो मैं अपना हाथ सीधा मम्मी की चूत पे ले गया ऑर घाघरे के उपर से ही मम्मी की चूत को सहलाना शुरू कर दिया,जैसे ही मेरा हाथ मम्मी की चूत पे गया मम्मी के मुँह से सिसकारियाँ निकलनी शुरू हो गयी

अब मेने एक हाथ से मम्मी की चुचि को भी दबाना शुरू कर दिया था

मम्मी इतनी गरम हो चुकी थी कि उनसे रहा नही जा रहा था

मम्मी बोली "बेटा अब चोद दे,मेरी चूत मे लंड डाल कर चुदाई कर,अब मुझसे सहन नही हो रही ये आग""

ये सुनते ही मैं मम्मी का नाडा खोलने लगा गया ऑर कुछ ही देर मे मम्मी का घाघरा पाँव मे गिर गया ऑर मम्मी नीचे से बिल्कुल नंगी हो गयी

अब मैं आगे हाथ ले जाकर मम्मी के ब्लाउस के बटन भी खोलने लगा

ऑर कुछ ही सेकेंड्स बाद ब्लाउस खुल चुका था चुकी मम्मी ने कोई ब्रा नही पहनी थी इसलिए मम्मी की चुचिया सामने आ गयी

आज पहली बार मम्मी पूरी नंगी हुई थी ,मेरा एक हाथ मम्मी की चुचियो पे था ऑर एक हाथ मम्मी की फूली हुई चूत पे
ऑर मेरे होठ मम्मी की गर्दन पे थे
ऑर मेरा लंड मम्मी की गान्ड की दरार मे घुसा हुआ था

मेरे चारो तरफ से हो रहे प्रहार को मम्मी का शरीर नही संभाल पाया ऑर कुछ ही देर मे मम्मी की चूत ने पानी छोड़ दिया

मम्मी चूत मे जल रही आग को झेल नही पा रही थी

मम्मी:बेटा अब सहन नही होती ये चूत की आग,जल्दी से अपना लंड डाल कर इससे शांत कर दे

मे:अभी डालता हूँ लंड,तुम घोड़ी बन जाओ

मेरे कहते ही मम्मी तुरंत घोड़ी बन गयी,मेने अपना पाजामा उतार कर अपने लंड पे थूक लगाया जो मम्मी की चूत मे जाने को तैयार था

मेने जैसे ही अपने लंड मम्मी की चूत पे लगाया मुझे महसूस हुआ कि मम्मी की चूत वाकई मे बहुत गरम थी
फिर मेने एक धक्का लगाया,धक्का हल्का फूलका ही था,मम्मी की चूत गीली होने के कारण मेरा लंड गुपप्प से अंदर घुस गया

मम्मी के मुँह से "" आह की आवाज़ आई""
मम्मी की चूत गीली थी इसलिए ज़्यादा दिक्कत नही आई घुसाने मे
 
मम्मी इतनी गरम थी कि उनसे रुका नही जा रहा था ऑर बोली "पूरा अंदर डाल ना""

मे: हाँ बस अभी डालता हूँ मेरी जान ऑर ये कहकर मेने इस बार ज़ोर का धक्का दिया,मेरा धक्का इतना दमदार था कि पूरा लंड एक ही बार मे मम्मी की चूत मे घुस गया

मम्मी: "आआअहह"""
मेरे इस झटके से मम्मी को दर्द हुआ था पर चूत की आग इतनी ज़्यादा थी कि मेरे लंड के अंदर घुसने के मज़े ने उस दर्द को दबा लिया

मे:कैसा लगा मम्मी

मम्मी:बेटा ,अब जाकर थोड़ी राहत मिली है ,अब चुदाई कर मेरी

ये सुनकर मेने अपना लंड पूरा बाहर निकालकर एक ही बार मे अंदर डाल दिया

मम्मी: "आआअहह" हाँ ऐसे ही चुदाई कर

मेने अपनी धक्को की स्पीड बढ़ा दी,मे अब किसी उस्ताद की तरह मम्मी की चूत चोद रहा था,मेरा लंड सटा सॅट मम्मी की चूत से अंदर बाहर हो रहा था,ऑर ठप ठप की आवाज़े आ रही थी

अगर कुटिया के बाहर कोई आ कर आवाज़ सुने तो यही सोचे कि कोई मशीन चल रही थी जो "ठप ठप " की आवाज़ निकाल रही है

मेरा लंड एक सेकेंड से कम मे पूरा बाहर जाकर अंदर जा रहा था

मेरी इतनी दमदार चुदाई की ताक़त के सामने मम्मी की चूत हार गयी ऑर पानी छोड़ दिया

मम्मी:आआआहह बेटा ,मे झाड़ गयी ,मज़ा आ गया,अब जाकर मेरी छूट की आग शांत हुई है

मे अब भी अपनी धुन मे चोदे जा रहा था जैसे कोई किसी की कुटाई करके तेल निकालता है

मेरी दमदार चुदाई से चूत लाल पड़ गयी ऑर मम्मी का चुदाई का नशा उतरने के बार अब दर्द महसूस होना शुरू हो गया था

मम्मी:अब ऑर कितना चोदेगा

मे: "चटाअक्कककककक"" एक थप्पड़ मम्मी के कुल्हो पे मारते हुए अब ये चुदाई नही रुकेगी ऑर मे फिर से अपनी धुन मे चूत की कुटाई करने लगा

मेरी अंधाधुंध चुदाई के कारण मम्मी को अपनी चूत मे जलन होने लगी थी

मेरे हर धक्के पर मम्मी के चूतड़ लहरा रहे थे ,मैं एक उंगली मुँह मे लेकर मम्मी की गान्ड के छेद पे ले गया ऑर गुऊपप से मम्मी की गान्ड के छेद के अंदर घुसा दी

मम्मी: "आऐईयईईई"" क्या कर रहा है

मेने मम्मी की बातो पे कोई ध्यान नही दिया

धीरे धीरे कर कर के मेने पूरी उंगली अंदर घुसा दी ,मे एक तरफ तो चूत मे लंड डालकर चुदाई कर रहा था ऑर दूसरी ओर मम्मी की गान्ड मे उंगली डालकर अंदर बाहर कर रहा था

मे भी ज़्यादा देर टिक नही सका ओर कुछ ही देर मे मेने मम्मी की चूत मे ही पानी निकाल दिया

पानी निकलते ही मम्मी भी वही ढेर हो गयी ऑर मे साइड मे ढेर हो गया ऑर अपनी सांसो को काबू करने लगा

मम्मी लेटे लेटे मेरी तरफ देखते हुए "बेटा थोड़ा आराम से चोदा कर,तू तो जान ही निकाल देता है"

मे:मम्मी जब मे आपको चोदता हूँ तो मे सब कुछ भूल जाता हूँ

मम्मी:अब तो हो गयी तेरी इच्छा पूरी

मे:नही अभी तो बहुत कुछ करना है

मम्मी:क्या करना है
 
मम्मी मेरी शैतानी मुस्कुराहट को देख कर थोड़ा घबरा जाती है

मम्मी मेरी शैतानी मुस्कुराहट से थोड़ा घबरा जाती है,हालाँकि उन्हे भी पता था कि मे गान्ड मारने वाला हूँ ,शायद ये सोच रही होगी कि जब मे चूत की ऐसी हालत कर सकता हूँ तो गान्ड की क्या हालत करूगा

मम्मी:तो अब क्या करेगा,गान्ड मारेगा

मे:बिल्कुल मम्मी,आपकी गान्ड है ही ऐसी कि कॉन नही मारना चाहेगा

मम्मी:आजकल के बच्चे भी बस गान्ड के पीछे पड़े रहते है

मे:मम्मी मे बताउन्गा ना आपको गान्ड मारना किसे कहते है ,एक बार गान्ड चुदाई का मज़ा ले लिया तो आगे से गान्ड मरवाना ज़्यादा पसंद करोगी

मम्मी:हाँ वो भी देख लेगे ,लेकिन अगर मुझे दर्द हुआ या तूने कुछ ऐसा किया जिससे मुझे अच्छा नही लगा तो याद रखना गान्ड तो दूर ही बात है चूत भी नही मारने दूँगी

((मे अपने मन,एक बार लंड गान्ड मे घुसने दो ,फिर कॉन सुनने वाला है ,ऑर फिर ऐसी मस्त गान्ड मारूगा कि सब कुछ भूल जाओगी))

मम्मी:क्या सोच रहा है
मे:कुछ नही ,बस प्लॅनिंग कर रहा हू

मम्मी:अभी की कोई प्लॅनिंग मत कर ,अभी चूत चोद ली ,अब थोड़ा आराम करके ,थोड़ा बहुत खेतो मे काम करेंगे,यहाँ बस चुदाई करने ही नही आए,ऑर जब तेरी मामी कल आएगी तो देखेगी कि कल हमने कुछ काम नही किया तो क्या सोचेगी

मे:अरे मम्मी ,आप मामी की चिंता क्यो करती हो,उन्हे मे देख लुगा

मम्मी:बोल तो ऐसे रहा है जैसे तूने मामी को भी चोद डाला हो

((मम्मी अपनी बात ख़तम करते करते एक दम आश्चर्य से बोली,मम्मी को पता चल गया था))

मम्मी:कमिने ,मतलब कल भाभी को कोई चोट नही लगी थी ,तूने उनकी चुदाई करके ऐसी हालत कर दी थी

मे बस मुस्कुरा रहा था

मम्मी:तूने अपनी मामी को भी नही छोड़ा

मे:मेने थोड़े ही बोला था मामी को मुझसे चुदवाने के लिए वो खुद आई थी

मम्मी:ऑर क्या बोला चोद दे मुझे,ज़्यादा समझदार मत बन

मे:मे झूट नही बोल रहा हूँ,ऑर ये देखो उन्होने ही आज मुझे ये सरसो के तेल की सीसी दी है जिससे आज मे तुम्हारी अच्छे से गान्ड मार सकूँ

मम्मी आश्चर्य से मुझे देखती हुई

मे:ऑर हाँ ,आज आते समय मामी यही बोल रही थी कि अगर मेने आपकी गान्ड नही मारी तो मेरे लिए अच्छा नही होगा

मम्मी अब थोड़ा शांत होते हुए

मम्मी:तो कल तुमने भाभी की गान्ड मारी थी,तभी तो उनसे सही से चला नही जा रहा था

मे:हाँ मम्मी,कल जमकर मामी की गान्ड मारी थी

मम्मी:मेने नही मरवानी तेरे से गान्ड ,मेरी भी ऐसी हालत कर देगा तू

मे:मामी भी यही चाहती है कि कल आप उनकी जैसे हालत मे जाओ

मम्मी:नही नही ,मे नही मरवाउन्गी गान्ड

मे:अरे मम्मी ,बहुत मज़ा आता है,चाहे तो आप मामी से पूछ लेना

मम्मी:नही तू झूठ बोल रहा है

मे:मम्मी ,मुझे आपकी कसम ,अगर बहुत मज़ा आता है,तभी तो वो बोल रही थी कि आज अपनी मम्मी की गान्ड ज़रूर मारना

मम्मी:अगर तूने झूठ बोला तो

मे:तो जो सज़ा देना है दे देना

मम्मी:चल अब थोड़ी सी नींद निकाल लेती हूँ ,फिर देखेगे क्या करना है

मे:ठीक है मम्मी,जब तक मे भी सुस्ता लेता हूँ थोड़ी ताक़त आ जाएगी ,जिससे आपकी अच्छे से गान्ड मार कर आपको जन्नत की शैर करा सकूँ

मम्मी:हट शैतान कही का


बस फिर हम दोनो नींद के आगोश मे चले गये
 
मे जब उठा तो दोपहर हो चुकी थी ,मेने देखा कि मम्मी अभी तक तक सोई हुई है,मुझे ये सोचकर हसी आ गयी कि हमेशा मम्मी मुझे उठाती है लेकिन चुदाई के बाद हमेशा मे मम्मी को उठाता हूँ

मे जानता था कि आज मम्मी को अपनी गान्ड चुदवाने से कोई नही बचा सकता,लेकिन फिर भी मेने मम्मी को नही उठाना बेहतर समझा

मेने मामी द्वारा दी गयी सरसो के तेल की सीसी को लिया ऑर उसे घूर्ने लगा,पता नही क्यो मुझे उस तेल को घूर्ना बहुत अच्छा लग रहा था,या शायद ये मे जानता था कि ये तेल मम्मी के उस छेद पे लगेगा जिसने मुझे पागल कर रखा है,ऑर जिसने मुझ जैसे एक सीधे साधे लड़के को शातिर लड़का बना दिया था



मुझसे समय निकालना बहुत भारी पड़ रहा था,लेकिन मम्मी से प्यार होने की वजह से मे उन्हे कोई तकलीफ़ नही देना चाहता था हालाँकि मे मम्मी की गान्ड जोरदार तरीके से मारना चाहता था



कुछ देर यूही बीत जाने के बाद मेने सोचा क्यो ना टाइम पास किया जाए जब तक मम्मी भी उठ जाएगी



तो इस चक्कर मे मेने तेल की सीसी उठाई ऑर 8-10 बूंदे हाथ मे डाली ऑर अपने लंड पे ले जाकर मसल्ने लगा

मेने फिर कुछ बूंदे ली ऑर फिर लंड पे लगाकर मसलने लगा,मेरा लंड तेल मे इतने चमक रहा था जैसे किसी ने मोटा डंडा तेल मे से निकाला हो,

सरसो का तेल होने की वजह से अब मेरा हाथ अपने लंड पे बहुत आसानी से फिसल रहा था,मुझे बहुत मज़ा आ रहा था मम्मी की कल्पना करते हुए अपने लंड को मसलने मे ऑर मे ये कल्पना करके मज़ा उठा रहा था कि कैसे मेरा लंड मम्मी की गान्ड के छेद से अंदर बाहर हो रहा है ,ऑर मुझे पता ही नही चला कि कब मे उस स्थिति मे पहुच गया जहाँ मेरा लंड पानी छोड़ने वाला ही था ,पर मेने कैसे भी करके लंड को पानी निकालने से रोका


मे खुद से बोला ,मम्मी के सामने रहते हुए खुद को काबू करना बहुत मुस्किल है ,क्यो ना यहाँ से निकल कर थोड़ा इधर उधर के खेतों मे घूम आउ,अभी मम्मी को सोए हुए तकरीबन 2 घंटे हुए होगे ,मेने मम्मी की इतनी जबरदस्त चुदाई की है कि शायद मम्मी अभी 2-3 घंटे ऑर सोए,इससे अच्छा है बाहर घूम अओ



मे बाहर घूमने निकल गया ,आस पास देखा तो कोई नज़र नही आया,धूप जोरो की पड़ रही थी

तो मैं राजू के खेतो की तरफ निकल गया,मे जानता था कि राजू परसो आएगा ,ऑर उसके घर मे कोई है नही इसलिए उसकी माँ यही होगी ,ऑर उसके दर्शन हो जाए वो काफ़ी है



मे फिर राजू के खेतो की ओर निकल पड़ा ओर बहुत जल्द मे राजू के खेतो के पास पहुच गया,मे वही एक बड़े से पेड़ के पीछे छिपकर मंजू को ढूँढने लगा,मुझे काफ़ी निराशा हुई कि मंजू कही नही थी ,तो मेने सोच लिया कि मंजू अपनी कुटिया मे आराम कर रही होगी



मेने थोड़ा इंतज़ार किया पर मुझसे रुका नही जा रहा था ,तो मे हिम्मत करके कुटिया की ओर चला गया



((यहाँ मेरे गाँव मे सब खेतो मे कुटिया बनी होती है जिससे गर्मी मे दिन मे छाँव मे आराम किया जा सके,लेकिन लोग बाग आज कल इसे चुदाई मे ज़्यादा काम मे ले रहे है,यहाँ कुटिया मे कोई आता नही ,ऑर दूर दूर तक बड़े खेत होने के कारण किसी को पता भी नही चलता))



मे जैसे ही कुटिया के पास पहुचा ,मुझे कुछ आवाज़े सुनाई दी ,मुझे ये आवाज़े पहचानने मे देर नही लगी कि ये चुदाई के दौरान आने वाली आवाज़े है ,मे बहुत आश्चर्य मे पड़ गया कि मंजू भी किसी से चुदवा सकती है



मेरी हिम्मत नही हो रही थी कि मे अंदर देख सकूँ ,लेकिन मेने हिम्मत जुटाई ऑर खिड़की की दरार से देखने लगा लगा,मुझे कुछ दिखाई नही दे रहा था,फिर मेने खिड़की को थोड़ा सा धक्का दिया जिससे खिड़की थोड़ी सी खुल गयी,थोड़ी से आवाज़ भी आई ,लेकिन हवा ही इतनी चल रही थी कि कोई ये नही सोचेगा कि किसी ने खिड़की खोली है,

अब खिड़की की दरार इतनी खुल गयी थी कि मे अंदर देख सकता था,जैसे ही मेने अंदर देखा मेरा मुँह खुला का खुला रहा गया,जो आदमी मंजू को नीचे लेटकर चोद रहा था वो ऑर कोई नही बल्कि हमारे गाँव के बहादुर चाचा थे



(बहादुर चाचा,मेरे गाँव के सबसे ठरकी आदमी,दिनभर गंजा पीते रहते थे ,उसकी पत्नी की मौत को अरसा बीत चुका था,एक बड़े खेतो का मालिक,जिसपे इसने कई मजदूर रख रखे है,ऑर अधिकतर मजदूर औरते थी जिनकी उमर 40-50 के बीच होती थी ,ऑर चाचा की उमर लगभग ,65 साल,लेकिन कोई ये नही कह सकता कि ये 65 साल के है ऑर चुदाई मे तो उनका जवाब नही ,वो तरीबन 50 से उपर औरतों ऑर लड़कियो को चोद चुके है जिसमे अधिकतर उनकी मजदूर हुआ करती थी,वो रखता ही केवेल औरतो को मज़दूरी पे,जिससे उनको पटा के चोद सके जिसमे से अधिकतर औरतो को चोद चुका था ऑर बची कूची बहुत जल्द चुदने वाली थी,क्यो कि चाचा किसी को बक्श दे ऐसा हो नही सकता था ऑर कोई चाचा से नही पटे ये वो होने नही देते थे
 
ये कोई नही जानता केवल हमारे जैसे ठरकी लड़को को छोड़कर,जब हम छोटे छोटे थे तब से बहादुर चाचा कई लड़कियो को बहला फुसला कर खेतो मे ले जाते थे ,पूछने पे कहते थे कि एक नया गेम खेलने जा रहे है ऑर वो अकेले मे ही खेले जाता है,ऑर उन्हे खेतो मे लेजा कर चुदाई करते थे,छोटी लड़किया जल्दी बहक भी जाती थी ,इसलिए उनसे चुद जाती थी,हमें बहुत गुस्सा आता था साला ये ठरकी कैसे पटा कर चुदाई कर लेता है )



मे:साला इसने तो राजू की माँ को भी पटा लिया,ऑर मेने वापस खिड़की की दरार से से देखा



बहादुर चाचा ज़ोर ज़ोर से मंजू को चोद रहे,उनका बड़ा लंड पूरा बाहर निकल कर पूरा अंदर जा रहा था ऑर मंजू भी ""हाँ चाचा ऑर ज़ोर से चोदो"" बोल रही थी





मुझसे रहा नही गया कहीं मेरा पानी ना निकल जाए इसलिए मे वापस दबे पाव अपने खेत की ओर निकल लिया जहाँ मैं मम्मी की गान्ड चोदने वाला था

मेरा दिमाग़ खराब हो रहा था,अब मुझसे बिल्कुल नही रुका जा रहा था जब से मेने मंजू को उस ठरकी चाचा से चुदते देखा है,मे बहुत तेज तेज चल रहा था,पता नही क्यो मुझे मंजू को चुदते देख मुझे अच्छा नही लग रहा था
मे बस अपनी ही उधेड़बुन मे चल रहा था,मुझे पता भी नही चला कि कब हमारा खेत आ गया,

मे कुटिया मे गया ,मम्मी अभी भी सो रही थी,मम्मी के बदन पे कोई कपड़ा नही था,मम्मी नंगी ही सो रही थी,मुझे सेक्स का खुमार इतना चढ़ गया था कि जहाँ पहले मे मम्मी को कोई दिक्कत नही देना चाहता था वही मे मम्मी की परवाह किए बिना मम्मी की गान्ड पे अपने होठ रख कर किस करने लगा,मेरे किस करके के कारण मम्मी भी जाग गयी

मम्मी:क्या कर रहा है

((मंजू को चुदते देख मेरा पूरा मूड खराब हो गया था,मे बिल्कुल हल्के मूड मे नही था))

मे:सुधा मुझसे रुका नही जा रहा जल्द से चोद लेने दो

मम्मी:इतनी जल्दी भी क्या है ऑर मुझे नाम से क्यो पुकार रहे हो

मे:अब हम माँ बेटे नही रहे ,हम अब प्रेमी हो चुके है ,मे तेरा प्रेमी ऑर तुम मेरी प्रेमिका ,ऑर प्रेमी एक दूसरे को नाम से ही पुकारते हैं

मम्मी:तेरी फिर से नौटंकी शुरू हो गयी

((अब मे थोड़ा थोड़ा शांत होने लगा था ,मंजू को बदाहूर चाचा के साथ चुदते हुए देखने के बाद मेरा तो दिमाग़ ही खराब हो गया था))


मे बोला मम्मी आप पलट जाओ,मे आपके बदन की मालिश कर देता हूँ,((ये तो एक बहाना था,मे तो मम्मी की गान्ड की मालिश करके गान्ड मारना चाहता था))

मम्मी बोली आज तो इतना बदन भी नही दुख रहा ,फिर क्यो मालिश कर रहा है

मे:चुदाई से पहले अगर मालिश हो जाती है तो शरीर चुदाई के दौरान लंबे समय तक टिका रहता है

मम्मी:ऑर कितना चोदेगा,बात तो ऐसी कर रहा है मुझे रात भर चोदे जाएगा

मे:बिल्कुल मम्मी,मे आपको आज रात भर चोदने वाला हूँ

मम्मी:एक चुदाई के बाद तो लूड़क जाता है

मे:लेकिन उस एक चुदाई मे मेने आपकी हालत खराब नही कर दी थी,बोलो

मम्मी:तो मे कब कह रही हूँ कि तुझ मे दम नही ,तू चोदता तो बड़ा मस्त है,मेरी चूत की सारी नसें ही ढीली कर दी है

मे:मेरी रानी पलट जाओ ,मुझे मालिश करनी है

मम्मी:इस रानी पे राजा अपना हुकुम नही चला सकता,बल्कि रानी राजा पे हुकुम चलाती है(मम्मी मज़ाक मे बोलते हुए)

मे:तो क्या हुकुम था इस राजा के लिए

मम्मी:पहले हमारी आगे से मालिश करो फिर पीछे मालिश करना,ओर अगर तुमने हमे मालिश से खुश कर दिया तो हम भी तुम्हे इनाम देकर खुश करेंगे
 
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