Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती - Page 9 - SexBaba
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Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती

कालू भागते हुए:तेरे घर पे पीछे से कोई रास्ता है अंदर घुसने का

मे:हाँ बाडे मे से,है

कालू:ठीक है

हम जल्दी ही घर पहुच गये,दरवाज़ा बंद था

हम बाडे मे से घर के अंदर घुसे,अंदर घुसते ही हमे आआअहह आआअहह की आवाज़ सुनाई दी,हमारे कान खड़े हो गये कि ये क्या चल रहा ,जबकि दोनो जानते कि ये चुदाई की आवाज़ है


हम ने चुप के से देखा तो चाचा मामी को चोद रहे थे ऑर मम्मी वही बैठी हुई थी

चाचा मामी को अलग अलग आसन मे चोद रहे थे

चाचा:सुधा तेरी सारी थकान मिटा दूँगा ,एक बार कर लेने दे

मम्मी:नही मुझे ज़रूरत नही ऐसी इलाज की

चाचा मामी को चोदते हुए"एक बार मेरा इलाज लेके तो देख ,मैने ऐसे ही औरतो को अपना गुलाम नही बनाया विस्वास नही आता तो तेरी भाभी से पूछ ले

मामी:हाँ सुधा ,अलग अलग आसन मे चोदने से शरीर की नसें खुल जाती है,जिससे अच्छा महसूस होने लगता है

चाचा:अगर तुझे मेरे से नही चुदना तो मसाज तो करवा ले

मम्मी कुछ नही बोलती

मामी:हाँ सुधा मसाज तो करवा ले,मज़ा नही आए तो मत करवाना

मम्मी फिर कुछ नही बोलती ऑर बस चाचा के लंड को मामी की चूत से अंदर बाहर होते देख रही थी


कालू:मे कहता था ना ,ये चाचा बहुत ठरकी है,इसने गाँव की ज़्यादातर औरतो को चोद रखा है,तुझे पता नही चाचा गाँव की 100 से उपर औरतो को चोद चुका है जिसमे 50 -60 तो इसके खेत मे काम करने वाली मजदूर है

मे:क्या बात कर रहा है

कालू:चाचा इतने अनुभवी हो गये है कि एक बार किसी औरत पे इस का दिल आ जाए तो उसे चोदे बिना नही रहते ,अब तेरी माँ पे आया है ,अब तो तेरी माँ चुदि

मे:नही नही यार,कुछ कर

कालू:अगर मुझसे चुदवाये तो बात कर,हमारी शर्त थी,हम एक दूसरे को एक दूसरे की माँ चुदवायेगे

मेने यही ठीक समझा

कालू:मेरे साथ आ,मे जैसा कहता हूँ वैसा कर

फिर कालू ने मुझे कुछ बाते समझाई

कालू ऑर मेने घर के बाहर जाकर दरवाज़ा बजाया

मम्मी ने गेट खोला

मम्मी:क्या हुआ बेटा ,वापस कैसे आ गया

मे:वो कालू मिल गया था

कालू:नमस्ते आंटी

मे:मे बोल रहा था कि कालू के साथ मे थोड़ा घूम आउ,उसके बाद खेतो मे जाउन्गा,जब तक तुम खाना बना तो जिससे शाम को नही आउगा मे


ऑर ये कह कर मे निकल गया ,मेरी बात सुनकर चाचा को ख़तरा महसूस हुआ इसलिए वो भी भाग खड़े हुए
मे ऑर कालू छिपकर देख रहे थे

कालू:देखा मेरा कमाल

मे:हाँ यार

कालू:अब तू एक काम कर ,शाम को तो मामी को खेतो पे ले जा ऑर जमकर चुदाई कर ,उसकी अधूरी चुदाई हुई है इसलिए अभी आराम से चोद सकता है ऑर तेरी मम्मी भी गरम है आज शाम को जाकर पटाने की सोचता हूँ


मे अपने मन मे ,साला मम्मी को चाचा से बचाया तो कालू आ गया ,इससे बचा पाना मुस्किल है


मे कुछ नही बोल सका

मे खाना लेकर निकल गया

चाचा मेरे खेतो मे खड़े थे

चाचा:सच सच बता तुझे कालू ले गया था ना घर

मे:हाँ तो

चाचा :तो मतलब तुझे पता है मे वहाँ चुदाई करने गया था

मे:हाँ मेने देखा तुम मामी को चोद रहे थे ऑर मम्मी को चोदने की कॉसिश कर रहे थे

चाचा:देख तू कालू का साथ छोड़ दे ,मे तुझे इसके बदले मेरी खेत मे काम करने वाली जो भी औरत है उसपे चढ़वा दूँगा

मे:मुझे मंजू चाहिए

चाचा हक्का बक्का देखता हुआ

चाचा :तुझे कैसे पता कि मे उसे चोद चुका हूँ

मे:कल ही उसके खेतो मे उसी की कुटिया मे तुम उसे चोद रहे थे

चाच्चा:वो नही मानेगी

मे:मनाना पड़ेगा

चाचा थोड़ा सोचते हुए""ठीक है"" ऑर तुम तैयार हो

मे:मेरे मन मे ख़याल आया मेने सब कुछ मम्मी पे छोड़ दिया ऑर मेने अपनी सोची मेने चाचा को हाँ कर दी


मुझसे रहा नही गया ऑर मैं तुरंत घर भाग कर गया मेने मामी ऑर मम्मी को ये बात बताई
 
मुझसे रहा नही गया ऑर मैं तुरंत घर भाग कर गया मेने मामी ऑर मम्मी को ये बात बताई

मे:मम्मी मे सब कुछ आप पे छोड़ता हूँ,अगर आपकी इच्छा है किसी से चुदवाने की तो मे नही रोकुँगा क्योकि मेरा कोई अधिकार नही बनता कि मे किसी को भी चोदु ऑर तुम्हे किसी से चुदने से रोकू


मम्मी:नही मेरी इच्छा न्ही है किसी से चुदवाने की

मे:आपकी मर्ज़ी,मेने सब कुछ आपे छोड़ दिया है


ऑर मे खेतो की तरफ वापस निकल गया

शाम को चाचा आए

चाचा:मेने सब कुछ मामला सेट कर दिया है,रात को तुम मंजू के खेत मे चले जाना

मे:क्या बात है ,मतलब मंजू मान गयी

चाचा:ऐसा हो नही सकता कि मेरी बात को कोई औरत मना कर्दे

मे:अच्छा है

चाचा:ऑर अब तू मंजू को चोदना ऑर मे तेरे घर जाता हूँ तेरी माँ को चोदने

मे:ठीक है ऑर मेने भगवान पे छोड़ दिया

.................................
रात होते ही मे मंजू के खेत पे भागा
खेत पहुचने पे देखा कि मंजू अपनी कुटिया मे खाट पे बैठी थी

मे मंजू को देखकर मुस्कुराया ,मंजू भी मुझे देखकर मुस्कुराइ

मे:आंटी कैसी है आप

मंजू:ठीक हूँ

मे:आंटी आप,अच्छी लग रही है

मंजू शरमा जाती है

मे मंजू की चुचिया देख रहा था जहाँ मुझे ब्लाउज का कटाव नज़र आ रहा था ,ऑर पसीने मे होने के कारण ऐसी लग रही थी जैसे कामदेव की अप्सरा हो

मंजू जब उपर देखती है तो मुझे अपनी चुचियो की ओर देखता पाते वो शरमा जाती है ऑर वापस नीचे देखने लग जाती है

मे थोड़ा मंजू के पास खिसकता हुआ

मे:आंटी आज आप वाकई मे बहुत सुंदर लग रही हो ,जैसे कोई स्वर्ग की अप्सरा ज़मीन पे आ गयी हो

मंजू हँसते हुए"चल हट,आंटी को मस्का लगाता है"

मे:नही आंटी मुझे आपकी कसम ऑर मे ये कहते हुए अपना हाथ मंजू के सिर पे रख देता हूँ

मे:आंटी आप बहुत काम करती हो ,आज भी शायद बहुत काम किया है,देखो कितना पसीना निकल रहा है ,ऑर मे ये कहते हुए मंजू के गले की ओर इशारा करता हूँ जहाँ से पसीना बहता हुआ ब्लाउस मे जा रहा था ऑर जिस कारण ब्लाउस गीला हो गया था



मेरी नाक मे मंजू के पसीने से भीगे हुए शरीर की खुसबू जाते ही मेरे लंड मे हलचल होना शुरू हो गयी ऑर मेरे पाजामे के अंदर से ही तंबू बन ने लग गया

मंजू भी मेरे लंड को खड़ा होता देख थोड़ा हिचकिचा जाती है

मे अब अपना हाथ मंजू के बाजू मे लेजा कर मंजू को अपने शरीर की तरफ खींचने लगता हूँ ,जिससे मंजू की एक साइड से चुचिया मेरी छाती से अड़ने लग जाती है ,जिससे मंजू का दिल ज़ोर ज़ोर से धड़कने लग जाता है

मंजू की साँसे ज़ोर से चलने के कारण मंजू की चुचिया उपर नीचे हो रही थी ,जिसे देखकर मेरा लंड बेकाबू हो जाता है



मेने भी बात को इधर उधर घुमाने की जगह सीधे मुद्दे पे आने की सोची क्योकि अब मुझसे रहा नही जा रहा था,जिस औरत को चोदने का ख्वाब मे देखा करता था वो मेरे सामने बैठी है ऑर चुदने को तैयार है



मे:आंटी आपका पसीना देखा कर लगता है आज आपने बहुत काम किया है ,आप लेट जाओ मे आपके पेर दबा देता हूँ

मंजू भी चुदने को तैयार थी ,क्यो कि बहादुर चाचा ने बता दिया था कि आज रात मे उसे चोदने आ रहा हूँ

इसलिए मंजू आंटी कुछ नही कहा ऑर सीधी लेट गयी


मेने मंजू आंटी के पाव दबाने शुरू किए,मे पहले घाघरे के उपर से ही पाँव दबा रहा था ,लेकिन धीरे धीरे मेने घाघरे को उपर करना शुरू कर दिया ,ऑर मंजू मेरी इस हरकत का कोई विरोध नही कर रही थी जो मेरी हिम्मत बढ़ा रहा था



धीरे धीरे घाघरा घुटनो तक ले गया ,मंजू की चिकनी टांगे देखकर ही मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगा

मे अपने मन "इसकी टांगे ही इतनी चिकनी है तो तो अंदर के आइटम मे तो मज़ा ही जाएगा""

मे:आंटी कुछ आराम मिला

मंजू:हाँ थोड़ा थोड़ा मिल रहा है

मे अब मंजू आंटी के पाँव धीरे धीरे उपर तक दबाने लग गया था ,जल्दी ही मे ऐसी इस्थिति मे पहुँच गया था जहाँ से मेरा हाथ चूत से बस कुछ इंच ही दूर रह जाता

मुझे घाघरे के उपर से ही महसूस हो रहा था कि मंजू की कितनी मांसल जांघे है,मुझे तो दबाने मे ही मज़ा आने लगा,

अब मेरी उंगलियों ने चूत को छूना शुरू कर दिया था,मुझे पता चला कि मंजू की चूत गीली है

मे:आंटी एक बात कहूँ

मंजू:हाँ बोल

मे:मुझे आपकी जांघे बहुत पसंद आई

मंजू :अच्छा

मे:मे एक बार इन्हे बिना कपड़ो के देखना ऑर छूना चाहता हूँ

मंजू:तेरी मर्ज़ी है बेटा,तू जो करना चाहता है कर ले

ये बात सॉफ इशारा कर रही थी कि मंजू चुदना चाह रही थी
 
मेने मंजू के घाघरा को उपर करना शुरू किया,जैसे जैसे मंजू का घाघरा उपर होता जा रहा था ,मंजू की चिकनी जांघे दिखने लगी,बिल्कुल ढूढ़ जैसे कलर की ,जिसकी नसें भी मुझे दिखाई दे रही थी,मन तो कर रहा था चाट जाउ,मेने घाघरा चूत के पास तक उपर कर दिया,मुझे अभी तक चूत नही दिखाई दी थी



मैं अब मंजू की जाँघो को सहला रहा था,बहुत ही नरम जांघे थी ,मेने अपना मुँह वहाँ रखकर जीब से जाँघो को चाटने लगा,

मे मंजू की जांघे चाट रहा था ऑर मेरा हाथ चूत के आस पास के हिस्से पर चल रहा था,मेने एक हाथ घाघरे के उपर से चूत पे रखकर मसलना शुरू किया ऑर मे भी जांघे चाटते हुए उपर आने लगा

मंजू की चूत लगा तार पानी छोड़ रही थी,जिस वजह से घाघरा भी गीला हो गया था

मे चूत के बहुत पास तक पहुच गया था,कि मुझे चूत की खुसबु आने लगी,मुझसे रहा नही गया ऑर मेने अपना मुँह घाघरे के अंदर घुसा के चूत पे रख दिया



मंजू:ऊऊऊऊहह बेटा,मर गयी

ऑर मेरा सिर पकड़ कर सहलाने लगी

मुझे मंजू की चूत का पानी बहुत अच्छा लग रहा था,मंजू की चूत बहुत पानी छोड़ रही थी

,इतना पानी छोड़ रही थी कि मेरा चेहरा गीला हो गया

कुछ देर मे यूही ही मंजू आंटी की चूत चाट्ता रहा ,कुछ देर बाद मेने अपना मुँह घान्घरे के बाहर निकाला ,

ऑर मंजू के उपर लेट गया और बोला

मे:कैसा लगा आंटी

मंजू :बहुत अच्छा लगा,अब मुझसे रहा नही जा रहा ,मुझे चोद डाल बेटा



मे घुटनो के बल खड़ा हुआ पाजामा नीचे किया ,मेने अंडरवेर नही पहना था,इसलिए लंड बाहर आ गया,मेने लंड मे थूक लगाया ऑर चूत के मुँह पे रखकर मंजू के उपर लेट गया

मे एक झटका दिया,मेरा लंड गुप्प्प से अंदर घुस गया

मंजू:आआहह बेटा,मज़ा आ गया ,बाहर मत निकालना ,अंदर घुसा

मेने एक ऑर झटका दिया,ये वाला झटका जोरदार था,इस झटके मे मेरा लंड लगभग पूरा ही घुस गया

मंजू ने अपने नाख़ून मेरी पीठ पे घुसा दिए

मंजू:आआआआआअहह,मर गयी रे,चोद डाल बेटा मुझे

मेने देखा कि मंजू बहुत गरम हो चुकी थी ,ऑर मुझे चोदने को बोल रही थी

मेने भी झटके लगाने शुरू किए,धीरे धीरे मे ज़ोर ज़ोर से झटके लगाने लगा ,मेरा लगभग पूरा लंड अंदर बाहर हो रहा था,

कुछ ही देर मे मंजू को किस करते हुए चूत की कुटाई करने लग गया था,मंजू की चूत बहुत पानी छोड़ रही थी इसलिए पूरी कुटिया मे पच पच की आवाज़े आ रही थी ,यू लग रहा था कि मे कोई चूत मे लंड पेलकर कोई तेल निकाल रहा हो

मेरा लंड बहुत आसानी से फिसल रहा था,मे जबरदस्त तरीके से मंजू की चूत चोद रहा था,

कुछ ही देर मे मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया ,मेने अपना पानी मंजू की चूत मे ही निकाल दिया

मेने जैसे ही लंड बाहर निकाला ,मंजू की चूत से मेरा वीर्य ऑर चूत का पानी निकल कर ज़मीन पे गिरने लगे

मंजू:मज़ा आ गया मोहित,मस्त चोदा है तूने तो

मे:आपको जब भी ज़रूरत हो मुझे बता देना ,आपकी मस्त चुदाई करा करूगा
आंटी आप पलट जाओ ,मुझे आपकी गान्ड देखनी है

मंजू:हँसते हुए,आजकल के लड़को को गान्ड मे पता नही क्या मज़ा आता है,बस गान्ड के पीछे पड़े रहते है
 
मंजू:हँसते हुए,आजकल के लड़को को गान्ड मे पता नही क्या मज़ा आता है,बस गान्ड के पीछे पड़े रहते है

मे:आंटी गान्ड मे ही तो मज़ा है

मंजू:हाँ मज़ा तो है ,इस बात के लिए मे इनकार नही करूगी

मे:तो आपने कभी मरवाई है

मंजू:अब तुझसे क्या छिपाऊ, तू तो जानता है मेरा पति है नही ,मुझे भी अपनी आग शांत करनी पड़ती है

मे:हाँ आगे बताओ

मंजू:दीनू हलवाई को जानता है

मे:हाँ

मंजू:वो मेरे बहुत सालो से पीछे पड़ा था,मेने पहले सोचा था कि बिना कोई ग़लत काम किए बिना जिंदगी निकाल लूँगी पर चूत की आग ने मुझे ये काम करने पे मजबूर किया

वो अक्सर मेरे पीछे पड़ा रहता था ऑर जब आस पास कोई नही होता तो अक्सर बोलता रहता "अपनी जवानी क्यो बर्बाद कर रही हो,एक बार मेरे पास आ जाओ"

उसकी ये बाते मेरी चूत गीला कर देती थी,

तो एक दिन मेने उससे चुदने की सोची,मेने उससे हाँ कर दी ऑर रात को अपने खेत की कुटिया पे बुलाया,जहाँ उसने मुझे रात भर चोदा,बहुत बुरी तरह चोदा,

उसके बाद वो अक्सर मेरी चुदाई करने लगा गया,कुछ दिनो बाद वो मेरी गान्ड के पीछे लग गया मेने बहुत मना किया पर वो मेरी बात कहाँ सुनता था,ऑर उसने ज़बरदस्ती मेरी गान्ड मार दी,बहुत दर्द हुआ था,साले ने अपना लंड ज़बरदस्ती घुसा दिया था,खून भी निकला ,कुछ दिनो तक मे चल नही पाई

मे:सरसो का तेल काम मे लेना चाहिए था

मंजू:साला उसको क्या पड़ी थी ,दर्द तो मुझे होना था

उसके बाद वो थूक लगाकर गान्ड मारने लगा,ऐसे करते करते अब गान्ड मरवाने में मज़ा आता है



मे:तो फिर बदादुर चाचा को क्यो चोदने दिया

मंजू:उस ठरकी से कोई औरत बच नही सकती ,वो हर औरत को पटा लेता है,

मे:मे भी गान्ड मारना चाहता हूँ

मंजू:वो तो तूने मुझे पलटने के लिए बोला था तभी समझ गयी थी ऑर ये कहते हुए मंजू पलट गयी ऑर अपनी गान्ड को फैला दिया,मुझे मंजू की गान्ड का छेद देखकर अंदाज़ा हो गया था कि बहुत मारी गयी है गान्ड

मुझे दीनू हलवाई पे बहुत गुस्सा रहा था ,क्योकि उसने उस औरत की गान्ड खोल दी जिसे मुझे मारना था



पर अब मे क्या कर सकता था ,मेने फिर अपने लंड पे थूक लगाया ऑर मंजू की गान्ड पे रखकर एक झटका दिया,मेरा लंड बिना किसी दिक्कत के घुस गया

मंजू:हाँ ऑर ज़ोर से घुसा

मेने एक ऑर झटका दिया ,अबकी बार आधा लंड अंदर घुस चुका था,

मंजू:हाँ शाबाश बेटा ऐसे ही

अधिकतर औरते तो गान्ड मरवाने के दोरान चिल्लाती है पर मंजू तो मुझे ऑर उकसा रही थी उसकी गान्ड चोदने को

मेने एक आखरी झटका दिया ऑर पूरा लंड अंदर घुस गया ,मेने अब अपनी जोरदार चुदाई शुरू की

मंजू:हाँ बेटा ऐसी ही मार ,ऑर ज़ोर से मार ,बहुत खुजली हो रही है ,ऑर मार



मुझे लगा कि मुझे मनोहर द्वारा दी गोली का ईस्तमाल करना चाहिए ऑर इस रंडी की बच्ची मंजू को अपनी औकात दिखानी चाहिए पर मे भी कितना मूर्ख था मे गोली ही नही लाया
 
मेरे पास जितना दम था उस दम से मंजू की गान्ड मार रहा था,मेरा लंड पूरा अंदर बाहर हो रहा था,लेकिन मंजू को दर्द का कोई अनुभव नही हो रहा था,जिससे मुझे निराशा हो रही थी

फिर भी मेने जबरदस्त चुदाई की ओर गान्ड मे पानी निकल दिया



उस रात मेने मंजू की खूब चुदाई की ,बहुत बार चूत मारी ऑर बहुत बार गान्ड मारी



अगली सुबह उठ कर अपने खेतो मे गया ऑर वहाँ से घर रास्ते मे मुझे कालू मिला

कालू:साले रात को कहा

मे सकपका गया

मे:खेत पर ही था

कालू:मे आया था तू नही था

मे:रात को मन नही लग रहा था इसलिए थोड़ा घूमने गया हुआ था तू उस समय आया होगा

कालू:साले तू रात को यहाँ घूम रहा था वहाँ बदादुर चाचा तेरी मम्मी को चोद रहे थे

मे:क्याआअ

कालू:हाँ

मे:तुझे कैसे पता

कालू:मे गया था घर पे ,पे कहीं मोका मिल जाए तेरी मामी या मम्मी को चोदने का तो घर बंद था मे बाडे से अंदर गया था तो देखा मामी ने तेरे मम्मी के हाथ पकड़ रखे थे ऑर तेरी मम्मी मना कर रही थी पर चाचा रुके नही ऑर उन्होने लंड घुसा दिया,एक बार लंड घुसने के बाद तो हर औरत चुदने को तैयार हो जाती है,उसके बाद तो चाचा ने बुरी तरह तेरी मम्मी को चोदा

यहाँ आने के बाद मे फिर घर गया था,तेरे मामी ऑर मम्मी रात भर चाचा से चुद रही थी

मे:अरे याअर ये क्या हो गया

कालू:तेरी मम्मी नही चुदना चाह रही लेकिन मामी ने ज़बरदस्ती की ,तेरी मामी बहुत कमिनि है,कुछ ही औरते बची थी चाचा से चुदने से,मे भी कुछ नही कर सका,

मेरे लंड मे दर्द होने लगा है रात भर चुदाई देखकर,चाचा को चुदाई का बहुत ज़्यादा अनुभव है वो बुरी तरह चोदते है जिससे औरते उनकी गुलाम बन जाती है,अब कुछ नही हो सकता यार ,तेरी मम्मी चुद गयी चाचा से



मे:अब यार मे क्या कर सकता हूँ ,जब मामी ऑर मम्मी खुद ही चुदना चाहती हों तो

कालू:सही कहा दोस्त,इन औरतो का कोई भरोसा नही होता ,पता नही कब कोन्से लंड पे चढ़ जाए,इसलिए मे भी केवल अपनी देखता हूँ ,

कालू:अब एक काम कर तू मम्मी को ब्लॅकमेल कर ऑर उसे दूसरो से चुदवा कर अपना फ़ायदा कर,जैसे मे करता हूँ

मे:कैसे

कालू:देख बहादुर चाचा बहुत सी औरतो को चोद चुके है ,उनको बोल अगली बार मम्मी को चोदना है तो मुझे एक चूत देनी पड़ेगी नही तो मे सबको बता दूँगा,

कालू:बहादुर चाचा ने तो एक से मस्त एक औरतो को चोदा है,चुन लेना उनमे से ही कोई

,चल एक सिगरेट पीते है ,ऑर कालू सिगरेट जलाते हुए

कालू:साला जिंदगी पे से ही भरोसा उठ गया,जो जवान है उसे चूत मिलनी चाहिए ही पर उसे ना मिलकर बूढ़ो को मिलती है जिनकी कोई ज़रूरत नही

मे:अब क्या कर सकते है

तभी हमने देखा एक बूढ़ा किसी लड़की के साथ है ,हमे ढंग से दिखाई नही दे रहा था पर कालू ने कहा ये साला बहादुर चाचा ही है,चल पीछा करते है

हम चाचा का पीछा करने लगे,चाचा उस लड़की को गाँव से दूर एक खंडहर मे ले गया जहाँ कोई नही जाता

हम ने एक छेद मे से देखा

मे:कॉन है छोटी लड़की

कालू:अरे ये सरपंच की बड़ी बहू की लड़की कावेरी है,बीसी इसको पटा के लाया है
 
कावेरी:चाचा हम यहाँ क्या करने आए है

चाच्चा:कुछ नही बेटी ,बस तुम इंतज़ार करो तुम्हे सब अपने आप पता चल जाएगा

फिर चाचा ने पट्टी निकाली ऑर कावेरी की आँखो मे बाँधने लगे

कावेरी :ये क्यो बाँध रहे हो,

चाचा:जिससे तुम्हे पता नही चले कि खेल मे क्या होने वाला है

ऑर ये कह कर चाचा ने कावेरी की आँखो पे पट्टी बाँध दी

चाचा:बेटी मुँह खोलो

कावेरी ने मुँह खोला तो चाचा ने एक मस्त सी मिठाई कावेरी के मुँह मे डाल दी

कावेरी :हूंम्म्मम,,चाचा बहुत अच्छी है

चाचा:चल एक बार ऑर मुँह खोल

कावेरी ने मुँह खोला

चाचा ने इस बार ताज़ा शहद मुँह मे डाल दिया

कावेरी :हुम्म मज़ा आ गया

चहकज:अब तुम्हे ऐसी चीज़ दूँगा जिसे चूस्ते रहने पे बाद मे मज़ा आएगा

ऑर चाचा ने अपना लंड निकाल कर कावेरी जैसी नवयौवना स्कूल मे पढ़ने वाली के मुँह मे दे दिया

कुछ देर चूसने के बाद

कावेरी:चाचा ,ये तो गरम है ऑर बड़ा भी होता जा रहा है

चाचा बस चुस्ती रहो बेटी,ऑर कुछ देर बाद अपना वीर्य कावेरी के मुँह मे ही निकाल दिया

चाचा:चाट जाओ बेटी ,बहुत फ़ायदा करती है ये चीज़

ऑर कावेरी ये सब चाट गयी



कालू:साला ठरकी कैसे छोटी लड़की को बेवखूफ़ बनाकर उसे अपना रस पिला दिया



चलो बेटी अब मे तुम्हे पेट के बल लिटाता हूँ,तुम आँखो से कपड़ा मत हटाना

ऑर चाचा ने कावेरी को खाट पे पेट के बल लेटा दिया

चाचा:बेटी तुम शरमाओ मत ,मे तुम्हारे कपड़े उतारने वाला हूँ,तुम्हे इलाज़ से थोड़ा दर्द होगा ,तुम चिल्ला सकती हो,

ऑर चाचा ने कावेरी की फ्रोक ऑर चढ़ड़ी नीचे करके पाँव से निकाल दी

हमे कावेरी की छोटी सी गान्ड दिखाई दी

अब चाचा ने छोटी सी गान्ड को फैलाया ऑर गान्ड के छेद पे उंगली रखते हुए बोला "यहाँ है इसका इलाज़"ऑर थूक से भीगी एक उंगली गान्ड के अंदर घुसा देते है

कावेरी:आाआऐययईईईईईईईईईईईई चाचा बहुत दर्द हो रहा है

चाचा:बेटी इलाज़ करवाना है तो थोड़ा दर्द तो सहना पड़ेगा

चाचा :अब मे तुम्हारे उपर लेट रहा हूँ ,जिससे तुम ज़्यादा हिल डुल ना सको,ऑर चाचा कावेरी के उपर लेट गये,चाचा के उपर लेटते ही हमे कावेरी दिखना बंद हो गयी ,चाचा के शरीर ने कावेरी के पूरे शरीर को अपने अंदर ले लिया था

हम थोड़ा पास जाकर देखने लगे,तो हमने पाया कि चाचा ने लंड गान्ड पे लगा रखा है

चाचा:बेटी ,थोड़ा दर्द होगा,सह लेना ऑर एक करारा धक्का लगा दिया

पूरा खंडहर कावेरी की चीख से गूँज उठा

कावेरी:आआआआआआईयईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई ऑर कावेरी बेहोश हो गयी

हमे लगा चाचा रुक जाएगा,लेकिन उन्होने अपना लंड घुसाना जारी रखा ऑर पूरा कावेरी की छोटी सी गान्ड मे घुसा दिया


कालू:बेचारी की गान्ड फाड़ डाली इस बुड्ढे ने



ऑर उसके बाद चाचा अन्धाधुध कावेरी की गान्ड मार रहे थे,आधे घंटे तक गान्ड मार कर जब लंड निकला तो कावेरी की गान्ड से खून निकल पड़ा,चाचा उठे अपना लंड सॉफ किया ऑर अंदर जाकर कुछ सामान ले आए

कालू:साला ये बुड्ढ़ा तो हर चीज़ की तैयारी रखता है

चाचा ने रूई से खून सॉफ किया ऑर गान्ड पे दवाई लगाई ऑर कावेरी को उठाकर अच्छी सी जगह लेटा दिया
जब लड़की उठी तो

चाचा:तुम्हारा इलाज़ हो गया,अब किसी को बताना मत इलाज़ कैसे हुआ,लेकिन अब तुम्हे पेट मे दर्द नही होगा,ऑर कोई बोले कि ऐसे क्यो चल रही हो तो बोल देना पाँव मे मोच आ गयी है कल तक ठीक हो जाएगी



कालू:तो साला ,बीमारी का इलाज़ करने के बहाने लाता है ये लड़कियो को

ऑर फिर दोनो जाने लग जाते है,लड़की को चलने मे थोड़ी दिक्कत हो रही थी

फिर चाचा ऑर कावेरी दोनो चले गये
 
कालू:ये ठरकी बुड्ढ़ा बहुत मज़े ले रहा है

मे:हाँ यार

कालू:चल अब यहाँ से निकलना भी है ,बहुत दूर है गाँव,फिर हम वहाँ से निकल गये

मे:कालू मे घर जा रहा हूँ,तुझसे मिलता हूँ शाम को ,

कालू:ठीक है



मे घर गया,मामी बहुत खुश नज़र आ रही थी पर मम्मी थोड़ी दुखी थी

मे:मम्मी क्या हुआ

मामी:कुछ नही ,कल किसी ने तेरी मम्मी की जमकर चुदाई की है,बेचारी की चूत सूज़ा दी

मे:क्या हुआ मम्मी ,कुछ तो बोलो

मम्मी :भाभी ने ज़बरदस्ती मुझे बहादुर चाचा से चुदवा दिया,ऑर फिर बोल रही है कि इसके बदले मे उन्होने 10000 रुपये दिए,मे क्या करूँ इन रुपयों का जब वो चाचा मेरी इज़्ज़त लूट गया

मामी:हाँ बड़ी आई इज़्ज़त वाली,बेटे से तो रातभर गान्ड मराती रहती है,तब इज़्ज़त का ख़याल नही आता,ऑर जब पैसे के बदले चुद रही है तो इज़्ज़त याद आ गयी


मे:मेने मम्मी को कहा था,अगर उनकी इच्छा हुई तो वो किसी ऑर से चुदवायेगि,लेकिन कोई मेरी मम्मी के साथ ज़बरदस्ती करे मुझे पसंद नही,ऑर ये कह कर मे मम्मी के पास बैठ कर पूचकारने लगा

मे;मम्मी अब भूल भी जाओ ,ये सोचो कि ये एक बुरा सपना था,ऑर मे अलग अलग हरकते करने लगता हूँ

,जिससे मम्मी हँस पड़ती है

मम्मी:हट शैतान,

ऑर फिर हम लोग साथ मे खाना खाते है,ऑर दिन यूही बीत जाता है

मे शाम को खेतो मे जाने वाला होता हूँ कि मम्मी ने आवाज़ लगाई

मम्मी:मे भी चलूगी तेरे साथ मे

मामी:अरे सुधा डर मत,आज कोई नही आएगा तेरी चुदाई करने

मम्मी:नही भाभी आज मेरा बेटे के साथ सोने का मन है

मामी:ठीक है,अगर तुझे अपने बेटे से चुदने का मन है तो जा

फिर हम खेतो की तरफ निकल पड़ते है,मेरी नज़र फिर मम्मी की गान्ड घाघरे के अंदर उपर नीचे होते हुए देख खड़ा हो गया ऑर मैं एक हाथ मम्मी की गान्ड पे रखकर सहलाने लग गया

मम्मी बस मुस्कुरा रही थी

जल्दी ही हम खेतो मे पहुच गये यहाँ पहुच कर मेने मम्मी की चूत की धुअदार चुदाई की ऑर फिर हम आराम करने लग गये

मे:मम्मी मे थोड़ा घूम के आता हूँ

मम्मी:इतनी रात को सावधानी रखना

मेने मुँह पे कपड़ा बाँधा ऑर निकल पड़ा बहादुर चाचा के खेत की ओर

चाचा अपनी कुटिया मे आराम से सो रहा था ,मेने पास पे पड़ा एक लट्ठ उठाया ऑर एक जोरदार तरीके से उनके लंड पे मार दिया,उसके बाद एक के बाद के लात पे लात मारता गया जब तक चाचा अधमरे नही हो गये,ऑर फिर जाके मे रुका ,मेने जाते वक्त एक लात फिर उनके लंड दे मारी

ऑर मे वापस आकर मम्मी की चुदाई करने लगा

मेने रात भर मम्मी की चूत ऑर गान्ड मारी,अब मम्मी को बहुत मज़ा आने लग गया था चुदाई करवाने मे



फिर हम सो गये
 
मम्मी:बेटा अब घर चलते है

मे:ठीक है मम्मी जैसी आप की मर्ज़ी,हम कल सुबह निकल लेते है

मम्मी:हाँ ये ठीक रहेगा

फिर हम दोनो घर की ओर निकल गये ,रास्ते मे कुछ लोग बाग भागते हुए मिले

मे पूछा क्या हुआ

आदमी:कल रात किसी ने बहादुर चाचा की बुरी तरह धुलाई कर दी,ऑर उनका वो भी तोड़ दिया ,अब तो बेचारा पेसाब भी ढंग से नही कर पाएगा

(उसका मतलब लंड से था)

मम्मी मेरी तरफ देखती है

मे उनसे नज़र छिपा रहा था

मम्मी:मोहित मेरी आँखो मे देखो,तुमने ने ही किया है ना,मोहित मेरी आँखो मे देखो(थोड़ा गुस्से मे)

मे:मेने नज़रें नीचे कर ली

मम्मी: प्यार से,बेटा ये क्या कर दिया

मे:मेने आपको भले ही कह रखा हो ,आप किसी से भी चुदवा सकती है पर कोई ज़बरदस्ती करेगा ,मुझे पसंद नही

मम्मी:अब तुझे कॉन समझाए

फिर हम घर पहुच गये

मामी:अरे तुम्हे पता है,किसी ने बहादुर चाचा की बुरी तरफ धुलाई कर दी ऑर बेचारे का लंड भी तोड़ दिया

कही तूने तो नही किया मोहित

मम्मी :अरे नही नही,मोहित तो रात भर मेरी गान्ड मार रहा था

मामी:हा हा तू तो गान्ड ही मरवाएगी,गंदमारी



फिर हम ने बताया कि कल हम घर निकलेगे,मामी ने बहुत रोकने की कॉसिश की पर मेने पढ़ाई का नाम लिया तो मामी मान गयी

उस दिन मेने फिर मामी ऑर मम्मी की दमदार चुदाई की ,दोनो की मस्त चूत ऑर गान्ड मारी फिर हम सो गये
 
ऑर सुबह उठकर मम्मी ऑर मे बस से रेलवे स्टेशन की ओर निकल गये



मुझे बहुत खुशी हो रही थी ,मे जब गाँव आया था तो मम्मी को अपना बनाना चाहता था,लेकिन अब मम्मी पूरी मेरी हो गयी थी

हम जैसे ही घर पहुचे मुझे बहुत खुशी हुई ,अब ये घर नही स्वर्ग लग रहा था,जैसे ही मम्मी घर के अंदर पहुचि ,मेने मम्मी को बाहों मे ले लिया ऑर अपने होठ मम्मी के होंठो पे रखकर मम्मी के होंठो को चूमने लगा,बहुत ही मज़ा आ रहा था,मम्मी भी बड़ी शालीनता से मुझे किस कर रही थी ,मेने अब अपनी जीब मम्मी के मुँह मे डाल दी थी ,मे अपनी जीव मम्मी की जीब से भिड़ा रहा था जैसे हम कोई लड़ाई कर रहे हो,तभी हमारे घर की घंटी बजी

हमने किस तोड़ा ,ऑर गेट खोला तो चाची थी

चाची थोड़ा गुस्से मे थे,चाची अंदर आते ही

चाची:कहाँ गये थे तुम लोग

मे:वो हम गाँव चले गये थे

चाची:बता के तो जाना चाहिए था

मम्मी:वो क्या है ,मेरे हज़्बेंड को एक दम से बाहर जाना पड़ा तो उन्होने बोला तुम लोग भी घूम आओ,इसलिए उन्होने टिकेट बुक करा दी थी

चाची थोड़ा रिलॅक्स होती हुई

चाची:तो क्या किया तुम लोगो ने वहाँ

मे:सब कुछ

चाची:सब कुछ का मतलब

मे:मतलब कि मुझे अब कोई भी काम करने के लिए अब मम्मी से घबराने की ज़रूरत नही ऑर मेने चाची के पास जाकर एक लीप किस किया

चाची:आश्चर्य से,मतलब तुम लोग वो काम भी कर चुके हो

मे:एक हाथ चाची की चुचियो पे रखकर दबाते हुए,हाँ मेरी जान मे अपनी मम्मी को चोद चुका हूँ

चाची को समझ मे नही आ रहा था कि कैसे रिक्ट करे,फिर बोली

चाची :चलो अच्छा है

फिर चाची ने अपना दिमाग़ लगाना शुरू किया ऑर बोली

चाची:मेरा बेटा सलीम भी आया है ,वो कब्से तुम्हरी मम्मी के पीछे पड़ा है,तो आज रात हो जाए

मे:चाची ,इस मामले मे कुछ नही कर सकता ,सब कुछ मेने मम्मी पे छोड़ रखा है ,अगर मम्मी सलीम के साथ सोना चाहती है तो उनकी मर्ज़ी ऑर नही चाहती तो भी उनकी मर्ज़ी,मे कुछ नही कहुगा

चाची:अरे तेरी मम्मी भी कहाँ मना करेगी,वो तो खुद तेरे से पहले सलीम से चुदवाना चाह रही थी ,क्यो सुधा

मेरी मम्मी चाची के सामने कुछ नाही बोल पाई क्योकि मम्मी भी एक दिन सलीम से छुड़ाना चाहती थी

मम्मी:ठीक है

चाची:तो फिर तैयार रहना शाम को 5 बजे, हम फार्महाउस पे निकलेगे

ऑर ये कहकर चाची चली गयी
 
मुझे मम्मी का सलीम से चुदना अच्छा नही लग रहा था,इसलिए मे निराश होकर कमरे मे चला गया,फिर वहाँ मम्मी आई

मम्मी:अरे बेटा,क्यो निराश हो रहे हो,मे सलीम के साथ नही सोना चाहती ,लेकिन मे चाची के सामने मना नही कर पाई,क्योकि मे भी पहले से ही सलीम से चुदना चाहती थी लेकिन अब तुम आ गये हो मुझे किसी सलीम की ज़रूरत नही

मे:तो फिर मना कर देती,अब तो चाची नही मानने वाली



फिर शाम के वक्त चाची घर पे आई

चाची:तैयार हो

मम्मी:मे सलीम के साथ नही करना चाहती

चाची:क्यो

मम्मी:मुझे अपने बेटे के साथ ही अच्छा लगता है,मे अब दूसरो से नही करना चाहती

चाची:जब लंड की ज़रूरत थी चुदने को तैयार थी,अब लंड मिल गया तो पलट गयी,मेने तेरे बेटे को चोदना सिखाया नही तो वो अब भी अपने कमरे पे लंड पकड़ कर हिला रहा होता,ऑर तुम कहती हो कि मुझे किसी ऑर के साथ नही सोना ,तुमने धोका किया है,तुम जैसी मतलबी औरत मेने कभी नही देखी

मम्मी:अरे नही मे ये नही कहना चाहती थी

चाची:तो क्या कहना चाहती थी

मम्मी: (मम्मी ने कभी अपने काम के लिए दूसरो का फ़ायदा नही उठाया ऑर चाची के तानो से मम्मी ने मजबूरी मे कह दिया)चलो छोड़ो सब बातो को मे तैयार हूँ

फिर हम लोग उनकी कार मे निकल पड़े फार्म हाउस की ओर

सलीम ने आज बहुत तेज गाड़ी चलाई ,हम बहुत जल्द फार्महाउस पे पहुच गये,
 
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